अयोध्या से रामेश्वरम तक श्रीराम के गमन पथ के 290 स्थानों पर इस तरह के “श्रीराम स्तंभ” लगेगें। जिन पर हमारे धर्म एवम् इतिहास ग्रंथों का वर्णन भी अंकित होगा।
यह उत्तम निर्णय है।
अयोध्या से रामेश्वरम तक श्रीराम वन गमन मार्ग पर श्रीराम स्तंभ लगाने की तैयारी है। जहां जहां भगवान श्रीराम के चरण पड़े हैं, ऐसे करीब 290 स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है।
यहां पर श्रीराम स्तंभ लगाकर उन स्थलाें की गरिमा महिमा में वृद्धि की जाएगी। इन स्तंभों का निर्माण राममंदिर में लग रहे गुलाबी पत्थरों से होगा। पहला स्तंभ 27 सितंबर को अयोध्या पहुंच रहा है जिसको मणिपर्वत पर स्थापित किया जाएगा।
यह स्तंभ अशोक सिंहल फाउंडेशन की ओर से लगाए जाएंगें। भगवान राम जब वन को निकले थे तो वे जिन जिन स्थानों पर गए थे, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। अयोध्या से रामेश्वर तक जहां जहां राम गए हैं उन स्थानों की खोज पहले ही की जा चुकी है।
जहां जहां स्तंभ लगाए जाएंगे, उन स्थानों से संबंधित रामायण का श्लोक स्तंभ पर वर्णित होगा। श्लोक संस्कृत में होगा लेकिन भावार्थ स्थानीय भाषा में लिखा जाएगा ताकि स्थानीय लोग इसे समझ सकें।
जैसे तमिल भाषी क्षेत्र में यदि स्तंभ लगेगा तो श्लोक संस्कृत में ही वर्णित किया जाएगा लेकिन उसका अर्थ तमिल भाषा में लिखा जाएगा।
इसी तरह रामवनगमन के अन्य क्षेत्रों में भी स्थानीय भाषा के आधार पर ही स्तंभ लगाए जाएंगे।
🙏🙏जय जय श्रीराम🙏🙏सनातनी हिंदू