आज का पंचाग आपका राशि फल, माथे पर तिलक लगाने का शरीर विज्ञान

हिन्दू धर्म में माथे पर तिलक क्यों लगाया जाता है। 

सनातन हिन्दू धर्म में तिलक धारण (लगाने) की परम्परा उतनी ही प्राचीन है जितने कि स्वयं भगवान श्रीमन्नारायण । शास्त्रों में जब भी भगवान श्रीमन्नारायण या श्रीकृष्ण का वर्णन मिलता है तो उनके ललाट पर कस्तूरी का तिलक अवश्य होता है

कस्तूरी तिलकं ललाट पटले वक्ष:स्थले कौस्तुभं,

नासाग्रे वरमौक्तिकं करतले वेणु: करे कंकणम्।

हिन्दू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु, महेश और शक्ति—इन प्रमुख देवताओं के आधार पर मुख्य रूप से चार प्रकार के तिलक धारण करने का विधान है । शिवजी के उपासक भस्म से त्रिपुण्ड्र, विष्णु भक्त सुगन्धित द्रव्यों या पवित्र मिट्टी से त्रिशूल की आकृति वाला ऊर्ध्वपुण्ड्र और ब्रह्मा के भक्त एक सीधी रेखा का तिलक लगाते हैं । जो केवल भगवती के उपासक (शाक्त) हैं, वे कुमकुम या सिन्दूर की लाल बिन्दी (बिन्दु) का तिलक धारण करते हैं ।

हिन्दू धर्म में माथे पर तिलक क्यों लगाया जाता है ?

जब हमारे आराध्य, चाहें वह भगवान विष्णु हों या श्रीकृष्ण, श्रीराम हों या सदाशिव, सभी तिलकधारी हैं, तो आराधक कैसे बगैर तिलक के रह सकता है ? वैष्णव खड़े तिलक (ऊर्ध्वपुण्ड्र) की दो समानान्तर रेखाओं को श्रीमन्नारायण के दोनों चरणकमल मानते हैं।

 

 उनका विश्वास है कि मस्तक पर तिलक रूपी चरणकमल धारण करने से मृत्यु के बाद उन्हें ऊर्ध्वगति (विष्णुलोक) की प्राप्ति होगी ।

शक्ति के उपासकों का बिन्दी लगाने के पीछे यह तर्क है कि शून्य (बिन्दी) से ही सृष्टि का उद्गम और विलय होता है । किसी अंक के साथ शून्य (जीरो) जोड़ देने से उस संख्या का महत्व बहुत बढ़ जाता है। 

 

जैसे १० के आगे तीन जीरो लगा दिए जाएं तो वह १०,००० हो जाता है । उसी प्रकार मस्तक पर धारण की गयी बिन्दी मनुष्य की तेजस्विता में वृद्धि कर उसके जीवन को ऊपर की ओर अर्थात् मोक्षगामी बना देती है।

 

पूजा, भजन, ध्यान आदि में मन की शान्ति बहुत जरुरी है । अत: मन को शान्त और सात्विक रखने के लिए माथे पर चन्दन, कपूर, केसर आदि का लेप स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा माना गया है । ब्रह्मवैवर्तपुराण में कहा गया है—बिना तिलक लगाये किया गया कोई भी धार्मिक कार्य (स्नान, दान, तप, होम, पितृ कर्म, संध्या आदि) सफल नहीं होता है—

 

स्नानं दानं तपो होमं दैवं च पितृ कर्मसु ।

तत्सर्वं निष्फलं याति ललाटे तिलकं विना ।।

 

बिना बिन्दी या तिलक का सूना माथा अपशकुन का प्रतीक माना जाता है । शास्त्रों में तो यहां तक माना गया है कि यात्रा पर या किसी विशेष कार्य पर जाते समय यदि कोई खाली मस्तक व्यक्ति सामने से आ जाए तो वह अपशकुन होता है । इसीलिए यात्रा पर जाते समय और किसी विशेष कार्य के लिए जाते समय तिलक धारण करना शुभ माना जाता है।

 

तिलक लगाने के लाभ!!!!!!

 

शास्त्रों में तिलक नाभि से नीचे के अंगों को छोड़कर मस्तक, ग्रीवा, भुजा, बाहुमूल, हृदय व उदर आदि पर लगाये जाने का विधान है । दोनों भौंहों के मध्य तिलक लगाने के स्थान पर सुषुम्ना नाड़ी रहती है । अत: यह स्थान अनन्त शक्ति व ओज का केन्द्र माना गया है । इसी स्थान पर दिव्य तृतीय नेत्र होता है । योग साधना में ध्यान इसी स्थान पर लगाया जाता है । इस स्थान पर पित्त को सीमा से अधिक न बढ़ने देने व सुषुम्ना नाड़ी को सक्रिय रखने के लिए तिलक लगाने का विधान है ।

 

कठोपनिषद् के अनुसार सुषुम्ना नाड़ी मस्तक के सामने से निकलती है । इस स्थान पर तिलक धारण करने से मनुष्य मोक्ष प्राप्त करता है।

 

शरीर की पांचों ज्ञानेन्द्रियों (कान, नेत्र, जिह्वा, नाक और त्वचा) के करोड़ों रोमकूप ललाट के इसी स्थान पर रहते हैं जहां पुरुष तिलक और स्त्रियां बिन्दी लगाती हैं । यदि तिलक व बिन्दी को सही स्थान पर लगाया जाए तो शरीर के किसी भी द्वार से अशुभ और अनिष्ट मनुष्य के अंत:करण में उसी प्रकार प्रवेश नहीं कर पाते जैसे घर के प्रवेश द्वार पर स्थापित गणपति के नीचे से कोई अमंगल घर में प्रवेश नहीं कर पाता है।

 

सौभाग्यवती स्त्रियों को कुमकुम व सिन्दूर का ही तिलक करना चाहिए । सिन्दूर में सर्वदोषनाशक शक्ति होती है । सिन्दूर में पारद और कुमकुम में हल्दी—ये दोनों ही रंजक पित्त को नियन्त्रित कर सुषुम्ना नाड़ी को सक्रिय और स्वस्थ रखते हैं ।

 

तिलक लगाने से भाग्य चमकता है और दुर्भाग्य दूर होता है ।

 

चन्दन, केसर, कस्तूरी का तिलक लगाना आंखों के लिए लाभप्रद है ।

 

तिलक लगाना कान्ति व आयु को बढ़ाने वाला है । इसीलिए रक्षाबंधन और भाईदूज पर बहनें भाइयों की लम्बी आयु के लिए उनके माथे पर तिलक करती हैं ।

 

तिलक किस वस्तु से लगाएं ?

 

खड़ा तिलक (ऊर्ध्वपुण्ड्र)—खड़िया मिट्टी, गोपी चन्दन, केसर, चन्दन, कुमकुम, भस्म, और पवित्र मिट्टी (पर्वत की चोटी, पवित्र नदियों और समुद्र के तट, बांबी और तुलसी के वृक्ष की जड़ की मिट्टी) और जल से लगाया जा सकता है ।

 

पड़ा या लेटा हुआ तिलक (त्रिपुण्ड्र)—यज्ञ की भस्म से लगाया जाता है ।

 

चन्दन से दोनों प्रकार का तिलक लगाया जा सकता है । विशेष उत्सवों व शुभ कर्म के दौरान चन्दन का तिलक लगाना चाहिए । केवल अपने तिलक लगाने के लिए चन्दन न घिसें, पहले अपने आराध्य को अर्पण करने के बाद बचे हुए चंदन का तिलक स्वयं लगाना चाहिए ।

 

मिट्टी से तिलक का महत्व!!!!!!

 

मिट्टी और भस्म दुर्गन्ध और कीटाणुओं का नाश करते हैं इसलिए इनसे भी तिलक लगाने का विधान है । श्यामवर्ण की मिट्टी शान्तिदायिनी, रक्तवर्ण की मिट्टी वश में करने वाली, पीली मिट्टी लक्ष्मी देने वाली और सफेद मिट्टी धर्म में लगाने वाली होती है ।

 

ऋतु के अनुसार द्रव्यों से तिलक!!!!!

 

शास्त्रों में ऋतु के अनुसार भी तिलक लगाने की बात कही गयी है । सर्दी में केसर, कस्तूरी, गोरोचन आदि गर्म चीजों का तिलक लगाना चाहिए जिससे माथे पर पित्त सक्रिय बना रहे । गर्मी में कर्पूर मिला चन्दन का तिलक लगाने से सिरदर्द, रक्तचाप, आंखों में जलन आदि से बचाव होता है ।

 

यदि किसी के पास तिलक के लिए ऊपर जो द्रव्य बताये गये हैं, वे नहीं हैं तो केवल शुद्ध जल से भी तिलक करने का विधान है ।

 

तिलक कैसे लगाएं ?

 

त्रिपुण्ड्र बायें नेत्र से दायें नेत्र तक ही लम्बा होना चाहिए । त्रिपुण्ड्र की रेखाएं बहुत लम्बी होने पर तप को और छोटी होने पर आयु को कम करती हैं ।

उर्ध्वपुण्ड्र भौंहों के मध्य में ढाई अंगुल की लम्बाई का होना चाहिए ।

भस्म मध्याह्न से पहले जल मिला कर, मध्याह्न में चंदन मिलाकर और सायंकाल सूखी भस्म ही त्रिपुण्ड्र रूप में लगानी चाहिए।

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻बुधवार, २० अप्रैल २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:५५
सूर्यास्त: 🌅 ०६:४२
चन्द्रोदय: 🌝 २३:००
चन्द्रास्त: 🌜०८:१६
अयन 🌕 उत्तरायने (उत्तरगोलीय
ऋतु: 🌞 ग्रीष्म
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)
मास 👉 वैशाख
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 चतुर्थी (१३:५२ तक)
नक्षत्र 👉 ज्येष्ठा (२३:४१ तक)
योग 👉 वरीयान् (१३:४० तक)
प्रथम करण 👉 बालव (१३:५२ तक)
द्वितीय करण 👉 कौलव (२४:३१ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मेष
चंद्र 🌟 धनु (२३:४१ से)
मंगल 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 मेष (उदय, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️
अमृत काल 👉 १५:३६ से १७:०५
विजय मुहूर्त 👉 १४:२६ से १५:१८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:३४ से १८:५८
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:४७ से १९:५३
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५४ से २४:३७
राहुकाल 👉 १२:१६ से १३:५४
राहु वास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:२३ से ०९:००
होमाहुति 👉 मंगल – २३:४१ तक
दिशा शूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (२३:४१ तक)
अग्निवास 👉 पृथ्वी (१३:५२ तक)
चन्द्र वास 👉 उत्तर (पूर्व २३:४१ से)
शिववास 👉 कैलाश पर (१३:५२ नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पूर्व (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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सती अनुसूईया जन्मोत्सव, ग्रीष्म ऋतु आरम्भ, विवाह मुहूर्त धनु-मकर लग्न रात्रि १२:२९ से रात्रि ०२:४७ तक, मीन लग्न रात्रि ०४:१७ से प्रातः ०५:४४ तक, मुंडन संस्कार मुहूर्त दोपहर ०३:३९ से सायं ०६:४९ तक, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०६:०२ से ०९:१३ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २३:४१ तक जन्मे शिशुओ का नाम
ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (नो, या, यी, यू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मूल नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (ये) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मेष – २९:३१ से ०७:०५
वृषभ – ०७:०५ से ०९:००
मिथुन – ०९:०० से ११:१५
कर्क – ११:१५ से १३:३६
सिंह – १३:३६ से १५:५५
कन्या – १५:५५ से १८:१३
तुला – १८:१३ से २०:३४
वृश्चिक – २०:३४ से २२:५३
धनु – २२:५३ से २४:५७
मकर – २४:५७ से २६:३८
कुम्भ – २६:३८ से २८:०४
मीन – २८:०४ से २९:२७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
चोर पञ्चक – ०५:४५ से ०७:०५
शुभ मुहूर्त – ०७:०५ से ०९:००
रोग पञ्चक – ०९:०० से ११:१५
शुभ मुहूर्त – ११:१५ से १३:३६
मृत्यु पञ्चक – १३:३६ से १३:५२
अग्नि पञ्चक – १३:५२ से १५:५५
शुभ मुहूर्त – १५:५५ से १८:१३
रज पञ्चक – १८:१३ से २०:३४
शुभ मुहूर्त – २०:३४ से २२:५३
चोर पञ्चक – २२:५३ से २३:४१
शुभ मुहूर्त – २३:४१ से २४:५७
रोग पञ्चक – २४:५७ से २६:३८
शुभ मुहूर्त – २६:३८ से २८:०४
मृत्यु पञ्चक – २८:०४ से २९:२७
रोग पञ्चक – २९:२७ से २९:४४
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन भी सेहत का साथ कम मिलेगा लेकिन बीते कल की तुलना में सुधार भी आयेगा। मध्यान तक कार्यो के प्रति लापरवाही करेंगे सोचने में ही समय खराब होगा मध्यान बाद व्यवसाय में अधूरे कार्य को पूर्ण करने की चिंता में रहेंगे प्रयास करने पर भी पूरे नही कर सकेंगे अधिकारी वर्ग से अनबन होगी। लेकिन थोड़ा बहुत धन लाभ जोड़ तोड़ कर कही न कही से अवश्य हो जाएगा। मध्यान बाद आरोग्य लाभ मिलेगा लेकिन कार्य करने की जगह मनोरंजन एवं व्यर्थ की गतिविधियों में रुचि लेंगे। विवेक से काम ले आज भी कामोतेजना अधिक रहेगी रंगीन मिजाजी के कारण घर मे कलह हो सकती है। गृहस्थी के कार्यो मे रुचि नही लेंगे बल्कि आस पड़ोसियों की बाते सुनने में आनंद आएगा। छोटी यात्रा हो सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपको कार्य क्षेत्र पर कल जैसी अनुकूलता नही मिलेगी फिर भी छोटे मोटे कार्यो में सफलता मिलने से धन की आमद निश्चित होगी। शरीर आलस्य में रहने के कारण आज ज्यादा उलझनों में पड़ने से बचेंगे घरलू कार्य भी चार बाते सुनने के बाद ही करेंगे। मध्यान तक दिनचार्य अस्त व्यस्त रहेगी मित्र अथवा रिश्तेदारी में जाने के कारण अन्य कार्यो में फेरबदल करना पड़ेगा। मध्यान बाद का समय दिन की तुलना में बेहतर रहेगा खर्च करने के बाद सुख सुविधा और आनंद में वृद्धि होगी। महिलाओ में आज अन्य लोगो से तुलना करने पर हीं भावना आएगी। धार्मिक अथवा पर्यटन क्षेत्र की योजना बनते बनते अंत समय मे निरस्त करने पर घर मे उदासीनता छाएगी। सेहत आज संध्या बाद खराब हो सकती है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिये धूप छांव जैसी परिस्थिति बनाएगा एक पल में किसी शुभ समाचार से उत्साहित होंगे तो अगले ही पल किसी अन्य कारण से निराशा बनेगी। दिन के आरंभिक भाग में कम समय मे ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने की योजना बनाएंगे आपकी कार्य शैली भी इसी के अनुसार ही रहेगी लेकिन मन मे हद से ज्यादा स्वार्थ सिद्धि की भावना पूर्ण सफल नही होने देगी उल्टे पुराने व्यवहारों में खटास बनेगी। नौकरी पेशा भी अनैतिक मार्ग से लाभ उठाने का प्रयास करेंगे सफल भी होंगे लेकिन प्रलोभन बढ़ने पर बदनामी भी हो सकती है। आर्थिक लाभ आज अवश्य होगा पर जिस समय आशा नही होगी तब ही। घर मे छोटे मोटे सुख के साधनों पर खर्च करना पड़ेगा। विद्युत उपकरणों से सतर्क रहें। यात्रा लाभदायक रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप अधिक स्वाभिमानी रहेंगे। बुद्धि विवेक का परिचय हर क्षेत्र पर देंगे पराक्रम शक्ति भी प्रबल रहेगी किसी का सहयोग जल्दी से नही लेंगे लेकिन जिस समय सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी उस समय मिलेगा नही। कार्य क्षेत्र पर व्यवसाय की गति धीमी रहेगी फिर भी चालाकी से खर्च योग्य आय बना ही लेंगे विरोधी लोग भी आपकी कार्य कुशलता की पीठ पीछे प्रशंसा करेंगे जिससे मन मे अभिमान आएगा। मध्यान बाद किसी से आर्थिक मामलों को लेकर खींचतान हो सकती है यहाँ धैर्य का परिचय दे अन्यथा भविष्य के लिये नई समस्या खड़ी होगी। घर का वातावरण लगभग सामान्य ही रहेगा फिर भी पति-पत्नी अकड़ छोड़ एक दूसरे का सहयोग करे तो व्यर्थ की बहस से बचेंगे। आरोग्य कुछ पुराने रोग को छोड़ ठीक रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपको धैर्य से काम लेने की सलाह है मानसिक संतुलन कम रहेगा स्वयं कुछ भी कहेंगे करेंगे लेकिन किसी अन्य के करने पर लड़ाई पर उतारू हो जाएंगे। दिन के पूर्वार्ध में परिजन अथवा किसी अन्य से गलतफहमी बनेगी जल्दबाजी में कोई निर्णय ना ले अन्यथा बाद में पछतावा होगा। महिलाए भी बोलने से पहले विचार करें बेतुकी बातो से अपना ही सम्मान घटेगा। कार्य क्षेत्र पर धन अथवा किसी वस्तु के कारण झगड़ा हो सकता है यहाँ भी व्यवहारिकता से काम ले नही तो व्यवहार खराब होंगे। धन लाभ पाने के लिये आज बौद्धिक के साथ शारीरिक परिश्रम भी करना पड़ेगा तब जाकर काम चलाऊ हो सकेगा। मन मे गुप्त योजनाए बनाएंगे इनसे लाभ भी उठाएंगे लेकिन ध्यान रहे इससे किसी का अहित ना हो। संध्या पश्चात का समय दिन की तुलना में आरामदायक रहेगा लेकिन पुरानी बातों को ना कुरेदे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपको कामना पूर्ति के अवसर देगा लेकिन आलस्य और लापरवाही इसमे बाधक भी बनेगा इनसे बचने का प्रयास करे तो दिन से आशाजनक लाभ उठा सकते है। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी सर उठाएंगे फिर भी आप अपने कार्यकुशलता और सामाजिक प्रतिष्ठा के बल पर इनका शमन कर देंगे। व्यवसाय में आरम्भिक मशक्कत के बाद दोपहर बाद से लाभ मिलने लगेगा जो रात्रि तक रुक रुक कर चलता रहेगा। सामाजिक क्षेत्र पर किसी के वैर विरोध का सामना करना पड़ेगा। सरकारी उलझनों में फंसने की भी संभावना है अनैतिक कार्यो से बचे अन्यथा फल विपरीत भी हो सकते है। गृहस्थ में भी थोड़ा विरोध का सामना करना पड़ेगा लेकिन यहाँ विजय आपकी ही होगी। दूर के व्यवसाय अथवा संबंध से आकस्मिक लाभ होगा। ठंड से बचे जुखाम बुखार की समस्या हो सकती है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन सुख शांति की चाह में रहेंगे लेकिन फल इसके विपरीत ही मिलेगा। आज दिन के पूर्वार्ध को छोड़ मध्यान बाद तक किसी न किस काम से भाग दौड़ लगी रहेगी। घर मे आज मन नही लगेगा लेकिन कई दिनों से लटके घरेलुकार्य आज एकसाथ सर पर आने से असहजता बनेगी फिर भी मध्यान तक धीरे धीरे काफी हद तक पूर्ण कर लेंगे। परिजनों का व्यवहार अत्यंत स्वार्थी रहेगा कामनापूर्ति करने पर ही चैन से बैठने देंगे। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा धन लाभ की आशा ना रखे नाहाई ज्यादा समय देंगे जिससे सीमित लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। संध्या के समय वरिष्ठ लोगो के टोकने के बाद भी किसी की नही सुनेंगे अपने मन की करेंगे बाद में पछतायेंगे भी। मनोरंजन के अवसर मिलेंगे पर अनैतिक कार्यो से बचे सेहत अकस्मात खराब हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप असमंजस की स्थिति में रहेंगे आपका स्वभाव पल पल में बदलने से लोग आपके ऊपर विश्वास नही करेंगे एक पल में आध्यात्मिक बाते करेंगे अगले ही पल मौज शौक में रुचि दिखाने से लोगो के बीच हास्य के पात्र बनेंगे आपकी छवि भी आडम्बरी जैसी बनेगी। कार्य व्यवसाय में ले देकर लाभजनक स्थिति बना लेंगे लेकिन इसके लिये किसी की खुशामद भी करनी पड़ेगी धन लाभ जरूरत के अनुसार हो ही जायेगा। नौकरी पेशाओ को अधिकारी वर्ग की बातों को अनसुना करने पर फटकार लग सकती है। गृहस्थी में माता को छोड़ अन्य किसी से नही बनेगी पति पत्नी में धन अथवा खर्च के कारण बहस होगी। भूमि भवन वाहन सुख मिलेगा लेकिन किसी अन्य के भाग्य से। सेहत कुछ समय के लिये प्रतिकूल होगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आप घरेलू संबंधों अथवा कार्यो को लेकर अत्यंत लापरवाह रहेंगे घरेलू कार्य या तो भूल जाएंगे या याद रहने पर भी टालने से परिजनों से गरमा गरमी हो सकती है। संताने भी आज जिद्दी व्यवहार करेंगी जिनको पूरी करने पर खर्च करना पड़ेगा इसकारण यात्रा भी हो सकती है। कार्य व्यवसाय से आशा न होने पर भी अकस्मात धन लाभ होगा जिससे थोड़ी राहत मिलेगी ज्यादा दौड़ धूप करने से बचेंगे फिर भी किसी न किसी कारण से करनी ही पड़ेगी। घर मे छोटे भाई बहन अथवा मित्रो, नौकरों से भी बहस होगी लेकिन नतीजा कुछ नही निकलेगा। संध्या का समय शांतिदायक रहेगा एकांत में रहना पसंद करेंगे दिन की तुलना में संतोषि भी रहेगें। हाथ, कान संबंधित समस्या रह सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपको सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान दिलाएगा आप भी आज परोपकार में रुचि लेंगे धार्मिक क्षेत्र पर भी दान पुण्य करने के अवसर मिलेंगे परन्तु दिखावे की वृत्ति भी रहेगी। ठाठ-बाट की जीवनशैली रहने पर समाज मे आपकी पहचान धनी जैसी बनेगी। कार्य क्षेत्र पर आज समय कम देंगे फिर भी अल्प समय मे दिन भर की पूर्ति हो जाएगी। धन लाभ एक हाथ से होगा दूसरे हाथ से चला जायेगा। मध्यान बाद भी लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन मनोरंजन में रुचि होने पर ज्यादा ध्यान नही देंगे। लंबी दूरी की यात्रा के प्रसंग बनेंगे परन्तु किसी कारण स्थगित करने पड़ेंगे अगर करनी भी पड़े तो सामान और सेहत का अधिक ध्यान रखें। घरेलू वातावरण में विश्वास की कमी दिखेगी इसलिये बाहर समय बिताना अधिक भायेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन शुभफलों की प्राप्ति कराएगा। कई दिनों से चल रही योजना अथवा मनोकामना के आज पूर्ण होने से मानसिक रूप से प्रसन्न रहेंगे लेकिन शरीर मे छोटे मोटे विकार लगे रहेंगे फिर भी दिनचार्य को ज्यादा प्रभावित नही होने देंगे। नौकरिपेशाओ के लिये भी दिन विजय दिलाने वाला रहेगा आज सहयोग की कमी रहने के बाद भी अपने पराक्रम और भाग्य का साथ मिलने से जटिल कार्यो को हल करने पर अधिकारियों की प्रशंसा के पात्र बनेंगे। व्यवसायी एवं नौकरी पेशा दोनो को ही नियमित आय से संतोष करना पड़ेगा अतिरिक्त आय बनाने के प्रलोभन से बचे अन्यथा परेशानी होगी। घर मे पति-पत्नी अथवा किसी अन्य से थोड़ी कलह के बाद ही शांति मिलेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन भी आपके लिये कुछ न कुछ लाभ देकर जाएगा दिन के आरंभ में कामो की गति धीमी रहेगी दैनिक कार्य भी आलस्य में करेंगे लेकिन मध्यान से पहले बाहर घूमने की योजना बनने पर शरीर मे चुस्ती आ जायेगी दिन का अधिकांश समय यात्रा पर्यटन में बीतेगा उत्तम भोजन वाहन सुख मिलने से मन प्रसन्न भी रहेगा लेकिन सेहत में नरमी आने से रंग में भंग पड़ने वाली स्थिति बनेगी। कार्य क्षेत्र के प्रति आज उदासीन रहेंगे अन्य लोगो के भरोसे रहने के कारण उचित लाभ से वंचित रह जाएंगे फिर भी धन लाभ जरूरत के अनुसार हो ही जायेगा। घरेलू सामान की आवश्यकता पड़ने पर भी कंजूस वृति के कारण खर्च करने में आनाकानी करेंगे जिससे परिजनों से कहासुनी होगी। संध्या के समय पेट की समस्या गैस कब्ज वमन की शिकायत रहेगी।
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