आज का पंचाग आपका राशि फल, आज के बड़े समाचार, हरियाली तीज पर मीराबाई चानू का भारोत्तोलन में भारत के लिए गोल्ड मेडल की सौगात, पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन से मिलती है पशुओं की योनियों में जाने से मुक्ति, हरियाली तीज का व्रत का सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष महत्व

नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की है अनोखी महिमा?

अगर आप कभी नेपाल घुमने जाते हैं तो आपको वहां जाकर इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं होगा कि आप एक अलग देश में हैं। कुछ भारत जैसी संस्कृति और संस्कारों को देखकर आप आश्चर्यचकित जरुर हो जायेंगे। आप अगर शिव भगवान के भक्त हैं तो आपको एक बार नेपाल स्थित भगवान शिव का पशुपतिनाथ मंदिर जरूर जाना चाहिए। नेपाल में भगवान शिव का पशुपतिनाथ मंदिर विश्वभर में विख्यात है। इसका असाधारण महत्त्व भारत के अमरनाथ व केदारनाथ से किसी भी प्रकार कम नहीं है। पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम देवपाटन गांव में बागमती नदी के तट पर स्थित है।

यह मंदिर भगवान शिव के पशुपति स्वरूप को समर्पित है। यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में शामिल भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर नेपाल में शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है।

यह मंदिर हिन्दू धर्म के आठ सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। नेपाल में यह भगवान शिव का सबसे पवित्र मंदिर है। इस अंतर्राष्ट्रीय तीर्थ के दर्शन के लिए भारत के ही नहीं, अपितु विदेशों के भी असंख्य यात्री और पर्यटक काठमांडू पहुंचते हैं।

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव यहां पर चिंकारे का रूप धारण कर निद्रा में चले बैठे थे। जब देवताओं ने उन्हें खोजा और उन्हें वाराणसी वापस लाने का प्रयास किया तो उन्होंने नदी के दूसरे किनारे पर छलांग लगा दी। कहा जाता हैं इस दौरान उनका सींग चार टुकडों में टूट गया था। इसके बाद भगवान पशुपति चतुर्मुख लिंग के रूप में यहाँ प्रकट हुए थे।

पशुपतिनाथ लिंग विग्रह में चार दिशाओं में चार मुख और ऊपरी भाग में पांचवां मुख है। प्रत्येक मुखाकृति के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंडल है। प्रत्येक मुख अलग-अलग गुण प्रकट करता है। पहला मुख ‘अघोर’ मुख है, जो दक्षिण की ओर है। पूर्व मुख को ‘तत्पुरुष’ कहते हैं। उत्तर मुख ‘अर्धनारीश्वर’ रूप है। पश्चिमी मुख को ‘सद्योजात’ कहा जाता है। ऊपरी भाग ‘ईशान’ मुख के नाम से पुकारा जाता है। यह निराकार मुख है। यही भगवान पशुपतिनाथ का श्रेष्ठतम मुख माना जाता है।
इतिहास को देखने पर ज्ञात होता है कि पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान की सेवा करने के लिए 1747 से ही नेपाल के राजाओं ने भारतीय ब्राह्मणों को आमंत्रित किया है। इसके पीछे यह तथ्य बताये जाते हैं कि भारतीय ब्राह्माण हिन्दू धर्मशास्त्रों और रीतियों में ज्यादा पारंगत होते हैं। बाद में ‘माल्ला राजवंश’ के एक राजा ने दक्षिण भारतीय ब्राह्मण को ‘पशुपतिनाथ मंदिर’ का प्रधान पुरोहित नियुक्त किया। दक्षिण भारतीय भट्ट ब्राह्मण ही इस मंदिर के प्रधान पुजारी नियुक्त होते रहे हैं।

मंदिर के निर्माण का कोई प्रमाणित इतिहास तो नहीं है किन्तु कुछ जगह पर यह जरुर लिखा गया है कि मंदिर का निर्माण सोमदेव राजवंश के पशुप्रेक्ष ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में कराया था। कुछ इतिहासकार पाशुपत सम्प्रदाय को इस मंदिर की स्थापना से जुड़ा मानते हैं। पशुपति काठमांडू घाटी के प्राचीन शासकों के अधिष्ठाता देवता रहे हैं। 605 ईस्वी में अमशुवर्मन ने भगवान के चरण छूकर अपने को अनुग्रहीत माना था। बाद में मध्य युग तक मंदिर की कई नकलों का निर्माण कर लिया गया। ऐसे मंदिरों में भक्तपुर (1480), ललितपुर (1566) और बनारस (19वीं शताब्दी के प्रारंभ में) शामिल हैं। मूल मंदिर कई बार नष्ट हुआ है। इसे वर्तमान स्वरूप नरेश भूपलेंद्र मल्ला ने 1697 में प्रदान किया।

मंदिर की आध्यात्मिक शक्ति की चर्चाआसपास में काफी प्रचलित है। भारत समेत कई देशों से लोग यहाँ आध्यात्मिक शांति की तलाश में आते हैं। अगर आप भी भगवान शिव के दर्शनों के अभिलाषी हैं तो यहाँ साफ़ और छल रहित दिल से आकर, आप शिव के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर की महिमा के बारे में आसपास के लोगों से आप काफी कहानियां भी सुन सकते हैं। मंदिर में अगर कोई घंटा-आधा घंटा ध्यान करता है तो वह जीव कई प्रकार की समस्याओं से मुक्त भी हो जाता है।

✍️ CWG 2022: मीराबाई चानू ने रचा इतिहास, कॉमनवेल्थ में भारत की शेरनी ने देश के नाम किया गोल्ड मेडल।
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✍🏼पीएम मोदी ने NTPC की 5200 करोड़ की परियोजनाओं का किया शिलान्यास, बोले- भारत की प्रगति को नई गति देगा पावर सेक्टर।

✍🏼PM Modi ने कहा-Ease Of Doing की तरह अब Ease Of Justice भी होना चाहिए, न्याय भी आसानी से मिलना चाहिए। 

✍🏼पीएम मोदी ने न्याय को सरल करने पर दिया जोर, कहा- विचाराधीन कैदियों की रिहाई प्रक्रिया में लाएं तेजी।

✍🏼यह समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। यह समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे *पीएम मोदी*। 

*✍🏼महाराष्ट्र के राज्यपाल के बयान पर विवाद* बोले- मुंबई से राजस्थानियों-गुजरातियों को निकाल दो तो यहां पैसा नहीं बचेगा; विपक्ष ने कहा- यह मराठियों का अपमान।

*✍🏼कोश्यारी के बयान पर बवाल* उद्धव ठाकरे ने पूछा- उन्हें घर कब भेजा जाएगा?, राज ठाकरे बोले – मराठी मानुष को गुस्सा मत दिलाइए। 

✍🏼बयान पर बवाल के बाद राज्यपाल कोश्यारी ने दी सफाई, बोले- मराठियों के अपमान का काई इरादा नहीं था।

✍🏼युवाओं में हमारी असली ताकत, हमें देश के स्किल फोर्स को इस्तेमाल करने की आवश्यकता *सीजेआई एनवी रमणा*। 

✍🏼कोर्ट तक पहुंचना है टेढ़ी खीर, चुपचाप दर्द सहने को मजबूर हैं अधिकतर लोग; *चीफ जस्टिस रमणा।

✍🏼राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस की सरकार का अब तक कैबिनेट विस्तार न होने पर तंज ​कसा है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मात्र दो लोगों की सरकार चल रही ​​है।

✍🏼एक्साइस पॉलिसी को लेकर AAP-BJP हुए आमने सामने, सिसोदिया का दावा- CBI और ED के नाम से कारोबारियों को डराया जा रहा।

✍🏼जम्मू-कश्मीर के बारामूला में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर, लश्कर के दो टेररिस्ट अरेस्ट।

*✍🏼राजस्थान* रक्षाबंधन पर महिलाओं को सरकार का तोहफा, रोडवेज में कर सकेंगी निशुल्क यात्रा। 

✍🏼कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पहला पदक मिला, संकेत ने वेटलिफ्टिंग में जीता रजत पदक

🔳 *_हरियाली तीज काव्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण होता है।_*

✍🏼 *_हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाया जाता है। कहा जाता है कि हरियाली तीज एक के बाद एक त्योहारों के आगमन का दिन है। इस त्योहार के बाद से देश के लगभग सभी बड़े त्योहार आने शुरू हो जाते हैं। इसे मधुश्रवा तृतीया या छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है। आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार हरियाली तीज के बाद ही नाग पंचमी, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और नवरात्र आदि बड़े त्योहार आते हैं, जिससे भारतवर्ष की छटा में चार चांद लग जाते हैं और चारों तरफ खुशियां ही खुशियां नजर आती हैं। यह व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। इस दिन वह निर्जला व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि,और व्रत कथा के बारे में।_*

 

⚛️ *_हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त_*

 

*_हरियाली तीज तृतीया तिथि आरंभ: 31 जुलाई – सुबह 02 बजकर 59 मिनट से शुरू_*

*_तृतीया तिथि समाप्त: 01 अगस्त – सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर_*

*_हिंदू पंचांग के अनुसार हरियाली तीज का त्योहार 31 जुलाई 2022 दिन रविवार को मनाया जाएगा।_*

🪐 *_हरियाली तीज पर बन रहा है विशेष योग_*

*_इस बार हरियाली तीज पर रवि योग बन रहा है। किसी भी शुभ कार्य को संपन्न करने के लिए रवि योग काफी शुभ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, रवि योग पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में शुभ प्रभावों में वृद्धि होती है। हरियाली तीज के दिन रवि योग दोपहर 2:20 बजे से शुरू होकर 1 अगस्त को सुबह 6:04 बजे तक रहेगा।_*

👉🏼 *_हरियाली तीज पूजन सामग्री_*

*_भगवान शिव को अर्पित करें ये पूजा सामग्री_*

*_नए वस्त्र, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत दही, मिश्री, शहद आदि_*

🍱 *_माता पार्वती को अवश्य चढ़ाएं ये चीजें_*

*_हरे रंग की साड़ी,चुनरी और सोलह श्रृंगार से जुड़े सुहाग के सामान जिसमें मुख्य रूप से सिंदूर, बिंदी, चूडियां, महौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछिआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र इत्यादि।_*

⚛️ *_हरियाली तीज पूजा विधि_*

*_इस दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।_*

*_उसके बाद साफ सुथरे कपड़े पहनकर भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेती हैं।_*

*_इस दिन बालू के भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है और एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है।_*

*_माता को श्रृंगार का समाना अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती का आवाह्न करें। माता-पार्वती, शिव जी और उनके साथ गणेश जी की पूजा करें। शिव जी को वस्त्र अर्पित करें और हरियाली तीज की कथा सुनें।_*

*_’उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये’ मंत्र का जाप भी कर सकती हैं।_*

*_इस बात का ध्यान रखें कि प्रतिमा बनाते समय भगवान का स्मरण करते रहें और पूजा करते रहें।_*

*_जब माता पार्वती की पूजा कर रहे हो तो इस मंत्र का जप करें_*

*_ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धात्र्यै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:_*

🔱 *_भगवान शिव की आराधना के दौरान इन मंत्रों का जाप करें_*

*_ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं_* *_पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:_*

🗣️ *_हरियाली तीज व्रत कथा_*

*_हरियाली तीज उत्सव को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस कड़ी तपस्या से माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। कथा के अनुसार माता गौरी ने पार्वती के रूप में हिमालय के घर पुनर्जन्म लिया था। माता पार्वती बचपन से ही शिव को वर के रूप में पाना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने कठोर तप किया। एक दिन नारद जी पहुंचे और हिमालय से कहा कि पार्वती के तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उनसे विवाह करना चाहते हैं। यह सुन हिमालय बहुत प्रसन्न हुए। दूसरी ओर नारद मुनि विष्णुजी के पास पहुंच गये और कहा कि हिमालय ने अपनी पुत्री पार्वती का विवाह आपसे कराने का निश्चय किया है। इस पर विष्णुजी ने भी सहमति दे दी।_*

*_नारद इसके बाद माता पार्वती के पास पहुंच गए और बताया कि पिता हिमालय ने उनका विवाह विष्णु से तय कर दिया है। यह सुन पार्वती बहुत निराश हुईं और पिता से नजरें बचाकर सखियों के साथ एक एकांत स्थान पर चली गईं।_*

*_घने और सुनसान जंगल में पहुंचकर माता पार्वती ने एक बार फिर तप शुरू किया। उन्होंने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और उपवास करते हुए पूजन शुरू किया। भगवान शिव इस तप से प्रसन्न हुए और मनोकामना पूरी करने का वचन दिया। इस बीच माता पार्वती के पिता पर्वतराज हिमालय भी वहां पहुंच गए। वह सत्य बात जानकर माता पार्वती की शादी भगवान शिव से कराने के लिए राजी हो गए।_*

*_शिव इस कथा में बताते हैं कि बाद में विधि-विधान के साथ उनका पार्वती के साथ विवाह हुआ। शिव कहते हैं, ‘हे पार्वती! तुमने जो कठोर व्रत किया था उसी के फलस्वरूप हमारा विवाह हो सका। इस व्रत को निष्ठा से करने वाली स्त्री को मैं मनवांछित फल देता हूं।’_*

*_✹•⁘••⁘•✹•⁘••⁘•⁘••⁘•✹•⁘••⁘•✹_*

*_※❖ॐ∥▩∥श्री∥ ۩۞۩ ∥श्री∥▩ॐ❖※_*

​ *༺𝕝 🕉 𝕝༻​​*

*𝕝𝕝 जय श्री राधे 𝕝𝕝

*महर्षि पाराशर पंचांग*

 

*🙏☾अथ पंचांगम्☽🙏*

 

*दिनाँक : ~*

*31/07/2022, रविवार*

तृतीया, शुक्ल पक्ष,

श्रावण

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(समाप्ति काल)

 

तिथि-तृतीया 28:17:41-तक

पक्ष————————-शुक्ल

नक्षत्र————मघा 14:18:52

योग———–वरियान 19:09:15

करण————तैतुल 15:41:18

करण————–गर 28:17:41

वार————————रविवार

माह————————श्रावण

चन्द्र राशि———————सिंह

सूर्य राशि———————कर्क

रितु—————————वर्षा

आयन—————–दक्षिणायण

संवत्सर——————-शुभकृत

संवत्सर (उत्तर)——————नल

विक्रम संवत—————2079

विक्रम संवत (कर्तक)———2078

शक संवत——————1944

 

वृन्दावन

सूर्योदय—————-05:43:03

सूर्यास्त—————-19:07:50

दिन काल————–13:24:46

रात्री काल————-10:35:45

चंद्रोदय—————-07:44:42

चंद्रास्त—————–21:04:07

 

लग्न—–कर्क 13°39′ , 103°39′

 

सूर्य नक्षत्र——————–पुष्य

चन्द्र नक्षत्र——————- मघा

नक्षत्र पाया——————-रजत

 

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

 

मू—- मघा 07:48:54

 

मे—- मघा 14:18:52

 

मो—- पूर्वा फाल्गुनी 20:47:33

 

टा—- पूर्वा फाल्गुनी 27:14:51

 

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

 

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

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सूर्य=कर्क 13:12 पुष्य , 4 ड़

चन्द्र = कर्क 08 °23, मघा , 3 मू

बुध =कर्क 28 ° 07′ आश्लेषा ‘ 4 डो

शुक्र=मिथुन 21°05, पुनर्वसु ‘ 1 के

मंगल=मेष 23°30 ‘ भरणी ‘ 3 ले

गुरु=मीन 14°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ

शनि=कुम्भ 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी

राहू=(व) मेष 24°15’ भरणी , 4 लो

केतु=(व) तुला 24°15 विशाखा , 2 तू

 

*🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩*

 

राहू काल 17:27 – 19:08 अशुभ

यम घंटा 12:25 – 14:06 अशुभ

गुली काल 15:47 – 17:27 अशुभ

अभिजित 11:59 – 12:52 शुभ

दूर मुहूर्त 17:21 – 18:14 अशुभ

 

🚩गंड मूल 05:43 – 14:19 अशुभ

 

💮चोघडिया, दिन

उद्वेग 05:43 – 07:24 अशुभ

चर 07:24 – 09:04 शुभ

लाभ 09:04 – 10:45 शुभ

अमृत 10:45 – 12:25 शुभ

काल 12:25 – 14:06 अशुभ

शुभ 14:06 – 15:47 शुभ

रोग 15:47 – 17:27 अशुभ

उद्वेग 17:27 – 19:08 अशुभ

 

🚩चोघडिया, रात

शुभ 19:08 – 20:27 शुभ

अमृत 20:27 – 21:47 शुभ

चर 21:47 – 23:06 शुभ

रोग 23:06 – 24:26* अशुभ

काल 24:26* – 25:45* अशुभ

लाभ 25:45* – 27:05* शुभ

उद्वेग 27:05* – 28:24* अशुभ

शुभ 28:24* – 29:44* शुभ

 

💮होरा, दिन

सूर्य 05:43 – 06:50

शुक्र 06:50 – 07:57

बुध 07:57 – 09:04

चन्द्र 09:04 – 10:11

शनि 10:11 – 11:18

बृहस्पति 11:18 – 12:25

मंगल 12:25 – 13:33

सूर्य 13:33 – 14:40

शुक्र 14:40 – 15:47

बुध 15:47 – 16:54

चन्द्र 16:54 – 18:01

शनि 18:01 – 19:08

 

🚩होरा, रात

बृहस्पति 19:08 – 20:01

मंगल 20:01 – 20:54

सूर्य 20:54 – 21:47

शुक्र 21:47 – 22:40

बुध 22:40 – 23:33

चन्द्र 23:33 – 24:26

शनि 24:26* – 25:19

बृहस्पति 25:19* – 26:12

मंगल 26:12* – 27:05

सूर्य 27:05* – 27:58

शुक्र 27:58* – 28:51

बुध 28:51* – 29:44

 

*🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩*

 

कर्क > 03:54 से 06:10 तक

सिंह > 06:10 से 08:20 तक

कन्या > 08:20 से 10:30 तक

तुला > 10:30 से 12:45 तक

वृश्चिक > 12:45 से 15:00 तक

धनु > 15:00 से 17:20 तक

मकर > 17:20 से 19:03 तक

कुम्भ > 19:03 से 20:36 तक

मीन > 20:36 से 21:10 तक

मेष > 21:10 से 11:42 तक

वृषभ > 11:42 से 01:34 तक

मिथुन > 01:34 से 03:54 तक

 

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

 

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

 

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

 

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

 

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 

3 + 1 + 1 = 5 ÷ 4 = 1 शेष

पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

 

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

 

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

 

सूर्य ग्रह मुखहुति

 

*💮 शिव वास एवं फल -:*

 

3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष

 

सभायां = संताप कारक

 

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

 

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

 

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

 

*हरियाली तीज , झूला प्रारम्भ

 

* स्वर्ण गौरी व्रत

 

* मधुश्रवा व्रत

 

*सुक्रत तृतीया व्रत

 

*मुंसी प्रेमचंद जयंती

 

*श्री सेवक जयंती

 

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

 

अग्निर्देवो द्विजातीनां मुनीनां हृदि दैवतम् ।

प्रतिमा त्वल्पबुध्दीनां सर्वत्र समदर्शिनाम् ।।

।। चा o नी o।।

 

द्विज अग्नि में भगवान् देखते है.

भक्तो के ह्रदय में परमात्मा का वास होता है.

जो अल्प मति के लोग है वो मूर्ति में भगवान् देखते है.

लेकिन जो व्यापक दृष्टी रखने वाले लोग है, वो यह जानते है की भगवान सर्व व्यापी है.

 

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

 

गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18

 

यया स्वप्नं भयं शोकं विषादं मदमेव च।,

न विमुञ्चति दुर्मेधा धृतिः सा पार्थ तामसी॥,

 

हे पार्थ! दुष्ट बुद्धिवाला मनुष्य जिस धारण शक्ति के द्वारा निद्रा, भय, चिंता और दु:ख को तथा उन्मत्तता को भी नहीं छोड़ता अर्थात धारण किए रहता है- वह धारण शक्ति तामसी है॥,35॥,

 

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

 

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

 

🐏मेष

पुराने संगी-साथी व रिश्तेदारों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। अच्‍छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। कार्यों में गति आएगी। विवेक का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। मित्रों के सहयोग से किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।

 

🐂वृष

मेहनत सफल रहेगी। बिगड़े काम बनेंगे। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने के अवसर मिलेंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धनार्जन होगा।

 

👫मिथुन

लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी के उकसाने में न आएं। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।

 

🦀कर्क

मेहनत का फल पूरा नहीं मिलेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पारिवारिक मांगलिक कार्य हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे।

 

🐅सिंह

संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के लिए सुनहरा मौका साबित हो सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार में वृद्धि के योग हैं। स्वास्थ्‍य कमजोर रहेगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे।

 

🙍‍♀️कन्या

शत्रुओं का पराभव होगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कोई बड़ा कार्य करने की योजना बन सकती है। कार्यसिद्धि होगी। सुख के साधनों पर व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।

 

⚖️तुला

वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग से हानि की आशंका है, सावधानी रखें। दूसरों के झगड़ों में हस्तक्षेप न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्षोभ होगा। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

 

🦂वृश्चिक

तीर्थदर्शन हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण व लाभदायक रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। शेयर मार्केट में जोखिम न लें। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। ध्यान रखें।

 

🏹धनु

आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य कर पाएंगे। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम न लें। भाइयों का सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।

 

🐊मकर

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लंबी यात्रा हो सकती है। लाभ होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रशंसा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रमाद न करें।

 

🍯कुंभ

व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। किसी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। विवाद से बचें। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार ठीक चलेगा। आय होगी। विवेक का प्रयोग करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।

 

🐟मीन

रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य हो जाने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद से बचें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है।

 

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

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*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*