रासायनिक खाद और छिड़काव के चलते प्रति वर्ष एक एकड़ कृषि भूमि बंजर हो रही है, फसलों की न्यूट्रिशन वैल्यू समाप्त होती जा रही है

क्या आपको पता है 

अगले 40-50 वर्षों बाद
हमारी सारी खेती योग्य भूमि
बंजर हो जाएंगी ?

रिसर्च कहता है कि खेती करने के लिए
भूमि में मिनिमम 3% ऑर्गेनिक कंटेन्ट
होने चाहिए.
दुनिया के अलग अलग हिस्सों में
यह 1 से लेकर 3% तक है,
वहीं भारत में मात्र 0.5% बचा है.

प्रति सेकंड विश्व में 1 एकड़ ज़मीन
बंजर हो रही है, तो आप इससे
गणना कर लीजिए कि हम
कितनी तीव्र गति से
विनाश की ओर बढ़ रहे हैं.

पर्यावरण को हम मनुष्य
जितनी हानि पहुँचा सकते थे ….
पहुँचा चुके हैं.
अब प्रकृति हमें नुकसान पहुँचा रही है.

आज से सौ वर्ष पहले किसी भी फल में
जितने अधिकतम न्यूट्रिशन्स होते थे
उसका 10% भी उनमें आज शेष नहीं बचा.

आप संतरे को ले लीजिए …
उसमें पहले यदि 100% न्यूट्रिशन होते थे
तो आज मात्र 10% बचा है.
मतलब आप आज 100 संतरे खा लीजिये
और आज से 100 वर्ष पहले का
1 संतरा बराबर था.

दुनिया में जहाँ 52% खेती योग्य भूमि
बंजर हो चुकी है तो भारत में
यह आंकड़ा 60% है.
ऊपर से जंगलों की अंधाधुंध कटाई,
नदियों का क्षरण…
भूमि से जितने ऑर्गेनिक कंटेंट
समाप्त होते जाएंगे भूमि का जलस्तर
उतना गिरता जाएगा.
जब भूमि में नमी ही नहीं बचेगी तो
हरियाली कहाँ से आएगी ?

स्थिति इतनी भयावह है ….
मुझे भी इसकी भनक नहीं थी.
जग्गी वासुदेव की Save Soil मुहीम
के बारे में आज डिटेल में पढ़ा तो
मेरी आँखें फटी रह गईं.

हम आज भी न चेते तो हमारी
★ आने वाली पीढ़ी भूख से मरेगी.
इसे टालने का एक मात्र उपाय है…
संसाधनों का सीमित उपयोग, पेड़ लगाना,
केमिकल और फ़र्टिलाइज़र को
तिलांजलि देना. गाय, भैंस आदि पालिये,
उनके गोबर, मूत्र और प्राकृतिक खाद का
प्रयोग कीजिये. केंचुआ पालन कीजिये
तो शायद स्थिति नियंत्रण में आये, लेकिन
एक या दो लोगों के प्रयास से नहीं होगा.
प्रत्येक व्यक्ति को इसका ध्यान रखना होगा,
लोगों को जगाना होगा

रासायनिक खाद और छिड़काव के चलते प्रति वर्ष एक एकड़ कृषि भूमि बंजर हो रही है, फसलों की न्यूट्रिशन वैल्यू समाप्त होती जा रही है भूमिगत जल को पूरे संसार में चूस तू से जाने के कारण भूमिगत जल सर कम हो रहा है ने इससे शीघ्र ही धरती के अधिसंख्य पेड़ सूख जाएंगे और ऑक्सीजन लेवल घट जाएगा वहीं फसलों में अत्यधिक रासायनिक खादों प्रयोग एवं रासायनिक ओके के छिड़काव से विश्व में कैंसर और हृदय रोग का खतरा भी बहुत बढ़ गया है
अपने लिए न सही अपने बच्चों से तो
सभी को प्यार होगा न ….
तो उन्हें शुद्ध भोजन और जल
मिलता रहे , ये हम नहीं सोचेंगे तो भला कौन सोचेगा