आज का पंचाग आपका राशि फल, पुरी के मंदिर में भगवान कृष्ण, बलराम और सुभद्रा की आंखें इतनी विशाल क्यों हैं, जम्मू-कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में सेना के वाहन पर आतंकी वार में पांच जवानों का बलिदान, इस्लामी आतंकवादी संगठन PAFF का हाथ

 ‼️ 🕉️ ‼️
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द……………………5125
विक्रम संवत्…………………..2080
शक संवत्……………………..1945
मास……………………………बैशाख
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी………………………….प्रतिपदा
प्रातः 08.30 पर्यंत पश्चात द्वितीया
रवि…………………………उत्तरायण
सूर्योदय…………प्रातः 06.01.59 पर
सूर्यास्त…………संध्या 06.49.05 पर
सूर्य राशि………………………….मेष
चन्द्र राशि………………………….मेष
गुरु राशि………………………….मीन
नक्षत्र……………………………भरणी
रात्रि 11.00 पर्यंत पश्चात कृत्तिका
योग………………………………प्रीती
प्रातः 11.00 पर्यंत पश्चात आयुष्मान
करण………………………………बव
प्रातः 08.30 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………..(माधव) बसंत
*दिन…………………………शुक्रवार*

*🇬🇧 आंग्ल मतानुसार दिनांक*
*२१ अप्रैल सन् २०२३ ईस्वी !*

☸ शुभ अंक………………….3
🔯 शुभ रंग……………आसमानी

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.00 से 12.50 बजे तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल (अशुभ) :-*
प्रात: 10.50 से 12.25 तक ।

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त -*
*मेष*
05:42:39 07:24:48
*वृषभ*
07:24:48 09:23:27
*मिथुन*
09:23:27 11:37:09
*कर्क*
11:37:09 13:53:19
*सिंह*
13:53:19 16:05:08
*कन्या*
16:05:08 18:15:47
*तुला*
18:15:47 20:30:25
*वृश्चिक*
20:30:25 22:46:35
*धनु*
22:46:35 24:52:12
*मकर*
24:52:12 26:39:19
*कुम्भ*
26:39:19 28:12:54
*मीन*
28:12:54 29:42:39

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.39 से 09.14 तक लाभ
प्रात: 09.14 से 10.49 तक अमृत
दोप. 12.24 से 01.59 तक शुभ
सायं 05.09 से 06.44 तक चंचल
रात्रि 09.34 से 10.59 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्रः*
|| ॐ गोविन्दाय नम: ||

📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (प्रथम अध्याय – अर्जुन विषादयोग)*
पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनञ्जयः।
पौण्ड्रं दध्मौ महाशंख भीमकर्मा वृकोदरः॥ १५ ॥
अर्थात :
भगवान श्रीकृष्ण ने पाञ्चजन्य, अर्जुन ने देवदत्त और भयानक कर्म वाले भीमसेन ने पौण्ड्रं नाम वाला महाशंख बजाया॥15॥

🍃 *आरोग्यं :-*
*विटामिन सी के लाभ : -*

*1. त्वचा की सुरक्षा -*
विटामिन सी के कारण रक्त वाहिकाओं की संरचना होती है और रक्त वाहिकाओं द्वारा आपकी त्वचा तक प्रोटीन का पहुंचना आसान हो जाता है। यह त्वचा के सूखे या रूखेपन को ठीक करता है तथा त्वचा की नमी को बनाए रखता है, जिससे त्वचा स्वस्थ बनी रहती है और आपके चेहरे पर झुर्रियां नहीं आती। विटामिन सी चेहरे एवं आँखों पर आने वाली झुर्रियों को रोकने में लक्षम होता है।

. ⚜ *आज का राशिफल* ⚜

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। लाभ के मौके बार-बार प्राप्त होंगे। विवेक का प्रयोग करें। बेकार बातों में समय नष्ट न करें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में तरक्की के योग हैं। व्यापार की गति बढ़ेगी। लाभ में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। कोई बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। किसी विशेष क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने की इच्छा रहेगी। प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। कोर्ट व कचहरी के अटके कामों में अनुकूलता आएगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
बोलचाल में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। प्रतिद्वंद्विता कम होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे बाद में पछताना पड़े। जोखिम न लें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
कोर्ट व कचहरी में लंबित कार्य पूरे होंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। सभी काम पूर्ण होंगे। जल्दबाजी न करें।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
रोजगार में वृद्धि तथा बेरोजगारी दूर होगी। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। संचित कोष में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझ्कर निवेश करें। संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। झंझटों से दूर रहें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। व्यापार मनोनुकूल रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। प्रमाद न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में कमी रह सकती है। दु:खद समाचार की प्राप्ति संभव है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। बेवजह विवाद की स्थिति बन सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के उकसाने में न आकर महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं लें, लाभ होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
जल्दबाजी में कोई काम न करें। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। प्रमाद न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
किसी भी निर्णय को लेने में जल्दबाजी न करें। भ्रम की स्थिति बन सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। थकान व कमजोरी महसूस होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में मनोनुकूल लाभ होगा। प्रमाद न करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। घर-बाहर सहयोग प्राप्त होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। बेरोजगारी दूर होगी। अचानक कहीं से लाभ के आसार नजर आ सकते हैं। किसी बड़ी समस्या से निजात मिलेगी। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
आंखों को चोट व रोग से बचाएं। कीमती वस्तु गुम हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक किसी से भी न करें। नकारात्मकता रहेगी। अकारण क्रोध होगा। फालतू खर्च होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। जोखिम न लें।

. *🚩 🎪 ‼️ 🕉️ महालक्ष्म्यै नमः ‼️ 🎪 🚩*

*☯आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो☯*

. *‼️ शुभम भवतु ‼️*
. *‼️ जयतु भारती ‼️*

. 🚩🇮🇳‼️ *भारत माता की जय* ‼️🇮🇳🚩

पुरी के मंदिर में भगवान कृष्ण, बलराम और सुभद्रा की आंखें इतनी विशाल क्यों हैं ??

ये हर मनुष्य के लिए आश्चर्य का विषय है कि जगन्नाथ पुरी के मंदिर में भगवान कृष्ण के साथ राधा क्यों नहीं हैं और दूसरा, तीनों भाई बहन की आंखें इतनी फैली हुई क्यों हैं इस विषय में एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा है। 

एक बार माता यशोदा माता देवकी के साथ द्वारका पधारीं। वहां कृष्ण की रानियों ने माताओं से कृष्ण के बचपन की लीलाओं का वर्णन करने का अनुरोध किया। 

उनके साथ बहन सुभद्रा भी थीं। 

माता यशोदा ने कहा कि वह उन्हें कृष्ण तथा उनकी गोपियों की लीलाएं तो सुना देंगी 

पर ये कथा कृष्ण और बलराम के कानों तक नहीं पहुंचनी चाहिए। 

सुभद्रा द्वार पर पहरा देने के लिए 

तैयार हो गई। 

माता ने लीलाओं का गान शुरू किया। भगवान की लीला का रसपान करने में सब अपनी सुध-बुध खो बैठे। 

सुभद्रा को भी पता नहीं चला कि कब भगवान श्री कृष्ण और बलराम वहां आ गए और उनके साथ ही कथा का आनन्द लेने लगे। बचपन की मधुर लीलाओं को सुनते सुनते उनकी आंखें फैलने लगीं। सुभद्रा की भी यही दशा हुई वह आनंदित हो कर पिघलने लगीं। 

उसी समय श्री नारदजी वहां पधारे। 

किसी के आने का अहसास होते ही कथा रुक गई। 

नारदजी भगवान संग बलराम और सुभद्रा के ऐसे रूप को देखकर मोहित हो गए।

वह बोले – भगवन् ! 

आपका यह रूप बहुत सुंदर है। आप इस रूप में सामान्य जन को भी दर्शन दें। 

तब भगवान कृष्ण ने कहा कि कलयुग में वह इस रूप में अवतरित होंगे। 

जगन्नाथ पुरी में भगवान का यही विग्रह मौजूद है जिसमें वह अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ हैं। 

परंतु यह विग्रह भी आधा अधूरा सा क्यों है इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा है। 

इस मंदिर के उद्गम से जुड़ी परंपरागत कथा के अनुसार- भगवान जगन्नाथ की इंद्रनील या नीलमणि से निर्मित मूल मूर्ति, 

एक वृक्ष के नीचे मिली थी। 

यह इतनी चकाचौंध करने वाली थी, कि धर्म ने इसे पृथ्वी के नीचे छुपाना चाहा। मालवा नरेश इंद्रद्युम्न को स्वप्न में यही मूर्ति दिखाई दी थी। 

तब उसने कड़ी तपस्या की और तब भगवान विष्णु ने उसे बताया कि वह पुरी के समुद्र तट पर जाये और उसे एक दारु (लकड़ी) का लठ्ठा मिलेगा। 

उसी लकड़ी से वह मूर्ति का निर्माण कराये। 

राजा ने ऐसा ही किया और उसे लकड़ी का लठ्ठा मिल भी गया। 

उसके बाद राजा को विष्णु और विश्वकर्मा बढ़ई कारीगर और मूर्तिकार के रूप में उसके सामने उपस्थित हुए। 

किंतु उन्होंने यह शर्त रखी, कि वे एक माह में मूर्ति तैयार कर देंगे, 

परन्तु तब तक वह एक कमरे में बंद रहेंगे और राजा या कोई भी उस कमरे के अंदर नहीं आये। 

माह के अंतिम दिन जब कई दिनों तक कोई भी आवाज नहीं आयी, 

तो उत्सुकता वश राजा ने कमरे में झांका और वह वृद्ध कारीगर द्वार खोलकर बाहर आ गया और राजा से कहा, 

कि मूर्तियां अभी अपूर्ण हैं, 

उनके हाथ अभी नहीं बने थे। 

राजा के अफसोस करने पर मूर्तिकार ने बताया कि यह सब दैववश हुआ है 

और यह मूर्तियां ऐसे ही स्थापित होकर पूजी जायेंगीं। 

तब वही तीनों जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां मंदिर में 

स्थापित की गईं।

राधे राधे हरि गोविंदा (सौजन्य✍️ सरोज शर्मा) 

जम्मू -कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे सेना के ट्रक पर आतंकियों ने फायरिंग की। इसके बाद ट्रक में आग लग गई, जिसमें झुलसकर 5 जवान शहीद हो गए। शहीदों की पहचान लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह, सिपाही सेवक सिंह और हवलदार मनदीप सिंह के रूप में हुई हैसेना पर हुआ आतंकी हमला दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है,राष्ट्रीय राईफल्स के 5 शहीद सैनिको को विनम्र श्रद्धांजली…अभी तक तक सुचना के अनुसार इसमे जैश समर्थित PAFF आतंकी संगठन का नाम का नाम सामने आ रहा है!!
जबकि NIA इस आतंकी घटना के जाँच के लिए सक्रिय हो गई है,जिसने भी घटना को अंजाम दिया है उसके इसकी भारी -भरकम किमत चुकानी होगी।। इस घटना मे पाकिस्तान एंगल सामने आ रहा है।।