22 करोड़ खर्च आयेगा इस बच्ची के इंजेक्शन पर, प्रधानमंत्री ने किए 6 करोड़ कस्टम ड्यूटी के माफ

पीएम मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कहावत को चरितार्थ कर के दिखाया है। मुम्बई चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती 6 महीने की बच्ची तीरा कामत के इलाज के लिए 6 करोड़ रू की कस्टम ड्यूटी को समाप्त कर एक  मिसाल दी है। बच्ची ऐसी बीमारी से ग्रसित है इसके उपचार के लिए अमेरिका से 16 करोड का एक इंजेक्शन मंगाया जाना है जिस पर छह करोड़ की सरकारी ड्यूटी ऊपर से लगनी थी। बता दें कि बेटी तीरा स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप वन से पीड़ित हैक्राउड फंडिंग के जरिए इस बच्ची के मां-बाप ने जैसे तैसे 16 करोड़ तो जुटा लिए लेकिन 16 करोड पर 6 करोड कस्टम ड्यूटी के पैसे बच्ची के मां-बाप के पास इकट्ठा नहीं हो पाए तब उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से संपर्क साधा, देवेंद्र फडणवीस ने इस बच्ची की जान बचाने की हेतु प्रधानमंत्री मोदी से कस्टम ड्यूटी माफ करने के लिए पत्र लिखा, जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने तत्काल संज्ञान लेते हुए 6 करोड़ पचास लाख रुपए की कस्टम ड्यूटी को समाप्त कर लिया यह प्रधानमंत्री की दरियादिली और संवेदनशीलता का अनुपम उदाहरण है breakinguttarakhand.com की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद और बिटिया तीरा को नवजीवन की शुभकामनाएं 

मुंबई की निवासी प्रियंका और मिहिर कामत ने इंपैक्ट गुरु डॉट कॉम पर क्राउडफंडिंग के माध्यम से 14.92 करोड़ रुपये जुटाए है। जिससे इस दुनिया की सबसे महंगी दवा ज़ोल्गेन्स्मा को खरीदा जा सके। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इनकी 5 महीने की बेटी तीरा स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप वन से पीड़ित है इस पूरी पूंजी को जमा के इकट्ठा हो जाने से 5 महीने की उस नन्ही बच्ची की अब जिंदगी बचने की उम्मीद बढ़ गई है। 

इस इंजेक्शन की कीमत इतनी अधिक है कि आम आदमी के लिए इसे खरीदना संभव नहीं है। तीरा के पिता मिहिर एक आईटी पेशेवर हैं जबकि माँ प्रियंका एक फ्रीलांस इलस्ट्रेटर के रूप में काम करती हैं। ऐसी स्थिति में, तीरा का परिवार उसे खोने से डरता था क्योंकि इंजेक्शन की लागत बहुत अधिक थी।

इस विषय पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा, जिसके बाद मोदी जी ने इस पर कर माफ कर दिया। यदि बच्चे को ये इंजेक्शन समय पर नहीं मिलते हैं, तो बच्चा केवल 13 महीने तक जीवित रहेगा। आपको बता दें कि छोटा बच्चा टीरा कामत 13 जनवरी से मुंबई के एसआरसीसी चिल्ड्रन अस्पताल में भर्ती है। उसके फेफड़ों के एक हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था।

उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर एक पेज बनाया और तीरा के इलाज के लिए क्राउड फंडिंग शुरू की। अच्छी प्रतिक्रिया मिलने पर, अब तक 16 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही तीरा का इलाज हो जाएगा।