आज का पंचाग आपका राशि फल, आज दीपावली पर्व पर करें महालक्ष्मी अष्टकम् पाठ, योगी आदित्यनाथ ने बढ़ाई अवध की छटा, कंबन रामायण में हनुमान स्तवन, गायत्री तीर्थ की प्रमुख दीदी शैलबाला

  𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
श्री हरिहरो
विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓
*◕◕◕◕◕◕◕◕⊰⧱⊱◕◕◕◕◕◕◕◕*

*सोमवार, २४ अक्टूबर २०२२*
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
सूर्योदय: 🌄 ०६:२६
सूर्यास्त: 🌅 ०५:३९
चन्द्रोदय: 🌝 ३०:०३
चन्द्रास्त: 🌜१७:०६
अयन 🌖 दक्षिणायने
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 कार्तिक
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 चतुर्दशी (१७:२७
से अमावस्या)
नक्षत्र👉हस्त(१४:४२से चित्रा)
योग 👉 वैधृति (१४:३३ से
विष्कुम्भ)
करण 👉 शकुनि (१७:२७
से चतुष्पाद)
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 तुला (२६:३३ से)
मंगल🌟मिथुन
(उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध🌟तुला(अस्त,पूर्व,मार्गी)
गुरु🌟मीन (उदित, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (अस्त, पूर्व)
शनि🌟मकर(उदित,पूर्व,वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३८ से १२:२३
अमृत काल 👉 ०८:४० से १०:१६
विजय मुहूर्त 👉 १३:५३ से १४:३८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२६ से १७:५०
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:३७ से १८:५४
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३६ से २४:२७
राहुकाल 👉 ०७:४९ से ०९:१३
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:३७ से १२:०१
होमाहुति 👉 केतु
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी (१७:२७ तक)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम २६:३३ से)
शिववास 👉 श्मशान में (१७:२७ से गौरी के साथ)
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
☄चौघड़िया विचार☄
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पश्चिम-दक्षिण (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
नरक (रूप) चतुर्दशी (अरुणोदय स्नान), दीपावली (श्रीमहालक्ष्मी पूजन) आदि।
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
आज १४:४२ तक जन्मे शिशुओ का नाम
हस्त नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (ण, ठ) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम चित्रा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (पे, पो, रा) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – २९:५८ से ०८:१९
वृश्चिक – ०८:१९ से १०:३८
धनु – १०:३८ से १२:४२
मकर – १२:४२ से १४:२३
कुम्भ – १४:२३ से १५:४९
मीन – १५:४९ से १७:१२
मेष – १७:१२ से १८:४६
वृषभ – १८:४६ से २०:४१
मिथुन – २०:४१ से २२:५६
कर्क – २२:५६ से २५:१७
सिंह – २५:१७ से २७:३६
कन्या – २७:३६ से २९:५४
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
पञ्चक रहित मुहूर्त
चोर पञ्चक – ०६:२५ से ०८:१९
शुभ मुहूर्त – ०८:१९ से १०:३८
रोग पञ्चक – १०:३८ से १२:४२
शुभ मुहूर्त – १२:४२ से १४:२३
मृत्यु पञ्चक – १४:२३ से १४:४२
अग्नि पञ्चक – १४:४२ से १५:४९
शुभ मुहूर्त – १५:४९ से १७:१२
मृत्यु पञ्चक – १७:१२ से १७:२७
अग्नि पञ्चक – १७:२७ से १८:४६
शुभ मुहूर्त – १८:४६ से २०:४१
रज पञ्चक – २०:४१ से २२:५६
शुभ मुहूर्त – २२:५६ से २५:१७
चोर पञ्चक – २५:१७ से २७:३६
शुभ मुहूर्त – २७:३६ से २९:५४
रोग पञ्चक – २९:५४ से ३०:२५
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

*शुभम् करोति कल्याणम्,

आरोग्यम् धन संपदा, 

शत्रुबुद्धि विनाशाय,

दीप ज्योति नमो़स्तुते,

दीप ज्योतिः परब्रह्म,

दीप ज्योति जनार्दनः,

दीपो हरतु मे पापम्,

दीप ज्योति नमोस्तुते,

“रिद्धि दे, सिद्धि दे,
वंश में वृद्धि दे,
ह्रदय में ज्ञान दे,चित्त में ध्यान दे, अभय वरदान दे,
दुःख को दूर कर, सुख भरपूर कर, आशा को संपूर्ण कर,
सज्जन जो हित दे, कुटुंब में प्रीत दे,
जग में जीत दे,
माया दे, साया दे, और निरोगी काया दे,
मान-सम्मान दे, सुख समृद्धि और ज्ञान दे,
शान्ति दे, शक्ति दे, भक्ति भरपूर दें…”

आप सभी को पंचदिवसीय प्रकाश पर्व – धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा, भाईदूज की अनन्त हार्दिक शुभकामनाएं।

आपको सपरिवार

            दीपावली, गोवर्धन पूजा एवं भैयादूज की हार्दिक शुभकामनाएँ💐💐…

             प्रकाश पर्व दीपावली मां लक्ष्मी आपके जीवन को सुख, समृद्धि, यश-कीर्ति व धन-सम्पदा से परिपूर्ण बनाये रखे और आपका जीवन सदा इसी प्रकार प्रकाश पुंज की तरह जगमगाता रहे, यही मेरी आपको मंगलमयी शुभकामनाएँ हैं !!!✍️हरीश मैखुरी 

  🙏🪴🪴 🌹🌹😊🙏💐💐🌺🌺
आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन भी आपके धन कोष अथवा अन्य सुख के साधनों में वृद्धि करेगा। कार्य व्यवसाय में पहले से चल रही योजना फलीभूत होने से धन की आमद होगी। भविष्य के लिये भी लाभ के सौदे हाथ लगेंगे। सहकर्मियों का साथ मिलने से निश्चित कार्य समय से पूर्ण कर सकेंगे। महिलाये को शारीरिक कमजोरी के कारण दैनिक कार्यो के अतिरिक्त घर की व्यवस्था सुधारने में परेशानी होगी। कंजूस प्रवृति के कारण घर के किसी सदस्य से मतभेद की संभावना है। आज आप अपनी गलती जानते हुए भी अपनी बात पर अडिग रहेंगे जिससे आस-पास का वातावरण कुछ समय के लिये खराब होगा। व्यवसायिक यात्रा से लाभ हो सकता है। छोटी-मोटी व्याधि को छोड़ सेहत सामान्य रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज आपको अपनी बुद्धि चातुर्य पर गर्व रहेगा। अतिआत्मविश्वास से भरे रहेंगे प्रत्येक कार्य को मामूली समझ कर बाद के लिये टालेंगे परन्तु अंत समय मे पूर्ण करने में पसीने छूटेंगे। सरकारी कार्य को लेकर भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। काम-धंधा पहले से कुछ कम रहेगा जोड़ तोड़ कर ही धन की प्राप्ति हो सकेगी। आज कम समय और परिश्रम से अधिक लाभ कमाने की योजना मन मे रहेगी लेकिन अवसर ना मिलने के कारण लाभ नही उठा सकेंगे। महिलाये जितना कार्य करेंगी उससे ज्यादा सुनाएंगी। घर के सभी सदस्य स्वय को दूसरे से बेहतर प्रदर्शित करेंगे। छोटी-छोटी बातों पर नोकझोंक होगी। दिनचार्य संयमित ना रहने से सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन सावधानी से बिताने की सलाह है। दिन के आरंभ से ही मन मे अकारण क्रोध रहेगा। परिजनों से जिस बात का भय रहेगा मध्यान तक उसके पूर्ण होने पर वातावरण खराब होगा। भाई बंधुओ में भी किसी ना किसी कारण से अनबन रहेगी। कार्य क्षेत्र पर सामान्य दिनचार्य रहते हुए भी किसी से धन को लेकर उग्र वार्ता होने की संभावना है। आज आप वरिष्ठ व्यक्तियों के परामर्श को भी नजरअंदाज करेंगे जिसके परिणाम स्वरूप किसी ना किसी रूप में धन एवं सम्मान हानि देखनी पड़ेगी। लोगो को शक की दृष्टि से देखने आपको महत्त्व नही मिलेगा। औरो को बेचैनी में डालकर स्वयं अपने मे मस्त रहेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप दैनिक कार्यो में व्यस्त रहेंगे दिनचार्य उटपटांग रहने से निराश भी होंगे मध्यान तक किसी भी कार्य को दिशा ना मिलती देख मेहनत व्यर्थ होती प्रतीत होगी लेकिन हताश ना हो आज देर से ही सही लाभ अवश्य होगा। आर्थिक मामले अन्य कार्यो की अपेक्षा ज्यादा उलझेंगे फिर भी संध्या तक धन की आमद संतोषजनक हो जाएगी। अधिकारियो से सतर्क रहना पड़ेगा गलती करने पर ज्यादा भार सौपेंगे। महिलाओ का मन आध्यात्म में डूबा रहेगा मनोकामना पूर्ति में विलंब से उदास रहेंगी। आकस्मिक कार्य आने से यात्रा अथवा अन्य आवश्यक कार्य निरस्त करने पड़ेंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन साधारण रहेगा आज आप अपनी व्यक्तिगत उलझनों के कारण अन्य लोगो को परेशान करेंगे लेकिन ध्यान रहें गुप्त बातो को आज परिजनों से भी ना बाटें। आप जिसे अपना हितैशी समझेंगे वही आपका भेद सार्वजनिक करके परेशानी बढ़ायेगा। कार्य व्यवसाय से भी निराशा ही मिलेगी फिर भी एक दो लाभ कमाने के अवसर अवश्य मिलेंगे इन्हें हाथ से ना जाने दें अन्यथा ज्यादा पाने के चक्कर मे इनसे भी हाथ धोना पड़ेगा। पारिवारिक वातावरण में स्वार्थ सिद्धि की भावना रहेगी इच्छा पूर्ति होने तक ही स्नेह सम्मान मिलेगा अन्यथा नही। स्वास्थ्य आज फिर से नरम होगा सचेत रहें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप अपने हास्य भरे व्यवहार से आस पास का वातावरण खुशनुमा बनाएंगे। व्यवहार में भी नरमी रहने से लोग आपके साथ समय बिताना पसंद करेंगे। कार्य क्षेत्र की चुनोतियाँ कुछ समय के लिये दुविधा में डालेंगी समय पर सहयोग मिलने पर इनसे भी पार पा ही लेंगे। धन संबंधित मामलों को लेकर आज ज्यादा तामझाम में नही पड़ेंगे दोपहर तक लाभ की संभावनाए ही दिखेंगी इसके संध्या के आसपास अकस्मात होने से दैनिक खर्च निकल जाएंगे। महिलाये अधिक चंचल रहेंगी खुद किसी को कुछ भी बोलेंगी लेकिन किसी की मामूली बात को दिल से लगा लेंगी। जुखाम-बुखार होने से परेशानी होगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपकी आशाओ के विपरीत रहने वाला है अतिमहत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले किसी अनुभवी की सलाह अवश्य लें अथवा आगे के लिए निरस्त करें। जहाँ से लाभ की उम्मीद लगाए रहेंगे वहां हानि होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र के साथ घरेलू कार्य करते समय सावधानी बरतें टूट-फुट अथवा अन्य क्षति हो सकती है। आर्थिक योजनाए आज किसी ना किसी कारण से अधर में लटकी रहेंगी। खर्च निकालने के लिये ले देकर कार्य करना पड़ेगा। मित्र रिश्तेदारों से कोई अशुभ समाचार मन की बेचैनी बढ़ायेगा। परिजन को छोड़ अन्य लोगो से मदद की आशा ना रखें। स्वास्थ्य में उतारचढ़ाव लगा रहेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। पूर्व में किये शुभकर्मों का फल आज किसी ना किसी रूप में अवश्य मिलेगा। सार्वजनिक क्षेत्र से मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। विरोधी चाहकर भी आपको क्षति नही पहुचा सकेंगे। समाज के उच्चप्रतिष्ठित लोगो के साथ मेलजोल बढेगा आपकी क्षवि भी उच्चवर्गीय जैसी बनेगी। लेकिन कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी ईर्ष्या का भाव रखेंगे जानबूझ कर बना बनाया कार्य बिगाड़ सकते है सतर्क रहें। धन की कामना समय से थोड़ा विलम्ब लेकिन पूर्ण होगी। गृहस्थ सुख उत्तम रहेगा। भजन पूजन में समय देंगे। सेहत का भी ख्याल रखें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन सिद्धिदायक है लेकिन आज किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी योजना बनाकर ही करें सफलता निश्चित मिलेगी इसके विपरीत जल्दबाजी में किया कार्य केवल हानि ही कराएगा। आध्यात्म में भी उन्नति के योग बन रहे है पूजा पाठ का सकारात्मक परिणाम मिलेगा। नौकरी वाले जातक अधिकारियों का प्रोत्साहन मिलने से उत्साहित रहेंगे। सरकारी कार्य मे आज आलस ना करें थोड़ी सी भागदौड़ से पूर्ण हो सकते है। सरकारी क्षेत्र से शुभ समाचार मिलेंगे। लोन अथवा अन्य धन संबंधित कागजी कार्य आज करना उत्तम रहेगा। परिवार में शांति रहेगी लेकिन महिलाओ का मन आज असंतुष्ट ही रहेगा। ठंडी चीजो का सेवन करने से बचे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आपको पूर्व में की किसी गलती अथवा आचरण का अफसोस होगा गलती मान लेने पर आपसी मतभेद शांत होंगे। घरेलू कार्य अथवा परिजनों की आवश्यकता पूर्ति समय से करेंगे। कार्य क्षेत्र से आज लाभ की संभावनाए कम ही रहेंगी धन की आमद अल्प रहने से खर्चो पर नियंत्रण करना पड़ेगा। घर का वातावरण मंगलमय रहेगा धार्मिक पूजापाठ में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे। दैनिक जीवन की उलझनों के बाद भी विवेक जाग्रत रहने से मन शांत रहेगा। विरोधी किसी भी प्रकार से आपकी शांति को भंग नही कर पाएंगे। आरोग्य अच्छा रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आप दिनभर शारीरिक समस्या से जूझेंगे मौसमी बीमारियों का प्रकोप परिवार के सदस्यों को भी प्रभावित करेगा। अव्यवस्था रहने से प्रत्येक कार्य विलम्ब से चलेंगे पूर्ण होने में भी विलम्ब होगा। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा उम्मीद नही रहेगी आज पूर्ण होने वाले कार्य भी दौड़-धूप की कमी के कारण आगे के लिये निरस्त होंगे। धन संबंधित समस्या नही रहेगी फिर भी व्यर्थ के खर्च आने से मन दुखी होगा। महिलाये चाह कर भी घर को व्यवस्थित रूप से चलाने मे असफल रहेंगी। संध्या के समय परेशानी बढ़ेगी। घर अथवा बाहर किसी भी प्रकार के जोखिम से बचें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आप अपनी व्यवहार कुशलता से बिगड़े कार्यो को भी बनाने की क्षमता रखेंगे। मित्र परिजन विषम परिस्थितियों से बाहर निकालने के लिये आपका सहयोग मांगेंगे अपना महत्त्व बढ़ता देख थोड़ी बहुत अहम की भावना भी आएगी जरूरत मंदों को व्यर्थ के चक्कर लगवाएंगे। कार्य क्षेत्र पर जिस काम को हाथ मे लेंगे उसमे निश्चित सफलता मिलेगी। प्रतियोगी परीक्षा में भी सफल होने की संभावना अधिक है। बेरोजगार लोग आज प्रयास करें अवश्य अनुकूल रोजगार से जुड़ सकते है। व्यवसाय में मंदी के बाद भी धन का प्रबंध आवश्यकता के समय कही ना कही से हो ही जायेगा। खान-पान संयमित रखें सेहत खराब हो सकती है।
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰आज दीपावली पर्व पर करें महालक्ष्मी अष्टकम् पाठ धनलक्ष्मी होगी प्रसन्न 

*नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।

शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।1।।

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।

सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।2।।

 

सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।

सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।3।।

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।

मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।4।।

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।

योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।5।।

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।

महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।6।।

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।

परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।7।।

श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।

जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।8।।

स्तोत्र पाठ का फल

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।

सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।9।।

एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।

द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।10।।

त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।

महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।11।।

जब विश्व का सबसे शक्तिशाली संत भगवान राम सीता और लक्ष्मण को अपने साथ लेकर चला !! मानो त्रेता युग फिर से आ गया हो !!

देश के सबसे बड़े राज्य का सबसे आदर्श मुख्यमंत्री जो 100% ईमानदारी से जनहित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता पाया गया। यूपी जैसे खूंखार विशाल प्रदेश में पुख्ता कानून व्यवस्था,भयमुक्त जनता और रामराज की साकार कल्पना का दृढ़ संकल्प से कोई ब्रह्मचारी संत ही कर सकता है।अपराधी,भ्रष्टाचारी,चोर,उचक्के लुटेरे जिसके नाम से थर्राते हैं। अपराधी को ढूढो और देखते ही ठोको उसकी पाप से अर्जित सारी संपति को जप्त कर उसके घर की बुनियाद तक खोद डालो।शारारिक कद भले कम है लेकिन विचार आकाश की तरह ऊंचे हैं।भारत के इस महान संत को भला संसार में कौन नहीं जानता?

आदरणीया शैल बाला पण्ड्या

श्रीमती शैलबाला पण्ड्या सुपुत्री वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं.श्रीराम शर्मा एवं शक्ति स्वरूपा माता भगवती देवी शर्मा।

प्रमुखः श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट, शांतिकुंज

वर्तमान प्रमुख (संचालिका) शांतिकुंज आश्रम – गायत्री परिवार का मुख्यालय ।
सफलता पूर्वक मुख्यालय का प्रबंध संचालन।

धर्मपत्नी डॉ.प्रणव पण्ड्या ( कुलाधिपति- देव संस्कृति विश्वविद्यालय व निदेशक-ब्रह्मवचर्स शोध संस्थान ) के साथ इस विशाल संगठन के क्रियान्वयन में सहभागीदारी।

जीवन वृत्त

जन्म 20 दिसम्बर, 1953 (गीता जयंती) अखण्ड ज्योति संस्थान, घीयामण्डी, मथुरा।

माता पिता के सानिध्य एवं आध्यात्मिक परिवेश में पालन।

देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय इन्दौर से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि।

स्नातक शिक्षण के साथ अन्य गतिविधियाँ एवं एन.सी.सी.का उच्च शिक्षण।

इन्दौर विश्वविद्यालय, भारत से चिकित्सकीय मनोविज्ञान के क्षेत्र में सराहनीय शोधकार्य एवं लेखन।

फरवरी 1968 से प. पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा से गायत्री परिवार के क्रिया कलापों में सक्रिय भागीदारी । 1978 से डॉ.प्रणव पण्ड्या व डेढ़ वर्ष के पुत्र चिन्मय के साथ शांतिकुंज में निवास प्रारम्भ।

1980 से 1994 तक परम पूज्य गुरुदेव एवं वंदनीया माता के साथ नारी जागरण अभियान में सक्रिय भागीदारी व भारत के बाहर लाखों व्यक्तियों को प्रवचन से सम्बोधन।

परम वंदनीया माताजी के महाप्रयाण के पश्चात 1994 से मातृसत्ता के रूप में एवं गुरुसत्ता के सूक्ष्म मार्गदर्शन में गायत्री परिवार की देखभाल।

प्रतिदिन हजारों लोगों को असीमित प्यार व दुलार, उनके कष्ट निवारण एवं हजारों की संख्या में भेंटवार्ता।

सफलता पूर्वक इस मिशन का कार्य संचालन करते हुए भारत व भारत के बाहर प्रतिदिन 3 हजार से अधिक पत्रों का पत्राचार द्वारा व्यक्तिगत समाधान।

*_🔆…कंबन-रामायण का श्रीहनुमतस्तवन…🔆_*
_महाकवि कंबन ने तमिळ भाषा में श्रीरामकथा को *’रामावतारम्’* नामक ग्रन्थ के रूप में प्रस्तुत किया है। उस महाकाव्य के प्रारम्भ में ध्यान के छन्दों में एक रसपूर्ण एवं रहस्यपूर्ण वर्णन मिलता है, जो श्रीहनुमानपरक है। श्रीमारुति का गगनमार्ग से समुद्र पार करके लंका पहुँचना, भगवती सीतादेवी से मिलना और लंका में आग लगाना-ये तीन वृत्तान्त छन्द में कहे गये हैं। संकेत से कहकर भी श्रीहनुमानजी के पराक्रम, असीम ज्ञान, भक्ति या किसी वीरतासूचक वृत्तान्त को इस तमिळ छन्द में नहीं कहा गया है, यह सांकेतिकता ही इस छन्द का सौन्दर्य है। छन्द की अन्तिम पङ्क्ति में ‘श्रीहनुमानजी हमारी रक्षा करें – कहकर संरक्षण हेतु प्रार्थना की गयी है-_
_*आञ्जिले ओन्रु पेट्रान आञ्जिले ओनरेत्तावि*_
_*आञ्जिले ओन्रु आराग आरियरक्काग एगि*_
_*आञ्जिले ओन्रु पेट्र अणंगु कण्डु अयलार ऊरिल्*_
_*आञ्जिले ओनूरै वैत्तान् अवन् एम्मै अलित्तुक्काप्पान् ॥*_
_इस तमिळ छन्द की एक विशेषता यह है कि श्रीहनुमानजी के नाम का इसमें कहीं भी उल्लेख नहीं है। भगवती सीतादेवी तथा लंका का नाम भी नहीं आया है। समुद्र-शब्द भी इस छन्द में नहीं मिलता। किसी का भी नाम न कहते हुए कवि ने यहाँ सारे वृत्तान्त का वर्णन कर दिया है। इस तमिळ छन्द के भावार्थ को हिन्दी-भाषा में इस प्रकार प्रस्तुत किया जा सकता है-_
_*’अञ्जु’* शब्द यहाँ पाँच बार आया है। इस शब्द का अर्थ है— *’पाँच’*। *’ओन्रू’* का अर्थ *’एक’* है। प्रत्येक पङ्क्ति में आनेवाला *’अञ्जु’* शब्द पञ्चभूत को इङ्गित करता है। प्रत्येक जगह *’आञ्जिले ओन्रु’* से पञ्चभूतों में से एक-एक करके क्रमशः वायु, जल, आकाश, पृथ्वी एवं अग्नि संकेतित होते हैं। इसी क्रम से ये पाँचों भूत आते हैं। श्रीहनुमानजी तो वायुकुमार हैं। वे जल- समुद्र को पार करके उस पार के तट पर पहुँचते हैं। किस मार्ग से होकर जाते हैं? आकाश ही मार्ग बन जाता है। आर्य श्रीराम के दूत बनकर वे भगवती सीतादेवी की खोज में निकले हुए हैं। वे लंका में जाकर उधर पृथ्वी से उत्पन्न श्रीसीताजी का दर्शन करते हैं। क्षितिजा भगवती श्रीसीता से मिलने के बाद (पञ्चभूतों का वह अंश, जो अबतक वर्णन करने से रह गया था, उस) आग से श्रीहनुमानजी लंका दहन करते हैं। लंका का भाव हमें यहाँ *’अयलार ऊर’* शब्दों से मिलता है, जिसका अर्थ है- *’पर जनों के क्षेत्र में’*। ये सब कार्य जिन्होंने किये, वे अपनी कृपा से हमारी रक्षा करें।_
_इस छन्द में श्रीहनुमानजी की सम्पूर्ण वीर गाथा हमें संक्षेप में मिलती है। इन चार पङ्क्तियों में एक प्रकार से पूरा सुन्दरकाण्ड ही प्रस्तुत माना जा सकता है। इसका हिंदी रूपान्तर इस प्रकार है-_
_*पाँचों में एक का पुत्र, पाँचों में एक को लाँघ के*_
_*पाँचों में एक के मार्ग से, आर्यों के नाते पहुँच के*_
_*पाँचों में एक की पुत्री देख के विजनों के क्षेत्र में*_
*_पाँचों में एक लगाया, वह हमारी रक्षा करे।_*
_इन पङ्क्तियों के लेखक के हृदय का मूल उद्देश्य सम्भवतः यह वर्णित करना है कि जितेन्द्रिय श्रीहनुमानजी के सामने पाँचों भूत नतमस्तक है, सतत उनके सेवक है। ऐसा है श्रीहनुमानजी का पञ्चभूतव्यापी प्रभाव और ऐसे है श्रीहनुमानजी के महिमामय दिव्य कार्य । उन श्रीहनुमानजी की आत्म-हित एवं सर्व-हित के लिये अव्यर्थ कृपा सतत अपेक्षित है।_
*_🚩श्री हनुमंत शरणम् ममः 🚩_*