त्रिवेंद्र सरकार का नये वर्ष पर उपहार: नर्सिंग भर्ती में मानकों में होगा संशोधन, वहीं सरकारी आवासों में बढ़ाया दिव्यांग कोटा

*नर्सिंग भर्ती में मानकों में संशोधन करेगी सरकार*

*मुख्यमंत्री ने बेरोजगारों के ज्ञापन का लिया संज्ञान*

*स्वास्थ्य सचिव को दिए संशोधन का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश*

देहरादून । मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नर्सिंग की भर्ती में मानकों में संशोधन के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने नर्सिंग प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं के ज्ञापन का संज्ञान लेकर सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र आगामी कैबिनेट में लाया जाए। जिससे नर्सिंग की भर्ती में मानकों में आवश्यक संशोधन किया जा सके और ज्यादा से ज्यादा नर्सिंग प्रशिक्षित युवा उसमें शामिल हो सकें।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश के बाद राज्य में 1200 से ज्यादा पदों पर नर्सिंग स्टाफ की भर्ती होने जा रही है। लेकिन भर्ती के लिए 30 बेड के अस्पताल से एक साल के अनुभव और फार्म 16 की अनिवार्यता के कारण कई नर्सिंग प्रशिक्षित युवा इस भाग लेने से वंचित हो रहे थे। इस पर नर्सिंग प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन देकर मानकों में ढील देने की मांग की थी। जिससे अधिक से अधिक नर्सिंग प्रशिक्षित युवा इसमें भाग ले सकें।
कोरोना को हराकर आज से काम काज शुरू करते ही मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहला निर्णय नर्सिंग भर्ती के मानकों में संशोधन का लिया। नर्सिंग बेरोजगार संगठन की ओर से दिए ज्ञापन का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि 30 बेड के अस्पताल में एक साल के अनुभव की शर्त को हटा दिया जाए। सचिव स्वास्थ्य श्री अमित नेगी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार नर्सिंग भर्ती के लिए अब 30 बेड के अस्पताल में एक साल के अनुभव की शर्त को हटाया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के सम्मुख रखेंगे। इस संशोधन के बाद फार्म 16 की अनिवार्यता भी स्वत ही खत्म हो जाएगी। साथ ही 30 बेड के अस्पताल में एक साल के अनुभव की शर्त भी हट जाएगी। कैबिनेट निर्णय के बाद नर्सिंग प्रशिक्षित बेरोजगार इसके लिए नर्सिंग भर्ती के लिए पात्र हो जाएंगे।

*दिव्यांग कार्मिकों को त्रिवेंद्र सरकार का बड़ा तोहफा*

*सरकारी आवासों के आवंटन में दिव्यांग कार्मिकों को मिलने वाला आरक्षण तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत किया गया*

राज्य के सरकारी विभागों में कार्यरत दिव्यांग कार्मिकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। त्रिवेंद्र सरकार ने सरकारी आवासों के आवंटन में दिव्यांग कार्मिकों को मिलने वाला आरक्षण तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया है। राज्य सरकार के इस निर्णय से जाहिर तौर पर दिव्यांग कार्मिकों को अब पहले से ज्यादा संख्या में सरकारी आवास मिल सकेंगे।
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार द्वारा लगातार जनहित में लोकप्रिय निर्णय लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब त्रिवेंद्र सरकार ने दिव्यांग कार्मिकों की समस्या को समझते हुए उन्हें बड़ी राहत प्रदान की है। दीगर है कि पूर्व में दिव्यांग कार्मिकों को सरकारी आवास पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। कई बार पात्र दिव्यांग कार्मिक सरकारी आवास पाने से वंचित रह जाते थे क्योंकि उस समय दिव्यांग कार्मिकों को केवल 3 प्रतिशत आरक्षण ही सरकारी आवासों के आवंटन में मिल पा रहा था लेकिन अब राज्य सरकार ने उनकी इस पीड़ा को समझते हुए इसे दूर करने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मार्ग-दर्शन में राज्य के समाज कल्याण विभाग ने सरकारी आवासों, भवनों के आवंटन में समस्त श्रेणी के दिव्यांग कार्मिकों के लिए निर्धारित तीन प्रतिशत के आरक्षण को बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया है। इस संबंध में राज्य संपत्ति विभाग ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है और मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद समस्त विभागों को आवास आवंटन के लिए जारी किए जाने वाले निर्देश का आलेख्य भी तैयार कर दिया गया है।