उत्तराखंड के लोक गायक पूरन राठौर जिनकी प्रसंशा प्रधानमंत्री मोदी ने की

निष्ठा पुरूषार्थ और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है उत्तराखंड के #पूरन_राठौर के नाम की चर्चा आज पूरे देशभर में है। कारण है #प्रधानमंत्री #नरेन्द्र_दामोदर_दास_मोदी द्वारा #मन_की_बात कार्यक्रम में उनका उल्लेख किया जाना।

उत्तराखंड में #बागेश्वर जनपद के लोक गायक पूरन सिंह राठौर दिव्यांग होने के उपरांत भी उनके द्वारा उत्तराखण्ड की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए जो कार्य किये जा रहे हैं, उसके लिए पीएम सीएम सब उनकी प्रसंशा कर रहे है।

बागेश्वर जनपद के दुग नाकुरी तहसील निवासी पूरन राठौर देश विदेश में प्रदेश का नाम उजागर कर रहे हैं। आंखों से दिव्यांग पूरन सिंह राठौर 11 वर्ष की आयु से गीत गाने लगे। अभी वे 39 वर्ष के हैं। केवल गीतों को गाकर ही वह परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। उनकी 15 वर्षीय बेटी रोशन कक्षा 10, 13 वर्षीय नेहा कक्षा सात, 10 वर्षीय गरिमा कक्षा पांच और छह वर्षीय पुत्र मयंक कक्षा एक में पढ़ रहे हैं। पत्नी हेमा देवी ही पूरण की आंखें हैं।

पूरन राठौर उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से सम्मानित भी हो चुके हैं। उन्होंने राजुला मालूशाही, न्योली, हुड़क्या बौल, श्रतु रैण, जागर, भगनौल आदि विधाओं में रचनाएं प्रस्तुत कर संस्कृति बढ़ाने के क्षेत्र में कार्य किया है।

पूरन राठौर ऐसे लोकगायक हैं जिनके गीतों को सुन कर आप मंत्रमुग्ध हो जायेंगे। उनके कई गीत, जागर, न्यौली, भगनौल आ चुके है। जिस तरह से पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया पर पूरन राठौर ने अपनी कला को लोगों तक पहुंचाया, एक #दृष्टि_बाधित के लिए बहुत कठिन है लेकिन उनकी लगन और परिश्रम के आगे बाधाओं को झुकना पड़ा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी गायकी की प्रसंशा की। ✍️हरीश मैखुरी
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