आज का पंचाग आपका राशि फल, कर्म फल भले आपके हाथ में नहीं लेकिन कर्म करना आपके हाथ में ही है इसलिए हर क्षण पुरुषार्थ करते रहना चाहिए, मोटापा कम करने के सरल और घरेलू विधि

मैनेजमेंट में मोस्लोव्स हेरारकी ऑफ़ नीड्स (Maslow’s hierarchy of needs) पढ़ाते हैं। ये एक पिरामिड, या त्रिकोण होता है। इसमें सबसे नीचे बिलकुल बुनियादी जरूरतें होती हैं और सबसे ऊपर मामला करीब-करीब अध्यात्मिक स्तर पर पहुँच जाता है। यहाँ बताया जाता है कि एक मनुष्य के लिए “प्रेरणा” क्या हो सकती है। इसलिए शुरुआत के स्तर पर खाना, पानी, आवास, और नींद जैसी चीज़ें होती हैं। इससे ठीक ऊपर के स्तर पर सुरक्षा, जैसे आर्थिक, मानसिक या शारीरिक (बिमारियों-चोट वगैरह से) आती है।

 

इससे एक स्तर ऊपर मैत्री, सम्मान मिलना जैसी भावनाएं व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत होती हैं। वो उनके लिए काम करता है। थोड़ा और ऊपर जाने पर वो सिर्फ अपने मानसिक संतुष्टि के स्तर पर होता है। अंतिम स्तर पर वो खुद की प्रेरणा से काम करता है, उसके लिए बाहर की चीज़ें गौण हो जाती हैं। कठोपनिषद का महत्वपूर्ण भाग बिलकुल यही दर्शाता हुआ नजर आ जाता है। नचिकेता जब यमराज के पास पहुँचते हैं तो यम वहां मौजूद नहीं थे। उन्हें प्रतीक्षा करनी पड़ती है।

 

तीन दिन-रात प्रतीक्षा करने पर जब यम आते हैं तो नचिकेता की बुनियादी जरूरतें पूरी हो जाती हैं। उसे खाने-पीने, आवास जैसी चीज़ों की चिंता नहीं रह जाती। इसलिए जब वो तीन वरों में से पहला वर मांगता है तो पिता का क्रोध शांत हो जाए मांग लेता है। वो मानसिक रूप से भय-मुक्त, सुरक्षित होना चाहता है। यहाँ नचिकेता को अग्नि का स्वरुप बताया जाता है, जो उनके कारण नचिकेताग्नि नाम से भी जानी गयी। तीसरे वर में नचिकेता आत्मा और मृत्यु का रहस्य पूछ लेते हैं और यम उन्हें टालना चाहते हैं।

 

इस वर में नचिकेता सामान्य स्तर से काफी ऊपर उठ चुके थे। उनके लिए शारीरिक आवश्यकता, सुरक्षा, सम्मान जैसी चीज़ों का कोई मोल नहीं रह गया था। जिसे आज मोस्लोव्स हेरारकी ऑफ़ नीड्स कहते हैं नचिकेता उसके चौथे-पांचवे स्तर पर थे। इस बार जब यम उन्हें जब आत्मा के बारे में बताते हैं तो उन्हें फिर से ऐसे ही चरणों के बारे में बताते हैं। यम उन्हें जीवात्मा के विकास की चार अवस्थाएं हंस, वसु, होता और अतिथि के बारे में बताते चले जाते हैं।

 

पहली विकसित अवस्था, “हंस” में जीवात्मा संसार में रहकर भी उसमें वैसे ही लिप्त नहीं होता, जैसे हंस पानी में नहीं भीगता। इससे आगे की अवस्था “वसु” में, उसमें स्वयं में तो ईश्वर का वास होता ही है, साथ ही वो औरों को भी इसी दिशा में ले जाता है। ये अवस्था गृहस्थ की भी हो सकती है। तीसरी “होता” की अवस्था में यज्ञ की अग्नि में होम करने वाले त्यागी की अवस्था होती है। ये लेता कुछ भी नहीं, देता ही जाता है। शरीर में आत्मा के निवास को जब मानव थोड़े समय का समझ ले तो वो “अतिथि” की सबसे ऊँची अवस्था है।

 

कठोपनिषद कृष्ण यजुर्वेद शाखा का उपनिषद है जिसमें दो अध्याय और हर अध्याय में तीन-तीन वाल्लियाँ हैं। इसकी रचना वैशम्पायन मुनि के शिष्य कठ ने की थी, जिसके कारण इसका नाम कठोपनिषद पड़ा। जैसे महाभारत के किसी श्लोक के बारे में बताते समय पहले पर्व, फिर उप-पर्व, फिर अध्याय और अंत में श्लोक की संख्या बतानी होगी, वैसे कठोपनिषद के लिए अध्याय, वल्ली और फिर मन्त्र/श्लोक बताना होगा। आमतौर पर नचिकेता की कहानी का जितना हिस्सा बताया जाता है, वो कठोपनिषद का पहला ही अध्याय है। भगवद्गीता के जो सबसे जाने माने श्लोक हैं, उनमें से कई कठोपनिषद से आते हैं।

 

जैसे आत्मा न जन्म लेती है न मरती है वाला भगवद्गीता के दूसरे अध्याय का बीसवां श्लोक :-

न जायते म्रियते वा कदाचिन्नायं भूत्वा भविता वा न भूयः।

अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो न हन्यते हन्यमाने शरीरे।। (भगवद्गीता 2.20)

लगभग इसी स्वरुप में कठोपनिषद के पहले अध्याय दूसरी वल्ली के अट्ठारहवें मन्त्र में दिख जाएगा।

न जायते म्रियते वा विपश्चिन्नायं कुतश्चिन्न बभूव कश्चित् । 

अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो न हन्यते हन्यमाने शरीरे ॥ (कठोपनिषद 1.2.18)

ऐसा भी नहीं कि ये एक ही श्लोक है जहाँ समानता नजर आती हो। इसके अलावा भी भावों में आपको ये समानता दिख जायेगी। विश्व को एक उल्टे पेड़ से दर्शाने वाला, जिसकी जड़ें ऊपर हों और शाखाएँ नीचे की तरफ, वो उदाहरण भी कठोपनिषद का है। भगवद्गीता में जहाँ इस बारे में सिर्फ बताकर छोड़ दिया गया है, वहीँ कठोपनिषद (दूसरे अध्याय की तीसरी वल्ली) में इसपर ज्यादा चर्चा है।

 

भगवद्गीता को उपनिषदों का सार इस वजह से भी कहा जाता है क्योंकि इसमें उपनिषदों से कई दार्शनिक सिद्धांत लेकर सामने रख दिए गए हैं। ग्यारह प्रमुख उपनिषदों को पढ़कर जितना सीखेंगे, उसके लगभग सभी मुख्य भाग भगवद्गीता में मौजूद होते हैं। जो अभी आपने पढ़ा वो दो श्लोकों पर मेरे (और दूसरे कई लोगों के भी) विचार हैं, खुद पढ़ कर देखिएगा तभी आप खुद समझ पाएंगे। क्योंकि ये जो हमने पढ़ा डाला है वो नर्सरी लेवल का है, और पीएचडी के लिए आपको खुद पढ़ना पड़ेगा ये तो याद ही होगा?

 

अगर हिंदी में सूर्य का पर्यायवाची पूछेंगे तो हम आसानी से दिनकर, दिवाकर, भानु, भास्कर, आदित्य, दिनेश, मार्तण्ड, मन्दार, रवि, प्रभाकर इत्यादि कई शब्द बता सकते हैं। इसकी तुलना में अगर अंग्रेजी के “सन” (Sun) का पर्यायवाची ढूँढने निकलें तो क्या होगा? ये अंतर इसलिए है क्योंकि अलग-अलग भाषाओँ का विकास अलग-अलग संस्कृतियों में हुआ होता है। इनका भौगोलिक प्रदेश भी अलग होता है। पेड़ पौधों के विकास, समय की गणना, उर्जा देने, कीटाणु-रोगनाशक होने जैसे कई गुणों के लिए हमारे लिए सूर्य महत्वपूर्ण है। उनके लिए ठन्डे प्रदेश में सूर्य उगता ही कम था तो उन्हें इसका महत्व समझ में ही नहीं आया। जो चीज संस्कृति में महत्वपूर्ण नहीं, उसके लिए बहुत से शब्द नहीं बनते।

 

ये जानना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि जब भाषा की इस सीमा से बंधा कोई जीव, भारतीय भाषा से किसी ग्रन्थ का अंग्रेजी अनुवाद करेगा तो क्या होगा? उस बेचारे को लगेगा कि उसे जो चीज़ अनुवाद करने के लिए दी गयी है वो बड़ी क्लिष्ट, बहुत कठिन है! चार्ल्स विल्किंस ने जब 1785 में भगवद्गीता का अंग्रेजी में अनुवाद किया होगा, तो उनके सामने ऐसी ही कठिनाई आई होगी। इसके बाद फ़ौरन ही भगवद्गीता यूरोपीय भाषाओँ में प्रचलित हो गयी, ऐसा भी नहीं था। भगवद्गीता के अनुवादों में 1880 से 1910 के दौर में तीव्रता आई थी। ये भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का दौर भी था, और इस समय अनुवाद करने वालों में से कई फिरंगी हुकूमत को उखाड़ फेंकने में जुटे लोग भी थे। लोकमान्य तिलक, लाला लाजपत राय, श्री औरोबिन्दो सहित कई नेताओं ने इस काल में भगवद्गीता पर लिखा था।

 

करीब करीब इसी दौर में “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” वाले श्लोक को भी भगवद्गीता का मुख्य श्लोक माना जाने लगा। ऐसा मुख्यतः हीगल के भगवद्गीता पर लिखे लेखों के कारण हुआ था। हीगल का मानना था कि भारतीय क्रन्तिकारी “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” से प्रेरित हैं और इसलिए स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए कर्म करते वक्त फल की चिंता नहीं करते! भगवद्गीता का जहाँ तक स्वतंत्रता सेनानियों पर प्रभाव का प्रश्न है, इसके हिन्दुओं पर प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता। दांडी मार्च के समय भी गिरफ्तार किये गए सभी सेनानियों के पास भगवद्गीता पायी गयी थी। इसके अलावा अगर “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” को भगवद्गीता का मुख्य श्लोक घोषित करने का प्रयास करें तो वो जबरदस्ती होगी क्योंकि भगवद्गीता में केवल कर्मयोग ही नहीं है, वहां भक्तियोग, ज्ञानयोग जैसी दूसरी चर्चाएँ भी हैं।

 

हीगल वो दार्शनिक थे जिन्हें जवाब देने में कार्ल मार्क्स ने अपने शुरूआती लेखन में काफी श्रम खर्च किया था। जहाँ शिक्षक ही प्रेरित हो, वहां इस आयातित विचारधारा से प्रेरित चेलों का क्या होता? जाहिर सी बात है कि केवल एक श्लोक को ही मुख्य श्लोक और अर्थ समझने को अत्यंत कठिन और गूढ़ बताया जाने लगा। सत्य सरल होता है। वो किसी को भी आसानी से समझ में आ सकता है। इसलिए भगवद्गीता भी सरल है, लेकिन इसे उल्टा प्रचारित किया गया। समस्या भाषा की थी, सन्देश की थी ही नहीं। चाँद देखने के बदले अगर कोई चाँद की तरफ किये जा रहे इशारे में ऊँगली की व्याख्या करने लगे तो गलती उसकी है। इशारा करने वाले की क्यों होगी? ऊँगली ऐसी थी, नाखून बढ़ा था या कटा था, कोई नेल पॉलिश लगा था या नहीं, अगर लगा था तो कैसा था? इन सबको छोड़कर जब ये देखा जाता है कि इशारा किया किधर जा रहा है तो अर्थ भी आसान होता है।

 

भगवद्गीता पढ़ने को किसी नदी के किनारे पहुँचने के रूपक से भी समझा जा सकता है। आप वहां से हाथ मुंह धोकर कुल्ला करके आगे निकल सकते हैं। अगर आप कोई ग्लास-बाल्टी या ऐसा कोई बर्तन ले गए हैं तो आप उसमें पानी भरकर भी ला सकते हैं। अगर आप नहर बनाने की तकनीक के साथ पहुंचे तो फिर तो आपको अपने खेतों के लिए सिंचाई के एक सतत साधन का प्रबंध करने में भी दिक्कत नहीं होगी। इन सब के अलावा ये भी हो सकता है कि आपका इरादा कहीं और जाने का हो। वहां जाने के रास्ते में आपको नदी एक बाधा जैसी दिखाई दे ऐसा संभव है। उस स्थिति में आप नाव से या तैरकर जैसे तैसे नदी पार करेंगे और जो इस प्रयास में थोड़ा-बहुत भीग भी गए होंगे उसके लिए खीजते हुए जल्दी से जल्दी सूख जाने की कोशिश में आगे बढ़ेंगे।

 

अंततः ये पूरी तरह आपपर ही निर्भर है कि इसका करना क्या है। कर्मफल भले आपके हाथ में नहीं, लेकिन कौन सा कर्म करना है, कुछ करना भी है या नहीं करना है ये पूरी तरह आपके हाथ में है। बाकी दो श्लोक रोज पढ़ें तो भी पूरा वर्ष ख़त्म होने से पहले भगवद्गीता पूरी पढ़ी जा सकती है, लेकिन फिर से याद दिला दें, पढ़ना है या नहीं, ये तो पूरी तरह आपके हाथ में है!

✍🏻आनन्द कुमार👁100% रिजल्ट👁 

*मोटापा और पेट को कैसे कम करें*

कुछ ऐसे टिप्स हैं जिससे पेट कम किया जा सके! जांचा परखा नुस्खा है आप भी आजमाये।

 

■ नो योगा

■ नो मैडिटेशन

■ नो मेडिसिन

■ नो सप्लीमेंट्स

 

जी !!

आपकी बॉडी का मेटाबॉलिज्म जितना अच्छा होगा फैट उतना ज्यादा बर्न होगा।

लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि बहुत मेहनत करने पर शरीर की बाकी का फैट तो बर्न हो जाता है, लेकिन पेट कम नहीं होता।

 

दूसरी तरफ़ कई लोग तपस्या भी करते हैं तो पूरे शरीर के दूसरे भागों का फैट पहले बर्न होता है और सबसे आखिर में पेट का होता है और फिर जरा सी भूल चूक तो सबसे पहले पेट बढ़ता है।

 

(1). आप सुबह और शाम एक गिलास गर्म पानी लें, हो सके तो इसमें नींबू डाल कर लें। इससे खास तौर पर आपका पेट कम होगा।

(2). अगर आप ऐसे काम करते हैं जिसमें आपको ज्यादा देर बैठना पड़ता है, तो इसके कारण कमर के आस पास ज्यादा फैट इकट्ठा हो जाता है। इसके लिए आप हर एक घंटे के बाद खड़े होकर 10 मिनट इधर उधर walk कीजिए। इससे पेट का फैट बढ़ने से रुकेगा।

(3). वैसे तो ड्राई फ्रूट्स में फैट और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है, लेकिन अगर आप बादाम अखरोट और पिस्ता रोज सुबह खाएं तो यह आपके मेटाबॉलिज्म को काफी अच्छा करेगा, और पेट के फैट को घटाएगा। बादाम आपकी स्किन और ब्रेन के लिए भी फायदेमंद है, अखरोट आपके शरीर की अंदरुनी शक्ति को मजबूत करता है और पिस्ता आपके हृदय के लिए काफी फायदेमंद है।

(4). सामान्यतया हम ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर दिन में तीन बार पेट भर के खाते हैं। पर अभी लेटेस्ट रिसर्च कहती है कि व्यक्ति को हर 3 घंटे में थोड़ा थोड़ा खाना चाहिए। इससे पेट का फैट नहीं बनेगा।

(5). खाने से पहले सूप, नट्स और सलाद लें। इससे भी पेट का फैट कम होगा।

(6). सामान्यतया जब आपको पेट कम करना होता है तो आप अपनी पसंदीदा चीज, जैसे कि पिज्जा, बर्गर आदि सब छोड़ देते हैं। लेकिन मॉडर्न रिसर्च कहती है कि इससे शरीर में उसकी क्रेविंग बढ़ती है, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म इतना सहयोगी नहीं रहता है। इसलिए उसे पूरा ना छोड़ कर सात दिन में एक बार खा ले।

(7). कई लोग जल्दी वजन कम करने के लिए हाय प्रोटीन लेना शुरु कर देते हैं और लो कार्बोहाइड्रेट (अनाज) लेते हैं। पर इससे कुछ समय के लिए ही आपका वजन घटेगा। जैसे ही आप नार्मल डाइट पर आएंगे वापस उतना वजन बढ़ जाएगा।

(8). दिन में 12 गिलास पानी जरूर पिएँ। लेटेस्ट रिसर्च मानती है कि पानी की अच्छी मात्रा पेट के फैट को नहीं बनने देती है।

(9). आपने डिनर के साथ हरी मिर्च का प्रयोग करने से भी पेट का फैट कम होगा।

(10). रात को सोने से पहले गर्म पानी पीयें। इस से भी पेट का फैट जल्द ही burn होगा।

(11). सुबह भूखे पेट पपीता, अनार, पाइनैप्पल, एप्पल लें।

यह चारो फल फैट-कटर हैं, और बहुत जल्दी आपके पेट के फैट को कम करेंगे।

नेचुरोपैथ कौशल

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शुक्रवार, ११ मार्च २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:३८
सूर्यास्त: 🌅 ०६:२२
चन्द्रोदय: 🌝 ११:५२
चन्द्रास्त: 🌜२६:३७
अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌿 बसंत
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 फाल्गुन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 नवमी (पूर्ण रात्रि तक)
नक्षत्र 👉 मृगशिरा (१४:३६ तक)
योग 👉 आयुष्मान् (२७:११ तक)
प्रथम करण 👉 बालव (१८:५२ तक)
द्वितीय करण 👉 कौलव (पूर्ण रात्रि तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कुम्भ
चंद्र 🌟 मिथुन
मंगल 🌟 मकर (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कुम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 कुंम्भ (अस्त, पश्चिम , मार्गी)
शुक्र 🌟 मकर (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०३ से १२:५१
अमृत काल 👉 ३०:१८ से ०८:०६ बजे
रवियोग 👉 १४:३६ से ३०:३१
विजय मुहूर्त 👉 १४:२५ से १५:१३
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१० से १८:३४
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०२ से २४:५१
राहुकाल 👉 १०:५८ से १२:२७
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:२५ से १६:५३
होमाहुति 👉 शुक्र
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 पश्चिम
शिववास 👉 गौरी के साथ
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पश्चिम-दक्षिण (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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होली अष्टांह्नका विधान आरम्भ (जैन) आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १४:३६ तक जन्मे शिशुओ का नाम
मृगशिरा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (क, की) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम आर्द्रा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश: (कु, घ, ङ) नामाक्षर रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कुम्भ – २९:१९ से ०६:४५
मीन – ०६:४५ से ०८:०९
मेष – ०८:०९ से ०९:४२
वृषभ – ०९:४२ से ११:३७
मिथुन – ११:३७ से १३:५२
कर्क – १३:५२ से १६:१४
सिंह – १६:१४ से १८:३३
कन्या – १८:३३ से २०:५०
तुला – २०:५० से २३:११
वृश्चिक – २३:११ से २५:३१
धनु – २५:३१ से २७:३४
मकर – २७:३४ से २९:१५
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०६:३२ से ०६:४५
शुभ मुहूर्त – ०६:४५ से ०८:०९
शुभ मुहूर्त – ०८:०९ से ०९:४२
रज पञ्चक – ०९:४२ से ११:३७
शुभ मुहूर्त – ११:३७ से १३:५२
चोर पञ्चक – १३:५२ से १४:३६
शुभ मुहूर्त – १४:३६ से १६:१४
रोग पञ्चक – १६:१४ से १८:३३
शुभ मुहूर्त – १८:३३ से २०:५०
मृत्यु पञ्चक – २०:५० से २३:११
अग्नि पञ्चक – २३:११ से २५:३१
शुभ मुहूर्त – २५:३१ से २७:३४
रज पञ्चक – २७:३४ से २९:१५
शुभ मुहूर्त – २९:१५ से ३०:३१
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपके लिये अनुकूल रहेगा। आज किसी कार्य अथवा व्यापार में अकस्मात धन मिलने से कार्य के प्रति उत्साह बढ़ेगा। नौकरी पेशा जातको को भी परिश्रम का फल आर्थिक या पदोन्नति के रूप में मिल सकेगा। धर्म के गूढ़ रहस्यों को जानने की उत्सुकता रहेगी। संध्या का समय परिजनों के साथ आनंद से बीतेगा। घर के बड़े बुजुर्गों से भविष्य के लिए उत्तम मार्गदर्शन मिलेगा। संतानों के ऊपर खर्च होगा। वाणी में थोड़ी कटुता रह सकती है फिर भी आज लोगो को आपसे स्वार्थ रहने के कारण बुरा नही मानेंगे। पेट संबंधित व्याधि परेशान कर सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी जांच-परख अवश्य करें जल्दबाजी में धोखा अथवा हानि होने की संभावना है। आलस्य की प्रवृति के कारण आज महत्त्वपूर्ण सौदे हाथ से निकलने की भी संभावना है। परिवार में किसी से व्यर्थ की बातों पर उग्र चर्चा के कारण दिन भर पश्चाताप रहेगा। नए कार्य की शुरुआत आज ना करें। अनैतिक कार्यो से मानहानि हो सकती है इसका ध्यान रखें। असंयमित दिनचर्या के कारण सेहत ख़राब हो सकती है। धन की आमद को लेकर तरह तरह के प्रयास करेंगे लेकिन काम चलाऊ ही होगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से आपके लिए लाभदायक रहेगा। आज के दिन आप अपनी वाकपटुता और मीठी वाणी से लाभप्रद व्यापारिक सम्बंध विकसित कर सकेंगे। जो भविष्य के लिए भी हितकर रहेंगे। आज आप में वैचारिक निखार आएगा। लेकिन आज धन के कही फंसने के योग भी बन रहे है सतर्क रहें। परिजनों से सम्बन्ध मधुर रहेंगे। शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। पुत्र से मतभेद हो सकते है। लंबी दूरी की यात्रा की योजना बनेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपके लिए हानिकर रहेगा। पूर्व में किये निवेश का लाभ नहीं मिलने से निराश होंगे नए कार्य की योजना भी ठंडी पड़ेगी। महत्त्वपूर्ण कार्य अधूरे रहने से आर्थिक समस्या खड़ी होगी। प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से कार्य क्षेत्र पर मंदी का सामना करना पड़ेगा। कमीशन के कार्यो से माध्यम से कुछ लाभ हो सकता है। आज के दिन मौन धारण करने से कई समस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जाएगा। घरेलू वातावरण में कुछ न कुछ समस्या लगी रहेगी। सेहत ठीक रहने पर भी काम मे मन नही लगेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी आपके अनुकूल रहेगा। आज दिन भर शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति रहेगी। आज आपका सामाजिक व्यवहार बढ़ेगा लेकिन कुछ समय बाद यह झंझट भी लगने लगेगा। नौकरी अथवा व्यापार में लाभ के अनेक अवसर मिलेंगे लेकिन इनमें से एकाध का ही लाभ उठा पाएंगे। मध्यान के बाद का कुछ समय प्रेम-प्रसंग, मनोरंजन में बिताएंगे। मित्रो के साथ अकस्मात घूमने अथवा अन्य यात्रा का अवसर मिलेगा। मायके अथवा ससुराल से लाभ होने की संभावना है। यात्रा में सतर्कता बरते चोटादि का भय है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके अनुकूल रहेगा। आज आपको हर क्षेत्र से संम्मान-ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। व्यापार आज अपेक्षा के अनुसार तो नही फिर भी सामान्य से उत्तम रहने से प्रसन्न रहेंगे। धन की आमद अचानक होने से आश्चर्य में पड़ेंगे। आज आपकी वाणी की सौम्यता नए सम्बंध स्थापित करने में सहायता करेगी। घर के किसी बुजुर्ग से शुभकार्य करने की प्रेरणा मिलेगी घरेलू वातावरण भी आज आपके सोचे अनुसार रहेगा। घरेलू खर्च भी अधिक रहेगा। लंबी यात्रा से बचे सेहत ख़राब हो सकती है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप शारीरिक एवं मानसिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहेंगे। परिवार के प्रति आज अधिक संवेदनशील रहेंगे। कार्य व्यवसाय से समय निकाल आज मनोरंजन एवं सामाजिक कार्यक्रमो में अधिक समय बितायेंगे। धार्मिक अथवा पर्यटक स्थानों की यात्रा का भी अवसर मिलेगा। सुख सुविधाओं पर अधिक खर्च होगा। परिजनों के साथ सामाजिक-धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। घरेलू वातावरण खर्च करने पर प्रसन्न ना करने पर अशांत बनेगा। किसी बहुप्रतीक्षित लाभ के मिलने की सम्भावना है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन विपरीत फल प्रदान करने वाला है। आज दिन भर सतर्क रहने की आवश्यकता है। सेहत नरम रहने से स्वभाव मे चिढ़चिढ़ापन आएगा फलस्वरूप किसी प्रियजन से मन मुटाव के प्रसंग बनेंगे। कार्य क्षेत्र पर धन कमाने के मार्ग खुले रहेंगे परन्तु दिमाग सही कार्य को छोड़ गलत की तरफ आकर्षित होने के कारण आर्थिक कारणों से चिंता बैचेनी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज मन कम ही लगेगा। आज कानूनी उलझनों में फंसने की संभावना है। आध्यत्म से जुड़े मानसिक शान्ति मिलेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिए लाभदायी रहेगा। आज आपको प्रत्येक कार्य का शुभफल प्राप्त होगा। व्यापार में मनोवांछित सफलता मिलने से मन हर्षित रहेगा। किसी रुके कार्य अथवा धन की प्राप्ति थोड़ा अधिक प्रयास करने पर हो सकती है। आज सांसारिक सुख सुविधाओं की वस्तुएं संकलित करने पर भी धन खर्च होगा। विवाहोत्सुकों के लिए योग्य साथी की तलाश पूरी हो सकती है। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति होगी। भाग्योदयकारक समय रहेगा। सेहत मध्याह्न बाद कुछ समय के लिये नरम रहेगी फिर भी हल्के में ना लें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए उन्नति दायक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज अधिकारियो का प्रोत्साहन मिलने से उन्नति के मार्ग खुलेंगे। व्यवसाय में लाभ पाने के लिए थोड़ा अतिरिक्त परिश्रम भी करना पड़ सकता है। आज गलत संगत अथवा गलत मार्गदर्शन में आकर अनैतिक कार्यो में पड़ने से मान हानि के योग बनेंगे। घरेलू वातावरण स्थिर रहेगा परिजनों से मधुर भावनात्मक सम्बन्ध रहेंगे। मनोरंजन पर्यटन के साधन उपलब्ध होने से आनंद मिलेगा। आकस्मिक धन लाभ होगा। छाती संबंधित समस्या हो सकती है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपको शुभ फल देने वाला है। आज आप अपने व्यवहार कुशलता से किसी का भी दिल जीत सकते हैं। सरकारी अथवा अचल संपत्ति के दस्तावेज करने के लिए आज का दिन शुभ है। व्यवसाय में निवेश भविष्य के लिए लाभदायक रहेगा आज भी धन की प्राप्ति थोड़ी उठापटक के बाद संतोषजनक हो जाएगी। मित्र-परिजनों के साथ मनोरंजन के अवसर भी निकाल लेंगे। आज किये गए शुभकर्म भविष्य के लिये अति लाभदायक सिद्ध होंगे। छोटी मोटी बातो को छोड़ आरोग्य बना रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आप के अन्दर आवेश की मात्रा अधिक रहेगी। आस-पडोसी से आज अहम को लेकर टकराव हो सकता है। वाणी व्यवहार में नरमी रखें अन्यथा मान हानि हो सकती है। कार्य व्यवसाय में आसानी से जितना मिल जाये उसी से संतोष करें अन्यथा किसी ना किसी से व्यर्थ के झगड़े हो सकते है। सरकारी कार्यो को सम्भव हो तो कुछ दिन स्थिगित करना बेहतर रहेगा असफलता मिल सकती है। अनैतिक कार्यो से आज दूर रहें। सेहत के ऊपर खर्च करना पड़ेगा। घर का वातावरण अस्त-व्यस्त रहेगा। सावधानी से दिन व्यतीत करें। कुछ समय के लिये मानसिक तनाव हो सकता है।
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〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏