आज का पंचाग आपका राशि फल, भौतिक आध्यात्मिक और आत्मिक सुख के उपाय

 *।। ॐ ।।*
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग*»»»📜
कलियुगाब्द……………………5124
विक्रम संवत्…………………..2079
शक संवत्……………………..1944
रवि………………………..दक्षिणायन
मास…………………………..भाद्रपद
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी………………………….द्वितीया
दोप 03.18 पर्यंत पश्चात तृतीया
सूर्योदय…………प्रातः 06.08.23 पर
सूर्यास्त…………संध्या 06.47.55 पर
सूर्य राशि…………………………सिंह
चन्द्र राशि……………………….कन्या
गुरु राशि…………………………मीन
नक्षत्र………………….उत्तराफाल्गुनी
रात्रि 10.57 पर्यंत पश्चात हस्त
योग……………………………साध्य
रात्रि 12.52 पर्यंत पश्चात शुभ
करण…………………………कौलव
दोप 03.18 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु……………………………वर्षा
दिन………………………..सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
29 अगस्त सन 2022 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.02 से 12.52 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 07.45 से 09.19 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*सिंह*
05:19:47 07:31:35
*कन्या*
07:31:35 09:42:15
*तुला*
09:42:15 11:56:53
*वृश्चिक*
11:56:53 14:13:03
*धनु*
14:13:03 16:18:41
*मकर*
16:18:41 18:05:48
*कुम्भ*
18:05:48 19:39:21
*मीन*
19:39:21 21:10:33
*मेष*
21:10:33 22:51:17
*वृषभ*
22:51:17 24:49:55
*मिथुन*
24:49:55 27:03:37
*कर्क*
27:03:37 29:19:47

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक………………..2
🔯 शुभ रंग………………सफ़ेद

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 06.11 से 07.44 तक अमृत
प्रात: 09.18 से 10.52 तक शुभ
दोप. 02.00 से 03.34 तक चंचल
अप. 03.34 से 05.08 तक लाभ
सायं 05.08 से 06.42 तक अमृत
सायं 06.42 से 08.08 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ पंचवक्त्राय नमः ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
कापुरुषः कुकुरश्र्च भोजनैकपरायणः ।
लालितः पार्श्र्चमायाति वारितः त च गच्छति ॥
अर्थात :-
कापुरुष और कुत्ता दोनों भोजन परायण होते है । प्यार करने से पास आते हैं और दूर करनेसे जाते नहीं ।

🍃 *आरोग्यं :-*
*अजवाइन की पत्ती के फायदे -*

*4. डायबिटीज को करे नियंत्रित -*
आजवाइन की पत्तियां टाइप-1 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद के लिए भी जाना जाता है। डायबिटीज के विकास को रोकने में आजवाइन की पत्तियों की बड़ी सफलता के कारण, यह भविष्य में मधुमेह के उपचार में स्थिरता ला सकता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
रोजगार में वृद्धि तथा बेरोजगारी दूर होगी। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। संचित कोष में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझ्कर निवेश करें। संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। झंझटों से दूर रहें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी, परिवार का साथ मिलेगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। घर-बाहर सहयोग प्राप्त होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। बेरोजगारी दूर होगी। अचानक कहीं से लाभ के आसार नजर आ सकते हैं। किसी बड़ी समस्या से निजात मिलेगी। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। कोर्ट व कचहरी के अटके कामों में अनुकूलता आएगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
बोलचाल में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। प्रतिद्वंद्विता कम होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। परिवार का साथ बना रहेगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे बाद में पछताना पड़े। जोखिम न लें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
कोर्ट व कचहरी में लंबित कार्य पूरे होंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। सभी काम पूर्ण होंगे। जल्दबाजी न करें।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। लाभ के मौके बार-बार प्राप्त होंगे। विवेक का प्रयोग करें। बेकार बातों में समय नष्ट न करें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में तरक्की के योग हैं। व्यापार की गति बढ़ेगी। लाभ में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। व्यापार मनोनुकूल रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। प्रमाद न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में कमी रह सकती है। दु:खद समाचार की प्राप्ति संभव है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। बेवजह विवाद की स्थिति बन सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के उकसाने में न आकर महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं लें, लाभ होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
आंखों को चोट व रोग से बचाएं। कीमती वस्तु गुम हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक किसी से भी न करें। नकारात्मकता रहेगी। अकारण क्रोध होगा। फालतू खर्च होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। जोखिम न लें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
किसी भी निर्णय को लेने में जल्दबाजी न करें। भ्रम की स्थिति बन सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। थकान व कमजोरी महसूस होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में मनोनुकूल लाभ होगा। प्रमाद न करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। कोई बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। किसी विशेष क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने की इच्छा रहेगी। प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
परिवार के साथ मनोरंजन का समय मिलेगा। जल्दबाजी में कोई काम न करें। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। प्रमाद न करें।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

(आपके कार्यों से देश के प्रति कर्तव्यनिष्ठा दिखनी चाहिए)

जीवन में दो प्रकार का सुख मिलता है।  इंद्रियों से रूप रस गन्ध आदि विषयों का सुख। इसे भोगों का सुख या भौतिक सुख भी कहते हैं। और दूसरा — अध्यात्मिक सुख होता है। जो दूसरों की सेवा सहायता परोपकार दान दया ईश्वर की उपासना यज्ञ आदि शुभ कर्मों को करने से व्यक्ति को अपने अंदर से मिलता है। इन दोनों प्रकार के सुखों की व्यवस्था ईश्वर ही करता है।”*

*”जो रूप रस गन्ध आदि विषयों का सुख इंद्रियों से भोगा जाता है, वह क्षणिक होता है, और उससे आत्मा को बहुत थोड़ी तृप्ति मिलती है, पूरा संतोष नहीं होता।”*
*”परंतु जो दूसरों की सेवा सहायता परोपकार दान दया ईश्वर की उपासना यज्ञ प्राणियों की रक्षा आदि शुभ कर्मों को करने से अंदर से आनंद मिलता है, वह इंद्रियों से भोगे जाने वाले सुख की तुलना में बहुत अधिक अच्छा होता है। उससे अधिक तृप्ति मिलती है, अधिक संतोष होता है। दूसरों की सेवा सहायता आदि करने से जो दूसरे लोगों की शुभकामनाएं मिलती हैं, उससे तो ‘अद्भुत ही आनंद’ प्राप्त होता है। असली आनंद तो यही है।”*
*”संसार में रहते हुए जो लोग सुख भोगना चाहते हैं, वे दूसरों की सेवा सहायता परोपकार दान दया ईश्वर की उपासना यज्ञ प्राणियों की रक्षा आदि शुभ कर्मों को करें। बाहर के सुख की अपेक्षा अंदर वाला सुख भोगने का विशेष प्रयास करें। इससे उनको अधिक तृप्ति का अनुभव होगा।”*