जाने बजट की बारीकियां- अपने हिस्से का बजट

वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट में वेतनभोगियों को मिली 40 हजार रुपये की बंपर छूट, बुजुर्गों के लिए भी की बड़ी घोणाए ।

पर्सनल इनकम टैक्स– 1.89 करोड़ वेतनभोगियों ने रिटर्न दाखिल किया

-1.44 लाख करोड़ रुपये टैक्स दिये
-76,306 रुपये प्रति व्यक्ति टैक्स दिये

-1.88 करोड़ इंडीविजुअल बिजनेसमैन ने 48,000 रुपये टैक्स दिये

-25,753 रुपये प्रति व्यक्ति टैक्स बनता है
-ब्लैकमनी को खत्म करने की दिशा में काम करेंगे
-वर्ष 2014-15 में 6.47 करोड़ टैक्सपेयर थे, जो वर्ष 2016-17 में बढ़कर 8.27 करोड़ हो गये.
-41 फीसदी नये रिटर्न फाईल हुए

-टर्नओवर अब भी बहुत ज्यादा नहीं है

-44.72 लाख रिटर्न मिले वर्ष 2017-18 में

-7,000 एवरेज टैक्स मिला

-5.68 लाख रिटर्न मिले

-100 फीसदी छूट है सहकारिता समितियों को टैक्स से

-100 फीसदी छूट फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों को मिलेगा 2018-19 से

-ऑपरेशन ग्रीन्स मिशन को मिलेगा बढ़ावा

-सम्पदा योजना को मिलेगी मजबूती
-राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, गवर्नर और सांसदों की सैलरी में वृद्धि की घोषणा
-सांसदों के वेतन में भी वृद्धि की गयी
-नया कानून बनेगा, ताकि अपना वेतन बढ़ाने के लिए आलोचना न झेलना पड़े
-हर पांच साल में महंगाई दर के आधार पर वेतन में वृद्धि होगी

-गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम में बदलाव किये जायेंगे
-बैंकों को मजबूत बना रहे हैं. बैंक 5 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त लोन देने में सक्षम होंगे.
-विनिवेश का रिकॉर्ड बनाया, जो लक्ष्य तय किया था, उससे ज्यादा मिला

-1 लाख करोड़ का लक्ष्य रखा था 2017-18

-2018-19 के लिए 80 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश का प्रस्ताव करता हूं.
-1 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाईबर के जरिये ब्रॉडबैंड से जोड़ा गया
-5 लाख वाई फाई हॉट स्पॉट लगाकर 5 करोड़ लोगों को इंटरनेट से जोड़ेंगे
-5जी तकनीक के लिए चेन्नई में स्वदेशी टेस्टबेड की स्थापना होगी
-क्रिप्टो करेंसी को लीगल टेंडर नहीं मानती भारत सरकार
-5.97 लाख करोड़ रुपये (4.49 करोड़ पिछले वर्ष था) खर्च का अनुमान
-सुरक्षा बलों ने देश को आंतरिक और बाह्य चुनौतियों से बचाया है. सुरक्षा बलों को मजबूत बनाने के लिए एनडीए सरकार ने कई योजनाओं पर काम किया. राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया. पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया. दो रक्षा उत्पादन कॉरिडोर बनाये.
-‘आधार’ हर भारतीय की पहचान बन रहा है. हर बड़े या छोटे संस्थान की विशिष्ट पहचान संख्या की जरूरत है. सरकार ने 372 बेसिक बिजनेस रिफॉर्म एक्शन तय किये हैं. फीडबैक के आधार पर इस दिशा में काम किया जायेगा.
-मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला सितंबर, 2017 में रखी गयी.
-तीन साल में विमान यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
-उड़ान योजना 56 ऐसे एयरपोर्ट और 37 हेलीपैड पर सेवाएं शुरू हुई हैं, जो अब तक बंद थीं

-हवाई चप्पल पहनने वाले लोग भी हवाई जहाज में चलने लगे

-सड़क की आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. भारतमाला योजना को मंजूरी दी गयी है, जिससे गांवों को शहरों से जोड़ा जा रहा है.
-5.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटायेंगे.
-2018-19 के लिए रेलवे को मिलेंगे 1,48,528 करोड़ रुपये
-सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय रेलवे संरचना कोष
इन्फ्रास्ट्रक्चर
-15 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है जीडीपी को रफ्तार देने के लिए
-सेला पास में अंडरपास बनेगा
-सी प्लेन गतिविधियां बढ़ाने पर जोर देगी सरकार
-2 इंटर लिंक प्रोग्राम स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत योजना की शुरुआत की
-100 स्मार्ट सिटी बनेंगे. 99 स्मार्ट सिटी पर 2.04 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे
-10 आइकॉनिक टूरिस्ट स्पॉट बनेंगे
-अमृत योजना के तहत सभी घरों में पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है
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-रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये.
-8.33 फीसदी इपीएफ में सरकार देती है नये कामगारों के खाते में
-50 लाख युवाओं को 2020 तक ट्रेनिंग देने की सरकार ने व्यवस्था की है
-12 सप्ताह के मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया

-17 लाख रोजगार का सृजन हुआ इस साल

-12 फीसदी (वेतन का) इपीएफ में सरकार देगी नये कामगारों और अन्य सभी कामगारों के खाते में तीन साल तक

-इपीएफ में महिलाओं का अंशदान घटाकर 8 फीसदी किया गया
-मुद्रा लोन के लिए सरकार ने किया 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान
-मुद्रा योजना के तहत अब तक 10.78 करोड़ लोगों को लोन दिये गये. इससे बड़े पैमाने पर महिलाओं और अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग लाभान्वित हुए.
-एमएसएमई मुद्रा योजना के तहत लोन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.
-प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से 13 करोड़ से अधिक लोग जुड़े. सरकार सभी गरीब घरों को, जिसमें एससी, एसटी शामिल हैं, को मिशन मोड के तहत इसे जोड़ेगी.
-प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गये बैंक खातों के जरिये विभिन्न योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है.
-सुकन्या समृद्धि योजना 2015 में शुरू हुई. नवंबर 2017 में 1.26 करोड़ खुल चुके हैं. इसमें 19183 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं.
-187 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गयी नमामि गंगे योजना के तहत
-16,713 करोड़ रुपये की योजनाएं गांवों में शुरू की गयी हैं
-कई योजनाएं शुरू होने वाली हैं
-गंगा के तट पर स्थित सभी गंगा ग्राम को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है.
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-प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से 13 करोड़ से अधिक लोग जुड़े. सरकार सभी गरीब घरों को, जिसमें एससी, एसटी शामिल हैं, को मिशन मोड के तहत इसे जोड़ेगी.
-प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गये बैंक खातों के जरिये विभिन्न योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है.
-सुकन्या समृद्धि योजना 2015 में शुरू हुई. नवंबर 2017 में 1.26 करोड़ खुल चुके हैं. इसमें 19183 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं.
-187 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गयी नमामि गंगे योजना के तहत
-16,713 करोड़ रुपये की योजनाएं गांवों में शुरू की गयी हैं
-कई योजनाएं शुरू होने वाली हैं
-गंगा के तट पर स्थित सभी गंगा ग्राम को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है.
स्वास्थ्य : सर्वे भवन्तु सुखिन:
-स्वस्थ भारत से ही समृद्ध भारत का निर्माण हो सकता है.
-आयुष्मान भारत परियोजना के तहत दो महत्वपूर्ण घोषणाएं
-1.5 लाख हेल्थ वेलनेस सेंटर लोगों के घर तक पहुंचेंगी. मुफ्त दवा और जांच सुविधा उपलब्ध करायेगी. 1,200 करोड़ रुपये का प्रावधान.
-इलाज पर लोगों को अपनी संपत्ति बेचनी पड़ती है. गरीब परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना 30 हजार रुपये की व्यवस्था करता है. हेल्थ केयर प्रोटेक्शन को नयी ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं.
-10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए नेशनल हेल्थ केयर प्रोटेक्शन स्कीम
-50 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे
-05 लाख रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष सुविधा मिलेगी
-दुनिया की सबसे बड़ी सरकार प्रायोजित स्वास्थ्य सेवा
-इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. लोग स्वस्थ रहेंगे, तो उत्पादकता भी बढ़ेगी.
-इस परियोजना को आगे बढ़ाने पर भविष्य में विचार करेंगे.
-टीबी सबसे ज्यादा गरीबों की जान लेने वाली बीमारी है
-24 नये मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे. इसमें कई डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स को अपग्रेड किया जायेगा. यानी तीन लोकसभा सीट पर एक मेडिकल कॉलेज हो, इसकी व्यवस्था हम करेंगे.
-गांवों की स्वास्थ्य सेवा सुधारने के लिए हमने शौचालय का निर्माण शुरू किया है.

-गरीब की छोटी-छोटी चिंताओं और बड़ी-बड़ी समस्याओं को दूर करने की कोशिश कर रही है हमारी सरकार. गरीब महिलाओं को लकड़ी के धुआं से मुक्ति दिलाने के लिए उज्ज्वला योजना. 5 करोड़ महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिया गया. अब सरकार उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देगी.
-देश में हर गरीब के घर में रोशनी पहुंचे, इसके लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना की शुरुआत की गयी है. इस योजना के तहत देश के चार करोड़ गरीब घरों को बिना किसी शुल्क के बिजली कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है. इस योजना पर 16 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं.
-घर का एक घंटा बिजली न हो, तो हम इधर-उधर दौड़ने लगते हैं. मशीनों के बारे में सोचने लगते हैं. उन महिलाओं, बच्चों के बारे में सोचिये, जिनके घरों में अब बिजली पहुंचेगी, तो किस तरह से प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना उनकी जिंदगी बदलने जा रही है.
-गरीब को भारत के स्वच्छ भारत मिशन से काफी लाभ हुआ है. सरकार ने 6 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाये. इससे नारी की गरिमा, बेटी की शिक्षा और पूरे परिवार की स्वास्थ्य सुरक्षा पर इसका असर पड़ा है. अगले वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य है.
-गरीब की एक चिंता रही है सिर पर एक अदद छत की. भ्रष्टाचार की कमाई से दूर ईमानदार गरीब एक घर चाहता है. हमारी सरकार उसकी पूरी मदद कर रही है. 2022 तक देश के हर गरीब के पास उसका अपना घर हो, हमारा यह उद्देश्य है. इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गयी है. ग्रामीण इलाकों में 2017-18 में 51 लाख और 2018-19 में 51 लाख मकान बनाये जा रहे हैं.
-शहरी क्षेत्रों में 37 लाख मकान बनाने के लिए मदद स्वीकृत की गयी है. सरकार ने नेशनल हाउसिंग बैंक के जरिये विभिन्न क्षेत्र के लोगों को लोन देने की व्यवस्था की है. नेशनल लाइवलीहुड मिशन के लिए 5000 करोड़ से अधिक की योजना को स्वीकृति देने का प्रस्ताव किया.
-बटाईदारों और लीज पर खेती करने वाले लोगों को भी लोन दिलाने की व्यवस्था करेगी. इन्हें अभी इन्हें सूदखोरों से पैसे लेने पड़ते हैं.
-2,000 करोड़ रुपये की एग्री-मार्केट डेवलपमेंट फंड से कृषि बाजार विकसित किये जायेंगे
-किसान क्रेडिट कार्ड का विस्तार होगा. मत्स्यपालन और पशुपालन से जुड़े लोगों को भी मिलेगा लाभ.
-अरुण जेटली ने किसानों के लिए संसद में बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 75वें साल में किसानों की आय को दोगुना करने का सरकार का संकल्प है. उन्होंने कहा कि किसानों के हित में सरकार ने कई फैसले लिये हैं. सरकार ने तय किया है कि कृषि को लाभदायी बनाने के लिए किसानों को उत्पादन की लागत से कम से कम 50 फीसदी से अधिक यानी लागत से डेढ़ गुना दाम मिले. सरकार इस संकल्प के प्रति संवेदनशील रही है. रबी की अधिकांश अधिघोषित फसलों का समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना तय किया जा चुका है.
-वित्त मंत्री ने कहा कि तय किये गये सिद्धांत के अनुसार सरकार ने सभी अधिघोषित खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य लागत मूल्य से डेढ़ गुना किया जायेगा. ऐतिहासिक निर्णय से किसानों की आय दोगुनी करने में मददगार होगा.
-सरकार किसी भी विषय को टुकड़ों में नहीं, समग्रता के साथ सुलझाने की दिशा में काम करती है. न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा देना ही पर्याप्त नहीं है. अधिक महत्वपूर्ण है कि घोषित एमएसपी का पूरा लाभ किसानों को मिले., जरूरी है कि बाजार के दाम एमएसपी से अधिक है, तो सरकार एमएसपी से खरीदी करे या अन्य व्यवस्था के तहत सुनिश्चित करे कि किसानों को पूरी राशि मिले.
-सरकार एक पुख्ता व्यवस्था करेगी, ताकि किसानों को उनकी फसल के उचित दाम मिलें. जिलों में कृषि क्लस्टर मॉडल विकसित करेंगे. इससे पहले उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है. वर्ष 2016-17 में 275 मिलियन टन खाद्यान्न, 300 मिलियन टन फलों का उत्पादन हुआ.
-किसानों के कल्याण के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है. 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का सरकार का लक्ष्य है. कृषि को एंटरप्राईजेज के रूप में स्थापित करेंगे, ताकि किसानों की आय बढ़े.
-सर्विस सेक्टर में 8 फीसदी की दर से हुई तरक्की
-ईज ऑफ लीविंग पर जोर दे रही है सरकार
-उज्ज्वला योजना के जरिये करोड़ों लोगों को एलपीजी कनेक्शन
-जनऔषधि केंद्रों पर 800 से ज्यादा दवाएं कम कीमतों पर बेची जा रही हैं.
-गरीबों को मुफ्त डायलिसिस सुविधा के लिए विशेष योजना
-गरीबों एवं मध्यम वर्ग को आवास ऋण योजना में बड़ी राहत दी गयी
-वर्ष 2014 में भाजपा के सत्ता संभालने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुए हैं. अब भारत दुनिया की सतवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
-भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है.
-भारत की अर्थवयवस्था 7.25 फीसदी की विकास दर हासिल की है. भारत की अर्थव्यवस्था 2.5 ट्रिलियन हो गयी.
-सरकार के सुधार कार्यक्रमों से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है.
-जीएसटी आने के बाद टैक्स कलेक्शन बढ़ा. 

 मोदी ने चुनावी साल के बावजूद आम बजट को  चुनावी हवा लगने नहीं दी, यह बजट भारत के भविष्य की दशा और दिशा तय करने वाला बजट है,  इसमें किसानों को खासी तवज्जो दी गई है और गरीबों को मदद पहुंचाने के की कोशिश की गई है,  साथ ही इस बजट में प्रत्येक व्यक्ति के लिए मेडिकल बीमा जैसा एशिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट जैसा कुछ ना कुछ अवश्य प्रयास किया गया है। जो लोग कल तक गरीबी और मंहगाई का रोना रो रहे थे वे आज इनकम टैक्स में छूट नहीं मिलने की बातें करते हुए नजर आए, इससे स्पष्ट है कि मोदी के द्वारा लागू की जा रही योजनाएं सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं. भारत विश्व की उभरती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। विदेशी निवेश बढ़ा है। बजट के दूसरे दिन अमेरिका और चीन ने माना भारत बन रहा है विकसित देश के साथ सूपर पावर।–हरीश मैखुरी। 

==बजट भविष्य की भविष्यवाणी कर रहा है== भीष्म कुकरेती 

सन 2018 -19 का बजट वास्तव में भविष्य की भविष्यवाणी कर रहा, वह है स्वास्थ्य सेवाओं में क्रान्ति। मोदी सरकार दुबारा जीते या ना जीते , मोदी सरकार की स्वास्थ्य सेवा नीति (10 करोड़ परिवारों को 5 लाख की गारंटी ) पहले यह योजना चाहे घिसट कर चले या तेजी से चले किन्तु अब भारत में स्वास्थ्य सेवा में आमूल चूल परिवर्तन होना ही है। 2019 में बनने वाली दूसरी या यही सरकार अब इस नीति से पीछे नहीं हट सकती है। जब मेडकल इंस्युरेन्स में तेजी आयी तो मेडिकल संस्थान खुलने में तेजी आयी याने मेडिकल सर्विसेज में रोजगार के अवसर बढ़े। इसी तरह इस योजना से छोटे बड़े अस्पतालों में वृद्धि होगी फिर 1 .5 लाख हेल्थ सेंटर भी खुलेंगे। याने यहां भी रोजगार पैदा होंगे।

—–डाक्टरी ना सही मेडिकल सर्विस में अन्य रोजगारों को पकड़ें —-

हेल्थ केयर सर्विसेज में जब परिवर्तन होंगे तो हेल्थ केयर संस्थानों को सौ किस्म से अधिक टेक्नीशियन व विशेष टेक्नीशियनों जिसमे फिनेंस मैनेजमेन्ट भी आता है की आवश्यकता पड़ेंगी। मैं कोशिश करूँगा कि इन टेक्नीकल पदों के बारे में अलग से पोस्ट करूँ।
आज आवश्यकता है कि नॉन ग्रेजुएट उत्तराखंडी इन जॉब्स की और ध्यान दें और प्राइवेट या सरकारी संस्थाओं से आवश्यक ट्रेनिंग लें।
हेल्थ केयर जॉब्स कल एक क्रेज बनने वाला है जैसे सॉफ्ट वेयर या इलेक्ट्रॉनिक्स उद्यम में जॉब्स क्रेज बना था।

— युवाओं को हेल्थ केयर में जाने के लिए प्रेरणा –

बुद्धिजीवियों का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है कि वे विभिन्न कार्यों व माध्यमों से से उत्तराखंडी युवाओं को हेल्थ केयर प्रोफेसन में जाने हेतु प्रेरित करें

राजनैतिक कार्यकर्ताओं को राजनैतिक स्वार्थ छोड़ उत्तराखंडी युवाओं को हेल्थ केयर प्रोफेसन में आने हेतु प्रेरित करना चाहिए
सामाजिक संस्थाओं को जागरण हेतु आगे आना सामयिक मांग है।


धनी उत्तराखंडियों के मेडिकल सर्विसेज में निवेश करना चाहिए –

जो उत्तराखंडी धनी व कर्मठ हैं उन्हें मेडिकल सर्विसेज व मेडिकल सर्विसेज ट्रेनिंग सेंटर खोलने में निवेश करना चाहिए।
हर उत्तराखंडी को गाँठ बाँध लेनी चाहिए के हेल्थ सर्विसेज में भविष्य है तो युवाओं को हेल्थ केयर सर्विसेज में जाने के लिए प्रेरित करना ही चाहिए।? – – भीष्म कुकरेती