राशि फल और पंचाग

आज का पंचाग आपका राशि फल, 30 अगस्त को भूलोक की भद्रा होने के कारण शुभ कार्यों के लिए ठीक नहीं है 31 अगस्त 2023 को सूर्योदय के बाद भी ढाई घड़ी से अधिक पूर्णिमा होने से पूरे दिन रक्षाबंधन मनाया जा सकता है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा भारत के शास्त्रों में जो खगोलीय सूत्र हैं उन्हें साइंटिफिकली प्रूव करने और नए सिरे से उनके अध्ययन के लिए हमारी युवा पीढ़ी आगे आए, अफगानिस्तान में रहने वाले अंतिम सरदार ने भी भारत में ली शरण

‌‌   *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​*                      *श्री हरिहरौ*                  

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आज का पंचाग आपका राशि फल, परस्पर सम्बन्धों को जीवित रखने से अधिक कुछ भी श्रेष्ठ नहीं, प्रेम की परिभाषा और परिभाषा का प्रेम, चन्द्रयान-3 को रास्ते से हटाने के लिए ‘अंतरिक्ष’ में बहुत बड़ा खेला रचा गया था लेकिन मोदी ने चंद्रमा पर बना दिया ‘शिव शक्ति’ प्वाइंट

*त्याग स्नेह से श्रेष्ठ है*, *चरित्र सुंदरता से श्रेष्ठ है*, *मानवता सम्पत्ति से श्रेष्ठ है, परंतु* *परस्पर सम्बन्धों को जीवित रखने से अधिक कुछ भी

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आज का पंचाग आपका राशि फल, इसरो के अध्यक्ष श्री सोमनाथ द्वारा वेदों में साइंस होने की बात कहने मात्र से बुद्धि विलासियों में खलबली, 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO की स्थापना करने वाले विक्रम साराभाई की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु का अनावरण चाहता है देश

‌‌   *यदि सब ठीक अच्छा चल रहा है* *तो उसका आनन्द लेतें रहें क्योंकि* समय स्थाई नहीं है।  *यदि कुछ बुरा चल रहा है …* *तो

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आज का पंचाग आपका राशि फल, साधनों में सन्तोष  करना चाहिए लेकिन साधना में निरंतर प्रयास यानी सांसारिक उपलब्धियों में संतोष और सांस्कारिक उन्नति में निरंतरता, रामायण में जटायु संपाति की भूमिका, वे जिन्हें चंद्रयान 3 की सफलता पच नहीं रही, भारत के क्षत्रीय राजा कभी हारे ही नहीं उन्हें पाठ्यक्रम में जानबूझकर हराया गया

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉   🌄सुप्रभातम🌄 🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓 🌻शुक्रवार, २५ अगस्त २०२३🌻 सूर्योदय: 🌄 ०६:०७ सूर्यास्त: 🌅 ०६:५१ चन्द्रोदय: 🌝 १३:५६  चन्द्रास्त: 🌜००:०५ अयन 🌖 दक्षिणायणे

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आज का पंचाग आपका राशि फल, लक्ष्मी जी भगवान नारायण के चरणों को क्यों निहारती हैं, 84 लाख योनियों से मुक्ति के लिए पढ़ें भगवान श्रीकृष्ण की यह कथा

भगवान गणेश जी के साथ रिद्धि-सिद्धि  *गणपतिपरिवारं चारुकेयूरहारं*        *गिरिधरवरसारं योगिनीचक्रचारम्।* *भवभयपरिहारं दु:खदारिद्रयदूरं*      *गणपतिमभिवन्दे वक्रतुण्डावतारम्।।*     ( *गणेशजी सभी गणपतियों

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