📖 *नीतिदर्शन………………..*✍🏿
*पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्।*
*मूढै: पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏿 अमृत संज्ञाधारी जल पंचभूतोंका मुख्य घटक है। *पृथ्वीपर जल, अन्न* एवं *मीठी वाणी*– ये तीन ही रत्न हैं। मूढ़ व्यक्ति ही पत्थरके टुकड़ोंको रत्नके नामसे पुकारते हैं।
💐👏🏿 *सुदिनम्* 👏🏿💐
🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || सौम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| वसन्त ऋतु || फाल्गुन शुक्लपक्ष || तिथि सप्तमी || मन्दवासर || चैत्र सौर ७ प्रविष्ठ || तदनुसार २० मार्च २०२१ ई० || नक्षत्र रोहिणी अपराह्न ४:४१ तक उपरान्त चन्द्र || वृषस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐
🔔 आज का योग : 🔔
🔱 *द्विपुष्कर योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग, रवियोगः, रोहिणी व्रत* 🔱
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🍀 *श्री गणेश तिथि पञ्चाङ्ग* 🍀
☀ *20 – मार्च – 2021* ☀
🔅 तिथि *सप्तमी पूर्ण रात्रि*
🔅 नक्षत्र रोहिणी 16:45:59
🔅 करण गर 18:03:54
🔅 पक्ष *शुक्ल*
🔅 योग प्रीति 11:56:28
🔅 वार *शनिवार*
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 06:23:57
🔅 चन्द्रोदय 10:26:00
🔅 चन्द्र राशि *वृषभ – 30:09:05 तक*
🔅 सूर्यास्त 18:30:16
🔅 चन्द्रास्त 24:42:59
🔅 ऋतु *वसंत*
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1942 शार्वरी
🔅 कलि सम्वत 5122
🔅 दिन काल 12:06:19
🔅 विक्रम सम्वत 2077
🔅 मास अमांत फाल्गुन
🔅 मास पूर्णिमांत *फाल्गुन*
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 *अभिजित 12:02:53 – 12:51:19*
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त :
06:23:57 – 07:12:22
07:12:22 – 08:00:47
🔅 कंटक 12:02:53 – 12:51:19
🔅 यमघण्ट 15:16:34 – 16:05:00
🔅 *राहु काल 09:25:31 – 10:56:19*
🔅 कुलिक 07:12:22 – 08:00:47
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 13:39:44 – 14:28:09
🔅 यमगण्ड 13:57:53 – 15:28:41
🔅 गुलिक काल 06:23:57 – 07:54:44
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पूर्व
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन
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1- 🌸 *ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।* 🌸
2- 🌸 *ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।* 🌸
3- 🌸 *ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।* 🌸
4- 🌸 *कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।* 🌸
5- 🌸 *सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।* 🌸🙏
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*आज का विचार*
✍ अनुपयोगिता से लोहा जंग खा जाता है,
स्थिरता से पानी अपनी शुद्धता खो देता है, इसी प्रकार निष्क्रियता मस्तिष्क की ताकत सोख लेती है।
जीवन में निरंतर सक्रिय रहें। 🌹
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