सर्दी में भी भड़क रही पिथौरागढ़ के जंगलों में आग

(फाइल फोटो)

पिथौरागढ़ में शीतकाल में ही पहाड़ के जंगल धधकने शुरू हो गए हैं। बड़ौली के बाद सोमवार को पपदेव के जंगलों में आग लग गई। जंगल पूरे दिन सुलगते रहे और वन महकमा सोया रहा। पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में आग लगने का समय 15 फरवरी के बाद माना जाता है, लेकिन इस वर्ष दिसंबर में ही जंगल सुलगने लगे हैं। रविवार को जिला मुख्यालय के नजदीकी बड़ौली ग्राम सभा के जंगल में आग लगी तो सोमवार को इसी गांव के नजदीकी पपदेव के जंगल धधकने लगे।

पूरे दिन जंगल जलता रहा। गांव से बमुश्किल दो किलोमीटर दूर स्थित वन महकमे का कार्यालय भी है लेकिन यह आग विभाग के लोगों को नहीं दिखी। शीतकाल में ही जंगल धधकने से ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीण पीएल वर्मा ने बताया कि इस वर्ष शीतकालीन वर्षा अब तक नहीं हुई है, जिससे जंगलों में नमी नहीं है। हल्की सी चिंगारी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है।

उन्होंने कहा है कि वन विभाग को समय रहते जंगलों की आग को काबू करने के लिए योजना तैयार करनी चाहिए। बता दें वन विभाग जनवरी माह में ही अपना फायर प्लान तैयार करता है। जिसमें 15 फरवरी से 15 जून तक का समय ही शामिल किया जाता है।