आज का पंचाग आपका राशि फल, देव शयनी एकादशी आज, अद्भुत है मैखुरा गांव की चंडिका देवी की सैकड़ों वर्ष प्राचीन सिद्ध मूर्ति जिसे चोर ले जाते हैं परन्तु मूर्ति फिर लौट आती है, पौराणिक नगरी को हरिद्वार या हरद्वार जो कहें लेकिन है अद्भुत नगरी

अद्भुत है मैखुरा गांव की चंडिका देवी की सैकड़ों वर्ष प्राचीन सिद्ध मूर्ति जिसे चोर लेजाते हैं परन्तु जहां भी हो मूर्ति वापस लौट आती है ऐसा अब तक तीन-बार हो गया है ।🚩🚩

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻गुरुवार, २९ जून २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:४०

सूर्यास्त: 🌅 ०७:२०

चन्द्रोदय: 🌝 १५:११

चन्द्रास्त: 🌜२६:०६

अयन 🌖 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: ⛈️ वर्षा 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 आषाढ 

पक्ष 👉 शुक्ल 

तिथि 👉 एकादशी (२६:४२ से द्वादशी)

नक्षत्र 👉 स्वाती (१६:३० से विशाखा)

योग 👉 सिद्ध (२७:४४ से साध्य)

प्रथम करण 👉 वणिज (१५:०६ तक)

द्वितीय करण 👉 विष्टि (२६:४२ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 मिथुन 

चंद्र 🌟 तुला 

मंगल 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 मिथुन (अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५२ से १२:४८

अमृत काल 👉 ०७:३१ से ०९:०९

रवियोग 👉 ०५:१८ से १६:३०

विजय मुहूर्त 👉 १४:४१ से १५:३७

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:२१ से १९:४१

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२२ से २०:२२

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०१ से २४:४०

राहुकाल 👉 १४:०६ से १५:५१

राहुवास 👉 दक्षिण

यमगण्ड 👉 ०५:१८ से ०७:०४

होमाहुति 👉 शनि

दिशा शूल 👉 दक्षिण

अग्निवास 👉 आकाश 

भद्रावास 👉 पाताल (१५:०६ से २६:४२)

चन्द्रवास 👉 पश्चिम

शिववास 👉 क्रीड़ा में (२६:४२ से कैलाश पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – शुभ २ – रोग

३ – उद्वेग ४ – चर

५ – लाभ ६ – अमृत

७ – काल ८ – शुभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – अमृत २ – चर

३ – रोग ४ – काल

५ – लाभ ६ – उद्वेग

७ – शुभ ८ – अमृत

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (दही का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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देव शयनी एकादशी व्रत (स्मार्त-वैष्णव), चातुर्मास विधान आरम्भ, विष्णु शयनोत्सव, उद्योग (मशीनरी) आरम्भ मुहूर्त प्रातः १०:४२ से १२:०३ तक,भूमि-भवन क्रय-विक्रय मुहूर्त सायं ०४:३० से रात्रि ०९:००, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः १०:४७ से दोपहर ०३:३५ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १६:३० तक जन्मे शिशुओ का नाम स्वाती नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (रो, ता) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम विशाखा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ती, तू, ते) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मिथुन – २८:२६ से ०६:४१

कर्क – ०६:४१ से ०९:०२

सिंह – ०९:०२ से ११:२१

कन्या – ११:२१ से १३:३९

तुला – १३:३९ से १६:००

वृश्चिक – १६:०० से १८:१९

धनु – १८:१९ से २०:२३

मकर – २०:२३ से २२:०४

कुम्भ – २२:०४ से २३:३०

मीन – २३:३० से २४:५३

मेष – २४:५३ से २६:२७

वृषभ – २६:२७ से २८:२२

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:१८ से ०६:४१

रोग पञ्चक – ०६:४१ से ०९:०२

शुभ मुहूर्त – ०९:०२ से ११:२१

मृत्यु पञ्चक – ११:२१ से १३:३९

अग्नि पञ्चक – १३:३९ से १६:००

शुभ मुहूर्त – १६:०० से १६:३०

रज पञ्चक – १६:३० से १८:१९

शुभ मुहूर्त – १८:१९ से २०:२३

चोर पञ्चक – २०:२३ से २२:०४

शुभ मुहूर्त – २२:०४ से २३:३०

रोग पञ्चक – २३:३० से २४:५३

चोर पञ्चक – २४:५३ से २६:२७

शुभ मुहूर्त – २६:२७ से २६:४२

रोग पञ्चक – २६:४२ से २८:२२

शुभ मुहूर्त – २८:२२ से २९:१९

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन भी आपके अनुकूल बना रहेगा। आज आपका मिलनसार व्यवहार एवं मृदु वाणी सभी क्षेत्र पर जय कराएगी। प्रतिद्वन्दी भी आज आपकी कार्य कुशलता से प्रभावित होंगे। नौकरी वाले लोग अधिकारियों का सानिध्य मिलने से आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर महिला मित्रो का महत्त्वपूर्ण सहयोग मिलेगा संबंधों में भी समीपता आएगी। धन लाभ के लिये आज ज्यादा परेशान नही होना पड़ेगा पुराने कार्यो से बैठे बिठाये हो जाएगा लेकिन नए अनुबंध मिलने में संध्या तक इंतजार करना पड़ेगा। पारिवारिक वातावरण आज आनंदित रहेगा सभी सदस्यों में आपसी तालमेल बना रहेगा। पैतृक मामलो को लेकर अपना मत प्रकट ना करें।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन आपके लिये कोई नई दुविधा लायेगा। दिन का आरंभ आलस्य में खराब होगा इसके बाद कार्यो में व्यस्त हो जाएंगे। धन लाभ की कामना आज भी आशानुकूल पूर्ण नही होगी। गुजारे योग्य आय से ही काम चलाना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा कम रहेगी फिर भी इसका कोई विशेष लाभ आपको नही मिल सकेगा। आज आपका मन अनर्गल प्रवृतियों में ज्यादा भटकेगा। मौज-शौक के अवसर खाली नही जाने देंगे इनपर खर्च भी आंख बंद करके करेंगे। महिलाये परिवार में किसी सदस्य की उद्दंडता से परेशान रहेंगी लेकिन अपने कार्य व्यवस्थित रखेंगी। घुटनो में दर्द अथवा अन्य शारीरिक परेशानी रहेगी आय की अपेक्षा व्यय अधिक होगा।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आपका आत्मविश्वास बड़ा रहेगा। किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी बारीकी से जांच करेंगे जिससे आगे भ्रमित होने की संभावना नही रहेगी। इसके विपरीत महिलाये अधिकांश कार्यो में जल्दबाजी दिखाएंगी जिस के कारण काम तो बिगड़ेगा ही साथ ही बड़ो की डांट भी सुन्नी पड़ेगी। व्यावसायिक स्थिति आपके परिश्रम के ऊपर निर्भर रहेगी नौकरी पेशाओ को भागदौड़ के बाद ही सफलता मिलेगी वही व्यवसायी वर्ग भी प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से कुछ कमी अनुभव करेंगे। आज आप पुरानी खट्टी मीठी यादो के ताजा होने से काल्पनिक दुनिया मे भी खोये रहेंगे। परिवार के वातावरण में थोड़ी बहुत नोंकझोंक के बाद भी शांति रहेगी।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आप मानसिक रूप से बेचैन रहेंगे। पूर्व में की गई गलतियों का भय बना रहेगा घर एवं बाहर किसी ना किसी से झगड़ा होने की संभावना है वाणी ओर व्यवहार का संतुलित प्रयोग करें अन्यथा मुश्किल होगी। धन संबंधित कार्यो को लेकर आज धैर्य दिखाये महिलाओ का मिजाज भी आज बिगड़ा रहेगा लेकिन किसी के भड़काने पर ही विवाद करेंगी अन्यथा नही। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था को सुधारने की असफल कोशिश करेंगे लापरवाही के कारण लाभ के अवसर हाथ से निकल सकते है। धन लाभ मध्यान के बाद ही अचानक से होगा। आज कोई भी नई योजना ना बनाए धैर्य से समय व्यतीत करे शीघ्र ही स्थिति आपके पक्ष में होने वाली है।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

बीते कल की अपेक्षा आज परिस्थितियों में सुधार अनुभव करेंगे। आज आप जिस भी कार्य को आरम्भ करेंगे उसके शुरुआत में कोई ना कोई बाधा आएगी परन्तु धैर्य धारण कर लगे रहे सफलता निश्चित मिलेगी। आज आपके लटके सरकारी कार्य पूर्ण होने की भी संभावना है अधिकारी वर्ग से बहस ना करें। व्यवसाय में आज कुछ बदलाव लाने का प्रयास भी करेंगे परन्तु इसमे पूर्ण सफलता नही मिल सकेगी। धन लाभ आवश्यकता अनुसार हो जाएगा लेकिन दिखावे की मनोवृत्ति भी रहने से फिजूल के खर्च भी रहेंगे। महिलाये आज पारिवारिक जिम्मेदारी को किसी अन्य को सौपकर स्वयं निश्चिन्त रहना पसंद करेंगी फिर भी आवश्यकता पड़ने पर सहयोग करेंगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आपके लिए साधारण रहेगा। आज आपके अंदर आत्म संतोष की भावना रहने से अतिआवश्यक कार्यो को छोड़ अन्य किसी भी कार्य को करने के लिए ज्यादा भागदौड़ करना पसंद नही करेंगे। नौकरी वाले लोग कार्य क्षेत्र पर टालमटोल वाले रवैये के कारण अपमानित हो सकते है। महिलाये भी आज सीमित साधनों से निर्वाह कर लेंगी। आर्थिक लाभ कम लेकीन आवश्यकता के समय होगा। पूजा पाठ में मन की एकग्रता नही रख सकेंगे। आज आप अपने कार्यो की अपेक्षा अन्य लोगो के लिये ज्यादा सहयोगी सिद्ध होंगे। स्वास्थ्य छोटी-मोटी परेशानियों को छोड़ सामान्य बना रहेगा। बुजुर्गो का सानिध्य मिलेगा।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन आपके लिये लाभदायक है लेकिन आज स्वभाव की चंचलता पल पल पर आपके कार्यो में विघ्न डालेगी। अकड़ू स्वभाव के कारण अपनी बात के आगे किसी की नही चलने देंगे। कार्य व्यवसाय में थोड़े से परिश्रम के बाद वृद्धि के साथ धन लाभ भी होगा। सहयोगियों का ईर्ष्यालु व्यवहार कुछ समय के लिये परेशानी खड़ी करेगा लेकिन आज आपमें भी अहंकार की भावना रहने से किसी की बातो की परवाह नही करेंगे। महिलाये आज काम की अपेक्षा बखान ज्यादा करेंगी। मित्र रिश्तेदारी में जाना पड़ेगा। उपहार अथवा अन्य लेनदेन पर खर्च होगा। विरोधी प्रबल रहेंगे लेकिन आपका अहित नही कर सकेंगे। परिवार के बुजुर्गो एवं बच्चों की सेहत का ध्यान रखें। यात्रा के योग बनते-बनते निरस्त हो सकते है।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आपके लिये विपरीत फलदायक रहेगा कल तक जो आपकी सहायता अथवा समर्थन कर रहे थे आज वे ही आवश्यकता के समय पल्ला झाड़ते नजर आएंगे। कार्य क्षेत्र पर लाभ की आशा की जगह किसी गलती के कारण हानि होने की संभावना है। आज आप आर्थिक संबंधित कार्यो को लेकर किसी अन्य के भरोसे ना बैठे निराशा ही मिलेगी। किसी से कोई वादा ना करें पूरा नही कर पाएंगे। महिलाये भी आज प्रत्येक कार्य देखभाल कर ही करें बिगड़ने की संभावना अधिक है। नौकरी वाले लोगो को कार्य मुक्त अथवा किसी नापसंद कार्य से लगाया जाने से नई उलझन बढ़ेगी। धन की आमद न्यून आकस्मिक खर्च अधिक रहने से बजट बिगड़ेगा। मानसिक विकार आएंगे।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन आपके लिये राहत भरा रहेगा। बीमार लोगो की सेहत में सुधार आएगा। आज आप व्यावसायिक कार्यो को ज्यादा महत्त्व ना देकर सार्वजनिक अथवा धार्मिक कार्यो में लिप्त रहेंगे। समाज मे मान-सम्मान बढेगा परन्तु घर मे आपका अनादर होगा। आर्थिक मामले लचीले व्यवहार के कारण लंबित रहेंगे फिर भी निर्वाह योग्य आय बना ही लेंगे। व्यावसायिक अथवा अन्य पर्यटक यात्रा के प्रसंग बनेंगे इन्हें भी टालने का भरपूर प्रयास करेंगे आर्थिक दृष्टिकोण से यह निर्णय हित में ही रहेगा। परिवार के बुजुर्ग आपकी किसी बुरी आदत से परेशान रहेंगे महिलाये आज आध्यात्म में ज्यादा रुचि लेंगी घर अस्त-व्यस्त कार्यो को सुधारने में गुस्सा आएगा। सेहत आलस्य को छोड़ सामान्य ही रहेगी।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन आपको शुभफलो की प्राप्ति कराएगा। महिलाये आज कार्य क्षेत्र पर ज्यादा प्रभावशाली रहेंगी। आज आप जिस कार्य को करने की ठान लेंगे उसे अकेले ही पूर्ण करने का सामर्थ्य रखेंगे। व्यवसायी वर्ग को अकस्मात लाभ के अनुबंध मिलेंगे धन लाभ भी बीच बीच मे होते रहने से जोखिम वाले कार्य करने में हिचकेंगे नही। आज आपका कंजूस स्वभाव परिजनों के लिये परेशानी करेगा समय पर मांग पूरी ना होने पर घर मे रूठना मनाना लगा रहेगा। महिलाये मनोरंजन को छोड़ भविष्य के लिये संचय करेंगी। नौकरी पेशा जातको को आज कोई महत्त्वपूर्ण कार्य सौंपा जाएगा आरम्भ में यह परेशानी वाला परन्तु अंत मे सम्मान के साथ ही अतिरिक्त आय भी प्रदान करेगा। 

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन आपके लिए भाग्योदय कारक रहेगा लेकिन उन्नति पाने के लिए आज अपना हठी स्वभाव त्यागना पड़ेगा साथ ही सभी से मित्रवत व्यवहार करना पड़ेगा। आय एक से अधिक साधनों से होगी पर विघ्न डालने वाले भी अधिक रहेंगे अनुभवियों की राय भी आज गलत हो सकती है इसलिये अपने ही विवेक से कार्य करें। व्यवसाय एवं नौकरी में संभावित के साथ अतिरिक्त आय बनाने के अवसर मिलेंगे। महिलाये आज गृहस्थ में खरीददारी के ऊपर ध्यान देंगी सुख के साधनों में वृद्धि होगी इनपर खर्च भी अधिक रहेगा परन्तु अनावश्यक नही लगेगा। संताने मनोकामना पूर्ति होने से प्रसंन्न रहेंगी। बुजुर्ग आपको आडम्बर युक्त दिनचार्य से अवश्य असहमति दिखाएंगे। आरोग्य बना रहेगा।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपके प्रतिकूल रहेगा। आज आपको स्वास्थ्य के प्रति अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। खाने पीने में भी सावधानी रखें पेट संबंधित व्याधि अन्य रोगों के जन्म का कारण बनेगी। जोखिम वाले कार्यो से बचकर रहना आज हितकर रहेगा। व्यवसायिक क्षेत्र पर भी आज कार्यो को स्वतः ही होने दें धन संबंधित मामलों में जोर-जबरदस्ती हानि ही कराएगी। धन लाभ के लिये परिश्रम अधिक करना पड़ेगा फिर भी आशानुकूल नही होगा महिलाओ को भी आज वाणी पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है बेतुकी बाते व्यर्थ के विवाद को जन्म देंगी। मित्र-स्नेहीजन से अशुभ समाचार मिल सकता है। मन किसी अरिष्ट की आशंका से व्याकुल रहेगा। धैर्य से आज का दिन बिताये।

🙏राधे राधे🙏

हरद्वार की महिमा

हरद्वार जिसे हरिद्वार के नाम से भी जाना जाता है। इसकी महिमा अनन्त है, जिसे शास्त्रो अथवा पुराणों में बहुत गाया और बताया गया है लेकिन ये महिमा क्यों है? इसके कारण क्या हैं?

1. हरद्वार को सर्वप्रथम हर का द्वार कहा जाता है क्योंकि हरद्वार अर्थात हर (देवो के देव महादेवजी) के कैलाश से जुड़ी पर्वत श्रृंखलाओं के पर्वत हरद्वार से शुरू होते है जो हर (देवाधिदेव महादेव) के द्वार कैलाश तक जाते है और हरद्वार महादेवजी का अत्यंत प्रिय स्थान भी है इसी कारण से भी इसे हर का द्वार कहा जाता है द्वार हर तक जाने का!

2. हरिद्वार वह स्थान है जो संसार मे दूसरे स्थान पर बसा था अर्थात पृथ्वी पर सर्वप्रथम काशी मुक्तिक्षेत्र अर्थात आनंदवन की रचना हुई थी जिसे भगवान सदाशिव ने अपने शिवलोक में त्रिशूल से रचकर धरती पर स्थापित किया जो मुक्ति देने वाली काशी के नाम से त्रिलोक विख्यात है। उसके बाद ब्रह्मा जी ने अपने पुत्र दक्ष प्रजापति को राज्य करने के लिए धरती पर जो स्थान प्रदान किया वो हरिद्वार ही था यहीं पर राजा दक्ष ने अपनी नगरी बसाई थी और यहीं पर वो राज्य करते थे। यहीं दक्षपुरी के नाम से पुराणों में वर्णित स्थान है। ये संसार में बसा दूसरा नगर था। पहला काशी दूसरा हरिद्वार इसलिए भी इसकी महिमा है ।

3. हरिद्वार में कुम्भ से छलका अमृत गिरा था जिसे स्वर्भानु नामक दैत्य लेकर भाग रहा था जो बाद में विष्णु भगवान के द्वारा सर विच्छेद के कारण राहु केतु के रूप में जाना गया और नवग्रहों में स्थापित हुआ। अमृत छलककर गिरने के कारण भी हरिद्वार की महिमा बढ़ी और ये कुंभनगरी बना जहां 12 वर्ष बाद कुम्भ होने लगा।

4. पुराणों और शोध में मिले तथ्यों से स्पष्ट हुआ है कि धरती पर सर्वप्रथम भगवान विष्णु के चरण जिस स्थान पर पड़े वो हरिद्वार ही था। बाद में हरिद्वार के मायापुरी क्षेत्र में ही भगवान विष्णु और माता महालक्ष्मी का विवाह संपन्न हुआ था। इन्हीं दोनों कारणों से ये स्थान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हुआ और इसे भगवान हरि ने अपने नाम से सम्बोधित करके हरिद्वार बनाया तबसे इसके दो नाम पड़े हर का द्वार हरद्वार और हरि का भी द्वार हरिद्वार। संसार का पहला क्षेत्र जो हर और हरि दोनों को अतिप्रिय है और दोनों के नाम से जाना जाता है।

5. राजा दक्ष ने परमेश्वरी माता आदिशक्ति की तपस्या करके उनसे पुत्री रूप में अपने घर जन्म लेने का वर मांगा था तो माँ उसके घर पैदा हुई। राजा दक्ष की पुत्री सती के रूप मे आदिशक्ति स्वरूपा भगवती माता सती का जन्म इसी हरिद्वार में हुआ था। यहीं उनका बालपन और युवाअवस्था गुजरी। यहीं पर उन्होंने तप करके महादेवजी को पति रूप में प्राप्त किया तब भगवान महादेवजी ब्रह्मा, विष्णुजी, इंद्र, सूर्य, चन्द्र आदि देवों व लक्ष्मी, सरस्वती, इंद्राणी, गायत्री आदि देवियों और ऋषि मुनियों तथा अपने गणों सहित बारात लेकर यहां पर आए थे और माता सती से विवाह किया था। इस कारण से भी हरिद्वार की महानता बढ़ती है।

6. राजा दक्ष ने विश्व विख्यात जो यज्ञ किया था वो भी हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में ही किया था जहां राजा दक्ष का महल था।

7. गंगोत्री जहां से गंगाजी का उद्गम है उसका रास्ता भी हरिद्वार से होकर ही जाता है। गंगाजी हरिद्वार से होकर ही अन्य स्थानों पर जाती है इसीलिये इसकी महिमा माँ गंगा की कृपा से और भी बढ़ गयी है।

8. चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ तक जाने से पूर्व हरिद्वार में पूजन करना अनिवार्य है जो देव आज्ञा है शास्त्रों अथवा पुराणों में क्योंकि चारधाम तक जाने का मार्ग भी हरिद्वार से होकर ही जाता है।

9. महादेवजी की पुत्री माता मनसा जो वासुकि नागों के राजा की बहन थी उनका निवास स्थान भी हरिद्वार में ही है जो माँ मनसा देवी के नाम से विख्यात है जहां हजारोन भक्तगण प्रतिदिन माँ के दर्शन करने दूर-दूर से आते है। मन की कामना पूरी करने के कारण माँ को मनसा देवी कहा जाता है।

10. रामायणकाल में अहिरावण और महिरावण श्रीराम को जब पाताल में देवी के सामने बलि देने के लिए ले गए थे तो महादेवजी के अवतार हनुमानजी ने देवी से श्रीराम की बलि टालने का आग्रह किया था तब देवी ने हनुमानजी से कहा था – मैं इस पातालपुरी को त्यागकर शिवपुरी अर्थात हरिद्वार की पर्वत श्रृंखला पर जा रही हूं। तुम इन दोनों असुरों की बलि मुझे दो जिससे मुझे प्रसन्नता होगी और पाताल में धर्म स्थापना होगी तब जो देवी पाताल से उठकर हरिद्वार के पर्वतों पर विराजी वो माँ चंडीदेवी के नाम से विश्व विख्यात है। रामायणकाल में रावण को जीतने के बाद और अयोध्या आने के बाद श्रीराम ने सीताजी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमानजी महाराज सहित यहां आकर माता के दर्शन किये थे और माँ चंडीदेवी का आशीर्वाद लिया था।

11. माता सती ने जब दक्ष यज्ञ में अपने देह को यज्ञकुंड में जला दिया था तब महादेवजी जब उनका देह लेकर बहुत समय तक जब पृथ्वी भ्रमण करते रहे और उन्होंने संसार को भुला दिया तब विष्णुजी ने अपने कांता नामक चक्र से सती माता के शरीर को 52 भागो में विच्छेद किया था जिन में से माता सती का हृदय हरिद्वार में गिरा था और मायादेवी के नाम से विख्यात हुआ। ये मायादेवी हरिद्वार के निवासियों की कुल देवी बनी और हरिद्वार की महिमा और बढ़ गई।

12. ऋषि मुनियों अवतारों तथा देवी देवताओं की अतिप्रिय स्थली होने के कारण ही इसे देवभूमि हरिद्वार भी कहते हैं।

13. जिस पहाड़ की चोटी पर बैठकर महादेवजी ने दक्ष यज्ञ विध्वंस हेतु वीरभद्र, देवी महाकाली, भैरव, क्षेत्रपाल, नंदी, नवदुर्गा आदि सेना की कमांड की थी उन्हें नेत्तृत्व किया था वो पहाड़ की चोटी भी हरिद्वार में ही है जो नीलपर्वत के नाम से जानी जाती है।

14. हरिद्वार संसार का एक मात्र स्थान है जो भगवान महादेव, आदिशक्ति माता, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी इन चारों को अतिप्रिय है इसीलिए यहां पर पूरे वर्ष हर हरि और माँ के भक्तों का आवागमन लगा रहता है। श्रद्धालु दूर-दूर से इस दिव्य स्थान पर दर्शन हेतु आते हैं।

15. भीम ने अपने गौडे तक जल भरकर जिस स्थान पर तप किया था वो भीमगोडा कहलाया जो हरिद्वार में ही है।

और भी बहुत कुछ महिमा है हरिद्वार की जो *यहां कह पाना असंभव है लेकिन हरिद्वार की महिमा अनन्त है जो सतयुग से महाभारत काल तक की अनेक कथाएं और चमत्कार से भरी हुई है।

*पढ़िए,देखिए और सोचिए….ये कौन लोग हैं*

वर्तमान समय में मैं ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़ा हुवा हू…..तो पूरे देश का हाल चाल बड़ी आसानी से मिल जाता….इस सेक्टर से जुड़ा रहना मतलब व्यस्तता बहुत ज्यादा रहती है इसी वजह से इधर फेसबुक पर आना भी कम ही हो पाता है….,इस सेक्टर में जुड़ने के बाद कुछ चीजे गौर किया हू जिनको नीचे प्वाइंट वाइस लिख रहा हू अगर यही चीजे आपके उधर हो रही है तो राय दीजियेगा अपनी…….

1.आपने अपने आस पास देखा होगा की ढेलिया/रेहड़ी वालो को जो प्याज,लहसुन बेचने आते है इनकी शक्ल बड़ी अजीब होती है देखने में अलग तरह के लगते है….इनकी जान पहचान का आपको आपके आस पास एक आदमी नही दिखेगा…..यह सामान बेचने के बाद किधर गायब हो जाते है आपको पता भी नही चलता होगा….

2.सुबह सुबह आपको कबाड़ बिनने वाले दिखाई पड़ते होंगे आदमी , औरत,बच्चे सब यह चुप चाप आते कबाड़ बिनते उसके बाद किधर चले जाते आपको पता ही नही चलता होगा..

 

3. यह जो कबाड़ बिनकर ले जाते है हर 10-15 किलोमीटर पर इनको एक गोदाम में कटाई, छटाइ होती है..कबाड़ इकट्ठा किया जाता है इसका मालिक कौन है शायद ही किसी को पता हो.

 

4. हर शहर कस्बे में सुबह सुबह आपको साइकिल पर कुर्सी बेचने वाले दिखते होंगे यह सब बस्ती से दूर एक घर लेते है साथ में 8 _10 लोग रहते है सब सुबह अलग अलग दिशाओं में साइकिल लेकर कुर्सी बेचने निकल जाते है.कौन है कहा से है किसी का कुछ पता नही…ना कभी परिचय देंगे ना ज्यादा इधर उधर की बात चीत माल बेचे चलते बने..

5.शहर से दूर लगभग हर कस्बा नुमा जगह पर पुराने टायरों का एक बहुत बड़ा गोदाम होता है… जहा पर इधर उधर से टायर आते है…उनको काटा पीटा गलाया जाता है…..यह काम कौन कर रहा है शायद ही पता हो किसी को….

6. रोड़ पर गर्मी के समय जो यह चुस्की बर्फ के गोले बेचने वाले है इनकी शक्ल देखिए आप सब बांग्लादेशी लगते है……हर 1 किलोमीटर पर आपको इनकी इस समय दुकान मिलेगी कभी बात करके देखिए की कहा से है क्या है…शायद ही यह सटीक बता पाये…..

कहने का तात्पर्य यह है इन सारे कामों में कोई लोकल आदमी है ही नही……आज से 10 साल पहले जो फेरी लगाने वाले आते थे….उनको गांव के लोग व्यक्तिगत रूप से जानते थे….पर अब बिल्कुल भी ऐसा नही बचा हैं……

…..कापी