आज का पंचाग आपका राशि फल, भारतीय भाषा संस्कृति को उर्दूमय और अंग्रेजीमय बनाने का महां षड्यंत्र, क्षमता विकसित करने की कुटाई परंपरा

जब भी सुन्दर संदेश भेजने हों तो 
हिंदी भाषी लोगों को यत्न करना चाहिए कि संदेश में उर्दू या अंग्रेजी शब्दों के स्थान पर यथा संभव हिंदी वर्तनी या अपनी स्थानीय भाषाओं के शब्द प्रयुक्त करें। 
इससे दो लाभ होंगे एक हमारी भावी पीढ़ी हिंदी के नाम पर उर्दू बोलने के षड्यंत्र से बच सकेगी और लोग भी हिन्दी संस्कृत की अपार शब्द संपदा से परिचित भी होंगे। 
आज के सभी सूचना माध्यम और चलचित्रों में भारतीय भाषा संस्कृति को उर्दूमय और अंग्रेजीमय बनाने का महां षड्यंत्र चल रहा है। इसी के लिए सुप्रभात संदेशों में भी जानबूझकर उर्दू या आंग्ल शब्दावली ठूंसी जाती है। 
 प्रायः देखने में आता है कि हिंदी में जो जितनी अधिक उर्दू ढूंसता है वो हिंदी का उतना बड़ा साहित्यकार कहलाता है। यही स्थिति पत्रकारिता में भी है। यहां तक कि पंचाग और वेद पुराणों की कथित व्याख्या में भी अब भारी उर्दू शब्दावली ठूंसी जा रही है। इस षड्यंत्र से हम अपने पूर्वजों की अमूल्य भाषा निधि कैसे बचा सकें इस पर चिंतन-मनन अवश्य करें। 
 हमें नयी पीढ़ी के लोगों को बताना है कि देवनागरी हिन्दी संस्कृत का प्रत्येक शब्द महामंत्र है जब भी आप देवनागरी लिपि या भाषा का प्रयोग करते हैं तो तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं की स्तुति स्वत:ही हो जाती है। कारण इस भाषा में एक भी अशिष्ट अभद्र (गाली) का शब्द नहीं हैं और प्रत्येक शब्द मंत्रमय है। अखंड भारत में गाली-गलौज का प्रचलन तो म्लेच्छ यवन आक्रांताओं और अंग्रेज लुटेरों द्वारा घुसपैठ के बाद ही हुआ, जो आज तक भी चल रहा है। आज धर्म निरपेक्ष देश में ग से गधा तो पढ़ा सकते हैं लेकिन ग से गणेश नहीं पढ़ा सकते हैं।इस षड्यंत्र को हिंदी और भारतीय भाषी लोगों, साहित्यकारों और विशेष रूप से पंडित लोगों को ही सुधारना है।
भोर सुहानी सुप्रभात 🙏नमस्कार जय श्रीमन् नारायण जी की सरकार ✍️हरीश मैखुरी

𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
श्री हरिहरो
विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

*रविवार, ६ नवम्बर २०२२*

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सूर्योदय: 🌄 ०६:३७
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२७
चन्द्रोदय: 🌝 १६:१७
चन्द्रास्त: 🌜२९:१६
अयन 🌖 दक्षिणायने
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 कार्तिक
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 त्रयोदशी (१६:२८
से चतुर्दशी)
नक्षत्र👉रेवती(२४:०४से अश्विनी
योग👉वज्र(२३:५०से सिद्धि
प्रथम करण👉तैतिल(१६:२८तक
द्वितीय करण👉गर (२८:१८ तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 मेष (२४:०३ से)
मंगल 🌟 मिथुन
(उदित, पश्चिम, वक्री)
बुध 🌟 तुला
(अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन
(उदित, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (अस्त, पूर्व)
शनि 🌟 मकर
(उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३९ से १२:२२
अमृत काल 👉 २१:३९ से २३:१६
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 २४:०४ से ३०:३५
रवियोग 👉 ०६:३४ से २०:४१
विजय मुहूर्त 👉 १३:४९ से १४:३२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१५ से १७:३९
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२६ से १८:४५
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३४ से २४:२७
राहुकाल 👉 १६:०५ से १७:२६
राहुवास 👉 उत्तर
यमगण्ड 👉 १२:०० से १३:२२
होमाहुति 👉 चन्द्र (२०:४१ तक)
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व २४:०४ से)
शिववास 👉 नन्दी पर (१६:२८ से भोजन में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग २ – चर
३ – लाभ ४ – अमृत
५ – काल ६ – शुभ
७ – रोग ८ – उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ २ – अमृत
३ – चर ४ – रोग
५ – काल ६ – लाभ
७ – उद्वेग ८ – शुभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (पान का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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पंचक समाप्त २४:०३ पर, वैकुंठ चतुर्दशी, गृह प्रवेश मुहूर्त प्रातः ०८:०३ से प्रातः १२:१० तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २४:०४ तक जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (दे, दो, च, ची) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार (चू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – २९:०७ से ०७:२८
वृश्चिक – ०७:२८ से ०९:४७
धनु – ०९:४७ से ११:५१
मकर – ११:५१ से १३:३२
कुम्भ – १३:३२ से १४:५८
मीन – १४:५८ से १६:२१
मेष – १६:२१ से १७:५५
वृषभ – १७:५५ से १९:५०
मिथुन – १९:५० से २२:०५
कर्क – २२:०५ से २४:२६
सिंह – २४:२६ से २६:४५
कन्या – २६:४५ से २९:०३
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:३४ से ०७:२८
रज पञ्चक – ०७:२८ से ०९:४७
शुभ मुहूर्त – ०९:४७ से ११:५१
चोर पञ्चक – ११:५१ से १३:३२
शुभ मुहूर्त – १३:३२ से १४:५८
रोग पञ्चक – १४:५८ से १६:२१
चोर पञ्चक – १६:२१ से १६:२८
शुभ मुहूर्त – १६:२८ से १७:५५
रोग पञ्चक – १७:५५ से १९:५०
शुभ मुहूर्त – १९:५० से २२:०५
मृत्यु पञ्चक – २२:०५ से २४:०४
अग्नि पञ्चक – २४:०४ से २४:२६
शुभ मुहूर्त – २४:२६ से २६:४५
रज पञ्चक – २६:४५ से २९:०३
शुभ मुहूर्त – २९:०३ से ३०:३५
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आप अपनी वाणी पर संयम रखने का काफी प्रयास करेंगे लेकिन इसमें सफल नहीं हो पाएंगे। स्वार्थ सिद्धि की भावना भी सीमा से अधिक ही रहेगी। अपना कार्य बनते ना देख लोगों की कमियां निकालना शुरू कर देंगे। पारिवारिक वातावरण बीते कल की तुलना में आज थोड़ा शांत रहेगा लेकिन इसको शांत बनाए रखने के लिए विवेक से काम लें अन्यथा आने वाला कल अवश्य ही कलह कराएगा। कार्य क्षेत्र से धन की आमद आशा से कम लेकिन आवश्यकता से अधिक ही होगी फिर भी आपको संतोष नहीं होगा ज्यादा पाने की लालसा में अनैतिक कार्य करने से भी नहीं चुकेंगे संध्या के समय पूर्व में की गई गलतियों को सुधारने का अवसर मिलेगा इसका लाभ उठाएं अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा पेट की समस्या को छोड़ सेहत ठीक ही रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज भाग्य के भरोसे बैठने के कारण अपनी क्षमताओं को खुलकर प्रदर्शित नहीं कर पाएंगे। कल की तुलना में आज परिस्थितियों में थोड़ा सुधार आएगा परंतु फिर भी बनते कार्यों में कोई ना कोई अड़चन भी आएगी कार्य व्यवसाय से आज असंतुष्ट ही रहेंगे बड़े व्यवसायियों की तुलना में छोटे व्यापारी फिर भी परिस्थिति अनुसार समझौता करने को तैयार रहेंगे जिसके फलस्वरूप अल्प लाभ से भी संतोष हो जाएगा। मध्यान्ह के बाद परिस्थिति में बदलाव आने लगेगा लेकिन फिर भी आर्थिक लेन-देन में अधिक स्पष्टता रखें अन्यथा कल पर टालना ही बेहतर है ।परिवार में भी आज परिस्थिति वश कठोर निर्णय लेने पर परिजनों से मतभेद होने की संभावना है। आज कार्यों को सहज रूप से ही होने दें जोर-जबर्दस्ती मामले को अधिक बिगाड़ सकती है। संध्या बाद से मन को राहत देने वाले प्रसंग बनने लगेंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिए मनोकामना पूर्ति वाला रहेगा कई दिनों से मन में चल रही कामना पूर्ति किसी परिचय अथवा निकटस्थ संबंधी की सहायता से पूरी कर पाएंगे। कार्य क्षेत्र हो अथवा परिवार कोई भी आप का विरोध नहीं करेगा शत्रुओं को भी अपने वश में कर लेंगे।किसी बड़े बुजुर्ग को अपनी बातों में उलझा कर स्वार्थ सिद्धि करेंगे इस कारण बाद में इनकी नाराजगी भी देखनी पड़ेगी लेकिन मामला हल्के में ही निपट जाएगा। नौकरीपेशा जातक भी बीते कुछ समय से जिस प्रसंग को लेकर भयग्रस्त थे आज उससे मुक्ति मिल जाएगी। दोपहर के बाद विपरीतलिंगी लिंगीय प्रति अधिक आकर्षित होगा मित्र मंडली में बैठते समय कोई अनुचित कार्य करने के योजना बनेगी इस पर अनर्गल खर्च भी करेंगे निकट भविष्य में पश्चाताप ना हो इसलिए आज इससे बचना ही बेहतर रहेगा। आंखों में जलन एवं जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन वैसे तो आपके लिए सुख शांति दायक रहेगा लेकिन फिर भी मन में आर्थिक विषयों को लेकर उथल पुथल लगी रहेगी। किसी से उधार दिया पैसा अथवा सामान वापस मांगने पर आपसी संबंधों में खटास आने की संभावना है। कार्य क्षेत्र से अवकाश लेकर मित्र परिजनों के साथ समय बिताने में अधिक रुचि लेंगे। धन लाभ कुछेक मार्गो से जरुरत के अनुसार हो जाएगा। दोपहर बाद का अधिकांश समय मनोरंजन के साथ पारिवारिक दायित्व की पूर्ति में बीतेगा। परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ प्रसन्न रखना असंभव होगा एक को मनाने पर दूसरा नाराज होगा जिससे दुविधा की स्थिति बनेगी। संध्या के समय किसी मनचाही वस्तु की प्राप्ति होने पर प्रसन्नता होगी लेकिन किसी परिजन का विपरीत व्यवहार रंग में भंग डालेगा। अति आवश्यक कार्य संध्या से पहले पूर्ण करें इसके बाद प्रत्येक कार्य में व्यवधान आने लगेगा। सेहत कमजोरी एवं सरगर्मी को छोड़ ठीक ही रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज दिन के आरंभिक भाग में पेट संबंधित संमस्या परेशान करेंगी। खानपान में असंतुलन बरतने से पेट में दर्द, गैस, पेट का फूलना, कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। आज पूर्व में किए किसी गलत आचरण अथवा किसी के साथ किए विश्वासघात के कारण मन में संताप होगा। बदनामी का डर अंदर ही अंदर सताएगा। कार्य व्यवसाय से दिनभर लाभ की आशा लगाए रखेंगे। लाभ होगा भी लेकिन अकस्मात और आशा से एकदम कम। घरेलू वातावरण में तालमेल की कमी रहेगी परिजन किसी न किसी कारण से आपको शक की अथवा निम्न दृष्टि से देखेंगे। मन में मध्यांन तक यात्रा की योजना लगी रहेगी लेकिन अंत समय में किसी कारण से टालनी पड़ सकती है। संध्या बाद का समय ज्यादा परिश्रम ना करने के बाद भी थकान वाला रहेगा बड़े बुजुर्गों की बातों की अवहेलना ना करें अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए बीते दिनों की तुलना में बेहतर रहेगा। प्रातः काल से ही किसी महत्वपूर्ण कार्य को सफल बनाने की जोड़-तोड़ में लग जाएंगे। आर्थिक मामले मध्यान्ह तक उलझाए रखेंगे लेकिन संध्या के आसपास जीवनसाथी अथवा जीवनसाथी के परिजनों से आर्थिक समस्याओं को सुलझाने के आश्वासन मिलने से मन को राहत मिलेगी। कार्यक्षेत्र पर अपनी ही किसी गलती से मन में भय रहेगा। किसी पारिवारिक अथवा व्यवसायिक कार्य से यात्रा की हो सकती है। इससे लाभ तो होगा लेकिन किसी न किसी रूप में शारीरिक क्षति भी होने की संभावना है। घर परिवार में किसी बड़े आयोजन के कारण व्यस्तता का वातावरण रहेगा घर के बड़े सदस्य आर्थिक कमी के कारण मानसिक रूप से परेशान होंगे। संध्या के समय मन अनैतिक संसाधनों से धन प्राप्त करने की ओर भटकेगा इससे बचने का प्रयास करें अन्यथा इस बार अवश्य ही किसी बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिए धन समृद्धि दायक रहेगा लेकिन प्रातः काल से ही आंखों में जलन अथवा पानी आने के कारण एवं बिना बात की कलह में पड़ने के कारण थोड़ी समस्या भी रहेगी। कार्यक्षेत्र पर कोई पुराना सौदा पूर्ण होने से धन की आमद होगी। जोखिम वाले कार्य जैसे की लाटरी सट्टा आदि में भी आकस्मिक लाभ होने की संभावना है। नौकरी करने वाले जातक विशेषकर सेना एवं पुलिस वाले लोगों को कोई अप्रत्याशित सफलता मिलेगी लेकिन इसके लिए दौड़-धूप भी अधिक करनी पड़ेगी। पारिवारिक वातावरण में आज छोटी-छोटी बातों को लेकर बहस तकरार होगी खासकर महिलाएं अपनी वाणी पर नियंत्रण न रखने के कारण कलह का कारण बनेगी। खर्च पर नियंत्रण कम ही रहेगा परंतु इसके बाद भी सुख शांति आशा अनुकूल नहीं मिल पाएगी। घर में आज मूक होकर रहना ही बेहतर है अन्यथा कल परिस्थिति आज से भी विकट हो सकती हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
बीते कल की तुलना में आज आपका स्वभाव एवं व्यवहार एकदम विपरीत रहेगा अध्यात्म एवं धार्मिक कार्यों में व्यवहारिकता मात्र रहेगी देखा देखी में धर्म के कार्य करेंगे। इसके विपरीत मनोरंजन के अवसर किसी भी हाल में हाथ से नहीं जाने देंगे। कार्य व्यवसाय को लेकर आज गंभीरता नहीं रहेगी फिर भी मध्यान्ह तक थोड़े समय में दिनभर का कोटा पूर्ण कर लेंगे। धन कि आमद आवश्यकता से अधिक ही होगी खर्च भी इसके अनुसार ही होंगे। किसी परिजन को अथवा किसी परिजन से आपको मनमर्जी के लिए दबाव डाला जाएगा। जीवनसाथी से आर्थिक लाभ होगा लेकिन हाथ में आते ही तुरंत खर्च भी हो जाएगा। शत्रु पक्ष आपके सामने नहीं आएंगे फिर भी पीठ पीछे आपका अहित करने की योजना अवश्य बनाएं लेकिन चाह कर भी कोई आपका बुरा नहीं कर पाएगा। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी लेकिन गिरने अथवा कटने का भय है सावधान रहें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की विशेष आवश्यकता है। या तो आप आज जल्दी से किसी से बोलेंगे नहीं बोलेंगे तो मुझसे कड़वे शब्द ही निकलेंगे लेकिन जहां स्वार्थ होगा वहां मीठा व्यवहार करेंगे आपकी यह दोहरी नीति कलह का कारण बनेगी। कार्यक्षेत्र पर व्यवसाय मध्यान बाद तक आशा के विपरीत रहेगा बाजार में मंदी का असर आप को भी प्रभावित करेगा लेकिन संध्या के आसपास बड़े भाई अथवा समतुल्य व्यक्ति से लाभ की संभावना है। धन की आमद आज आशा से कम ही रहेगी परिवार में किसी गलतफहमी के चलते तू तू मैं मैं होने से वातावरण अशांत बनेगा। बड़े बुजुर्ग बचाव में आएंगे लेकिन आप उन्हें भी अपमानित कर सकते हैं। बुद्धि विवेक से कार्य ले अपनी गलतियों अन्य के ऊपर डालने की जगह स्वीकार करें। सेहत में बीते दिन की अपेक्षा सुधार आएगा लेकिन स्वयं ही मानसिक अशांति को बढ़ावा देंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए धन् लाभ वाला है। लेकिन सुबह से स्वाभकाव में जल्दबाजी रहेगी जिसके चलते कोई ना कोई गलती नुकसान का कारण बन सकती है। अपने कार्यों को लक्ष्य बनाकर करें तो जहां से हानि की संभावना रहेगी वहां से कुछ ना कुछ लाभ हासिल कर लेंगे। आप अंदर से चाहे जैसे भी रहे लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र पर आर्थिक रुप से संपन्न जैसे छवि बनेगी। जोखिम वाले कार्यों में निवेश निकट भविष्य में लाभ करा सकता है इस पर विचार कर सकते हैं। घरेलू वातावरण सामान्य ही रहेगा छोटी उम्र के परिजन को लेकर कुछ समय के लिए परेशानी होगी बाद में अपने आप ठीक भी हो जाएगी। दैनिक आय के अलावा भी आप अतिरिक्त आय बनाने का भरसक प्रयास करेंगे आय होने पर भी सुख वृद्धि पर तुरंत खर्चे हो जाएगी। शरीर की अनदेखी बाद में परेशानी में डालेगी पहले ही सतर्क रहें। खून से संबंधित अथवा चर्मरोग रोग की शिकायत हो सकती है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए सेहत संबंधित परेशानियों को छोड़ अन्य अन्य विषयो में ठीक ही रहेगा। दिन के पहले हिस्से में शारीरिक अंगों में दर्द एवं अकड़न रहने के कारण किसी भी कार्य के प्रति उत्साह नहीं बना पाएंगे दोपहर के बाद दिनचर्या में स्थिरता आएगी।कार्यक्षेत्र पर धन लाभ के लिए कुछ अतिरिक्त भागदौड़ करनी पड़ेगी भूमि भवन अथवा चल अचल संपत्ति के व्यवसाय से जुड़े जातकों को शुभ समाचार मिलेंगे धन लाभ आशा के अनुसार होगा। अन्य व्यवसाइयों को भी काम चलाने लायक आय हो ही जाएगी। पारिवारिक वातावरण आज रोगग्रस्त रहेगा घर में किसी ना किसी के बीमार रहने से अव्यवस्था फैलेगी। दवाओं पर भी अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा संध्या के समय परिवारिक सदस्यों के साथ तालमेल बनाकर रहे स्वभाव का चिड़चिड़ापन बेवजह की बहस करा सकता है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आप सुनेंगे सबकी लेकिन करेंगे अपने मन की दिन का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं रहेगा। जैसी परिस्थितियां मिलेंगी स्वयं को उसके विपरीत चलाने का प्रयास करेंगे। दिन के आरंभ में ही किसी परिजन की बात को अनदेखा करने पर कलह होने की संभावना है। विशेषकर आज माता से बचकर ही रहे आपके ऊपर नजर बनाए हुए हैं पिता भी बाहरी रूप से माता का ही समर्थन करेंगे लेकिन अंदर से आप के प्रति नरम रहेंगे बाद में कामनापूर्ति माता के द्वारा ही होगी। व्यवसायी वर्ग कार्य क्षेत्र के आर्थिक व्यवहारों को लेकर चिंतित रहेंगे उधारी बढ़ने के कारण मन में बेचैनी रहेगी लेकिन आपकी समझ से बाहर की बात होने के कारण बेबस ही रहेंगे। दोपहर बाद आपका मन अनर्गल प्रपंचों भटकेगा सार्वजनिक क्षेत्र पर किसी की हंसी उड़ाना मानहानि करा सकता है। ऊंट पटांग भोजन के कारण सेहत में विकार आने की संभावना है।
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*—— कूटने की परम्परा ——-*

*अपने गांव के एक बुजुर्ग से बात करते करते यह बात चल पड़ी कि पहले यानि 20 से 25 वर्ष पहले इतने लोग बीमार नहीं होते थे,जितने आज हो रहे हैं।*
* उस बुजुर्ग ने अपने अनुभव के आधार पर जो कहा आप भी पढ़िए और आनंद लेते हुए विचार मंथन कीजिए।*

*पहले हम हर चीज को कूटते थे*.
*जब से हमने कूटना छोड़ा है, तब से*
*हम सब बीमार होने लग गए*.

*जैसे* … *पहले खेत से अनाज को*
*कूट कर घर लाते थे*.
*घर में मिर्च मसाला कूटते थे*,

*कभी-कभी तो बड़ा भाई भी*
*छोटे को कूट देता था, और जब*
*छोटा भाई उसकी शिकायत*
*माँ से करता था, तो माँ*
*बड़े भाई को कूट देती थी*.

*और कभी-कभी तो दादाजी भी*
*पोते को कूट देते थे*.

*यानी कुल मिलाकर …. दिन भर*
*कूटने का काम चलता रहता था*.

*कभी माँ , बाजरा कूट कर*
*शाम को खिचड़ी बनाती*.

*पहले हम कपड़े भी कूट कर धोते थे*.
*स्कूल में मास्टरजी भी कूटते थे*.
*जहाँ देखो वहाँ पर कूटने का काम*
*चलता रहता था, इसीलिए*
*बीमारी नजदीक नहीं आती थी*.

*सबका इम्यूनिटी पावर*
*मजबूत रहता था*.

*जब कभी बच्चा सर्दी में*
*नहाने से मना करता था*,
*तो माँ , पहले कूटकर*
*उसका इम्यूनिटी पावर बढ़ाती थी*,
*और फिर नहलाती थी*.

*वर्तमान समय में*
*इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए*
*कूटने की परंपरा*
*फिर से आरंभ चाहिए*..पर ध्यान रहे भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल की सौ गलतियों को क्षमा किया था धर्मो रक्षति रक्षित: