🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
*आखिर क्या है गोवर्धन पर्वत का रहस्य,*
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
ग्रंथों के अनुसार यहां जाने से मिट सकता है गौहत्या जैसा पाप, पढ़िए इसका रहस्य।
🕉️🕉️🕉️
मथुरा। जिले से करीब 22 किलोमीटर दूर Govardhan Parvat की परिक्रमा का बड़ा महत्व है। मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत उत्तर प्रदेश के एक जिले के अंतर्गत नगर पंचायत है। गोवर्धन पर्वत व इसके आसपास के क्षेत्र को लोग ब्रज भूमि भी कहते हैं । यह भगवान श्री कृष्ण की लीलास्थली है। यहीं पर Lord Sri Krishna ने द्वापर युग में ब्रजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिये Govardhan Parvat को अपनी तर्जनी अंगुली पर उठाया था। गोवर्धन पर्वत को भक्क्तजन गिरिराज जी भी कहते हैं। दूर—दूर से लोग इस पर्वत की परिक्रमा लगाने आते हैं। कहा जाता है कि इस गोवर्धन पर्वत का आकार हर दिन मुट्ठीभर घट जाता है।माना जाता है की करीब पांच हजार साल पहले ये पर्वत 30 हजार मीटर ऊंचा हुआ करता था लेकिन आज लगभग 30 मीटर का ही रह गया है। यूपी घूमो कैंपेन के तहत आज हम आपको बताएंगे कि क्या है गोवर्धन पर्वत के घटने का राज, इसकी परिक्रमा के मध्य किन—किन मंदिरों के दर्शन होते हैं? और क्या है उनकी मान्यता है :-
🕉️🕉️🕉️
गोवर्धन पर्वत का आकार घटने के पीछे ये है मान्यता
https://t.me/SidhashramSadhakPariwar
बेहद पुराने इस गिरिराज पर्वत (Govardhan Parvat) को लेकर माना जाता है कि इस पर्वत की खूबसूरती से पुलस्त्य ऋषि बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने द्रोणांचल पर्वत से इसे उठाकर साथ लाना चाहा तो गिरिराज जी ने कहा कि आप मुझे जहां भी पहली बार रखेंगे मैं वहीं स्थापित हो जाउंगा। रास्ते में साधना के लिए ऋषि ने पर्वत को नीचे रख दिया फिर वे दोबारा उसे हिला नहीं सके। इससे क्रोध में आकर उन्होंने पर्वत को शाप दे दिया कि वह रोज घटता जाएगा। माना जाता है उसी समय से गोवर्धन पर्वत का कद लगातार घट रहा है।
🕉️🕉️🕉️
5 किलोमीटर के बाद बदल जाता है राज्य
जिस स्थान से गोवर्धन की परिक्रमा शरू करते है वहां से करीब 5 किलोमीटर चलने के बाद राजस्थान की सीमा शरू हो जाती है। गोवर्धन पर्वत करीब 10 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है जिसका आधा हिस्सा राजस्थान और आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश राज्य में पड़ता है। इस सीमा के मध्य में दुर्गा माता का मंदिर भी है। यहां से कुछ ही दूरी पर स्थित है पूछरी का लोंठा, यह स्थान बेहद पुराना है, इस स्थान को राजस्थान छतरी भी कहा जाता है। सदियों से यहाँ दूर-दूर से भक्तजन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने आते रहते हैं। यह 7 कोस की परिक्रमा लगभग 21 किलोमीटर की है। इस मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्थल आन्यौर, राधाकुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, गोविन्द कुंड, पूंछरी का लोटा, दानघाटी इत्यादि भी हैं।
🕉️🕉️🕉️
हरजी कुंड
गोवर्धन पर्वत से कुछ दूरी पर एक कुंड स्थित है जिसे हरजी कुंड कहा जाता है। इस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण अपने ग्वाल सखाओं के साथ गाय चराने आते थे। जब हम बड़ी परिक्रमा पूरी कर लेते है तो उसके बाद आता है चूतर टेका। यह बेहद पुराना स्थान है, यहां भगवान लक्ष्मण, भगवान राम, सीता माता और राधा-कृष्ण के मंदिर हैं।
🕉️🕉️🕉️
ये प्रमुख मंदिर आते है गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा मार्ग में
परिक्रमा मार्ग पर विट्ठल नामदेव मंदिर है। फिर राधा कुंड आता है। माना जाता है कि इस कुंड को राधा ने अपने कंगन से खोदकर बनाया था। राधाकुंड और श्यामकुंड में नहाने से गौहत्या का पाप भी खत्म हो जाता है। यहां के पुजारियों ने बताया कि जब श्रीकृष्ण की हत्या करने की कंस की सारी योजनाएं विफल हो रही थीं, तब असुर अरिष्ठासुर को भेजा गया उस वक्त वह गायों को चराने के लिए गोवर्धन पर्वत पर गए हुए थे। यहां पहुंचने के बाद अरिष्ठासुर ने बैल का रूप धारण किया और गायों के साथ चलने लगा इसी दौरान श्रीकृष्ण ने अरिष्ठासुर को पहचान लिया और उसका वध कर दिया।
🕉️🕉️🕉️
इसके बाद श्रीकृष्ण राधा के पास गए और उन्हें छू लिया। इस बात से राधारानी बेहद नाराज हुईं उन्होंने कहा- ‘गौ हत्या करने के बाद छूकर आपने मुझे भी पाप का भागीदार बना दिया। इस घटना के बाद राधा रानी ने कंगन से खोदकर कुंड की स्थापना की उन्होंने मानसी गंगा से पानी लेकर इसे भरा इसके बाद सभी तीर्थों को कुंड में आने की अनुमति हुई यहां राधा रानी और उनकी सहेलियों ने स्नान कर गौ हत्या का पाप धोया ।
🕉️🕉️🕉️
श्याम कुंड का महत्व
श्रीकृष्ण ने गौहत्या का पाप खत्म करने के लिए छड़ी से कुंड बनाया। उन्होंने सभी तीर्थों को उसमें विराजमान किया और इसमें स्नान भी किया। पुरोहित राम नारायण ने बताया कि कार्तिक महीने की कृष्णाष्टमी के दिन यहां नहाने का अलग महत्व है।
🕉️🕉️🕉️
मानसी गंगा की मान्यता
इस मंदिर में मानसी गंगा की प्रतिमा है और श्रीकृष्ण के स्वरूपों की भी पूजा होती है मान्यता है कि जब Govardhan Parvat का अभिषेक हो रहा था, उस वक्त गंगा के लिए पानी की आवश्यकता हुई तब सभी चिंता में पड़ गए कि इतना गंगाजल कैसे लाया जाए। इस दौरान भगवान ने अपने मन से गंगा को गोवर्धन पर्वत पर उतार दिया। इसके बाद से ही इसे मानसी गंगा कहते हैं। पहले यह छह किलो मीटर लंबी गंगा हुआ करती थी। अब यह कुछ ही स्थान में सिमट कर रह गई है।
🕉️
अंतर्राष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार !
IMPORTANT
*जब कभी कोई गलती से आपके खाते में कोई पैसे जमा कर देता है। तो उसे सबसे पहले बैंक में इसकी शिकायत करनी होती है। जो उस पैसे को वापिस कर सकता है। ना कि आप, जिसके खाते से वो पैसे जमा हुए है!!*
*इस सम्बंध में आपको यह संदेश पढ़ना चाहिए। जो मुझे कल, मेरे मोबाइल पर मिला था!*
इसमें लिखा था, कि आपके खाते में ₹ 82000 जमा हुए है। मैं समझ नही पा रहा था, कि किसने जमा किये है। केवल एक रेफरेंस नं J002 आया था।
उसके बाद दोपहर को *”रेवेन्यू विभाग”* से एक फोन आया। जिसमे बताया गया कि गलती से आपके खाते में वैट रिटर्न के ₹82000 जमा हो गए है। जिसका रेफेरेंस नं J002 और जिसे मुझको, उन्हें वापिस करना होगा। जिसके लिए उन्होंने मुझे एक आधिकारिक सा दिखने वाला पत्र भी फैक्स द्वारा भेजा। जिसमें यह भुगतान *TLB Towers* के बैंक खाते की डिटेल के विवरण सहित प्रेषित पत्र द्वारा उक्त खाते में जमा करने की कहा गया था।
अगले दिन मैं उस पैसे को वापिस करने के लिए बैंक गया। लेकिन पैसे वापिस करने से पहले अपने खाते की स्टेटमेंट लेने का फैसला किया।
मैंने देखा कि ₹ 82000 मेरे खाते में जमा हुए है। लेकिन अभी *”uncleared”* है। मुझे इस बात की शंका हुई कि कहीं कोई गड़बड़ है और मैंने उस पैसे को वापिस नही करते हुए कुछ इंतज़ार करने का फैसला किया।
उसके बाद आज सुबह मैंने, अपने बैंक में फोन करके पूछा कि किसने ये पैसा जमा किया है। तब उन्होंने मेरे द्वारा शिकायत करने पर मेरी शिकायत रिस्क / फ्रॉड विभाग को ट्रांसफर कर दी गयी। जांचकर्ताओ ने मुझे कुछ देर पहले ही फोन करके बताया कि यह आपके साथ धोखाधड़ी की साज़िश थी।
1) तब उन्होंने बताया कि, ये पैसा एक चैक के द्वारा जमा हुआ है और जिस खाते में यह पैसा जमा करने के लिये कहा गया है। वह किसी व्यक्ति का खाता है। जिसमे कोई बैलेंस नही है। ना कि किसी फर्म का। जैसा कि पत्र में बताया गया था।
2) उन्होंने यह शक भी जाहिर किया कि, जो चेक आपके खाते में जमा किया गया है। वो चोरी किया हुआ भी हो सकता है।
3) और निश्चित रूप से चेक बाउंस हो जाएगा। जिससे यह पैसा कुछ दिनों में रिवर्स हो जाएगा।
इसका मतलब यह हुआ कि, जो पैसा मुझसे किसी व्यक्ति के खाते में जमा करके वापिस करने के लिए कहा गया था। वो पैसा उनके द्वारा पहले मुझसे ले लिया जाता और उसके बाद जिस चेक से पैसा आ रहा था। वह बाउंस हो जाता। जिससे मुझे ₹ 82000 का नुकसान होता।
कृपया इस मैसेज को अपने सभी प्रिय एवं इष्ट मित्रो सभी को फारवर्ड करे। जिससे सभी को इस प्रकार के धोखेबाजों के बारे में पता चले।
मुझे यह भी बताया गया कि ऐसा कुछ और लोगों के साथ टेलीकॉम, वाटर, इलेक्ट्रिसिटी और म्युनिसिपल विभाग का नाम लेकर भी हुआ है।
*अतुल श्रीवास्तव*
*Cyber cell jabalpur*
*यह सन्देश जैसा प्राप्त हुआ है, वैसा ही भेज रहा हूँ।
*कृपया सावधान रहें।*