आज का पंचाग आपका राशि फल, हमारे गुण ही हमारे अलंकरण हैं, “भारत वर्ष” हमारे देश का पौराणिक नाम है

कोकिलानां स्वरं रूपम् नारीरूपं पतिधर्मश्च

विद्या रूपश्च विप्राणां क्षमारूपं तपस्विनाम्

*भावार्थ*

*कोयल का गुण* उसकी आवाज (स्वर) है *स्त्री का गुण* उसका पतिधर्म (पति परायणा होना) है *ब्राह्मण का गुण* ज्ञान (विद्या) है *और* तपस्वी का गुण *उसका त्याग व क्षमादान है*।

अभिप्राय यह है कि जीवन में हमारे मूल गुण ही हमारे मुख्य अलंकार होते हैं अन्य विशेषताएं भले ही हमें प्रसिद्धि या संसाधन प्रदान कर दें किन्तु अपने आधारों के बिना हम सम्पूर्ण नहीं कहे जा सकते *

*༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​*
*श्री हरिहरौ*
*विजयतेतराम**सुप्रभातम*

*आज का पञ्चाङ्ग*
*_सोमवार, ११ सितम्बर २०२३_*
*═══════⊰⧱⊱═══════*

सूर्योदय: 🌄 ०६:१४
सूर्यास्त: 🌅 ०६:३४
चन्द्रोदय: 🌝 ०३:१६
चन्द्रास्त: 🌜१६:४५
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शरद
शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८०(पिंगल)
मास 👉 भाद्रपद
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 द्वादशी (२३:५२ से
त्रयोदशी)
नक्षत्र 👉 पुष्य (२०:०१ से
आश्लेशा)
योग 👉 परिघ(००:१४ से शिव)
प्रथम करण👉कौलव(१०:३९तक
द्वितीय करण👉 तैतिल
(२३:५२ तक)
*╠•━─━─━─━─━─━─━─•╣*
॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 सिंह
चंद्र 🌟 कर्क
मंगल🌟कन्या(उदित,पश्चिम,मार्गी
बुध🌟सिंह(अस्त,पश्चिम,वक्री)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)
शुक्र🌟कर्क(उदित,पश्चिम,मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
*╠•━─━─━─━─━─━─━─━•╣*
शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४८ से १२:३८
अमृत काल 👉 १२:५० से १४:३८
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:५९ से २०:०१
विजय मुहूर्त 👉 १४:१८ से १५:०८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:२८ से १८:५१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:२८ से १९:३७
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५१ से ००:३७
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:२७ से ०५:१३
राहुकाल 👉 ०७:३२ से ०९:०६
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:४० से १२:१३
होमाहुति 👉 केतु
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पाताल (२३:५२ से पृथ्वी)
चन्द्र वास 👉 उत्तर
शिववास 👉 नन्दी पर (२३:५२ से भोजन में)
*╠•━─━─━─━─━─━─━─━•╣*
☄चौघड़िया विचार☄
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
*╠•━─━─━─━─━─━─━─━•╣*
शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पश्चिम (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
*╠•━─━─━─━─━─━─━─━•╣*
तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
〰️〰️〰️〰️
बछ बारस (गौ वत्स पूजा), नींव खुदाई एवं गृहारम्भ+ व्यवसाय आरम्भ+वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०९:१७ से १०:५० तक आदि।
*╠•━─━─━─━─━─━─━─━•╣*
आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
आज २०:०१ तक जन्मे शिशुओ का नाम पुष्य नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (हे, हो, डा) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम आश्लेषा नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (डी, डू) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
*╠•━─━─━─━─━─━─━─━•╣*
उदय-लग्न मुहूर्त
सिंह – ०४:११ से ०६:३०
कन्या – ०६:३० से ०८:४८
तुला – ०८:४८ से ११:०९
वृश्चिक – ११:०९ से १३:२८
धनु – १३:२८ से १५:३२
मकर – १५:३२ से १७:१३
कुम्भ – १७:१३ से १८:३९
मीन – १८:३९ से २०:०२
मेष – २०:०२ से २१:३६
वृषभ – २१:३६ से २३:३१
मिथुन – २३:३१ से ०१:४६
कर्क – ०१:४६ से ०४:०७
*╠•━─━─━─━─━─━─━─━•╣*
पञ्चक रहित मुहूर्त
चोर पञ्चक – ०५:५९ से ०६:३०
शुभ मुहूर्त – ०६:३० से ०८:४८
रोग पञ्चक – ०८:४८ से ११:०९
शुभ मुहूर्त – ११:०९ से १३:२८
मृत्यु पञ्चक – १३:२८ से १५:३२
अग्नि पञ्चक – १५:३२ से १७:१३
शुभ मुहूर्त – १७:१३ से १८:३९
रज पञ्चक – १८:३९ से २०:०१
शुभ मुहूर्त – २०:०१ से २०:०२
शुभ मुहूर्त – २०:०२ से २१:३६
रज पञ्चक – २१:३६ से २३:३१
शुभ मुहूर्त – २३:३१ से २३:५२
चोर पञ्चक – २३:५२ से ०१:४६
शुभ मुहूर्त – ०१:४६ से ०४:०७
रोग पञ्चक – ०४:०७ से ०५:५९
आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपसी व्यवहारों को लेकर अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। आज आपके ऊपर कोई लांक्षन लग सकता है इसका प्रभाव घर एवं कार्य क्षेत्र पर भी देखने को मिलेगा। पारिवारिक बहस के कारण मानसिक संताप भी दिन भर बना रहेगा। अशांति का कारण धन भी रहेगा। व्यवसाय क्षेत्र पर उधारी को लेकर किसी से तीखी झड़प होने की संभावना है। धन की आमद के लिए किसी की चापलूसी भी करनी पड़ेगी। बेरोजगार लोग भविष्य की चिंता को लेकर निराशा रहेंगे। महिलाये भी आवश्यकता से अधिक बोलने के कारण घर मे नए विवाद को जन्म देंगी। सहकर्मियों का सहयोग मिलने से थोड़ी राहत मिलेगी। कर्ज लेना पड़ सकता है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज दिन भर स्वभाव में लापरवाही रहेगी परन्तु फिर भी लाभ के प्रसंग मिलते रहेंगे। जिस कार्य से दूर रहने का प्रयास करेंगे उसी से फायदा होगा।
दिन का अधिकांश समय मन को प्रसन्न करने वाले प्रसंग बनेंगे। कार्यो में सहज सफलता मिलने से उत्साह बढ़ेगा। भाग्य साथ देने से अटके कार्य पूर्ण होंगे धन की आमद होती रहेगी। पारिवारिक सदस्यों की कार्य क्षेत्र पर सहायता मिलेगी। सरकारी कार्य में बाधा आने की संभावना है फिर भी किसी के सहयोग से पार कर लेंगे। नौकरी पेशा जातको को अतिरिक्त कार्य का लाभ शीघ्र मिलेगा। दूर रहने वाले रिश्तेदारो से मिलने के प्रसंग बनेंगे। पारिवारिक में प्रेम रहेगा लेकिन प्रेम प्रसंगों में दुखद अनुभव होंगे लंबी यात्रा के योग है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन उदासीनता युक्त रहेगा। दिन के आरंभ से ही किसी भी कार्य को लेकर ज्यादा उत्साह नही दिखाएंगे प्रतिस्पर्धा से भी स्वयं को दूर ही रखेंगे। आज आपको जितना मिले उसी में संतोष कर लेंगे लेकिन महिलाये किसी ना किसी कारण अंदर से जली भुनी रहेंगी घर मे अव्यवस्था फैलने का कारण भी रहेंगी। स्वभाव में भावुकता अधिक रहेगी जिसके कारण किसी की छोटी बातो को दिन से लगा लेंगे। परिवार में चुगली एवं ईर्ष्यालु वातावरण रहने से बाहर समय बिताना अधिक भायेगा। महत्त्वपूर्ण कार्य में सफलता को लेकर मन में संशय रहेगा। संतानों के भविष्य के कारण चिंता होगी। मध्यान के बाद किसी स्त्री द्वारा लाभ की संभावना है। नौकरी पेशा अधिकारी वर्ग से सतर्क रहें। आलस्य भारी पड़ सकता है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन चंचलता आपके व्यक्तित्त्व पर हावी रहेगी लेकिन इसका परिणाम शुभ ही मिलेगा। लोग आपकी बातों को गंभीर नही लेंगे जिससे बड़ी गलती करने पर भी बच जाएंगे। मनमौजी स्वभाव अवश्य किसी कार्य मे नुकसान दिलाएगा फिर भी आज आकस्मिक लाभ होने के आसार है। व्यवसायियो के लिए दिन आर्थिक रूप से बेहतर बनेगा कार्य क्षेत्र पर कम समय एवं लागत में अधिक मुनाफा कमा लेंगे। महिलाओ को अकस्मात धन अथवा उपहार की प्राप्ति होगी लेकिन स्वभाव से लालची रहेंगी। धन का खर्च आय की तुलना में अधिक रहेगा फिर भी मानसिक रूप से दिन भर प्रसन्न रहेंगे। घर में मेहमानों के आने से चहल-पहल रहेगी। कीमती वस्तुओ की खरीददारी पर खर्च होगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन विषम फलदायी रहेगा अधिकांश कार्य संभावनाओं के विपरीत होने से दुविधा में रहेंगे। घर एवं कार्य क्षेत्र पर किसी भी प्रकार का जोखिम लेने से बचे परिणाम नेष्ट हो होंगे। दैनिक कार्यो को छोड़ शेष सभी कार्यो में संघर्ष करना पड़ेगा। जो भी कार्य करने का प्रयास करेंगे उसमे कुछ ना कुछ विघ्न अवश्य आएंगे अथवा अधूरा रह जायेगा। खर्च चलाने के लिए जमा पूंजी का इस्तेमाल करना पड़ेगा जिससे घर का बजट गड़बड़ायेगा। सेहत नरम रहने से आलस्य एवं शीघ्र थकावट अनुभव होगी। कार्य क्षेत्र पर आपके दयालु स्वाभाव के कारण प्रतिस्पर्धी हावी रहेंगे। लेन-देन में धन अटक सकता है इससे बचें। नौकरो से मीठा बोल कर कार्य निकाले।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आपको पिछली गलतियों से नया अनुभव मिलेगा लाभ भी आज पूर्व में किये गए परिश्रम से ही मिलेगा। सामाजिक जीवन उच्च कोटि का रहेगा समाज मे प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवहार कुशलता आज सभी जगह काम आएगी लेदेकर काम बना ही लेंगे। महिलाये परिवार के प्रति अधिक समर्पित रहेंगी लेकिन आसक्ति अधिक रहने से मानसिक दुख के प्रसंग भी बनेंगे। कार्य व्यवसाय में नए लाभ के अनुबंध मिलने की सम्भवना है लापरवाही से बचें। आज आपके सभी कार्य स्वतः होते नजर आएंगे। परिजनों के सहयोग से भाग्योदय होगा। पैतृक संपत्ति का विवाद सुलझने से राहत मिलेगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आप जिस भी कार्य को हाथ में लेंगे उसे जल्द से पूरा करने का प्रयास करेंगे आरम्भ में थोड़ी परेशानी आएगी लेकिन अंततः सफल हो ही जायेंगे। आध्यात्म से जुड़े लोगों के लिए दिन साधना पथ में नए अनुभव दिलाएगा। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी हावी रहेंगे फिर भी आपके हिस्से का लाभ मिलकर ही रहेगा। धन के कारण मन की इच्छाओं को नही मारना पड़ेगा। रिश्तेदारों एवं पुराने मित्रों से भेंट होगी। आपके स्वभाव में अहम की भावना रहने से बाहरी व्यक्ति को दुखद अनुभूति ही होगी। लेकिन परिजनों से स्वार्थ सिद्धि के लिए मधुर व्यवहार करेंगे। व्यवसाय में अधिक लाभ पाने के लिए अनैतिक कार्यो में लिप्त हो लाभ उठाएंगे। सेहत की परवाह आज कम ही करेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज सेहत में सुधार आने से अधूरे कार्यो को लेकर चिंतित रहेंगे लेकिन जल्दबाजी से बचें अन्यथा हानि होगी। आध्यात्मिक रूप से दिन शुभ रहेगा परोपकार का फल अति शीघ्र मिलेगा। ज्योतिष एवं अन्य गूढ़ रहस्यों को जानने की लालसा रहेगी पूजापाठ टोन टोटको पर विश्वास करेंगे। सार्वजिनक क्षेत्र पर नए व्यावहारिक संबंध बनेंगे परन्तु घर के सदस्यों की बात ना मानने के कारण आप अनुपयोगी ही रहेंगे। कभी आकस्मिक उछाल कभी उदासीनता रहने से कार्य व्यवसाय में आज अनिश्चितता अधिक रहेगी। भाई-बंधुओ में कुछ समय के लिए अनबन गृहस्थ का वातावरण बिगाड़ेगी। व्यावसायिक अथवा पर्यटन यात्रा से लाभ कम खर्च ही अधिक होगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आपका ध्यान अन्य कार्यो को छोड़ स्वयं अथवा परिजन की बिगड़ती सेहत पर अधिक रहेगा। मध्यान तक मानसिक बेचैनी लगी रहेगी। भाग्य का साथ भी आज कम ही मिलेगा व्यवसायी एवं नौकरी वाले लोग अपूर्ण कार्य पूर्ण करने का भरपूर प्रयास करेंगे फिर भी कुछ कार्य अधूरे रह सकते है।हतोत्साहित ना हो आशानुकूल ना सही काम चलाने लायक लाभ अवश्य होगा। गहरे जल अथवा ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने से बचे यात्रा भी अति आवश्यक होने पर ही करें। पति पत्नी मे अथवा किसी अन्य से गरमा गरमी हो सकती है विवेकि व्यवहार अपनाए। यात्रा पर्यटन की योजना बनेगी आज टालना ही बेहतर रहेगा। खर्च सोच समझ कर ही करें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपके लिये आज का दिन सामान्य ही रहेगा। शारीरिक शिथिलता रहने पर भी कार्यो में व्यवधान नही आने देंगे। कार्य क्षेत्र पर सभी कार्य आज समय से पहले पूर्ण कर लेंगे फिर भी लाभ के लिये इंतजार करना पड़ेगा। मन में किसी दार्शनिक स्थल की योजना बनेगी शीघ्र ही इसके फलीभूत होने की सम्भवना है। चल- अचल संपत्ति से लाभ होगा। प्रतिस्पर्धी आज आपके आगे ज्यादा देर नही टिक पाएंगे। हृदय में आज कोमलता अधिक रहेगी परोपकार के लिए प्रेरित होंगे। महिलाओ का जिद्दी स्वभाव कुछ समय के लिये घर पर अशांति कर सकता है। फिर भी पिछले कुछ दिनों की तुलना में आज शान्ति अनुभव करेंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन शुभ फलदायी है सेहत आज थोड़ी प्रतिकूल रहेगी लेकिन अन्य सभी कार्य पहले से अधिक बेहतर होंगे। घर मे सुख समृद्धि आएगी। आय एक से अधिक साधनों से होगी पर विघ्न डालने वाले भी अधिक रहेंगे अनुभवियों की राय भी गलत हो सकती है इसलिये अपने ही विवेक से कार्य करें। व्यवसाय एवं नौकरी में अतिरिक्त आय बनाने के अवसर मिलेंगे। महिलाये गृहस्थ में खरीददारी के ऊपर ध्यान देंगी सुख के साधनों में वृद्धि होगी इनपर खर्च भी अधिक रहेगा परन्तु अनावश्यक नही लगेगा। संताने मनोकामना पूर्ति होने से प्रसंन्न रहेंगी। बुजुर्ग आपकी आडम्बर युक्त दिनचार्य से असहमति दिखाएंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
बीते दिन की तुलना में आज का दिन शान्तिप्रद रहेगा। आज आप अपनी बुद्धि एवं तार्किक बल का सही जगह प्रयोग करेंगे। झगड़े अथवा उलझनों वाले कार्य से स्वयं को दूर रखेंगे इसका सकारात्मक परिणाम भी मिलेगा। दोपहर के आसपास आपका सनकी स्वभाव कुछ ना कुछ हानि भी करायेगा। धन संबंधित कार्य आपकी व्यवहार शून्यता के कारण उलझेंगे परन्तु शीघ्र ही किसी के सहयोग मिलने से सुलझ जाएंगे। कार्य व्यवसाय में प्रारंभिक परिश्रम के बाद दोपहर के समय से धन की आमद शुरू हो जाएगी खर्च हिसाब से करेंगे। महिला वर्ग से कोई भी काम निकालना आसान रहेगा। दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी।
*╚•━─━─━─━─━─━─━─━•╝*

🕉️ *भारत नाम क्यों?* 🕉️

अपने देश के नाम पर विवाद हो रहा है। भारत और इण्डिया में द्वंद्व जारी है। सर्वश्रेष्ठ नाम तो भारतवर्ष है। *संविधानसम्मत नाम भारत है* जिसे यूनानियों और बाद में यूरोपवालों ने इण्डिया कहा है।

*यहां इस लेख में हम जानेंगे कि अपने देश का नामकरण (भारतवर्ष) किस भरत के नाम पर हुआ?*
अनेक ‘विद्वान्’ डेढ़ सौ वर्ष से तोते की तरह रट रहे हैं कि *दुष्यन्तपुत्र भरत (जो सिंह के दांत गिनता था) के नाम पर इस देश का नामकरण ‘भारत’ हुआ है*। आइए, देखते हैं कि इस कथन में कितनी वास्तविकता है।

हमारे पुराणों में बताया गया है कि *प्रलयकाल के पश्चात् स्वायम्भुव मनु के ज्येष्ठ पुत्र प्रियव्रत ने रात्रि में भी प्रकाश रखने की इच्छा से ज्योतिर्मय रथ के द्वारा सात बार भूमण्डल की परिक्रमा की। परिक्रमा के दौरान रथ की लीक से जो सात मण्डलाकार गड्ढे बने, वे ही सप्तसिंधु हुए।* फिर उनके अन्तर्वर्ती क्षेत्र *सात महाद्वीप* हुए जो क्रमशः *जम्बूद्वीप, प्लक्षद्वीप, शाल्मलिद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप और पुष्करद्वीप* कहलाए। ये द्वीप क्रमशः दुगुने बड़े होते गए हैं और उनमें जम्बूद्वीप सबके बीच में स्थित है-
*‘जम्बूद्वीपः समस्तानामेतेषां मध्यसंस्थितः’ (ब्रह्ममहापुराण, 18.13)*

प्रियव्रत के 10 पुत्रों में से 3 के विरक्त हो जाने के कारण शेष 7 पुत्र— आग्नीध्र, इध्मजिह्व, यज्ञबाहु, हिरण्यरेता, घृतपृष्ट, मेधातिथि और वीतिहोत्र क्रमशः जम्बूद्वीप, प्लक्षद्वीप, शाल्मलिद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप और पुष्करद्वीप के अधिपति हुए।
प्रियव्रत ने अपने पुत्र आग्नीध्र को जम्बूद्वीप दिया था-
‘जम्बूद्वीपं महाभाग साग्नीध्राय ददौ पिता’
मेधातिथेस्तथा प्रादात्प्लक्षद्वीपं तथापरम् ।।’
(विष्णुमहापुराण, 2.1.12)

जम्बूद्वीपाधिपति आग्नीध्र के 9 पुत्र हुए- नाभि, किंपुरुष, हरिवर्ष, इलावृत्त, रम्यक, हिरण्यमय, कुरु, भद्राश्व तथा केतुमाल। सम विभाग के लिए *आग्नीध्र ने जम्बूद्वीप के 9 विभाग करके उन्हें अपने पुत्रों में बाँट दिया और उनके नाम पर ही उन विभागों के नामकरण हुए*—
*‘आग्नीध्रसुतास्तेमातुरनुग्रहादोत्पत्तिकेनेव संहननबलोपेताः पित्रा विभक्ता आत्म तुल्यनामानियथाभागं जम्बूद्वीपवर्षाणि बुभुजः’ (भागवतमहापुराण, 5.2.21; मार्कण्डेयमहापुराण, 53.31-35)*

*पिता (आग्नीध्र) ने दक्षिण की ओर का ‘हिमवर्ष’ (जिसे अब ‘भारतवर्ष’ कहते हैं) नाभि को दिया*-
‘पिता दत्तं हिमाह्वं तु वर्षं नाभेस्तु दक्षिणम्’ (विष्णुमहापुराण, 2.1.18)

*आठ विभागों के नाम तो ‘किंपुरुषवर्ष’, ‘हरिवर्ष’ आदि ही हुए, किंतु ज्येष्ठ पुत्र का भाग ‘नाभि’ से ‘अजनाभवर्ष’ हुआ। नाभि के एक ही पुत्र ऋषभदेव थे जो बाद में (जैनों के) प्रथम तीर्थंकर हुए। ऋषभदेव के एक सौ पुत्र हुए जिनमें भरत सबसे बड़े थे । ऋषभदेव ने वन जाते समय अपना राज्य भरत को दे दिया था, तभी से उनका खण्ड ‘भारतवर्ष’ कहलाया*

 

*‘ऋषभाद्भरतोः जज्ञे ज्येष्ठः पुत्राशतस्य सः ।’ ‘ततश्च भारतं वर्षमेतल्लोकेषु गीयते । भरताय यतः पित्रा दत्तं प्रतिष्ठिता वनम् ।। (विष्णुमहापुराण, 2.1.28; कूर्ममहापुराण, ब्राह्मीसंहिता, पूर्व, 40-41)*

*येषां खलु महायोगी भरतो ज्येष्ठः श्रेष्ठगुण आसीद्येनेदं वर्षं भारतमिति व्यदिशन्ति’। (भागवतमहापुराण, 5.4.9)*

*‘तेषां वै भरतो ज्येष्ठो नारायणपरायणः ।विख्यातं वर्षमेतद् यन्नाम्ना भरतमद्भुतम् ।।’। (भागवतमहापुराण, 11.2.17)*

*‘ऋषभो मेरुदेव्यां च ऋषभाद् भरतोऽभवत् । भरताद् भारतंवर्षं भरतात् सुमतिस्त्वभूत् ।।’(अग्निमहापुराण, 107.11)*

*‘नाभे पुत्रात्तु ऋषभाद् भरतो याभवत् ततः । तस्य नाम्ना त्विदंवर्षं भारतं येति कीर्त्यते ।।’*
*(नृसिंहपुराण, 30; स्कन्दमहापुराण, 1.2.37.57)*

*उसी दिन से इस देश का नाम ‘भारतवर्ष’ हो गया जो आज तक है।*

(ऋषभदेव का) अजनाभवर्ष ही भरत के नाम पर ‘भारतवर्ष’ कहलाया—
‘अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति’ (भागवतमहापुराण, 5.7.3)

चूँकि ऋषभदेव ने अपने ‘हिमवर्ष’ नामक दक्षिणी खण्ड को अपने पुत्र भरत को दिया था, इसी कारण उसका नाम भरत के नामानुसार ‘भारतवर्ष’ पड़ा-
‘नाभेस्तु दक्षिणं वर्षं हेमाख्यं तु पिता ददौ’
(लिंगमहापुराण, 47.6)
‘हिमाह्वं दक्षिणं वर्षं भरताय न्यवेदयत् ।
तस्मात् तद् भारतं वर्षं तस्य नाम्ना विदुर्बुधः ।।’
(वायुपुराण, 33.52; ब्रह्माण्डमहापुराण, 2.14.62; लिंगमहापुराण, 47.23-24)
‘हिमाह्वंदक्षिणंवर्षं भरतायपिताददौ ।
तस्मात्तु भारतंवर्षं तस्यनाम्नामहात्मनः ।।’
(मार्कण्डेयमहापुराण, 50.40-41)
‘इदं हैमवतं वर्षं भारतं नाम विश्रुतम् ।।’
(मत्स्यमहापुराण, 113.28)🕉️🌞🔥🔱🐚🔔

हिंदुओ को अपनी जातिपरक समस्याओं से ऊपर उठकर सम्पूर्ण सनातनी धर्मावलंबियों के हित में संघर्षरत होना चाहिये ,, तभी आप अपने सम्पूर्ण हिन्दू समुदाय का विकास कर पायेंगे ,, जब सम्पूर्ण समुदाय का विकास होता है तब घटक जातियों का विकास स्वतः होने लगता है,, स्मरण रहे
*कन्धे से ऊपर छाती नहीं होती*
*धर्म से ऊपर जाति नहीं होती*

वास्तव में सनातन संस्कृति में किसी भी व्यक्ति को अपनी जाति से ज्यादा अपने सनातनी धर्मावलंबी होने पर गर्व होना चाहिये ,,
*उदहारण:*
भारतीय सशत्र सैन्य बलों में अपनी योग्यता से चुने गए एक हरिजन का बेटा जो रात दिन सीमा पर हमारी सुरक्षा के लिए प्रहरी बना खड़ा है ,, किसी भी अन्य से कही ज्यादा सम्मानित और आदर योग्य है ,,
*कर्म से वही क्षत्रिय है भले ही वह किसी भी घटक जाति में जन्मा हो*

हमें अपने मूल संरचना में वापस जाना होगा जहां कर्म प्रधान समाज की व्यवस्था थी,, मनुष्य का कर्म उसे सम्मान देते थे न कि किसी कुल में जन्मने पर यही सोच फिर से विकसित करनी होगी ,, यही सनातन संस्कृति है ,,यही सनातन संस्कृति की शक्ति है ,, इसी परंपरा से ही सनातन संस्कृति का विकास होना है ,, जय भारत ,, जय सनातन धर्म ,, जय सनातन संस्कृति 💐💐🙏