*🗣️👏 कुछ कही सुनी बातें👏*
*🫡 शिक्षाप्रद व ज्ञानवर्धक जानकारी !*
*🙏 सादर संकलन ✍️डाॅ0 हरीश मैखुरी 🙏*
*✍️ इन तथ्यों को अपने जीवन में अवश्य उतारने का प्रयास करें !*
*१ 🌸 जीवन में जीतने के लिए कुछ है तो वो √ प्रेम है !*
*२ 🌸 जीवन में दिखाने के लिए कुछ है तो वह √ दया है !*
*३ 🌸 जीवन में पीने के लिए कुछ है तो वह √ क्रोध है !*
*४ 🌸 जीवन में सेवन के लिए कुछ है तो वह √ दुख है !*
*५ 🌸 जीवन में देने के लिए कुछ है तो वह √ दान है !*
*६ 🌸 जीवन में कुछ लेने के कोई चीज है तो वह √ ज्ञान है !*
*७ 🌸 जीवन में कुछ कहने के लिए कोई चीज है तो वह √ सत्य है !*
*८ 🌸 जीवन में रखने के लिए कोई चीज है तो वह √ चरित्र है !*
*९ 🌸 जीवन में त्यागने के लिए कोई चीज है तो वह √ ईर्ष्या और विद्वेष है !*
*१० 🌸 जीवन में छोड़ने के लिए कोई चीज है तो वह √ मोह है !*
*समझना और समझाना*
*११ 🌸 लाल देह लाली लसे अरु धरि लाल लंगूर , बज्र देह दानव दलन , जय जय कपि सूर!*
*अर्थात*
*लाल रंग का सिंदूर लगाते , देह जिनकी लाल है और लंबी सी पूंछ है , वज्र के समान बलवान शरीर है , जो राक्षसों का संहार करते हैं ऐसे श्री कपि को बारंबार 👏 प्रणाम है !*
*१२ 🌸 समाज के डर से कभी फैसले बदलने नहीं चाहिए , क्योंकि समाज केवल ज्ञान देता है _ साथ नहीं समाज के निर्णय परिस्थितियों पर निर्भर होते हैं!*
*१३ 🌸 जहाॅं पर बारिस नहीं होती वहां की तो सिर्फ फसलें ही व्यर्थ होती हैं , लेकिन जहां संस्कार नहीं होते वहां की नस्लें ही नष्ट हो जाती हैं !*
*१४ 🌸 यदि किसी बच्चे को खिलोना नहीं मिलेगा तो वह २-३ घंटे ही रोएगा लेकिन बच्चे को संस्कार नहीं मिलेगा तो वह जीवन भर रोएगा !*
*१५ 🌸 ∆ सुना भी कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं पर ऐसे बिखरे पड़े हैं जिंदगी की उधेड़बुन में कि कुछ टूटा भी नहीं और बचा भी कुछ नहीं !*
*१६ 🌸 चुप रहना ही सही लगता है क्योंकि समझने वाला कोई नहीं है और जो समझते वाले हैं वो बातों का अर्थ अलग ही अनर्थ निकाल लेते हैं !*
*१७ 🌸 किसी को ज्ञान उतना ही देना चाहिए जितना वो समझ सके , क्योंकि बाल्टी भरने के बाद यदि नल बंद न करा जाए तो पानी व्यर्थ ही जाता है !*
*१८ 🌸 जिंदगी में कभी भी अपनी जीत का 🌷 अपने पद का 🌷 अपने पैसों का 🌷 अपने रुप का 🌷 घमंड नहीं करना चाहिए , क्योंकि “” स्वर्ण पदक विजेता “” को भी अपना तमगा लेने के लिए सिर झुकाना ही पड़ता है !*
*१९ 🌸 🤝 दोस्त _ 📕 पुस्तक _ मार्ग 🤔 चिंतन , यदि ये चारों ✓ सही मिल जाए तो जिंदगी संवर जाती हैं अन्यथा बिखर जाती है!*
विद्या विवादाय धनं मदाय,
शक्ति: परेषां परिपीडनाय।
खलस्य साधोर्विपरीतमेतद्,
ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय॥
अर्थ:- दुर्जन की विद्या विवाद के लिये, धन उन्माद के लिये, और शक्ति दूसरों का दमन करने के लिये होती है। सज्जन इसी को ज्ञान, दान और दूसरों के रक्षण के लिये उपयोग करते हैं।
अयं निज परवेति गणना लघु चेतशाम् उदारचरितानां तु वसुधैवकुटुम्बकम् ॥
अर्थात – यह मेरा अपना है और वह दूसरों का है, इस तरह की गणना छोटे चित्त (संञ्कुचित मन वाले लोग करते हैं। उदार चित वाले तो सारी वसुधा ही कुटुंब की भांति समझते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के दुसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बने महेन्द्र भट्ट ने पुनः प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित होने पर मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami से शिष्टाचार भेंट की।
इस मध्य प्रदेश महामंत्री संगठन श्री Ajaey Kumar जी भी उपस्तिथ रहे। महेंद्र भट्ट ने कहा कि संगठन और सरकार के मध्य लाल मेल के साथ-साथ पार्टी जन समस्याओं और उनके निराकरण के लिए भी समय-समय पर मुख्यमंत्री को अवगत कराती रहेगी
संगठन पर्व के अंतर्गत भाजपा राष्ट्रीय परिषद के लिए निर्वाचित होने पर माननीय मुख्यमंत्री श्री Pushkar Singh Dhami जी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री Dr.Ramesh Pokhriyal Nishank जी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री Trivendra Singh Rawat जी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री Tirath Singh Rawat जी, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री Ajay Tamta जी, लोकसभा सांसद श्री Ajay Bhatt जी, लोकसभा सांसद श्रीमती Mala Rajya Laxmi Shah जी, राज्यसभा सांसद श्रीमती Dr. Kalpana Saini जी को ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम की ओर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
रावण को सीता का हरण करना था उसने वेष बनाया ब्राह्मण का। हनुमानजी को राम का भेद लेना हुआ उन्होंने वेष बनाया ब्राह्मण का। कालनेमी को हनुमानजी को उनसे मार्ग से भटकाना हुआ उसने वेष बनाया ब्राह्मण का। कर्ण को परशुराम जी से धनुर्वेद का ज्ञान लेना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। श्रीकृष्ण को कर्ण को छलना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। श्रीकृष्ण सहित भीमादि पांडवों को छल से जरासंध का वध करना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। वरुण को राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा लेना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। विश्वामित्र को राजा हरिश्चंद्र को छलना को हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। विष्णु को राजा बलि को छलना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। अश्विनी कुमारों को च्यवन ऋषि की पत्नी सत्यवती की परीक्षा लेना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। अपने अज्ञातवास के दौरान पांडव सहित कुंती तथा द्रौपदी ने कई बार ब्राह्मण का वेश धारण किया।
जब जब किसी को कोई समाजवर्धी , राष्ट्रविरोधी पाप और क्रूर कर्म करना हुआ तो उसने ब्राह्मण का वेश ही धारण किया।
क्यों? क्योंकि ब्राह्मण नाम है एक भरोसे का। ब्राह्मण नाम है एक विश्वास का। ब्राह्मण नाम है सत्य का। ब्राह्मण नाम है धर्म का। ब्राह्मण नाम है सबका कल्याण चाहने वाला,सबको सुखी देखने वाला,सबको साथ लेकर सन्मार्ग पर चलने वाला,राष्ट्रभक्ति , दूरदर्शिता,अध्ययन,लगन, ज्ञान, त्याग, तप, बलिदान ,शील,धैर्य,निष्पक्षता,
संतोष और संयम का।
इसलिए ब्राह्मण के नाम, ब्राह्मण की प्रतिष्ठा का लाभ उठाना बहुत आसान था। उसके वेश से, उसके नाम से लोगों को मूर्ख बनाना आसान था। उसके नाम से लोगों को ठगना आसान था। आज भी यही हो रहा है….धन्यवाद!!
🌞 🌷 *चातुर्मास्य व्रत की महिमा*
*06 जुलाई 2025 रविवार से चातुर्मास प्रारंभ।*
🙏🏻 *आषाढ़ के शुक्ल पक्ष में एकादशी के दिन उपवास करके मनुष्य भक्तिपूर्वक चातुर्मास्य व्रत प्रारंभ करे। एक हजार अश्वमेघ यज्ञ करके मनुष्य जिस फल को पाता है, वही चातुर्मास्य व्रत के अनुष्ठान से प्राप्त कर लेता है।*
🌞 *इन चार महीनों में ब्रह्मचर्य का पालन, त्याग, पत्तल पर भोजन, उपवास, मौन, जप, ध्यान, स्नान, दान, पुण्य आदि विशेष लाभप्रद होते हैं।*
🌞 *व्रतों में सबसे उत्तम व्रत है – ब्रह्मचर्य का पालन। ब्रह्मचर्य तपस्या का सार है और महान फल देने वाला है। ब्रह्मचर्य से बढ़कर धर्म का उत्तम साधन दूसरा नहीं है। विशेषतः चतुर्मास में यह व्रत संसार में अधिक गुणकारक है।*
🌞 *मनुष्य सदा प्रिय वस्तु की इच्छा करता है। जो चतुर्मास में अपने प्रिय भोगों का श्रद्धा एवं प्रयत्नपूर्वक त्याग करता है, उसकी त्यागी हुई वे वस्तुएँ उसे अक्षय रूप में प्राप्त होती हैं। चतुर्मास में गुड़ का त्याग करने से मनुष्य को मधुरता की प्राप्ति होती है। ताम्बूल का त्याग करने से मनुष्य भोग-सामग्री से सम्पन्न होता है और उसका कंठ सुरीला होता है। दही छोड़ने वाले मनुष्य को गोलोक मिलता है। नमक छोड़ने वाले के सभी पूर्तकर्म (परोपकार एवं धर्म सम्बन्धी कार्य) सफल होते हैं। जो मौनव्रत धारण करता है उसकी आज्ञा का कोई उल्लंघन नहीं करता।*
🌞 *चतुर्मास में काले एवं नीले रंग के वस्त्र त्याग देने चाहिए। नीले वस्त्र को देखने से जो दोष लगता है उसकी शुद्धि भगवान सूर्यनारायण के दर्शन से होती है। कुसुम्भ (लाल) रंग व केसर का भी त्याग कर देना चाहिए।*
🙏🏻 *आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रीहरि के योगनिद्रा में प्रवृत्त हो जाने पर मनुष्य चार मास अर्थात् कार्तिक की पूर्णिमा तक भूमि पर शयन करें । ऐसा करने वाला मनुष्य बहुत से धन से युक्त होता और विमान प्राप्त करता है, बिना माँगे स्वतः प्राप्त हुए अन्न का भोजन करने से बावली और कुआँ बनवाने का फल प्राप्त होता है। जो भगवान जनार्दन के शयन करने पर शहद का सेवन करता है, उसे महान पाप लगता है। चतुर्मास में अनार, नींबू, नारियल तथा मिर्च, उड़द और चने का भी त्याग करें । जो प्राणियों की हिंसा त्याग कर द्रोह छोड़ देता है, वह भी पूर्वोक्त पुण्य का भागी होता है।*
🌞 *चातुर्मास्य में परनिंदा का विशेष रूप से त्याग करें । परनिंदा को सुनने वाला भी पापी होता है।*
*परनिंदा महापापं परनिंदा महाभयं।*
*परनिंदा महद् दुःखं न तस्याः पातकं परम्।।*
🔥*‘परनिंदा महान पाप है, परनिंदा महान भय है, परनिंदा महान दुःख है और परनिंदा से बढ़कर दूसरा कोई पातक नहीं है।’*
🌷*(स्कं. पु. ब्रा. चा. मा. 4.25)*
🌷 *(पद्म पुराण के उत्तर खंड, स्कंद पुराण के ब्राह्म खंड एवं नागर खंड उत्तरार्ध से संकलित)*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 02 जुलाई 2025*
*⛅दिन – बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – उत्तरायण**⛅ऋतु – वर्षा*
*⛅मास – आषाढ़**⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – सप्तमी सुबह 11:58 तक तत्पश्चात् अष्टमी*
*⛅नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी सुबह 11:07 तक तत्पश्चात् हस्त*
*⛅योग – वरियान् शाम 05:47 तक तत्पश्चात् परिघ*
*⛅राहुकाल – दोपहर 12:44 से दोपहर 02:25 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय – 06:02*
*⛅सूर्यास्त – 07:25 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:34 से प्रातः 05:16 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:23 जुलाई 03 से रात्रि 01:05 जुलाई 03 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थसिद्धि योग, बुधवारी अष्टमी (दोपहर 11:58 से सूर्योदय 03 जुलाई तक)*
*⛅विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है एवं अष्टमी को नारियल फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹वर्षा ऋतु में स्वास्थ्यप्रदायक अनमोल कुंजियाँ🔹*
*🔸1. वर्षा ऋतु में मंदाग्नि, वायुप्रकोप, पित्त का संचय आदि दोषों की अधिकता होती है । इस ऋतु में भोजन आवश्यकता से थोड़ा कम करोगे तो आम (कच्चा रस) तथा वायु नहीं बनेंगे या कम बनेंगे, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । भूल से भी थोड़ा ज्यादा खाया तो ये दोष कुपित होकर बीमारी का रूप ले सकते हैं ।*
*🔸2. काजू, बादाम, मावा, मिठाइयाँ भूलकर भी न खायें, इनसे बुखार और दूसरी बीमारियाँ होती हैं ।*
*🔸3. अशुद्ध पानी पियेंगे तो पेचिश व और कई बीमारियाँ हो जाती हैं । अगर दस्त हो गये हों तो खिचड़ी में देशी गाय का घी डाल के खा लो तो दस्त बंद हो जाते हैं । पतले दस्त ज्यादा समय तक न रहें इसका ध्यान रखें ।*
*🔸4. बरसाती मौसम के उत्तरकाल में पित्त प्रकुपित होता है इसलिए खट्टी व तीखी चीजों का सेवन वर्जित है ।*
*🔸5. जिन्होंने बेपरवाही से बरसात में हवाएँ खायी हैं और शरीर भिगाया है, उनको बुढ़ापे में वायुजन्य तकलीफों के दुःखों से टकराना पड़ता है ।*
*🔸6. इस ऋतु में खुले बदन घूमना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ।*
*🔸7. बारिश के पानी में सिर भिगाने से अभी नहीं तो 20 वर्षों के बाद भी सिरदर्द की पीड़ा अथवा घुटनों का दर्द या वायु संबंधी रोग हो सकते हैं ।*
*🔸8. जो जवानी में ही धूप में सिर ढकने की सावधानी रखते हैं उनको बुढ़ापे में आँखों की तकलीफें जल्दी नहीं होतीं तथा कान, नाक आदि निरोग रहते हैं ।*
*🔸9. बदहजमी के कारण अम्लपित्त (Hyper acidity) की समस्या होती है और बदहजमी से जो वायु ऊपर चढ़ती है उससे भी छाती में पीड़ा होती है । वायु और पित्त का प्रकोप होता है तो अनजान लोग उसे हृदयाघात (Heart Attack) मान लेते हैं, डर जाते हैं । इसमें डरें नहीं, 50 ग्राम जीरा सेंक लो व 50 ग्राम सौंफ सेंक लो तथा 20-25 ग्राम काला नमक लो और तीनों को कूटकर चूर्ण बना के घर में रख दो । ऐसा कुछ हो अथवा पेट भारी हो तो गुनगुने पानी से 5-7 ग्राम फाँक लो ।*
*🔸10. अनुलोम-विलोम प्राणायाम करो – दायें नथुने से श्वास लो, बायें से छोड़ो फिर बायें से लो और दायें से छोड़ो । ऐसा 10 बार करो । दोनों नथुनों से श्वास समान रूप से चलने लगेगा । फिर दायें नथुने से श्वास लिया और 1 से सवा मिनट या सुखपूर्वक जितना रोक सकें अंदर रोका, फिर बायें से छोड़ दिया । कितना भी अजीर्ण, अम्लपित्त, मंदाग्नि, वायु हो, उनकी कमर टूट जायेगी । 5 से ज्यादा प्राणायाम नहीं करना । अगर गर्मी हो जाय तो फिर नहीं करना या कम करना ।*
*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
*⚜️ आज का राशिफल ⚜️*
*दिनांक : 02 जुलाई 2025*
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आपके लिये आज का दिन आशा से कम लाभदायक लेकिन फिर भी संतोषजनक रहेगा। संतोषी प्रवृति रहने के कारण व्यर्थ की उलझनों से बचे रहेंगे। आज आपको आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा कार्य क्षेत्र अथवा घर मे कोई ना कोई आपके व्यवहार से असंतोष जतायेगा लेकिन आप जानकर भी अनजान बनेंगे। धार्मिक पूजा पाठ में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे परन्तु ध्यान एकाग्र नही रहने के कारण आध्यात्म लाभ नही मिल पायेगा। नौकरी वाले लोग आज कार्य भार कम रहने से शांति अनुभव करेंगे फिर भी अधिकारी वर्ग से आज कम ही बनेगी। बुजुर्गो का आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिलेगा।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपके स्वभाव में आलस्य अधिक रहेगा। लापरवाहि में लाभ के अवसर हाथ से निकल सकते है सतर्क रहें। कार्य व्यवसाय में आज बीते कल की अपेक्षा तेजी रहेगी धन कमाने के मौके मिलते रहेंगे आवश्यकता अनुसार लाभ आसानी से हो जाएगा लेकिन लालच में ज्यादा कमाने की वृत्ति कुछ ना कुछ कमी ही करेगी। संतोषी वृति अपनाकर ही आज प्रत्येक कार्य निर्विघ्न सम्पन्न किया जा सकता है इसका विशेष ध्यान रखें। हर में मांगलिक कार्यक्रम होने से वातावरण शांत रहेगा। विपरीत लिंगीय आकर्षण भी कुछ अधिक रहेगा इसके कारण परिवार में गलतफहमी पनपने से खींच तान हो सकती है। सेहत बनी रहेगी।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपका स्वभाव बात-बात पर गरम होगा। किसी से किया वादा पूर्ण ना करने पर अपमानित होना पड़ेगा। जल्दबाजी में कार्य करेंगे त्रुटि होने पर बाद में अफसोस होगा। आज धन संबंधित व्यवहार अधिक आवश्यकता पडने पर ही लिख कर ही करें भूल होने की संभावना हैं। धन लाभ को लेकर मध्यान तक चिंतित रहेंगे मध्यान बाद आवश्यकता अनुसार होने से राहत मिलेगी। घर का वातावरण भी आपके रूखे व्यवहार से अशान्त रहेगा। बड़े-बुजुर्गों की बात ना मानने पर कुछ ना कुछ हानि होगी। आज शांति बनाए रखने के लिये मौन रहना ही बेहतर रहेगा। सर-बदन दर्द रक्त चाप संबंधित परेशानी होगी।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन भी भाग-दौड़ में बीतेगा। दिन के आरम्भ से ही किसी कार्य को करने के लिए व्यस्त हो जाएंगे। कार्य व्यवसाय में आज अधूरे कार्य पूर्ण करने की जल्दबाजी रहेगी फिर भी समय से पूर्ण नही हो पाएंगे। व्यवसायी वर्ग धन सम्बन्धीत व्यवहार के कारण चिंतित रहेंगे समय पर कार्य पूर्ण ना होने कारण खरी-खोटी सुन्नी पड़ेगी। मध्यान बाद का समय राहत वाला रहेगा। धन संबंधित समस्या किसी की सहायता से सुलझेंगी लेकिज आज आर्थिक कारणों से किसी से पुराना संबंध टूटने की संभावना है। परिवार के बीच आप ज्यादा शांत एवं सुरक्षित अनुभव करेंगे। पेट खराब होने पर अन्य व्याधियां बनेगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप अपनी बात मनवाने के लिये सामने वाले पर नाजायज दबाव बनाएंगे जिससे आपसी संबंध खराब होने का भय रहेगा फिर भी देर अबेर अपना काम बना ही लेंगे। नौकरी पेशा जातक अधिकारियों के ऊपर आवश्यकता से अधिक विश्वासः करेंगे जिसका परिणाम आज निराश ही करेगा। व्यवसायी वर्ग धन को लेकर थोड़े चिंतित रहेंगे उधारी के कारण कार्य क्षेत्र पर गरमा गरमी हो सकती है। आध्यात्मिक कार्यो में भी समय निकाल सम्मिलित होंगे लेकिन आज मन अन्यत्र ही भटकेगा। बाहर घूमने की योजना अंत समय मे निरस्त करनी पड़ेगी। सुख सुविधा मिलने पर भी मानसिक रूप से अशान्त रहेंगे।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप लापरवाहि ज्यादा करेंगे। छोटी-छोटी गलती भी आगे चलकर गंभीर रूप ले सकती है इसका विशेष ध्यान रखना होगा। किसी भी कार्य को दिमाग की जगह दिल से करने के कारण सफलता में संशय रहेगा। धन संबंधित उलझने दिन के आरंभ से ही खड़ी होंगी जो कि संध्या तक यथावत बनी रहेगी संध्या के आस-पास कही से थोड़ा बहुत धन मिलने से दैनिक खर्च निकल जाएंगे। आर्थिक मामलों को लेकर आज ज्यादा तामझाम में ना पढ़ें अन्यथा छोटे लाभ से भी वंचित रहना पडेगा। मित्र रिश्तेदारों के आगे भी धन संबंधित कार्यो को लेकर शर्मिंदा होना पड़ सकता है। उधार किसी से भी ना करे चुकाने में परेशानी आएगी। सेहत में छोटी मोटी व्याधी लगी रहेगी।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन संघर्ष से भरा रहेगा। दिन के आरंभ में ही कोई दुखद घटना से मन बेचैन रहेगा। दिनचार्य आज अस्त-व्यस्त ही रहेगी। जिस कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे अनिर्णय की स्थिति रहने के कारण विलम्ब होगा हानि के डर से आज कोई जोखिम लेने से बचेंगे केवल यही निर्णय आज सही रहेगा अन्य में कुछ ना कुछ उलझन ही बनेगी। अकस्मात धन क्षय के योग बन रहे है नए कार्यो में धन ना लगाए पहले अधूरे कार्य पूर्ण करें अन्यथा निरस्त किये जा सकते है। पारिवारिक वातावरण में विवेक की कमी रहेगी छोटी-छोटी बात पर आपस में उलझेंगे। शारीरिक दृष्टिकोण से भी आज दिन प्रतिकूल रहेगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आप अपने अभिमानी स्वभाव के कारण घर मे बैठे बिठाये झगड़ा मोल लेंगे इसके विपरीत कार्य अथवा सामाजिक क्षेत्र पर ऐश्वर्य वृद्धि होगी। घर से ज्यादा बाहर का वातावरण भायेगा। कार्य व्यवसाय में सोची योजनाए धीमी गति से चलेंगी आज जहां से लाभ की उम्मीद रहेगी वहां की जगह अन्य साधनों से अक्समात होगा। विरोधी आपके खिलाफ षड्यंत्र रचेंगे लेकिन कामयाब नही हो पाएंगे फिर भी मीठा बोलने वालों से सतर्क रहें। अधिकारी वर्ग से नोकझोंक होगी जिससे कागजी कार्य अधूरे रह सकते है। स्वास्थ्य मध्यान बाद नरम रहेगा भागदौड़ के कारण थकान बनेगी।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन भी आपके अनुकूल बना रहेगा लेकिन आज स्वभाव में थोड़ी तल्खी रहने से आपसी व्यवहारिकता में कमी आएगी। लोग आपसे अपेक्षाये लेकर आएंगे परन्तु निराश होना पड़ेगा। दैनिक कार्य के अतिरिक्त कार्य आने से कुछ समय के लिए असहजता बनेगी। व्यक्तिगत व्यस्तता के कारण सामाजिक कार्यो में बेमन से भाग लेना पड़ेगा फिर भी सम्मान पाने के अधिकारी बनेंगे। काम-धंधे में सुधार आयेगा लेकिन रुके कार्य आज भी पूर्ण होने में संदेह रहेगा। नौकरी पेशाओ एवं महिलाओ का आस-पड़ोसियों से झगड़ा होने की संभावना है। परिवार में किसी से बीमार होने पर चिंता होगी धन खर्च के साथ अतिरिक्त भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। अपनी सेहत का भी ख्याल रखें।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आप धार्मिक कार्यो के लिये अपने नियत कार्यक्रम को रद्द करेंगे जिससे बाद में अधिकांश कार्य अस्त-व्यस्त होंगे। धार्मिक भावनाएं आज बलवती रहेंगी लेकिन परोपकार के कार्य स्वार्थ पूर्ति के लिये ही करेंगे। दिन के आरम्भ में स्वास्थ्य संबंधित शिकायत रहेगी मध्यान तक धीरे धीरे सुधार आने लगेगा दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा। व्यवसाय में आज आश्वासनों से ही काम चलाना पड़ेगा। नए अनुबंध हाथ लगेंगे लेकिन आज इनपर कार्य आरम्भ नही कर पाएंगे। गृहस्थ में आज शांति स्थापित होगी फिर भी बुजुर्गो को संतुष्ट रखना नामुमकिन होगा। आय की अपेक्षा खर्च अधिक रहेगा।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन भी प्रतिकूल रहेगा। शारीरिक रूप से असमर्थ रहने के कारण आवश्यक कार्यो में विलंब होगा स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। मन मे नकारत्मक भाव आएंगे किसी की हित मे कही बाते भी उल्टी लगेंगी। कार्य व्यवसाय में आज किसी के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी वो भी समय पर नही मिलेगा। धन की आमद अनिश्चित रहेगी खर्च निकालने के लिये भी जोड़-तोड़ करना पड़ेगा। उधार के व्यवहार से बचे अन्यथा बाद में परेशानी होगी। पारिवारिक वातावरण में विरोधाभास लगा रहेगा घर के सदस्य एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करेंगे। घर के बुजुर्ग वर्ग दुखी होंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन विजय दिलाने वाला रहेगा। स्वभाव में थोड़ी तेजी रहने के कारण किसी के मार्गदर्शन को भी अहम से जोड़ेंगे आज आप किसी अन्य के आधीन होकर काम करना पसंद नही करेंगे। मनमौजी व्यवहार अन्य लोगो के लिए परेशानी खड़ी करेगा लेकिन आपके लिये शांति दायक रहेगा। जिस कार्य को करेंगे उसमे ही विलम्ब होगा फिर भी अपनी सूझ बूझ से लाभ बना ही लेंगे। व्यवसायी वर्ग जोखिम वाले कार्य शेयर सट्टे आदि से लाभ कमाएंगे। नौकरी वाले लोग भी कार्य कुशलता के बल पर सम्मान के अधिकारी बनेंगे। परिवार का वातावरण आपसी समझ की कमी के कारण कुछ समय के लिये गरम होगा। पित्त, कफ से परेशानी होगी।
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