कपाट खुलने के दिन बदरीनाथ पहुंचकर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने की पूजा-अर्चना

 

हरीश मैखुरी

विधि विधान व वैदिक मंत्रोचारण के बीच आज शनिवार को ब्रह्ममुहूर्त में भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में जाकर भगवान बद्रीविशाल की पूजा अर्चना की।  ब्रह्ममुहूर्त में 4.15 बजे श्रद्धालुओं के लिए बदीरनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो चुकी है। अब आगामी छह माह तक भगवान बदरी विशाल की पूजा यहीं होगी।

बदरीनाथ धाम में आधी रात के बाद ही मंदिर में प्रवेश करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। कपाट खुलते ही भगवान बदरी विशाल के जयकारों से बदरीनाथ धाम गूंज उठा। इस दौरान सेना के बैंड की धुन के साथ ही श्रद्धालु भगवान के जयकारे लगाते रहे। इस मौके पर करीब दस हजार श्रद्धालुओं की भीड़ थी।

कपाट खुलने के पहले दिन ही राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी मंदिर में पूजा करने पहुंचे। कार से उतरने के बाद मंदिर परिसर पहुंचने में पालकी से जाने की बजाय वह भगवान के दर पर पैदल चलकर गए। इस दौरान प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उन्हें पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।  इसके बाद राष्ट्रपति मंदिर परिसर के निकट छोटा राष्ट्रपति भवन (गुजराती धर्मशाला) गए। यहां कुछ क्षण विश्राम के बाद वह बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में पूजा के लिए गए। करीब पौन घंटा पूजा के बाद वह छोटा राष्ट्रपति भवन दोबारा गए। वहां मंदिर समिति और मुख्यमंत्री ने उन्हें बदरीनाथ का स्मृति चिह्न भी भेंट किया।

बदरीनाथ में राष्ट्रपति की सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। सुबह करीब सवा सात से मंदिर परिसर को जीरो जोन कर दिया गया और मंदिर परिसर से श्रद्धालुओं को हटा दिया गया। साथ ही आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन रोक दिया गया। राष्ट्रपति के लौटने के बाद ही मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की फिर कतार लग गई।  इससे पहले राजभवन में विश्राम करने के बाद सुबह करीब सवा सात बजे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से वह सुबह करीब सवा सात बजे सेेना के विशेष विमान से बदरीनाथ के लिए रवाना हुए थे। सुबह करीब 8.25 पर उनके हेलीकॉप्टर ने बदरीनाथ धाम में बनाए गए सेना के हेलीपैड पर लैंड किया। उनके साथ प्रदेश के राज्यपाल डॉ. केके पॉल, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत भी रहे। शुक्रवार को राष्ट्रपति आइजीएनएफए के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए देहरादून पहुंचे थे। यहां उन्होंने राजभवन में रात बिताई। पूजा के बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए।