आज का पंचाग आपका राशि फल, गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट का महात्म्य, महान भारतीय सनातन धर्म संस्कृति के विरूद्ध हो रहे गहन षड्यंत्र को समझना होगा

🍁”रिद्धि दे सिद्धि दे, अष्ट नव निद्धि दे, वंश में वृद्धि दे, ह्रदय में ज्ञान दे, चित्त में ध्यान दे, अभय वरदान दे, दुःख को दूर कर, सुख भरपुर कर, आश संपूर्ण कर,
सज्जन सो हित दे, कुटुंब में प्रीत दे, जग में जीत दे, माया दे, साया दे,और निरोगी काया दे,
मान-सम्मान दे, सुख समृद्धि और ज्ञान दे, शान्ति दे, शक्ति दे, भक्ति भरपूर दें…”🍁
आप सभी को सपरिवार नुत्तन वर्ष विक्रम संवत् २०७९-८० की हार्दिक मंगल शुभकामनाएं..
*🙏जय बद्रीविशाल 🙏🕉🔱🕉🔱🕉🔱🕉 🔱🕉 ✍️डाॅ0 रमेश पांडे 9690242065

*ज्योतिष शास्त्र*कुंडली मिलान*वास्तुशास्त्र*वैदिक अनुष्ठान व आयुष्ठियज्ञ आदि समस्त *धार्मिक कार्यो में रुचि रखने वाले मनीषियों का अभिनंदन। 

(ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक दीपावली पर गो माता को जिमाते हुए) 

गाय को हिंदू नही बल्कि गाय हिंदुस्थानं
को पालती आई है, आदिकाल से अपना सर्वस्व देकर भरण पोषण करती आई है,
कृषिप्रधान धरती स्वर्णयुग थी,क्योंकि गोबर
से खेत सोना उगलते थे, तत्काल जन्म दुधमुंहे बच्चों को देशी गाय का दूध मां की तरह गुणकारी, रोगप्रतिरोधक होता हैं🚩
मां का पालन ही नहीं वरन प्रयत्न पूर्वक सेवा की जाती हैं। 
शास्त्रों में आख्यान है कि जिस दिन अंतिम गाय धराधाम पर धराशायी होगी उसी क्षण पृथ्वी का स्वरूप समाप्त हो जायेगा और पृथ्वी अखिल ब्रह्मांड में विलुप्त हो जायेगी अस्तु समग्र संसार गो वंश हत्या बंद होनी चाहिए 

🙏𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
श्री हरिहरो
विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓
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*बुधवार, २६ अक्टूबर २०२२*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:२६
सूर्यास्त: 🌅 ०५:४०
चन्द्रोदय: 🌝 ०७:०७
चन्द्रास्त: 🌜१८:१४
अयन 🌖 दक्षिणायने
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 कार्तिक
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 प्रतिपदा (१४:४२
से द्वितीया)
नक्षत्र 👉 स्वाती (१३:२४ से
विशाखा)
योग👉प्रीति(१०:०९से आयुष्मान्
प्रथम करण👉बव(१४:४२तक)
द्वितीय करण 👉 बालव
(२५:४५ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 वृश्चिक (३०:३० से)
मंगल 🌟 मिथुन
(उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 तुला
(अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु🌟मीन(उदित, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (अस्त, पूर्व)
शनि 🌟 मकर
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️
अमृत काल 👉 २७:५० से २९:२१
विजय मुहूर्त 👉 १३:५२ से १४:३७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२४ से १७:४८
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:३५ से १८:५२
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३५ से २४:२७
राहुकाल 👉 १२:०१ से १३:२४
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:५० से ०९:१३
होमाहुति 👉 सूर्य
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पाताल (१४:४२ से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम
शिववास 👉 श्मशान में (१४:४२ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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चंद्र दर्शन, अन्नकूट, गोवर्धन पूजा, भाई दूज (यम द्वितीया-बलि पूजा), गृह प्रवेश मुहूर्त प्रातः ०६:३६ से प्रात: ०९:२२ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १३:२४ तक जन्मे शिशुओ का नाम
स्वाति नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (रो, ता) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम विशाखा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ती, तू, ते) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – २९:५० से ०८:११
वृश्चिक – ०८:११ से १०:३०
धनु – १०:३० से १२:३४
मकर – १२:३४ से १४:१५
कुम्भ – १४:१५ से १५:४१
मीन – १५:४१ से १७:०४
मेष – १७:०४ से १८:३८
वृषभ – १८:३८ से २०:३३
मिथुन – २०:३३ से २२:४८
कर्क – २२:४८ से २५:०९
सिंह – २५:०९ से २७:२८
कन्या – २७:२८ से २९:४६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:२६ से ०८:११
मृत्यु पञ्चक – ०८:११ से १०:३०
अग्नि पञ्चक – १०:३० से १२:३४
शुभ मुहूर्त – १२:३४ से १३:२४
रज पञ्चक – १३:२४ से १४:१५
शुभ मुहूर्त – १४:१५ से १४:४२
चोर पञ्चक – १४:४२ से १५:४१
शुभ मुहूर्त – १५:४१ से १७:०४
शुभ मुहूर्त – १७:०४ से १८:३८
चोर पञ्चक – १८:३८ से २०:३३
शुभ मुहूर्त – २०:३३ से २२:४८
रोग पञ्चक – २२:४८ से २५:०९
शुभ मुहूर्त – २५:०९ से २७:२८
मृत्यु पञ्चक – २७:२८ से २९:४६
अग्नि पञ्चक – २९:४६ से ३०:२७
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज दिन के आरंभिक भाग में आप किसी महात्त्वपूर्ण कार्य को लेकर उत्साहित रहेंगे लेकिन सेहत में धीरे धीरे नरमी आने से मन का उत्साह भी उदासीनता में बदल जायेगा। काम-धंधा अपेक्षा के अनुसार नही चलने से अतिरिक्त मानसिक बेचैनी रहेगी। अक्समात यात्रा के योग भी बनेंगे यथा सम्भव टालने का प्रयास करें। व्यवसायी वर्ग तुरंत लाभ पाने की कामना से निवेश ना करें अन्यथा निराश होना पड़ेगा धन की आमद आज निश्चित नही रहेगी फिर भी काम चलाने लायक हो ही जाएगी। परिवार में मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहने से अव्यवस्था रहेगीं दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज दिन के पहले भाग में आप किसी कार्य को लेकर दुविधा में रहेंगे इसके कारण भाग दौड़ भी करनी पड़ेगी परन्तु लाभ होते होते हाथ से निकल जायेगा। भाग्य का साथ आज अन्य दिनों की अपेक्षा कम ही रहेगा। घर का शांत वातावरण आपसी तालमेल की कमी के कारण खराब रहेगा आज घर किसी भी सदस्य को काम के लिये कहना कलह कराएगा। महिलाये धर्य धारण करने का प्रयास करेंगी लेकिन बचते बचते भी कलह होने की संभावना है। व्यवसायिक क्षेत्र पर लाभ के कम ही अवसर मिलेंगे फिर भी आवश्यकता अनुसार धन कही ना कही से मिल ही जायेगा नौकरी पेशाओ से गलत काम होने पर अधिकारी रुष्ट होंगे। स्वास्थ्य में भी थोड़ा बहुत विकार लगा रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आप दिन के पूर्वार्ध में उदासीनता से ग्रस्त रहेंगे सर पर दायित्व के कारण कार्य करने का मन करेगा लेकिन कही से कोई सहायता ना मिलने से मन मे नकारत्मक विचार आएंगे अनैतिक कार्यो की ओर मन आकर्षित होगा लेकिन थोड़ा धैर्य रखें मध्यान से स्थिति पक्ष में होने लगेगी आप जिस कार्य की योजना बनाएंगे उससे संबंधित सुविधाएं कही ना कही से स्वतः ही मिल जाएगी। आज जल्दबाजी से बचें अन्यथा निर्णय गलत ही सिद्ध होगा धैर्य से कार्य करने पर आशा जनक लाभ पा सकते है। धन की आमद दोपहर के बाद ही होगी लेकिन व्यवधानों के बाद ही। पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी। सेहत कुछ नरम रहेगी फिर भी इस ओर ध्यान नही देंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज दिन के आरम्भ में स्वभाव में नरमी रखने की आवश्यकता है। बेतुकी बाते कर के परिवार का वातावरण खराब करेंगे परिजन भी उकसाने वाला व्यवहार करेंगे लेकिन मौन रहकर दोपहर तक का समय बिताये इसके बाद स्थिति अपने आप शांत बनने लगेगी। कार्य क्षेत्र पर भी मध्यान तक नरम व्यवहार रखें इसके बाद स्वतः ही अपनी गलतियों का आभास होगा जिससे विवेक जाग्रत होने पर दिन का बाकी भाग शान्ति से बीतेगा। धन लाभ की कामना पूर्ति के लिये आज परिश्रम अधिक करना पड़ेगा इसकी तुलना में सहयोग की कमी रहेगी। उधारी के व्यवहार स्वयं ही बढ़ाएंगे समय पर उगाही ना होने पर गुस्सा आयेगा। घर और सेहत की स्थिति आज सामान्य रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन धर्य धारण करने का लाभ आपको अवश्य ही किसी ना किसी रूप में मिल जाएगा। दिन के आरम्भ से ही कार्य पूर्ण करने में जल्दबाजी करेंगे व्यवसायी वर्ग भी ले देकर सौदे निपटाने के चक्कर में रहेंगे मध्यान तक का इंतजार करें लाभ में वृद्धि हो सकती है। धन की आमद आज निश्चित होगी लेकिन इंतजार करने के बाद ही। दोपहर बाद आपके प्रति लोगो के विचार बदलने लगेंगे कल तक जो आपसे नाराज चल रहे थे वे भी समर्थन करेंगे। पारिवारिक वातावरण में भी दोपहर बाद ही सुधार आएगा परिजन इच्छा पूर्ति होने पर प्रसन्न रहेंगे लेकिन स्त्री वर्ग को आज संतुष्ट रखना मुमकिन नही होगा। स्वास्थ्य में सुधार रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन के आरम्भ में परिस्थितियां आपको लाभ से दूर रखने वाली रहेंगी आलस्य में पड़कर काम से दूर भागेंगे लेकिन धयान रखें प्रातः काल से मध्यान के बीच की गई मेहनत बाद में अवश्य संतोष प्रदान करेगी अन्यथा पश्चाताप रहेगा। कार्य व्यवसाय भी दिन के पूर्वार्ध में ही लाभ के अवसर प्रदान करेगा दोपहर बाद बाजार में उदासीनता आने से धन लाभ के लिये तरसना पड़ेगा। नौकरी वाले जातक आज संतोषजनक कार्य करने के बाद भी अधिकारियों से विशेष प्रयोजन सिद्ध ना कर पाने पर नाराज रहेंगे। परिवार में पूजा पाठ के आयोजन होने से वातावरण मंगलमय रहेगा लेकिन सदस्यों में कुछ ना कुछ मतभेद लगे रहेंगे। स्वास्थ्य संबंधित समस्या आज कम ही रहेंगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन मिला-जुला फल देगा दिन के आरंभ में जिस कार्य को करने से डरेंगे दोपहर के बाद उसी में मन लगने लगेगा लाभ के अवसर भी मध्यान बाद से मिलने लगेंगे लेकिन स्वभाव में चंचलता आने से समय पर निर्णय लेने में परेशानी आएगी जिसके परिणाम स्वरूप सीमित लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। आज परिस्थितियां अनुकूल बन रही है मेहनत करने से पीछे ना हटे किसी भी कार्य से तुरंत लाभ नही होगा लेकिन निकट भविष्य में धन के साथ सम्मान भी मिलेगा। धर का वातावरण आज अन्य दिनों की तुलना में आनदमय रहेगा अपनी बचकानी हरकतों से परिजनो का मनोरंजन करेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन के पूर्वार्ध को छोड़ शेष भाग कुछ ना कुछ हानि ही देकर जाएगा अतिमहत्त्वपूर्ण कार्य समय रहते पूर्ण कर लें इसके बाद बनते कामो में विघ्न आने लगेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज संघर्ष के बाद भी अनुकूल लाभ ना मिलने से मन अनैतिक कार्यो की ओर अग्रसर होगा। आर्थिक मामले अंत समय मे उलझने के कारण व्यवसाय पर असर देखने को मिलेगा फिर भी आज खर्च निकलने लायक धन कही ना कही से मिल ही जायेगा। आज किसी जानने वाले कि बातो पर भी आंख बंद कर भरोषा ना करें। परिवार में कोई अप्रिय घटना घटने से मनव्यथित होगा। सेहत सम्बंधित नई समस्या बनेगी। यात्रा स्थगित करें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन सामाजिक कार्यो में योगदान देने से सम्मान बढ़ायेगा। आज आप कार्यो में जल्दबाजी दिखाएंगे जिससे कोई भी कार्य पूर्ण तो जल्दी हो जाएगा लेकिन इससे संबंधित लाभ के लिये प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। सार्वजिक क्षेत्र पर दान पुण्य के अवसर मिलेंगे लेकिन इससे स्वभाव में अहंकार भी आएगा। कार्य व्यवसाय में आज उन्नति होगी भविष्य के लिये बचत के साथ नई योजनाओं पर भी काम कर सकेंगे। आज आपको कोई लालच देकर ठग सकता है प्रलोभन से बचे अन्यथा आज होने वाला लाभ आते ही व्यर्थ में खर्च हो जाएगा। गृहस्थी चलाने में थोड़ी कठिनाई आएगी फिर भी आपसी तालमेल से विजय पा लेंगे। स्वास्थ्य में छोटे मोटे कष्ट लगे रहेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आपको सरकारी क्षेत्र से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी सार्वजनिक क्षेत्र पर भी मान बढेगा आज लापरवाहि से बचें अन्यथा परिणाम विपरीत भी हो सकते है। कार्य व्यवसाय की स्थिति पहके से बेहतर बनेगी फिर भी आज धन को लेकर अनिश्चितता के दौर से गुजरना पड़ेगा। अपने कार्य नियत समय से थोड़े विलम्ब से करेंगे सहयोग की आज कमी नही रहेगी लेकिन धन लाभ समय पर ना होने के कारण थोड़ी असुविधा बनेगी प्रतिस्पर्धा कम रहने का लाभ नही मिल सकेगा। गृहस्थ में छोटी मोटी नोकझोंक के बाद भी आत्मीयता बनी रहेगी। बुजुर्गो की सेहत संबंधित समस्या अनदेखी के कारण गंभीर हो सकती है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज दिन के आरंभिक भाग में पूजा पाठ में सम्मिलित होने का असर दिन भर मानसिक रूप से शांत रखेंगा लेकिन इसके बाद दैनिक कार्यो की भागदौड़ में शरीर की भी सुध नही रहेगी खान पान में लापरवाही के कारण पुराना रोग फिर से उभरने की संभावना है। कार्य-व्यवसाय में लाभ की संभावना बनेगी लेकिन अंत समय मे कुछ ना कुछ बाधा आने से धन की प्राप्ति आगे के लिये टलेगी। नौकरशाहो के लिये दिन लाभदायक रहेगा अतिरिक्त आय बनाने के अवसर मिलेंगे लेकिन कम से संतोष करे अन्यथा मान भंग होने की स्थिति बन सकती है। परिवार में मांगलिक कार्यक्रम की रूपरेखा बनेगी वातावरण शांत रहेगा। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी दान पुण्य पर खर्च करेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज भी दिन के पूर्वार्ध में सेहत संबंधित शिकायत रहेगी। सर में भारीपन अनुभव करेंगे लेकिन मध्यान तक स्वास्थ्य में सुधार आने लगेगा धार्मिक कार्यो में रुचि लेंगे पूजा पाठ एवं अन्य धार्मिक कार्यो में मन लगेगा एकाग्रता भी बढ़ेगी। कार्य व्यवसाय से आज आशा कम ही रहेगी धनलाभ भी आशा के अनुरूप कम ही होगा। आज किसी नए कार्य को आरंभ करेंगे अथवा कार्य क्षेत्र पर नए प्रयोग करेंगे इनसे तुरंत लाभ की आशा ना रखें लेकिन निकट भविष्य में धीरे धीरे अवश्य फलदायक बनेंगे। महिलाये आज किसी ना किसी कारण से बेचैन ही रहेंगी लेकिन कार्यो में बाधा नही आने देंगी। लघु यात्रा में खर्च होगा फिर भी आनंद प्रदान करेगी।
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*कोई संस्कृति समाप्त करनी है तो उससे उनके त्योहार छीन लो और यदि कोई त्योहार समाप्त करना है तो उससे बच्चों का रोमांच गायब कर दो।*
कितना महीन षड्यंत्र है? कितना साफ और दीर्घकालिक जाल बुना जाता है?
समझिए दीपावली पर पटाखे बैन के षड्यंत्र की कहानी-
पंच मक्कार(मीडिया,मार्क्सवादी,मिचनरीज, मुलाना, मैकाले) किस तरह से सुनियोजित कार्य करते है आप इस लेख के माध्यम से जान पाएंगे।किस तरह इकोसिस्टम बड़ा लक्ष्य लेकर चलता है वो आप जान पाएंगे। वे किस तरह 10,20 साल की योजना बनाकर स्टेप बाई स्टेप नैरेटिव सेट कर शनैःशनैः वार कर किले को ढहा देते हैं ये आप जानेंगे। जिसमें वे आपको ही अपनी सेना बनाकर अपना कार्य करते हैं और आपको पता भी नहीं चलता।
पटाखो पर बैन की कहानी 2001 से शुरू होती है।जब एक याचिका में SC ने सुझाव दिया कि पटाखे केवल शाम 6 से 10 बजे तक मात्र चार घण्टे के लिए फोड़े जाए।साथ ही इसको लेकर जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों में बच्चों को बताया जाए।ये केवल एक सुझाव वाला निर्णय था ना कि पटाखे फोड़ने पर आपराधिक निर्णय।ध्यान रहे सुझाव केवल दीपावली पर ही था क्रिसमस और हैप्पी न्यूएर पर फैसले से नदारद थे।ये एक प्रकार से लिटमस टेस्ट था।
लिटमस टेस्ट सफल रहा क्योंकि हिंदुओ ने कोई विरोध नही किया हालांकि सुझाव किसी ने नहीं माना लेकिन उसका विरोध भी नही किया।इससे इकोसिस्टम को बल मिला और 2005 में एक और याचिका लगी।जिसमें कोर्ट ने इस बार पटाखों को ध्वनि प्रदूषण से जोड़ कर अपराधिक कृत्य बना दिया अर्थात रात 10 बजे के बाद पटाखे फोड़ना अपराधिक कृत्य हो गया।
हिंदुओ ने तो भी विरोध नहीं किया।उधर स्कूलों के माध्यम से लगातार बच्चों के अंदर दीपावली के पटाखों से प्रदूषण ज्ञान दिया जाने लगा।बच्चे भी एक नैरेटिव है।दीपावली पर पटाखे बच्चों का ही आकर्षण है।अतः उन्हें ही टार्गेट किया गया। आपको याद हो तो 2005 से स्कूलों में अचानक से पटाखा ज्ञान शुरू हो गया था।बच्चे खुद बोलने लगें पटाखे मत फोड़िये।
2010 में NGT की स्थापना हुई।जिसे प्रदूषण पर्यावरण ग्रीनरी के नाम पर केवल हिन्दू त्यौहार दिखाई दिए दीपावली, होली,अमरनाथ पर ज्ञान और फैसले देने वाला ngt क्रिसमस नए साल पर सदैव मौन रहा।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी ने तत्कालीन दिल्ली उपराज्यपाल नजीबजंग को चिट्ठी लिखकर दीपावली पर पटाखे बैन की अपील की लेकिन LG ने ठुकरा दी।तब 2017 में तीन NGO एक साथ SC पहुंचे जिसमें से एक ngo “आवाज” था जिसकी कर्ताधर्ता “sumaira abdulali थी. जहां तीनो ngo ने दीपावली के पटाखो को ध्वनि और वायु प्रदूषण के लिए खतरनाक बताते हुए तत्काल प्रभाव से बैन करने की मांग की। जिसमे तीनो ngo की “आवाज” से आवाज मिलाई “केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड” ने।ध्यान रहे केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने SC में पटाखे बैन याचिका का विरोध नहीं किया।परिणामस्वरूप SC ने पहला बड़ा निर्णय देते हुए दिल्ली में पटाखो की बिक्री पर रोक लगा दी।लेकिन हिंदुओ ने तब भी कोई विरोध नहीं किया बल्कि प्रदूषण के नाम पर समर्थन किया।क्योंकि तब हिन्दू “जागरूक” हो चुके थे।उन्हें लगने लगा दिल्ली प्रदूषण का एकमात्र कारण दीपावली के पटाखे है।
लिटमस टेस्ट में सफल होने के बाद पंचमक्कार 2018 में पुनः कोर्ट पहुंच गए।इस बार पटाखे फोड़ने पर ही बैन लगा दिया गया।लेकिन झुन झुने के रूप में ग्रीन पटाखे पकड़ा दिए. ये दूसरा लिटमस टेस्ट था।
इसबार छिटपुट विरोध हुआ लेकिन तथाकथित जागरूक हिन्दू जो आप ही थे आप ही इकोसिस्टम की सेना बनकर पटाखे बैन करने के समर्थन पर उतर गए और विरोध करने वालो को कट्टर,गंवार,अनपढ़,जाहिल,पिछड़ी सोच ना जाने क्या क्या कहकर आपने ही उनकी आवाज को दबा दिया और आपको पता ही नही चला।
धीरे धीरे खेल मीडिया से लेकर सेलिब्रिटी तक पहुंच गया। जहां दीपावली के ऐन वक्त पहले अचानक से प्रकट होकर क्रिकेटर/बॉलीबुड क्रेकर ज्ञान देने लगे।मीडिया में लम्बी लम्बी डिबेट्स कर ब्रेनवॉश किया गया कि दिल्ली गैस चेम्बर बन गई है जिसका एकमात्र कारण दीपावली पर जलने वाले पटाखे है जिन्हें यदि बैन नही किया गया तो दीपावली के अगले दिन सब सांस से घुटकर मर जायेंगे।
2020 में तीसरा लिटमस टेस्ट किया गया और पटाखे बैन दिल्ली से बाहर निकल कर पूरे देश मे लागू किये गए।जिसमें एक और ngo जुड़ा।जिसने नवम्बर 2020 में याचिका लगाई पटाखे बैन पर।उस ngo का नाम था indian social responsibility network.
जब आप और गहराई में जाएंगे तो पाएंगे ये एक राष्ट्रवादी ngo है।जिसमें सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे,2019 चुनाव के नारंगी it cell वाले सदस्य और वर्तमान में अध्यक्ष नड्डा जी की श्रीमती भी है।नतीजा ये रहा कि दिल्ली सहित पूरे देश मे पटाखे 2 घण्टे के अतिरिक्त बैन हो गए और उल्लंघन करने पर पूरे देश मे जगह जगह कार्रवाइयां हुई।इस बैन में सभी ने बराबर की भूमिका निभाई।
लेकिन चूंकि उद्देश्य प्रदूषण या पर्यावरण कम बल्कि दीपावली की परंपरा को पूर्णतः खत्म करना था अतः 2 घण्टे की ग्रीन पटाखो की छूट भी चुभ रही थी।इसबार उसे भी खत्म कर दिया गया।कुतर्क दिया गया कि भगवान राम के समय पटाखे नही थे।जबकि जरूरी नही कि परम्पराए मूल से निकले। परम्पराए बाद में जुड़कर सदियों से चलकर त्योहार का मूल हिस्सा बन जाती है जैसे क्रिसमस में क्रिसमस ट्री और अजान में लाउडस्पीकर जो मूल समय मे नही थे. लेकिन वहां कोई कुतर्क नही करता।
यही है वामपंथ की ताकत जो आपका ब्रेनबाश कर आपको जाम्बी बना देती है।जहां आप जिस डाली पर बैठे हो उसे ही काटकर(अपने ही मूल्यों को समाप्त कर) गर्व महसूस करते है।
यही है नैरेटिव की ताकत जहां दीपावली का प्रदूषण चुनावी मुद्दा बन गया।जबकि पटाखे प्रदूषण के मुख्य कारकों में top 10 में भी नही है(IIT रिसर्च)। लेकिन हर पार्टी चुनाव जीतने के लिए दीपावली पटाखे बैन के समर्थन में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने लगी। ध्यान रहे मुद्दा केवल दीपावली के पटाखे बने क्रिसमस और नए साल के नही।
यही पंचमक्कारो की ताकत है।हालत ये है कि अब दिल्ली, राजस्थान जैसे राज्य बिना कोर्ट के आदेश के,बिना मंथन, बिना बैठक दीपावली पर खुद ही पटाखे बैन करने लगे हैं जैसे कोई धारा 144 जैसा रूटीन आदेश हो लेकिन ये राज्य क्रिसमस न्यू ईयर पर चुप रहते हैं।ये हालत तब है जब राजस्थान में प्रदूषण मुद्दा नहीं है और हिन्दू 90% है। अब दीपावली पटाखे बैन के लिए हर साल कोर्ट जाने की भी जरूरत नहीं है।राज्य खुद ये करने लगे क्योंकि आपने उन्हें बल दिया।
निश्चित रूप से प्रदूषण चिंता का विषय है लेकिन उसका कारण पटाखे नहीं है और जो मुख्य कारण है उन्हें पटाखे बैन कर कर्तव्यों से इतिश्री कर ली जाती है। यदि सच मे दिल्ली बचानी है तो पटाखे बैन की नौटंकी छोड़कर ngo सरकारें विपक्ष कोर्ट को प्रदूषण के मुख्य कारकों को बैन करना होगा।
पूर्वांचली बधाई के पात्र है जिन्होंने छठ पूजा नरेटिव बनने से पहले भारी विरोध कर इसे बचा लिया वरना अगला टार्गेट छठपूजा ही था।ध्यान रहे कोई आपके साथ नही खड़ा होगा जबतक आप स्वयं अपने साथ नही खड़े है।
दीपावली से उसका मुख्य आकर्षण पटाखा खत्म करने के लिए,बच्चों के हाथों से फुलझड़ी छिनने के लिए सब जिम्मेदार है।पंचमक्कार से लेकर नारंगी भी और आप स्वयं भी क्योंकि आप मौन रहे।पंचमक्कार नैरेटिव ने होली से रंग,दीपावली से पटाखे,दशहरे से रामलीला,जन्माष्टमी से दही हांडी छीन ली या छिनने के कगार पर है।
सब मिले हुए हैं।
इसमें सिब्बल की कहानी शामिल नहीं है उस पर बहुत लिखा जा चुका है।यहां मूल जड़ बताने का प्रयास किया गया है। लेख को छोटा रखने के लिए केवल मुख्य तथ्यों को संक्षेप में रखा गया है।कुछ विषय छूट गए होंगे या तथ्यों में कुछ अंतर हो सकता है।इस लेख का मुख्य उद्देश्य केवल आपको नैरेटिव और इस खेल से परिचित करवाना है न कि किसी पर दोषारोपण।
आपसे दीवाली का रोमांच छीन लिया जएगा,होली के रंग छीन लिए जाएंगे,करवा चौथ का उद्देश्य छीन लिया जाएगा, भैया दूज सिर्फ दूज रह जाएगी।
हर त्योहार हमारे रिश्तों की मजबूती का पल होता है।करवा चौथ और तीज पति पत्नी,होई अष्टमी मांऔर बच्चों का,राखी और भैया दूज भाई बहन,गुरु पूर्णिमा गुरु और शिष्य, दिवाली आदर्शों और नैतिक मूल्यों का,दशहरा बुराई से दूर रहने का आदि।
कोई भी त्योहार हो हमारे सनातन में विश्वास,समर्पण और आनंद का प्रतीक होता है।भाई बहन का राखी हो या भाई दूज,एक दूसरे के लिए उस वक्त तक भूखे रहने,दोनों के समर्पण और प्रेम का प्रतीक है जो विवाह पश्चात भी रिश्तों की गर्माहट को बनाये रखते हैं,ये वामी और नास्तिक क्या समझेंगे?
करवा चौथ या तीज पत्नी के समर्पण और पति के मन में आए वो भाव जिससे उसके मन मे पत्नी के प्रति सम्मान जगता हो वो नास्तिक और सनातन विरोधी क्या समझेंगे ङ
सनातनी त्योहार हर रिस्ते का आधार ह ,एक दूसरे के लिए बने होते ह,होई अष्टमी मां और बच्चो के प्रेम का प्रतीक ह,गुरु पूर्णिमा गुरु शिष्य, श्राद अपने बड़ो और पूर्वजो के प्रति, गंगा दशहरा,यमुना दशहरा,तुलसी पूजन दिवस,गोवर्धन पूजा,मकर सक्रांति ये सब प्रकृति के सम्मान के लिए उनको समझने और जीवन मे उतारने को होते ह।
ये सब वो वामी और नास्तिक क्या समझेंगे जिनका मूल उद्देश्य खाना पीना हगना मूतना तक सीमित ह,जो दो किताबे पढ़ स्वयम का ज्ञानी समझने लगते ह।
ये वो चीज़े हैं जो हमें हमारी पहचान और होने का एहसास करवाती है,अगर ये सब न रहा तो हम चारो तरफ देखेंगे कि क्रिस्मस मनाया जा रहा है,ईद मनाई जा रही है लेकिन हम सब खो चुके हैं।आने वाली पीढ़ियों को क्या मिलेगा विरासत में सिर्फ और सिर्फ विदेशी त्योहार।
अपनी पहचान बनाए रखें,हर त्योहार को दुगने आनंद से मनाएं,कोई क्या कहता है दूर रखें,क्योंकि यही हमारी पहचान है।
सनातन पहले दिन से प्रकृति पूजन में विश्वास रखता है। ये नए साल पर अरबों का प्रदूषण करने वाले,बनावटी ट्री को पूजने वाले और पशुओं की बलि देने वाले हमे बताएंगे कि कैसे पर्यावरण और प्रकृति बचानी है।
संकल्प ले कि हर त्यौहार दुगने आनंद से मनाएंगे।
*आपका शुभेच्छु -शिवकुमारसिंह राष्ट्रीय संयोजक अखिल भारतीय सनातन धर्म जागरण मंच*(साभार)

गोवर्धन पूजा की कथा……………………………….

गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा के अनुसार द्वापर युग में एक बार देवराज इंद्र को अपने ऊपर अभिमान हो गया था। इंद्र का अभिमान चूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने एक अद्भुत लीला रची। श्री कृष्ण में देखा कि एक दिन सभी बृजवासी उत्तम पकवान बना रहे थे और किसी पूजा की तैयारी में व्यस्त थे। इसे देखते हुए कृष्ण जी ने माता यशोदा से पूछा कि यह किस बात की तैयारी हो रही है?

 

कृष्ण की बातें सुनकर यशोदा माता ने बताया कि इंद्रदेव की सभी ग्राम वासी पूजा करते हैं जिससे गांव में ठीक से वर्षा होती रहे और कभी भी फसल खराब न हो और अन्न धन बना रहे। उस समय लोग इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए अन्नकूट (अन्नकूट का महत्व)चढ़ाते थे। यशोदा मइया ने कृष्ण जी को यह भी बताया कि इंद्र देव की कृपा से ही अन्न की पैदावार होती है और उनसे गायों को चारा मिलता है।

 

इस बात पर श्री कृष्ण ने कहा कि फिर इंद्र देव की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा होनी चाहिए क्योंकि गायों को चारा वहीं से मिलता है। इंद्रदेव तो कभी प्रसन्न नहीं होते हैं और न ही दर्शन देते हैं। इस बात पर बृज के लोग इंद्र देव की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। यह देखकर इंद्र देव क्रोधित हुए और उन्होंने मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। इंद्रदेव ने इतनी वर्षा की कि उससे बृज वासियों को फसल के साथ काफी नुकसान हो गया।

 

ब्रजवासियों को परेशानी में देखकर श्री कृष्ण ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठा लिया और सभी ब्रजवासियों को अपने गाय और बछड़े समेत पर्वत के नीचे शरण लेने के लिए कहा। इस बात पर इंद्र कृष्ण की यह लीला देखकर और क्रोधित हो गए और उन्होंने वर्षा की गति को और ज्यादा तीव्र कर दिया। तब श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से कहा कि आप पर्वत के ऊपर विराजमान होकर वर्षा की गति को नियंत्रित करें और शेषनाग से कहा आप मेड़ बनाकर पानी को पर्वत की ओर आने से रोकें।

 

इंद्र लगातार सात दिन तक वर्षा करते रहे तब ब्रह्मा जी ने इंद्र से कहा कि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और उन्हें कृष्ण जी की पूजा की सलाह दी। ब्रह्मा जी की बात सुनकर इंद्र ने श्री कृष्ण से क्षमा मांगी और उनकी पूजा करके अन्नकूट का 56 तरह का भोग लगाया। तभी से गोवर्घन पर्वत पूजा की जाने लगी और श्री कृष्ण को प्रसाद में 56 भोग चढ़ाया जाने लगा।

 

गोवर्धन पर्वत गोबर का क्यों बनाया जाता है

 

ऐसी मान्यता है कि श्री कृष्ण को गायों से अत्यंत प्रेम था और वो गायों तथा बछड़ों की सेवा किया करते थे। यह भी माना जाता है कि गाय का गोबर अत्यंत पवित्र होता है, इसलिए इसी से गोवर्धन पर्वत बनाना और इसका पूजन करना फलदायी माना जाता है। इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है और इसके चारों कोनों में करवा की सींकें लगाईं जाती हैं। इसके भीतर कई अन्य आकृतियां भी बनाई जाती हैं और इसकी पूजा की जाती है।

 

 (गोवर्धन के दिन गाय की पूजा का महत्व)

 

ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो भी गोवर्धन की इस कथा का पाठ करता है और श्रद्धा पूर्वक गाय के गोबर से बने पर्वत की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती।

 

गिरि गोवर्धन नख धरे, करे वृष्टि से रक्ष!

दिए चुनौती इन्द्र को, जन गोधन के पक्ष!!

 

महिमा हुई पहाड़ की, करे परिक्रम लोग!

मानस गंगा पावनी, गिरिधर पूजन भोग!!