गौचर मेला समिति छाप रही है स्मारिका, कोई बेटा यदि जीवन के अंतिम चरण में पंहुचे अपने माता-पिता की सेवा नहीं करता है तो उसकी शिक्षा दीक्षा नौकरी व्यवसाय आचार व्यवहार सब व्यर्थ और निरर्थक हो जाता है, आज का पंचाग आपका राशि फल

*।।🕉️।।* *🌞सुप्रभातम🌞*  *आज का पञ्चांग**दिनांक:- 04/11/2024सोमवार*

*तृतीया, शुक्ल पक्ष,*

*कार्तिक*“(समाप्ति काल)

तिथि———– तृतीया 23:23:46 तक 

पक्ष———————— शुक्ल

नक्षत्र——— अनुराधा 08:03:00

योग———— शोभन 11:42:13

करण———- तैतुल 10:47:26

करण————– गर 23:23:46

वार———————- सोमवार

माह———————- कार्तिक

चन्द्र राशि—————- वृश्चिक

सूर्य राशि——————- तुला

रितु————————- हेमंत

आयन—————– दक्षिणायण

संवत्सर (उत्तर) ————–कालयुक्त

विक्रम संवत————— 2081 

गुजराती संवत————– 2081 

शक संवत—————— 1946 

कलि संवत—————– 1925

सूर्योदय————– 06:33:17 

सूर्यास्त————— 17:31:51

दिन काल———— 10:58:33 

रात्री काल————- 13:02:09

चंद्रोदय————– 09:01:18 

चंद्रास्त—————- 19:18:29

लग्न—- तुला 17°54′ , 197°54′

सूर्य नक्षत्र—————– स्वाति 

चन्द्र नक्षत्र—————- अनुराधा

नक्षत्र पाया—————— रजत 

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

ने—- अनुराधा 08:03:00

नो—- ज्येष्ठा 14:30:42

या—- ज्येष्ठा 20:56:50

यी—- ज्येष्ठा 27:21:25

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

        ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

==========================

सूर्य= तुला 17°45, स्वाति 4 ता 

चन्द्र=वृश्चिक 15°30 , अनुराधा 4 ने 

बुध =वृश्चिक 07°52 ‘ अनुराधा 2 नी 

शु क्र= वृश्चिक 26°05, ज्येष्ठा ‘ 3 यी

मंगल=कर्क 05°30 ‘ पुष्य ‘ 1 हु 

गुरु=वृषभ 26°30 मृगशिरा, 1 वे 

शनि=कुम्भ 18°50 ‘ शतभिषा , 4 सू 

राहू=(व) मीन 10°25 उo भा o, 3 झ 

केतु= (व)कन्या 10°25 हस्त 1 पू 

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 07:56 – 09:18 अशुभ

यम घंटा 10:40 – 12:03 अशुभ

गुली काल 13:25 – 14: 47अशुम 

अभिजित 11:41 – 12:25 शुभ

दूर मुहूर्त 12:25 – 13:08 अशुभ

दूर मुहूर्त 14:36 – 15:20 अशुभ

वर्ज्यम 14:05 – 15:48 अशुभ

प्रदोष 17:32 – 20:11 शुभ

🚩गंड मूल 08:03 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

अमृत 06:33 – 07:56 शुभ

काल 07:56 – 09:18 अशुभ

शुभ 09:18 – 10:40 शुभ

रोग 10:40 – 12:03 अशुभ

उद्वेग 12:03 – 13:25 अशुभ

चर 13:25 – 14:47 शुभ

लाभ 14:47 – 16:10 शुभ

अमृत 16:10 – 17:32 शुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 17:32 – 19:10 शुभ

रोग 19:10 – 20:47 अशुभ

काल 20:47 – 22:25 अशुभ

लाभ 22:25 – 24:03* शुभ

उद्वेग 24:03* – 25:41* अशुभ

शुभ 25:41* – 27:18* शुभ

अमृत 27:18* – 28:56* शुभ

चर 28:56* – 30:34* शुभ

💮होरा, दिन

चन्द्र 06:33 – 07:28

शनि 07:28 – 08:23

बृहस्पति 08:23 – 09:18

मंगल 09:18 – 10:13

सूर्य 10:13 – 11:08

शुक्र 11:08 – 12:03

बुध 12:03 – 12:57

चन्द्र 12:57 – 13:52

शनि 13:52 – 14:47

बृहस्पति 14:47 – 15:42

मंगल 15:42 – 16:37

सूर्य 16:37 – 17:32

🚩होरा, रात

शुक्र 17:32 – 18:37

बुध 18:37 – 19:42

चन्द्र 19:42 – 20:47

शनि 20:47 – 21:53

बृहस्पति 21:53 – 22:58

मंगल 22:58 – 24:03

सूर्य 24:03* – 25:08

शुक्र 25:08* – 26:13

बुध 26:13* – 27:18

चन्द्र 27:18* – 28:24

शनि 28:24* – 29:29

बृहस्पति 29:29* – 30:34

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩* 

तुला > 04:14 से 06: 26 तक     

वृश्चिक > 06:26 से 08:52 तक

धनु > 08:52 से 11:04 तक

मकर > 11:04 से 13:56 तक

कुम्भ > 13:56 से 14: 24 तक

मीन > 14:24 से 15:56 तक

मेष > 15:56 से 17:16 तक

वृषभ > 17:16 से 19:24 तक

मिथुन > 19:24 से 21:32 तक

कर्क > 21:32 से 00:10 तक

सिंह > 00:10 से 02:00 तक

कन्या > 02:00 से 04:12 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें । लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 3 + 2 + 1 = 6 ÷ 4 = 2 शेष

 आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है। 

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

   3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = संताप कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

मृत्यु लोक यदा भद्रा सर्वकार्य आयु

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*सर्वार्थ सिद्धि योग प्रातः 08:03 तक*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

 एकेन शुष्कवृक्षेण दह्यमानेन वन्हिना ।

दह्यते तद्वनं सर्व कुपुत्रेण कुलं यथा ।।

।। चा o नी o।।

 जिस प्रकार केवल एक सुखा हुआ जलता वृक्ष सम्पूर्ण वन को जला देता है उसी प्रकार एक ही कुपुत्र सरे कुल के मान, मर्यादा और प्रतिष्ठा को नष्ट कर देता है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

तत्रैकस्थं जगत्कृत्स्नं प्रविभक्तमनेकधा ।,

अपश्यद्देवदेवस्य शरीरे पाण्डवस्तदा ॥,

पाण्डुपुत्र अर्जुन ने उस समय अनेक प्रकार से विभक्त अर्थात पृथक-पृथक सम्पूर्ण जगत को देवों के देव श्रीकृष्ण भगवान के उस शरीर में एक जगह स्थित देखा॥,13॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष

कार्यप्रणाली में सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। यात्रा के योग बनेंगे। लाभ होगा। राज्य से परेशानी हो सकती है। स्त्री को कष्ट। जायदाद वृद्धि के योग बनेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे।

🐂वृष

चिंता तथा तनाव रहेंगे। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। चोट व रोग से बचें। विवाद न करें। आवश्यकताएं बढ़ेंगी। आर्थिक तंगी हो सकती है। कर्ज से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। शत्रु परेशान करेंगे। हानि नहीं पहुंचा पाएंगे।

👫मिथुन

व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी न करें। कष्ट होंगे। खर्च बढ़ेंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। धनागम के अवसर बनेंगे। ‘आ बैल मुझे मार’ की स्‍थिति निर्मित न होने दें। अकारण भय बना रहेगा। व्यापारी सोच-समझकर निर्णय लें। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है।

🦀कर्क

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। बकाया वसूली होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। नेत्र पीड़ा की संभावना। कुछ लाभ। यात्रा के योग टलेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे। ज्ञानीजनों से मुलाकात होगी। शांति बनाना आवश्यक है। अकारण भय व्याप्त होगा।

🐅सिंह

राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बढ़ेगी। हानि-लाभ का वातावरण बनेगा। पराक्रम बढ़ेगा। विजय मिलेगी, गर्व न करें। ईमानदारी से कार्य करते रहें। समय पक्ष का है। स्त्री सुख, यात्रा में हानि, दुख। विरोधी कष्ट देंगे।

🙎‍♀️कन्या

कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। हानि, भय, कष्ट का वातावरण बनेगा। कुछ लाभ के आसार दिखेंगे। दुखद समाचार मिलने की संभावना है। अस्वस्थता होगी। कुसंग से हानि, कुछ लाभ के आसार दिखेंगे।

⚖️तुला

दौड़-धूप अधिक होगी। बुरी सूचना मिल सकती है। विवाद न करें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। अकारण भय व्याप्त होगा। शत्रु शांत होंगे। वाहन देखकर चलाएं। परिस्‍थितियां अनुकूल होंगी। कुछ विरोध होगा। विरोधी अपमान करेंगे। शांति होगी।

🦂वृश्चिक

संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। थकान महसूस होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। कष्टों में वृद्धि के योग हैं। कुछ नए कार्य की संभावना सिद्ध होगी। कष्टों में निवृत्ति नहीं होगी। कलह से बचना होगा। अधिकार के लिए प्रयत्न करना होगा।

🏹धनु

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ होगा। रोग घेरेंगे। चिंताएं बढ़ेंगी। शत्रु शांत होंगे। अपमान, कष्ट, कलह से बचना होगा। राज्य से लाभ के अवसर बढ़ेंगे। लाभ होगा। शत्रु परेशान करेंगे। कुछ नुकसान होगा।

🐊मकर

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। शुभ समाचार की आशा बंधेगी। शत्रु षड्यंत्र रचेंगे। सावधान रहने की आवश्यकता है। पराक्रम दिखलाने का अवसर है। लाभ होगा। रिश्वत न लें। नम्रता बनाए रखें।

🍯कुंभ

धनलाभ के अवसर बढ़ेंगे। मेहनत‍ का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख बनी रहेगी। मातृपक्ष से परेशानी होगी। दुर्घटना की संभावना। धन मिलने की परिस्‍थिति निर्मित होगी। अंतरप्रेरणा से कार्य करें। प्रमाद का त्याग करना होगा।

🐟मीन

भूले-बिसरे साथियों से मिलन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत होंगे। कष्ट-भय की संभावना, अस्वस्थता, आलस्य का अनुभव करेंगे। धनागम होगा। शरीर शिथिल होगा। शत्रु शांत रहेंगे। लाभ-हानि बराबर रहेंगे। प्रमाद बढ़ेगा।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*   प्रायः सब लोग चाहते हैं कि *”मेरा बेटा पढ़ लिख कर विद्वान बन जाए, बुद्धिमान बन जाए, धनवान बन जाए, खूब धन कमाए, अपना और सबका कल्याण करे, तो उसका जीवन सफल हो जाएगा।”*

          जी हां। यह बात सही है। *”परंतु केवल इच्छाएं करने से तो अभीष्ट फल की प्राप्ति नहीं होती। उसके लिए सही जानकारी और यथोचित पुरुषार्थ भी करना पड़ता है।” “इच्छा करना तो सरल है। परंतु वह इच्छा पूरी कैसे होगी, इस बात को जानना बहुत कठिन है। विशेष रूप से इस विषय में, कि “आपका बेटा बुद्धिमान आज्ञाकारी और देश का एक उत्तम नागरिक बने।”*

           लोग केवल इतने में ही अपने जीवन की सफलता मान लेते हैं, कि *”मेरा बेटा लाखों रुपए प्रतिवर्ष कमाता है। भले ही वह माता-पिता का सम्मान न करता हो, उनके साथ न रहता हो, उनसे हजारों मील दूर भारत के ही किसी प्रांत में, अथवा विदेश में रहता हो।”*

         जी नहीं। केवल इतने से माता-पिता का जीवन सफल नहीं होता, और न बेटे का। दोनों के जीवन की सफलता तब है, *”यदि उनके बेटे का जन्म भारत में हुआ है, तो वह अपने माता-पिता के साथ भारत में रहे। उनके साथ एक ही मकान में रहे। उनके साथ बैठकर भोजन करे। वृद्धावस्था में उनकी सेवा करे। उनके सुख दुख बांटे। तब तो माता-पिता और बेटे का जीवन सफल है।” “अन्यथा बेटा कितना भी लाखों रुपया कमाए, यदि वह अपने माता-पिता की सेवा नहीं करता, उनके साथ एक ही मकान में नहीं रहता, उनके सुख दुख नहीं पूछता, तो चाहे वह लाखों अथवा करोड़ों रुपया भी कमाए, तो भी उसका मूल्य शून्य (0) है।”*

          *”क्या माता-पिता ने इसी दिन के लिए बेटे को बड़ा किया था? पाला पोसा था। उसको बुद्धिमान बलवान धनवान विद्वान बनाया था, कि वह बुढ़ापे में अपने माता-पिता की सेवा भी न करे? और स्वार्थी बनकर उन्हें छोड़कर देश विदेश में अपनी मौज मस्ती में ही डूबा रहे?”*

          *”नहीं। यह तो अति स्वार्थ की बात है। इसमें उसका जीवन सफल नहीं हो पाएगा। ऐसे तो वह देश का और माता-पिता का ऋण लेकर इस संसार से जाएगा, जो कि उसे अगले जन्मों में चुकाना पड़ेगा।”*

           इसलिए वैदिक सभ्यता के अनुसार या तो माता-पिता स्वेच्छा से वानप्रस्थी संन्यासी बन जाएं। *”और यदि किन्हीं कारणों से आपात्काल हो और वे रुग्णता या वृद्धावस्था आदि के कारण वानप्रस्थी संन्यासी आदि नहीं बन पाए, तो कम से कम बच्चे उनके साथ रहें। बेटा हो या बेटी, माता-पिता की सेवा करें। तभी बच्चों और माता-पिता का जीवन सफल है, अन्यथा व्यर्थ है।”*

—– *”स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक दर्शन योग महाविद्यालय रोजड़, गुजरात।”*

“गौचर मेला स्मारिका समिति के संयोजक एंव सदस्यो की बैठक “

राजकीय औद्योगिक विकास एंव सांस्कृतिक गौचर मेला -2024 के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु “स्मारिका पत्रिका” प्रकाशन के सम्पादन के सम्बन्ध मे संयोजक डॉ बी एन खाली प्राचार्य डॉ शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग चमोली के दिशानिर्देशन मे एक बैठक आयोजित की गयी।जिसमे स्मारिका प्रकाशन के सम्बन्ध मे विभिन्न बिन्दुओं पर विषयवार चर्चा की गयी । जिसमे संयोजक एंव सदस्यो ने अपने विचार पत्रिका प्रकाशन के सम्बन्ध मे बैठक रखे। जिसमे माननीय मुख्यमन्त्री,माननीय विधायक एंव समस्त जनप्रतिनिधियो के सन्देश एवं लेख आमन्त्रित करने के लिए सर्वसम्मति व्यक्त की गयी। जिसमे मेले के ऐतिहासिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, औद्योगिक स्वरूप , को पत्रिका के माध्यम से आमजनमानस तक पहुंचाने के लिए प्रयास किया जायेगा।

 बैठक मे स्मारिका पत्रिका की समिति के सदस्य डॉ एम एस कण्डारी,डॉ आर सी भट्ट,डॉ राधा रावत,डॉ कीर्तिराम डंगवाल,डॉ वी आर अंन्थवाल, श्री विनोद सिंह मटूडा खण्ड शिक्षा अधिकारी कर्णप्रयाग,डॉ कुशल भण्डारी प्रधानाचार्य रा इ का गौचर,डॉ सुमन ध्यानी शर्मा प्रधानाचार्य रा बा इ का गौचर,राजेन्द्र प्रसाद मैखुरी डाइट गौचर,संदीप त्यागी केन्द्रीय विधालय गौचर,श्री भुवन नौटियाल एडवोकेट कर्णप्रयाग सहित समस्त सदस्य सम्मिलित हुए।

आज सुबह सबेरे एक बेहद दुखद खबर सामने आ रही है।बराथ-किनाथ=गौलीखाल से रामनगर जाने वाली बस सुबह लगभग 8:45 बजे कुप्पी बैंड के पास दुर्घटनाग्रस्त होकर कई मीटर नीचे खाई में समाती हुई ऐन रामगंगा से 10 मीटर पहले जा गिरी, जिसमें पांच से अधिक लोगों की मृत्यु कई अपुष्ट समाचार है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दिवाली,भैयादूज त्यौहार व क्रिकेट मैच इत्यादि खेलकर गाँव से रामनगर व अन्यत्र शहरों के किये लौट रहे यात्रियों से बस ख़च्चाखच भरी हुई थी,जो अचानक कुप्पी बैंड के पास अनियंत्रित होकर गहरी खाई में समा गई। 40 यात्रियों की मौत की खबर के साथ साथ कई यात्री गंभीर रूप से घायल बताएं जिन्हे नजदीकी अस्पताल व रामनगर रेफर किया गया है । फिलहाल रेस्क्यू एजेंसियों ने मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान शुरू कर दिया है।बड़े सड़क हादसे की खबर!

 किनाथ, धुमाकोट (पौड़ी) से रामनगर जा रही गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूजर्स की बस मरचूला के निकट गिरी गहरी खाई में, कई सवारियों के हताहत एवं घायल होने की सूचना!मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी ने सभी संबंधितों को तत्काल राहत एवं बचाव कार्य के लिए निर्देश दिया है। और घटना पर मुख्यमंत्री के साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद ने गहरा शोक प्रकट किया।