आज का पंचाग, आपका राशि फलादेश, तुलसी दास और हनुमान जी का अद्भुत प्रसंग

पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरो को भी अवश्य भेझिये
🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 18 मार्च 2021*
⛅ *दिन – गुरुवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2077*
⛅ *शक संवत – 1942*
⛅ *अयन – उत्तरायण*
⛅ *ऋतु – वसंत*
⛅ *मास – फाल्गुन*
⛅ *पक्ष – शुक्ल*
⛅ *तिथि – पंचमी 19 मार्च रात्रि 02:09 तक तत्पश्चात षष्ठी*
⛅ *नक्षत्र – भरणी सुबह 10:35 तक तत्पश्चात कृत्तिका*
⛅ *योग – वैधृति सुबह 09:58 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*
⛅ *राहुकाल – दोपहर 02:17 से शाम 03:48 तक*
⛅ *सूर्योदय – 06:45*
⛅ *सूर्यास्त – 18:47*
⛅ *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *घर में सुख-शांति के लिए* 🌷
🏡 *घर के मुख्य दरवाजा की जो दहलिज होती है | उस दहलिज को रोज सुबह-शाम साफ़ पानी से धो दिया जाय तो उस घर में अंदर आने वाले व बाहर जाने वाले को सुख-शांति और सफलता की प्राप्ति होती है |*
🙏🏻 *-
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *गर्मी या सिरदर्द हो तो* 🌷
🌞 *गर्मी है तो एक लीटर पानी उबालो, उबालकर आधा लीटर हो जाये तो उसे पीने से गर्मी का प्रभाव शांत हो जायेगा | फिर भी आँखे जलती हैं और गर्मी है तो एक कटोरी में पानी लो मुह में कुल्ला घुमाओ और दोनो आँख पानी में डुबो दीजिए आँखो के द्वारा गर्मी खिंच जायेगी, सिरदर्द की बहुत सारी बीमारियाँ इसी से भी भाग जाती है |*
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🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *धन, समृद्धि, सुख और शांति के लिए* 🌷
🙏🏻 *हिंदू धर्म में कुछ चीजें ऐसी मानी गई हैं जिन्हें घर में जरूर रखना चाहिए। कहा जाता है जहां भी ये मंगल प्रतीक रखें जाते हैं। उस घर में हमेशा बरकत बनी रहती है। साथ ही धन, समृद्धि और सुख की गंगा बहने लगती है। यही कारण है कि इन चीजों को पूजा की जगह रखने का अधिक महत्व है आइए जानते हैं कौन सी हैं वो चीजें…*
➡ *इन 5 चीजों को घर में रखने से होगी धन, समृद्धि,सुख और शांति*
1⃣ *कलश*
*कलश सुख और समृद्धि का प्रतीक होता है पूजन के स्थान पर रोली, कुम -कुम से अष्टदल कमल की आकृति बनाकर उस पर यह मंगल कलश रखा जाता है । इससे घर में समृद्धि रहती है ।*
2⃣ *स्वस्तिक*
*स्वस्तिक को शक्ति, सौभाग्य, समृद्धि और मंगल का प्रतीक माना जाता है ।हर काम में इसको बनाया जाता है ।इसलिए घर के पूजन स्थल पर धातु का बना स्वस्तिक जरूर रखना चाहिए ।*
3⃣ *शंख*
*शंख समुद्र मंथन के समय प्राप्त चौदह अनमोल रत्नों में से एक है । लक्ष्मी साथ उत्पन्न होने के कारण यह उनको प्रिय है ।इसलिए घर के पूजन स्थल पर इसे जरूर रखना चाहिए ।*
4⃣ *दीपक और धूपदान*
*पारंपरिक दीपक मिट्टी का ही होता है ।धूप देने का पात्र भी मिट्टी का होता है ।इस पर उपला रखकर गुड़ और घी की धूप भी दी जाती है । ऐसा करने से घर में हमेशा समृद्धि रहती है ।*
5⃣ *घंटी*
*जिन स्थानों पर घंटी बजने की आवाज नियमित आती है वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है ।इससे नकारात्मक शक्ति हटती है और समृद्धि के दरवाजे खुलते हैं ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻11 मार्च प्रात: 9.19 बजे से 16 मार्च प्रात: 4.45 बजे तक
7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक

जया एकादशी मंगलवार, 23 फरवरी 2021

आमलकी एकादशी गुरुवार, 25 मार्च2021

26 मार्च: प्रदोष व्रत

फाल्गुन पूर्णिमा 28 मार्च, रविवार

मेष
आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहेगा। आज आपको अपने व्यवसाय के मामलों में किसी पर भी भरोसा नहीं करना है अन्यथा आपको दुख होगा। यदि किसी वसूली पर जाने की सोच रहे हैं, तो आज आपका वहां जाना सार्थक हो सकता है। परिवार के किसी सदस्य को कोई भी वादा ना करें क्योंकि आप भलाई करने की सोच रहे हैं और उनका मंतव्य आपसे कोई गहरा फायदा उठाने का है। विद्यार्थियों को अपनी परीक्षा को एक लक्ष्य बनाकर करना होगा, तभी सफलता मिलती
वृष
आज का दिन आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। व्यवसाय के लिए की गई यात्राएं सफलता दायक रहेंगी। यदि आप नौकरी में कार्यरत हैं, तो आज आपको कोई नया कार्य सौंपा जा सकता है।  आज आपके पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं, लेकिन बुजुर्गों की सलाह आज आपके खास काम आएगी। पारिवारिक बिजनेस में भाई बहनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। प्रेम जीवन सुखमय रहेगा।
मिथुन
आज आपको कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन स्वयं को कमजोर नहीं समझना है। आज आपकी नौकरी व व्यवसाय में आपको कुछ उत्तरदायित्व वाला काम सौंपा जा सकता है, जो भविष्य में आप के लिए लाभदायक सिद्ध होगा। आज किसी पुराने मित्र से मुलाकात होने के योग बन रहे हैं, स्तनपान के भविष्य की चिंता सता सकती है।
कर्क
आज का दिन भागदौड़ भरा रहेगा, लेकिन इसका असर आपके स्वास्थ्य पर आ सकता है, इसलिए सचेत रहें। आप कभी-कभी आवेश में आकर कोई भारी गलती कर बैठते हैं, फिर भी आगे चलकर वही कार्य आपके लिए मुसीबत बन जाता है, इसलिए कृपया दूसरों के लिए अच्छा जरूर सोचें और करें। आज का दिन आपको अपने क्रोध पर नियंत्रण रखकर आगे बढ़ना होगा, तभी आपके कार्य सफल होते नजर आ रहे हैं। आज किसी जरूरी मुद्दे पर आप अपने पिताजी से सलाह मशवरा कर सकते हैं।
सिंह
आज आपको अपने कार्य क्षेत्र में चारों तरफ कड़ी निगरानी करनी होगी। आपको पता होना चाहिए कि आसपास क्या हो रहा है क्योंकि आपके बिजनेस के कुछ विरोधी आज आप के खिलाफ षड्यंत्र रच सकते हैं, इसलिए सावधान रहें। राजनीति क्षेत्र में आज आपकी रुचि बढ़ती नजर आ रही है, जिसमें धन भी व्यय होगा। सायंकाल के समय आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ कहीं घूमने फिरने का प्लान बना सकते हैं।
कन्या
आज का दिन आपके कार्यक्षेत्र में कुछ बदलाव करने का होगा, जिसके द्वारा आपको बिजनेस में लाभदायक फल प्राप्त होंगे। यदि आज आपके लिए कोई प्रेम प्रसंग आता है, तो उसका जवाब अपना स्टेटस देख कर ही दें, नहीं तो वह आपका फायदा उठा सकते हैं। आज आपके कुछ कार्य पुर्ण हो सकते हैं, इसलिए कोशिश जारी रखें। आज शाम के समय किसी मांगलिक कार्य कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते हैं।
तुला
आज का दिन आपके लिए मिश्रित परिणाम लकर आएगा। आज आपको अपने व्यवसाय में किसी दोस्त या एक्सपर्ट की सलाह लेनी पड़ सकती है। सलाह किसी ऐसे व्यक्ति से लें, जो अनुभवी हो। आप आज किसी के ऑफर को स्वीकार करने में असमर्थता महसूस करेंगे, इसलिए आपको अपनी वाणी पर संयम रखना होगा, तभी कार्य में सफलता मिलती दिख रही है।
वृश्चिक
आज का दिन आपके लिए अत्यधिक परिश्रम भरा रहेगा। यदि आप किसी नई नौकरी की खोज में है या फिर कोई नया व्यवसाय करना चाहते हैं, तो उसके लिए अपने आसपास के लोगों की सहायता ले हो सकता है। इसमें से कोई आपके लिए मददगार साबित हो। विद्यार्थियों को आज नए-नए आईडिया आएंगे। यदि कोई पारिवारिक विवाद चल रहा है, तो वह आज समाप्त होगा।
धनु
आज आपको समय के प्रति सचेत रहना होगा और आपको अपनी नौकरी व व्यवस्याए में चल रहे सभी कार्यों को आलस्य त्यागकर तत्परता से करना होगा। यदि आप तत्परता से नहीं जुटे तो सभी कार्य मे विलंब का शिकार हो सकते हैं। यदि आप अपने बिजनेस में कुछ नए बदलाव करने के लिए सोच रहे हैं, तो समय उत्तम है। इसमें भाग्य का आपको भरपूर साथ मिलेगा। ससुराल पक्ष से आज धन संपत्ति मिलने के योग बन रहे हैं।
मकर
यदि आपका कोई संपत्ति संबंधित कानूनी वाद विवाद चल रहा है, तो उसे ज्यादा लंबा ना खींचें, नहीं तो आगे चलकर उसमें आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आज आपको अपने किसी पुराने संकल्प को पूरा करने के लिए मन बनाना होगा। यदि आपने किसी मंदिर में मन्नत मांगी है, तो उसे तत्परता से पूरा करने के लिए आज निकल पड़ें। आर्थिक स्थिति की दिशा में किए गए प्रयास सार्थक होंगे।
कुंभ
आज का दिन आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। आज आपकी नौकरी और व्यवसाय के क्षेत्र में आपको कोई ऊंचा पद व ओहदा प्राप्त होने वाला है, तो उसे स्वीकार करने में देर ना लगाएं। यही आपके लिए उत्तम रहेगा। विद्यार्थियों को आज धन की कमी का सामना करना पड़ेगा। रोजगार के क्षेत्र में कार्यरत लोगों को आज सफलता प्राप्त होगी।
मीन
आज का दिन आपके लिए उत्तम फलदायक रहेगा। आज आपको किसी प्रोग्राम में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जा सकता है, जिससे आपका मान-सम्मान चरम पर होगा। आज आपको किसी दिखावे शान शौकत में पढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं है, ना ही किसी दिखावे वाले व्यक्ति से अपनी तुलना करें। आज अपने व्यापार के रुके हुए कार्यों को करने के लिए दिन उत्तम रहेगा। संतान से आज कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है।

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं

अंक ज्योतिष का सबसे आखरी मूलांक है नौ। आपके जन्मदिन की संख्या भी नौ है। आप सही मायनों में उत्साह और साहस के प्रतीक हैं। मंगल ग्रहों में सेनापति माना जाता है। अत: आप में स्वाभाविक रूप से नेतृत्त्व की क्षमता पाई जाती है। लेकिन आपको बुद्धिमान नहीं माना जा सकता। मंगल के मूलांक वाले चालाक और चंचल भी होते हैं। आपको लड़ाई-झगड़ों में भी विशेष आनंद आता है। आपको विचित्र साहसिक व्यक्ति कहा जा सकता है। यह मूलांक भूमि पुत्र मंगल के अधिकार में रहता है। आप बेहद साहसी हैं। आपके स्वभाव में एक विशेष प्रकार की तीव्रता पाई जाती है।

शुभ दिनांक : 9, 18, 27

शुभ अंक : 1, 2, 5, 9, 27, 72

 

शुभ वर्ष : 2025, 2036, 2045

ईष्टदेव : हनुमान जी, मां दुर्गा।

शुभ रंग : लाल, केसरिया, पीला

कैसा रहेगा यह वर्ष
राजनैतिक व्यक्ति सफलता का स्वाद चख सकते हैं। मित्रों स्वजनों का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी। आप अपनी शक्ति का सदुपयोग कर प्रगति की और अग्रसर होंगे। पारिवारिक विवाद सुलझेंगे। महत्वपूर्ण कार्य योजनाओं में सफलता मिलेगी। नौकरी में आ रही बाधा दूर होगी। स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। अधिकार क्षेत्र में वृद्धि संभव है।

काशी में एक जगह है अस्सीघाट वहा पर तुलसीदास जी रोज रामचरित मानस को गाते थे… उनकी कथा को बहुत सारे भक्त सुनने आते थे।.. प्रभु राम की कथा है ही ऐसी.. श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज हमेश राम नाम में खोए रहते थे…

एक बार गोस्वामीजी प्रातःकाल शौच करके वापस अपनी कुटिया की ओर आ रहे थे तो अचानक रस्ते में उन्होंने एक प्रेत देखा… जिसे देख कर वो थोडा हैरान हुए साथ ही डर भी गए.. पर वो प्रेत श्री तुलसीदास जी को देख कर बड़ा प्रसन्न हुआ और बोला हे महामुने आपने जो शौच के बचे हुए जल से यहाँ सींचन किया है मैं उस से तृप्त हुआ हूँ। अब मैं आपको कुछ देना चाहता हूँ।
ये सुन कर गोस्वामीजी बोले – भैया, हमारे मन में तो केवल एक ही चाह है कि हमें बस ठाकुर जी के दर्शन हो जाए।
प्रेत बोला – हे मुनिवर अपने तो राम कथा लिखी है?
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गोवास्मी जी बोले – हां भैया – राम की कथा तो हमने लिख दी है, गा दी है।पर साक्षात् दर्शन अभी तक नहीं हुए है। ..
प्रेत बोला – प्रभु फिर कैसे कथा लिख पाए?
गोस्वामी जी बोले – भैया ह्रदय में तो दर्शन होता है पर साक्षात् नहीं होता। यदि साक्षात् दर्शन हो जाए तो बस बड़ी कृपा होगी। यही हमारे मन की इच्छा है.. इसके सिवा जीवन से कुछ नहीं चाहते…
उस प्रेत ने कहा कि महाराज! मैं यदि दर्शन करवा सकता तो मैं अब तक दर्शन करके खुद मुक्त न हो जाता? मैं खुद प्रेत योनि में पड़ा हुआ हूँ अपराधी जीव हु… अगर इतनी ताकत मुझमें होती कि मैं आपको दर्शन करवा देता तो मैं तो खुद मुक्त हो गया होता अब तक।
तुलसीदास जी बोले – फिर भैया हमको कुछ नहीं चाहिए।
तो उस प्रेत ने कहा – सुनिए महाराज! मैं आपको दर्शन तो नहीं करवा सकता लेकिन दर्शन कैसे होंगे उसका रास्ता आपको अवश्य बता सकता हूँ।
तुलसीदास जी बोले- हां तो भैया वही बताओ
प्रेत बोला – हे महामुने आप जहाँ पर कथा कहते हो, वहा बहुत सारे भक्त सुनने आते हैं, अब आपको तो मालूम नहीं लेकिन मैं जानता हूँ आपकी कथा में रोज हनुमानजी भी राम जी की कथा सुनने आते हैं। मुझे मालूम है हनुमानजी को राम नाम, राम कथा से इतना प्रेम है की वो रोज कथा सुनने आते हैं।
तुलसीदास जी बोले – अच्छा भैया तो फिर ये बता वो कहाँ बैठते हैं?
तब वे प्रेत बोला – प्रभु आप देखना कथा में सबसे पीछे कम्बल ओढ़कर, एक दीन हीन एक कोढ़ी के स्वरूप में व्यक्ति बैठता है और जहाँ जूट चप्पल लोग उतारते हैं वहां पर बैठते हैं। उनके पैर पकड़ लेना वो ही हनुमान जी हैं।
गोस्वामीजी इन सब बातो को सुन कर हैरान भी हुए और बड़े खुश भी हुए… अब स्नान आदि कर पूजा पाठ से निवित्र हो गोस्वामी जी कथा के लिए बैठे …
कथा शुरू हुई पर गोस्वामी जी का पूरा ध्यान उसी व्यक्ति पर था वो कब आयेगा.. अभी मंगल चरण ही हुआ था की गोस्वामी जी ने देखा कम्बल ओढे एक व्यक्ति सबसे पीछे बैठा है जहा सभी अपनी चप्पल उत्तर का अन्दर आ रहे थे.. गोस्वामी जी उसे देखते ही समझ गए.. उन्होंने अपनी जगह दुसरे पंडित जी को बुलाया भजन गाने के लिए.. जैसे ही पंडित जी आये वो तुरंत ही उस व्यक्ति के पास पहुचे और उसके चरणों में गिर गए|
वो व्यक्ति बोला कि महाराज आप व्यासपीठ पर हो और मेरे चरण पकड़ रहे हो। मैं एक दीन हीन कोढ़ी व्यक्ति हूँ। मुझे तो न कोई प्रणाम करता है और न कोई स्पर्श करता है। आप व्यासपीठ छोड़कर मुझे प्रणाम कर रहे हो?
गोस्वामीजी बोले कि महाराज आप सबसे छुप सकते हो मुझसे नहीं छुप सकते हो। अब आपके चरण मैं तब तक नहीं छोडूंगा जब तक आप प्रभु राम जी से नहीं मिलवाओगे। उस व्यक्ति ने बार बार गोस्वामी जी को मना किया पर गोस्वामी जी नहीं माने.. और रोने लगे.. उनकी ऐसी हालत देख कर हनुमानजी अपने दिव्य स्वरूप में प्रकट हो गए।..
उन्हें देख कर तुलसी दास जी ने उनकी चरण वंदना की… तब हनुमान जी ने उन्हें प्रेम से उठाया .. तुलसीदास जी बोले – कृपा करके मुझे प्रभु राम जी से मिलवा दो। मेरे जीवन की ओर कोई अभिलाषा नहीं बची। हनुमानजी, आप ही हो जो मुझे राम जी से मिलवा सकते हो। अगर आप नहीं मिलवाओगे तो कौन मिलवायेगा?
हनुमानजी बोले कि आपको रामजी जरूर मिलेंगे और मैं मिलवाऊँगा लेकिन उसके लिए आपको चित्रकूट चलना पड़ेगा, वहाँ आपको भगवन मिलेंगे।
गोस्वामी जी बोले प्रभु से मिलने चित्रकूट क्या में दुनिया के दुसरे कोने में भी पहुच जाऊंगा….
अब गोस्वामीजी चित्रकूट आ गए… मन्दाकिनी जी में स्नान किया, कामदगिरि की परिकम्मा लगाई। अब घूम रहे हैं कहाँ मिलेंगे? कहाँ मिलेंगे?
सामने से घोड़े पर सवार होकर दो सुकुमार राजकुमार आये। एक गौर वर्ण और एक श्याम वर्ण… गोस्वमीजी उधर से ही निकल रहे थे, उन राजकुमारों ने गोस्वामी जी को रोका और बोले – हे महामुने हम रास्ता भटक गए है कृप्या हमें रास्ता बताये…
गोस्वामी जी उन दोनों राजकुमारों को परेशान देख कर बोले – बेटा इधर से निकल जाओ.. ऐसा कह कर आगे का रास्ता भी समझा दिया.. वो दोनों धन्यवाद दे कर आगे निकल गए।
उधर गोस्वामीजी पागलों की तरह खोजते हुए घूम रहे हैं कब मिलेंगे? कब मिलेंगे?
हनुमानजी प्रकट हुए और पूछा मिले?
गोस्वामीजी बोले – कहाँ मिले?
हनुमानजी ने सिर पकड़ लिया और बोले अरे अभी मिले तो थे। जो घोड़े पर सवार राजकुमार थे वो ही तो थे। आपसे ही तो रास्ता पूछा और कहते हो मिले नहीं।
देखा कैसे गोस्वामी जी चूक गए और ये गलती हम सब करते हैं। न जाने कितनी बार भगवान हमारे सामने आये होंगे और हम पहचान नहीं पाए। कितनी बार वो सामने खड़े हो जाते हैं हम पहचान नहीं पाते। न जाने वो किस रूप में आ जाये। इसलिए याद रखो सबका आदर सम्मान करो.. क्योंकि न जाने किस रूप में नारायण मिल जाये।
हनुमान जी से ये सुन कर गोस्वामी जी बड़े दुखी होने लगे… फिर से रोने लगे और हनुमान जी को बोले – महाराज आज बहुत बड़ी गलती हो गई। फिर कृपा करवाओ। फिर मिलवाओ। हनुमानजी बोले कि थोड़ा धैर्य रखो। प्रभु एक बार फिर मिलने आएंगे…
मन्दाकिनी के तट पर स्नान करके गोस्वामीजी बैठे हैं। स्नान करके घाट पर चन्दन घिस रहे हैं। मगन हैं और गा रहे हैं। श्री राम जय राम जय जय राम। ह्रदय में सच्ची लग्न है कि भगवान कब आएंगे। अब राम जी ने एक बार फिर से कृपा की…।
गोस्वामी जी के पास एक बहुत सुन्दर बालक आया और बोला – बाबा.. बाबा… चन्दन तो आपने बहुत सुन्दर घिसा है। थोड़ा सा चन्दन हमें लगा दो … गोस्वामीजी इतने प्यारे सुकोमल बालक को देख कर प्रसन्न हो गए.. सोचने लगे मुझे चन्दन घिसते देख कर ये बालक आ गया… अब वो बड़े प्रेम से बालक को चन्दन लगाने लगे… हनुमानजी महाराज समझ गए कि आज बाबा फिर चूके जा रहे हैं। आज ठाकुर जी फिर से इनके हाथ से निकल रहे हैं। हनुमानजी तोता बनकर आ गए शुक रूप में और पास के पेड़ पर बैठ कर बोलने लगे –
चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीर।*
*तुलसीदास चंदन घिसे, तिलक देत रघुवीर।*
हनुमानजी ने अत्यंत करुणरस में इशारा किया कि अब मत चूक जाना। आज जो आपसे चन्दन ग्रहण कर रहे हैं ये साक्षात् रघुनाथ हैं| अब जैसे ही तुलसीदास जी ने तोते को ऐसे कहता सुना वो तुरंत ही समझ गए की वो तोता हनुमान जी है और ये बालक उनके श्री राम है|तुरंत ही गोस्वामीजी जी उस बालक के चरणों में गिर गए.. बोले प्रभु अब आपको नहीं छोडूंगा। अब जैसे ही तुलसीदस जी ने उन्हें पहचाना वैसे ही प्रभु अपने दिव्य स्वरूप में प्रकट हो गए हैं और एक झलक तुलसीदास जी को दिखाई दी.. तुरंत ही ठाकुर जी अंतर्ध्यान हो गए.. पर वो झलक, वो मोहनी सूरत तुलसीदास जी की आखों में बस गई.. ह्रदय तक उतर गयी.. अब उनके मन जीवन में कोई अभिलाषा नहीं रही…. उन्हें महसूस हो रही थी परम शांति। तो इस तरह से तुलसीदास जी का राम से मिलन हनुमानजी ने करवाया…
बोलो सियावर राम चन्द्र की जय
बोलो हनुमान जी की जय
भक्त और भगवन की जय

!! जय श्री राम !!
सीता के समान हित श्री राम करे संघर्ष
श्री रघुवर के वन गमन का यही चरम उत्कर्ष
जय श्री राम


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आप सभी का दिन शुभ हो 🙏🏻😊
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*Dr. Darshan Bangia* (सौजन्य राजपाल सिंह रावत देहरादून)