भारत के सुविख्यात ज्योतिषाचार्य डाॅ0 रमेश पांडे को उत्तराखंड विद्वत सभा ने बनाया अपनी संस्था का संरक्षक

भारत के सुविख्यात ज्योतिषाचार्य डाॅ0 रमेश पांडे को उत्तराखंड विद्वत सभा ने  अपनी संस्था का संरक्षक बनाया है। यह जानकारी देते हुए उत्तराखंड विद्वत सभा के अध्यक्ष ने बताया कि वैदिक सनातन धर्म गुरु ज्योतिषाचार्य डॉ. रमेश चंद्र पाण्डेय को हमारी संस्थसं का संरक्षक बनाया जाना संस्थहै के लिए बड़ी उपलब्धि है। जो उनकी ज्योतिष विद्या में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया एक उच्च सम्मान है।

बता दें कि डाॅ0 पांडे ने नासा में ज्योतिष विद्या का लोहा मनवाया है और उन्हें उनके कार्यों के लिए विश्वभर के ज्योतिषाचार्य व नासा वैज्ञानिकों में प्रशंसा मिली है।

 डाॅ0 पांडे ने उत्तराखंड के पुराने मंदिरों के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है और वे गढ़वाल क्षेत्र के 72 मंदिरों का जीर्णोद्धार करने की योजना बना रहे हैं। वे वैदिक सनातन धर्म गुरु ज्योतिषाचार्य हैं और शंकराचार्य परंपरा का निर्वहन करते हुए वर्तमान में श्री ज्ञानी गौ लोक धाम उत्तराखंड का संचालन कर रहे हैं।

डाॅ0 रमेश पांडे गौ माता को राष्ट्र माता का स्तर प्रदान किए जाने के अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और राजयोग विमर्श पर पुस्तक सहित अनेक पुस्तकों का लेखन कार्य किया है। डाॅ0 पांडे का यह सम्मान उनके जीवनकाल की उपलब्धियों को देखने हुए उनकी ज्योतिष विद्या में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है। बता दें कि ज्योतिष विज्ञान में डाॅ0 रमेश पांडे को भारत का प्रथम डी0-लिट् उपाधि प्राप्त करने का श्रेय हैं। पूर्व में ज्योतिष पीठ ज्योतिर्मठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे डाॅ0 रमेश पांडे का जन्म उत्तराखण्ड के चमोली जनपद के घूनी रामणी ग्रामीण अंचल में हुआ। उन्होंने अपना छात्र जीवन संस्कृत महाविद्यालय वेददेगांग ज्योतिर्मठ में अध्ययन से आरंभ किया तदुपरांत उनकी उच्च शिक्षा दीक्षा बीएचयू बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से हुई। वहीं से उन्होंने पीएचडी और डी.लिट भी किया। डाॅ0 पांडे कालगणना के आधार पर बहुत सटीक भविष्यवाणी करने के लिए जाने जाते हैं। वे समस्या के उपचार के लिए वैदिक उपाय व मंत्रों का जाप भी कराते हैं। अभी वे चमोली के देवलधार में लघु गोशालाओं को संचालित करवाते हैं, भविष्य में देहरादून के बालावाला में एक हजार गायों के गोशाला बनाने योजना पर कार्य रहे हैं। 

उनकी अन्य उपलब्धियों में प्रमुख रूप से… 

 नासा में ज्योतिष विद्या का लोहा मनवाना

– बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ज्योतिष शास्त्र पर पीएचडी करना

– उत्तराखंड के पुराने मंदिरों के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाना

– गढ़वाल क्षेत्र के 72 मंदिरों का जीर्णोद्धार करने की योजना बनाना

– वैदिक सनातन धर्म गुरु ज्योतिषाचार्य के रूप में कार्य करना

– शंकराचार्य परंपरा का निर्वहन करना

– श्री ज्ञानी गौ लोक धाम का संचालन करना

– गौ माता राष्ट्र माता अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देना

– राजयोग विमर्श पर पुस्तक सहित अनेक पुस्तकों का लेखन कार्य करना

– ज्योतिष ग्रामों की स्थापना करना

– गंगा सेवा अभियान को आगे बढ़ाना

– नंदा सेवा समिति में प्रवासियों को जोड़ना

– पौराणिक संस्कृति को उजागर करना

– उत्तराखंड में 25 करोड़ मंत्र हस्तलिखित करने का अभियान चलाना, जो एक ऐतिहासिक कार्य है और सनातन धर्म में पहली बार हो रहा है।