आज का पंचाग आपका राशि फल, कामदा एकादशी व्रत आज, भारतीय धर्म संस्कृति विश्व की प्राचीनतम और अनुभूत जन्य वैज्ञानिक अनुसंधान आधारित सार्वभौमिक सार्वकालिक जीवन पद्धति है इसलिए समूचा विश्व हमारी परम्पराओं समझने में रूचि ले रहा है, समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून भारत के सुखद भविष्य के लिए आवश्यक है

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉  🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻गुरुवार, १३ जुलाई २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:४५

सूर्यास्त: 🌅 ०७:१९

चन्द्रोदय: 🌝 ०२:०८

चन्द्रास्त: 🌜१५:४५

अयन 🌖 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: ⛈️ वर्षा 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (पिंगल)

मास 👉 श्रावण 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 एकादशी (१८:२४ से द्वादशी)

नक्षत्र 👉 कृत्तिका (२०:५२ से रोहिणी)

योग 👉 शूल (०८:५३ से गण्ड)

प्रथम करण 👉 बव (०६:०८ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव (१८:२४ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 मिथुन 

चंद्र 🌟 वृष 

मंगल 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 कर्क (उदय, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:५०

अमृत काल 👉 १८:२१ से २०:०२

विजय मुहूर्त 👉 १४:४२ से १५:३८

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:१९ से १९:३९

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२१ से २०:२१

निशिता मुहूर्त 👉 ००:०३ से ००:४३

राहुकाल 👉 १४:०७ से १५:५२

राहुवास 👉 दक्षिण

यमगण्ड 👉 ०५:२४ से ०७:०९

होमाहुति 👉 राहु (२०:५२ से केतु)

दिशाशूल 👉 दक्षिण

नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (२०:५२ से)

अग्निवास 👉 पृथ्वी (१८:२४ तक)

चन्द्र वास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 कैलाश पर (१८:२४ से नन्दी पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – शुभ २ – रोग

३ – उद्वेग ४ – चर

५ – लाभ ६ – अमृत

७ – काल ८ – शुभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – अमृत २ – चर

३ – रोग ४ – काल

५ – लाभ ६ – उद्वेग

७ – शुभ ८ – अमृत

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (दही का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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कामदा (कामिका) एकादशी व्रत सभी के लिए, विवाहादि मुहूर्त मीन- कर्क लग्न (रात्रि १०:४५ से अन्तरात्रि ०५:४४) तक, गृह प्रवेश मुहूर्त प्रातः ०५:४५ से ०७:२१ तक, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः १०:५० से दोपहर १२:३३ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज २०:५२ तक जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ई, उ, ए) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रोहिणी नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (ओ, वा) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मिथुन – ०३:३१ से ०५:४६

कर्क – ०५:४६ से ०८:०७

सिंह – ०८:०७ से १०:२६

कन्या – १०:२६ से १२:४४

तुला – १२:४४ से १५:०५

वृश्चिक – १५:०५ से १७:२४

धनु – १७:२४ से १९:२८

मकर – १९:२८ से २१:०९

कुम्भ – २१:०९ से २२:३५

मीन – २२:३५ से २३:५८

मेष – २३:५८ से ०१:३२

वृषभ – ०१:३२ से ०३:२७

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पञ्चक रहित मुहूर्त

मृत्यु पञ्चक – ०५:२४ से ०५:४६

अग्नि पञ्चक – ०५:४६ से ०८:०७

शुभ मुहूर्त – ०८:०७ से १०:२६

रज पञ्चक – १०:२६ से १२:४४

शुभ मुहूर्त – १२:४४ से १५:०५

चोर पञ्चक – १५:०५ से १७:२४

शुभ मुहूर्त – १७:२४ से १८:२४

रोग पञ्चक – १८:२४ से १९:२८

शुभ मुहूर्त – १९:२८ से २०:५२

मृत्यु पञ्चक – २०:५२ से २१:०९

अग्नि पञ्चक – २१:०९ से २२:३५

शुभ मुहूर्त – २२:३५ से २३:५८

मृत्यु पञ्चक – २३:५८ से ०१:३२

अग्नि पञ्चक – ०१:३२ से ०३:२७

शुभ मुहूर्त – ०३:२७ से ०५:२५

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज आप पूर्व में की गलतियों की समीक्षा करेंगे भविष्य को लेकर थोड़ी चिंता भी रहेगी। कार्य व्यवसाय में आज कही से भी लाभ की उम्मीद नजर नही आएगी फिर भी मानसिक रूप से संतोषी ही नजर आएंगे। धन को लेकर जोड़ तोड़ की नीति अपनाने की जगह शांति से परिस्थिति अनुकूल बनने की प्रतीक्षा में रहेंगे। मन की इच्छाओं की तुलना में आज कर्म कम ही करेंगे भागदौड़ से बच बैठकर लाभ कमाने के चक्कर मे रहना अभाव को जन्म देगा। शारीरिक रूप से भी थोड़ा कष्ट रहेगा। परिजनों की बनी बनाई योजना पर लचीले व्यवहार के कारण पानी फेर देंगे। 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन बीते समय की तुलना में बेहतर बीतेगा। दिन के आरंभ में अधिकांश कार्य हानि होने के डर से करने से कतराएंगे मध्यान तक मन पर चंचलता हावी रहेगी अनिर्णय की स्थिति अव्यवस्था बढ़ाएगी। किसी अनुभवी की सलाह मिलने पर हिम्मत आएगी कार्य व्यवसाय से आज लाभ की उम्मीद कम ही रखें निवेश करने से ना डरें भविष्य के लाभ के लिए आवश्यक है। धन लाभ की कामना संध्या तक पूर्ण होगी लेकिन कुछ कमी के साथ। वर्जित कार्यो में रुचि रहेगी जो सम्मान के साथ धन हानि का कारण बन सकती है इससे दूर रहें। खासी जुखाम से पीड़ा की संभावना है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन से आप काफी उम्मीद लगाए रहेंगे लेकिन दिन निराश करने वाल रहेगा। आवश्यक कार्य मनमौजी प्रवृति के कारण अधूरे रहेंगे। जिस कार्य से लाभ की आशा रहेगी उसमे किसी का हस्तक्षेप पड़ने से हानि होगीं। भागीदारी के कार्य मे स्पष्टता रखें गलतफहमी संबंद तोड़ सकती है। धन लाभ की संभावनाए ही बनेगी लेकिन पूर्ण नही हो सकेगी। लोग आपका सहयोग करने की जगह त्रुटियां निकालेंगे। रमणीय पयर्टक स्थल की यात्रा होगी खर्च में नियंत्रण रखने पर भी अकस्मात होने से कोष में कमी आएगी। शारीरिक रूप से कुछ ना कुछ कमी बनी रहेगी। जोखिम वाले कार्यो से आज डोर रहना ही बेहतर रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन भागदौड़ भरी जिंदगी में शांति की तलाश में रहेंगे मन में आज कुछ ना कुछ उठापटक लगी रहेगी। दिन के आरंभ में जो भी योजना बनाएंगे अन्य कार्य आने से इनमे फेरबदल करना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय की जगह आज सार्वजनिक क्षेत्र से उम्मीद अधिक रहेगी। व्यवसायी वर्ग सही दिशा में जा रहे कार्यो के प्रति आशंकित रहेंगे लाभ के नजदीक पहुच कर निर्णय बदलने पर होने वाले लाभ में कमी आएगी। सरकारी कार्य धीमी गति से आगे बढ़ेंगे। मित्र परिचितों से संबंधो में मधुरता बढ़ेगी फिर भी छोटी-छोटी बातों को अनदेखा करना ही बेहतर रहेगा। परिवार में बीमारियों के कारण उदासीनता रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन सभी कार्य मे सफलता दिलाएगा। पूर्व में किये गए परिश्रम का फल आज अवश्य ही धन लाभ के रूप में मिलेगा लेकिन ध्यान रहे व्यवहारिकता से ही लाभ में वृद्धि हो सकती है लोभ अथवा अहम में रहे तो लाभ सीमित रह जायेगा। कार्य व्यवसाय में बिना किसी सहयोग के उन्नति होगी भविष्य की योजनाओं पर खर्च के साथ बचत भी करेंगे। सरकारी कार्य भी थोड़े बौद्धिक श्रम से धन खर्च कर बना लेंगे। दिमागी रूप से शांत रहने के कारण परिजनों के साथ संबंधों में निकटता आएगी। वृद्धजन का आशीर्वाद मिलेगा परोपकार की भावना आज कम ही रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज दिन के पूर्वार्ध की संतोषी प्रवृति मध्यान तक बेचैनी में बदल जाएगी। धन को लेकर आज कोई जोखिम नही लेंगे लेकिन लाभ पाने के लिये किसी भी प्रकार से कसर भी नही छोड़ेंगे दिन भर के कार्य कलापो से असंतोष होगा परन्तु आकस्मिक लाभ होने पर थोड़ी राहत मिलेगी आज आप जिस लाभ के अधिकारी है उसमें किसी का गलत मार्गदर्शन कमी लाएगा फिर भी खर्चो की पूर्ति आसानी से हो जाएगी। नौकरी वाले लोग धन लाभ की आशा में रहेंगे पर आज निराश ही होना पड़ेगा। परिवार के सदस्य अन्य की कमिया बता स्वय की गलती पर पर्दा डालेंगे थोड़े मतभेद के बाद भी शांति रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज दिन के पहले भाग को छोड़ शेष समय शारीरिक एवं मानसिक समस्या का सामना करना पड़ेगा प्रातः काल से ही स्वास्थ्य में नरमी आने लगेगी लेकिन इसके प्रति लापरवाही करेंगे परिणाम स्वरूप मध्यान बाद स्थिति खराब होने लगेगी लेकिन ज्यादा गंभीर भी नही होगी। लेदेकर अपने नियमित कार्यो को किसी के सहयोग से पूरा कर लेंगे। धन की आमद आज आशाजनक नही रहेगी। सरकारी अथवा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यो को आज टालना ही बेहतर रहेगा। धन खर्च करने पर भी अधिकतर कार्य अधूरे ही रहेंगे। परिजनों के साथ संबंधो में रुखापन आएगा मतलब से बात करेंगे। 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन पूर्वार्ध में पहले मिली सफलता के कारण निश्चिन्त रहेंगे महत्त्वपूर्ण कार्यो में लापरवाही करेंगे लेकिन मध्यान के बाद ही स्थिति को भाँप कर मेहनत के लिये प्रेरित होंगे। आज किये परिश्रम का फल निकट भविष्य में कुछ ना कुछ आर्थिक अथवा अन्य प्रकार से वृद्धि कराएगा। घर मे सुखोपभोग के साधन की खरीद की योजना बनेगी परन्तु आज बजट की कमी के कारण टालना भी पड़ सकता है। धन लाभ आशाजनक लेकिन भाग दौड़ के बाद ही होगा खर्च साथ लगे रहने से परिजनों की इच्छापूर्ति करने में विलंब होगा फिर भी आपसी तालमेल बना रहेगा स्वास्थ्य को लेकर आशंकित रहेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज दिन के आरंभिक भाग को छोड़ शेष सामान्य रहेगा। प्रातः काल सेहत में नरमी रहेगी लेकिन पहले की अपेक्षा सुधार भी आएगा आलस्य के कारण कार्य के प्रति टालमटोल करेंगे मध्यान बाद मानसिक रूप से स्थिरता आएगी कार्यो के प्रति गंभीरता बढ़ेगी लेकिन मजबूरी में ही करेंगे। धार्मिक कार्यो में आस्था मजबूत होगी। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा आशा नही रहेगी फिर भी दौड़ धूप का सकारात्मक परिणाम भविष्य में लाभ की आशा बनाए रखेगा। परिजन आपकी गतिविधयों पर नजर रखेंगे किसी भी अनैतिक कार्य से बचें अन्यथा सुख शांति बिगड़ सकती है। धन लाभ से खर्च ज्यादा रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन बुद्धि विवेक में विकास होगा लेकिन इससे मनिच्छित सफलता नही मिल सकेगी दिन के पहले भाग में घर मे पुरानी बात के कारण मतभेद रहेंगे शांत रहने का प्रयास करें अन्यथा दिन भर मानसिक अशांति रहेगी। कार्य क्षेत्र पर नए तरीके से काम करने का प्रयास करेंगे इससे अन्य लोगो मे आपकी बुद्धि कौशल का प्रचार होगा पर धन लाभ के लिये तरसना पड़ेगा परिश्रम करने पर भी अल्प लाभ से संतोष करना पड़ेगा। लोग केवल मीठा बोलकर अपना हित साधेंगे सहयोग कोई नही करेगा। सेहत में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। परिवार की आवश्यकता पूर्ती करने में असमर्थ रहेंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज दिन के आरंभ में किसी गुप्त कारण से चिंतित रहेंगे स्वयं अथवा किसी परिजन की गलती के कारण घर मे कलह होने की आशंका से मन व्याकुल रहेगा परिजनों के आगे सोच समझकर ही बात करें डर के कारण उलजुलूल बयानों से खुद ही शक पैदा करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी शांति की कमी रहेगी धन अथवा किसी वस्तु को लेकर गरमा गरमी होने की संभावना है। लाभ की संभावनाए बनते बनते बिगड़ेंगी। सामाजिक एवं पारिवारिक व्यवहारों की जगह मौज-शौक पर खर्च करेंगे। सहयोगियों से आज कम ही बनेगी। मानसिक दबाव के कारण सर दर्द रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज दिन का आरंभ शांति से व्यतीत होगा लेकिन इसके बाद व्यर्थ के प्रपंचो में पड़कर मानसिक शांति खो देंगे। करने योग्य कार्य छोड़ अनर्गल प्रवृतियों में समय और धन नष्ट करेंगे। सरकारी क्षेत्र से आशाजनक समाचार मिलेंगे लेकिन सफलता आज संदिग्ध ही रहेगी। कार्य व्यवसाय में बड़ा निर्णय लेने का विचार बनाएंगे यह भविष्य के लिये लाभदायक रहेगा। धन की आमद सोच से थोड़ी कम रहेगी पुराने कार्यो से लाभ होगा लेकिन ज्यादा देर टिकेगा नही। व्यापार विस्तार की योजना भी बनाएंगे जिसमे सफलता निश्चित रहेगी। घर में किसी खुशखबरी के मिलने से आनंद का वातावरण बनेगा। सेहत सामान्य रहेगी।

🌹महत्वपूर्ण जानकारी 🌹
■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
■ 4 सप्ताह = 1 माह ,
■ 2 माह = 1 ऋतू
■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,
■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,
■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,
■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,
■ 4 युग = सतयुग
■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
■ 72 महायुग = मनवन्तर ,
■ 1000 महायुग = 1 कल्प
■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
■ महालय = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )
सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है। जो हमारे देश भारत में बना। ये हमारा भारत जिस पर हमको गर्व है l
दो लिंग : नर और नारी ।
दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।
दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन।
तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।
तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।
तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल।
तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।
तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु।
तीन स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत।
तीन पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा।
तीन रचनाएँ : देव, दानव, मानव।
तीन अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी।
तीन काल : भूत, भविष्य, वर्तमान।
तीन नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना।
तीन संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं।
तीन शक्ति : इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।
चार धाम : बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।
चार मुनि : सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।
चार वर्ण : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
चार निति : साम, दाम, दंड, भेद।
चार वेद : सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।
चार स्त्री : माता, पत्नी, बहन, पुत्री।
चार युग : सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।
चार समय : सुबह, शाम, दिन, रात।
चार अप्सरा : उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।
चार गुरु : माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।
चार प्राणी : जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।
चार जीव : अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।
चार वाणी : ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।
चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।
चार भोज्य : खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।
चार पुरुषार्थ : धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।
चार वाद्य : तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।
पाँच तत्व : पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।
पाँच देवता : गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।
पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।
पाँच कर्म : रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।
पाँच उंगलियां : अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।
पाँच पूजा उपचार : गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।
पाँच अमृत : दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।
पाँच प्रेत : भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।
पाँच स्वाद : मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।
पाँच वायु : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।
पाँच इन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।
पाँच वटवृक्ष : सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।
पाँच पत्ते : आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।
पाँच कन्या : अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।
छ: ॠतु : शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।
छ: ज्ञान के अंग : शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।
छ: कर्म : देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।
छ: दोष : काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच), मोह, आलस्य।
सात छंद : गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।
सात स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि।
सात सुर : षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।
सात चक्र : सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।
सात वार : रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।
सात मिट्टी : गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।
सात महाद्वीप : जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।
सात ॠषि : वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।
सात ॠषि : वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।
सात धातु (शारीरिक) : रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।
सात रंग : बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।
सात पाताल : अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।
सात पुरी : मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।
सात धान्य : उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।
आठ मातृका : ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।आठ लक्ष्मी : आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।
आठ वसु : अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।
आठ सिद्धि : अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।
आठ धातु : सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।
नवदुर्गा : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।
नवग्रह : सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।
नवरत्न : हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।
नवनिधि : पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।
दस महाविद्या : काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।
दस दिशाएँ : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।
दस दिक्पाल : इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।
दस अवतार (विष्णुजी) : मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।
दस सति : सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।
*उक्त जानकारी शास्त्रोक्त 📚 आधार पर… हैं ।

जय श्री राम 🌹🙏सनातन कर्मकाण्डी

कम बच्चे होने की सबसे बड़ी क्षति आपके बच्चों को ही भुगतनी पड़ती है ।।
रुक जाता हैं अगर तीन चार बच्चे हों तो आपस में खेलते रहते हैं लड़ते झगड़ते कब बड़े हो जाते हैं पता ही नहीं चलता । एक बच्चा गुमशुम सा एक कोने पड़ा हुआ meggi खाकर मोबाइल देखता है या टीवी देखता रहता हैं ।खाने में कोई कंपटीशन नहीं होता जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है ।

2. माता पिता के जाने के बाद जब कोई विपत्ति आती है तो उनके पास कोई भाई बहन नहीं होता जिसके पास वह जा सकें।

3. यदि तीन बच्चे हैं तो एक बच्चे के आईएएस बनने की अधिक संभावना है ।

4.यदि एक ही बच्चा है और वह जीवन संघर्ष में असफल हो गया तो उसको कोई सफल नहीं बना सकता यदि तीन चार बच्चे हैं तो एक बच्चा भी सब को कामयाब कर सकता है ।

5 फैमिली based business के लिए बड़े परिवार की बहुत अधिक महत्ता है । एक बिजनेस के लिए कम से कम दो तीन भाई चाहिए ही होतें हैं अकेला बच्चा सारी टाई लगाकर 9 to 5 की जॉब के योग्य ही रह जाता है ।
6. कई बार एक बच्चे की फैमिली टूट जाती है या उसकी पत्नी उसको तलाक देकर चली जाती है या उसके बच्चा नहीं होता । तो उसकी बहुत बुरी स्थिति होती हैं उसकी समग्र जीवन अवसाद ,अकेलेपन में निकल जाती हैं ।

इसलिए छोटा परिवार सुखी परिवार के प्रोपेगंडा से बाहर निकले । छोटे परिवार से दुखी परिवार और कोई नहीं।
बड़ा परिवार सुख का आधार के नियम पर चलें।

और हां दो बच्चे वाले टैक्स भरें और दस बच्चे वाले देश के संसाधन चट करें ये विसंगति समाप्त कर एक समान्य और समान जनसंख्या नीति तत्काल लागू होनी चाहिए।*भारत के सबसे बड़े राज्य यूपी में सबसे बड़ा पंचायती चुनाव हुआ और कोई हिंसा नहीं। एक तिहाई वाले राज्य बंगाल के चुनाव में 45 लोग मरे और 500 घायल हुए। लेकिन*

*Cong CPM समेत सारे विपक्ष को योगी मोदी का लोकतंत्र पसंद नहीं। मोदी को हटाने के लिए खूनी पार्टियों का साथ लेने में कोई हर्ज नहीं ।*
इसलिए समान नागरिक संहिता की की हर भारतीय पहल करेंहिंदू बाहुल देश में जब #हिंदू_कोड_बिल लाया गया तब न हिंदुओं से पूछा गया और ना ही हिंदुओं ने विरोध किया तो फिर देश के समस्त धर्म,पंथ,मजहब के लोगों को समान अधिकार प्रदान करने वाले…

#UCC पर मुस्लिमों की राय क्यों ?

आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता इलियास और इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष दंगा भड़काने की धमकी दे रहे हैं। कहाँ से मिल रहा इन्हें यह बल। 

यूसीसी आने से मौलानाओं की रोज़ी रोटी पर लात पड़ने वाली है इसीलिए इन्हें इतनी दिक़्क़त हो रही। 

UCC, औरतों को वस्तु भर समझने वाले पुरुषों के लिए परेशानी तो पैदा करेगी ही न।

यद्यपि ऐसा ही नकारात्मक माहौल बनाया गया था जब तीन तलाक़ के ख़िलाफ़ PM मोदी बिल लाये थे, पर वो मुस्लिम महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई। आज वे मोदी जी के शुक्रगुज़ार हैं। UCC के लिए भी मुस्लिम औरतें #NarendraModi का शुक्रियादा करेंगी।✍️डाॅ0 हरीश मैखुरी