स्क्वार्डन लीडर अभिनव चौधरी को अंतिम सैल्यूट, नहीं रहे सिल्यारा के संंत सुन्दर लाल बहुगुणा, किसानों को बड़ी सहायता – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़ाई खाद सब्सिडी, साईकिल से संसद जाने वाले सांसद स्वामी रामेश्वरानंद जिनकी सादगी की इंदिरा गाँधी भी थी प्रसंशक, डिक्सन टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड ने कोविड-19 से लड़ाई हेतु मुख्यमंत्री को सौंपे 50 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स, अनुकरणीय है उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की कोरोना जंग,उत्तराखंड पत्रकार महासंघ ने पत्रकारों को फ्रंट लाईन वर्कर घोषित करने हेतु मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन

✍️हरीश मैखुरी 

पंजाब के मोगा में भारतीय वायु सेना के #मिग_21 एयरक्राफ्ट दुर्घटना में बागपत के पायलट स्क्वार्डन लीडर अभिनव चौधरी बलिदान सदैव याद रखा जायेेग। मां भारती के इस जां बाज लाल को भगवान श्री नारायण अपने चरणों में स्थान दें और परिवार को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें breakinguttarakhand.com की ओर से स्क्वार्डन लीडर अभिनव चौधरी को सैल्यूट और भावभीनी श्रद्धांजलि। जिस तेज गति से मोदी सरकार लड़ाकू विमानों की खरीदारी व भारत में निर्माण कर रही है सेना को #अस्त्र_शस्त्र संपन्न बना रही है, यदि उसी गति से पिछली सरकारें भी खरीददारी कर देती तो हमारे जां बाज पायलटों को इन ५०-६० साल पुराने सिंगल इंजन वाले मिग 21 नामक इन उड़ते ताबूतों में यूं अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती। लेकिन दुर्भाग्य से लालफीताशाही और तत्कालीन सरकार की उदासीनता के चलते ये विमान आगे भी २०२५ तक उड़ाना भारत सरकार की विवशता है क्योंकि तभी तक नये विमानों प्रतिपूर्ति हो सकेगी वो भी तब जब प्रतिपक्ष की ओर से राफेल विमानों की भांति इस प्रक्योरमेंट में अड़चनें न हों 🌷🙏

✍️हरीश मैखुरी
मूल रूप से टिहरी जनपद में सिल्यारा आश्रम के वृृक्ष प्रेमी संत गाँधीवादी विचारक सुन्दर लाल बहुगुणा ने आज एम्स ऋषिकेश में अंतिम सांस ली। उन्हें गत 8 मई को कोरोना संक्रमण के चलते भर्ती किया गया था, जहां डाक्टरों को उनके शूगर कंट्रोल में दिक्कत लग रही थी। उत्तराखण्ड में गाँधीवादी विचारों के प्रसार, सर्वोदय आंदोलन व चिपको आंदोलन के अग्रणी रहे सुन्दर लाल बहुगुणा ने अपने जीवन काल में लम्बे समय तक टिहरी बांध परियोजना का विरोध किया, उन्होंने डाम के विरुद्ध अनेक लम्बे उपवास भी किए। वे टिहरी डाम को पर्यावरण के लिए खतरनाक एवं विनाश का प्रतीक मानते थे, वे गंगा के प्रवाह को रोकने के विरुद्ध थे। सुन्दरलाल बहुगुणा कहते थे कि टिहरी बांध आठ रिएक्टर का भूकंप भी नहीं झेल पायेगा और ये यदि बांध टूटा तो दिल्ली तक बह जायेगा। जिस दिन टिहरी बांध का शटर डाऊन कर गंगा को रोका गया, उस दिन उन्होंने कहा कि आज मेरी माँ मर गयी और प्रतीकात्मक रूप से सिर मुंडा कर उन्होंने क्षोर कर्म किया। सुन्दरलाल बहुगुणा अत्यंत विनयशील संत थे। उनके निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने, पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, काबीना मंत्री सुबोध उनियाल, यशपाल आर्य, अरविन्द पांडे, डा हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन रावत, सहित उत्तराखंड के सभी मंत्रियों, विधायकों, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार और पत्रकारों ने भी सुंदरलाल बहुगुणा को अपने श्रद्धा सुमन भाव रूप से अर्पित किए breakinguttarakhand.com ग्रुप की ओर से पद्मश्री सुन्दरलाल बहुगुणा जी को भावभीनी श्रध्दांजलि ।

देहरादून। कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत डिक्सन टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड ने कोविड-19 से लड़ाई हेतु 50 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को प्रदान किए।

सचिवालय परिसर में आयोजित सूक्ष्म कार्यक्रम में डिक्सन टेक्नोलॉजीज के प्रेजिडेंट राजीव लोनियाल ने यह ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स मुख्यमंत्री जी को भेंट किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कंपनी अधिकारियों का आभार प्रकट करते हुए बताया कि कंपनी की ओर से दिए गए इन कंसेंट्रेटर्स को उन पर्वतीय जिलों को भेजा जाएगा जहां इनकी आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि कंपनी की ओर से देहरादून में एक ऑक्सीजन प्लांट लगाने की भी इच्छा प्रकट की गई है जिसके लिए *कंपनी ने 50 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर पूरी तैयारी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बड़े शहरों, जिला अस्पतालों के बाद अब प्राथमिक व सामुदायिक केंद्रों के स्तर तक ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर कार्य कर रही है।

*गुरुकुल घरोंदा के एक आचार्य #जनसंघ के टिकट पर सांसद बन गए, तो उन्होंने सरकारी आवास नहीं लिया । वे दिल्ली के बाजार सीताराम, दिल्ली-6 के आर्य समाज मंदिर में ही रहते थे । वँहा से #संसद तक पैदल जाया करते थे कार्रवाई में भाग लेने।*

*वे ऐसे पहले #सांसद थे, जो हर सवाल पूछने से पहले संसद में एक वेद मंत्र बोला करते थे। वे सब #वेदमंत्र संसद की कार्रवाई के रिकार्ड में देखे जा सकते हैं। उन्होंने एक बार संसद का घेराव भी किया था, गोहत्या पर बंदी के लिए ।*

*एक बार इंदिरा गांधी ने किसी मीटिंग में उन स्वामी जी को पांच सितारा होटल में बुलाया। वहां जब लंच चलने लगा तो सभी लोग बुफे काउंटर की ओर चल दिये । स्वामी ही वहां नही गए । उन्होंने अपनी जेब से लपेटी हुई #बाजरे की सूखी दो रोटी निकाली और बुफे काउंटर से दूर जमीन पर बैठकर खाने लगे।*

*इंदिरा जी ने कहा – “आप क्या करते हैं ? क्या यहां खाना नहीं मिलता ? ये सभी पांच सितारा व्यवस्थाएं आप सांसदों के लिए ही तो की गई है।”*

*तो वे बोले – “मैं संन्यासी हूं। #सुबह_भिक्षा में किसी ने यही रोटियां दी थी । मैं सरकारी धन से रोटी भला कैसे खा सकता हूं।”*

*इंदिरा जी का धन्यवाद देते हुए होटल में उन्होंने इंदिरा से एक गिलास पानी और आम के अचार की एक फांक ली थी ।जिसका भुगतान भी उन्होंने इंदिरा जी के मना करने के बावजूद किया था !*

*जानते हैं यह महान सांसद और संन्यासी कौन थे?*

*ये थे सन्यासी #स्वामी रामेश्वरानंद जी, परम गौ भक्त,अद्वितीय व्यक्तित्व के स्वामी जी, स्वामी जी हरियाणा के करनाल से सांसद थे।* तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी उनकी इंदिरा गांधी भी प्रसंशक थी इसलिए अनेक बैठकों में उनके बहुमूल्य सुझावों हेतु उन्हें बुलाया करती थी। 

*ऐसे अनेकों साधक हुए इस देव भूमि भारत पर, लेकिन शायद हमें पढ़ाया ही नहीं गया। कभी मौका लगे तो आप भी अवश्य जानिए ऐसे व्यक्तित्वों को, भारत को तपस्वियों का देश ऐसे ही नहीं कहा जाता।*

*ऐसे महान व्यक्तियों का कहीं भी और कभी भी जिक्र नहीं किया जाता*

*_यदि आप चाहे तो इस पोस्ट को फॉरवर्ड करने में आप स्वतंत्र है।_*

एम.के.आनंद – राष्ट्रवादी विचारक एवं निर्वाहक

किसानों को बड़ी सहायता – प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा डीएपी खाद पर सब्सिडी 500 रु. प्रति थैले से बढ़ाकर 1200 रु. प्रति थैला कर दी गयी है, इस निर्णय के बाद डीएपी खाद का एक बैग 2400 रु. की जगह 1200 रु. में ही मिलेगा l DAP खाद पर सब्सिडी 140% बढ़ाई गई।

किसानों को DAP पर 500 रुपये प्रति बोरी से बढ़कर अब 1200 रुपये प्रति बोरी की सब्सिडी मिलेगी।

असम के मुख्यमंत्री हेमन्त बिस्वा शर्मा ने राज्य के सभी मदरसों को समान्य स्कूल में परिवर्तन करने का आदेश दिया है जिन पर अब सभी सरकारी नियम लागू होंगे। कहा यही है धर्म निरपेक्षता की परिभाषा। 

 

रात के 12:15 पर उड़ीसा के मुख्यमंत्री PM को फोन करते हैं कि , प्रधानमंत्री जी – माफ करिये हमने आपको रात में डिस्टर्ब किया ,
PM – कोई बात नही मैं समझ सकता हूँ कोई परेशानी ही होगी ,
CM- हमे कुछ मेडिकल इक्विपमेंट चाहिए जो आ रहे थे पर नाशिक एयरपोर्ट पर किसी तकनीकी खराबी की वजह से शिफ्ट हो गए हैं , हमें वो दवाइया और किट हर हाल में सुबह तक चाहिए , कुछ मदद हो सकती है क्या ?
PM – ठीक है आप परेशान न हो कुछ करता हूँ ।

अगले 4 घण्टे में सारा इक्विपमेंट उड़ीसा भुवनेश्वर एयरपोर्ट पहुंच गया , एयरफोर्स ने सारा इक्विपमेंट एयरलिफ्ट करके भुवनेश्वर पहुंचा दिया ।

यह दिखाता है कि एक CM कैसे बगैर शोर किये अपने लोगों को बचाने में दिन रात एक किये हुवे।

यह दिखाता है कैसे देश के PM लोगों को बचाने को दिन रात काम किये जा रहे है। बाकी कोई भी आरोप लगा लो यह मोदी ही है जो लोगों को बचाने के लिए हर जतन करने को तैयार हैं बल्कि कर रहें हैं ।

ध्यान रहे भाजपा उड़ीसा में मुख्य विपक्षी दल है।

सर्वे संतु निरामया: 🙏(साभार)

*प्रदेश के पत्रकारों को घोषित किया जाए फ्रंट लाइन वर्कर*

*उत्तराखंड पत्रकार महासंघ ने मुख्यमंत्री को भेजा मांग पत्र*

देहरादून। प्रदेश में कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है, साथ ही कई बीमारियां भी लगातार पनप रही है इसके बावजूद अपने जीवन को खतरे में डालकर उत्तराखण्ड में सक्रिय पत्रकारिता कर रहे मीडिया कर्मियों को सरकार की तरफ से अभी तक कोई राहत सहायता मिल नही पा रही है जबकि राज्य में पुलिसकर्मी व राज्यकर्मचारियों को पहले ही फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर दिया गया है। बावजूद इसके राज्य से जुड़े हमारे पत्रकार साथी सूचना व समाचारो के कार्यो में लगकर अपने फर्ज को अंजाम दे रहे है परन्तु चिंता की बात ये है कि हमारे सक्रिय पत्रकार अभी तक फ्रंट लाइन वर्कर घोषित नही हो पाए है।
उत्तराखण्ड पत्रकार महासंघ के प्रदेश सचिव सुभाष कुमार ने पत्रकार हितों को ध्यान में रखते मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को एक मांग पत्र भेजकर राज्य के पत्रकारों को पुलिस कर्मियों की भांति फ्रंट लाईन वर्कर घोषित किये जाने की मांग की है। *निम्नलिखित मांग पत्र इस प्रकार है* –
1. पत्रकारिता के दौरान कोरोना की चपेट में आकर जो पत्रकार अपनी जीवन लीला समाप्त कर चुके है उन्हें फ्रंट लाईन वर्कर घोषित करते हुए उनके परिवारों के भरण पोषण के लिए 50,00000 (पचास लाख) रुपये की धनराशि स्वीकृत की जाए।
2., जो पत्रकार कोरोना पॉजिटिव हुए है उनका विशेष रूप से ख्याल रखा जाए और इस बात की पुष्टि की जाती रहे कि उनके इलाज व दवाई में कोई कमी ना आये।

महासंघ ने कहा कि राज्य से जुड़े हमारे पत्रकारों को कर्मचारियों की भांति फ्रंट लाईन वर्कर घोषित कर दिया जाता है तो राज्य में सरकार का संक्रमण बचाव अभियान स्वत: ही सफल हो जाएगा।
इस वक्त विषम परिस्थितियों का दौर है मुख्य मंत्री को चाहिए कि पत्रकार हितों को ध्यान में रखते हुए वे उनके अधिकारों का सम्मान करें।