पैंसे का पागलपन : दो दो करोड़ खर्च करके 5 अरबपतियों ने गहन समुद्र में किया मृत्यु का वरण

दो दो करोड़ से ज्यादा खर्च करके केवल टाइटैनिक के अवशेष देखने और फोटोग्राफी करने के मंतव्य से अपनी जान गवा बैठे 5 अरबपति, आखरी समय उनका समय कैसा दमघोटू और पीड़ा वाला रहा होगा कोई सोच भी नही सकता। और अब “टाइटन गेट” पनडुब्बी में सवार सभी अरबपति आज मृत घोषित कर दिए गए।

उनके पास चाहे कितना ही पैसा था पर आखिरी समय में केवल “जीवित रहने” और धरती पर वापस आने के लिए प्रार्थना कर रहे होंगे।

जीवन अपने आप में कितना अनमोल है, इसे महत्व दें, इसके लिए आभारी रहें, अपनी ऊर्जा एवं धन को सकारात्मक कार्यों में खर्च करें।

जब आपके पास बहुत ज्यादा पैसा हो तो उलटी सीधी ईचछाओं की जगह अपने जीवन का अधिकतम लाभ उठायें। हो सके तो दरिद्र नारायण की सहायता करें। 

गरीबों एवं आवश्यकता वाले लोगों की सहायता करें… Ocean Gate कंपनी पहले ही एफिडेविट ले चुकी थी कि अगर इस 8 घंटे के हैरतंगेज टूर में जान चली जाती है तो उसका कोई क्लेम नहीं होगा।

सोचकर ही रोंगटे खड़े होते है के यह कैसा हैरतंगेज काम था जो लगभग एक सदी पहले डूब चुके टाइटैनिक जहाज का मलबा मात्र देखने का प्रोग्राम था।

सोचकर देखो उस जगह पर हजार से ज्यादा लोगों की आत्मा भटक रही होगी और यह लोग अब उन्हीं आत्माओं के पास चले गए।

टाइटन पनडुब्बी दुर्घटना में  पाकिस्तान के एक अरबपति पिता और पुत्र की मौत हुई उनका ताल्लुक गुजरात के सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले के बाँटवा कस्बे से था

इनके दादा बंटवारे के बाद बाँटवा से कराची चले गए थे यह मेमन मुस्लिम थे, जो धर्मांतित ही हुए होंगे। 

मेमन लोग बिजनेस में बड़े महारत होते हैं गुजरात में भी जो मेमन कम्युनिटी है वह बिजनेस में ही है

यह समुदाय तेरहवीं सदी तक वैष्णव हिंदू लोहाना थे लेकिन एक सूफी संत ने धोखे से इन्हें इस्लाम में परिवर्तित कर दिया फिर जब यह दूसरे मुसलमानों से घुल मिल नहीं पाए तब उन्होंने अपना एक अलग संप्रदाय बना लिया इनकी मस्जिदें अलग होती हैं इनके धर्मगुरु अलग होते हैं उनके रीति रिवाज सब कुछ अलग होते हैं और यह समुदाय अपनी शादियां सिर्फ अपने ही समुदाय में करता है

इनकी अपनी एक भाषा है जिसे मेमनी कहते हैं जो गुजराती कच्छी सिंधी हिंदी की एक मिक्स भाषा है

और वैष्णव हिंदू परंपरा की कई चीजें यह आज भी करते हैं जैसे दान और पुण्य .. तथा एकदम शांत प्रवृति के होते हैं अपने धर्म से ज्यादा अपने बिजनेस को तरजीह देते हैं

दुर्घटना में मारा गया मेमन परिवार कराची में 8 बड़े शिक्षा संस्थान मुफ्त में चलाता था उनके चार बड़े चैरिटी हॉस्पिटल बनवाए थे और विश्व की सबसे बड़ी एंबुलेंस नेटवर्क जो ईधी फाउंडेशन चलाती है उस फाउंडेशन के यह सबसे बड़े डोनर भी थे

यह परिवार बाद में करांची छोड़कर लंदन चला गया और बिजनेस में अकूत दौलत कमाया

अफसोस एक अभिशप्त चीज को देखने के लिए जाना इनके लिए महंगा हो गया इसीलिए कहा जाता है कि अभिशप्त चीजों से हमेशा दूर रहना चाहिए

टाइटेनिक में हजारों उन लोग बेमौत मारी गई जो लोग एक ख्वाब लेकर उस जमाने में ऊंची टिकट लेकर और उस जमाने की सबसे बड़े जहाज पर ब्रिटेन से अटलांटिक पार करके अमेरिका जाने का ख्वाब लेकर गए थे तो जिस चीज में इतनी बड़ी अतृप्त आत्माओं का दमन हुआ हो वहां आसपास सिर्फ नेगेटिव ऊर्जा ही होगी

अपना पैसा और समय अच्छे कार्यों पर सदकार्य खर्च व्यय करें।