लिखा तो ग्रुप के मित्रों को था पर लिख गये हकीकत

 क्रांति भट्ट की कलम से

Kranti Bhatt Gopeshwar: ” मित्रों ! शुभ प्रभात । आशा है आप सबकी ” बग्वाल ” अच्छी रही होगी, इस बार बग्वाल में ” बाजार ” में चमक तो रही पर ” रुप्या पैसों की खनक कम ही दिखी।  हां गाडियों की खनक अपवाद रही । सम्पन्न लोगों ने खरीदीं गाडियां , कितनी रहीं होंगी सौ पचास । पर आम जनों द्वारा बाजार में अपनी क्रय शक्ति के अनुसार खरीदीं जाने वाली वस्तुओं की खरीददारी के प्रति उत्साह कम दिखा न जाने क्यों ! पटाखेः भी कम ही फूटे । अच्छी बात रही कि किसी के ” पराल और घास के खुम्बे पर आग भी नहीं लगी । राकेट कम छूटे । कंटर बम भी कम ही फूटे । पटाखों से हाथ झुलसने की घटना भी सुनी । ध्यूत क्रीड़ा  भी कम ही चली । ” अमृत जल ” पीकर लमडने की घटना भी नहीं सुनी ।
गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं