आज का पंचाग आपका राशि फल, वृक्षों एवं पौधों का सुखमय जीवन हेतु उपयोगिता, ये अंतिम अवसर है संभलने का

​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝

                  *श्री हरिहरो* 

                *विजयतेतरामम्

        *🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

        🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

*सोमवार, २६ दिसम्बर २०२२*

सूर्योदय: 🌄 ०७:१२

सूर्यास्त: 🌅 ०५:२८

चन्द्रोदय: 🌝 १०:०१

चन्द्रास्त: 🌜२०:४५

अयन 🌖 दक्षिणायने 

(दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🌳 हेमंत

शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)

मास 👉 पौष 

पक्ष 👉 शुक्ल 

तिथि👉चतुर्थी (२५:३७ से पञ्चमी

नक्षत्र👉श्रवण(१६:४२ से धनिष्ठा

योग👉हर्षण(२१:०३ से वज्र)

प्रथम करण👉वणिज(१५:११तक

द्वितीय करण👉विष्टि(२५:३७तक

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 धनु

चंद्र 🌟 कुम्भ (२७:३० से)

मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,वक्री)

बुध🌟धनु(उदित,पूर्व,मार्गी)

गुरु🌟मीन(उदित,पूर्व,मार्गी)

शुक्र 🌟धनु (उदित, पश्चिम)

शनि🌟मकर(उदित,पूर्व,मार्गी)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

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 शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५७ से १२:३८

अमृत काल 👉 ०७:२७ से ०८:५२

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०७:११ से १६:४२

रवियोग 👉 ०७:११ से १६:४२

विजय मुहूर्त 👉 १४:०० से १४:४०

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२१ से १७:४९

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२४ से १८:४७

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५० से २४:४५

राहुकाल 👉 ०८:२८ से ०९:४४

राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम

यमगण्ड 👉 ११:०१ से १२:१७

होमाहुति 👉 बुध

दिशाशूल 👉 पूर्व

अग्निवास 👉 पृथ्वी

भद्रावास 👉 पाताल (१५:११ से २५:३७ तक)

चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम २७:३१ से) 

शिववास 👉 क्रीड़ा में (२५:३७ से कैलाश पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – अमृत २ – काल

३ – शुभ ४ – रोग

५ – उद्वेग ६ – चर

७ – लाभ ८ – अमृत

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – चर २ – रोग

३ – काल ४ – लाभ

५ – उद्वेग ६ – शुभ

७ – अमृत ८ – चर

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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तृतीया तिथि क्षय, विनायक चतुर्थी, पंचक आरम्भ २७:३० से, गृहप्रवेश मुहूर्त प्रातः ०९:५१ से ११:०९ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १६:४२ तक जन्मे शिशुओ का नाम श्रवण नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (खे, खो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (ग, गी) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

धनु – ३०:३० से ०८:३४

मकर – ०८:३४ से १०:१५

कुम्भ – १०:१५ से ११:४१

मीन – ११:४१ से १३:०४

मेष – १३:०४ से १४:३८

वृषभ – १४:३८ से १६:३३

मिथुन – १६:३३ से १८:४८

कर्क – १८:४८ से २१:१०

सिंह – २१:१० से २३:२८

कन्या – २३:२८ से २५:४६

तुला – २५:४६ से २८:०७

वृश्चिक – २८:०७ से ३०:२७

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पञ्चक रहित मुहूर्त

मृत्यु पञ्चक – ०७:११ से ०८:३४

अग्नि पञ्चक – ०८:३४ से १०:१५

शुभ मुहूर्त – १०:१५ से ११:४१

रज पञ्चक – ११:४१ से १३:०४

अग्नि पञ्चक – १३:०४ से १४:३८

शुभ मुहूर्त – १४:३८ से १६:३३

रज पञ्चक – १६:३३ से १६:४२

शुभ मुहूर्त – १६:४२ से १८:४८

चोर पञ्चक – १८:४८ से २१:१०

शुभ मुहूर्त – २१:१० से २३:२८

रोग पञ्चक – २३:२८ से २५:३७

शुभ मुहूर्त – २५:३७ से २५:४६

मृत्यु पञ्चक – २५:४६ से २८:०७

अग्नि पञ्चक – २८:०७ से ३०:२७

शुभ मुहूर्त – ३०:२७ से ३१:११

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आपको घर के सदस्यों के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अनुभवियों से बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा। स्वभाव में आज नरमी रहेगी लेकिन अपना हित साधने के लिये क्रोध भी करेंगे। कार्य व्यवसाय आज भगवान भरोसे ही रहेगा लाभ के नजदीक पहुच कर कोई ना कोई बाधा आने से निराश होना पड़ेगा। दैनिक खर्च चलाने लायक धन भी मुश्किल से ही मिल सकेगा। मध्यान के बाद मित्र रिश्तेदारी से मिलकर मन की भड़ास निकालेंगे लेकिन ध्यान रहे परिजनों की बुराई भलाई से बचे अन्यथा बाद में ग्लानि होगी। सेहत में थोड़ा उतार चढ़ाव लगा रहेगा आंख अथवा कमर कंधे संबंधित समस्या गहरा भी सकती है। धन को लेकर व्यर्थ की भागदौड़ से बचे हासिल कुछ नही होगा।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज आपका मन थोड़ा उदासीन रहेगा कार्य व्यवसाय के कारण परिजनों को समय नही दे सकेंगे इस कारण मन दुखी भी होगा परन्तु परिजनों को समझाने में असफ़ल रहेंगे। दिन के आरंभ से ही किसी महत्तवपूर्ण कार्य के सिलसिले से व्यस्त हो जाएंगे आकस्मिक यात्रा भी हो सकती है। भाग दौड़ का फल मध्यान बाद मन को तसल्ली होगी धन की आमद आज निश्चित नही रहेगी फिर भी भविष्य के लिये लाभ के सौदे पक्के होंगे। आज भी धन लाभ आवश्यकता अनुसार हो ही जायेगा लेकिन संध्या का समय अत्यंत खर्चीला रहने के कारण बचत मुश्किल से ही कर पाएंगे। सेहत उत्तम रहेगी फिर भी खाने पीने में संयम रखें।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन सेहत में सुधार आएगा लेकिन स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहने से आस पास के लोगो को परेशानी होगी। घर एवं कार्य क्षेत्र पर लोगो को संदेह की दृष्टि से देखेंगे बाहर के लोग स्वार्थ के कारण कुछ नही कहेगे लेकिन घर मे किसी न किसी से अवश्य कहासुनी होगी। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा आशा ना रखें मध्यान तक मन मारके काम करेंगे लाभ भी उसी अनुसार सीमित ही होगा। घरेलू कार्य एवं परिजनों से किया वादा पूरा करने में आनाकानी करेंगे लेकिन मौज शौक के लिये तैयार रहेंगे घर मे कलह का यह भी एक कारण बन सकता है। संध्या बाद पराक्रम में वृद्धि होगी लेकिन स्वभाव पहले से अधिक रूखा भी बनेगा। 

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन घरेलू उलझनों को छोड़ अन्य विषयों में विजय दिलाने वाला रहेगा घर मे किसी सदस्य के कारण सामाजिक सम्मान में कमी आने की संभावना है बाद में पश्चाताप करने से पहले ही सतर्क रहें। धर्म कर्म आध्यात्म में आज रुचि कम ही रहेगी दैनिक पूजा पाठ भी व्यवहारिकता के लिये करेंगे लेकिन किसी को आवश्यकता पड़ने पर सहायता के लिये मना नहीं करेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज कम समय मे आशाजनक लाभ मिल सकता है लेकिन इसके लिए मन को मनोरंजन पर्यटन से हटा काम पर लगाना पड़ेगा। धन की आमद कम समय मे आवश्यकता अनुसार हो जाएगा। संध्या का समय लोगो की फरमाइशें पूरी करने में बीतेगा।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आपका स्वभाव अत्यंत जिद्दी रहेगा अपनी बात को मनवाकर ही दम लेंगे घर के सदस्यों के प्रति व्यवहार में कटुता रहेगी लेकिन विरोधियो के प्रति नरमी दिखाएंगे कार्य क्षेत्र अथवा सामाजिक स्तर पर इस वजह से हानि भी हो सकती है। व्यवसायियों को क्षेत्रीय कार्य की तुलना में विदेश अथवा बाहरी कार्यो से 

लाभ की संभावना अधिक है धन लाभ आज सामान्य रहेगा लेकिन दिखावे के खर्च अधिक रहेंगे। मौज शौक के लिये खर्च करने से पहले सोचेंगे नही महिलाए भी आज पुरुषों की तुलना में बराबर खर्चीली रहेंगी। घर में किसी वस्तु की खरीद के लिये बड़े बुजुर्गों से मतभेद हो सकते है। यात्रा से बचे अन्यथा धन व्यय के साथ सेहत भी खराब होगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन बुद्धि विवेक में वृद्धि होंगी लेकिन आलस रहने के कारण मेहनत करने से दूर भागेंगे व्यावसायिक क्षेत्र पर भी आज लेदेकर काम पूरा करने की वृत्ति से लाभ में कमी आएगी। धन लाभ की संभावना दिन भर लगी रहेगी लेकिन बार बार टलने से मन निराश होगा। लेखन अथवा कला के क्षेत्र से जुड़े जातको को आकस्मिक लाभ तो होगा लेकिन कटु अनुभवों से गुजरने के बाद ही। परिवार के सदस्यों में केवल स्वार्थ झलकेगा पिता से किसी बात को लेकर ठनेगी भाई बहनों से संबंध सामान्य रहने पर भी ज्यादा महत्त्व नहीं देंगे। मध्यान बाद एकांत स्थान पर भ्रमण का मन करेगा। सार्वजनिक क्षेत्र से प्रसन्नता दायक समाचार मिलेंगे लेकिन सुख बांटने वालो का अभाव खलेगा। अधूरे कार्य आज पूर्ण कर ले कल कलह क्लेश की भेंट चढ़ सकते है।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन भी प्रतिकूल रहने वाला है क्रोधी स्वभाव पर नियंत्रण रखें अन्यथा परिणाम गंभीर भी हो सकते है। कुछ दिनों से चल रही नाकामयाबी का क्रोध परिजनों के ऊपर उतारने से घर का वातावरण अशांत होगा इसकी ग्लानि भी होगी लेकिन सब अस्त व्यस्त होने के बाद कोई लाभ नही होगा। परिजन किसी ना किसी बात पर जले भुने रहेंगे बेहतर रहेगा आज मौन धारण करले। कार्य क्षेत्र पर आकस्मिक लाभ होने की संभावना है इसके लिये पूरा समय भी देना पड़ेगा लेकिन व्यवसाय के अतिरिक्त भी काम रहने से ये संभव नही हो सकेगा। विरोधी पीठ पीछे सक्रिय रहेंगे सामने बोलने की हिम्मत नही जुटा पाएंगे। कुछ समय के लिये कमजोरी एवं शारीरिक दर्द की समस्या अनुभव होगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज आप दिनभर आलस्य से भरे रहेंगे दिनचर्या धीमी गति से चलेगी। दिन के आरंभ से ही प्रत्येक कार्य में टालमटोल करेंगे लेकिन आराम ज्यादा देर नही कर पाएंगे कई दिन से लटके घरेलू कार्य सर पर आने से मजबूरी में करने पड़ेंगे अन्यथा घर मे कलह का भय रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज ज्यादा ध्यान नही दे सकेंगे फिर भी जरूरत के अनुसार धन की आमद थोड़े ही समय मे हो जाएगी संतोषि मन व्यर्थ के कामो से दूर रखेगा। संध्या का समय मनोरंजन में बीतेगा छोटी धार्मिक एवं पर्यटक यात्रा के योग भी बन रहे है खर्च आज आय की तुलना में दुगना होगा फिर भी अखरेगा नही। घर मे छोटी मोटी बातो पर कुछ समय के लिये अशांति बनेगी सेहत में थोड़ी नरमी रहेगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आपका ध्यान काम की बातों को छोड़ या तो मौज मस्ती में रहेगा अन्यथा एकांत में रहना पसंद करेंगे। मन से संतोषि नजर आएंगे लेकिन अंदर ही अंदर किसी विशेष कार्य को लेकर जोड़ तोड़ लगी रहेगी। स्वभाव आज भी परोपकारी ही रहेगा पूर्व में किये शुभ कर्मों के कारण शुभ समाचार भी मिलने की संभावना है मध्यान का समय भविष्य को लिये नई दिशा प्रदान करेगा। समाज के वरिष्ठ व्यक्तियों का अप्रत्याशित सहयोग मिलने से उत्साहित रहेंगे। इसके बाद का अधिकांश समय घरेलू कार्य सुलझाने में व्यतीत होगा संध्या के समय आनंद प्राप्ति के अवसर भी मिलेंगे खर्च पर नियंत्रण करने का पूरा प्रयास रहेगा फिर भी परिजनों की प्रसन्नता के लिए थोड़ा बहुत खर्च करना ही पड़ेगा। पेट संबंधित व्याधि हो सकती है।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज आपका ध्यान अनर्गल बातो में अधिक रहेगा दुसरो को सताने में आंनद आएगा लेकिन किसी की नाराजगी के बाद कि स्थिति से अनजान रहेंगे। स्वभाव में चंचलता रहेगी सभी से नरमी से पेश आएंगे परिजनों का व्यवहार भी आपके प्रति अच्छा रहेगा लेकिन उटपटांग हरकतों से आस पास के लोगो को असहज करेंगे किसी बड़े से डांट भी सुनने मिलेगी। कार्य क्षेत्र पर आज जबरदस्ती खाना पूर्ति के लिये ही कार्य करेंगे बाहर घूमना मनोरंजन की ओर ध्यान रहने से लाभ को ज्यादा महत्त्व नही देंगे। आज मध्यान के आस पास धन की आमद होने से अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक प्रसन्नता होगी। महिलाए भी कामना पूर्ति के लिये सुबह से नाराज रहेंगी मध्यान बाद पूर्ण होने पर प्रसन्न हो जाएंगी। सेहत में संध्या बाद बदलाव आने की संभावना है सतर्क रहें।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन भी आपको सावधान रहने की सलाह है आज आपकी आशा के एकदम विपरीत दिनचर्या रहेगी। आकस्मिक धन हानि के योग बन रहे है चाहे किसी भी रूप में हो। कार्य क्षेत्र पर आज भी स्थिति नुकसान दायक रहेगी किसी भी वस्तु का संग्रह ना करे। मध्यान का समय धन संबंधित मामलों को लेकर अधिक बेचैन रहेंगे कही से कोई आशा ना दिखने से मन मे नकारात्मक भाव आएंगे। आज किसी से मदद की उम्मीद ना रखे नाही कुछ मांगे अन्यथा सामने वाले के प्रति हीं भावना आने से आगे के लिए व्यवहार खराब होंगे। संध्या का समय दिन की तुलना में बेहतर रहेगा मन ना होने पर भी मनोरंजन के अवसर मिलने से मानसिक रूप से हल्का पन आएगा। घर मे किसी से बहस ना करे सेहत नरम-गरम रहेगी।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आपके विचार कई दिनों बाद अन्य लोगो से मेल खाएंगे। सामाजिक क्षेत्र पर आपका व्यक्तित्त्व निखरा रहेगा लेकिन घर मे आपकी दाल नही गलेगी परिजन आपके रहस्यमयी स्वभाव से चिढ़े रहेंगे। नौकरी पेशाओ के लिये दिन व्यवसायी वर्ग की तुलना में अधिक आनंद दायक रहेगा दिन भर आराम के साथ मनोरंजन के अवसर भी सुलभ होंगे लेकिन मन किसी कारण से भयभीत भी रहेगा। व्यवसायी वर्ग मध्यान तक कारोबारी माथापच्ची में रहेंगे किसी अधूरे कार्य को पूर्ण करने के बाद काम करने का मन नही करेगा। मित्र परिजनों के साथ देव यात्रा मौज-मस्ती करने का मौका मिलेगा खर्च भी आज आवश्यकता से अधिक होगा। अपने साथ परिजनों की सेहत का ख्याल रखें सर्दी संबंधित संमस्या हो सकती है।

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*जय श्री राम* 

 *जय श्री कृष्ण*

**वृक्षों एवं पौधों का धार्मिक महत्व*

*हमारी धर्म संस्कृति में वृक्षों को देवता स्वरूप माना गया है। मनु-स्मृति के अनुसार वृक्ष योनि पूर्व जन्मों के कर्मों के फलस्वरूप मानी गयी है। परमात्मा द्वारा वृक्षों का सर्जन परोपकार एवं जनकल्याण के लिए किया गया है।*

*(1) तुलसी- तुलसी एक बहुश्रुत, उपयोगी वनस्पति है। स्कन्दपुराण एवं पद्मपुराण के उत्तर खण्ड में आता है कि जिस घर में तुलसी होती है वह घर तीर्थ के समान होता है। समस्त वनस्पतियों में सर्वाधिक धार्मिक, आरोग्यदायिनी एवं शोभायुक्त तुलसी भगवान नारायण को अतिप्रिय है। तुलसी माला से मन्त्र जाप अधिक शुभ फलदायी होते है। तुलसी के समीप किया गया अनुष्ठान अत्यन्त पुण्यदायी एव ंसद्गति प्राप्त कराता है।*

*(2) बिल्वपत्र- शिवपुराण के अनुसार बिल्व पत्र का महत्व इस प्रकार है। एक बिल्व पत्र रोज चढ़ाने से मनुष्य संसार सागर में गोते नहीं खाता, इस संसार में पुण्यात्मा रूप में सुविख्यात होता है। बिल्व पत्र का पौधा पोषित करने वाले को अनन्त पुण्य फल मिलता है। भगवान शंकर के तीर्थ स्थलों पर बिल्वपत्र का पेड़ लगाने की प्राचीन परम्परा है।*

*(3) केला- केला, विष्णुपूजन के लिये उत्तम मानी गई है। गुरूवार को बृहस्पति पूजन में केल का पूजन अनिवार्य हैं। हल्दी या पीला चन्दन, चने की दाल, गुड़ से पूजा करने पर विद्यार्थियों को विद्या तथा कुँवारी कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है।*

*(4) पीपल- पीपल के वृक्ष में अनेकों देवताओं का वास माना गया है। पीपल के मूल भाग में जल, दूध चढ़ाने से पितृ तृप्त होते है तथा शनि शान्ति के लिये भी शाम के समय सरसों के तेल का दिया लगाने का विधान है। शनिश्चरी अमावस्या, सोमवती अमावस्या, हरियाली अमावस्या को पीपल पूजन एवं पीपल के फेरे लिये जाते है। पीपल का वृक्ष लगाने एवं सेवा करने से वंशवृद्धि होती है।*

*(5) बड़- बड़ वृक्ष की पूजा सौभाग्य प्राप्ति के लिये की जाती है। जिस प्रकार सावित्री ने बड़ की पूजा कर यमराज से अपनी पति के जीवित होने का वरदान मांगा था। उसी प्रकार सौभाग्य वती स्त्रियां अपने पति की लम्बी उम्र की कामना हेतु यह व्रत करके बड़ वृक्ष की पूजा एवं सेवा करती है।*

*(6) आँवला- आँवले का वृक्ष आरोग्यवर्धक, तेज एवं मेधा प्रदान करने वाला होता है। परिवार की उत्तम स्वास्थ्य की कामना हेतु आँवला नवमी पर इसकी पूजा का विधान है। आँवले के वृक्ष के नीचे ब्राह्मण भोजन कराने तथा दान देने का विशेष फल है।*

*(7) पलाश- वेदों में पलाश को ब्रह्म वृक्ष कहा गया है। पलाश के प्रति श्रद्धाभाव ऋषियों ने इस प्रकार व्यक्त किया-*

*ब्रह्मवृक्ष पलाशस्तवं श्रद्धां मेधां च देहि मे।*

*वृक्षाधिपो नमस्तेस्तु त्वं चात्र सन्निधो भव।।*

*अर्थात् हे पलाशरूपी ब्रह्मवृक्ष! आप समस्त वृक्षों के राजा है आप मुझे श्रद्धा और मेधा प्रदान करें। आपको मेरा नमस्कार है मैं इस वृक्ष में आपका आव्हान करता हूँ, इसमें आप सन्निहित हो जाये।*

*कुछ विशेष कामना सिद्धि हेतु कौन से वृक्ष लगाये-*

*(1) लक्ष्मी प्राप्ति के लिए- तुलसी, आँवला, केला, बिल्वपत्र का वृक्ष लगाये।*

*(2) आरोग्य प्राप्ति के लिए- ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, आँवला, सूरजमुखी, तुलसी लगाये।*

*(3) सौभाग्य प्राप्ति हेतु- अशोक, अर्जुन, नारियल, बड़ (वट) का वृक्ष लगाये।*

*(4) संतान प्राप्ति हेतु- पीपल, नीम, बिल्व, नागकेशर, गुड़हल, अश्वगन्धा को लगाये।*

*(5) मेधा वृद्धि प्राप्ति हेतु- आँकड़ा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी, तुलसी लगाये।*

*(6) सुख प्राप्ति के लिए- नीम, कदम्ब, धनी छायादार वृक्ष लगाये।*

*(7) आनन्द प्राप्ति के लिए- हरसिंगार (पारिजात) रातरानी, मोगरा, गुलाब लगाये।*

*श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।* *सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने॥*

  *सुप्रभात, आपका जीवन मंगलमय हो*

संभलने की आवश्यकता है 

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1. चोटियां छोड़ी ,

2. टोपी, पगड़ी छोड़ी ,

3. तिलक, चंदन छोड़ा ,

4. कुर्ता छोड़ा ,धोती छोड़ी ,

5. यज्ञोपवीत छोड़ा ,

6. संध्या वंदन छोड़ा ,

7. रामायण पाठ, गीता पाठ छोड़ा ,

8. महिलाओं, लड़कियों ने साड़ी छोड़ी, बिछिया छोड़े, चूड़ी छोड़ी , दुपट्टा, चुनरी छोड़ी, मांग बिन्दी छोड़ी, 

9. पैसे के लिये, बच्चे छोड़े ,

10. संस्कृत छोड़ी, हिन्दी छोड़ी,

11. श्लोक छोड़े, लोरी छोड़ी ,

12. बच्चों के सारे संस्कार (बचपन के) छोड़े ,

13. सुबह शाम मिलने पर राम राम छोड़ी ,

14. पांव लागूं, चरण स्पर्श, पैर छूना छोड़े ,

15. घर परिवार छोड़े (अकेले सुख की चाह में संयुक्त परिवार)।

अब कोई रीति या परंपरा बची है? ऊपर से नीचे तक गौर करो, तुम कहां पर हिन्दू हो, भारतीय हो, सनातनी हो, ब्राह्मण हो, क्षत्रिय हो, वैश्य हो या कुछ और हो कहीं पर भी उंगली रखकर बता दो कि हमारी परंपरा को मैंने ऐसे जीवित रखा है।

जिस तरह से हम धीरे धीरे बदल रहे हैं- जल्द ही समाप्त भी हो जाएंगे।

बौद्धों ने कभी सर मुंड़ाना नहीं छोड़ा!

सिक्खों ने भी सदैव पगड़ी का पालन किया!

मुसलमानों ने न दाढ़ी छोड़ी और न ही 5 बार नमाज पढ़ना!

ईसाई भी संडे को चर्च जरूर जाता है!

फिर हिन्दू अपनी पहचान-संस्कारों से क्यों दूर हुआ? 

कहाँ लुप्त हो गयी- गुरुकुल की शिखा, यज्ञ, शस्त्र-शास्त्र, नित्य मंदिर जाने का संस्कार ?

हम अपने संस्कारों से विमुख हुए, इसी कारण हम विलुप्त हो रहे हैं।

अपनी पहचान बनाओ! 

अपने मूल-संस्कारों को अपनाओ!!!