आज का पंचाग आपका राशि फल, चंबल के जंगलों में चौथी शताब्दी के 200 मंदिर मिले जाने कौन थे मंदिर बनाने वाले!, वैलेंटाइन डे ने कर दी भयंकर बर्बादी बचने हेतु करें ये उपाय, वेदों में गाय का महात्म्य और इतिहास की पुस्तकों में फैलाया गया भ्रम

मध्यप्रदेश के मुरैना शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर चंबल के जंगलों में 200 विशालकाय मंदिरों को एकसाथ देखकर अद्भुत ही लगता है। भारतवर्ष में कहीं भी अन्यत्र इतने मंदिर एक साथ नहीं दिखते हैं। इनमें से अधिकतर मंदिर अब खंडहर में बदल गए हैं। पुरातात्विक खोज के अनुसार यह मंदिर लगभग चौथी सदी में बनाए गए थे।
इन मंदिरों की यह हालत देखकर लगाता है कि इन्हें आक्रांताओं ने नष्ट किया होगा लेकिन कुछ इतिहासकार मानते हैं कि संभवत: भूकंप के कारण इनमें से कुछ मंदिर ध्वस्त हो गए हों। मंदिरों के समूह के लिए स्थानीय नाम बटेश्वर मंदिर हैं। कहते हैं कि भारतीयों ने सटीक वास्तु शास्त्र और ज्यामितीय नियमों का प्रयोग करते हुए ऐसे भव्य मंदिरों का निर्माण किया था जिन्हें देखकर देखने वाले दांतों तले अंगुलियां दबा लें।
बटेश्वर के मंदिरों का निर्माण गुर्जर प्रतिहार शासकों द्वारा कराया गया था। गुर्जर प्रतिहार शासक सूर्यवंशी थे और वे स्वयं को भगवानश्रीराम के भाई लक्ष्मण का वंशज मानते थे। इन हिन्दू मंदिरों में से अधिकांश मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां मंदिरों के बीच हनुमानजी की एक ऐसी भी प्रतिमा है जिनमें वे अपने पैरों से कामदेव और रति को कुचलते हुए दिखाई देते हैं।
सबसे पहले सन् 1882 में अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा साइट को नामांकित किया गया। फिर एक कला इतिहासकार और भारतीय मंदिर वास्तुकला में विशेषज्ञता रखने वाले एक प्रो. माइकल मीस्टर ने यहां का सर्वेक्षण किया। कई विद्वानों ने इस साइट का अध्ययन किया। उदाहरण के लिए फ्रेंच पुरातत्त्ववेत्ता ओडेट वियॉन ने 1968 में एक पत्र प्रकाशित किया था 

जिनमें संख्याबद्ध बटेश्वर मन्दिरों की चर्चा और चित्र सम्मिलित थे। अंत में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इस क्षेत्र को नामांकित किया गया। आखिर कौन थे मंदिर बनाने वाले! तो जवाब है कि इतने सुन्दर मंदिर बनाने वाले सनातन धर्म संस्कृति के वैज्ञानिक संत थे, मंदिरों में मुगल आक्रांताओं के समय तक भी नित्य पुजित प्रतिष्ठित होते थे आबाद थे, म्लेच्छों के जजिया कर और उसके बाद अंग्रेजी सम्राज्य और उसके उपरांत काले अंग्रेजों की कार्य प्रणाली और उपेक्षा से केवल मंदिर ही बंजर नहीं हो रहे सनातन धर्म संस्कृति और हिन्दू समाप्त हो रहे हैं, और हिन्दू सस्ते दाल चावल बिजली के फेर में हैं। *🚩 रिपोर्ट : वैलेंटाइन डे मनाने वालों की भयंकर बर्बादी, बचने के लिए ये उपाय करें*

*🚩भारत देश की संस्कृति में वैलेंटाइन डे मनाने का विधान नहीं है, लेकिन आज के कुछ नासमझ युवक-युवतियां वैलेंटाइन डे मनाने से भविष्य में होने वाले भयावह परिणाम से अंजान हैं इसलिए इस बर्बादी करने वाले पर्व को मनाने लालायित रहते हैं।*

*🚩आपको बता दें कि भारत में अपने व्यापार का स्तर बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कम्पनियां वैलेंटाइन डे की गंदगी यहाँ लेकर आई हैं और वे ही कम्पनियां मीडिया को पैसे देकर वैलेंटाइन डे का खूब जोरों-शोरों से प्रचार-प्रसार करवाती हैं जिसके कारण उनका व्यापार लाखों- करोड़ों और अरबों में नहीं वरन खरबों में हो जाता है । इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया भी जनवरी से ही वैलेंटाइन डे यानि पश्चिमी संस्कृति का प्रचार करने लगते हैं जिसके कारण विदेशी कम्पनियों के गिफ्ट, कंडोम, गर्भनिरोधक सामग्री, नशीले पदार्थ आदि 10 गुना बिकते हैं तथा उन्हें खरबों रुपये का फायदा होता है ।*

*🚩भारत में इसके भयंकर परिणाम देखे बिना ही वैलेंटाइन डे मनाना शुरू कर दिया गया जबकि कई रिकार्ड्स के आधार पर देखा जाए तो विदेशों में वैलेंटाइन डे मनाने के भयावह परिणाम सामने आए हैं ।*

*🚩आँकड़े बताते हैं कि आज पाश्चात्य देशों में वैलेंटाइन डे जैसे त्यौहार मनाने के कारण कितनी दुर्गति हुई है । इस दुर्गति के परिणामस्वरूप वहाँ के निवासियों के व्यक्तिगत जीवन में रोग इतने बढ़ गये हैं कि भारत से 10 गुनी ज्यादा दवाइयाँ अमेरिका में खर्च होती हैं जबकि भारत की आबादी अमेरिका से तीन गुनी ज्यादा है ।*
*मानसिक रोग इतने बढ़े हैं कि हर दस अमेरिकन में से एक को मानसिक रोग होता है | दुर्वासनाएँ इतनी बढ़ी हैं कि हर छः सेकण्ड में एक बलात्कार होता है और हर वर्ष लगभग 20 लाख कन्याएँ विवाह के पूर्व ही गर्भवती हो जाती हैं। मुक्त साहचर्य (free sex) का हिमायती होने के कारण शादी के पहले वहाँ का प्रायः हर व्यक्ति जातीय संबंध बनाने लगता है । इसी वजह से लगभग 65% शादियाँ तलाक में बदल जाती हैं । हर 10 सेकण्ड में एक सेंधमारी होती है, 1999 से 2006 तक आत्महत्या का वार्षिक दर प्रति वर्ष लगभग एक प्रतिशत था लेकिन 2006 से 2014 के बीच में आत्महत्या दर प्रतिवर्ष दो प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है । आत्महत्या की दर में 24 प्रतिशत तक वृद्धि हो गई है ।*

*🚩पाश्चात्य संस्कृति के इन आंकड़ों को देखकर भी अगर आप वैलेंटाइन डे मनाने को आकर्षित होते हैं तो निःसंदेह आप अपना जीवन स्वयं बर्बादी के रास्ते ले जा रहे हैं । पाश्चात्य संस्कृति का अगर अन्धानुकरण किया तो यकीनन आपको मानसिक, शारीरिक रोग घेर लेंगे फिर आप डॉक्टरों के पास चक्कर लगाते रहेंगे और अस्पताल आपका एक अतिरिक्त निवासस्थान बन जाएगा जिसके कारण आपको आर्थिक परेशानी भी उठाने की नौबत आ सकती है और नतीजन इतनी सारी परेशानियों का बोझ उठाते-उठाते थक जाएँ और फिर आत्महत्या तक कर सकते हैं ।*

*🚩भारत के युवक-युवतियां अगर पाश्चात्य संस्कृति की ओर अग्रसर हुए तो परिणाम भयंकर आने वाला है ।*
*अब युवक-युवतियों का यह कहना होगा कि “क्या हम प्यार न करें, तो उनको एक सलाह है कि दुनिया में आपको सबसे पहले प्यार किया था आपके माँ-बाप ने । आप दुनिया में आने वाले थे, तबसे लेकर आज तक आपको वो प्यार करते रहे लेकिन उनका प्यार तो आप भूल गये उनको ठुकरा दिया । जब आप बोलना भी नहीं जानते थे तब उन्होंने आपका भरण पोषण किया । आपको ऊंचे से ऊँचे स्थान पर पहुँचाने के लिए खुद भूखे रहकर भी आपको उच्च शिक्षा दिलाई । उनका केवल एक ही सपना रहा कि मेरा बेटा या बेटी सबसे अधिक तेजस्वी, ओजस्वी और महान बने ।* ऐसा अनमोल उनका प्यार आप *भुलाकर किसी लड़के-लड़की के चक्कर में आकर अपने माँ-बाप को कितना दुःख दे रहे हैं, उसका अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते इसलिए आप यदि स्वयं को बर्बादी से बचाना चाहते हैं, माँ-बाप के प्यार का बदला चुकाना चाहते हैं, तो आपको एक ही सलाह है कि आप मीडिया, टीवी, अखबार पढ़कर वैलेंटाइन डे नहीं मनाकर उस दिन अपने माता-पिता का पूजन करें ।*

*🚩शास्त्रों ने गाई है माता-पिता की महिमा…*

*🚩शिव-पुराण में आता हैः*

*पित्रोश्च पूजनं कृत्वा प्रक्रान्तिं च करोति यः।*
*तस्य वै पृथिवीजन्यफलं भवति निश्चितम्।।*

*अपहाय गृहे यो वै पितरौ तीर्थमाव्रजेत।
तस्य पापं तथा प्रोक्तं हनने च तयोर्यथा।।*

*पुत्रस्य य महत्तीर्थं पित्रोश्चरणपंकजम्।*
*अन्यतीर्थं तु दूरे वै गत्वा सम्प्राप्यते पुनः।।*

*इदं संनिहितं तीर्थं सुलभं धर्मसाधनम्।
पुत्रस्य च स्त्रियाश्चैव तीर्थं गेहे सुशोभनम्।।*

*🚩जो पुत्र माता-पिता की पूजा करके उनकी प्रदक्षिणा करता है, उसे पृथ्वी-परिक्रमाजनित फल सुलभ हो जाता है । जो माता-पिता को घर पर छोड़ कर तीर्थयात्रा के लिए जाता है, वह माता-पिता की हत्या से मिलने वाले पाप का भागी होता है क्योंकि पुत्र के लिए माता-पिता के चरण-सरोज ही महान तीर्थ हैं । अन्य तीर्थ तो दूर जाने पर प्राप्त होते हैं परंतु धर्म का साधनभूत यह तीर्थ तो पास में ही सुलभ है । पुत्र के लिए (माता-पिता) और स्त्री के लिए (पति) सुंदर तीर्थ घर में ही विद्यमान हैं।*
*(शिव पुराण, रूद्र सं.. कु खं.. – 20)*

*माता गुरुतरा भूमेः खात् पितोच्चतरस्तथा।*

*🚩’माता का गौरव पृथ्वी से भी अधिक है और पिता आकाश से भी ऊँचे (श्रेष्ठ) हैं ।’*
*(महाभारत, वनपर्वणि, आरण्येव पर्वः 313.60)*

*🚩अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।।*

*🚩’जो माता-पिता और गुरुजनों को प्रणाम करता है और उनकी सेवा करता है, उसकी आयु, विद्या, यश और बल चारों बढ़ते हैं ।’ (मनुस्मृतिः 2.121)*

*🚩जो अपने माता-पिता का नहीं हुआ, वह अन्य किसका होगा ! जिनके कष्टों और अश्रुओं की शक्ति से अस्तित्व प्राप्त किया, उन्हीं के प्रति अनास्था रखने वाला व्यक्ति पत्नी, पुत्र, भाई और समाज के प्रति क्या आस्था रखेगा ! ऐसे पाखण्डी से दूर रहना ही श्रेयस्कर है। – बोधायन ऋषि*

*🚩अतः हे देश के कर्णधार युवक-युवतियों आप भी वैलेंटाइन डे का त्याग करके उस दिन मातृ-पितृ पूजन मनाकर स्वयं को बनाएं ।*

*प्रशासक समिति*✊🚩

*🚩खंडन*
*🔸गाय दुधारु पशु होने के कारण ही केवल भारतीयों को उसके संदर्भ में गौरव प्रतीत होता था !*

*👉आलोचना :* ऋग्वेदकाल के प्राचीन समय में मानवी रक्त का मूल्य सौ गायों जितना था। उस समय लेन-देन में गाय की संख्या अधिक थी। गाय केवल दुधारु पशु होने के कारण भारतीयों को उसके संदर्भ में गौरव प्रतीत होता था !’ – कीथ (संदर्भ : Cambridge History of India (vol.1.Page 102)

*खंडन* : ऋग्वेद एवं अथर्ववेद में गोपूजन है। ऋग्वेद में ‘गाय अवध्य है’, ऐसा स्पष्ट निर्देश है। अति प्राचीन काल से गाय के संदर्भ में भारतीयों को परमप्रेम है। गाय के लिए यहां युद्ध भी हुए हैं। पुराण एवं महाभारत में गाय के लिए प्राणार्पण करने के अनेक निर्देश हैं। हिन्दुओं के लिए गोवध महापाप है। विष्णुपुराण में ‘पृथ्वी गाय बनी। पृथु वेन ने उसका दोहन किया’, ऐसी कथा है; इसलिए पृथ्वी को ‘गौ’ कहते हैं। गाय एवं वाणी एकरूप हैं; इसलिए वाणी को भी ‘गौ’ कहते हैं। गृह्यसूत्र के अनुसार गाय रुद्र की माता एवं वसू की कन्या है। आदित्य की बहन है। अमृतत्त्व की नाभि है; इसलिए निरीह गाय को न मारे एवं महापाप के भागीदार न बनें !’

👉इतनी स्पष्टता से ऋग्वेद में गाय की महिमा बताई गई है। फिर भी उपरोक्त मिथ्या वक्तव्य कर समाज में भ्रम उत्पन्न करने का पश्चिमी लोगों का षडयंत्र स्पष्ट होता है !’

*आगे:-* वेदाभिमुखता से मानवाभिमुखता की ओर जाना है ! – महाश्वेता

*साभार:-* हिन्दू जनजागृति समिति

🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻गुरूवार, १७ फरवरी २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:५९
सूर्यास्त: 🌅 ०६:०७
चन्द्रोदय: 🌝 १८:४६
चन्द्रास्त: 🌜०७:३१
अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌫️ शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनंद)
मास 👉 फाल्गुन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉प्रतिपदा (२२:४० तक)
नक्षत्र 👉 मघा (१६:११ तक)
योग 👉 अतिगण्ड (१९:४७ तक)
प्रथम करण 👉 बालव (१०:३६ तक)
द्वितीय करण 👉 कौलव (२२:४० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कुम्भ
चंद्र 🌟 सिंह
मंगल 🌟 धनु (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०९ से १२:५३
अमृत काल 👉 १३:४१ से १५:२१
विजय मुहूर्त 👉 १४:२३ से १५:०८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५६ से १८:२०
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०५ से २४:५६
राहुकाल 👉 १३:५५ से १५:१९
राहुवास 👉 दक्षिण
यमगण्ड 👉 ०६:५५ से ०८:१९
होमाहुति 👉 चन्द्र (१६:११ तक)
दिशाशूल 👉 दक्षिण
अग्निवास 👉 पाताल (२२:४० से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 गौरी के साथ (२२:४० से सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – शुभ २ – रोग
३ – उद्वेग ४ – चर
५ – लाभ ६ – अमृत
७ – काल ८ – शुभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – अमृत २ – चर
३ – रोग ४ – काल
५ – लाभ ६ – उद्वेग
७ – शुभ ८ – अमृत
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (दही का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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फाल्गुन कृष्ण पक्ष आरम्भ आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १६:११ तक जन्मे शिशुओ का नाम
मघा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (मू, मे) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश: (मो, टा, टी) नामाक्षर रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कुम्भ – ३०:४६ से ०८:१२
मीन – ०८:१२ से ०९:३५
मेष – ०९:३५ से ११:०९
वृषभ – ११:०९ से १३:०४
मिथुन – १३:०४ से १५:१९
कर्क – १५:१९ से १७:४०
सिंह – १७:४० से १९:५९
कन्या – १९:५९ से २२:१७
तुला – २२:१७ से २४:३८
वृश्चिक – २४:३८ से २६:५७
धनु – २६:५७ से २९:०१
मकर – २९:०१ से ३०:४२
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पञ्चक रहित मुहूर्त
चोर पञ्चक – ०६:५५ से ०८:१२
शुभ मुहूर्त – ०८:१२ से ०९:३५
शुभ मुहूर्त – ०९:३५ से ११:०९
चोर पञ्चक – ११:०९ से १३:०४
शुभ मुहूर्त – १३:०४ से १५:१९
रोग पञ्चक – १५:१९ से १६:११
शुभ मुहूर्त – १६:११ से १७:४०
मृत्यु पञ्चक – १७:४० से १९:५९
अग्नि पञ्चक – १९:५९ से २२:१७
शुभ मुहूर्त – २२:१७ से २२:४०
रज पञ्चक – २२:४० से २४:३८
शुभ मुहूर्त – २४:३८ से २६:५७
चोर पञ्चक – २६:५७ से २९:०१
शुभ मुहूर्त – २९:०१ से ३०:४२
रोग पञ्चक – ३०:४२ से ३०:५४
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आप सभी कार्यो को निष्ठा एवं आत्मविश्वास से करेंगे सहकर्मियो का भी पूर्ण सहयोग मिलेगा। समय से पहले कार्य पूर्ण करने पर धन की आमद सुनिश्चित होने के साथ ही नए लाभ के अनुबंध मिलेंगे। आज किसी अन्य को मिलने वाला लाभ भी आपके पक्ष में आ सकता है इसके लिए थोड़ा बौद्धिक परिश्रम करना पड़ेगा। आकस्मिक व्यवसायिक यात्रा के योग बनेंगे परन्तु अंतिम क्षणों में निरस्त भी हो सकते है आज यात्रा का मन ना होने के कारण इससे आपको प्रसन्नता ही होगी। महिलाये गृहस्थ में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए भी आगे आएँगी। संतान प्रतियोगी परीक्षा में आशानुकूल प्रदर्शन नहीं कर पाएगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन भी परिस्थियां प्रतिकूल बनी रहेंगी इसलिए अधिकतर कार्य व्यवहार के बल पर निकालने पड़ेंगे कार्यो में सफलता संदिग्ध रहेगी। अति महत्त्वपूर्ण कार्य भी विलम्ब से होने के कारण क्रोध आ सकता है। व्यवसायिक स्थल पर आर्थिक विषयो को लेकर किसी से तीखी बहस होगी। व्यवहार में नरमी रखना आज अति आवश्यक है अन्यथा लाभ की आशा ना रखें। दोपहर के बाद थोड़ा बहुत धन लाभ किसी की सहायता से हो सकेगा। महिला वर्ग नाराज होने पर गृहस्थ वातावरण अस्त-व्यस्त रहेगा मनाने में भी समय लगेगा। आस पड़ोसियों से भी मर्यादित व्यवहार रखें अकारण झगड़ा होने की संभावना है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपके साथ आकस्मिक घटनाएं अधिक घटेंगी। आप जो भी कार्य करेंगे उसका निर्णय भी अचानक ही लेंगे जिससे आस पास के लोग आश्चर्य में रहने के साथ-साथ थोड़ी परेशानी भी अनुभव करेंगे। लोगो की अपेक्षाएं आपसे अधिक रहेंगी। प्रातः काल से जिस भी कार्य में जुटेंगे उसमे संध्या तक ही सफलता मिलेगी अथवा धन लाभ होगा। कार्य क्षेत्र पर जल्दबाजी में कार्य करेंगे फिर भी विलम्ब से पूर्ण होगा। पारिवारिक वातावरण आज पहले से बेहतर रहेगा एक दूसरे की भावनाओ को समझेंगे। घर के बुजुर्ग अथवा बच्चों की सेहत भी अचानक ख़राब होने के कारण अतिरिक्त कार्य बढेगा। लाभ-हानि समान रहेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन मिला जुला रहेगा। दिन के पूर्वार्ध में बिगड़े हुए कार्य बनते प्रतीत होंगे परन्तु मध्यान तक खिंचने पर दुविधा में फंसे रहेंगे किसी परिचित के गलत मार्गदर्शन के कारण महत्त्वपूर्ण अनुबंध हाथ से निकल सकते है। परन्तु संध्या तक संतोष जनक धन प्राप्ति हो जायेगी। भागीदारी में व्यापार की योजना बनेगी लेकिन आज नए कार्य आरंभ ना करें अन्यथा हानि होगी। दोपहर के आस-पास का समय धन के विषय में अधिक शुभ रहेगा आशा के अनुकूल कार्य संपन्न होने से थोड़ी मानसिक शांति मिलेगी। संध्या का समय बाहर की अपेक्षा घर में बिताना अधिक पसंद करेंगे। बुजुर्गो का सहारा रहने से संतान की चिंताओ से मुक्ति मिलेगी। पारिवारिक खरीददारी अंत समय में निरस्त करनी पड़ेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन अधिकांश समय आपकी बुद्धि अस्थिर रहेगी। प्रातः काल से ही किसी कार्य को करने में रूचि नहीं दिखाएँगे इसके विपरीत सुखोपभोग में अधिक ध्यान भटकेगा। सरकारी कार्यो में लापरवाही के कारण हानि हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था रहेगी। सहकर्मी एवं अधीनस्थों के मनमाने व्यवहार के कारण स्वयं को लाचार अनुभव करेंगे। आज सुखोपभोग के साधनों पर आवश्यकता से अधिक खर्च होगा जिससे निकट भविष्य में धन सम्बंधित समस्या बनेगी। पारिवारिक उलझनों को मिल बैठ कर जल्द सुलझा ले अन्यथा गंभीर रूप ले सकती है। दोपहर के समय स्त्री वर्ग का सहयोग मिलने से स्थिति शीघ्र सुधरने की संभावना बढ़ेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज प्रातः काल से ही आपके मन में नई-नई योजनाएं बनेंगी परन्तु इनको फलीभूत होने में अभी काफी समय लग सकता है। शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य सामान्य बने रहने से कार्य समय पर पूर्ण कर लेंगे धन लाभ के लिए दोपहर के बाद तक इंतजार करना पड़ेगा। आज के दिन महिलाये सामाजिक एवं पारिवारिक कार्यो में विशेष रूचि लेंगी इनमे आगे भी रहेंगी। नौकरी पेशा महिलाओं को घर एवं कार्य क्षेत्र पर तालमेल बैठाने में थोड़ी परेशानी रहेगी फिर भी संध्या के आस-पास शुभ समाचार मिलने से मानसिक राहत मिलेगी। धन लाभ आवश्यकता अनुसार हो जाएगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आप प्रातः काल से ही लघु यात्रा की योजना बना सकते है जिस कारण व्यवसाय के कार्य कुछ समय के लिए लंबित रहेंगे। यात्रा से लाभ होने की संभावना है। सामाजिक कार्यक्रम में भी सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे परिवार के बुजुर्गो की कृपा से सम्मान में वृद्धि होगी परन्तु घर से बाहर आज अधिक समय मौन रहना ही बेहतर रहेगा। धन लाभ के साथ-साथ मानसिक परेशानी भी बढ़ेगी। खर्च अनियंत्रित रहेंगे परन्तु सुख की चाह के आगे व्यर्थ नहीं लगेंगे। दोपहर का समय आलस्य में बीतेगा लेकिन संध्या के समय कार्यो में अधिक सक्रियता दिखाएँगे फिर भी लाभ आशानुकूल नहीं रहेगा। गृहस्थ सुख में कुछ कमी अनुभव होगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन पारिवारिक प्रतिष्ठा का लाभ आपको मिलेगा। सामाजिक क्षेत्र पर परिवार के सहयोग से नाम और काम दोनों मिलेगा। फिर भी आप अपने कार्य से संतुष्ट नहीं रहेंगे कम समय में ज्यादा कमाने की भावना मानसिक रूप से विचलित रखेंगी। आज आप धैर्य से कम ही काम लेंगे अनैतिक कार्यो में पड़ने की सम्भावना है। मन के विचार भी पल-पल में बदलने से सही निर्णय लेने में कठिनाई अनुभव करेंगे। आज केवल पैतृक सम्बन्धो द्वारा ही लाभ की संभावना बन रही है इसलिए परिजनों के साथ व्यर्थ की बहस ना ही करे तो बेहतर रहेगा। धन लाभ कम परन्तु समय से होगा। सन्तानो के व्यवहार में उदंडता आएगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आपके अंदर नई चेतना एवं स्फूर्ति का संचार होगा आध्यत्म योग में रूचि अधिक रहेगी। परोपकार की भावना अधिक रहने से विरोधियो के उटपटांग कुतर्कों का भी बुरा नहीं मानेंगे। दिन का पूर्वार्ध धार्मिक कृत्यों में व्यस्त रहेगा इससे कार्य क्षेत्र पर विलम्ब हो सकता है। आर्थिक आयोजन आज निर्विघ्न संपन्न होंगे भविष्य की योजनाओं पर भीं खर्च कर सकते है। आज आपको जितना भी लाभ मिलेगा उसी में संतोष कर लेंगे। मित्र परिचितों से शुभ समाचार की प्राप्ति आनंद को दुगुना करेगी। व्यस्त दिनचर्या के कारण शारीरिक थकान रहेगी दोपहर के बाद पेट अथवा पीठ सम्बंधित समस्या हो सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। स्वास्थ्य नरम रहने पर भी कार्यो को प्रभावित नहीं होने देंगे। प्रातः काल के समय व्यवसाय में लाभ निकट आते-आते किसी विवाद की भेंट चढ़ सकता है। लेकिन हिम्मत बनाये रखे आर्थिक दृष्टिकोण से दिन संतोषजक रहने वाला है। महिलाये कार्य क्षेत्र पर पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन करेंगी बीच-बीच में मन मुटाव के प्रसंग भी बनेंगे परन्तु कार्य में बाधक नही होंगे। परिवार के बुजुर्ग आज आपसे किसी कारण से नाराज रह सकते है। घर के अन्य सदस्य भी बड़ो का ही पक्ष लेंगे जिससे स्वयं को अकेला अनुभव करेंगे स्थिति स्वतः ही सामान्य हो जायेगी धैर्य के साथ मौन बनाये रखें। व्यवसायी बचत कर सकेंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपको सोचे कार्यो में अवश्य सफलता मिलेगी परन्तु आलस्य एवं अहम् की भावना को दूर रखना होगा। कार्य स्थल पर आज कुछ ऐसी परिस्थिति बनेगी जो लंबे समय तक लाभ देगी। अधिकारियो से आज तालमेल अच्छी तरह बैठा लेंगे अपने काम बनाने के लिए भी समय उपयुक्त है। सामाजिक क्षेत्र पर भी परिवार का नाम बढ़ाएंगे। विद्यार्थी वर्ग मेहनत का उचित फल ना मिलने से निराश रहेंगे। महिलाये कार्यो में असंतोष रखेंगी। आर्थिक लाभ आज अवश्य होगा लेकिन भविष्य की योजनाएं नहीं बना पाएंगे। घर का वातावरण लगभग सामान्य ही रहेगा। कंजूसी वृति आगे के लिये लाभ दायक रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपका आज का दिन आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ रहेगा। कार्य क्षेत्र से थोड़े बौद्धिक परिश्रम के बाद मन चाही सफलता मिल सकेगी। नौकरी पेशा जातक यदि कार्य क्षेत्र बदलने की सोच रहे है तो इसके लिए आज का दिन अवश्य लाभदायक रहेगा। बेरोजगारों को भी नविन रोजगार सुनिश्चित होंगे। धन लाभ के अवसर कई क्षेत्रों से उपस्थित रहेंगे परन्तु किसी भीं कार्य में आज ढील ना दे अन्यथा लाभ आशा के अनुरूप नहीं रहेगा। प्रतिस्पर्धी भी आज आपसे सलाह मांगेंगे। धर्म के प्रति आस्था बनी रहेगी। पारिवारिक वातावरण बीच में थोड़ा गर्म हो सकता है फिर भी स्थिति नियंत्रित रहेगी।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏