इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकवादियों ने उनके साथ शामिल होने से इनकार करने पर 50 से अधिक युवकों के सिर काट डाले

इस्लामी आतंकियों ने उनके साथ शामिल होने से इनकार करने पर 50 से अधिक युवकों (ज्यादातर लड़के-बच्चों) के सिर काट डाले। फिर उनके शरीर के अंगों को दफनाने के लिए उनके परिवारों को भेज दिया, 

इस्लामी आतंकवादियों ने पिछले कुछ दिनों में उत्तरी मोजाम्बिक में काबो डेलगाडो प्रांत के कई गाँवों पर हमला किया, जिसमें 50 से अधिक लोगों के सिर काट दिए गए। राज्य मीडिया और पुलिस ने सोमवार (नवंबर 9, 2020) कोएक पुलिस अधिकारी ने कहा, “उन्होंने घरों में आग लगा दी और फिर उन लोगों को शिकार बनाया, जो जंगल में भाग गए थे। इस्लामी आतंकवादियों ने वहाँ जाकर भी भयावह तांडव मचाया।” इसकी जानकारी दी।

चश्मदीदों ने बताया कि इस्लामी आतंकवादियों ने एक गाँव के निवासियों को पहले खींच कर फुटबॉल के मैदान में लाया और फिर वहाँ उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। उन्हें काट डाला गया। आतंकवादियों ने कथित तौर पर महिलाओं और बच्चों का अपहरण भी किया था।जिहादियों ने पिछले तीन वर्षों में मोजाम्बिक के उत्तरपूर्वी काबो डेलगाडो प्रांत में तबाही मचाई है, वो गाँवों और कस्बों को एक इस्लामी खिलाफत स्थापित करने के अभियान के रूप में तोड़फोड़ कर रहे हैं। आतंकवादियों ने हाल के महीनों में अपने हमले को तेज कर दिया है और इस प्रक्रिया में नागरिकों को आतंकित करते हुए क्षेत्र के हिंसक रूप से जब्त कर लिया है।मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल में कथित तौर पर उनके साथ शामिल होने से इनकार करने पर आतंकवादियों ने कई लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी और 50 से अधिक युवकों के सिर काट डाले। मानवाधिकार समूहों का कहना है कि सरकारी सुरक्षा बलों ने भी प्रांत में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है।राज्य मीडिया ने बताया कि दूसरे गाँव में भी कई लोगों के सिर धड़ से अलग कर दिए गए। 2017 से अभी तक लगभग 2,000 से अधिक लोगों की हत्या की जा चुकी है और मुख्य रूप से मुस्लिम प्रांत में हुए संघर्ष में लगभग 400,000 लोग बेघर हो गए हैं। आतंकवादी इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह से जुड़े हुए हैं। समूह ने गरीबी और बेरोजगारी का फायदा उठाया है ताकि क्षेत्र में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए युवाओं को अपनी लड़ाई में भर्ती किया जा सके।मोजाम्बिक के जिहादी खुद को अल-शबाब कहते हैं। हालाँकि सोमालिया में काम करने वाले उस नाम के समूह के बारे में उन्हें कोई ज्ञात जानकारी नहीं है। पिछले साल आतंकवादियों ने तथाकथित इस्लामिक स्टेट समूह के प्रति निष्ठा का वादा किया था। (साभार आप इंडिया)