आज का पंचाग आपका राशि फल, जाने कि गंगा में जो पाप धुलते हैं वे जाते कहां हैं

 *🙏🏻ॐ श्री गणेश नमः🙏🏻*
*पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 03 जनवरी 2024*
🌤️ *दिन – बुधवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास – पौष ( गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार मार्गशीर्ष)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – सप्तमी शाम 07:48 तक तत्पश्चात अष्टमी*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी दोपहर 02:46 तक तत्पश्चात हस्त*
🌤️ *योग – शोभन 04 जनवरी प्रातः 06:21 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 12:43 से दोपहर 02:05 तक*
🌞 *सूर्योदय-07:17*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:08*
👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
👉🏻 *घर मे गाय की फोटो यहां लगाने से परेशानियो से छुटकारा मिलता है | इस मंत्र का जप करने से कहीं जाते समय अपशकुन नही होगा*

🌷 *बिल्ली रास्ता काट जाये तो* 🌷
🐈 *बिल्ली रास्ता काट जाये तो अपशकुन मत मानो ….राहु का वाहन है बिल्ली…. बिल्ली रास्ता काट जाये तो राहु देवता आ रहे हैं पीछे-पीछे मेरी मदद करने के लिए …मेरा मनोबल बढाने के लिए एक बार मन में बोल दो ” ॐ रहवये नमः ” …राहु का मंत्र है …राहु भी खुश हो जायेंगे ।*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷
🏡 *गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना जाता है। घर-दुकान या मंदिर में या उत्तर-पूर्व दिशा में गाय की तस्वीर लगाने से दुर्भाग्य खत्म होता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *गोझारण* 🌷
👉🏻 *सर्दियों में कभी कभी गोझारण पी लिया करें| इससे किडनी,लीवर बढ़िया रहेगा| खांशी में बहुत लाभ होगा*
👉🏻 *बालों में रूशी हो तो बाल शेम्पू की जगह पे गोझारण से धो लें | शेम्पू भी इतनी सफाई नहीं करता जीतनी गोझारण से हो जाती है| सारी रुसी साफ| नहाने के समय बाल में गोझारण लगाकर १-२ मिनट के बाद धो दें , रुसी समाप्त *

आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आप आस-पास बन रहे वातावरण से क्षुब्ध होकर एकांतवास करना पसंद करेंगे। परन्तु सांसारिक मोह अधिक रहने के कारण ज्यादा समय एक निर्णय पर नहीं टिक पाएंगे। समाज एवं परिवार में एक समय अपने आप को अलग थलग पाएंगे। क्रोध भी अधिक रहेगा फिर भी थोड़ा संयम विवेक रहने से किसी को परेशान नहीं करेंगे। संतान आपकी भावनाओं की कद्र करेगी परन्तु अहम् के कारण किसी का सहयोग नहीं लेंगे। आर्थिक कारणों से महत्त्वपूर्ण यात्रा अथवा अन्य व्यवहार प्रभावित रहेंगे। धन की आवक किसी ना किसी रूप मे होंगी। सेहत के प्रति लापरवाही आगे परेशान कर सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिए शुभ रहेगा। आज कार्यो को काफी सोच विचारने के बाद ही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर निर्णय लेने में थोड़ी परेशानी भी रह सकती है फिर भी सोची गयी योजनाएं अवश्य फलीभूत होंगी। धन लाभ थोड़े इन्तजार के बाद होगा। शारीरिक स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। घर में पूजा पाठ का आयोजन करवा सकते है। नए कार्यो की शुरुआत फिलहाल टालें। सुख के साधनों में वृद्धि होगी। विरोधी परास्त होंगे। परिवार में शांति रहेगी। पर्यटन की योजना बनेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन की शुरुआत में किसी से विवाद हो सकता है जिस के कारण मध्यान तक मन अशांत रहेगा। कार्य व्यवसाय में भी दिन उदासीन रहेगा परिश्रम का उचित फल नहीं मिलेगा। हाथ आये अनुबंध भी निरस्त हो सकते है। नौकरी पेशा जातक अधिक कार्य भार के कारण थकान अनुभव करेंगे। परिवार में किसी के स्वास्थ्य खराब होने अथवा महत्त्वपूर्ण कार्य निकलने से दिनचर्या में परिवर्तन करना पड़ेगा। आकस्मिक खर्च भी परेशान करेंगे। संतान आपकी अवहेलना करेगी। आज का शान्ति से बीतना ही हितकर रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपका ध्यान कार्य क्षेत्र पर कम ही रहेगा फलस्वरूप लाभ की आशा भी छोड़नी पड़ेगी। परन्तु फिर भी आज आकस्मिक रूप से धन की आमद होने से आप स्वयं भी आश्चर्य चकित रह जाएगे। भोग विलास की प्रवृति में अधिक समय देंगे। सामाजिक कार्यो की अनदेखी करने से व्यवहारों में कमी आएगी। गृहस्थ सुख उत्तम बना रहेगा। रिश्तेदारी में उपहारों का आदान प्रदान होगा। अविवाहित अथवा बेरोजगारों के लिए परिस्थिति सहायक बनेगी। यात्रा में चोटादि का भय है सतर्क रहें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज दिन का पूर्वार्द्ध पहले की भांति शांति से व्यतीत करेंगे परन्तु इसके बाद का समय थोड़ा कष्टदायक रहने वाला है सभी महत्त्वपूर्ण कार्य आलस्य छोड़ जल्दी निपटाने का प्रयास करें। इस अवधि में धन लाभ भी होगा। मध्यान के बाद स्थिति बदलने से आकस्मिक खर्च बढ़ेंगे संकलित पूँजी खर्च हो सकती है। व्यापार में निवेश एवं धन की उधारी के व्यवहार सोच समझ कर ही करें। परिवार में किसी महिला के रूठने पर खुशामद करनी पड़ सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप तन मन से एकदम चुस्त रहेंगे। मानसिक प्रसन्नता रहने से कार्यो को बेहतर ढंग से कर पाएंगे अपने आस-पास का वातावरण विनोदी स्वभाव से हास्यमय बनाएंगे लेकिन ध्यान रहे आपकी हास्य भरी बातें किसी के दिल को चुभ भी सकती है। कार्य क्षेत्र से आशा के अनुसार लाभ नही होने पर भी परेशांन नहीं होंगे। अधिकारी वर्ग आज आपको कोई महत्त्वपूर्ण कार्य सौप सकते है जिसपर आप खरे उतरेंगे। परिवार में भी आप सक्रीय रहेंगे परिजनों की।परेशानियों को गंभीर लेकर तुरंत समाधान करेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन सभी कार्यो में आशा के विपरीत फल रहेगा। विशेष कर धन सम्बंधित कार्य अनुभवी व्यक्ति की सलाह के बाद ही करें। कार्य क्षेत्र पर गलत निर्णय लेने से धन के साथ मान हानि भी हो सकती है। पारिवारिक वातावरण भी कुछ ऐसा ही रहेगा। कार्य क्षेत्र की खींज घर में निकालने से वातावरण अशान्त बनेगा। पत्नी अथवा संतान से तकरार हो सकती है। बड़े बुजुर्ग अथवा अधिकारी भी आपसे नाराज रहेंगे। अनैतिक साधनो से धन कमाने की योजना में लाभ हो होगा परन्तु जोखिम भी अधिक रहेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन धन लाभ के अवसर मिलेंगे। कार्यो में गति आने एवं घर एवं कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था में सुधार होगा। भविष्य के प्रति निश्चिन्त रहेंगे। पारिवारिक सदस्य आपको पूरा सहयोग करेंगे। बीच-बीच में किसी पुराने विवाद के कारण अशांति बनेगी फिर भी स्थिति नियंत्रण में रहेगी। व्यवसाय में समय से पहले महत्त्वपूर्ण कार्य पूर्ण होने से धन की आमद सुनिश्चित होगी। बड़े बुजुर्ग आपकी प्रगति से प्रसन्न रहेंगे। आज अतिआत्मविश्वास की भावना भी रहेगी जिससे सम्मान हानि भी हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आप आनंद से बितायेंगे। किसी मनोकामना अथवा बनाई योजना में सफलता मिलने की ख़ुशी दिन भर रहेगी। सेहत थोड़ी असामान्य रह सकती है स्वसन क्रिया सम्बंधित परेशानी बनेगी। कार्य क्षेत्र से आशा से अधिक लाभ कमा सकेंगे। यात्रा पर जाने का विचार होगा जिसमे थकान भी रहेगी परन्तु उत्साह के आगे अनुभव नहीं होगी। आस पड़ोसियों से ईर्ष्या युक्त सम्बन्ध रहेंगे। आप किसी से भी मदद लेने में सफल रहेंगे परन्तु किसी की मदद करने में आनाकानी कर सकते है। परिजन आपकी बात मानेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप में परोपकार की भावना अधिक रहेगी। अपने कार्यो को छोड़ दुसरो के कार्य करने के कारण परेशानी होगी परन्तु मानसिक संतोष भी रहेगा। दो पक्षो के विवाद के बीच व्यर्थ में फंस सकते है किसी की मध्यस्थता आज भूल कर भी ना करें। परिश्रम वाले कार्यो को करने में शारीरिक रूप से अक्षम रहेंगे। अर्थ एवं परिवारिक कारणों से चिंता रहेगी। किसी से मदद लेना चाहेंगे उसमे भी निराशा ही मिलेगी। लोग आपकी मदद करने की जगह आपकी बातों को हास्य में लेंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन कार्यो में निरंतर मिल रही असफलता के कारण नकारात्मक विचार मन को परेशान करेंगे। शारीरिक रूप से भी शिथिल रहेंगे। व्यवसाय सम्बंधित आयोजन अधूरे रहने से कार्य क्षेत्र पर आपकी आलोचना भी हो सकती है। व्यवहारिकता की कमी के कारण लाभदायक सम्बन्ध टूट सकते है। नौकरी पेशा जातक काम से मन चुरायेंगे इसलिए अधिकारियो का कोप भाजन बनना पडेगा। संध्या के समय किसी स्त्री के सहयोग से धन लाभ की सम्भवना है। परिजनों से सम्बन्ध ठीक नहीं रहेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आप स्वार्थ सिद्धि के कारण आपसी मनमुटाव भुलाकर नए सिरे से कार्य करेंगे। परन्तु अधिकारियो से कार्य निकालना आसान नहीं रहेगा। कार्य क्षेत्र अथवा घर पर किसी अन्य व्यक्ति के कारण हंगामा खड़ा हो सकता है फिर भी पारिवारिक सदस्यों के एकजुट होने से समस्या का समाधान निकाल लेंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन परिश्रम वाला रहेगा परिश्रम के बाद ही निर्वाह योग्य आय बना पाएंगे। विरोधी चाह कर भी आपका बुरा नहीं कर पाएंगे। लंबी दूरी की यात्रा की योजना बनेगी भविष्य की योजनाओं पर खर्च होगा।
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷🌸🌼☘🌹☘🌼🌸🌷🙏
🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰🙏*” राधे राधे “*🙏〰〰〰

*🌳🦚जैसा अन्न वैसा मन 🦚🌳*

*एक बार एक ऋषि ने सोचा कि लोग गंगा में पाप धोने जाते है, तो इसका मतलब हुआ कि सारे पाप गंगा में समा गए और गंगा भी पापी हो गयी !*

अब यह जानने के लिए तपस्या की, कि पाप कहाँ जाता है ?

तपस्या करने के फलस्वरूप देवता प्रकट हुए , ऋषि ने पूछा कि भगवन जो पाप गंगा में धोया जाता है वह पाप कहाँ जाता है ?

भगवन ने जहा कि *चलो गंगा से ही पूछते है, दोनों लोग गंगा के पास गए और कहा कि “हे गंगे ! जो लोग तुम्हारे यहाँ पाप धोते है तो इसका मतलब आप भी पापी हुई !”*

गंगा ने कहा “मैं क्यों पापी हुई, मैं तो सारे पापों को ले जाकर समुद्र को अर्पित कर देती हूँ !”

अब वे लोग समुद्र के पास गए, “हे सागर ! गंगा जो पाप आपको अर्पित कर देती है तो इसका मतलब आप भी पापी हुए !”
समुद्र ने कहा “मैं क्यों पापी हुआ, मैं तो सारे पापों को लेकर भाप बना कर बादल बना देता हूँ !”

अब वे *लोग बादल के पास गए और कहा “हे बादलो ! समुद्र जो पापों को भाप बनाकर बादल बना देते है, तो* इसका मतलब आप पापी हुए !”

बादलों ने कहा “मैं क्यों पापी हुआ, मैं तो सारे पापों को वापस पानी बरसा कर धरती पर भेज देता हूँ , जिससे अन्न उपजता है, जिसको मानव खाता है, उस अन्न में जो अन्न जिस मानसिक स्थिति से उगाया जाता है और जिस वृत्ति से प्राप्त किया जाता है, जिस मानसिक अवस्था में खाया जाता है , उसी अनुसार मानव की मानसिकता बनती है !”

अन्न को जिस वृत्ति ( कमाई ) से प्राप्त किया जाता है और जिस मानसिक अवस्था में खाया जाता है, वैसे ही विचार मानव के बन जाते है ! इसीलिये *सदैव भोजन सिमरन और शांत अवस्था मे करना चाहिए और कम से कम अन्न जिस धन से खरीदा जाए वह धन ईमानदारी एवं श्रम का होना चाहिए !*
जैसे-
भीष्म पितामह शरशय्या पर पड़े प्राण त्यागने के लिए शुक्लपक्ष के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे थे. भगवान श्रीकृष्ण के आदेश पर युधिष्ठिर उनसे प्रतिदिन नीति ज्ञान लेते थे। द्रौपदी कभी नहीं जाती थीं।

इससे *भीष्म के मन में पीड़ा थी। श्रीकृष्ण ने भांप लिया था। उन्होंने युधिष्ठिर से कहा- अंतकाल की प्रतीक्षा में साधनारत पूर्वज से सपरिवार मिलना चाहिए. परिवार पत्नी के बिना पूर्ण नहीं है।*

इशारा समझकर युधिष्ठिर जिद करके द्रौपदी को भी साथ ले गए। पितामह उन्हें नीति ज्ञान देने लगे। द्रौपदी कुंठित होकर चुपचाप सुन रही थी. अचानक द्रोपदी को हंसी आ गई।

भीष्म ने कहा- *पुत्री तुम्हारे हंसने का कारण मैं जानता हूं। द्रोपदी सकुचाई को भीष्म ने कहा- पुत्री तुम अपने मन की दुविधा पूछ ही लो. मुझे शांति* मिलेगी।

द्रोपदी ने कहा- स्वयं भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि *भीष्म के समान नीति का ज्ञाता दूसरा कोई नहीं किंतु आपका ज्ञान कहां लुप्त हो गया था जब पुत्रवधू आपके सामने निवस्त्र की जा रही थी?*

भीष्म ने कहा- इसी प्रश्न की प्रतीक्षा थी। *जैसा अन्न वैसा मन। मैं दुर्योधन जैसे अधर्मी का अन्न खा रहा था। उस अन्न ने मेरी बुद्धि जड़ कर दी थी। सही निर्णय लेने की क्षमता खत्म हो गई थी।*

अन्न ही रक्त का कारक है। *अर्जुन के बाणों ने मेरे शरीर से वह रक्त धीरे-धीरे करके निकाल दिया है। अब इस शरीर में सिर्फ गंगापुत्र भीष्म शेष है। सिर्फ माता का अंश है* जो सबको निर्मल करती हैं इसलिए मैं नीति की बातें कर पा रहा हूं।

*भीष्म की बात को अटल सत्य समझिए। दुराचार से या किसी को सताकर कमाए गए धन से यदि आप परिवार का पालन करते हैं तो वह* परिवार की बुद्धि भ्रष्ट करता है। उससे जो सुख है वह क्षणिक है किंतु लंबे समय में वह दुख का कारण बनता है। यदि *आपके सामने गलत तरीके से पैसा कमाकर भी कोई फल-फूल रहा है तो यह समझिए कि वे उसके पूर्वजन्म के संचित पुण्य हैं जिसे निगल रहा है। जैसे ही वे पुण्य कर्म समाप्त होंगे, उसके दुर्दिन आरंभ होंगे। ओम शांति।*🪴🪴🪴