आज का पंचाग आपका राशि फल, भाद्रपद पूर्णिमा आज, उतर भारत में गणेश विर्सजन की नयी परम्परा शास्त्र सम्मत नहीं, रत के दुश्मनों को विदेश में घुसकर मारने वाले अज्ञात लोगों को शोशल मीडिया पर मिल रहा भारी समर्थन, खिलाफत आन्दोलन अंग्रेजों के विरूद्ध नहीं अपितु तुर्की के खलीफा के पक्ष में किया गया था!

*भूल होना प्रकृति है**मान लेना संस्कृति है*

*और सुधार लेना प्रगति है*

  ‼️ *आपका दिन शुभ हो* ‼️

‌‌   *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​*

श्री हरिहरौ**विजयतेतराम**सुप्रभातम*

*आज का पञ्चाङ्ग*
*_शुक्रवार, २९ सितम्बर २०२३_*
*═══════⊰⧱⊱═══════*

सूर्योदय: 🌄 ०६:२२
सूर्यास्त: 🌅 ०६:१४
चन्द्रोदय: 🌝 १८:१२
चन्द्रास्त: 🌜❌❌❌
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शरद
शक सम्वत:👉१९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)
मास 👉 भाद्रपद
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पूर्णिमा (१५:२६
से प्रतिपदा)
नक्षत्र 👉 उत्तराभाद्रपद
(२३:१८ से रेवती)
योग 👉वृद्धि (२०:०३ से ध्रुव)
प्रथम करण👉बव(१५:२६ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव
(०१:५१ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 मीन
मंगल🌟कन्या(अस्त,पश्चिम,मार्गी
बुध🌟सिंह(उदित,पश्चिम,वक्री)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)
शुक्र🌟कर्क(उदित,पश्चिम,मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४३ से १२:३१
अमृत काल 👉 १९:०० से २०:२६
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 २३:१८ से ०६:०९
अमृतसिद्धि योग 👉 २३:१८ से ०६:०९
विजय मुहूर्त 👉 १४:०६ से १४:५४
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:०५ से १८:३०
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:०५ से १९:१८
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४३ से ००:३१
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:३२ से ०५:२१
राहुकाल 👉 १०:३७ से १२:०७
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:०६ से १६:३६
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पाताल (१५:२६ से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 श्मशान में (१५:२६ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पश्चिम (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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स्नान-दान हेतु भाद्रपद पूर्णिमा, सन्यासीयो का चातुर्मास समाप्त, महालय श्राद्ध पक्ष प्रारम्भ, पूर्णिमा एवं प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २३:१८ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के द्वितीय तृतीय, एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (थ, झ, ञ) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (दे) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – ०५:१९ से ०७:३७
तुला – ०७:३७ से ०९:५८
वृश्चिक – ०९:५८ से १२:१७
धनु – १२:१७ से १४:२१
मकर – १४:२१ से १६:०२
कुम्भ – १६:०२ से १७:२८
मीन – १७:२८ से १८:५१
मेष – १८:५१ से २०:२५
वृषभ – २०:२५ से २२:२०
मिथुन – २२:२० से ००:३५
कर्क – ००:३५ से ०२:५७
सिंह – ०२:५७ से ०५:१५
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०६:०९ से ०७:३७
शुभ मुहूर्त – ०७:३७ से ०९:५८
मृत्यु पञ्चक – ०९:५८ से १२:१७
अग्नि पञ्चक – १२:१७ से १४:२१
शुभ मुहूर्त – १४:२१ से १५:२६
रज पञ्चक – १५:२६ से १६:०२
शुभ मुहूर्त – १६:०२ से १७:२८
चोर पञ्चक – १७:२८ से १८:५१
रज पञ्चक – १८:५१ से २०:२५
शुभ मुहूर्त – २०:२५ से २२:२०
चोर पञ्चक – २२:२० से २३:१८
शुभ मुहूर्त – २३:१८ से ००:३५
रोग पञ्चक – ००:३५ से ०२:५७
शुभ मुहूर्त – ०२:५७ से ०५:१५
मृत्यु पञ्चक – ०५:१५ से ०६:०९
आज से अपने पितृ देवताओं से शुभ कार्य संपन्न करने की प्रार्थना अवश्य करें निश्चित रूप से आपके रूके हुए शुभ कार्य संपन्न होंगे 💐✍️🌹

आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज भी दिनचार्य संघर्ष वाली रहेगी। दिन के आरम्भ से ही मन किस अरिष्ट की आशंका से व्याकुल रहेगा हानि की सम्भवना के कारण बड़ा कार्य करने से डरेंगे लेकिन दैनिक कार्य थोड़े विलम्ब से पूर्ण हो जाएंगे। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर टूट-फुट अथवा अन्य कारणों से हानि होने का भय है। आर्थिक मामले अधूरे रहने के कारण धन संबंधित समस्या भी रहेगी खर्च चलाना भी आज भारी पड़ेगा। किसी से लिये उधार अतिशीघ्र वापस करने का प्रयास करें। परिजन आपकी मनोदशा को जानते हुए भी अनदेखा करेंगे मित्र परिचित केवल औपचारिक व्यवहार रखेंगे। दिन भर मानसिक बोझ बना रहेगा। संध्या बाद से थोड़ी राहत मिलने लगेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन वैसे तो आपके लिये कुछ ना कुछ लाभ ही देगा लेकिन आज आपके द्वारा कोई ऐसा काम हो सकता है जिसका पछतावा लंबे समय तक रहेगा। दिन के पहले भाग से लेकर दोपहर बाद तक भागदौड़ व्यर्थ लगेगी फिर भी व्यवहार पूर्ति के लिये करनी पड़ेगी इसके बाद का समय आकस्मिक लाभ दिलाएगा लेकिन ध्यान रहे यहाँ लापरवाही करने पर लाभ हानि में भी बदल सकता है। धन लाभ मेहनत की।तुलना में कम फिर भी संतोषजनक हो ही जायेगा। कार्य क्षेत्र पर विस्तार करने के अवसर मिलेंगे धन निवेश से ना डरें भविष्य में दुगुना होकर मिलेगा। घर मे संध्या तक स्थिति सामान्य रहेगी इसके बाद कोई हानिकर समाचार मिल सकता है। सेहत में भी गिरावट दर्ज होगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी आपके लिये अनुकूल बना हुआ है जिस भी कार्य मे हाथ डालेंगे उसमे अन्य लोगो की तुलना में शीघ्र सफलता मिल सकती है। लेकिन व्यवहारिकता की कमी अथवा स्वार्थी वृति कुछ अभाव भी बनाएगी। कार्य क्षेत्र पर धन को लेकर आज किसी भी प्रकार का समझौता नही करेंगे लेकिन अपना काम बनाने के लिये आवश्यकता से अधिक धन लुटाएंगे। पुराने कार्य मे विलम्ब होने पर कहासुनी होगी लेकिन धन की आमद हो जाने के बाद इनको भूल जाएंगे। सहकर्मी अथवा परिजन आपसे कोई अनैतिक मांग करेंगे जिस पूर्ण करने में खासी परेशानी आएगी। घर का वातावरण छोटी मोटी उलझनों को छोड़ ठीक ही रहेगा। स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन धैर्य से बिताने में ही भलाई है। मेहनत करने पर तुरंत लाभ की आशा ना रखें आज किया परिश्रम का फल संध्या बाद से दिखने लगेगा लेकिन प्राप्ति में अड़चनें आएंगी आज की तुलना में कल दिन ज्यादा बेहतर रहेगा। आज केवल आश्वासनो से ही काम चलाना पड़ेगा। मध्यान तक का समय कार्य व्यवसाय के लिये उतार चढ़ाव वाला रहेगा इसके बाद परिस्थिति से समझौता कर लेंगे स्वभाव में संतोष बनेगा। धन अथवा अन्य किसी भी प्रकार के वादे ना करें पूरे नही कर पाएंगे उलटे आलोचना ही होगी। घर का कोई सदस्य जिद पर अड़ेगा जिससे कुछ समय के लिये शांति भंग होगी। महिलाए अपने कार्य छोड़ अन्य के कार्य मे मीन मेख निकालेंगी यह झगड़े का कारण बनेगा। बदन दर्द स्नायु तंत्र में दुर्बलता रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन मन कार्य में आ रही बाधा के कारण अशान्त रहेगा। शारीरिक सामर्थ्य भी आज कम ही रहेगा फिर भी जबरदस्ती करेंगे। व्यवसायी वर्ग अधूरे कार्य पर ज्यादा ध्यान दें आज धन पाने का यही एक साधन है। मध्यान तक स्थिति अनियंत्रित रहेगी चाह कर भी मन के अनुसार काम नही कर पाएंगे लेकिन दोपहर बाद थोड़ा बदलाव आने लगेगा किसी की सहायता मिलने पर जटिल कार्य आसानी से पूर्ण कर लेंगे। पूर्व में किये गलत आचरण का आज भुगतान भी करना पड़ेगा। स्वभाव में चिड़चिड़ा पन रहेगा अकारण ही परिजन अथवा सहकर्मियों पर क्रोध करेंगे आस-पड़ोसी आपके प्रति सांत्वना रखेंगे लेकिन आपका व्यवहार विपरीत ही रहेगा। लोभ से दूर रहें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज भी दिन आपके पक्ष में रहेगा लेकिन आज आपके अंदर समझ की कमी भी रहेगी सही की जगह गलत बातो का समर्थन करना घर अथवा बाहर वैचारिक मतभेद बनाएगा। कार्य व्यवसाय एवं दैनिक कार्यो में आज परिश्रम अधिक करना पड़ेगा परन्तु इसका परिणाम सकारत्मक ही रहेगा। आज आपको सहयोग भी बिन मांगे मिल जायेगा अपने कार्य समय से पूर्ण कर लेंगे लेकिन अन्य लोगो की सहायता करने में टालमटोल करेंगे घरेलू कार्य की अनदेखी करने पर ताने सुनने को मिलेंगे। धन की आमाद निश्चित होगी सामाजिक व्यवहार इसके कम या अधिक होने में महत्त्वपूर्ण रहेगा। सेहत आज ठीक ही रहेगी फिर भी खाना समय पर खाये।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन मिश्रित फल प्रदान करेगा। कभी लाभ होता नजर आएगा अगले पल निराश होने पड़ेगा। घर एवं कार्य क्षेत्र पर मनमाना व्यवहार करेंगे इससे आप तो निश्चिन्त रहेंगे लेकिन संपर्क में रहने वालों को परेशानी आएगी। कार्य करते समय भी मन मौज शौक की ओर आकर्षित होगा। आज आप प्रलोभन में अनैतिक कार्य करने से भी परहेज नही करेंगे इससे धन लाभ शीघ्र तो होगा साथ मे नई समस्या भी बढ़ेगी जिसके परिणाम निकट भविष्य में भुगतने पड़ेंगे। व्यवसायी वर्ग नए कार्य मे निवेश कर सकते है इसके निकट भविष्य में संतोषजनक परिणाम मिलेंगे। घर के सदस्य अपने कामो में मस्त रहेंगे। कफ अथवा अन्य ठंड संबंधित समस्या हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप पिछली गलतियों से सीख लेंगे। व्यवहार में सुधार करेंगे मीठा बोलकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर लेंगे। घर के सदस्य बजट से अधिक मांग कर दिनचार्य को जटिल बनाएंगे आज दिन भर धन संबंधित मामले दिमाग मे चलते रहेंगे फिर भी आज धन की तुलना में बौद्धिक क्षमता की उन्नति अधिक होगीं। मध्यान के आस पास सगे संबंधियों से किसी बात को लेकर टकराव होने की संभावना है आज स्वभाव की नरमी बात बढ़ेंगे नही देगी लेकिन मानसिक बेचैनी जरूर रहेगी। कार्य व्यवसाय में उन्नति होगी पर धन लाभ के लिये इंतजार करना पड़ेगा। बाहर घूमे के प्रसंग बनेंगे परन्तु अंत समय मे टल भी सकते है। मानसिक अंतर्द्वन्द को छोड़ सेहत ठीक रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज भी बचते बचते कलह होने की संभावना है आज स्वभाव में नरमी रखना अत्यंत आवश्यक है। आप जल्दी से किसी विवाद में नही पड़ेंगे लेकिन वातावरण ही ऐसा बनेगा ना चाहकर भी क्रोध आयेगा। आर्थिक कारणों से घर एवं कार्य क्षेत्र पर खींच तान होगी। भाई बंधुओ से किसी पुराने विवाद को लेकर तीखी झड़प होने की संभावना है बेतुकी बयानबाजी से बचें अन्यथा स्थिति अनियंत्रित हो सकती है। नई सरकारी उलझने भी बनने के आसार है अनैतिक गतिविधियोंसे स्वयं को दूर रखें। महिला वर्ग भी आज आवश्यकता पड़ने पर ही अपना विचार रखें अन्यथा मान हानि हो सकती हैं। आज धन लाभ की आशा कम ही रखें बस खर्च ही निकाल पाएंगे। सेहत में सुधार आएगा पर अपनी ही गलती से समस्या दोबारा हो सकती है। अति आवश्यक कार्यो के लिये संध्या का इंतजार करें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपको कोई नई खुशी देकर जाएगा। धन लाभ उम्मीद ना होने पर भी अकस्मात होगा। कार्यो के प्रति गंभीर रहेंगे दिन भर की मेहनत का आंकलन संध्या के समय संतोषजनक रहेगा। आज आपके मन को भटकाने वाले प्रसंग भी बनेंगे सही दिशा में जा रहा कार्य किसी के गलत मार्गदर्शन से गलत होगा जिसे सुधारने में समय खराब करेंगे। महिलाए किसी कार्य पूर्ति को लेकर आशंकित रहेंगी धर्य ना खोये देर से ही सही सफलता अवश्य मिलेगी। धन संबंधित कार्य अन्य दिनों की तुलना में शीघ्र बनेंगे। आर्थिक रूप से सक्षम रहेंगे फिर भी कंजूस प्रवृति घर मे अथवा सहकर्मियों का आगे नीचा दिखाएगी। परिवार के बुजुर्ग अनदेखी होने पर व्यथित होंगे। सेहत सामान्य ही रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन सुख शांति में वृद्धि होगी लेकिन शरीर मे कोई नया विकार भी बनेगा। आज आप की कार्य गति थोड़ी धीमी रहेगी कोई भी कार्य एकदम सर पर आने पर ही करेंगे फिर भी अन्य लोगो की तुलना में जल्दी और अधिक सफाई रहेगी। मध्यान के बाद स्वभाव में तेजी आएगी कार्य-व्यवसाय से लाभ आशाजनक रहेगा फिर भी सन्तोष नही होगा अधिक पाने की लालसा परेशानी में डालेंगी धर्य से काम लें। नौकरी वाले लोग महत्त्वपूर्ण कार्य सम्पन्न होने पर प्रसन्न रहेंगे अधिकारी वर्ग से काम निकालने के लिये आज दिन उपयुक्त है। व्यवसायी वर्ग धन का निवेश करने से बचे आने वाले समय मे व्यवधान आएंगे। सेहत भी संध्या बाद प्रतिकूल होने लगेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन थोड़ा उठापटक वाला रहेगा। आज एक समय मे मन दो कार्यो में भटकने के कारण मनचाही सफलता नही मिल पाएगी। विपरीत लिंगीय आकर्षण भी अधिक रहेगा जिसके चलते किसी की अनुचित मांग पूरा करने में संकोच नही करेंगे लेकिन याद रहे बाद में यह आत्मग्लानि का कारण भी बनेगा। मध्यान बाद कार्य व्यवसाय से लाभ की आशा जागेगी परन्तु मेहनत इसकी तुलना में कम रहने के कारण बाद में ले देकर काम निकालना पड़ेगा। व्यर्थ समय खराब करते वक्त ध्यान रहे आज कीगई मेहनत आने वाले दिनों में जीवन की दिशा बदल सकती है। पारिवारिक जन को गुमराह करने का प्रयास करेंगे यह बाद में कलह का कारण बनेगा। सेहत में छोटे मोटे विकार लगे रहेंगे।
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भारत के दुश्मनों को विदेश में घुसकर मारने वाले अज्ञात लोगों को शोशल मीडिया पर  भारी समर्थन मिल रहा है एक वायरल पोस्ट यहां दी जा रही है….. ✍️संपादक 

लव यू डीयर 🩷अज्ञात व्यक्ति ! 😋*

पिछले 6 महीने में मारे गए 9-10 मोस्टवांटेड खालिस्तानी आतंकवादियों के नाम :- 👇👇

हरविंदर रिंडा – पाकिस्तान में मारा गया।

हैप्पी संघेड़ा – इटली में मारा गया।

बशीर अहमद – पाकिस्तान में मारा गया।

परमजीत पंजवार – पाकिस्तान में मारा गया।

खालिद रजा – पाकिस्तान में मारा गया।

अवतार खांडा – इंग्लैंड में मारा गया।

एजाज अहमद – अफगानिस्तान में मारा गया।

सैयद नूर – अफगानिस्तान में मारा गया।

हरदीप निज्जर – कनाडा में मारा गया।

और 

अभी रिसेन्टली एक और,

सुखदूल सिंह – विनिपेग, कनाडा में।

ये 2017 में फर्जी कागजात बनाकर भाग गया था कनाडा।

 पाकिस्तान के कराची में अज्ञात बंदूकधारियों ने जिया उर रहमान नाम के शीर्ष हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी की गोली मारकर हत्या कर दी.😂

😁 जिसने भी हाफिज सईद के लडके गायब किया है ये समझो ISI और पाकिस्तान आर्मी की आंखों से सुरमा चूरा ले गया। और अब तो समाचार ये है कि लश्कर प्रमुख आतंकी हाफिज सईद के बेटे इब्राहिम की अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर हत्या भी कर दी गई 

ये सभी शुभ कार्य, *सुना जाता है कि अज्ञात लोग कर रहे हैं !*

ऐसा प्रतीत होता है कि, मोसाद से भी ऊपर RAW का ही नंबर आने वाला है; रैंकिंग में। 

एक वह भारत था जब रेलवे प्लेटफार्म पर बम से सचेत रहने के लिए  “अनजान वस्तु ना छुयें बम हो सकता है” टीवी अखबार में भी ऐसा कह कर भारत के लोगों को डराया जाता था। एक आज का भारत है जो किसी प्लेटफार्म पर बम लगाने वाला मस्तिष्क यदि विश्व के किसी कौने में बैठा है, तो उसको वहीं खत्म कर दिया जाता है‌ ! 🙄

निश्चय ही,

*श्रेष्ठ नेतृत्व का ये अंतर तो होता है…! 🤔*

*मारने वाली अज्ञात, अनजानी और अदृश्य शक्ति को सादर नमन ! 🫡*

*यदि सरकार नहीं होती तो, सोचो देश में आज तक कितना आतंक होता। 😳*

🤔*🙏एक बार फिर,*#आई 🩷 लव यू डीयर अज्ञात व्यक्ति !* 💯🙏💐👏 (साभार) 

भाद्रपद पूर्णिमा आज
****************** रखें उमा-महेश्वर व्रत, मिलेगा प्रेम संबंधों में लाभ
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हिंदू धर्म में भाद्रपद पूर्णिमा, जिसे पूर्णिमा या पूरे चन्द्रमा के दिन के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर में भाद्रपद महीने की पूर्णिमा के दिन लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। शास्त्रों में, यह दिन बेहद ही शुभ माना जाता है और इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति और उत्साह के साथ प्रार्थना की जाती है। इसलिए इस दिन उपवास करने और कुछ अनुष्ठान करने से भक्तों को समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उत्थान मिल सकता है।

भाद्रपद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
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इस बार भाद्रपद पूर्णिमा 2023 में 29 सितंबर 2023 को होगी। पूर्णिमा तिथि 28 सितंबर, 2023 को शाम 06:49 बजे शुरू होगी और यह 29 सितंबर, 2023 को दोपहर 03:26 बजे समाप्त होगी।

उमा-महेश्वर व्रत की पौराणिक कथा
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एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार महर्षि दुर्वासा भगवान शंकर के दर्शन करके वापस आ रहे थे। तभी रास्ते में उनकी भेंट भगवान विष्णु से हो गई थी। इसके बाद महर्षि ने भगवान शंकर द्वारा दी गई विल्व पत्र की माला भगवान विष्णु को अर्पित कर दी। लेकिन भगवान विष्णु ने वह माला स्वयं न पहनकर अपने वाहन गरुड़ के गले में डाल दी। यह सब देखकर महर्षि दुर्वासा बड़े ही क्रोधित हुए और उन्होंने भगवान विष्णु से कहा कि ‘तुमने भगवान शंकर का अनादर किया है। इसके कारण तुम्हारी लक्ष्मी चली जाएगी और क्षीर सागर से भी तुम्हें हाथ धोना पड़ेगा। तुम्हारा शेषनाग भी तुम्हारी सहायता नहीं कर सकेगा।’ ये सुनने के बाद भगवान विष्णु ने महर्षि दुर्वासा को प्रणाम करके इस श्राप से मुक्त होने का उपाय पूछा।

महर्षि दुर्वासा ने भगवान को बताया कि उमा-महेश्वर का व्रत करो, इसी के बाद तुम्हें ये सभी वस्तुएँ वापस मिलेंगी। इसके बाद भगवान विष्णु ने विधि-विधान से यह व्रत किया और इसके प्रभाव से माता लक्ष्मी समेत समस्त शक्तियाँ भगवान विष्णु को पुनः प्राप्त हो गईं।

इसके अलावा, उमा-महेश्वर व्रत रखने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत जातक को संतुलन और शांति बनाए रखने में मदद करता है। इस व्रत को रखने से शरीर और मन की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इससे शक्ति बढ़ती है और शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। साथ ही उमा-महेश्वर व्रत रखने से प्रेम और सम्मान में सुधार होता है। यह व्रत अपने साथी के प्रति अनुकूलता, प्रेम और सम्मान के प्रति संवेदनशीलता विकसित करता हैं।

पूर्णिमा तिथि पर उमा-महेश्वर व्रत रखने के लाभ
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भाद्रपद पूर्णिमा 2023 के दिन उमा-महेश्वर व्रत रखने से जातक को कई लाभ प्राप्त होते हैं। इस व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है, जो सुख, समृद्धि, शक्ति, स्वास्थ्य, धन, संतुलन और समानता जैसे गुणों के प्रतीक माने जाते हैं। भाद्रपद पूर्णिमा पर उमा-महेश्वर व्रत रखने से ये लाभ मिलते हैं:

उमा-महेश्वर व्रत रखने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
यह व्रत मानसिक संतुलन के लिए उपयोगी माना जाता है।
उमा-महेश्वर व्रत रखने से जातक के जीवन में संतुलन और शांति बनी रहती है।
यह व्रत रखने से दीर्घायु प्राप्त होती है।
यह व्रत रखने से जातक का स्वास्थ्य अच्छा होता है और शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
उमा-महेश्वर व्रत रखने से व्यक्ति का दिमाग संतुलित बना रहता है।
इस व्रत को रखने से धन की प्राप्ति होती है।
यह व्रत परिवार के सदस्यों के बीच शांति और एकजुटता को बढ़ाता है।
उमा-महेश्वर व्रत रखने से संतान का कल्याण होता है और उन्हें शिक्षा क्षेत्र में लाभ मिलता हैं।
इस व्रत को रखने से जातक को सफलता मिलती है और जीवन में सभी लक्ष्यों की प्राप्ति होती है।
उमा-महेश्वर व्रत रखने से दोषों से मुक्ति मिल सकती हैं।
यह व्रत रखने से मंगल संचार सुधरता है और जातक को अधिक लाभ मिलता है।
इस व्रत को रखने से पुरुषों को जीवन में सफलता हासिल करने की क्षमता मिलती है।
उमा-महेश्वर व्रत करने से जातक के प्रेम संबंध में सुधार होता है और वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है।

भाद्रपद पूर्णिमा पर किए जाने वाले हवन
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हवन या यज्ञ एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो लोग परमात्मा का आशीर्वाद लेने और पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए करते हैं।

सत्यनारायण हवन भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेने के लिए किया जाता है। भाद्रपद पूर्णिमा पर इस हवन को करने से आध्यात्मिक उत्थान, समृद्धि और सफलता मिल सकती हैं।

रुद्र हवन भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए किया जाता है। माना जाता है कि यह हवन जातक के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है और व्यक्ति की बाधाओं, चुनौतियों को दूर रहने में मदद कर सकता है।

गायत्री हवन देवी गायत्री का आशीर्वाद लेने के लिए किया जाता है, जो ज्ञान का अवतार मानी जाती है। यह हवन जातक की बुद्धि को बढ़ाता है और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है।

नवग्रह हवन नौ ग्रहों की कृपा पाने के लिए किया जाता है। इस हवन को करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
सरस्वती हवन ज्ञान, बुद्धि और कला की अवतार देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह हवन जातक की रचनात्मकता को बढ़ाता है और यह जातक की शैक्षणिक औऱ व्यावसायिक सफलता में मदद कर सकता है।

भाद्रपद पूर्णिमा तिथि का नक्षत्रों से संबंध
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कहा जाता है कि प्रत्येक महीने की पूर्णिमा तिथि के आधार पर ही चंद्र वर्ष के महीनों के नामों को रखा जाता हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य और चंद्रमा के आधार पर ही महीनों के नाम रखे जाते हैं, जिन्हें सौर मास और चंद्र मास के नाम से पहचाना जाता है। कुछ व्रत व त्यौहार सौर मास के आधार पर मनाए जाते है, तो कुछ चंद्र मास के आधार पर धूम-धाम से मनाएं जाते हैं।

यही कारण है कि जब पूर्णिमा तिथि की बात आती हैं, तो उसे चंद्र वर्ष से जोड़ा जाता है। चंद्रमा के साथ नक्षत्रों का संबंध होता है। माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस भी नक्षत्र में होता है उसी नक्षत्र के नाम अनुसार उस माह का नाम रखा जाता है। यही कारण है कि बारह महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं। इसी के साथ भाद्रपद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा उत्तराभाद्रपद या पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर कर रहा होता है।

जिन जातकों का जन्म उत्तराभाद्रपद या पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में होता है, उन लोगों के लिए इस पूर्णिमा का दिन विशेष माना जाता है। साथ ही इन लोगों को पूर्णिमा के दिन अपने नक्षत्र की पूजा करनी चाहिए। इस दिन भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान गणेश तथा अहिर्बुधन्य की पूजा करना जातक के लिए विशेष फलदायी माना जाता चाहिए। साथ ही दूध, दही, घी, शहद, फूल और मिठाई इत्यादि को भगवान की पूजा में जरूर शामिल करना चाहिए। इस तिथि पर पूजा के अलावा नवग्रहों से संबंधित वस्तुओं का दान करना जातक के लिए लाभदायक होता है। आप गुड़, काले तिल, चावल, चीनी, नमक, जौं तथा कंबल इत्यादि को दान में दे सकते हैं

उत्तराखंड में उत्तराखंड के लोग अब गणपती विसर्जन भी करने लगे! कहां जा रही हमारी अपनी संस्कृति. अपुण संस्कृति अपुण पछ्यांण !
*गणेश जी को कभी भी विदा नहीं करना चाहिए*
क्योंकि विघ्न हरता ही अगर विदा हो गए तुम्हारे विघ्न कौन हरेगा।
क्या कभी सोचा है गणेश प्रतिमा का विसर्जन क्यों?
अधिकतर लोग एक दूसरे की देखा देखी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, और 3 या 5 या 7 या 11 दिन की पूजा के उपरांत उनका विसर्जन भी करेंगे।
आप सब से निवेदन है कि आप गणपति की स्थापना करें, पर विसर्जन नही ।
*विसर्जन केवल महाराष्ट्र में ही होता है* क्योंकि गणपति वहाँ एक मेहमान बनकर गये थे, वहाँ लाल बाग के राजा कार्तिकेय ने अपने भाई गणेश जी को अपने यहाँ बुलाया और कुछ दिन वहाँ रहने का आग्रह किया था जितने दिन गणेश जी वहां रहे उतने दिन माता लक्ष्मी और उनकी पत्नी रिद्धि व सिद्धि वहीँ रही इनके रहने से लाल बाग धन धान्य से परिपूर्ण हो गया, तो कार्तिकेय जी ने उतने दिन का गणेश जी को लालबाग का राजा मानकर सम्मान दिया यही पूजन गणपति उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।
अब रही बात देश की अन्य स्थानों की तो गणेश जी हमारे घर के मालिक हैं और घर के मालिक को कभी विदा नही करते । वहीं अगर हम गणपति जी का विसर्जन करते हैं तो उनके साथ लक्ष्मी जी व रिद्धि सिद्धि भी चली जायेगी तो जीवन में बचा ही क्या।
हम बड़े शौक से कहते हैं *गणपति बाप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ* इसका मतलब हमने एक वर्ष के लिए गणेश जी लक्ष्मी जी आदि को जबरदस्ती पानी में बहा दिया, तो आप खुद सोचो कि आप किस प्रकार से नवरात्रि पूजा करोगे, किस प्रकार दीपावली पूजन करोगे और क्या किसी भी शुभ कार्य को करने का अधिकार रखते हो जब आपने उन्हें एक वर्ष के लिए भेज दिया।
इसलिए गणेश जी की स्थापना करें पर विसर्जन कभी न करें।
*निवेदन* – श्री गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की पारंपरिक मूर्ति ख़रीदे , जिसमे गणेश जी के मूल स्वरुप की प्रतिकृति हो, ऋद्धि-सिद्धि विद्यमान हो ।
बाहुबली गणेश , सेल्फ़ी लेते हुए स्कूटर चलाते हुए ऑटो चलाते हुए बॉडी बिल्डर बाहुबली सिक्स पैक या अन्य किसी प्रकार के अभद्र स्वरुप में गणेश जी को बिठाने का कोई औचित्य नहीं है सनातन धर्म की हँसी उड़ाई जा रही है..
*अपने धर्म का मज़ाक न उड़ायें*
सभी से निवेदन है समझदारी का परिचय देवे , और सही गणेश जी की प्रतिमा का स्थापना करें । *ओम एकदंताय नमो नमः*🙏🙏🙏

अभी 23 सितंबर को सऊदी अरब का राष्ट्रीय दिवस यानी नेशनल डे गया

 सऊदी अरब धूमधाम से 23 सितंबर को अपना नेशनल डे मानता है पूरे देश में जश्न होता है हथियारों की नुमाइश की जाती है सरकार की तरफ से जगह-जगह लोगों को उपहार दिए जाते हैं दो दिन की राजकीय छुट्टी पूरे देश में होती है

 मैं फेसबुक और ट्विटर पर देख रहा था सऊदी अरब में रहने वाले तमाम पाकिस्तान भी सऊदी अरब के नेशनल डे पर जश्न मना रहे हैं 

अबे पाकिस्तानियों कभी यह सोचा है कि सऊदी अरब नेशनल डे क्यों मनाता है ??

और सऊदी अरब पहले किसका गुलाम था ??

तुम कभी तुर्की को अपना बाप बना लेते हो तो कभी सऊदी अरब को अपना बाप बना लेते हो

1932 तक सऊदी अरब नाम का कोई भी देश इस दुनिया में था ही नहीं ना बहरीन थाना कुवैत था न जॉर्डन था ना सीरिया था बल्कि यह सभी देश तुर्की के गुलाम थे तुर्की का खलीफा बहुत बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया था

फिर तुर्की के खलीफा को उसके सलाहकारों ने सलाह दिया कि हमने बहुत बड़ी हिस्से पर तो कब्जा कर लिया है हमारे कब्जे में ऑस्ट्रिया है स्पेन है आधा इटली है आधा फ्रांस है पूरा मिडल ईस्ट है लेकिन जब तक हम हिंदुस्तान पर कब्जा नहीं करेंगे तब तक गजवा ए हिंद का हमारे पैगंबर का सपना पूरा नहीं होगा

 फिर तुर्की के खलीफा को गजवा ए हिंद करने की चुल मची

 अंग्रेज तुर्की के खलीफा के प्लान को समझ गए लेकिन सबसे आश्चर्य की उसे वक्त भारत के यानी अभिभाजित भारत के मुसलमान भी चाहते थे कि भारत तुर्की का गुलाम बन जाए इसीलिए जब अंग्रेजों और तुर्की के खलीफा के बीच लड़ाई हुई तब भारत के मुसलमान ने तुर्की के खलीफा का साथ दिया और भारत में खिलाफत आंदोलन चलाया 

और आश्चर्य यह की महात्मा गांधी भी खिलाफत आंदोलन का समर्थन करने लगेअभी 23 सितंबर को सऊदी अरब का राष्ट्रीय दिवस यानी नेशनल डे गया

 सऊदी अरब धूमधाम से 23 सितंबर को अपना नेशनल डे मानता है पूरे देश में जश्न होता है हथियारों की नुमाइश की जाती है सरकार की तरफ से जगह-जगह लोगों को उपहार दिए जाते हैं दो दिन की राजकीय छुट्टी पूरे देश में होती है

 मैं फेसबुक और ट्विटर पर देख रहा था सऊदी अरब में रहने वाले तमाम पाकिस्तान भी सऊदी अरब के नेशनल डे पर जश्न मना रहे हैं 

अबे पाकिस्तानियों कभी यह सोचा है कि सऊदी अरब नेशनल डे क्यों मनाता है ??

और सऊदी अरब पहले किसका गुलाम था ??

तुम कभी तुर्की को अपना बाप बना लेते हो तो कभी सऊदी अरब को अपना बाप बना लेते हो

1932 तक सऊदी अरब नाम का कोई भी देश इस दुनिया में था ही नहीं ना बहरीन थाना कुवैत था न जॉर्डन था ना सीरिया था बल्कि यह सभी देश तुर्की के गुलाम थे तुर्की का खलीफा बहुत बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया था

फिर तुर्की के खलीफा को उसके सलाहकारों ने सलाह दिया कि हमने बहुत बड़ी हिस्से पर तो कब्जा कर लिया है हमारे कब्जे में ऑस्ट्रिया है स्पेन है आधा इटली है आधा फ्रांस है पूरा मिडल ईस्ट है लेकिन जब तक हम हिंदुस्तान पर कब्जा नहीं करेंगे तब तक गजवा ए हिंद का हमारे पैगंबर का सपना पूरा नहीं होगा

 फिर तुर्की के खलीफा को गजवा ए हिंद करने की चुल मची

 अंग्रेज तुर्की के खलीफा के प्लान को समझ गए लेकिन सबसे आश्चर्य की उसे वक्त भारत के यानी अभिभाजित भारत के मुसलमान भी चाहते थे कि भारत तुर्की का गुलाम बन जाए इसीलिए जब अंग्रेजों और तुर्की के खलीफा के बीच लड़ाई हुई तब भारत के मुसलमान ने तुर्की के खलीफा का साथ दिया और भारत में खिलाफत आंदोलन चलाया 

और आश्चर्य यह की महात्मा गांधी भी खिलाफत आंदोलन का समर्थन करने लगे

मुस्लिम और वामपंथी इतिहासकार यह आधा झूठ बताते हैं की खिलाफत आंदोलन अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन था 

पूरा सच यह है की खिलाफत आंदोलन अंग्रेजों के खिलाफ तो जरूर था लेकिन यह तुर्की के खलीफा को मजबूती देने के लिए था

 जब पूरी दुनिया के मुसलमान तुर्की के खलीफा के लिए आंसू बहा रहे थे और ब्रिटिश और तुर्की के खलीफा यानी ऑटोमन साम्राज्य की लड़ाई में खलीफा का साथ दे रहे थे यहां तक कि तुर्की के खलीफा यानी ऑटोमन साम्राज्य के पक्ष में गांधी जी ने अपना सविनय निवेदन आंदोलन वापस ले लिया था उसी तुर्की के खलीफा के खिलाफ पूरे अरब जगत के मुसलमान एकजुट होकर लड़े थे 

असल में अरबो को अपने ऊपर तुर्क सभ्यता थोपे जाने से नाराजगी थी अरब अपनी खुद की अरबी पहचान से ज्यादा प्यार करते थे

जब भारत सहित पूरे दुनिया के मुसलमान तुर्की के इस्लामिक शासन यानी खलीफा के साथ खड़े थे वही सऊदी अरब के लोग खलीफा के खिलाफ लड़े थे और खलीफा द्वारा इस्तांबुल से मक्का तक बिछाई गई रेलवे ट्रैक यानी हेजाज रेलवे को डायनामाइट से उड़ा दिया था

आप लोगों ने जी न्यूज पर आने वाले कार्यक्रम “फतेह का फतवा” जरूर देखा होगा जिसमें तारेक फतह ने बताया था कि पूरे विश्व में इस्लाम जगत भारतीय उपमहाद्वीप के मुस्लिम सहित दुनियाभर के मुस्लिम अपनी मूल संस्कृति और मूल सभ्यता को छोड़कर इस्लाम की सभ्यता को अपनाएं जिससे उनके अंदर आईडेंटिटी क्राइसिस आ गई

आज भले ही सऊदी अरब इस्लाम का सिरमौर बना हुआ है लेकिन तेल की खोज के पहले तुर्की इस्लाम का सिरमौर हुआ करता था तुर्की यानी तुर्क लोग ऑटोमन एंपायर जिसे उस्मानिया सल्तनत भी कहते हैं वह बेहद ताकतवर था आधे यूरोप से लेकर आज के इजराइल सीरिया सऊदी अरब यानी काफी जगह ऑटोमन एंपायर फैला हुआ था और खलीफा शासन चलाते थे

ऑटोमन एंपायर अफ्रीका के कुछ देशों जैसे सोमालिया, मोरक्को आदि में भी था । उसी दरमियान अंग्रेज भी अपना उपनिवेशवाद फैलाने में लगे थे जिससे तुर्की के खलीफा और अंग्रेजो के बीच में दुश्मनी पैदा हो गई। इतना ही नहीं सऊदी अरब के लोग जो उस वक्त बहुत सारे कबीले में रहते थे और जिन्हें अपनी संस्कृति अपनी भाषा अपने कबीला अपनी कबीलाई संस्कृति अपनी कबीलाई पहचान से प्यार था..वो भले ही इस्लाम को मानते थे लेकिन इस्लाम के साथ-साथ अपने कबीलाई संस्कृति से भी प्यार करते थे और उसे कायम रखते थे.. आज भी सऊदी अरब के सारे कबीले इस्लाम के साथ-साथ अपने कबीलाई पहचान को भी साथ रखते है। 

उन्हें ऑटोमन साम्राज्य के खलीफा द्वारा जबरजस्ती अपने ऊपर अपना तुर्क कल्चर थोपे जाने से नाराजगी थी.. उसी समय खलीफा ने वर्तमान सीरिया की राजधानी दमास्कस या दमिश्क जो उस वक्त ऑटोमन साम्राज्य का हिस्सा था वहां से सऊदी अरब के हेजाज रेगिस्तान में फैले विशाल रेगिस्तानी क्षेत्र से होते हुए मुसलमानों के पवित्र शहर मक्का और मदीना तक नैरो गेज रेलवे लाइन बिछाई ।

तुर्की के खलीफा ने इस रेलवे लाइन को अपने फायदे के लिए बिछाया था ताकि इस रेलवे लाइन द्वारा ढेर सारे हज यात्री मक्का मदीना जाएं और खलीफा को आय हो और साथ ही मक्का और मदीना में कुर्बानी दिए जाने वाले जानवरों की खाल लेकर ट्रेन से वापस दमस्कस ला कर उन्हें चमड़े की फैक्ट्रियों को बेची जा सके सऊदी अरब के सभी कबीले के लोग अपनी खुद की अरब पहचान बनाए रखना चाहते थे लेकिन तुर्की का खलीफा तुर्कों को श्रेष्ठ समझता था जबकि अरब लोग अरब को श्रेष्ठ समझते थे तुर्की के खलीफा ने अपनी सेनाएं भेजकर कई बार सऊदी अरब के कबीलों को तुर्की पहनावे पहनने के लिए मजबूर किया जिससे सऊदी अरब के बहुत सारे कबीलो में तुर्की, तुर्क और खलीफा के प्रति नफरत पैदा हो गई थी 

उस वक्त ब्रिटिश सेना का एक जनरल लारेंस जो इजिप्ट में तैनात थे उन्हें ब्रिटिश सेना ने सऊदी अरब भेजा यहां आकर लॉरेंस ने देखा कि सऊदी अरब के सारे कबीले तुर्की के खिलाफ हैं तब उन्होंने सऊदी अरब के सारे क़बीलों लोगों को इकट्ठा कर दिया इतना ही नहीं मक्का और मदीना के शरीफ यानी गवर्नर भी उस्मानिया साम्राज्य यानी खिलाफत से नाराज थे फिर लारेंस ने मक्का और मदीना के शरीफ यानी गवर्नर के साथ मिलकर और सऊदी अरब के सारे कबीलो ने मिलकर हेजाज़ रेलवे पर हमला कर दिया और डायनामाइट से रेलवे लाइन को उड़ा दिया । तमाम ट्रेनें उड़ा दी गई और ओटोमन एंपायर यानी खलीफा साम्राज्य की सबसे बड़ी लाइफलाइन यानी हेजाज़ रेलवे को तहस-नहस कर दिया गया जिससे खलीफा की कमर टूट गई

खलीफा साम्राज्य यानी उस्मानिया साम्राज्य की तरफ से फखरुद्दीन पाशा तुर्क सेना का नेतृत्व कर रहे थे जो खिलाफत सेना के मेजर जनरल थे लेकिन सऊदी अरब के कबीलो ने बेहद बहादुरी से लड़ाई लड़ी और खिलाफत सेना के मेजर जनरल फखरुद्दीन पाशा को बंदी बना लिया और उन्हें मक्का शरीफ के गवर्नर के बेटे अब्दुल्ला के सामने पेश किया गया फिर पूरी खिलाफत की सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया और सभी सिपाहियों को और फखरुद्दीन पाशा को बंदी बनाकर इजिप्ट भेज दिया गया वहां उनके ऊपर युद्ध अपराधी का मुकदमा चला फिर उन्हें माल्टा की जेल में भेज दिया गया माल्टा की जेल में 2 साल जेल में रहने के बाद फखरुद्दीन पाशा को रिहा कर दिया गया

इस युद्ध के बाद खलीफा राज का कमर टूट गया सऊदी अरब ने खुद को ऑटोमन एंपायर यानी उस्मानिया राज यानी खिलाफत राज से अलग कर लिया और इस्लाम की खुद की अरब पहचान बनाई धीरे-धीरे लेबनान सीरिया यमन सारे राज्य खलीफा से टूटते गए क्योंकि यह अरब और तुर्क में कौन श्रेष्ठ है इसकी लड़ाई थी इसीलिए खलीफा का पतन हो गया इस युद्ध की सबसे आश्चर्यजनक बात यह थी कि भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमान तुर्की के खलीफा के साथ थे और उस वक्त भारत में अंग्रेजो के खिलाफ बहुत से मुसलमानों ने बगावत भी किया यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी खिलाफत यानी तुर्की के खलीफा के समर्थन में अपना आंदोलन अपना सविनय निवेदन वापस ले लिया था जबकि अरब जगत के सभी मुसलमान खलीफा के विरोध में थे अरब जगत के मुसलमानों का मानना था कि तुर्की के खलीफा असली इस्लाम के रास्ते पर नहीं चल रहे वह स्थानीय मुसलमानों के संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं

इस बारे में आपको यूट्यूब पर बहुत सी वीडियो भी मिल जाएंगे इतना ही नहीं द लॉरेंस आफ अरेबिया के नाम से बेहद सुपरहिट फिल्म इस घटना पर बनी है

फिर 50 के दशक में सऊदी अरब सहित कई अरब देशों में तेल की खोज हुई उसके बाद इस्लाम जगत में धीरे-धीरे सऊदी अरब हावी हो गया और तुर्की पीछे चला गया लेकिन आज भी मुस्लिमों में तुर्क बनाम अरब की लड़ाई चलती रहती है

आपने पाकिस्तान के कट्टर मुस्लिम जैद हामिद को जो लाल टोपी पहने देखा होगा वह तुर्क टोपी ही कही जाती है जो तुर्क की पहचान है वह अपने भाषण में अरबों की निंदा करता है और कहता है कि तुर्क ही श्रेष्ठ हैं

फिर जब अरब के देश जीत गए और दुनिया के नक्शे में नए-नए देश बने उसके बाद अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल रहमान अल सऊद ने हेजाज मक्का मदीना और कई अन्य हिस्सों को जोड़कर एक नया देश बनाया और 23 सितंबर को सऊदी अरब देश का ऐलान हुआ 

इसीलिए सऊदी अरब 23 सितंबर को अपना नेशनल डे मानता है

मुस्लिम और वामपंथी इतिहासकार यह आधा झूठ बताते हैं की खिलाफत आंदोलन अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन था 

पूरा सच यह है की खिलाफत आंदोलन अभारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमान तुर्की के खलीफा के साथ थे और उस समय भारत में अंग्रेजो के विरूद्ध बहुत से मुसलमानों ने बगावत भी किया यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी खिलाफत यानी तुर्की के खलीफा के समर्थन में अपना आंदोलन अपना सविनय निवेदन वापस ले लिया था। (साभार)