संगीत मन और आत्मा का गायन है नयी पीढ़ी को भारतीय संगीत और अपनी सांस्कृतिक से जुड़ना चाहिए- डाॅ धनसिंह रावत

संगीत प्रतिभा सम्मान समारोह
================

एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा नगर निगम, देहरादून के टाउन हॉल में 16 एवं 17 नवम्बर को उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय संगीत प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षकों के लिए शास्त्रीय एवं उत्तराखण्ड का लोकसंगीत गायन, शास्त्रीय नृत्य और उत्तराखण्ड के लोकनृत्य तथा विद्यार्थियों हेतु सेमी क्लासिकल (उप शास्त्रीय) नृत्य प्रतियोगिता रखी गई थी।

एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य संगीत शिक्षा के माध्यम से विद्यालय के वातावरण को आनन्दमय बनाना, छात्र-शिक्षकों के बीच मधुर सम्बन्ध स्थापित करना, शिक्षकों और विद्यार्थियों की प्रतिभा का सम्मान, प्रतिभा प्रदर्शन के लिए मंच प्रदान करना, विद्यार्थियों सर्वांगीण आदि था।। यह कार्यक्रम स्कूल स्तर, ब्लॉक स्तर, जिला स्तर के बाद राज्य स्तर पर आयोजित किया गया।

पहला दिन
*********
कार्यक्रम का शुभारम्भ कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध सिने अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी एवं आर. जे. काव्य द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया। डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि संगीत मन और आत्मा की शांति प्रदान करना है, छात्रों को इससे जुड़ना चाहिए। उन्होने बताया कि सभी को कक्षा 5 तक मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध करायी जायेगी। हर जिले में संस्कृत ग्राम बनाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को शत-प्रतिशत साक्षर बनाना, टी.बी. मुक्त उत्तराखण्ड, गंगा की स्वच्छता और नशामुक्त उत्तराखण्ड के लिए हम कार्य कर रहे हैं।

हिमानी शिवपुरी ने कहा कि इसी टाउन हॉल में मैंने अपने कैरियर की शुरुआत की और उनके मन में रंगमंच के लिए प्रेम यहीं से शुरु हुआ। उन्होने कहा कि मैं आभारी हूँ इस धरती की कि यहां से मैंने जो कार्य प्रारम्भ किया उसके कारण आज लोग मुझे जानने लगे हैं। टाउन हॉल के मंच को चूमते हुए वे अत्यन्त भावुक हो गयी। उन्होंने इस अवसर पर संगीत प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रहे सभी बच्चों/शिक्षकों को शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम के विशिष्टि अतिथि आर. जे. काव्य (कवीन्द्र सिंह मेहता) व्भ्व् रेडियो, उत्तराखण्ड ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल अधिक अंक अर्जित करना ही नहीं होता है। समाज सेवा तथा कला के विविध क्षेत्र में कुछ कर दिखाना और उसकी प्रेरणा प्राप्त करना भी शिक्षा है। सिर्फ नम्बरों के पीछे नहीं पड़ना चाहिए। जीवन के दूसरे क्षेत्र में भी प्रतिभा को निखारना चाहिए। इस कार्य की शिक्षकों पर बड़ी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर उन्होंने गिर्दा का लिखा गीत ‘उत्तराखण्ड मेरी मातृभूमि, मेरी पितृभूमि’ गीत भी सुनाया।

इससे पूर्व निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड श्रीमती सीमा जौनसारी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को हम विगत तीन वर्षों से कर रहे हैं। इस बार इसमें हमने शिक्षकों के साथ बच्चों को भी जोड़ा ताकि शिक्षक अधिक से अपने ज्ञान और प्रतिभा को विद्यार्थियों को हस्तान्तरित कर सकें।

पहले दिन शास्त्रीय गायन प्रतियोगिता में रा.इ.का. भरैसा, भीमताल के शिक्षक डॉ. हरीश जोशी, रा.इ.का. हल्द्वानी की शिक्षिक श्रीमती डिम्पल जोशी, रा.इ.का. रुद्रप्रयाग की शोभा डोभाल, एम.के.पी. की शिक्षिका, सीमा रस्तोगी, रा.बा.इ.का. कनालीछीना की हर्षिता पुनेठा, रा.इ.का. जयहरीखाल के शिक्षक दिनेश चन्द्र पाठक, अटल उत्कृष्ट रा.इ.का. चम्पावत की लीला तिवारी, श्रीमती कंचन मल्होत्रा, रा.इ.का. देवाल के हिमांशु पंत, मीनाक्षी उप्रेती, रा.आ. बा.इ.का. रानीखेत, अल्मोड़ा, श्रीमती सविता जोशी, रा.इ.का. बागेश्वर, ललित मोहन जोशी, रा.गां.न.वि. खटीमा ने प्रतिभाग किया।

प्रथम दिवस के दूसरे सत्र में लोक गायन प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। इसमें डॉ. ज्ञान सागर रा.उ.मा.वि. कनपोलाखाल टिहरी गढ़वाल, धर्मेन्द्र सिंह चौहान, रा.उ.मा.वि. आन्तरखोली, थलीसैंण, पौड़ी, श्रीमती पुष्पा कनवासी रा.बा.इ.का. नारायणबगड़, श्री मुकेश चन्द्र नौटियाल रा.आ.इ.का. चिन्याली सौड़, उत्तरकाशी, श्री मनोज थापा रा.इ.का. रुद्रप्रयाग, कालिका प्रसाद सेमवाल, डॉ. रमा खर्कवाल भट्ट, रा.बा.इ.का. पिथौरागढ़, श्री दीवान सिंह कोश्यारी, रा.इ.का. चेताबगड़, बागेश्वर, नारायण कुमार, रा.उ.मा.वि. पंतकवाली, बागेश्वर, श्रीमती मिताली भट्ट, रा.इ.का. काकड़, चम्पावत, अंकित पाण्डे, रा.इ.का. किच्छा, उधमसिंह नगर ने लोकगीत प्रस्तुत किए।

दूसरा दिन
**********
दूसरे दिन शिक्षकों एवं छात्रों की नृत्य प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। प्रथम सत्र में अपर सचिव, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड मेजर योगेन्द्र यादव, ने विद्यार्थियों का सम्बोधित किया। शिक्षकों के शास्त्रीय नृत्य में डॉ. लता तिवारी, रा.बा.इ.का. श्रीनगर ने कत्थक, श्रीमती प्रेमलता, रा.इ.का. सोलीसल्ट, अल्मोड़ा ने भरतनाट्यम, पिंकी आर्य, अटल उत्कृष्ट आदर्श रा.इ.का. चम्पावत ने कत्थक, कंवलजीत कौर, गुरुनानक रा.इ.का. प्रेमनगर, देहरादून ने कत्थक, श्रुति वालिया, रुड़की ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया।

शिक्षकों की लोकनृत्य प्रतियोगिता में जयन्ती सुन्दरियाल, रा.बा.इ.का. कोदड़ीसैण, पौड़ी, श्रद्धा रावत, रा.बा.इ.का. गौचर चमोली, मनीषा सेमवाल, अटल उत्कृष्ट रा.बा.इ.का. उत्तरकाशी, दिव्या नौटियाल अटल उत्कृष्ट रा.इ.का. रुद्रप्रयाग, केशर सिंह राय, रा.इ.का. बद्रीपुर, विकासनगर, देहरादून, भावना मेहरा रौतेला, रा.इ.का. द्वाराहाट, पंकज शाह, रा.उ.मा.वि. भनार, कपकोट, बागेश्वर, रणजीत सिंह राणा, रा.इ.का. मऊ, चम्पावत, बबीता सत्यवली, रा.इ.का.जसपुर, ऊधमसिंह नगर, ललिता पंचपाल रावत, रा.इ.का. नौकुचियाताल, भीमताल, नैनीताल ने लोक नृत्य प्रस्तुत किये।

विद्यार्थियों के उप शास्त्रीय नृत्य में कु. दिया, रा.इ.का. सतपुली, कु. पायल नेगी, रा.इ.का. चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी, कु. सिमरन, रा.बा.इ.का. रुद्रप्रयाग, कु. यशिका, आर्य कन्या इण्टर कॉलेज रुड़की, कु. सोनिया, आदर्श इ.का. सुरईखेत, द्वाराहाट, अल्मोड़ा, कु. पूनम कापड़ी, रा.बा.इ.का. कनालीछीना, पिथौरागढ़, कु. हंसी भौर्याल, रा.इ.का. सनेती, कपकोट, बागेश्वर, कु. प्रियल जोशी, रा.गां.न.वि. देहरादून, कु. दिया बिष्ट, रा.बा.इ.का. चम्पावत, कु. निकिता, रा.बा.इ.का. नारायणबगड़ चमोली, कु. तनिष्का, रा.बा.इ.का. धोलाखेड़ा, नैनीताल, कु. सोनम, रा.बा.इ.का. थत्यूड़, टिहरी गढ़वाल ने अपनी प्रस्तुतियां दी।

प्रतियोगिता के परिणाम
*********************
शास्त्रीय संगीत गायन (शिक्षक) में प्रथम स्थान सीमा रस्तोगी, एम.के.पी.इ.का. देहरादून, द्वितीय स्थान हरीश जोशी, रा.इ.का. भीमताल, नैनीताल और तृतीय स्थान हिमांशु पंत, रा.इ.का. देवाल, चमोली ने प्राप्त किया। लोक गीत गायन (शिक्षक) में प्रथम स्थान मनोज थापा, अ.उ.रा.इ.का. रुद्रप्रयाग, द्वितीय स्थान दीवान सिंह कोश्यारी, रा.इ.का. नामती चेटाबगड़, बागेश्वर और तृतीय स्थान डिम्पल जोशी, रा.बा.इ.का. हल्द्वानी, नैनीताल ने प्राप्त किया। इसी प्रकार शास्त्रीय नृत्य (शिक्षक) में डॉ. लता तिवारी, रा.बा.इ.का. श्रीनगर, पौड़ी ने प्रथम स्थान, पिंकी आर्या, अ.उ.रा.इ.का. बाराकोट, चम्पावत ने द्वितीय स्थान तथा प्रेमलता, रा.इ.का. सोलीसल्ट, अल्मोड़ा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। लोक नृत्य (शिक्षक) में प्रथम स्थान दिव्या नौटियाल, रा.इ.का. रुद्रप्रयाग, द्वितीय स्थान मनीषा सेमवाल, रा.बा.इ.का. उत्तरकाशी और तृतीय स्थान केशर सिंह राय, रा.इ.का. बद्रीपुर, विकासनगर, देहरादून ने प्राप्त किया। विद्यार्थियों के उप शास्त्रीय नृत्य (सेमी क्लासिकल नृत्य) में प्रथम स्थान कु. तनिष्का, रा.बा.इ.का. धौलाखेड़ा, नैनीताल, द्वितीय स्थान कु. यशिका, आर्य कन्या इण्टर कॉलेज रुड़की और तृतीय स्थान कु. हंसी भौर्याल, रा.इ.का. सनेती, कपकोट, बागेश्वर ने प्राप्त किया।

कार्यक्रम का समापन
******************
महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, श्री वंशीधर तिवारी जी ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। उसके बाद महानिदेशक महोदय, निदेशक आकादमिक शोध एवं मूल्यांकन श्रीमती सीमा जौनसारी, अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. डॉ. आर.डी. शर्मा, ने स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम के समापन पर श्री राकेश जुगराण, प्राचार्य डायट, देहरादून ने वैचारिक, साहित्यिक एवं कवित्वपूर्ण धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।

इस दो दिवसीय कार्यक्रम में निर्णायक के रूप में डॉ. राकेश भट्ट, श्रीमती सोनल वर्मा और डॉ. विजया गोडबोले उपस्थित रहे। निर्णायकों ने दो दिवसीय इस कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। डॉ. राकेश भट्ट ने अपनी दो टूक टिप्पणियों और अपनी लोकप्रस्तुतियों से कार्यक्रम को और महत्वपूर्ण बना दिया।

कार्यक्रम का प्रभावी एवं सधा हुआ मंच संचालन सदा की तरह डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने किया। डॉ. बिष्ट को शिष्टाचार, प्रोटोकाल के साथ मंच की अच्छी समझ है। बिना किसी हड़बड़ी और दबाव के वे धैर्य के साथ कार्यक्रम का संचालन करते है। विभागीय कार्यक्रमों की समझ, सुस्पष्ट एवं प्रभावी आवाज उनको विशिष्ट मंच संचालक बनाए है। कम लोगों को पता होगा कि डॉ. बिष्ट रंगमंच के कलाकार भी रहे हैं और उनकी यह कला मंच संचालन में दिखती है। सहयोगी संचालक के रूप में डॉ. ऊषा कटियार उपस्थित रही।

संगतकार के रूप में तबले पर विक्रम सिंह, रा.इ.का. कण्डारा, पौड़ी तथा ढोलक पर संस्कृति विभाग के मोहित पंत ने साथ दिया।

इस दो दिवसीय कार्यक्रम सम्पादित करने में एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड के पाठ्यक्रम विकास एवं शोध विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसमें विभागाध्यक्ष प्रदीप कुमार रावत, उप निदेशक राय सिंह रावत, कार्यक्रम संयोजक डॉ. ऊषा कटियार, नीलम पंवार, सोहन नेगी, डॉ. एस.पी. सिमल्टी, डॉ. शिवानी राणा चंदेल, देवराज सिंह राणा, डॉ. संजीव चेतन, श्री राजकुमार, राकेश नौटियाल ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कार्यक्रम में सीमैट, उत्तराखण्ड से श्री दिनेश चन्द्र गौड़, अपर निदेशक, श्रीमती आशा पैन्यूली, संयुक्त निदेशक, श्री आकाश सारस्वत, उप निदेशक एवं डायट देहरादून से प्राचार्य श्री राकेश जुगरान जी, श्री राय सिंह रावत, उप निदेशक, श्रीमती हिमानी बिष्ट, उप निदेशक, श्री शैलेन्द्र अमोली, उप निदेशक, श्रीमती अनीता द्विवेदी, सहायक निदेशक, श्रीमती गंगा घुघत्याल, श्री दिनेश चन्द्र चौहान, डॉ. बिन्दु नौटियाल, श्री रविदर्शन तोपाल, श्रीमती शुभ्रा सिंघल, श्री मनोज किशोर बहुगुणा, श्रीमती सुनीता उनियाल, बृजेश शाह, अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन से श्री अम्बरीश बिष्ट भी उपस्थित रहे।