आज का पंचाग आपका राशि फल, पंचमुखी हनुमान करते हैं सभी कार्य सिद्ध, जंकफूड’ तथा चॉकलेट सेवन के दुष्परिणाम, लीवर सही काम नहीं कर रहा है तो करें ये उपचार, भारत जैसा प्राकृतिक संसाधन और विविधताओं का देश दुनियां में नहीं है फिर भी विदेशी पर्यटक और श्रध्दालुओं को हम आकर्षित नहीं कर पाते कारण जानें

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻गुरुवार, ०८ दिसम्बर २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:००
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२१
चन्द्रोदय: 🌝 १७:१७
चन्द्रास्त: 🌜०७:०६
अयन 🌖 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🌳 हेमंत
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (नल)
मास 👉 मार्गशीर्ष
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पूर्णिमा (०९:३७ से प्रतिपदा)
नक्षत्र 👉 रोहिणी (१२:३३ से मृगशिरा)
योग 👉 साध्य (२७:१२ से शुभ)
प्रथम करण 👉 बव (०९:३७ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (२२:३३ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 वृश्चिक
चंद्र 🌟 मिथुन (२५:४४ से)
मंगल 🌟 वृष (उदित, पश्चिम, वक्री)
बुध 🌟 धनु (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (अस्त, पूर्व)
शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४८ से १२:२९
अमृत काल 👉 ०९:०४ से १०:४८
विजय मुहूर्त 👉 १३:५१ से १४:३२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१४ से १७:४२
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:१७ से १८:३९
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४२ से २४:३७
राहुकाल 👉 १३:२६ से १४:४३
राहुवास 👉 दक्षिण
यमगण्ड 👉 ०७:०० से ०८:१८
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशाशूल 👉 दक्षिण
नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (१२:३३ तक)
अग्निवास 👉 आकाश
चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम २५:४४ से)
शिववास 👉 श्मशान में (०९:३७ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – शुभ २ – रोग
३ – उद्वेग ४ – चर
५ – लाभ ६ – अमृत
७ – काल ८ – शुभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – अमृत २ – चर
३ – रोग ४ – काल
५ – लाभ ६ – उद्वेग
७ – शुभ ८ – अमृत
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (दही का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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स्नान-दान पूर्णिमा षोडशी त्रिपुरसुंदरी-अन्नपूर्णा जयन्ती, विवाह मुहूर्त मीन-मेष ल. दोपहर ०१:०१ से ०२:०५, मिथुन ल. सायं ०६:०२ से ०८:१६, कन्या- तुला ल. रात्रि १२:१५ से प्रातः ०५:२५ तक, गृहप्रवेश+उद्योग मशीनरी आरम्भ मुहूर्त प्रातः ११:०० से दोप: १२:१९ तक भूमि-भवन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः ११:०० से १२:५६ तक, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ११:०० से दोप. ०२:५६ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १२:३३ तक जन्मे शिशुओ का नाम रोहिणी नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (वू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (वे, वो, क, की) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
वृश्चिक – २९:२२ से ०७:४१
धनु – ०७:४१ से ०९:४५
मकर – ०९:४५ से ११:२६
कुम्भ – ११:२६ से १२:५२
मीन – १२:५२ से १४:१५
मेष – १४:१५ से १५:४९
वृषभ – १५:४९ से १७:४४
मिथुन – १७:४४ से १९:५९
कर्क – १९:५९ से २२:२०
सिंह – २२:२० से २४:३९
कन्या – २४:३९ से २६:५७
तुला – २६:५७ से २९:१८
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०७:०० से ०७:४१
चोर पञ्चक – ०७:४१ से ०९:३७
शुभ मुहूर्त – ०९:३७ से ०९:४५
रोग पञ्चक – ०९:४५ से ११:२६
शुभ मुहूर्त – ११:२६ से १२:३३
मृत्यु पञ्चक – १२:३३ से १२:५२
अग्नि पञ्चक – १२:५२ से १४:१५
शुभ मुहूर्त – १४:१५ से १५:४९
मृत्यु पञ्चक – १५:४९ से १७:४४
अग्नि पञ्चक – १७:४४ से १९:५९
शुभ मुहूर्त – १९:५९ से २२:२०
रज पञ्चक – २२:२० से २४:३९
शुभ मुहूर्त – २४:३९ से २६:५७
चोर पञ्चक – २६:५७ से २९:१८
शुभ मुहूर्त – २९:१८ से ३१:०१
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपका स्वभाव बीते कुछ दिनों से संतोषि रहेगा। आज धन संबंधित उलझने रहने के बाद भी पारिवारिक कार्यो एवं आपसी संबंधों को अधिक महत्त्व देंगे। मध्यान तक घर मे कोई न कोई आपसे असंतुष्ट रहेगा लेकिन संध्या बाद खर्च करने के बाद नाराजगी प्रसन्नता में बदल जाएगी मनोरंजन सुख वृद्धि के लिये खर्च में कमी नही करेंगे। भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध कुछ समय के लिये मानसिक रूप से अशांत बनाएँगे पैतृक कारणों से बहस होने की संभावना है फिर भी आपका व्यवहार आज थोड़ा शालीन रहने से स्थिति को संभाल लेंगे। कार्य व्यवसाय से लाभ मेहनत के बाद ही साधारण रहेगा। संध्या के समय भाग दौड़ से बचने का प्रयास करेंगे दुर्व्यसनों पर भी खर्च होगा। सेहत में थोड़ी समस्या रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिये शुभफलदायी रहेगा स्वभाव में थोड़ी चंचलता अवश्य रहेगी लेकिन इससे आस पास का वातावरण खुशनुमा ही बनाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज किसी के भटकाने से गलत निर्णय हो सकते है देखभाल कर ही कार्य करें व्यवसाय में चाहकर भी निवेश करना पड़ेगा इसका भविष्य में सामान्य लाभ मिल जाएगा। उधारी के व्यवहार कुछ समय के लिये बेचैनी बढ़ाएंगे पुरानी शीघ्र चुकाने के प्रयास करें नई करने से बचे अपमानित हो सकते है। दोपहर के बाद काम करने का मन नही करेगा मित्र परिजनों के साथ धार्मिक अथवा एकांत स्थान की यात्रा करेंगे दिखावे से बचे नाहाई तो बाद में आर्थिक विषमताएं बनेगी। सेहत में आज सुधार रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन हानिकर रहने वाला है किसी भी कार्य मे जल्दबाजी से बचे सोच समझकर अनुभवी व्यक्ति की सलाह के बाद ही कोई कदम उठाए। कार्य व्यवसाय आज भगवान भरोसे रहेगा लाभ होते होते किसी अन्य के पक्ष में जाने से निराशा होगी। आज जहां से सहायता की उम्मीद लगाएंगे वही आपको टरकायेगा ज्यादा जोर देने पर आगे के लिये संबंध खराब होने का भर रहेगा। धन की आमद अत्यंत सीमित होगी वह भी पुराने व्यवहारों से ही कार्य क्षेत्र पर स्वयं अथवा नौकरों के हाथ नुकसान हो सकता है क्रोध से बचे। घर मे भी परिजनों के द्वारा हानि होने की संभावना है। सेहत ठीक रहेगी लेकिन आकस्मिक चोटादि का भय है उपकरणों से काम करते समय सावधानी बरतें।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपको सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान दिलाएगा आप भी आज परोपकार में रुचि लेंगे धार्मिक क्षेत्र पर भी दान पुण्य करने के अवसर मिलेंगे परन्तु दिखावे की वृत्ति भी रहेगी। ठाठ-बाट की जीवनशैली रहने पर समाज मे आपकी पहचान धनी जैसी बनेगी। कार्य क्षेत्र पर आज समय कम देंगे फिर भी अल्प समय मे दिन भर की पूर्ति हो जाएगी। धन लाभ एक हाथ से होगा दूसरे हाथ से चला जायेगा। मध्यान बाद भी लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन मनोरंजन में रुचि होने पर ज्यादा ध्यान नही देंगे। लंबी दूरी की यात्रा के प्रसंग बनेंगे परन्तु किसी कारण स्थगित करने पड़ेंगे अगर करनी भी पड़े तो सामान और सेहत का अधिक ध्यान रखें। घरेलू वातावरण में विश्वास की कमी दिखेगी इसलिये बाहर समय बिताना अधिक भायेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपको कार्य क्षेत्र पर कल जैसी अनुकूलता नही मिलेगी फिर भी छोटे मोटे कार्यो में सफलता मिलने से धन की आमद निश्चित होगी। शरीर आलस्य में रहने के कारण आज ज्यादा उलझनों में पड़ने से बचेंगे घरलू कार्य भी चार बाते सुनने के बाद ही करेंगे। मध्यान तक दिनचार्य अस्त व्यस्त रहेगी मित्र अथवा रिश्तेदारी में जाने के कारण अन्य कार्यो में फेरबदल करना पड़ेगा। मध्यान बाद का समय दिन की तुलना में बेहतर रहेगा खर्च करने के बाद सुख सुविधा और आनंद में वृद्धि होगी। महिलाओ में आज अन्य लोगो से तुलना करने पर हीं भावना आएगी। धार्मिक अथवा पर्यटन क्षेत्र की योजना बनते बनते अंत समय मे निरस्त करने पर घर मे उदासीनता छाएगी। सेहत आज संध्या बाद खराब हो सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन सुख शांति की चाह में रहेंगे लेकिन फल इसके विपरीत ही मिलेगा। आज दिन के पूर्वार्ध को छोड़ मध्यान बाद तक किसी न किस काम से भाग दौड़ लगी रहेगी। घर मे आज मन नही लगेगा लेकिन कई दिनों से लटके घरेलुकार्य आज एकसाथ सर पर आने से असहजता बनेगी फिर भी मध्यान तक धीरे धीरे काफी हद तक पूर्ण कर लेंगे। परिजनों का व्यवहार अत्यंत स्वार्थी रहेगा कामनापूर्ति करने पर ही चैन से बैठने देंगे। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा धन लाभ की आशा ना रखे नाहाई ज्यादा समय देंगे जिससे सीमित लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। संध्या के समय वरिष्ठ लोगो के टोकने के बाद भी किसी की नही सुनेंगे अपने मन की करेंगे बाद में पछतायेंगे भी। मनोरंजन के अवसर मिलेंगे पर अनैतिक कार्यो से बचे सेहत अकस्मात खराब हो सकती है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन भी सेहत का साथ कम मिलेगा लेकिन बीते कल की तुलना में सुधार भी आयेगा। मध्यान तक कार्यो के प्रति लापरवाही करेंगे सोचने में ही समय खराब होगा मध्यान बाद व्यवसाय में अधूरे कार्य को पूर्ण करने की चिंता में रहेंगे प्रयास करने पर भी पूरे नही कर सकेंगे अधिकारी वर्ग से अनबन होगी। लेकिन थोड़ा बहुत धन लाभ जोड़ तोड़ कर कही न कही से अवश्य हो जाएगा। मध्यान बाद आरोग्य लाभ मिलेगा लेकिन कार्य करने की जगह मनोरंजन एवं व्यर्थ की गतिविधियों में रुचि लेंगे। विवेक से काम ले आज भी कामोतेजना अधिक रहेगी रंगीन मिजाजी के कारण घर मे कलह हो सकती है। गृहस्थी के कार्यो मे रुचि नही लेंगे बल्कि आस पड़ोसियों की बाते सुनने में आनंद आएगा। छोटी यात्रा हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी आपके लिये कुछ न कुछ लाभ देकर जाएगा दिन के आरंभ में कामो की गति धीमी रहेगी दैनिक कार्य भी आलस्य में करेंगे लेकिन मध्यान से पहले बाहर घूमने की योजना बनने पर शरीर मे चुस्ती आ जायेगी दिन का अधिकांश समय यात्रा पर्यटन में बीतेगा उत्तम भोजन वाहन सुख मिलने से मन प्रसन्न भी रहेगा लेकिन सेहत में नरमी आने से रंग में भंग पड़ने वाली स्थिति बनेगी। कार्य क्षेत्र के प्रति आज उदासीन रहेंगे अन्य लोगो के भरोसे रहने के कारण उचित लाभ से वंचित रह जाएंगे फिर भी धन लाभ जरूरत के अनुसार हो ही जायेगा। घरेलू सामान की आवश्यकता पड़ने पर भी कंजूस वृति के कारण खर्च करने में आनाकानी करेंगे जिससे परिजनों से कहासुनी होगी। संध्या के समय पेट की समस्या गैस कब्ज वमन की शिकायत रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपके हानि लाभ बराबर रहेंगे धन लाभ समय से थोड़ा विलंब से होगा जिससे थोड़ी असुविधा होगी इसके कारण कार्यक्रम में बदलाव भी करना पड़ेगा। मध्यान बाद दिनचर्या स्थिर बनेगी पर व्यस्तता भी बढ़ेगी कार्य क्षेत्र के साथ सामाजिक व्यवहारों के लिये भी समय निकालने से परेशानी आएगी घर के बड़ो का सहयोग मिलने से इसका भी समाधान हो जाएगा। व्यवसायी वर्ग दैनिक कार्यो के साथ नए कार्यो में भी भाग्य आजमाएंगे इसमे लाभ होगा लेकिन आशाजनक नही। घरेलू वातावरण गलतमहमी के कारण थोड़ी देर के लिये अशांत बनेगा कुछ देर में सामान्य भी हो जाएगा लेकिन किसी की जिद पूरी करने के बाद ही। सेहत संध्या बाद विपरीत होने की संभावना है ठंडे प्रदार्थो से परहेज करें। धार्मिक यात्रा के योग है इससे मन को शान्ति मिलेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आप दिन के आरंभ से ही आलस्य में भरे रहेगें मध्यान तक कि दिनचर्या धीमी रहेगी इसके बाद भी काम तो करेंगे लेकिन ध्यान कही और ही रहेगा। कार्य व्यवसाय में धन लाभ के अवसर अवश्य मिलेंगे लेकिन आज सुख सुविधाओं को बढ़ाने पर आवश्यकता से अधिक खर्च करेंगे जिससे धन संचय नही हो पायेगा। कार्य क्षेत्र पर अधिक कार्य भार सौपने पर आपसे अधीनस्थ लोग नाराज रहेंगे। नौकरी पेशाओ के लिये दिन आरामदायक रहेगा छोटे मोटे घरेलू कार्य को छोड़ अन्य किसी कार्य को नही करेंगे। सामाजिक क्षेत्र के लिये समय नही देने से प्रेमीजन नाराज होंगे लेकिन मित्र वर्ग से अच्छी पटेगी। घर मे भी समय पर आवश्यकता पूर्ति करने पर शांति बनी रहेगी। उत्तम भोजन वाहन पर्यटन के अवसर मिलेंगे सेहत बनी रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन भी छोटी मोटी घटनाओं से अशांत बनेगा फिर भी बीते कल की तुलना में थोड़ी शांति भी रहेगी। प्रातः काल घर के सदस्यों से बीती बातो के कारण मतभेद रहेंगे केवल मतलब से ही व्यवहार करेंगे लेकिन मध्यान बाद स्थिति बदलेगी घर के सभी सदस्य स्वार्थ से एक मत होंगे बाहर घूमने पर्यटन के अवसर मिलने से भी कड़वाहट में कमी आएगी लेकिन घर के बुजुर्गों को आज संतुष्ट नही कर पाएंगे। पैतृक संपत्ति के मामलों को छेड़ने की जगह अभी विराम दे अन्यथा दिन खराब हो सकता है। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा आशा नही रहेगी फिर भी अकस्मात लाभ होने से खुशी मिलेगी। महिलाए आज अधिक खर्चीली रहेंगी लेकिन खर्च घरेलू सामान पर अधिक करेंगी। संध्या बाद का समय दिन की तुलना में शांति से बीतेगा लेकिन सेहत में बदलाव भी आने से असहज रहेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपको किसी न किसी रूप में लाभ देकर जाएगा। दिन के आरंभी भाग में आलस्य दिखाएंगे मेहनत से बचने की मानसिकता रहने से आवश्यक कार्यो में विलंब होगा जिससे घर के सदस्यों से फटकार भी सुनने को मिलेगी। दोपहर का समय कार्य व्यवसाय के लिये शुभ रहेगा प्रतिस्पर्धा कम रहने से इसका जमकर लाभ उठाएंगे धन की आमद आशासे अधिक होगी लेकिन सहकर्मी का व्यवहार आज परेशान करने वाला रहेगा फिर भी संध्या से पूर्व ही दिन भर की पूर्ति कर लेंगे। संध्या का समय काम की जगह मनोरंजन में बिताना अधिक पसंद करेंगे। मौज शौक पर खर्च अधिक होगा व्यसनों से बचे अन्यथा अपमानित हो सकते है। जरूरी कार्य भी आज ही निपटा ले कल कुछ न कुछ व्यवधान आने से लटक सकते है।
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*_श्री पंचमुखी हनुमानजी (एक रहस्य )_*

_सामान्यत: हम सभी जानते ही है कि जब अहिरावण श्री राम और लक्षमण जी को पाताल ले गया था तब उन्हे सुरक्षित वापस लाने का सामर्थ्य तीनो लोको में किसी के पास नही था, सिर्फ श्रीहनुमान जी में ही था। मुख्यत: आप लोगो को ये कथा भी ज्ञात होगी अहिरावण देवी का परम भक्त था और रावण की आखरी उम्मीद भी था, उसका वध तभी हो सकता था जब उसके देवी-पूजा स्थल में जल रहे मायावी पांच दीपो को एक साथ बुझा कर समाप्त कर दिया जाये और इसके लिये श्री अन्जनी नंदन नें अति उग्र और विराट पंचमुखी रूप धारण किया।_

_जिसमें:- श्री हनुमान स्वयं, वराहदेव, नरसिंहदेव, गरुड और ह्य्ग्रीवदेव है। तब प्रभू ने उस निशाचर का वध कर दिया और श्री राम और लखन को सकुशल वापस ले आये। ये तो हुई एक प्रचलित कथा जो सभी जानते है।_

_अब जो मैं बोल रहा हूँ अपनी प्रेरणा स्वरूप वो सुनिये। पंचमुख हनुमानजी यानि पांच मुखो वाले हनुमान इन सभी मुखो के नामो का वर्णन मैं ऊपर कर चुका हूँ। मुख्यत: देखा जाये तो वाराह नरसिंह गरुड (सेवक वाहन) और ह्य्ग्रीव श्री विष्णू के अवतार माने जाते है। वराह ने पृथ्वी माता को भवसागर से निकाला हृनियाक्ष का वध करके। नरसिंह ने प्रह्लाद को बचाया हिरण्यकश्यप का वध करके। ह्य्ग्रीव ने मधु और कैटभ नामक राक्षसों से वेदों को रसातल से बचाया। ये कथा प्रचलित है। गरुड तो उनके वहान है ही। यानि की कथाओ के अनुसार ये शक्तियाँ विष्णू जी की है। तब जब भी किसी असुर ने तांडव मचाया तो विष्णू जी या शिव जी ने अपनी अपनी शक्तियों का उपयोग करके अलग-अलग रूप लेकर असुरो का वध किया। यानि अगर वध भी किया तो उसमे उनकी ही शक्ति सम्मिलित थी। ना ही कभी पढ़ने और सुनने में आया कि किसी का वध करने के लिये उसमे किसी अन्य देव की शक्ति सम्मलित हो या शिव जी ने ब्रह्मा रूप या विष्णु जी ने शिव रूप धारण किया हो। जब भी कोई दानव या दैत्य स्वर्ग पर आधिपत्य जमाने या देवताओ के लिये विकट परिस्थितियाँ उत्पन्न करता था तो सभी इन्द्रादि देवता अमूक दैत्य का वध करने मे असक्षम या असहाय ही होते थे। कहते है कि हनुमानजी को सभी देवताओ की शक्तियाँ या वरदान मिले, अरे भाई वरदान तो बाद में मिले उससे पहले ही वे सूर्यमंडल को अपना ग्रास बना चुके थे साथ ही सूर्यनारायण, इन्द्र, राहु, वज्र, ऐरावत आदि का मद चूर कर चुके थे , सभी देवों की प्रार्थना के बाद ही उन्होंने भगवान सूर्यनारायण को मुँह से निकाला था और आप सभी हनुमान जी का प्रताप जानते ही है। उनके प्रताप का वर्णन करने का साहस मुझमे या किसी में भी नही है। इसमे मेरा खण्डन ये है कि देवता जो कि ज्यादतर असक्षम ही होते थे उनकी शक्तियाँ हनुमानजी को मिली मैं इस बात को कतई स्वीकार नही करता चाहे ये शास्त्र सम्मत ही क्यू ना हो।_

_अगर ऐसा ही था तो विकट परिस्थितियाँ प्रकट होने पर सभी देवताओ ने मिलकर अपनी सभी शक्तियाँ और वरदान किसी एक देव को क्यू नही दे दिए? या इन्द्रादि देवताओ में से किसी एक ने सभी का रूप और शक्तियाँ धारण क्यू नही की?_

_यहाँ तक विष्णू जी और शिव जी ने भी किसी का रूप और शक्ति धारण कभी नही किया। अब बात करते है हनुमानजी की, हनुमानजी ने ही समय समय पर पंच मुख, सप्त मुख और एकादश मुख एक बार नही कई बार धारण किया है। प्रचलित कथाओ से भी अलग काफी गुप्त रहस्य कथा जो आपको अथक परिश्रम से ही कुछ प्राप्त हो पायेंगी, ऐसा वर्णन मिल जाएगा।_

_तो हनुमानजी ने ही ऐसे रूप धारण किये जिसमे सभी देव त्रिदेव की शक्तियाँ और मुख है। पंचमुख में आप देख सकते है कि हनुमान मुख को छोडकर सभी विष्णू अवतार की शक्तिया है।_

_तो बात धारण करने की थी जो सिर्फ हनुमानजी ने किया , मैं ऊपर वर्णन कर चुका हूँ कि इन्द्रादि देवताओ के अतिरिक्त त्रिदवो ने भी ऐसा नही किया। बाकि देवता तो असक्षम ही थे ऐसा करने में।_

_तो ऐसा कभी हुआ ही नही ना किसी ने किया, जो हनुमानजी ने किया यानि अगर पंचमुख रखना ही था प्रभू को तो उसमे अन्य अवतार के मुख ही क्यू? यहाँ हनुमान जी क्या संकेत देना चाहते है क्या किसी ने गौर किया? उनको मात्र दीपक ही तो समाप्त करने थे तो वो अन्य देव या अवतार के मुख धारण ना करके पंच हनुमान (वानरब) मुख भी तो ले सकते थे हनुमानजी तो हर तरह के रूप धारण करने में सक्षम है। तो इस बात पर आप पाठक जोर दीजिये। लेकिन फ़िर भी हनुमानजी ने ऐसा ही रूप क्यू बनाया जिसमे हमे अलग शक्तियाँ दिखाई दी। उनके अलग शक्तियाँ या रूप दिखाने का क्या तात्पर्य हो सकता है। क्या ये कि ये सभी शक्तियाँ उन्ही की है उन्ही के द्वारा संचालित है, अब इस बात से तात्पर्य ये ही निकलता है।_

_तो इसका तात्पर्य ये निकला कि देवताओ के पास जो शक्तिया है वो श्री हनुमान जी द्वारा संचालित है। देवो से हनुमानजी को कोई शक्ति नही मिली बल्कि हनुमानजी से ही उन्हे उर्जा प्राप्त होती है। मैं यहि कहूंगा हनुमानजी हर तरह से सक्षम है तो वो अपनी शक्ति दिखायेंगे नाकि किसी अन्य देव की और उन्होने अन्य शक्तियाँ अपने रूप मे सम्मलित दिखाई है तो इसका मर्म यहि है कि वो महावीरजी की ही शक्तियाँ है।_

_तो क्या नरसिंह, वराह, गरुड, ह्य्ग्रीव ये हनुमान जी की उर्जा या शक्तियाँ या अवतार है? बिल्कुल संभव है क्योकि जिसके पास जो शक्ति होगी वो वही दिखायेगा।_

_अगर मेरे पास मेरी रायफल है तो वो मेरी ही है। पड़ोसी की रायफल को मैं अपनी ना तो दिखा सकता हूँ ना ऐसा बोल सकता हूँ।_

_अब एक खंडन और कर लेते है  लोगों के बोलने से पहले मैं ही इसका उत्तर दे देता हूँ। लोग कहेंगे ये तो विष्णू जी के ही अवतार है वराह आदि ठीक है तब भी ऐसा करने का सामर्थ्य श्रीहनुमानजी मे ही है और किसी में नहीं। यदि आपसे कोई कहे कि आप किसी हाथी की शक्ति को अंदर समाहित कर लो, तो क्या आप कर सकते हो? बिल्कुल नही शरीर फट जाएगा। समाहित भी वही कर सकता है जिसकी शक्तियाँ हो और जिसमे उस शक्ति से ज्यादा सामर्थ्य हो।_

_यह कौन जान सकता है मैं और आप तो बिल्कुल भी नही जिसे ब्रह्मा भी नही समझ पाए। पर मेरा कहना यहि रहेगा के कोई देव या भगवान किसी अन्य के रूप ना तो धारण करता है ना शक्तियाँ। अगर हनुमानजी ने ऐसा किया तो ये सब उन्ही की शक्तियाँ ही कहलायेंगी। क्युकि अगर कोई बच्चा अपने घर के बहार खेलता हुआ दिखेगा या उसके घर वाले अन्दर ले जाये तो आप समझ जायेंगे कि ये इसी घर का बालक है। आप समझ गये होंगे जो में कहना चाहता हूँ। बाकि जो मैंने आप सभी के समक्ष ये जो पूरा वर्णन किया ये कोई पुराणो ग्रंथो में इसका आपको उल्लेख नही मिलेगा। क्युकि ये मेरी प्रेरणा है जो आप सभी के सामने मैंने प्रस्तुत करी है। जरूरी नही की हर बात शास्त्रों में लिखी हो कुछ बाते रहस्य की तरह अप्रत्यक्ष भी होती है जिनको हर कोई नही समझ सकता।_

_और ये वर्णन मैंने आपके प्रमाण देने और तर्क के लिये आपके समक्ष नही रखा। ये मेरी प्रेरणा आप सभी के समक्ष मैंने रख दी है। ना जाने ऐसे कितने ही अनसुलझे रहस्य या प्रेरणा हमारे मन में आते होंगे और हम उन्हे अनदेखा कर देते होँगे। आप साधक या भक्त जो भी हो आपके मन में ऐसी कोई प्रेरणा आये तो उसे बस प्रेरणा या छोटा सा ख्याल समझ कर अनदेखा ना करे क्या पता आपके ईष्ट आपसे क्या कहना या बताना चाहते हो शायद जिसके आप लायक भी नही।_

_तो आप अपनी प्रेरणाओ पर गौर करके उन्हे सँजोना सीखिये ये भले ही दुसरे व्यक्तियो के लिये तार्किक रूप से उपयुक्त ना बैठे पर आपके लिये आपके ईष्ट द्वारा बताया गया एक प्रेरणा रूपी रहस्य हो सकता है।_

_जिसे जानने के लायक आपको समझा गया है। वैसे भी कोई अपने पेट की बात अपने किसी घनिष्ठ को ही बताता है। ऐसे ही आप अपने प्रभू के घनिष्ठ हो तो उनकी सुनिये। वरना कोई नही चाहता बाहर के व्यक्ति को हमारी कोई जानकारी हो।_

*_🚩श्री हनुमंत कृपा ही केवलं 🚩_*

क्या आपका लीवर सही काम नहीं कर रहा है, उसे कैसे ठीक करें, जानिये..?

लीवर हमारे शरीर का सबसे मुख्‍य अंग है, यदि आपका लीवर ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पा रहा है तो समझिये कि खतरे की घंटी बज चुकी है। लीवर की खराबी के लक्षणों को अनदेखा करना बड़ा ही मुश्‍किल है और फिर भी हम उसे जाने अंजाने अनदेखा कर ही देते हैं।

लीवर की खराबी होने का कारण ज्‍यादा तेल खाना, ज्‍यादा शराब पीना और कई अन्‍य कारणों के बारे में तो हम जानते ही हैं। हालाकि लीवर की खराबी का कारण कई लोग जानते हैं पर लीवर जब खराब होना शुरु होता है तब हमारे शरीर में क्‍या क्‍या बदलाव पैदा होते हैं यानी की लक्षण क्‍या हैं, इसके बारे में कोई नहीं जानता। वे लोग जो सोचते हैं कि वे शराब नहीं पीते तो उनका लीवर कभी खराब नहीं हो सकता तो वे बिल्‍कुल गलत हैं।

 क्‍या आप जानते हैं कि मुंह से गंदी बदबू आना भी लीवर की खराबी हो सकती है। क्‍यों चौंक गए ना?

 हम आपको कुछ परीक्षण बताएंगे जिससे आप पता लगा सकते हैं कि क्‍या आपका लीवर वाकई में खराब है। कोई भी बीमारी कभी भी चेतावनी का संकेत दिये बगैर नहीं आती, इसलिये आप सावधान रहें।

मुंह से बदबू …..

यदि लीवर सही से कार्य नही कर रहा है तो आपके मुंह से गंदी बदबू आएगी। ऐसा इसलिये होता है क्‍योकि मुंह में अमोनिया ज्‍याद रिसता है।

लीवर खराब होने का एक और संकेत है कि स्‍किन क्षतिग्रस्‍त होने लगेगी और उस पर थकान दिखाई पडने लगेगी। आंखों के नीचे की स्‍किन बहुत ही नाजुक होती है जिस पर आपकी हेल्‍थ का असर साफ दिखाई पड़ता है।

पाचन तंत्र में खराबी यदि आपके लीवर पर वसा जमा हुआ है और या फिर वह बड़ा हो गया है, तो फिर आपको पानी भी नहीं हजम होगा।

 त्‍वचा पर सफेद धब्‍बे यदि आपकी त्‍वचा का रंग उड गया है और उस पर सफेद रंग के धब्‍बे पड़ने लगे हैं तो इसे हम लीवर स्‍पॉट के नाम से बुलाएंगे।

यदि आपकी पेशाब या मल हर रोज़ गहरे रंग का आने लगे तो लीवर गड़बड़ है। यदि ऐसा केवल एक बार होता है तो यह केवल पानी की कमी की वजह से हो सकता है।

यदि आपके आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगे और नाखून पीले दिखने लगे तो आपको जौन्‍डिस हो सकता है। इसका यह मतलब होता है कि आपका लीवर संक्रमित है।

लीवर एक एंजाइम पैदा करता है जिसका नाम होता है बाइल जो कि स्‍वाद में बहुत खराब लगता है। यदि आपके मुंह में कडुआहर लगे तो इसका मतलब है कि आपके मुंह तब बाइल पहुंच रहा है।

 जब लीवर बड़ा हो जाता है तो पेट में सूजन आ जाती है, जिसको हम अक्‍सर मोटापा समझने की भूल कर बैठते हैं।

मानव पाचन तंत्र में लीवर एक म‍हत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। विभिन्‍न अंगों के कार्यों जिसमें भोजन चयापचय, ऊर्जा भंडारण, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलना, डिटॉक्सीफिकेशन, प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन और रसायनों का उत्‍पादन शामिल हैं। लेकिन कई चीजें जैसे वायरस, दवाएं, आनुवांशिक रोग और शराब लिवर को नुकसान पहुंचाने लगती है। लेकिन यहां दिये उपायों को अपनाकर आप अपने लीवर को मजबूत और बीमारियों से दूर रख सकते हैं।

 घरेलू उपाय…..

हल्‍दी लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करने के लिए अत्‍यंत उपयोगी होती है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है।

हल्दी की रोगनिरोधन क्षमता हैपेटाइटिस-बी व सी का कारण बनने वाले वायरस को बढ़ने से रोकती है। इसलिए हल्‍दी को अपने खाने में शामिल करें या रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पिएं।

 सेब का सिरका, लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है।

सेब के सिरके को आप कई तरीके से इस्‍तेमाल कर सकते हैं- एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं, या इस मिश्रण में एक चम्मच शहद मिलाएं। इस म‍िश्रण को दिन में दो से तीन बार लें।

आंवला विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है।

अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं। लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए।

पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। 

हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताहों के लिए करें।

सिंहपर्णी जड़ की चाय लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने वाले उपचारों में से एक है। अधिक लाभ पाने के लिए इस चाय को दिन में दो बार पिएं। आप चाहें तो जड़ को पानी में उबाल कर, पानी को छान कर पी सकते हैं। सिंहपर्णी की जड़ का पाउडर बड़ी आसानी से मिल जाएगा।

लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का इस्‍तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। इसके इस्‍तेमाल के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंड़ा होने पर छान लें। इस चाय रुपी पानी को दिन में एक या दो बार पिएं।

फीटकोंस्टीटूएंट्स की उपस्थिति के कारण, अलसी के बीज हार्मोंन को ब्‍लड में घूमने से रोकता है और लीवर के तनाव को कम करता है। टोस्‍ट पर, सलाद में या अनाज के साथ अलसी के बीज को पीसकर इस्‍तेमाल करने से लिवर के रोगों को दूर रखने में मदद करता है।

एवोकैडो और अखरोट को अपने आहार में शामिल कर आप लीवर की बीमारियों के आक्रमण से बच सकते हैं। एवोकैडो और अखरोट में मौजूद ग्लुटथायन, लिवर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर इसकी सफाई करता है।

पालक और गाजर का रस का मिश्रण लीवर सिरोसिस के लिए काफी लाभदायक घरेलू उपाय है। पालक का रस और गाजर के रस को बराबर भाग में मिलाकर पिएं। लीवर की मरम्मत के लिए इस प्राकृतिक रस को रोजाना कम से कम एक बार जरूर पिएं।

सेब और पत्तेदार सब्जियां….

सब्जियों में मौजूद पेक्टिन पाचन तंत्र में उपस्थित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर लीवर की रक्षा करता है। इसके अलावा, हरी सब्जियां पित्त के प्रवाह को बढ़ाती हैं।

एक पौधा और है जो अपने आप उग आता है, जिसकी पत्तियां आंवले जैसी होती है। इन्ही पत्तियों के नीचे की ओर छोटे छोटे फुल आते है जो बाद में छोटे छोटे आंवलों में बदल जाते है।

इसे भुई या भूमि आंवला कहते है। इस पौधे को भूमि आंवला या भू-धात्री भी कहा जाता है। यह पौधा लीवर के लिए बहुत उपयोगी है। इसका सम्पूर्ण भाग, जड़ समेत इस्तेमाल किया जा सकता है तथा कई बाज़ीगर भुई आंवला के पत्ते चबाकर लोहे के ब्लेड तक को चबा जाते हैं।

 क्या आप जानते है ये यकृत (लीवर) की यह सबसे अधिक प्रमाणिक औषधि है।

लीवर बढ़ गया है या या उसमे सूजन है तो यह पौधा उसे बिलकुल ठीक कर देगा।

बिलीरुबिन बढ़ गया है, पीलिया हो गया है तो इसके पूरे पढ़े को जड़ों समेत उखाडकर, उसका काढ़ा सुबह शाम लें।

 

सूखे हुए पंचांग का 3 ग्राम का काढ़ा सवेरे शाम लेने से बढ़ा हुआ बिलीरुबिन ठीक होगा और पीलिया की बीमारी से मुक्ति मिलेगी।

 

अपनी किसी भी प्रॉब्लम के लिए डॉ साहब को पहले उनके नंबर पर अपनी प्रॉब्लम अपने नाम के साथ व्हाट्सएप कर दे। और समय लेकर उनसे बात करें…..

✍️आयुर्वेदिक डॉ रोहित गुप्ता

*जंकफूड’ तथा चॉकलेट सेवन के दुष्परिणाम*

२. जंकफूड से क्या हानि होती है ?
अ. रक्तचाप बढना
निरुपयोगी अन्नपदार्थों के अनेक दुष्परिणाम होते हैं । ऐसे अतिवसायुक्त पदार्थों के कारण रक्त में स्निग्धाम्ल बढता है । स्निग्धाम्ल और अतिरिक्त नमक के कारण रक्तचाप बढ सकता है । नमक अधिक मात्रा में खाने से वृक्क को (गुरदे को) हानि पहुंच सकती है । विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे पदार्थों के सतत सेवन का दुष्परिणाम रक्तसंचार पर भी होता है ।

अा. हृदयविकार
जिन बच्चों को ऐसे खाद्यपदार्थों की लत (आदत) लग जाती है और जिन के अभिभावक भी ये पदार्थ अपने बच्चे को खाने देते हैं, ऐसे बच्चों को उनकी आयु के ३० वे वर्ष में ही हृदयविकार होने की आशंका अधिक रहती है ।

इ. ‘जंक फूड’ के कारण वंध्यत्व (बांझपन) बढना
‘जंक फूड’ के सेवन के कारण शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बिगड जाता है । इससे विद्यालय-महाविद्यालयों में पढने वाली अधिकांश लडकियां यौवनावस्था में पदार्पण करते-करते ‘पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम’ से ग्रस्त हो जाती हैं । (इस विकार में अंडाशय में अंडे नहीं बन पाते; क्योंकि अंडाशय में अनेक पुटक अर्थात सिस्ट होते हैं ।) इसलिए २५ वें वर्ष में वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने वाली २५ प्रतिशत से अधिक युवतियां किसी-न-किसी रूप में वंध्यत्व से ग्रस्त होती हैं ।’

३. ‘फास्ट फूड’ अथवा ‘जंक फूड’ की अपेक्षा हिंदू
पद्धति से बनाए गए खाद्यपदार्थों का सेवन क्यों करना चाहिए ?
आजकल झटपट बनने वाले अथवा तैयार मिलने वाले ‘फास्ट फूड’ अथवा ‘जंक फूड’ से हमारे शरीर को पौष्टिक आहार नहीं मिलता । ‘फास्ट फूड’ अथवा ‘जंक फूड’ पचने में भारी होते हैं । इसलिए इन्हें ग्रहण करने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य बिगड जाता है, ऐसा अनेक चिकित्सकों ने अपने अध्ययन के आधार पर बताया है ।

हिंदू पद्धति से बनाए गए पदार्थ ( गेहूं की रोटी, मंडुवा, ज्वार की रोटी, सब्जी दाल सलाद इत्यादि) सुपाच्य और शरीर का समुचित पोषण करने में उपयुक्त होते हैं, इसलिए ये ही हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त हैं । प्राकृतिक चिकित्सा (निसर्गोपचार अथवा नैचरोपैथी) पद्धति में यह स्पष्ट कहा गया है कि ‘मूल प्राकृतिक पदार्थों का सेवन करने से शरीर को अधिक मात्रा में लाभ होता है और कृत्रिम अथवा प्रोसेस्ड (संग्रहित करने के लिए जिन पर विशिष्ट प्रक्रिया की जाती है, ऐसे) अन्न पदार्थों का सेवन करने से शारीरिक विकार बढते हैं ।’ हिंदू पद्धति से बनाए गए पदार्थ, ‘नैचरोपेथी’ के समान होते हैं, उदा. रायता और साग ।

४. चॉकलेट है अनेक रोगों की खान !
अब हमारा संबंध ‘वृक्ष-पंक्तियों से नहीं, अपितु विष-पंक्तियों’ से स्थापित हो गया है ! हमारी संस्कृति में जिसका कोई स्थान नहीं, ऐसी चॉकलेट अनेक रोगों विशेषतः दांतों के अनेक रोगों की खान है । उसमें प्रयुक्त सैक्रीन का शरीर पर उससे भी अधिक भयंकर परिणाम होता है ! ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ ने भी ‘सैक्रीन’को स्वास्थ्य के लिए, हानिकारक और घातक बताया है । सैक्रीन के कारण कर्क रोग भी हो सकता है । स्वास्थ्य बनाए रखना हो, तो सैक्रीन जैसे पदार्थों से बनाए गए चॉकलेट से दूर रहना ही अच्छा है। ✍️डाॅ हरीश मैखुरी 🌹❤️

*🚩धर्मस्य मूलं अर्थः*
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अमेरिका भारत से कई गुना बड़ा है. पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण अमेरिका में कहीं भी जाइए, बिलकुल एक जैसा. एक जैसी सड़कें. सड़कों पर एग्जिट. रेस्ट एरिया. रेस्टोरेंट वही सिपोटल, मैक डी, केएफ़सी, सब वे आदि. सबमें एक जैसा ख़ौंसा ख़ौसा खाना बांसी स्मेल और टेस्ट वाला. एक जैसे होटल. यहाँ तक कि शहरों के नाम भी सेम. कहीं भी घूम आइये कोई विविधता नहीं. मौसम ऐसा कि कोई ठिकाना नहीं. और एज सच कोई भी प्राकृतिक या हिस्टोरिकल चीज ऐसी नहीं जो विश्व प्रसिद्ध हो.

भारत – एक ओर विश्व की सबसे शानदार पर्वत श्रृंखला हिमालय तो दूसरी और वेस्टर्न घाट से बे ऑफ़ बंगाल तक हाजतों किमी की सी लाइन. सुंदर बन डेल्टा. जल प्रपात. विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति. विश्व का सबसे पुरातन नगर बनारस. अध्यात्म. धर्म. विविधता ऐसी कि इतनी भाषाएँ इतना कल्चर. भोजन – पंजाब के कढ़ाई पनीर से मिज़ोरम के मोमोस तक, कश्मीर के नदरू से कन्या कुमारी के डोसा तक एकदम सौ प्रतिशत विविधता. एक एक शहर अपने में अद्वितीय, यूनिक. इतने त्योहार और हर त्योहार की अपनी डिस्टिंक्ट फील. प्रकृति की ऐसी सुंदरता बेमिशाल. सात आश्चर्यों में एक ताज महल से लेकर प्राचीन शहर हंपी तक. क्या नहीं है भारत में. बौद्ध धर्म के इतने प्रतीक चिह्न, इस्लाम की इतनी मस्जिदें, गोवा में इतने प्राचीन चर्च. सब है.

इस सबके बावजूद भारत में इंटरनेशनल टूरिस्ट बहुत लिमिटेड आते हैं. साल में बमुश्किल पंद्रह लाख, इसमें भी बड़ा नंबर उनका होता है जो सॉफ़्टवेयर या बिज़नस के काम से आते हैं या भारतीय मूल के हैं. अमेरिका से तुलना करूँगा तो आप कहेंगे कि वह बड़ा देश है. फ़्रांस से करूँगा आप कहेंगे वह छोटा देश है. थाई लैंड से करूँगा आप कहेंगे वहाँ सेक्स होता है (जैसे यूरोप आदि वालों को अपने देश में ये न मिलता हो :)) चीन से करूँगा आप बोलेंगे वहाँ तानाशाही. यहाँ तक कि छोटे से एशियाई देश वियतनाम में भारत से ज्यादा पर्यटक आते हैं विदेशी. अरे यहाँ तक कि अफ़्रीका का छोटा सा देश है लगभग सौ प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाला ट्यूनीशिया. आपने नाम भी न सुना होगा शायद. वहाँ भी दस लाख पर्यटक आते हैं. और प्रकृति के इतने खूबसूरत देश भारत में केवल – पंद्रह लाख।

यस. इंफ़्रा स्ट्रक्चर एक वजह है. पर इतना बुरा भी नहीं भारत कि अफ़्रीकन देशों के आगे न टिक पाये. यस भ्रष्टाचार, क़ानून व्यवस्था – पर यह सब एशियन और अफ़्रीकन देशों की यही कहानी.

यक़ीन मानिए किसी विदेशी पर्यटक से भारत के बारे में पूछिये तो वह जो तीन समस्याएँ बताएगा, उसके दोषी सिर्फ़ और सिर्फ़ हम हैं. 1. गंदगी – आप का कोई विदेशी असल मित्र हो भारत आया हो. पूँछिये वह इतनी घृणा से सड़क पर मूतने / थूकने / गंदगी फैलाने की बातें बताएगा कि आपके कान से खून निकल आएगा. पर कुछ कह न पायेंगे क्योंकि है तो सचाई. 2. ठगी/ लूट विदेशी सैलानियों से और इस लूट से अधिकतर का सहमत होना. यहाँ तक कि सरकार स्वयं विदेशी सैलानियों से दस गुना पैसे लेती है टिकट के 3. विदेशी लड़कियों को देखते ही उनके साथ फ़ोटो खिंचवाने की ज़िद करना और मौक़ा मिलते ही छेड़ छाड़ करना. यह इतना कामन है कि दिल्ली की बस से लेकर चाँदनी चौक तक जहां मौक़ा मिलता है, बस हो जाता है।

सरकारों को कोसना बहुत आसान होता है, हम चैंपियन हैं. ख़ुद को विश्व गुरु बोल लेना भी आसान होता है. पर सोच कर देखिए वैश्विक परिदृश्य में हम अपनी क्या इमेज बना रहे हैं? सरकारें आती जाती रहेंगी पर जनता और जनता का व्यवहार नहीं बदलता।