आज का पंचाग आपका राशि फल, भारत सोने की चिड़िया था और फिर मोदी के नेतृत्व में सोने की चिड़िया भी बनेगा और शक्तिशाली भी, ईसवी सन ईसा के जन्म से शुरू हुआ…और ईसा का जन्म 25 दिसम्बर अचरज है ना!

अंतर बस इतना है……..* 

              *पुस्तक से सीखो तो* 

                    *नींद आती है…* 

                *जिंदगी सिखाएं तो* 

                 *नींद उड़ जाती है !* 

             *🙏🏻जय श्री कृष्णा🙏🏻*

🚩🔥🌺🙏🏻🕉️🙏🏻🌺🔥🚩

🌺🙏अथ पंचांगम् 🙏🌺

*दिनांक :𝀈*
*27/11/2023, सोमवार*
पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष,
कार्तिक दिल्ली
___________________(समाप्ति काल)

तिथि——पूर्णिमा 14:45:14 तक
पक्ष————————-शुक्ल
नक्षत्र———कृत्तिका 13:34:26
योग————–शिव 23:37:12
करण————–बव 14:45:14
करण———–बालव 26:21:10
वार———————–सोमवार
माह———————–कार्तिक
चन्द्र राशि——————–वृषभ
सूर्य राशि——————-वृश्चिक
रितु————————–हेमंत
आयन—————–दक्षिणायण
संवत्सर——————शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————–पिंगल
विक्रम संवत—————-2080
गुजराती संवत————–2080
शक संवत——————1945
कलि संवत—————–5124

दिल्ली
सूर्योदय—————-06:54:19
सूर्यास्त—————-17:22:47
दिन काल————–10:28:27
रात्री काल————-13:32:20
चंद्रोदय————— 17:13:03
चंद्रास्त—————- 31:15:27*

लग्न—-वृश्चिक 10°20′ , 220°20′

सूर्य नक्षत्र—————- अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र—————- कृत्तिका
नक्षत्र पाया——————-लोहा

*🚩💮शुभा$शुभ मुहूर्त💮🚩*

राहू काल 08:13 – 09:31 अशुभ
यम घंटा 10:50 – 12:09 अशुभ
गुली काल 13:27 – 14: 46
अभिजित 11:48 – 12:30 शुभ
दूर मुहूर्त 12:30 – 13:11 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:35 – 15:17 अशुभ
वर्ज्यम 29:29* – 31:05* अशुभ

*💮दिशा शूल ज्ञान————पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩💮 पद, चरण 💮🚩*

उ—-कृत्तिका 07:39:43

ए—-कृत्तिका 13:34:26

ओ—- रोहिणी 19:30:46

वा—- रोहिणी 25:28:50

*🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
======================
सूर्य= वृश्चिक 09:30, अनुराधा 2 नी
चन्द्र= मेष 29:30 , कृतिका 1 उ
बुध =वृश्चिक 26°:53′ ज्येष्ठा 4 यू
शु क्र=कन्या 26°05, चित्रा’ 1 पे
मंगल=वृश्चिक 07°30 ‘ अनुराधा’ 2 नी
गुरु=मेष 13°30 ‘ भरणी , 1 ली
शनि=कुम्भ 06°50 ‘ शतभिषा ,1 गो
राहू=(व) मीन 28°35 रेवती , 4 ची
केतु=(व) कन्या 28°35 चित्रा , 2 पो

💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:50 – 08:09 शुभ
काल 08:09 – 09:28 अशुभ
शुभ 09:28 – 10:48 शुभ
रोग 10:48 – 12:07 अशुभ
उद्वेग 12:07 – 13:26 अशुभ
चर 13:26 – 14:45 शुभ
लाभ 14:45 – 16:04 शुभ
अमृत 16:04 – 17:23 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 17:23 – 19:04 शुभ
रोग 19:04 – 20:45 अशुभ
काल 20:45 – 22:26 अशुभ
लाभ 22:26 – 24:07* शुभ
उद्वेग 24:07* – 25:48* अशुभ
शुभ 25:48* – 27:29* शुभ
अमृत 27:29* – 29:10* शुभ
चर 29:10* – 30:51* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 06:50 – 07:43
शनि 07:43 – 08:36
बृहस्पति 08:36 – 09:28
मंगल 09:28 – 10:21
सूर्य 10:21 – 11:14
शुक्र 11:14 – 12:07
बुध 12:07 – 12:59
चन्द्र 12:59 – 13:52
शनि 13:52 – 14:45
बृहस्पति 14:45 – 15:38
मंगल 15:38 – 16:30
सूर्य 16:30 – 17:23

🚩होरा, रात
शुक्र 17:23 – 18:30
बुध 18:30 – 19:38
चन्द्र 19:38 – 20:45
शनि 20:45 – 21:52
बृहस्पति 21:52 – 22:59
मंगल 22:59 – 24:07
सूर्य 24:07* – 25:14
शुक्र 25:14* – 26:22
बुध 26:22* – 27:29
चन्द्र 27:29* – 28:36
शनि 28:36* – 29:44
बृहस्पति 29:44* – 30:51

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

वृश्चिक > 05:00 से 07:34 तक
धनु > 07:34 से 08:00 तक
मकर > 08:00 से 11:08 तक
कुम्भ > 11:08 से 12:40 तक
मीन > 12:40 से 14:02 तक
मेष > 14:02 से 15:50 तक
वृषभ > 15:50 से 17:48 तक
मिथुन > 17:48 से 19:56 तक
कर्क > 19:56 से 22:12 तक
सिंह > 22:12 से 00:14 तक
कन्या > 00:14 से 03:48 तक
तुला > 03:48 से 05:00 तक

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें।

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 2 + 1 = 18 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

15 + 15 + 5 = 35 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩विशेष जानकारी🚩💮*

*कार्तिक पूर्णिमा

* भीष्म पंचक समाप्त

*निंबार्काचार्य भगवान जयंती

* गुरुनानक जयंती

*🚩💮 शुभ विचार 💮🚩*

मूर्खस्तु परिहर्त्तव्यः प्रत्यक्षो द्विपदः पशुः ।
भिद्यते वाक्यशूलेन अदृश्यं कण्टकं यथा ।। चा o नी o।।

मूर्खो के साथ मित्रता नहीं रखनी चाहिए उन्हें त्याग देना ही उचित है, क्योंकि प्रत्यक्ष रूप से वे दो पैरों वाले पशु के सामान हैं,जो अपने धारदार वचनो से वैसे ही हदय को छलनी करता है जैसे अदृश्य काँटा शारीर में घुसकर छलनी करता है .

*🚩💮 सुभाषितानि 💮🚩*

गीता -: सांख्ययोग अo-02

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।,
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ॥,

इस आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकते, इसको आग नहीं जला सकती, इसको जल नहीं गला सकता और वायु नहीं सुखा सकता॥,23॥,

*💮🚩दैनिक राशिफल🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि तथा उन्नति मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। यात्रा की योजना बनेगी। घर-बाहर कुछ तनाव रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐂वृष
नई योजना लागू करने का श्रेष्ठ समय है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। सफलता के साधन जुटेंगे। जोखिम न उठाएं।

👫मिथुन
किसी जानकार प्रबुद्ध व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होने के योग हैं। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। किसी राजनयिक का सहयोग मिल सकता है। लाभ के दरवाजे खुलेंगे। चोट व दुर्घटना से बचें। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। विवाद से बचें। धन प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें।

🦀कर्क
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। कानूनी अड़चन आ सकती है। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।

🐅सिंह
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते कामों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेवजह लोगों से मनमुटाव हो सकता है। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। जल्दबाजी न करें।

🙎‍♀️कन्या
घर-बाहर प्रसन्नतादायक वातावरण रहेगा। नौकरी में चैन महसूस होगा। व्यापार से संतुष्टि रहेगी। संतान की चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी तथा शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। मित्रों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा की योजना बनेगी। प्रसन्नता रहेगी।

⚖️तुला
दु:खद सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। लाभ होगा।

🦂वृश्चिक
भूले-बिसरे साथी तथा आगंतुकों के स्वागत तथा सम्मान पर व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं, लाभ होगा।

🏹धनु
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। परिवार के लोग अनुकूल व्यवहार करेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। नए लोगों से संपर्क होगा। आय में वृद्धि तथा आरोग्य रहेगा। चिंता में कमी होगी। जल्दबाजी न करें।

🐊मकर
यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा।

🍯कुंभ
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। काम में मन लगेगा। शेयर मार्केट में लाभ रहेगा। नौकरी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।

🐟मीन
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चोट व दुर्घटना से बचें। आय में कमी रह सकती है। घर-बाहर असहयोग व अशांति का वातावरण रहेगा। अपनी बात लोगों को समझा नहीं पाएंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। हितैषी सहयोग करेंगे। धनार्जन संभव है।

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

*विश्व के इतिहास में केवल दो एक ही ऐसे महाराज थे जिनके दरबार में कभी किसी स्त्री ने नृत्य नहीं किया..🔥🔥🔥*भगवान राम और दूसरे छत्रपती शिवाजी महाराज..🤺🙏🚩

*भारत को पहले सोने की चिड़िया कहा जाता था | भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहते थे ,यह हमें समझना होगा |भारत में सोना ना निकलने के बावजूद भी भारत के पास इतना सोना आया कहां से ?तो उसका उत्तर है भारत की manufacturing industry |

भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री इतनी समृद्ध थी ,कि एक बार यूरोप के एक राजा ने कहां था ,कि हम भारत के गुलाम हैं, हमारे तन पर कपड़ा है भारत में बना हुआ है , हमारे खाने के टेबल पर जो भोजन है ,वह भारत से आयात किए हुए मसालों से बना हुआ है , भारत से बनी हुई इस्पात से हमारी तलवारें बनी हुई हैं जिनसे हम युद्ध लड़ते हैं ।

भारत का बना हुआ इस्पात इतना अच्छा था कि भारत की राजधानी दिल्ली में जो लौह स्तंभ बना हुआ है उसको आज तक भी कभी भी जंग नहीं लगी,| आजतक भी दुनिया भर के वैज्ञानिक वैसा लोहा नहीं बना सके ।

भारत में बनी हुई ढाका की मलमल इतनी महीन थी ,कि कपड़े का एक पुरे का पूरा थान एक अंगूठी से निकल जाता था । आजकल की कोई भी कपड़ा मिल इतना अच्छा कपड़ा आज तक भी नहीं बना सकी ।

चिकित्सा के क्षेत्र में भारत का लोहा दुनिया मानती थी| प्लास्टिक सर्जरी की खोज महर्षि सुश्रुत ने की थी । बेहोश करने की तकनीक महर्षि चरक ने दी थी।

‌ यह तो रहे भारत की महानता के कुछ किस्से | जो हम बचपन से ही सुनते आए हैं,| बचपन में हम इन बातों पर गर्व तो करते थे लेकिन हमारे पास सबूत नहीं थे |या यूं कहिए हमारे से छुपा दिए गए थे , अंग्रेजों द्वारा डिजाइन की की शिक्षा पद्धति के द्वारा। लेकिन जैसे-जैसे इंटरनेट का आगमन हुआ, इंफॉर्मेशन पर कुछ गिने-चुने व्यक्तियों का एकाधिकार खत्म हो गया। सोशल मीडिया आने के बाद हमें वह जानकारियां उपलब्ध हो गई जो हम से छुपाई गई थी। जैसे कि मैं अपना उदाहरण दूं जैसे कि एक बार मैंने यूट्यूब पर श्री एस गुरुमूर्ति जी का लैक्चर सुना था । जिसमें उन्होंने बताया था कि एक बड़े अर्थशास्त्री इतिहासकार हुए हैं श्री angus मैडिसन जिन्होंने एक पुस्तक लिखी है the world economy a millennial perspective| जिसमें उन्होंने विश्व economy के 2000 सालों का डाटा दिया हुआ इसमें उन्होंने लिखा है कि अंग्रेजों के आने के पहले सन 1700 तक विश्व की कुल आमदनी में भारत की हिस्सेदारी लगभग 24 प्रतिशत थी और यह विश्व का नंबर वन अमीर देश था उस समय तक इंग्लैंड विश्व का एक गरीब देश था । जिसकी जीडीपी का कुल विश्व की जीडीपी में हिस्सा, केवल 2.9% था।

‌कुछ दिनों पहले मैंने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा जिसमें दुनिया के 5 सबसे अमीर रिलिजियस इंस्टिट्यूशन के बारे में बताया गया था। नंबर दो पर था रोमन कैथोलिक चर्च जिस के अनुयायी विश्व भर में सबसे अधिक हैं और दुनिया के लगभग हर देश में इस चर्च के नाम पर जमीन जायदाद है। भारत में भी इस चर्च के पास सबसे ज्यादा जमीन है। इस तरह अगर रोमन कैथोलिक चर्च की कुल संपत्ति की वैल्यूएशन की जाए तो यह संपति लगभग 20 बिलियन डॉलर की बनती है।

लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ,विश्व की नंबर १ धार्मिक संस्था है केरल में स्थित श्री पद्मनाभ स्वामी जी का मंदिर | यह मंदिर अपनी धन संपदा के कारण हमेशा चर्चा में बना रहता है | इस मंदिर के अनुयायी रोमन कैथोलिक चर्च की तुलना में बहुत ही कम हैं और जमीन भी रोमन कैथोलिक चर्च की तुलना में बहुत कम है |लेकिन चर्च की कुल सम्पति है केवल 20 बिलियन डालर | और इस मंदिर की संपदा ,आप जानकर हैरान होंगे , है 770 बिलियन डालर | चर्च से कई गुना अधिक |

यहाँ पर सवाल धन संपदा का नहीं है , सवाल यह है की अगर भारत के एक मंदिर के पास इतनी संपदा है तो बाकि के मंदिरों पास कितनी संपदा होगी जो अंग्रेज और मुसलमान भारत से लूटकर ले गए |

एक सवाल और भी उठता है कि इस मंदिर के पास इंतनी संपदा आई कहाँ से ?तो इसका उत्तर है भक्तजनों के चडावे से | इसका अर्थ है यह की श्री पद्मनाभ स्वामी जी के मंदिर की धन संपदा देखकर इस बात का अन्द्ज़ा लगाया जा सकता है कि उन दिनों में भारत के लोग कितने अमीर रहें होंगे |

यह तो रहा प्रमाण इस बात का , कि भारत सोने की चिड़िया था वो भी लगातार 10000 वर्षों तक अब प्रशन यह उठता है इतनी विकसित अर्थव्यवस्था के पीछे कोई ना कोई अर्थव्यस्था का माडल तो अवश्य रहा होगा | क्या था वह माडल ? निश्चित रूप से वह आज कल चल रहा पूंजीवादी माडल तो नहीं रहा होगा जो अंग्रेजो का थोपा हुआ है | इसको पूंजीवादी माडल इसलिए कहते हैं क्योकि इस माडल की सभी व्यवस्थाएं इस बात को यकीनी बनाती हैं कि देश के सारे संसधानो पर , शिक्षा व्यवस्था पर , न्याय व्यवस्था पर कुछ चंद लोगो का एकाधिकार हो जाये | अगर आप विस्तार से इस माडल के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारा you tube चैनल Sanatan Bharat या फेसबुक पेज @sanatanbharat123 देखते रहिये | 

यह पूंजीवादी माडल अंग्रेजों के आने साथ ही भारत पर थोप दिया गया | अंग्रेजो के आने के पहले भारत में जो माडल चलता था वह था अर्थव्यवस्था , न्याय व्यवस्था ,शिक्षा व्यवस्था , फ़ूड प्रोसेसिंग , गवर्नस ,कृषि आदि का सनातन वैदिक माडल | इस सनातन माडल के कारण ही भारत लगातार 10000 वर्षों तक विश्व का लीडर बना रहा |जिसमे आने के लिए दुनिया तरसती थी |

आजकल की पूंजीवादी शिक्षा व्यवस्था के मुकावले कई गुना अच्छा थी सनातन वैदिक गुरुकुलिया शिक्षा व्यवस्था | इस शिक्षा व्यवस्था व्यवस्था में समाज के हर वर्ग गरीब हो या आमीर सब के लिए शिक्षा बिलकुल निशुल्क थी और भारत में साक्षरता की दर लगभग 100 % थी आजकल की पूंजीवादी शिक्षा व्यवस्था जहाँ व्यक्ति की रचनात्मकता को ख़त्म कर देती है वहीँ सनातन वैदिक शिक्षा व्यवस्था व्यक्ति की रचनात्मकता को नया अवसर देती है | इसी शिक्षा व्यवस्था के कारण भारत में कई महान वैज्ञानिक जैसे आर्य भट्ट ,वराहमिहिर ,ब्रम्हगुप्त,ऋषि कणाद , महर्षि पाणिनि आदि पैदा हुए |इस तरह न्याय व्यवस्था का सनातनी माडल भी विद्यमान था ,जो सबको त्वरित , निशुल्क न्याय देता था लेकिन आजकल की पूंजीवादी न्याय व्यवस्था केवल अमीरों की जरखरीद गुलाम बनी हुई है।

सनातन भारत में सबके लिए जमीन मुफ्त में उपलब्ध थी जिसको भी सनातन टैक्सेशन सिस्टम दोबारा नियंत्रित किया जाता था आजकल की जमीन की पूंजीवादी व्यवस्था ने गरीब ,जंगल और जानवर से जमीन छीन ली है। गरीब जंगल और जानवर के लिए आजकल की पूंजीवादी व्यवस्था में 2 गज जमीन भी नहीं है ।

इस तरह सनातन भारत में इन्वेस्टमेंट का मॉडल भी विद्यमान था जोकि आजकल की पूंजीवादी इन्वेस्टमेंट मॉडल जैसे एफडी शेयर्स आदि से कहीं ज्यादा अच्छा था।

सनातन व्यवस्थाओं का मुख्य आधार परिवार व्यवस्था थी जबकि पूंजीवादी मॉडल कहता है कि अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए परिवार व्यवस्था को तोड़ा जाए ताकि आप हर चीज बाजार से खरीदें। जोमैटो और swiggy जैसी कंपनियां इसलिए शुरू हुई है ताकि आपको भोजन भी बाजार से खरीद कर खाना पड़े आप बाजार से भोजन तभी खरीदोगे अगर आपका परिवार टूट जाए।

यहां पर हमने केवल इस बात को रखा है कि आजकल की पूंजीवादी व्यवस्था के विकल्प के रूप में एक बहुत अच्छा और well proven सनातन मॉडल भी उपलब्ध था इसकी विस्तार से चर्चा हम अपने आने वाली लेखों में करेंगे ।

हम अपने लेखों के माध्यम से यह समझने का प्रयास करेंगे कि कैसे बैंकों के कारण विश्व भर में महंगाई बेरोजगारी आदि बढ़ी है और बैंक पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। हम अपने आने वाले लेखों के माध्यम से शेयर मार्केट को भी expose करेंगे कि कैसे शेयर मार्केट से पैसा नीचे से ऊपर मने गरीब से अमीर की तरफ जाता है l

Information warfare जिस के मुख्य साधन टीवी अखबार फिल्में आदि हैं , कैसे दुष्प्रचार करके पूंजीवादी व्यवस्था को आगे बढ़ता है, इसको भी expose किया जाएगा।

अंत में, मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि अगर हम पूंजीवादी मॉडल के सामने सनातनी व्यवस्थाओं का विकल्प रखें तो कैसे यह पूंजीवादी व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी ।उदाहरण के लिए पहले पूंजीवादी चिकित्सा व्यवस्था एलोपैथी ही इलाज का एकमात्र साधन थी। जब हमने वैदिक सनातन आयुर्वेद का विकल्प लोगों के सामने रखा तो एलोपैथी के पैर उखड़ने लगे ।अभी तो एलोपैथी को पूर्ण सरकारी संरक्षण प्राप्त है। कुल हेल्थ बजट का लगभग 98 % एलोपैथी पर खर्च होने के बावजूद भी एलोपैथी आयुर्वेद के सामने टिक नहीं पा रही।

इस तरह हमे एक एक करके पूंजीवादी व्यवस्थाओं का सनातनी विकल्प लोगों के सामने रखना होगा ।देर सबेर जब लोग पूंजीवादी व्यवस्थाओं से दुखी होंगे तो पूंजीवाद का किला ढह जाएगा और सनातन का सूर्य पुण्य उदय होगा और सनातन सारे देशों में फैल जाएगा ।धन्यवाद।

ईसवी सन ईसा के जन्म से शुरू हुआ…और ईसा का जन्म 25 December अजीब है ना! ….सच तो ये है की वो लोग हमें follow करते थे पर आज आप उनके पीछे लगे हुए हो …..शायद थोड़ी विज्ञान पढ़ी हो तो बताता हूँ….
Sept(सेप्ट)= 7
Oct(आक्ट)= 8
Nove(नव)= 9
Dec(डेक)= 10
September मतलब… सप्त+ अम्बर ….उसी तरह …. ऑक्ट+अम्बर ….आदि
तो समझे दिसम्बर 10 वाँ
जनवरी 11वाँ
फरवरी 12वाँ महीना होता था।
सारे जोड़ घटाव अंत में किये जाते है, इसीलिए फ़रवरी 28 या 29…और बाकि महीने 30 या 31 के होते है…ना कि दिसम्बर में कोई बदलाव होता है। मतलब मार्च पहला महीना होता था …जो की भारतीय नववर्ष के अनुसार था …
एक और बात “GMT- ग्रीनविच मीन टाइम ” होता है न वो भारत के समय से 5:30 घंटे पीछे रहता है…मतलब जब हमारे यहाँ सुबह के 5:30 होते है तो वहा 12:00 होते है रात के…हमारे यहाँ दिन का बदलना ब्रह्म मुहूर्त में माना जता है….जो की 5 बजे के लगभग होता है…उस समय वहा पर अर्धरात्रि होती थी…इस वजह से वो हमारे अनुसार ही दिन परिवर्तन मानते थे….अन्यथा रात के 12 बजे GOOD MORNING का क्या मतलब …ऐसे बहुत सारे कारण है …इन्ही वजहों से भारत को “विश्वगुरु” कहा जाता था ….पर आप लोग है की अंग्रेजो के पीछे भाग रहे हो…।।
हमें इस मति भ्रमित अवस्था से बाहर आना होगा, और गौरव अनुभव करते हुए, ऊपर उठना होगा ।