आज का पंचाग आपका राशि फल, 5000 वर्ष के इतिहास में ब्राह्मणों द्वारा किए गये कुछ विश्व कल्याणकारी महान अविष्कार, वाराह और सुअर के भेद को समझें

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻रविवार, २३ जुलाई २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:५०
सूर्यास्त: 🌅 ०७:१६
चन्द्रोदय: 🌝 १०:१०
चन्द्रास्त: 🌜२२:३५
अयन 🌖 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (पिंगल)
मास 👉 श्रावण (प्रथम, अधिक)
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पञ्चमी (११:४४ से षष्ठी)
नक्षत्र 👉 उत्तराफाल्गुनी (१९:४७ से हस्त)
योग 👉 परिघ (१४:१७ से शिव)
प्रथम करण 👉 बालव (११:४४ तक)
द्वितीय करण 👉 कौलव (००:४७ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कर्क
चंद्र 🌟 कन्या
मंगल 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कर्क (उदय, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५६ से १२:५१
अमृत काल 👉 ११:४४ से १३:३२
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 पूरे दिन
अमृतसिद्धि योग 👉 १९:४७ से ०५:३१
रवियोग 👉 १९:४७ से ०५:३१
विजय मुहूर्त 👉 १४:४१ से १५:३६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:१५ से १९:३६
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:१६ से २०:१८
निशिता मुहूर्त 👉 ००:०४ से ००:४४
होमाहुति 👉 बुध
दिशाशूल 👉 पश्चिम
नक्षत्र शूल 👉 उत्तर (१९:४७ तक)
राहुकाल 👉 ०९:४३ से १०:५९
राहुवास 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्र वास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 कैलाश पर (११:४४ से नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग २ – चर
३ – लाभ ४ – अमृत
५ – काल ६ – शुभ
७ – रोग ८ – उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ २ – अमृत
३ – चर ४ – रोग
५ – काल ६ – लाभ
७ – उद्वेग ८ – शुभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (पान का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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राष्ट्रीय श्रावण मास आरम्भ, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः १०:५२ से दोपहर १२:४७ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १९:४७ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (प, पी) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम हस्त नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (पू, ष, ण) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कर्क – ०५:०६ से ०७:२८
सिंह – ०७:२८ से ०९:४७
कन्या – ०९:४७ से १२:०५
तुला – १२:०५ से १४:२५
वृश्चिक – १४:२५ से १६:४५
धनु – १६:४५ से १८:४८
मकर – १८:४८ से २०:३०
कुम्भ – २०:३० से २१:५५
मीन – २१:५५ से २३:१९
मेष – २३:१९ से ००:५३
वृषभ – ००:५३ से ०२:४७
मिथुन – ०२:४७ से ०५:०२
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०५:३० से ०७:२८
शुभ मुहूर्त – ०७:२८ से ०९:४७
चोर पञ्चक – ०९:४७ से ११:४४
शुभ मुहूर्त – ११:४४ से १२:०५
रोग पञ्चक – १२:०५ से १४:२५
शुभ मुहूर्त – १४:२५ से १६:४५
मृत्यु पञ्चक – १६:४५ से १८:४८
अग्नि पञ्चक – १८:४८ से १९:४७
शुभ मुहूर्त – १९:४७ से २०:३०
रज पञ्चक – २०:३० से २१:५५
शुभ मुहूर्त – २१:५५ से २३:१९
शुभ मुहूर्त – २३:१९ से ००:५३
रज पञ्चक – ००:५३ से ०२:४७
शुभ मुहूर्त – ०२:४७ से ०५:०२
चोर पञ्चक – ०५:०२ से ०५:३१
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपका व्यवहार अत्यंत लापरवाह रहेगा आलस्य भी आज आवश्यकता से अधिक करेंगे। लाभ के नजदीक पहुच कर भी लचीले स्वभाव के कारण इससे वंचित रह सकते है। दिन के आरंभ से ही परिस्थितियां विजय दिलाने वाली बनेगी लेकिन आज के दिन से लाभ पाने के लिये आपको लक्ष्य बनाकर कार्य करना पड़ेगा तभी दिन का सकारात्मक फल मिल सकेगा अन्यथा आपके हिस्से का लाभ किस अन्य की झोली में जा सकता है। मध्यान के बाद मन इधर उधर की बातों में रहेगा अपना काम छोड़ बड़ाई पाने के लिये अन्य लोगो को बिना मांगे सहयोग करेंगे घर के सदस्य एवं सहकर्मी से विरोध होगा। व्यवसायियों को धन की आमद के लिये ज्यादा भागदौड़ नही करनी पड़ेगी। सेहत में थोड़ा बहुत उतार चढ़ाव रहेगा लेकिन दिनचर्या प्रभावित नही होगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपके मन मे अंदर से उथल पुथल लगी रहेगी लेकिन बाहरी तौर पर इसका प्रदर्शन नही करेंगे। धन संबंधित मामलों को लेकर आपका स्वभाव और व्यवहार अत्यंत रूखा रहेगा वाद करके अंत समय मे मुकरने पर किसी से विवाद भी हो सकता हैं। व्यवसायी वर्ग योजनाएं बनाएंगे लेकिन इन्हें साकर रूप नही दे सकेंगे फिर भी आज जिस कार्य से लाभ की आशा नही रहेगी उससे ही धन की प्राप्ती होगी। कंजूसी कर खर्च पर नियंत्रण करने का प्रयास करेंगे काफी हद तक सफल भी रहेंगे लेकिन आकस्मिक खर्च आज ज्यादा परेशान करेंगे। पारिवारिक वातावरण में भी थोड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा मित्र संबंधी की नजर में आपकी छवि अभिमानी जैसी बनेगी। सेहत का विशेष ध्यान रखे लापरवाही आगे परेशानी में डालेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज भी दिन का अधिकांश भाग मानसिक रूप से अशांत रखेगा। घर एवं बाहर मनमौजी वृति झगड़े का कारण बनेगी आज आप केवल अपने मन की ही सुनेंगे कोई सही बात बोलेगा वह भी आपको कड़वी लगेगी। कार्य क्षेत्र पर धन संबंधित व्यवहार विशेष कर उधारी ना करे अगर है तो प्राथमिकता से चुकाए अन्यथा विवाद के साथ सम्मान हानि भी निश्चित है। आज आप धन को लेकर अनैतिक कार्य करने से भी नही चूकेंगे फिर भी धन की प्राप्ति में संशय ही रहेगा। घर मे कोई नई या पुरानी बात खुलने से तकरार होगी। आज विशेष कर विपरीत लिंगीय आकर्षण से बचे संतानों की गतिविधियों पर भी ध्यान दे गलत संगत में पड़ने की संभावना है। मानसिक तनाव के कारण सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन धन प्राप्ती के योग बन रहे है इसका कम या अधिक होना आपकी मानसिकता और व्यवहार कुशलता पर निर्भर रहेगा। दिन के आरंभ से मन मे किसी मनोकामना पूर्ति की कामना लगी रहेगी लेकिन कोई ना कोई बीच मे बाधा डालेगा विशेष कर आज घर के सदस्य ही आपको गलत मार्गदर्शन देंगे जिससे कुछ समय के लिये दुविधा में फसेंगे फिर भी मध्यान बाद विवेक जाग्रत होगा थोड़ी हिम्मत भी बनने से मन की बात खोलकर कहने से भ्रामक स्थिति से बाहर निकल जाएंगे। व्यवसाय से आज आशाजनक तो नही फिर भी आवश्यकता से अधिक लाभ होगा। परिवार में थोड़ी बहुत नोकझोंक के बाद शांति स्थापित होगी। सेहत के ऊपर खर्च करना पड़ेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपका स्वभाव संतोषि रहेगा फिर भी मन मे अधिक धन पाने की लालसा अवश्य रहेगी भले ही जाहिर ना करे फिर भी परिजन आपकी मानसिकता पढ़ते देर नही लगाएंगे। घर के सदस्यों से संबंध भावनात्मक रहेंगे लेकिन कुछ कटु अनुभव भी मिलेंगे। बड़े बुजुर्ग आपके मन मे चल रही उलझन को जानकर उचित मार्गदर्शन भी करेंगे। कार्य व्यवसाय में आज ज्यादा भागदौड़ के पक्ष में नही रहेंगे फिर भी आवश्यकता अनुसार धन कही न कही से आसानी से मिल जाएगा। नौकरी करने वाले आज कार्यो में जल्दबाजी करेंगे जिससे चूक होने की संभावना बढ़ेगी। महत्तवपूर्ण कागजात संभालकर रखे गुम होने पर परेशानी होगी। सेहत आज पहले से बेहतर रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आप बेहतर रूप से गुजारेंगे। मध्यान तक मानसिक रूप से प्रसन्न रहेंगे आस पास के लोगो को भी अपनी हास्य भरी बातो से हंसाएंगे लेकिन घर मे अमर्यादित बोलना भारी पड़ सकता है इसका ध्यान रखे बड़ो से फटकार सुनने को मिलेगी। कार्य क्षेत्र पर आप आज कम समय मे अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से काम करेंगे कुछ हद तक इसमे सफल भी रहेंगे लेकिन जल्दबाजी में निर्णय आगे नुकसान दायक भी रहेगा। धन के लेन देन में स्पष्टता कम रहने के कारण किसी का भरोसा तोड़ेंगे। संध्या के समय आकस्मिक धन प्राप्ती के योग बन रहे है लापरवाही से बचे अन्यथा लंबे समय तक लाभ के लिये तरसना पड़ेगा। घर मे सुख शान्ति अनुभव होगी महिलाओ के चिड़चिड़े स्वभाव की अनदेखी करें। ठंड के कारण सेहत कुछ नरम रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन दूर दूर तक लाभ की संभावना नजर नही आने पर आप निराशा से भरे रहेंगे कार्य क्षेत्र पर जोखिम लेने से डर लगेगा मध्यान तक का समय व्यर्थ दौड़ धूप में व्यतीत होगा जिससे मदद मांगेंगे वही मीठा बोलकर आपको टरकाने का प्रयास करेगा। नौकरी पेशाओ से अनजाने में बड़ी गलती होने की संभावना है अपने दम पर आज कोई कार्य ना करे हानि के योग ज्यादा है। व्यवसायी वर्ग आर्थिक विषयो को लेकर उलझे रहेंगे। कार्य करने के अवसर मिलेंगे लेकिन धन और निर्णय क्षमता की कमी आगे बढ़ने से रोकेगी। पारिवारिक वातावरण उथल पुथल रहेगा आर्थिक कारणों से यहां भी असंतोष देखने को मिलेगा। आज धैर्य से समय बिताये कल से स्थिति में सुधार आने लगेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन भी परिस्थितियां लाभदायक बन रही है लेकिन आज आपका ध्यान काम-धंधे को छोड़ मनोरंजन की तरफ ज्यादा आकर्षित होगा। मध्यान तक का समय सोच विचार में खराब करेंगे बाते बड़ी बड़ी बनाएंगे लेकिन कर्म उसके अनुरूप नही रहेगा। लेकिन आज आपकी भेद लेने की कला किसी न किसी रूप में अवश्य लाभ दिलाएगी। अपना काम निकालने के लिये स्वयं को सामने वाले के आगे समर्पण कर देंगे जिससे कोई भी ना चाहते हुए भी सहयोग के लिये मना नही कर सकेगा। धन आमद की संभावना के बार बनेगी लेकिन अचानक ही होगी। दैनिक खर्च आज आसानी से निकल जाएंगे। घर के सदस्यों से किसी बात को लेकर बहस भी होगी लेकिन आज आपका पक्ष भारी रहने के कारण विजय आपकी ही होगी। आरोग्य के प्रति आशंकित रहेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन शुभफलदायी रहेगा। आज आपके व्यवहार में स्वार्थ रहेगा लेकिन फिर भी मीठा बोलना हर किसी को पसंद आएगा किसी से भी अपना काम आसानी से निकाल लेंगे बाहर के लोग आपके ऊपर ज्यादा विश्वास दिखाएंगे लेकिन घर के सदस्य आपके ऊपर भरोसा करने की जगह आत्मनिर्भर रहना अधिक पसंद करेंगे। कार्य क्षेत्र से आज ज्यादा लाभ की आशा ना रखें लेकिन आज की मेहनत निकट भविष्य में शीघ्र ही लाभदायक बनेगी। सरकार संबंधित उलझने व्यवहारिकता के दम पर कम होंगी। आज प्रलोभन में आकर अनैतिक कर्म करने से बचे अन्यथा जहां लाभ होने है वहां धन और सम्मान हानि भी हो सकती है। अपने व परिजनों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता होगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन परिस्थितियां प्रत्येक कार्य मे बाधक बनेंगी पहले नौकरी संबंधित अथवा व्यावसायिक किसी कार्य को करने में उत्साह नही दिखाएंगे। करेंगे भी तो बेमन से ही जिससे जो थोड़ा बहुत लाभ होने है उसमें भी कमी आएगी। आज आपका मन मौज शौक की तरफ ज्यादा केंद्रित रहेगा मनोरंजन के ऊपर बिना विचारे खर्च करेंगे। घर के सदस्य भी आज किसी मांग को लेकर परेशान करेंगे धन की आमद थोड़े प्रयास करने पर अवश्य होगी लेकिन व्यर्थ दिखावे के खर्च भी अधिक रहने से संचित कोष में कमी आएगी आज आपको इससे आनंद ही मिलेगा लेकिन निकट भविष्य में ग्लानि भी होगी इसलिये इसपर नियंत्रण करने का प्रयास करें। सेहत कुछ समय के लिये खराब होने से कार्य बीच मे रोकने पड़ेंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन सामान्य रहेगा मध्यान तक पेट संबंधित व्यादि अथवा अन्य शारीरिक अंगों अंगों में शिथिलता रहने से मन उदास रहेगा फिर भी कार्यो को प्रभावित नही होने देंगे दैनिक कार्यो को थोड़े विलंब से ही सही बिना सहयोग के पूरा कर लेंगे। मध्यान बाद कार्य क्षेत्र पर व्यवसाय बढ़ने से व्यस्तता अधिक रहेगी लेकिन धन की आमद के लिये इंतजार करना पड़ेगा आज अधिकांश कार्य उधारी में होने से धन की प्राप्ती अल्प ही रहेगी फिर भी खर्च निकालने लायक आसानी से हो जाएगी। आज आपकी बातों में स्पष्टता अधिक रहेगी मीठी बातो से काम निकालने की जगह स्पष्ट बोलना पसंद करेंगे इससे कुछ लोगो को तकलीफ भी होगी लेकिन आप इसकी परवाह नही करेंगे। घर का वातावरण स्थिर रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपका स्वभाव के विपरीत व्यवहार सभी जानने वालों को अचंभित करेगा अपना काम बनाने के लिये किसी की चापलूसी करने से भी परहेज नही करेंगे। बाहर के लोगो मे आपकी छवि परोपकारी इंसान जैसी रहेगी लेकिन घर के सदस्यों को किसी भी प्रकार से प्रभावित नही कर पाएंगे विशेषकर घर के बुजुर्ग आपकी मानसिकता को भली भांति जानकर भी कुछ बोलेंगे नही। कार्य व्यवसाय से भागदौड़ के पश्चात मध्यम आय होगी नौकरी करने वाले अपने झंझट वाले काम सहकर्मियों का ऊपर थोपेंगे जिससे कुछ समय के लिये वातावरण गर्म हो सकता है। धर्म कर्म में दिखावे की आस्था रहेगी आडंबर अधिक करेंगे मन कही और ही भटकेगा। आरोग्य सामान्य रहेगा विपरीत लिंगीय आकर्षण अधिक रहेगा।
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5000 साल पहले ब्राह्मणों ने हमारा बहुत शोषण किया ब्राह्मणों ने हमें पढ़ने से रोका। यह बात बताने वाले महान इतिहासकार यह नहीं बताते कि,100 साल पहले अंग्रेजो ने हमारे साथ क्या किया। 500 साल पहले मुगल बादशाहों ने क्या किया।। 
हमारे देश में शिक्षा नहीं थी लेकिन 1897 में शिवकर बापूजी तलपडे ने हवाई जहाज बनाकर उड़ाया था मुंबई में जिसको देखने के लिए उस समय के हाई कोर्ट के जज महा गोविंद रानाडे और मुंबई के एक राजा महाराज गायकवाड के साथ-साथ हजारों लोग मौजूद थे जहाज देखने के लिए।
उसके बाद एक डेली ब्रदर नाम की इंग्लैंड की कंपनी ने शिवकर बापूजी तलपडे के साथ समझौता किया और बाद में बापू जी की मृत्यु हो गई यह मृत्यु भी एक षड्यंत्र है हत्या कर दी गई और फिर बाद में 1903 में राइट बंधु ने जहाज बनाया।
आप लोगों को बताते चलें कि आज से हजारों साल पहले की किताब है महर्षि भारद्वाज की विमान शास्त्र जिसमें 500 जहाज 500 प्रकार से बनाने की विधि है उसी को पढ़कर शिवकर बापूजी तलपडे ने जहाज बनाई थी।
लेकिन यह तथाकथित नास्तिक लंपट ईसाइयों के दलाल जो है तो हम सबके ही बीच से लेकिन हमें बताते हैं कि भारत में तो कोई शिक्षा ही नहीं था कोई रोजगार नहीं था।
अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन 14 दिसंबर 1799 को आये थे। सर्दी और बुखार की वजह से उनके पास बुखार की दवा नहीं थी। उस टाइम भारत में प्लास्टिक सर्जरी होती थी और अंग्रेज प्लास्टिक सर्जरी सीख रहे थे हमारे गुरुकुल में अब कुछ वामपंथी लंपट बोलेंगे यह सरासर झूठ है।
तो वामपंथी लंपट गिरोह कर सकते है ऑस्ट्रेलियन कॉलेज ऑफ सर्जन मेलबर्न में ऋषि सुश्रुत ऋषि की  प्रतिमा “फादर ऑफ सर्जरी” टाइटल के साथ स्थापित है।
महर्षि सुश्रुत: ये शल्य चिकित्सा विज्ञान यानी सर्जरी के जनक व दुनिया के पहले शल्यचिकित्सक (सर्जन) माने जाते हैं। वे शल्यकर्म या आपरेशन में दक्ष थे। महर्षि सुश्रुत द्वारा लिखी गई ‘सुश्रुतसंहिता’ ग्रंथ में शल्य चिकित्सा के बारे में कई अहम ज्ञान विस्तार से बताया है। इनमें सुई, चाकू व चिमटे जैसे तकरीबन 125 से भी ज्यादा शल्यचिकित्सा में जरूरी औजारों के नाम और 300 तरह की शल्यक्रियाओं व उसके पहले की जाने वाली तैयारियों, जैसे उपकरण उबालना आदि के बारे में पूरी जानकारी बताई गई है।
जबकि आधुनिक विज्ञान ने शल्य क्रिया की खोज तकरीबन चार सदी पहले ही की है। माना जाता है कि महर्षि सुश्रुत मोतियाबिंद पथरी हड्डी टूटना जैसे पीड़ाओं के उपचार के लिए शल्यकर्म यानी आपरेशन करने में माहिर थे। यही नहीं वे त्वचा बदलने की शल्यचिकित्सा भी करते थे।
भास्कराचार्य: आधुनिक युग में धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति (पदार्थों को अपनी ओर खींचने की शक्ति) की खोज का श्रेय न्यूटन को दिया जाता है। किंतु बहुत कम लोग जानते हैं कि गुरुत्वाकर्षण का रहस्य न्यूटन से भी कई सदियों पहले भास्कराचार्यजी ने उजागर किया। भास्कराचार्यजी ने अपने ‘सिद्धांतशिरोमणि’ ग्रंथ में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के बारे में लिखा है कि ‘पृथ्वी आकाशीय पदार्थों को विशिष्ट शक्ति से अपनी ओर खींचती है। इस वजह से आसमानी पदार्थ पृथ्वी पर गिरता है’।
आचार्य कणाद: कणाद परमाणु की अवधारणा के जनक माने जाते हैं। आधुनिक दौर में अणु विज्ञानी जॉन डाल्टन के भी हजारों साल पहले महर्षि कणाद ने यह रहस्य उजागर किया कि द्रव्य के परमाणु होते हैं।
उनके अनासक्त जीवन के बारे में यह रोचक मान्यता भी है कि किसी काम से बाहर जाते तो घर लौटते वक्त रास्तों में पड़ी चीजों या अन्न के कणों को बटोरकर अपना जीवनयापन करते थे। इसीलिए उनका नाम कणाद भी प्रसिद्ध हुआ।
गर्गमुनि: गर्ग मुनि नक्षत्रों के खोजकर्ता माने जाते हैं। यानी सितारों की दुनिया के जानकार। ये गर्गमुनि ही थे, जिन्होंने श्रीकृष्ण एवं अर्जुन के बारे में नक्षत्र विज्ञान के आधार पर जो कुछ भी बताया, वह पूरी तरह सही साबित हुआ। कौरव-पांडवों के बीच महाभारत युद्ध विनाशक रहा। इसके पीछे वजह यह थी कि युद्ध के पहले पक्ष में तिथि क्षय होने के तेरहवें दिन अमावस थी। इसके दूसरे पक्ष में भी तिथि क्षय थी। पूर्णिमा चौदहवें दिन आ गई और उसी दिन चंद्रग्रहण था। तिथि-नक्षत्रों की यही स्थिति व नतीजे गर्ग मुनिजी ने पहले बता दिए थे।
आचार्य चरक: ‘चरकसंहिता’ जैसा महत्वपूर्ण आयुर्वेद ग्रंथ रचने वाले आचार्य चरक आयुर्वेद विशेषज्ञ व ‘त्वचा चिकित्सक’ भी बताए गए हैं। आचार्य चरक ने शरीर विज्ञान, गर्भविज्ञान, औषधि विज्ञान के बारे में गहन खोज की। आज के दौर में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारियों जैसे डायबिटीज, हृदय रोग व क्षय रोग के निदान व उपचार की जानकारी बरसों पहले ही उजागर कर दी।
पतंजलि: आधुनिक दौर में जानलेवा बीमारियों में एक कैंसर या कर्करोग का आज उपचार संभव है। किंतु कई सदियों पहले ही ऋषि पतंजलि ने कैंसर को भी रोकने वाला योगशास्त्र रचकर बताया कि योग से कैंसर का भी उपचार संभव है।
बौद्धयन: भारतीय त्रिकोणमितिज्ञ के रूप में जाने जाते हैं। कई सदियों पहले ही तरह-तरह के आकार-प्रकार की यज्ञवेदियां बनाने की त्रिकोणमितिय रचना-पद्धति बौद्धयन ने खोजी। दो समकोण समभुज चौकोन के क्षेत्रफलों का योग करने पर जो संख्या आएगी, उतने क्षेत्रफल का ‘समकोण’ समभुज चौकोन बनाना और उस आकृति का उसके क्षेत्रफल के समान के वृत्त में बदलना, इस तरह के कई मुश्किल सवालों का जवाब बौद्धयन ने आसान बनाया।
15 सौ साल पहले का 2000 साल पहले का मंदिर मिलते हैं जिसको आज के वैज्ञानिक और इंजीनियर देखकर हैरान में हो जाते हैं कि मंदिर बना कैसे होगा अब हमें इन वामपंथी लंपट लोगो से हमें पूछना चाहिए कि मंदिर बनाया किसने 
ब्राह्मणों ने हमें पढ़ने नहीं दिया यह बात बताने वाले महान इतिहासकार हमें यह नहीं बताते कि सन 1835 तक भारत में 700000 गुरुकुल थे इसका पूरा डॉक्यूमेंट Indian house में मिलेगा।
भारत गरीब देश था चाहे है तो फिर दुनिया के तमाम आक्रमणकारी भारत ही क्यों आए हमें अमीर बनाने के लिए।
हमारे महान पूर्वजों के आविष्कारों को जानने के लिए देखते रहें breakinguttarakhand.com 
शूकर/वाराह तथा सुअर के भेद को समझें🚩
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शूकर (BOAR/वाराह) व सूअर (PIG/HOG/SWINE) दोनों में स्पष्ट रूप से भिन्नता परिलक्षित होता है।
अतः सनातनी को शूकर को सूअर समझने की भूल से बचना चाहिए।
शूकर के अग्र-दन्त(कैनाइन टीथ) बाहर निकले होते हैं।
शूकर को वाराह कहा जाता है।
शूकर मुख्यतः शाकाहारी भोजन करते हैं जैसे पौधों की पत्तियाँ, बीज, पुष्प गुच्छ आदि।
शूकर मशरूम को भी चाव से खाते हैं।
वहीं सूअर विष्टा भक्षी और विष्टा में ही लौटने वाला होता है।
वराह पवित्र और सूअर निकृष्ट होता है।
सम्पूर्ण भारतवर्ष में भगवान श्रीमन्नारायण के विशुद्ध वाराह रूप में एक विशिष्ट मन्दिर खजुराहो, मध्यप्रदेश में हैं।
इस वाराह मन्दिर में भगवान विष्णु के वाराह अवतार का अद्वितीय अखण्ड पाषाण प्रतिमा स्थापित है।
असुर हिरण्याक्ष जब पृथ्वी को लेकर रसातल में चला गया था तो सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने वाराह अवतार धारण किए। श्री विष्णु के यह अवतार सतयुग के तृतीय चरण में हुए।
भगवान वाराह से हिरण्याक्ष का युद्ध सहस्र वर्षों तक चला। अंततोगत्वा भगवान वाराह के द्वारा हिरण्याक्ष का वध हुआ।
भगवान वाराह अपने अग्र-दन्त के मध्य पृथ्वी को धारण कर रसातल से लाकर ब्रह्माण्ड में अपने स्व-स्थान पर स्थापित किए।
भगवान वाराह संग भूदेवी का विवाह भी हुआ।
वाराह पुराण यह समस्त कथा एक पाठ के रूप में अंकित है।
भारतीय संस्कृति पूर्णता वैज्ञानिक कसौटी पर खरी साबित होती है दुनिया के अनेक अनेक वैज्ञानिकों ने इसके ऊपर अनुसंधान किया है उसी का परिणाम है कि आज सनातन अपने पवित्र विचारधारा तथा पद्धतियों के कारण संपूर्ण विश्व में प्रचार प्रसार विस्तार पा रहा है लोग स्वेच्छा से सनातन धर्म को अपना रहे हैं जय सनातन जय हिंदुत्व विश्व गुरु भारत 🚩