आज का पंचाग आपका राशि फल और भारतीय नव वर्ष चैत्र प्रतिपदा की वैज्ञानिकता, जंक फूड से हो रहा है कैंसर, नव वर्ष के नाम पर जीव हत्या प्रदूषण और मदिरापान भगवान के प्रति अक्षम्य अपराध और घोर पाप

 📖 *नीतिदर्शन………………*✍

*एकचक्रो रथो यद्वदेकपक्षो यथा खगः।*
*अभार्योSपि नरस्तद्वदयोग्य: सर्वकर्मसु।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏾 जैसे एक रथ दो–रथचक्रोंके बिना नहीं चल सकता, एक चिड़िया दो पंखोंके बिना नहीं उड़ सकती, वैसे ही भार्या से रहित अकेला पुरुष आध्यात्मिक, पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन की सुव्यवस्था एवं सुख-स्वास्थ्य-शान्ति की रक्षा नहीं कर सकता। इस पवित्र और मधुर समन्वय के कारण ही पति *परमेश्वर* है और पत्नी *परमेश्वरी*।
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || याम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| हेमन्त ऋतु || पौष कृष्णपक्ष || प्रतिपदा तिथि पूर्वाह्ण ९:३० तक उपरान्त द्वितीया || गुरुवासर || पौष सौर १७ प्रविष्ठ || तदनुसार ३१ दिसम्बर २०२० ई० || नक्षत्र पुनर्वसु || मिथुनस्थ चन्द्रमा अपराह्न१:३६ तक उपरान्त कर्कस्थ चन्द्र ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐*🚩जय सत्य सनातन🚩*

*🚩आज की हिंदी तिथि*

पौष १७ गते २०७७ 

🌥️ *🚩युगाब्द-५१२२*
🌥️ *🚩विक्रम संवत-२०७७*
⛅ *🚩तिथि – प्रतिपदा सुबह 09:30 तक तत्पश्चात द्वितीया 

⛅ *दिन – गुरुवार*
⛅ *शक संवत – 1942*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – शिशिर*
⛅ *मास – पौष*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *नक्षत्र – पुनर्वसु शाम 07:49 तक तत्पश्चात पुष्य*
⛅ *योग – इन्द्र शाम 02:52 तक तत्पश्चात वैधृति*
⛅ *राहुकाल – दोपहर 02:03 से शाम 03:25 तक*
⛅ *सूर्योदय – 07:17*
⛅ *सूर्यास्त – 18:06*
⛅ *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*

⛅ *दिनांक 31 दिसम्बर 2020*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – (गुरुपुष्यामृत योग (रात्रि 07:49 से 01 जनवरी 2021 सूर्योदय तक)*
💥 *विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🌷 *पुष्य नक्षत्र योग* 🌷
➡ *31 दिसम्बर 2020 गुरुवार को 01 जनवरी 2021 सूर्योदय तक गुरुपुष्यामृत योग है ।*
🙏🏻 *१०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –*
*ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |…… ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |*

🌷 *कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में* 🌷
🌳 *बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |*

🌷 *गुरुपुष्यामृत योग* 🌷
🙏🏻 *‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |*
🙏🏻 *इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)*

*🔰 1 जनवरी का इतिहास जान लेंगे आप तो छोड़ देंगे नववर्ष मनाना*

📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………..5122
विक्रम संवत्………………….2077
शक संवत्…………………….1942
मास……………………………..पौष
पक्ष…………………………….कृष्ण
तिथी………………………..प्रतिपदा
प्रातः 09.29 पर्यंत पश्चात द्वितीया
रवि……………………….दक्षिणायन
सूर्योदय………..प्रातः 07.07.13 पर
सूर्यास्त……….संध्या 05.53.17 पर
सूर्य राशि………………………..धनु
चन्द्र राशि……………………..मिथुन
गुरु राशि……………………….मकर
नक्षत्र…………………………पुनर्वसु
संध्या 07.42 पर्यंत पश्चात पुष्य
योग………………………………इंद्र
दोप 02.39 पर्यंत पश्चात वैधृति
करण………………………..कौलव
प्रातः 09.29 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु…………………………..हेमंंत

*उदय लग्न मुहूर्त :-*
*धनु*
06:02:10 08:07:54
*मकर*
08:07:54 09:54:54
*कुम्भ*
09:54:54 11:28:29
*मीन*
11:28:29 12:59:41
*मेष*
12:59:41 14:40:24
*वृषभ*
14:40:24 16:39:02
*मिथुन*
16:39:02 18:52:43
*कर्क*
18:52:43 21:08:54
*सिंह*
21:08:54 23:20:42
*कन्या*
23:20:42 25:31:22
*तुला*
25:31:22 27:45:59
*वृश्चिक*
27:45:59 30:02:10

🚦 *दिशाशूल :-*
दक्षिणदिशा – यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक…………………..4
🔯 शुभ रंग……………..केसरिया

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 11.09 से 12.29 तक चंचल
दोप. 12.29 से 01.48 तक लाभ
दोप. 01.48 से 03.08 तक अमृत
सायं 04.28 से 05.48 तक शुभ
सायं 05.48 से 07.28 तक अमृत
रात्रि 07.28 से 09.08 तक चंचल |

📿 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ सर्वभूतात्मने नमः ।।

📢 *सुभाषितानि :-*
मातापित्रो र्गुरौ मित्रे विनीते चोपकारिणि ।
दीनानाथ विशिष्टेषु दत्तं तत्सफलं भवेत् ॥
अर्थात :-
माता-पिता को, गुरु को, मित्र को, संस्कारी लोगों को, उपकार करनेवाले को और खासकर दीन-अनाथ को (या ईश्वर को) जो दिया जाता है, वह सफल होता है ।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि तथा उन्नति मनोनुकूल रहेंगे। पार्टनरों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। यात्रा की योजना बनेगी। घर-बाहर कुछ तनाव रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
शेयर मार्केट में लाभ रहेगा। नौकरी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। काम में मन लगेगा। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। दु:खद सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। लाभ होगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
भूले-बिसरे साथी तथा आगंतुकों के स्वागत तथा सम्मान पर व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं, लाभ होगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
मित्रों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नतादायक वातावरण रहेगा। नौकरी में चैन महसूस होगा। संतान की चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी तथा शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। व्यापार से संतुष्टि रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा की योजना बनेगी। प्रसन्नता रहेगी।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
बेवजह लोगों से मनमुटाव हो सकता है। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते कामों में विघ्न आएंगे। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। जल्दबाजी न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
कानूनी अड़चन आ सकती है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। नई योजना लागू करने का श्रेष्ठ समय है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। सफलता के साधन जुटेंगे। जोखिम न उठाएं।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
व्यस्तता रहेगी। किसी जानकार प्रबुद्ध व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होने के योग हैं। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। किसी राजनयिक का सहयोग मिल सकता है। लाभ के दरवाजे खुलेंगे। चोट व दुर्घटना से बचें। थकान व कमजोरी महसूस होगी। विवाद से बचें। धन प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चोट व दुर्घटना से बचें। आय में कमी रह सकती है। घर-बाहर असहयोग व अशांति का वातावरण रहेगा। अपनी बात लोगों को समझा नहीं पाएंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। हितैषी सहयोग करेंगे। धनार्जन संभव है।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
परिवार के लोग अनुकूल व्यवहार करेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। नए लोगों से संपर्क होगा। किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। आय में वृद्धि तथा आरोग्य रहेगा। चिंता में कमी होगी। जल्दबाजी न करें।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*⚜️विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत में राज करने के लिए सबसे पहले भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात किया जिससे हम अपनी महान दिव्य संस्कृति भूल जाएं और उनकी पाश्चात्य संस्कृति अपना लें जिसके कारण वे भारत में राज कर सकें।*

*⚜️अपनी संस्कृति का ज्ञान न होने के कारण आज हिन्दू भी 31 दिसंबर की रात्रि में एक-दूसरे को हैपी न्यू इयर कहते हुए नववर्ष की शुभकामनाएं देते हैं ।*और अपनी खुशी के लिए लाखों जीवों से नव वर्ष के नाम पर उनका जीवन नष्ट कर देते हैं। मदिरा पान करते हैं 

*⚜️नववर्ष उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में मनाया जाता था। लेकिन उस समय नए वर्ष का ये त्यौहार 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि (हिन्दुओं का नववर्ष ) भी मानी जाती थी। प्राचीन रोम में भी ये तिथि नव वर्षोत्सव के लिए चुनी गई थी लेकिन रोम के तानाशाह जूलियस सीजर को भारतीय नववर्ष मनाना पसन्द नहीं आ रहा था इसलिए उसने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए वर्ष का उत्सव मनाया गया। ऐसा करने के लिए जूलियस सीजर को पिछला वर्ष यानि, ईसापूर्व 46 ईस्वी को 445 दिनों का करना पड़ा था । उसके बाद भारतीय नववर्ष के अनुसार छोड़कर ईसाई समुदाय उनके देशों में 1 जनवरी से नववर्ष मनाने लगे।*

*⚜️भारत देश में अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कम्पनी की 1757 में स्थापना की। उसके बाद भारत को 190 साल तक गुलाम बनाकर रखा गया। इसमें वो लोग लगे हुए थे जो भारत की ऋषि-मुनियों की प्राचीन सनातन संस्कृति को मिटाने में कार्यरत थे। लॉड मैकाले ने सबसे पहले भारत का इतिहास बदलने का प्रयास किया जिसमें गुरुकुलों में हमारी वैदिक शिक्षण पद्धति को बदला गया।*

*⚜️भारत का प्राचीन इतिहास बदला गया जिसमें भारतीय अपने मूल इतिहास को भूल गये और अंग्रेजों का गुलाम बनाने वाले इतिहास याद रह गया और आज कई भोले-भाले भारतवासी सृष्टि की रचना तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष नहीं मनाकर 1 जनवरी को ही नववर्ष मनाने लगे।*

*⚜️हद तो तब हो जाती है जब एक दूसरे को नववर्ष की बधाई भी देने लग जाते हैं। क्या किसी भी ईसाई देशों में हिन्दुओं को हिन्दू नववर्ष की बधाई दी जाती है..??? किसी भी ईसाई देश में हिन्दू नववर्ष नहीं मनाया जाता है फिर भोले भारतवासी उनका नववर्ष क्यों मनाते हैं?*

*⚜️इस साल आने वाला नया वर्ष 2021 अंग्रेजों अर्थात ईसाई धर्म का नया साल है।*

*🔰हिन्दू धर्म का इस समय विक्रम संवत 2077 चल रहा है।*

*⚜️सीधे-सीधे शब्दों में हिन्दू धर्म ही सब धर्मों की जननी है। यहाँ किसी धर्म का विरोध नहीं है परन्तु सभी भारतवासियों को बताना चाहते हैं कि इंग्लिश कैलेंडर के बदलने से हिन्दू वर्ष नहीं बदलता!*

*⚜️जब बच्चा पैदा होता है तो पंडित जी द्वारा उसका नामकरण कैलेंडर से नहीं हिन्दू पंचांग से किया जाता है। ग्रहदोष भी हिन्दू पंचाग से देखे जाते हैं और विवाह, जन्मकुंडली आदि का मिलान भी हिन्दू पंचाग से ही होता है। सभी व्रत, त्यौहार हिन्दू पंचाग से आते हैं। मरने के बाद तेरहवाँ भी हिन्दू पंचाग से ही देखा जाता है। मकान का उद्घाटन, जन्मपत्री, स्वास्थ्य रोग और अन्य सभी समस्याओं का निराकरण भी हिन्दू कैलेंडर {पंचाग} से ही होता है।*

*⚜️आप जानते हैं कि रामनवमी, जन्माष्टमी, होली, दीपावली, राखी, भाई दूज, करवा चौथ, एकादशी, शिवरात्री, नवरात्रि, दुर्गापूजा सभी विक्रमी संवत कैलेंडर से ही निर्धारित होते हैं । इंग्लिश कैलेंडर में इनका कोई स्थान नहीं होता।*

*🔰सोचिये! आपके इस सनातन धर्म के जीवन में इंग्लिश नववर्ष या कैलेंडर का स्थान है कहाँ ?*

*♦️1 जनवरी को क्या नया हो रहा है..????*
*⚜️न ऋतु बदली… न मौसम…न कक्षा बदली…न सत्र….न फसल बदली…न खेती…..न पेड़ पौधों की रंगत…न सूर्य चाँद सितारों की दिशा…. ना ही नक्षत्र…*

*⚜️हाँ, नए साल के नाम पर करोड़ो /अरबों जीवों की हत्या व करोड़ों /अरबों गैलन शराब का पान व रात पर फूहडता अवश्य होगी।*

*⚜️भारतीय संस्कृति का नव संवत् ही नया साल है, जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तियां, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते हैं जो विज्ञान आधारित है और चैत्र नवरात्रि का पहला दिन होने के कारण घर, मन्दिर, गली, दुकान सभी जगह पूजा-पाठ व भक्ति का पवित्र वातावरण होता है।*

*🔰अतः हिन्दुस्तानी अपनी मानसिकता को बदले, विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने और चैत्री शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन ही नूतन वर्ष मनाये।

*🚩सत्य सनातन 👣👣👣👣👣❓‼️‼️

*🍃आयुर्वेद-१७🍃🚩*
*🚩🍃 जंक फूड छोडें, आयुर्वेद अपनाएं (भारतीय पदार्थ खाएं) !*

*👉कुछ दिन पहले विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग ने महाविद्यालयों में जंक फूड खाने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है ।* इससे, महाविद्यालयों में खुलकर जंक फूड बेचने पर रोक लगेगी । महाविद्यालयों में हाथठेलों पर लगनेवाली चीनी तथा अन्य जंक फूड की दुकानें नहीं लगेंगी, यह अच्छी बात है । इस निर्णय की कार्यवाही मुंबई के कुछ महाविद्यालयों में आरंभ हो गई है ।
👉विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की दृष्टि से शासन का लिया हुआ यह निर्णय अभिनंदनीय है । परंतु, इससे विद्यार्थियों के जीवन से जंक फूड समाप्त नहीं होगा । इसलिए, शासन को इस निर्णय तक ही न रुककर, उसका पालन कठोरता से हो तथा देश के अन्य स्थानों पर भी जंक फूड के ठेले न लगें, इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए ।

👉जंक फूड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, यह बात अबतक के अनेक शोधों से सिद्ध हो चुकी है । जंक फूड खाने से बुद्धि दुर्बल होती है, शरीर में अनावश्यक वात तथा चरबी जमा होती है, जिससे शरीर में आलस बढता है । आज की युवा पीढी के साथ-साथ विद्यालयों के लडके भी जंकफूड के चंगुल में फंसे हुए हैं ।

👉जंकफूड का चलन इतना बढ गया है कि इससे सात्त्विक तथा पौष्टिक अन्न खाने का संस्कार ही धीरे-धीरे समाप्त हो सकता है । जंक फूड का प्रभाव रोकना हो, तो केवल महाविद्यालयों में उसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से काम नहीं बनेगा । लडके, महाविद्यालय के बाहर जाकर भी जंकफूड खा सकते हैं । इसलिए, पूरे देश में जंक फूड निर्माण पर तथा जंक फूड बेचनेवाली गाडियों पर प्रतिबंध लगना चाहिए । जंक फूड सेवन से शारीरिक क्षमता के साथ-साथ विचार करने की क्षमता भी बहुत घट जाती है । अतः, जंकफूड का चलन रोकने के लिए शीघ्रातिशीघ्र उचित समाधान निकालना आवश्यक है ।

👉हमारी युवा पीढी जंक फूड खाने की अभ्यस्त हो गई है । इससे शरीर की हानि होती यह, पता होने पर भी भोगवाद की प्रवृत्ति बन जाने से, जबतक शरीर को गंभीर रोग नहीं लग जाता, तबतक व्यक्ति नहीं चेतता । वह समझता है कि जीवन मौज-मजा करने के लिए ही है । आजकल के अधिकतर लोग जानते ही नहीं कि अन्न पूर्णब्रह्म है । आयुर्वेद कहता है कि शरीर को पालने के लिए भोजन करना आवश्यक है । हिन्दू धर्म हमें बताता है कि भोजन करना, पेट भरना नहीं है । यह यज्ञकर्म है । जो लोग अपनी वासना पर नियंत्रण पाना चाहते हैं, वे मन को यह बात बताते हुए अन्नग्रहण करें । इसी प्रकार, हमें अपने शरीर का पालन क्यों करना चाहिए ? क्योंकि हमारा शास्त्र हमें बताता है, शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम् । अर्थात, शरीर धर्मपालन (ईश्‍वरप्राप्ति) का मूल साधन है ।

👉इसलिए, इसका पालन करना आवश्यक है । परंतु, आज इस महान सीख को अधिकतर लोग भूल-से गए हैं । मनुष्य की प्रवृत्ति जीभ का स्वाद बनाना होने से, जंक फूड का जन्म हुआ, यह कहना अनुचित न होगा । पैसा होने पर भी घटिया पदार्थ खाना, विचारों का दिवालियापन दर्शाता है ।

👉जंक फूड त्यागकर, आयुर्वेद अपनाएं, यही इसका सबसे अच्छा उपाय है । आयुर्वेद न केवल शरीर, अपितु मन एवं बुद्धि का भी उत्तम पालन-पोषण हो, इसके लिए सात्त्विक अन्न ग्रहण करने के लिए कहता है । किसी ने कहा भी है, जैसा खाए अन्न, वैसा होवे मन । मन, बुद्धि तथा शरीर बलवान चाहिए, तो उत्तम अन्न खाना पडेगा । उससे भी आगे की बात यह है कि अन्न में पौष्टिक तत्त्व अधिक मात्रा में आने के लिए भूमि उपजाऊ होनी चाहिए । भूमि उपजाऊ होने के लिए जैविक खाद का उपयोग तथा कीटनाशकों का त्याग करना चाहिए । इस प्रकार, आयुर्वेदिक (प्राकृतिक) जीवनशैली अपनानी चाहिए । तभी हम जंक फूड के चंगुल से निकल पाएंगे । इसके लिए, आज के राज्यकर्ता वैसी इच्छाशक्ति दिखाएंगे, तो बलवान तथा बुद्धिमान पीढी का निर्माण होगा ।

#भारत माता की जय 
*🚩।। जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम् ।।🚩*

🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️