आज का पंचाग आपका राशि फल, महाविद्या स्त्रोत, अंग्रेजी पिलाने के लिए भांग को नारकोटिक्स एक्ट में डालने का षड्यंत्र रचा गया है जबकि भांग नशा नहीं महा औषधि है

महाविद्या स्त्रोत
ऊँ नमस्ते चण्डिके चण्डि चण्डमुण्डविनाशिनी।
नमस्ते कालिके कालमहाभयविनाशिनि।।
शिवे रक्ष जगद्धात्रि प्रसीद हरवल्लभे।
प्रणमामि जगद्धात्रीं जगत्पालनकारिणीम्।।
जगत् क्षोभकरीं विद्यां जगत्सृष्टिविधायिनीम्।
करालां विकटां घोरां मुण्डमालाविभूषिताम्।।
हरार्चितां हराराध्यां नमामि हरवल्लभाम्।
गौरीं गुरुप्रियां गौरवर्णालंकारभूषिताम्।।
हरिप्रियां महामायां नमामि ब्रह्मपूजिताम्।
सिद्धां सिद्धेश्वरीं सिद्धविद्याधरगणैर्युताम्।।
मन्त्रसिद्धिप्रदां योनिसिद्धिदां लिंगशोभिताम्।
प्रणमामि महामायां दुर्गां दुर्गतिनाशिनीम्।
उग्रामुग्रमयीमुग्रतारामुग्रगणैर्युताम्।
नीलां नीलघनश्यामां नमामि नीलसुन्दरीम्।।
श्यामांगी श्यामघटितां श्यामवर्णविभूषिताम्।
प्रणमामि जगद्धात्रीं गौरीं सर्वार्थसाधिनीम्।।
विश्वेश्वरीं महाघोरां विकटां घोरनादिनीम्।
आद्यामाद्यगुरोराद्यामाद्यनाथप्रपूजिताम्।।
श्री दुर्गां धनदामन्नपूर्णां पद्मां सुरेश्वरीम्।
प्रणमामि जगद्धात्रीं चन्द्रशेखरवल्लभाम्।।
त्रिपुरां सुन्दरीं बालामबलागणभूषिताम्।
शिवदूतीं शिवाराध्यां शिवध्येयां सनातनीम्।।
सुन्दरीं तारिणीं सर्वशिवागणविभूषिताम्।
नारायणीं विष्णुपूज्यां ब्रह्मविष्णुहरप्रियाम्।।
सर्वसिद्धिप्रदां नित्यामनित्यां गुणवर्जिताम्।
सगुणां निर्गुणां ध्येयामर्चितां सर्वसिद्धिदाम्।।
विद्यां सिद्धिप्रदां विद्यां महाविद्यां महेश्वरीम्।
महेशभक्तां माहेशीं महाकालप्रपूजिताम्।।
प्रणमामि जगद्धात्रीं शुम्भासुरविमर्दिनीम्।
रक्तप्रियां रक्तवर्णां रक्तबीजमर्दिनीम्।।
भैरवीं भुवनां देवीं लोलजिह्वां सुरेश्वरीम्।
चतुर्भुजां दशभुजामष्टादशभुजां शुभाम्।।
त्रिपुरेशीं विश्वनाथप्रियां विश्वेश्वरीं शिवाम्।
अट्टहासामट्टहासप्रियां धूम्रविनाशिनीम्।।
कमलां छिन्नभालांच मातंगी सुरसुन्दरीम्।
षोडशीं विजयां भीमां धूमांच वगलामुखीम्।।
सर्वसिद्धिप्रदां सर्वविद्यामन्त्रविशोधिनीम्।
प्रणमामि जगत्तारां सारांच मन्त्रसिद्धये।।
इत्येवंच वरारोहे, स्तोत्रं सिद्धिकरं परम्।
पठित्वा मोक्षमाप्नोति सत्यं वै गिरिनन्दिनि
🙏🙏🙏🚩

       गांजा का चमत्कार

 1914 का वर्ष है। प्रथम विश्व युद्ध के वर्ष और अमेरिकी डॉलर के लिए “भांग” की खेती करने वाले किसान … इसे ध्यान में रखें और पढ़ते रहें।

 औद्योगिक भांग सिर्फ एक कृषि संयंत्र नहीं है!

 यह तेल और डॉलर के खिलाफ मारक है!

 गांजा कैसे प्रतिबंधित किया गया था?

 1. भांग का एक टुकड़ा 25 एकड़ जंगल के बराबर ऑक्सीजन पैदा करता है।

 2. फिर से, एक एकड़ गांजा 4 एकड़ पेड़ों के बराबर कागज़ का उत्पादन कर सकता है।

 3. जहां भांग को 8 बार कागज में बदला जा सकता है, वहीं लकड़ी को 3 बार कागज में बदला जा सकता है।

 4. गांजा 4 महीने में उगता है, पेड़ 20-50 साल में।

 5. कैनबिस विकिरण का एक वास्तविक पकड़ने वाला है।

 6. भांग को दुनिया में कहीं भी उगाया जा सकता है और इसके लिए बहुत कम पानी की जरूरत होती है। इसके अलावा, चूंकि इसे कीड़ों से बचाया जा सकता है, इसलिए इसे कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं होती है।

 7. यदि भांग का कपड़ा व्यापक हो जाता है, तो कीटनाशक उद्योग पूरी तरह से गायब हो सकता है।

 8. पहली जींस भांग से बनी थी; यहां तक ​​​​कि “कानवास” शब्द भी भांग उत्पादों को दिया गया नाम है।

 गांजा रस्सियों, डोरियों, बैगों, जूतों, टोपियों के निर्माण के लिए भी एक आदर्श पौधा है।

 9. भांग, एड्स और कैंसर के उपचार में कीमोथेरेपी और विकिरण के प्रभाव को कम करना; यह गठिया, हृदय, मिर्गी, दमा, पेट, अनिद्रा, मनोविज्ञान और रीढ़ की बीमारियों जैसे कम से कम 250 रोगों में प्रयोग किया जाता है।

 10. भांग के बीज का प्रोटीन मूल्य बहुत अधिक होता है और इसमें दो फैटी एसिड प्रकृति में और कहीं नहीं पाए जाते हैं।

 👉11. सोयाबीन की तुलना में गांजा का उत्पादन और भी सस्ता है।

 12. जिन जानवरों को भांग खिलाया जाता है उन्हें हार्मोनल सप्लीमेंट की जरूरत नहीं होती है।

 👉13. सभी प्लास्टिक उत्पादों को भांग से बनाया जा सकता है, और भांग प्लास्टिक प्रकृति में वापस आना बहुत आसान है।

 👉14. अगर कार की बॉडी गांजा की बनी हो तो यह स्टील से 10 गुना ज्यादा मजबूत होगी।

 15. इसका उपयोग इमारतों के इन्सुलेशन के लिए भी किया जा सकता है; यह टिकाऊ, सस्ता और लचीला है।

 👉16. गांजा साबुन और सौंदर्य प्रसाधन पानी को प्रदूषित नहीं करते हैं; इसलिए यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है।

 अमेरिका में 18वीं शताब्दी में इसका उत्पादन अनिवार्य था और गैर-उत्पादक किसानों को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब स्थिति इसके उलट है. कहां से?

 -डब्ल्यू। आर. हर्स्ट 1900 के दशक में अमेरिका में समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और मीडिया के मालिक थे। उनके पास जंगल थे और कागज़ का उत्पादन करते थे। अगर कागज भांग से बना होता, तो उसे लाखों का नुकसान हो सकता था।

 -रॉकफेलर विश्व के सबसे धनी व्यक्ति थे। एक तेल कंपनी थी। बेशक, जैव ईंधन, भांग का तेल, उसका सबसे बड़ा दुश्मन था।

 -मेलन ड्यूपॉन्ट में एक प्रमुख शेयरधारक था और उसके पास पेट्रोलियम उत्पादों से प्लास्टिक के उत्पादन के लिए एक पेटेंट था। और भांग उद्योग अपने बाजार को खतरे में डाल रहा था।

 -बाद में मेलॉन अमेरिकी राष्ट्रपति हूवर के कोषागार के सचिव बने। हमने जिन बड़े नामों के बारे में बात की, उन्होंने उनकी बैठकों में तय किया कि भांग दुश्मन है। और उन्होंने उसका सफाया कर दिया। मीडिया के माध्यम से, उन्होंने मारिजुआना शब्द के साथ-साथ लोगों के दिमाग में एक जहरीली दवा के रूप में मारिजुआना का इंजेक्शन लगाया है।

 भांग की दवाओं को बाजार से वापस ले लिया गया है और उनकी जगह आज उपयोग होने वाली रासायनिक दवाओं ने ले ली है।

 कागज उत्पादन के लिए जंगलों को काटा जा रहा है।

 कीटनाशक और कैंसर का नशा बढ़ रहा है।

 और फिर हमने अपनी दुनिया को प्लास्टिक कचरे, खतरनाक कचरे से भर दिया …

सुधीर सांस्कृत्यायन की वाल से,

(सबसे बड़ी बात कोई भी व्यक्ति औषधि के रूप में भांग सेवन करने वाला न नशेड़ी बनता है न शराब की तरह नशे के दुष्प्रभाव से मरता है इसलिए भारत में यथा शीघ्र भांग को औषधि मानते हुए नारकोटिक्स एक्ट से विरत किया जाना समय की मांग है) 

 पंचाग 🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻गुरूवार, ३ फरवरी २०२२🌻

 

सूर्योदय: 🌄 ०७:०६

सूर्यास्त: 🌅 ०५:५७

चन्द्रोदय: 🌝 २०:१६

चन्द्रास्त: 🌜०८:४६

अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय

ऋतु: 🌫️ शिशिर 

शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)

मास 👉 माघ

पक्ष 👉 शुक्ल

तिथि 👉 तृतीया (२८:३८ तक)

नक्षत्र 👉 शतभिषा (१६:३५ तक)

योग 👉 परिघ (२१:१७ तक)

प्रथम करण 👉 तैतिल (१७:२१ तक)

द्वितीय करण 👉 गर (२८:३८ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 मकर

चंद्र 🌟 कुम्भ 

मंगल 🌟 धनु (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, वक्री)

गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)

शुक्र 🌟 धनु (उदित, पूर्व, वक्री)

शनि 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

राहु 🌟 वृष

केतु 🌟 वृश्चिक

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०९ से १२:५२

अमृत काल 👉 ०९:४६ से ११:१७

रवियोग 👉 १६:३५ से ३१:०६

विजय मुहूर्त 👉 १४:१९ से १५:०२

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:४५ से १८:०९

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०४ से २४:५७

राहुकाल 👉 १३:५२ से १५:१३

राहुवास 👉 दक्षिण

यमगण्ड 👉 ०७:०६ से ०८:२७

होमाहुति 👉 सूर्य (१६:३५ तक)

दिशाशूल 👉 दक्षिण

नक्षत्र शूल 👉 दक्षिण (१६:३५ से) 

अग्निवास 👉 आकाश 

चन्द्रवास 👉 पश्चिम

शिववास 👉 सभा में (२८:३८ से क्रीड़ा में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – शुभ २ – रोग

३ – उद्वेग ४ – चर

५ – लाभ ६ – अमृत

७ – काल ८ – शुभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – अमृत २ – चर

३ – रोग ४ – काल

५ – लाभ ६ – उद्वेग

७ – शुभ ८ – अमृत

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (दही का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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द्वितीया तिथि क्षय, गौरी तृतीया, उपनयन संस्कार मुहूर्त प्रातः १२:१९ से दोपहर ०१:०१ तक, चूड़ाकर्म संस्कार+गृह प्रवेश+उद्योग (मशीनरी) आरम्भ+भूमि -भवन क्रय-विक्रय+व्यवसाय आरम्भ+वाहन क्रय-विक्रय+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ११:१९ से दोपहर ०३:२५ तक, विद्या एवं अक्षर आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०७:१५ से ०८:३५ तक आदि। 

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १६:३५ तक जन्मे शिशुओ का नाम      

शतभिषा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (सि, सू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश: (से, सो, द) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मकर – ३०:०० से ०७:४१

कुम्भ – ०७:४१ से ०९:०७

मीन – ०९:०७ से १०:३०

मेष – १०:३० से १२:०४

वृषभ – १२:०४ से १३:५९

मिथुन – १३:५९ से १६:१४

कर्क – १६:१४ से १८:३५

सिंह – १८:३५ से २०:५४

कन्या – २०:५४ से २३:१२

तुला – २३:१२ से २५:३३

वृश्चिक – २५:३३ से २७:५२

धनु – २७:५२ से २९:५६

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पञ्चक रहित मुहूर्त

चोर पञ्चक – ०७:०६ से ०७:४१

शुभ मुहूर्त – ०७:४१ से ०९:०७

रोग पञ्चक – ०९:०७ से १०:३०

चोर पञ्चक – १०:३० से १२:०४

शुभ मुहूर्त – १२:०४ से १३:५९

रोग पञ्चक – १३:५९ से १६:१४

शुभ मुहूर्त – १६:१४ से १६:३५

मृत्यु पञ्चक – १६:३५ से १८:३५

अग्नि पञ्चक – १८:३५ से २०:५४

शुभ मुहूर्त – २०:५४ से २३:१२

रज पञ्चक – २३:१२ से २५:३३

शुभ मुहूर्त – २५:३३ से २७:५२

चोर पञ्चक – २७:५२ से २८:३८

शुभ मुहूर्त – २८:३८ से २९:५६

रोग पञ्चक – २९:५६ से ३१:०६

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज आप घर एवं बाहर सभी लोगो के दिल को अपनी कुशलता से जीतेंगे। व्यक्तिगत स्वार्थ की भावना आज कम रहेगी परमार्थ के लिये समय और धन खर्च करेंगे बदले में सम्मान की प्राप्ति होगी। लेकिन बुजुर्ग वर्ग को आपका व्यवहार नाटकीय लगेगा आपसी तालमेल की कमी भी रहेगी। कार्य व्यवसाय में लाभ होते होते आगे के लिये निरस्त होने पर निराशा होगी फिर भी जुगाड़ कर खर्च लायक आमद हो ही जाएगी। आज प्रलोभन के चक्कर मे सरकारी उलझन हो सकती है ध्यान दें। मित्र रिश्तेदारों से संबंधों ने घनिष्ठा बढ़ेगी। आरोग्य नरम गरम रहेगा। 

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज दिन का आरंभ शांति से व्यतीत होगा लेकिन इसके बाद व्यर्थ के प्रपंचो में पड़कर मानसिक शांति खो देंगे। करने योग्य कार्य छोड़ अनर्गल प्रवृतियों में समय और धन नष्ट करेंगे। सरकारी क्षेत्र से आशाजनक समाचार मिलेंगे लेकिन सफलता आज संदिग्ध ही रहेगी। कार्य व्यवसाय में बड़ा निर्णय लेने का विचार बनाएंगे यह भविष्य के लिये लाभदायक रहेगा। धन की आमद सोच से थोड़ी कम रहेगी पुराने कार्यो से लाभ होगा लेकिन ज्यादा देर टिकेगा नही। व्यापार विस्तार की योजना भी बनाएंगे जिसमे सफलता निश्चित रहेगी। घर में किसी खुशखबरी के मिलने से आनंद का वातावरण बनेगा। सेहत सामान्य रहेगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज भी शुभ प्रसंग बनने से मन शांत रहेगा धर्म के प्रति आस्था तो रहेगी लेकिन एकाग्रता की कमी के कारण दैनिक पूजा पाठ भी व्यवहारिकता मात्र रहेंगे। आज केवल लाभ वाले कार्यो में ही रुची दिखायेंगे इसके विपरीत सामाजिक अथवा परोपकार के कार्यो से बचेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज लाभ के अवसर कम ही मिलेंगे फिर भी दैनिक खर्च लायक धन की आमद हो जाएगी। परिजन आपके व्यवहार की देखादेखी करेंगे। बुजुर्गो का व्यवहार आपके प्रति अनअपेक्षित रहेगा लेकिन स्त्री संतान से सामान्य संबंध रहेंगे। स्वास्थ्य को लेकर आशांकित रहेंगे गर्म सर्द के कारण परेशानी हो सकती है।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज भी दिन प्रतिकूल बना हुआ है सोच समझ कर ही अथवा किसी के परामर्श के बाद ही कोई काम करें महिलाए आज अपनी अनदेखी होने पर गुस्से से भरी रहेंगी सेहत भी विपरीत रहने के कारण चड़चिड़ा स्वभाव बनेगा गुस्से में बेतुकी बाते बोलना कलह को बढ़ाएगा। काम काज में उतारचढ़ाव लगा रहेगा एक पल में लाभ की संभावना बनेगी अगले पल लाभ हानि में बदलने से हताशा होगी। धन लाभ के लिये किसी की खुशामद करनी पड़ेगी इसके बाद भी अल्प मात्रा में ही होगा। आपकी मानसिकता भाँप घर के बुजुर्ग सहनुभूती रखेंगे विशेष मार्गदर्शन भी मिलेगा।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन विजय दिलाने वाला रहेगा आज आप जिस भी चीज की कामना करेंगे उसे लड़कर अथवा जिद से पूरा कर लेंगे भले ही इससे किसी का मन खराब ही क्यों ना हो। कार्य क्षेत्र पर विचार तो बहुत बनेंगे लेकिन क्रियान्वित एक आध ही होंगे विस्तार की योजना आज सहकर्मियों को कमी के कारण निरस्त करनी पड़ेगी। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर साज सजावट के ऊपर खर्च करेंगे तोड़ फोड़ द्वारा नया रूप देने के विचार भी बनेंगे। नौकरी वाले लोग आज बैठकर लोगो के क्रिया कलापो का आनंद लेंगे मध्यान बाद मौज शौक पूरे करने पर खर्च होगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन भी आपके लिये लाभदायक रहेगा लेकिन आकस्मिक खर्च अनियंत्रित रहने पर थोड़ी परेशानी भी होगी। दिन के आरंभ में परिजनो से व्यर्थ की बातों पर नोकझोंक होगी अन्य लोगो की तुलना घर के सदस्यों से करने पर वातावरण अशान्त बनेगा। काम-धंधा भाग्य का साथ मिलने से बेहतर चलेगा लेकिन धन की कामना आज असंतुष्ट ही रखेगी। नौकरी करने वाले लोग लापरवाही करेंगे जल्दबाजी में रहने पर फटकार सुननी पड़ेगी। विपरीत लिंगीय के चक्कर मे मान अपमान का विवेक भूलेंगे आवश्यक कार्य दिन रहते पूर्ण कर लें कल आज जैसी सुविधा नही मिल पाएगी।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आपके व्यक्तित्त्व में निखार रहेगा लेकिन स्वभाव का जिद्दीपन अन्यलोगों विशेषकर परिजनों के लिये भारी पड़ेगा। जाने अनजाने में कोई अनैतिक कर्म करेंगे जिसे बाद में परिजनों को भुगतना पड़ेगा जिससे घर का शांत माहौल भी खराब होगा। कार्य व्यवसाय से लाभ की सम्भवना कम ही है आपके हिस्से का लाभ किसी अन्य के पक्ष में जा सकता है सतर्क रहें धन लाभ असमय और अकस्मात होने की सम्भवना है लापरवाही करी तो हाथ नही लगेगा। व्यवसाय में निवेश आज भूल से भी ना करें हानि ही होगी। घर मे कुछ समय को छोड़ उत्सव का वातावरण रहेगा। काम वासना अधिक रहेगी लेकिन ध्यान रहे कोई गलत काम सभी प्रकार से नुकसानदेह होगा। यात्रा अतिआवश्यक होने पर ही करें।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन भी आप अपने ही स्वभाव के कारण घर मे अशांति का कारण बनेंगे। घर मे स्त्री वर्ग से सावधान रहें आपकी छोटी-छोटी बातों को भी बक्सने वाली नही। मध्यान तक का समय व्यर्थ बोलने की आदत के चलते अशांत होगा बाद में इसका पछतावा भी होगा। दोपहर के बाद से स्थिति सामान्य होने लगेगी कार्य व्यवसाय में भी प्रतिस्पर्धियों को पछाड़ लाभ के सौदे अपने हक में करेंगे इसके लिये काफी माथा पच्ची भी करनी पड़ेगी। घर के सदस्यों को मनाने के लिये अधिक खर्च करना पड़ेगा यही प्रायश्चित करने का मौका भी रहेगा हाथ से जाने ना दे। संध्या बाद सभी प्रकार से सुखों की प्राप्ती होने पर मन आनंद से भरा रहेगा लेकिन स्वयं अथवा परिजन की सेहत में अकस्मात खराबी आने पर रंग में भंग की स्थिति बनेगी। आज खर्च करने में मितव्ययता बरते अन्यथा बाद में आर्थिक उलझने हो सकती है।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आपको बैठे बिठाये आकस्मिक लाभ की प्राप्ति होगी चाहे किसी भी रूप में हो। दिन का पहला भाग धीमी दिनचार्य के कारण खराब होगा लेकिन इसके बाद का अधिकांश समय अपने मन की ही करेंगे जिससे कही ना कही परेशानी भी होगी। आज भूमि भवन के रखरखाव अथवा अन्य प्रकार से अचल संपत्ति के उर खर्च करना पड़ेगा। घर का वातावरण धार्मिक रहेगा मित्र रिश्तेदारों के आगमन से उत्साह बढेगा। कार्य व्यवसाय में आज ज्यादा समय नही दे पाएंगे फिर भी थोड़े समय मे ही खर्च निकाल लेंगे। महत्तवपूर्ण कार्यो को आगे के लिये ना टाले अन्यथा पूर्ण होने में संदेह रहेगा। संध्या के समय उत्तम भोजन वाहन सुख मिलेगा लेकिन किसी न किसी से कलह भी हो सकती है वाणी का प्रयोग संतुलित करें।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज आप बीते कल की तुलना में कुछ संतोषि रहेंगे लेकिन महिला वर्ग इसके विपरीत अन्य लोगो से स्वयं एवं परिवार की तुलना करने पर कुछ समय के लिये उदास रहेंगी। दिन के पूर्वार्ध से मध्यान तक घरेलू कार्यो की व्यस्तता के चलते अन्य कार्यो में फेरबदल करनी पड़ेगी। कार्य क्षेत्र पर भी आज विलंब होगा लेकिन इसका ज्यादा प्रभाव नही पड़ेगा। व्यवसाय में दोपहर के बाद अकस्मात उछाल आने से कई दिनों से अटकी मनोकामना की पूर्ति कर सकेंगे लेकिन दैनिक खर्चो के अतिरिक्त खर्च आने से बचत संभव नही होगी। घर मे पति पत्नी के बीच भी आर्थिक विषय एवं मन मर्जी कलह का कारण बनेंगे। संध्या बाद का समय पिछले कई दिनों की तुलना में बेहतर रहेगा सुख में वृद्धि होगी। वाहन अथवा अन्य उपकरणों से दुर्घटना के योग है सावधान रहें।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज मानसिक चंचलता के कारण अच्छे बुरे का विवेक कम रहेगा। बिना सोचे बोलना आज भारी पड़ सकता है आपके लिये जो बातें मनोरंजन मात्र रहेंगी उनसे परिजन अथवा अन्य निकटस्थ का मन दुखी होगा। आवश्यकता पड़ने पर ही बोले अन्यथा बैठे बिठाये अच्छा भला वातावरण खराब होगा। कार्य व्यवसाय से लाभ में अवश्य होगा मेहनत भी कम ही करनी पड़ेगी। नौकरी वाले लोग आराम के मूड में रहेंगे लेकिन घरेलू कार्य बोझ के कारण कर नही पाएंगे। परिजन किसी ना किसी बात को लेकर कलह का माहौल बनाएंगे। स्वास्थ्य में गिरावट आने लगेगी सतर्क रहें।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज सेहत में सुधार तो रहेगा लेकिन लेकिन दिनचार्य आज भी अस्त व्यस्त ही रहेगी सोचे कार्य पूर्ण करने में सहयोग की कमी खलेगी। कार्य व्यवसाय में भी आज अधूरे काम पूरे करने पर ध्यान रहेगा मेहनत के बाद भी आज पूरी तरह से सफलता नही मिल पाएगी । मन मे नकारत्मक ख्याल आएंगे धन के कारण अतिरिक्त उलझन रहेगी धन लाभ खर्च के अनुपात में कम ही होगा। स्वयं का स्वास्थ्य ठीक ना होने पर भी किसी अन्य की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। पारिवारिक जीवन मध्यम सुखदायी रहेगा परिजन सहयोग करेंगे लेकिन व्यवहार पूर्ति के लिये।

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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

🌼#व्रज 84 कौस – 66 #अरब तीर्थ🌼
#वृंदावन, मथुरा, गौकुल, नँदगांव, बरसाना, गोवर्धन सहित वें सभी जगह जहाँ श्री कृष्ण जी का बचपन बीता और आज भी जहाँ उनको महसूस किया जा सकता है जैसे कि सांकोर आदि में वह सब बृज 84 कोस का हिस्सा है।

ब्रज चौरासी कोस की, परिक्रमा एक देत।
लख चौरासी योनि के, संकट हरि हर लेत।।

वृंदावन के वृक्ष कों, मरम ना जाने कोय।
डाल-डाल और पात पे, श्री राधे-राधे होय।।
#वैदिक बिहारी जी नीतीश!!
आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

वेद-पुराणों में ब्रज की 84 कोस की परिक्रमा का बहुत महत्व है, ब्रज भूमि भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी शक्ति राधा रानी की लीला भूमि है। इस परिक्रमा के बारे में वारह पुराण में बताया गया है कि पृथ्वी पर 66 अरब तीर्थ हैं और वे सभी चातुर्मास में ब्रज में आकर निवास करते हैं।
कृष्ण की लीलाओं से जुड़े हैं 1100 सरोवरें
ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा मथुरा के अलावा राजस्थान और हरियाणा के होडल जिले के गांवों से होकर गुजरती है। करीब 268 किलोमीटर परिक्रमा मार्ग में परिक्रमार्थियों के विश्राम के लिए 25 पड़ावस्थल हैं। इस पूरी परिक्रमा में करीब 1300 के आसपास गांव पड़ते हैं। कृष्ण की लीलाओं से जुड़ी 1100 सरोवरें, 36 वन-उपवन, पहाड़-पर्वत पड़ते हैं। बालकृष्ण की लीलाओं के साक्षी उन स्थल और देवालयों के दर्शन भी परिक्रमार्थी करते हैं, जिनके दर्शन शायद पहले ही कभी किए हों। परिक्रमा के दौरान श्रद्धालुओं को यमुना नदी को भी पार करना होता है।

इस समय निकलती है परिक्रमा
ज्यादातर यात्राएं चैत्र, बैसाख मास में ही होती है चतुर्मास या पुरुषोत्तम मास में नहीं। परिक्रमा यात्रा साल में एक बार चैत्र पूर्णिमा से बैसाख पूर्णिमा तक ही निकाली जाती है। कुछ लोग आश्विन माह में विजया दशमी के पश्चात शरद् काल में परिक्रमा आरम्भ करते हैं। शैव और वैष्णवों में परिक्रमा के अलग-अलग समय है।

क्या है महत्व?
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने मैया यशोदा और नंदबाबा के दर्शनों के लिए सभी तीर्थों को ब्रज में ही बुला लिया था। 84 कोस की परिक्रमा लगाने से 84 लाख योनियों से छुटकारा पाने के लिए है। परिक्रमा लगाने से एक-एक कदम पर जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि इस परिक्रमा के करने वालों को एक-एक कदम पर अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। साथ ही जो व्यक्ति इस परिक्रमा को लगाता है, उस व्यक्ति को निश्चित ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गर्ग संहिता में कहा गया है कि यशोदा मैया और नंद बाबा ने भगवान श्री कृष्ण से 4 धाम की यात्रा की इच्छा जाहिर की तो भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि आप बुजुर्ग हो गए हैं, इसलिए मैं आप के लिए यहीं सभी तीर्थों और चारों धामों को आह्वान कर बुला देता हूं। उसी समय से केदरनाथ और बद्रीनाथ भी यहां मौजूद हो गए। 84 कोस के अंदर राजस्थान की सीमा पर मौजूद पहाड़ पर केदारनाथ का मंदिर है। इसके अलावा गुप्त काशी, यमुनोत्री और गंगोत्री के भी दर्शन यहां श्रद्धालुओं को होते हैं। तत्पश्चात यशोदा मैया व नन्दबाबाने उनकी परिक्रमा की। तभी से ब्रज में चौरासी कोस की परिक्रमा की शुरुआत मानी जाती है।

यह यात्रा 7 दिनों में पूरी होती है, ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में आने वाले स्थान इस प्रकार है।

मथुरा से चलकर….
1. मधुवन
2. तालवन
3. कुमुदवन
4. शांतनु कुण्ड
5. सतोहा
6. बहुलावन
7. राधा-कृष्ण कुण्ड
8. गोवर्धन
9. काम्यक वन
10. संच्दर सरोवर
11. जतीपुरा
12. डीग का लक्ष्मण मंदिर
13. साक्षी गोपाल मंदिर
14. जल महल
15. कमोद वन
16. चरन पहाड़ी कुण्ड
17. काम्यवन
18. बरसाना
19. नंदगांव
20. जावट
21. कोकिलावन
22. कोसी
23. शेरगढ
24. चीर घाट
25. नौहझील
26. श्री भद्रवन
27. भांडीरवन
28. बेलवन
29. राया वन
30. गोपाल कुण्ड
31. कबीर कुण्ड
32. भोयी कुण्ड
33. ग्राम पडरारी के वनखंडी में शिव मंदिर
34. दाऊजी
35. महावन
36. ब्रह्मांड घाट
37. चिंताहरण महादेव
38. गोकुल
39. लोहवन
40. वृन्दावन के मार्ग में आने वाले तमाम पौराणिक स्थल हैं।

।। जय जय श्री राधेश्याम ।।

🌼#सत्य सनातन धर्म की जय 🌼
जय सिया राम 🙏