चमोली-पुलिस विभाग ने स्वर्ण पदक विजेताओं को किया सम्मानित , बच्चे खासे उत्साहित

संदीप, गोपेश्वर 

राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया खेलो प्रतियोगिता में चमोली ही नहीं बल्कि उत्तराखंड का नाम रोशन करने वाले परमजीत सिंह बिष्ट व मानसी नेगी ने अभावों में जीवन जीकर मुकाम तय करने वाले किशोरों में हैं। सीमित संसाधनों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा से देश में नाम कमाने वाले ये युवा सीमांत चमोली जिले के गांवों से उभरकर आए हैं। इनकी सफलता पर साथी छात्र छात्राओं, गुरुजन सहित गांव व जिला जश्नका माहोल  है।

पुलिस मैदान गोपेश्वर में पुलिस अधीक्षक  द्वारा *खेलो इंडिया खेलो प्रतियोगिता* में 3000मी. वॉक रेस में *स्वर्ण पदक विजेता मानसी नेगी* ,5000मी. वॉक रेस में *स्वर्ण पदक विजेता परमजीत सिंह* उनके *कोच श्री गोपाल बिष्ट* एव *बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक विजेता सतेंद्र सिंह* के पिताजी श्री महेंद्र सिंह को जनपद चमोली एवं उत्तराखंड राज्य का नाम रोशन करने पर जनपद पुलिस की ओर से सम्मानित किया गया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य हेतु शुभकामनाएं दी गयी। इस सम्मान समारोह के अवसर पर क्षेत्राधिकारी चमोली श्री हरबंस सिंह ,क्षेत्राधिकारी कर्णप्रयाग श्री मिथिलेश कुमार,प्रतिसार निरीक्षक श्री मातवर सिंह थानाध्यक्ष गोपेश्वर श्री कुंदन राम ,थानाध्यक्ष चमोली श्री दीपक रावत सहित सभी थानों के पुलिस कर्मी उपस्थित थे ।पुलिस विभाग के द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह से स्वर्ण पदक विजेता मानसी नेगी, परमजीत सिंह , सहित उनके कोच और अभिभावक खासे उत्साहित नजर आये I

तीन हजार मीटर वाक रेस में गोल्ड मैडल लेने वाली मानसी नेगी ने तो चमोली की बालिकाओं को मानो कुछ अलग करने का हौसला दिया है। गोपेश्वर के नैग्वाड़ स्थित कन्या जूनियर हाइस्कूल में दसवीं की छात्रा मानसी नेगी चमोली के दशोली ब्लाक के दूरस्थ गांव मजोठी की रहने वाली है। पेशे से मैकेनिक मानसी के पिता लखपत सिंह नेगी की 2016 में मृत्यु हो चुकी है। मानसी की मां शकुंतला देवी गांव में ही खेती मजदूरी कर बेटी को आगे बढ़ने का हौसला देती रही। यही कारण है कि बेहद अभावों में भी उसके अंदर कुछ अलग करने का जज्बा हमेशा रहा। उसने तीन हजार मीटर वाक रेस में प्रथम स्थान प्राप्त कर चमोली ही नहीं बल्कि उत्तराखंड का भी नाम रोशन किया है। मानसी की प्रारंभिक शिक्षा कक्षा तीन तक अलकनंदा पब्लिक स्कूल मजोठी में हुई। इस स्कूल के बंद हो जाने के कारण उसने आठवीं तक की पढ़ाई नेशनल पब्लिक स्कूल व नवीं से कन्या हाइस्कूल नैग्वाड़ में की है। मानसी का कहना है कि अगर इसी तरह सही मार्गदर्शन व आगे बढ़ने के लिए संसाधन मिले तो वह दुनिया में भी नाम रोशन कर सकती है। वह इस सफलता का श्रेय मां सहित गुरुजनों को देती है और कहती है कि सभी ने उसे हौसला दिया। 


नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में पांच हजार मीटर वाक रेस में प्रथम पायदान पर आकर गोल्ड मैडल लेने वाले ग्राम खल्ला, पोस्ट आफिस मंडल निवासी परमजीत सिंह बिष्ट इंटर कालेज बैरागना में कक्षा 11 का छात्र है। परमजीत के पिता जगत सिंह बिष्ट खल्ला में ही गांव की छोटी सी दुकान चलाते हैं। मां हेमलता देवी गृहणी है। अभावों की जिंदगी जीने वाले परमजीत को दौड़ लगाने की आदत घर से बैरागना स्कूल तक तीन किमी जाने के दौरान ही पड़ी थी। प्रतिदिन घर का काम निपटाने के बाद विद्यालय पहुंचने के लिए उसे दौड़ लगानी पड़ती थी।