आज का पंचाग एवं आपका राशि फल, विमान शास्त्र के जनक महर्षि भारद्वाज, कन्या कुमारी के सुचिन्द्रम मंदिर की एक एक नक्काशी के आगे तुच्छ हैं संसार के सातों आश्चर्य!, दिल्ली के लाल दुर्ग का वास्तविक नाम लालकोट है जिसे अनंग पाल द्वितीय ने 1060 ईस्वी में बनाया था!, वृंदावन में बन रहा है संसार का सबसे ऊंचा मंदिर

*🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻सोमवार, १० अप्रैल २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:१६

सूर्यास्त: 🌅 ०६:४४

चन्द्रोदय: 🌝 २३:०७

चन्द्रास्त: 🌜०८:२५

अयन 🌖 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🎋 बसंत

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 वैशाख 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 चतुर्थी (०८:३७ से पञ्चमी)

नक्षत्र 👉 अनुराधा (१३:३९ से ज्येष्ठा)

योग 👉 व्यतीपात (२०:१२ से वरीयान)

प्रथम करण 👉 बालव (०८:३७ तक)

द्वितीय करण 👉 कौलव (२०:०० तक)

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 मीन 

चंद्र 🌟 वृश्चिक 

मंगल 🌟 मिथुन (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 मीन (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 वृष (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

शुभाशुभ मुहूर्त विचार

⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५३ से १२:४४

अमृत काल 👉 २८:२५ से ०५:५९ बजे

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:५६ से १३:३९

विजय मुहूर्त 👉 १४:२६ से १५:१७

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:३९ से १९:०२

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:४१ से १९:४८

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५५ से २४:४०

राहुकाल 👉 ०७:३२ से ०९:०७

राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम

यमगण्ड 👉 १०:४३ से १२:१८

होमाहुति 👉 मंगल (१३:३९ से गुरु)

दिशाशूल 👉 पूर्व

नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (१३:३९ से)

अग्निवास 👉 पाताल (०८:३७ से पृथ्वी)

चन्द्र वास 👉 उत्तर

शिववास 👉 कैलाश पर (०८:३७ से नन्दी पर)

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

☄चौघड़िया विचार☄

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – अमृत २ – काल

३ – शुभ ४ – रोग

५ – उद्वेग ६ – चर

७ – लाभ ८ – अमृत

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – चर २ – रोग

३ – काल ४ – लाभ

५ – उद्वेग ६ – शुभ

७ – अमृत ८ – चर

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

उत्तर-पश्चिम (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

तिथि विशेष

🗓📆🗓📆

〰️〰️〰️〰️

सती अनुसूईया जन्मोत्सव आदि।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

आज १३:३९ तक जन्मे शिशुओ का नाम अनुराधा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (नू, ने) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (नो, या, यी) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

उदय-लग्न मुहूर्त

मीन – २८:४८ से ०६:१२

मेष – ०६:१२ से ०७:४५

वृषभ – ०७:४५ से ०९:४०

मिथुन – ०९:४० से ११:५५

कर्क – ११:५५ से १४:१७

सिंह – १४:१७ से १६:३६

कन्या – १६:३६ से १८:५३

तुला – १८:५३ से २१:१४

वृश्चिक – २१:१४ से २३:३४

धनु – २३:३४ से २५:३७

मकर – २५:३७ से २७:१८

कुम्भ – २७:१८ से २८:४४

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:५६ से ०६:१२

शुभ मुहूर्त – ०६:१२ से ०७:४५

रज पञ्चक – ०७:४५ से ०८:३७

शुभ मुहूर्त – ०८:३७ से ०९:४०

चोर पञ्चक – ०९:४० से ११:५५

शुभ मुहूर्त – ११:५५ से १३:३९

रोग पञ्चक – १३:३९ से १४:१७

शुभ मुहूर्त – १४:१७ से १६:३६

मृत्यु पञ्चक – १६:३६ से १८:५३

अग्नि पञ्चक – १८:५३ से २१:१४

शुभ मुहूर्त – २१:१४ से २३:३४

रज पञ्चक – २३:३४ से २५:३७

शुभ मुहूर्त – २५:३७ से २७:१८

चोर पञ्चक – २७:१८ से २८:४४

शुभ मुहूर्त – २८:४४ से २९:५५

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आशाओं के विपरीत रहने वाला है। सोची हुई योजनाए आरम्भ में सफल होती नजर आएंगी परन्तु मध्यान तक इनसे निराशा ही मिलेगी। आज आप जिससे भी सहायता मांगेंगे वो भ्रम की स्थिति में रखेगा। आज आप आत्मनिर्भर होकर अपने कार्यो को करें। भागीदारों से धन को लेकर अनबन हो सकती है। मीठा व्यवहार रखने पर भी लोग आपको केवल कार्य निकालने के लिए इस्तेमाल करेंगे। कार्य क्षेत्र की भड़ास घर पर निकालने से घर का माहौल भी बेवजह खराब होगा। पुराने कार्यो को पूर्ण करने की चिंता रहेगी। प्रेम प्रसंगों से निराश होंगे।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन भी आशानुकूल रहेगा। सेहत उत्तम रहने से कार्यो को मन लगाकर करेंगे लेकिन किसी के हस्तक्षेप करने से मन विक्षिप्त हो सकता है। किसी के ऊपर ध्यान ना दें एकाग्र होकर अपने कार्य मे लगे रहे धन एवं सम्मान दोनों मिलने के योग है। लेकिन उधार के व्यवहार बढ़ने से असुविधा भी होगी। व्यावसाय में वृद्धि के लिए निवेश करना शुभ रहेगा। भाई-बंधुओ का सहयोग आज अपेक्षाकृत कम ही रहेगा। महिलाओं को छोड़ घर के अन्य सदस्य आपसे ईर्ष्यालु व्यवहार रखेंगे। स्त्री से सुखदायक समाचार मिलेंगे।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन अनैतिक कार्यो से बच कर रहें मन भ्रमित रहने के कारण निषेधात्मक कार्यो में भटकेगा। लोग आपसे भावनात्मक संबंध बनाएंगे परन्तु आवश्यकता के समय कोई आगे नही आएगा। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मियो का रूखा व्यवहार रहने से स्वयं के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। लंबी यात्रा के प्रसंग बनेंगे संभव हो तो आज टालें। पेट अथवा स्वांस, छाती संबंधित व्याधि हो सकती है। अधिकांश समय मानसिक रूप से भी अशान्त रहेंगे। परिवार में अनावश्यक खर्च बढ़ेंगे किसी की गलती का विरोध करना भी बेवजह कलह का कारण बनेगा।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आप बुद्धि विवेक से कार्य करेंगे परन्तु परिस्थिति हर तरह से कार्यो में बाधा डालेगी। कार्य व्यवसाय से मन ऊबने लगेगा धैर्य से कार्य करते रहें संध्या तक संतोषजक लाभ अवश्य मिलेगा पारिवारिक एवं सामाजिक क्षेत्र पर आपके विचारो की प्रशंसा होगी लेकिन केवल व्यवहार मात्र के लिए ही। आर्थिक विषयो को लेकर किसी से विवाद ना करें धन डूबने की आशंका है। गृहस्थ में प्रेम स्नेह तो मिलेगा परन्तु स्वार्थ सिद्धि की भावना भी अधिक रहेगी। महिलाये अधिक बोलने की समस्या से ग्रस्त रहेंगी।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन काफी उठा पटक वाला रहेगा। व्यावसायिक योजनाओं में अचानक बदलाव करना पड़ेगा। दिन के आरंभ में कार्यो की गति धीमी रहेगी समय पर वादा पूरा ना करने से व्यावसायिक संबंध खराब हो सकते है। कार्यो के प्रति नीरसत अधिक रहेगी। किसी भी कार्य को लेकर ठोस निर्णय नही ले पाएंगे परन्तु जिस भी कार्य में निवेश करेंगे उसमे विलंभ से ही सही सफल अवश्य होंगे धन लाभ भी आवश्यकता अनुसार हों जायेगा लेकिन संध्या पश्चात धन संबंधित कोई भी कार्य-व्यवहार ना करें। परिजन आपके टालमटोल वाले व्यवहार से दुखी रहेंगे।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आर्थिक दृष्टिकोण से उन्नति वाला रहेगा। धन संबंधित समस्याएं काफी हद तक सुलझने पर दिन भर प्रसन्नता रहेगी। कार्य व्यवसाय से प्रारंभिक परिश्रम के बाद दोपहर के समय से धन की आमद शुरू हो जाएगी जो संध्या तक रुक रुक कर चलती रहेगी। मितव्ययी रहने के कारण खर्च भी हिसाब से करेंगे धन कोष में वृद्धि होगी। महिलाये किसी मनोकामना पूर्ति से उत्साहित होंगी। आज महिला वर्ग से कोई भी काम निकालना सरल रहेगा मना नही कर सकेंगी। दाम्पत्य सुख में भी वृद्धि होगी। पर्यटन की योजना बनेगी।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आप किसी भी कार्य को लेकर ज्यादा भाग-दौड़ करने के पक्ष में नही रहेंगे। आसानी से जितना मिल जाये उसी में संतोष कर लेंगे। परन्तु महिलाये इसके विपरीत रहेंगी अल्प साधनो से कार्य करने पर भाग्य को दोष देंगी। व्यवसाय की गति पल पल में बदलेगी जिससे सुकून से बैठने का समय नही मिलेगा। किसी पुरानी घटना को याद करके दुखी रहेंगे। पारिवारिक खर्चो में अकस्मात वृद्धि होने से बजट गड़बड़ा सकता है। महिलाओं के मन मे आज उथल पुथल अधिक रहने के कारण बड़ी जिम्मेदारी का कार्य सौपना उचित नही रहेगा।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन मानसिक चंचलता के कारण बनते कार्यो को दुविधा के कारण आप स्वयं बिगाड़ लेंगे। सरकारी कार्य आज सावधानी से करें अन्यथा लंबित रखें हानि निश्चित रहेगी। संबंधो के प्रति भी आज ईमानदार नही रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आपके गलत आचरण से कलुषित होगा। सामाजिक क्षेत्र पर लोग पीठ पीछे बुराई करेंगे। सेहत में मानसिक दबाव के चलते उतार चढ़ाव लगा रहेगा। घर के बुजुर्ग आपसे नाराज रहेंगे। धन लाभ अचानक होने से स्थिति संभाल नही सकेंगे रुपया आते ही हाथ से निकल भी जायेगा।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आपको आज के दिन प्रत्येक कार्यो में सावधान रहने की आवश्यकता है। धन के पीछे भागने की प्रवृति पर आज लगाम लगाकर रखे अन्यथा धन के साथ-साथ मान हानि भी होगी। दोपहर से पहले के भाग में पुराने कार्य पूर्ण होने से थोड़ा बहुत धन मिलने से दैनिक खर्च निकल जाएंगे। इसके बाद का समय प्रतिकूल बनता जाएगा। कार्य व्यवसाय में प्रतिस्पर्धी हर प्रकार से आपके कार्यो में व्यवधान डालने का प्रयास करेंगे। परिजनों से भी मामूली बात पर झगड़ा होगा। वाणी एवं व्यवहार से संयम बरतें।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन लाभ के अवसर आपकी तलाश में रहेंगे। दिन में जिस किसी के भी संपर्क में रहेंगे उससे कुछ ना कुछ लाभ अवश्य होगा। कार्य क्षेत्र पर भी एक से अधिक साधनो से आय होगी। व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़ी महिलाओ को पदोन्नति के साथ प्रोत्साहन के रूप में आर्थिक सहायता भी मिल सकती है। सामाजिक कार्यो में रुचि ना होने पर भी सम्मिलित होना पड़ेगा मान-सम्मान बढेगा। परिजनों का मार्गदर्शन आज प्रत्येक क्षेत्र पर सहायक होगा। महिलाओं का सुख सहयोग मिलेगा। प्रेम प्रसंगों में निकटता रहेगी।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा। प्रातः काल जल्दी कार्यो में जुटने का फल शीघ्र ही धन लाभ के रूप में मिलेगा। अधिकांश कार्य थोड़े से परिश्रम से पूर्ण हो जाएंगे। अधिकारी वर्ग मुश्किल कार्यो में सहयोग करेंगे। आज आप जोड़ तोड़ वाली नीति अपना कर कठिन परिस्थितियों में भी अपना काम निकाल लेंगे। सरकारी कार्य मे भी सफलता की उम्मद जागेगी प्रयास करते रहे। दाम्पत्य जीवन मे छोटी-मोटी बातों को दिल पर ना लें स्थिति सामान्य ही रहेगी। मित्रो से कोई दुखद समाचार मिलेगा। 

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आप सम्भल कर ही कार्य करेंगे फिर भी सफलता में संशय बना रहेगा। व्यवहारिकता की कमी के कारण जितना लाभ मिलना चाहिए उतना नही मिल सकेगा। घर अथवा बाहर अकारण कलह के प्रसंग बनेगे। व्यापार व्यवसाय में सहकर्मियो की।मनमानी के कारण असुविधा एवं अव्यवस्था बनेंगी लेकिन फिर भी स्वयं के पराक्रम से खर्च लायक धनार्जन कर ही लेंगे। आस-पड़ोसी एवं भाई बंधुओ से बात का बतंगड़ ना बने इसके लिए मौन रखने की जरूरत है फिर भी महिलाये स्वभावानुसार बनती बात बिगाड़ लेंगी। विपरीत लिंग के प्रति कामासक्त रहेंगे।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

विमान_शास्त्र के #रचयिता महर्षि भारद्वाज🙏🙏

चिंतन जिसका उच्च है , होता वही महान।

आदर्श बने संसार का, भासता उसमें ज्ञान।।

वैज्ञानिक चिंतन और वैज्ञानिक सोच के आधार पर सर्वोच्च स्थान को प्राप्त करने वाले भारत के महान ऋषियों में ऋषि भारद्वाज का नाम आज अग्रगण्य है। उन्होंने अपनी गहरी साधना और अध्यात्म विद्या के बल पर प्राचीन काल में भारत के ऋषि मंडल में अपना सम्मानपूर्ण स्थान प्राप्त किया। इसके साथ साथ तत्कालीन क्षत्रिय समाज में भी उनके प्रति बड़े-बड़े राजा महाराजाओं की श्रद्धा भक्ति देखते ही बनती थी। कई लोगों को यह भ्रांति होती है कि ऐसी श्रद्धा भक्ति केवल एक अंधविश्वास मात्र है, जबकि भारत के ऋषियों के संदर्भ में सच यह है कि उनकी उत्कृष्टतम साधना के कारण निर्मित होने वाले उनके आभामंडल के समक्ष चक्रवर्ती सम्राट नतमस्तक होते थे। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि पूजा सर्वत्र ज्ञान की होती है। ज्ञानहीन व्यक्ति को तो हमारे शास्त्रों में पशु के समान माना गया है। हमें श्रद्धा के विषय में यह ध्यान रखना चाहिए कि संकल्प विकल्प में से, तर्क की उलझन में से, निकल कर सत्य की खोज के लिए डट जाने का नाम श्रद्धा है।

यदि इस चतुर्युगी के त्रेता काल में रामचंद्र जी का जन्म हुआ था तो रामायण काल को बीते हुए लाखों वर्ष हो चुके हैं। यह हम भारतीयों के लिए बहुत ही गर्व और गौरव का विषय है कि उस समय भी हमारे यहां पर विमान हुआ करते थे। ‘पुष्पक विमान’ इसका उदाहरण है। उस समय ऋषि भारद्वाज जैसे वैज्ञानिक ऋषि विद्यमान थे। जिन्होंने ‘वृहदविमान-भाष्य’ की रचना कर उसमें विमान बनाने की सारी तकनीकी का उल्लेख किया है। ऋषि भारद्वाज जी के इसी ग्रंथ को पढ़कर मुंबई के रहने वाले बापूजी तलपदे ने आधुनिक विश्व में सबसे पहले विमान जैसी चीज का आविष्कार कर जब उसका प्रदर्शन अंग्रेजों के सामने किया तो अंग्रेजों ने उनसे इस तकनीक को छीनकर राइट ब्रदर्स को दे दिया। इतना ही में बापूजी तलपदे के हाथ भी कटवा दिये, जिससे कि वह आगे कभी इस प्रकार की चेष्टा ना कर सके।

उसके बाद अंग्रेज नाम के उन चोरों ने हमारी विद्या की चोरी कर सारे संसार में यह ढिंढोरा पीट दिया कि राइट ब्रदर्स ने संसार का सबसे बड़ा चमत्कार करके दिखा दिया है। जिसके द्वारा मानव अब हवा में उड़ सकेगा। अब हमको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम भारतीय भी कुटिल प्रचार के कारण राइट ब्रदर्स को विमान बनाने का श्रेय देते हैं। 

आज से 4 वर्ष पहले तक पाकिस्तान के रावलपिंडी में एक 1000 वर्ष पुराना मां अन्नपूर्णा देवी का मंदिर हुआ करता था जिसे पाकिस्तान सरकार ने वक्फ बोर्ड को दे दिया 

और वक्फ बोर्ड ने उस मंदिर को तोड़ दिया..

मां अन्नपूर्णा का ही श्राप है कि ठीक उसी दिन से पाकिस्तान में ऐसी कंगाली हुई कि आज पाकिस्तान दाने-दाने को तरस रहा है मां अन्नपूर्णा देवी का श्राप पाकिस्तान को लगा है ! (साभार) 

क्या आप विश्वास करेंगे यदि हम कहें कि, इस मंदिर की प्रत्येक नक्काशी दुनियाँ के सभी अजूबों को हराने के लिए पर्याप्त हैं !?

इस मंदिर में अनुमानतः एक लाख नक्काशियाँ हैं और प्रत्येक नक्काशी अपने-आप में अद्वितीय है । आज के समय में इस मंदिर में बनी एक-एक नक्काशी को बनाने में एक-एक महीने से अधिक का समय लग सकता है । लेकिन करीब 1100 वर्ष पूर्व निर्मित इस सम्पूर्ण मंदिर को बनाने में हमारे पूर्वजों ने आधुनिक संसाधनों के बगैर भी बहुत ही अल्प समय लिया था…!! (कभी इसी स्थान पर बसे घने जंगलों में, महर्षि अत्रि अपनी पत्नी अनुसुइया के साथ निवास करते थे !)(सुचिन्द्रम मंदिर, कन्याकुमारी) (साभार) 

लाल किला का असली नाम “लाल कोट” है, जिसे महाराज अनंगपाल द्वितीय द्वारा सन 1060 ईस्वी में दिल्ली शहर को बसाने के क्रम में ही बनवाया गया था जबकि शाहजहाँ का जन्म ही उसके सैकड़ों वर्ष बाद 1592 ईस्वी में हुआ है.
दरअसल शाहजहाँ ( मुगल ) ने इसे बसाया नहीं बल्कि पूरी तरह से नष्ट करने की असफल कोशिश की थी ताकि वो उसके द्वारा बनाया साबित हो सके. लेकिन सच सामने आ ही जाता है.
इसका सबसे बड़ा प्रमाण तो यही है कि तारीखे फिरोजशाही के पृष्ट संख्या 160 (ग्रन्थ ३) में लेखक लिखता है कि सन 1296 के अंत में जब अलाउद्दीन खिलजी अपनी सेना लेकर दिल्ली आया तो वो कुश्क-ए-लाल ( लाल प्रासाद/ महल ) की ओर बढ़ा और वहां उसने आराम किया.
शाहजहाँ से 250 वर्ष पहले ही 1398 ईस्वी में एक अन्य लंगड़ा जेहादी तैमूरलंग ने भी पुरानी दिल्ली का उल्लेख किया हुआ है (जो कि शाहजहाँ द्वारा बसाई बताई जाती है).
यहाँ तक कि लाल किले के एक खास महल मे सुअर (वराह) के मुँह वाले चार नल अभी भी लगे हुए हैं क्या ये शाहजहाँ के इस्लाम का प्रतीक चिन्ह है या हिंदुत्व के प्रमाण?
साथ ही किले के एक द्वार पर बाहर हाथी की मूर्ति अंकित है क्योंकि राजपूत राजा गजो (हाथियों) के प्रति अपने प्रेम के लिए विख्यात थे जबकि इस्लाम जीवित प्राणी के मूर्ति का विरोध करता है.
साथ ही लालकिला के दीवाने खास मे केसर कुंड नाम से एक कुंड भी बना हुआ है जिसके फर्श पर हिंदुओं मे पूज्य कमल पुष्प अंकित है.
साथ ही ध्यान देने योग्य बात यह है कि केसर कुंड एक हिंदू शब्दावली है जो कि हमारे राजाओ द्वारा केसर जल से भरे स्नान कुंड के लिए प्राचीन काल से ही प्रयुक्त होती रही है.
मजेदार बात यह है कि मुस्लिमों के प्रिय गुंबद या मीनार का कोई अस्तित्व तक नही है लालकिला के दीवानेखास और दीवानेआम में …
भारत के किलों ..महलों और मंदिरों पर सिर्फ अपना नाम गुदवाने का ही काम किया था इन विदेशी आक्रांताओं एवं लुटेरों ने ….
तो यदि कोई पूछे तो नाम याद रखना, ।
#महाराज_आनंगपाल_द्वितीय (साभार) 

चंद्रोदय मंदिर वृंदावन, उत्तर प्रदेश
┈┉┅━❀━┅┉┈
वृंदावन में बन रहा है संसार का सबसे ऊंचा मंदिर
दुनिया में अब तक का सबसे विशाल, भव्य और ऊंचा मंदिर वृंदावन में बनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर का नाम चन्द्रोदय मंदिर है। यह मंदिर कुतुब मीनार से भी तीन गुना उंचा होगा। इतना ही नहीं, इस मंदिर की नींव दुनिया की सबसे उंची इमारत बुर्ज खलीफा से भी तीन गुना गहरी होगी।

वृंदावन चन्द्रोदय मंदिर की ऊंचाई 700 फुट अथवा 210 मीटर होगी। दिल्ली में 72.5 मीटर के कुतुब मीनार से इस इसकी ऊंचाई 3 गुना ज्यादा होगी, जिस के कारण पूर्ण होने पर, यह विश्व का सबसे ऊंचा धर्मालय बन जाएगा।

इसके गगनचुम्बी शिखर के अलावा इस मंदिर की दूसरी विशेष आकर्षण यह है की मंदिर परिसर में २६ एकड़ के भूभाग पर चारों ओर १२ कृत्रिम वन बनाए जाएंगे। मंदिर के वन क्षेत्र को कुछ वैसा ही बनाने का प्रयास किया जाएगा जैसा विवरण कृष्ण साहित्य में मिलता है। पूरी तरह से तैयार होने के बाद यह मंदिर कृष्ण भक्तों की वृंदावन की कल्पना को पूरी तरह से साकार करेगा।

इस मंदिर को बनाने में लगभग 700 करोड़ रुपए से ज्‍यादा खर्च होंगे।

मंदिर की सबसे ऊंची मंजिला का नाम ब्रज मंडल दर्शन रखा गया है। यहां से ब्रज के 76 धार्मिक स्थानों और ताजमहल तक को दूरबीन से देखा जा सकेगा। पूरे मंदिर का भ्रमण करने में श्रद्धालुओं को तीन से चार दिन लगेंगे।

इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शियेसनेस (इस्कॉन), बेंगलुरु के श्रद्धालुओं ने 2006 में इस मंदिर को बनाने की योजना बनाई थी। 8 साल की तैयारियों के बाद 2014 में इस मंदिर की नींव रखी गई।

इस साल 16 मार्च 2014 मे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी। यह मंदिर इसी वर्ष 2023 में भक्तों के लिए खुल जायेगा। मगर सम्पूर्ण कार्य 2026 तक पूरा कर लिया जायेगा ! फिलहाल एक हजार मजदूर यहां काम कर रहे हैं, एक साल बाद यह संख्‍या तीन गुनी हो जाएगी।

पूरी बिल्डिंग में 511 पिलर होंगे। इन पर पूरी बिल्डिंग का वजन 5 लाख टन होगा, जबकि ये पिलर नौ लाख टन वजन सह सकते हैं।

मंदिर के लिए हाई स्पीड लिफ्ट तैयार की जा रही है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यदि किसी तूफान की वजह से बिल्डिंग एक मीटर झुक भी गई तो भी लिफ्ट सीधी चलती रहेगी। गति और दिशा में परिवर्तन नहीं होगा।

परंपरागत द्रविड़ और नगर शैली में बना है