शिक्षा जगत के गुरू श्रेष्ठ बनने का मार्ग

हरीश मैखुरी

यह सचमुच चमोली जनपद और यहां के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक गौरव का क्षण  है। श्रीमती सरला चौहान प्रधान शिक्षिका विद्यालय कुहेड़ चमोली को उत्कृष्ट अध्यापन और शिक्षणेत्तर कार्यों के लिए देहरादून में  महामहिम राज्यपाल डा०के०के०पौल ने शिक्षक दिवस के अवसर पर गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड 2017 प्राप्त प्रदान किया। इस शुभ अवसर पर उनके पति एडवोकेट भवान सिंह चौहान और बेटी भी परिवार के साथ रही । सरला कहती हैं “मैं शिक्षण से पहले बच्चों को आत्मसात करती हूँ, उन्हें समझने की कोशिश करती हूँ उनसे जमीनी जीवन की वास्तविकता सीखती हूँ”(assimilate children before learning, I try to understand them, learn the realities of ground life from them)   कठोर मेहनत ही शिक्षा जगत के गुरू श्रेष्ठ बनने का मार्ग है। मेहनत और सत्य का कोई विकल्प नहीं है। उत्तराखण्ड डाट काम परिवार की ओर से भी बधाई और शुभकामनाएं