दहशत में कटी ग्रामीणों की रात

बीती रात करीब नौ बजे कोटद्वार में दुगड्डा तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा जमरगड्डी तल्ली के जमरगड्डी गदेरे में बादल फटने से जिंदगी पटरी से उतर गई। दो पुलिया बहने से तीन गांवों जमरगड्डी, धरियालसार व नेगणी का संपर्क देश-प्रदेश से कट गया। बादल फटने के बाद भी रात में रुक-रुक कर बारिश होने से ग्रामीणों की पूरी रात दहशत में कटी।

क्षेत्र में शनिवार शाम से ही रुक-रुक कर तेज बारिश हो रही थी। बीती रात करीब नौ बजे तेज आवाज के साथ बादल गरजे और ग्राम धरियालसार के समीप जमरगड्डी गदेरे में बादल फट गया। देखते ही देखते गदेरे के तेज बहाव में बड़े बोल्डर व किनारे खड़े पेड़ बहने लगे। गदेरा धरियालसार व जमरगड्डी गांव के मध्य से होकर गुजरता है। ग्राम प्रधान अनीता देवी ने बताया कि गांव गदेरे के काफी ऊंचाई पर है। इस कारण न तो गांव को कोई नुकसान पहुंचा और न ही खेत कटे। बताया कि गदेरे का तेज उफान दो पुलिया को भी बहा ले गया, जिससे जमरगड्डी, धरियालसार व नेगणी गांवों का देश के अन्य हिस्सों से संपर्क पूरी तरह कट गया। बताया कि ग्रामीण खुद गदेरे से होकर ही गांव के लिए रास्ता बनाने में जुटे हुए हैं।

…..बह जाता राष्ट्रीय राजमार्ग 

जमरगड्डी गदेरा नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता था। दरअसल, बादल फटने के बाद गदेरा बड़े बोल्डर व पेड़ों को अपने तेज बहाव में बहाते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर आया, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग से करीब पांच सौ मीटर पहले ही गदेरे ने अपनी दिशा बदल दी व मानपुर गदेरे में जा गिरा। मानपुर गदेरे के ऊपर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो पुलिया हैं। साथ ही इस जगह गदेरा काफी गहराई में है, जिस कारण इसका असर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नहीं पड़ा। यह तय है कि यदि गदेरा अपनी दिशा नहीं बदलता तो राष्ट्रीय राजमार्ग का बहना तय था।