आज का पंचाग आपका राशि फल, मुफ्तखोरी की आदत हमें बर्बादी के गर्त में धकेलने के लिए डालवायी जा रही है, चीन भारत में जो सीमा उल्लंघन करता है-वह संसद के सत्र काल में ही क्यों करता है

🌷 𝕝 🕉 𝕝 🌷

             *𝕝𝕝 जय श्री राधे 𝕝𝕝*

             *महर्षि पाराशर पंचांग*

          *🙏☾अथ पंचांगम्☽🙏*

            *दिनाँक : ~* 

        *16/12/2022, शुक्रवार*

अष्टमी, कृष्ण पक्ष,

पौष

▬▬▬▬▬⁂⧱⁂▬▬▬▬▬

तिथि——अष्टमी 27:01:33 तक

पक्ष————————-कृष्ण

नक्षत्र——पू.फाल्गुनी 07:33:36

योग————–प्रीति 07:44:36

करण———–बालव 14:25:09

करण———-कौलव 27:01:33

वार————————शुक्रवार

माह—————————पौष

चन्द्र राशि———सिंह 14:03:08

चन्द्र राशि——————-कन्या

सूर्य राशि——-वृश्चिक 09:57:34

सूर्य राशि———————धनु 

रितु————————–हेमंत

आयन—————–दक्षिणायण

संवत्सर——————-शुभकृत

संवत्सर (उत्तर)——————नल

विक्रम संवत—————-2079

गुजराती संवत————–2079

शक संवत——————1944

 

वृन्दावन

सूर्योदय—————-07:03:52

सूर्यास्त—————-17:25:42

दिन काल————- 10:21:50 

रात्री काल————- 13:38:45

चंद्रास्त—————- 12:34:36 

चंद्रोदय—————- 24:34:44

 

लग्न—- वृश्चिक 29°53′ , 239°53′

 

सूर्य नक्षत्र—————— ज्येष्ठा 

चन्द्र नक्षत्र———– पूर्वा फाल्गुनी

नक्षत्र पाया——————- रजत 

 

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

 

टू—- पूर्वा फाल्गुनी 07:33:36

 

टे—- उत्तरा फाल्गुनी 14:03:08

 

टो—- उत्तरा फाल्गुनी 20:30:19

 

पा—- उत्तरा फाल्गुनी 26:55:01

 

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

 

        ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

==========================

सूर्य=वृश्चिक 29 :29 ज्येष्ठा , 4 यू 

चन्द्र =सिंह 26°23, पू oफा o , 4 टू 

बुध =धनु 18 ° 34′ पू o षाo ‘ 2 धा 

शुक्र=धनु 13°05, मूल ‘ 4 भी 

मंगल=वृषभ 19°30 ‘ रोहिणी’ 3 वी 

गुरु=मीन 05°30 ‘ उ o भा o, 1 दू 

शनि=मकर 26°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा       

राहू=(व) मेष 16°50 भरणी , 2 लू 

केतु=(व) तुला 16°50 विशाखा , 4 ता 

 

*🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩*

 

राहू काल 10:57 – 12:15 अशुभ

यम घंटा 14:50 – 16:08 अशुभ

गुली काल 08:22 – 09:39 अशुभ 

अभिजित 11:54 – 12:36 शुभ

दूर मुहूर्त 09:08 – 09:50 अशुभ

दूर मुहूर्त 12:36 – 13:17 अशुभ

वर्ज्यम 15:21 – 17:04 अशुभ

 

💮चोघडिया, दिन

चर 07:04 – 08:22 शुभ

लाभ 08:22 – 09:39 शुभ

अमृत 09:39 – 10:57 शुभ

काल 10:57 – 12:15 अशुभ

शुभ 12:15 – 13:33 शुभ

रोग 13:33 – 14:50 अशुभ

उद्वेग 14:50 – 16:08 अशुभ

चर 16:08 – 17:26 शुभ

 

🚩चोघडिया, रात

रोग 17:26 – 19:08 अशुभ

काल 19:08 – 20:50 अशुभ

लाभ 20:50 – 22:33 शुभ

उद्वेग 22:33 – 24:15* अशुभ

शुभ 24:15* – 25:57* शुभ

अमृत 25:57* – 27:40* शुभ

चर 27:40* – 29:22* शुभ

रोग 29:22* – 31:04* अशुभ

 

💮होरा, दिन

शुक्र 07:04 – 07:56

बुध 07:56 – 08:48

चन्द्र 08:48 – 09:39

शनि 09:39 – 10:31

बृहस्पति 10:31 – 11:23

मंगल 11:23 – 12:15

सूर्य 12:15 – 13:07

शुक्र 13:07 – 13:58

बुध 13:58 – 14:50

चन्द्र 14:50 – 15:42

शनि 15:42 – 16:34

बृहस्पति 16:34 – 17:26

 

🚩होरा, रात

मंगल 17:26 – 18:34

सूर्य 18:34 – 19:42

शुक्र 19:42 – 20:50

बुध 20:50 – 21:59

चन्द्र 21:59 – 23:07

शनि 23:07 – 24:15

बृहस्पति 24:15* – 25:23

मंगल 25:23* – 26:32

सूर्य 26:32* – 27:40

शुक्र 27:40* – 28:48

बुध 28:48* – 29:56

चन्द्र 29:56* – 31:04

 

*🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩* 

 

वृश्चिक > 03:46 से 06:04 तक 

धनु > 06:04 से 08:10 तक

मकर > 08:10 से 09:55 तक

कुम्भ > 09:55 से 11:28 तक

मीन > 11: 28 से 12:56 तक

मेष > 12:56 से 14:36 तक

वृषभ > 14:36 से 18:48 तक 

कर्क > 18:48 से 21:04 तक

सिंह > 21:04 से 23:17 तक

कन्या > 23:17 से 01:28 तक

तुला > 01:28 से 03:44 तक

 

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

 

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

 

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

 

*💮दिशा शूल ज्ञान———पश्चिम*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

 

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 

  15 + 8 + 6 + 1 = 30 ÷ 4 = 2 शेष

 आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

 

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

 

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

 

 गुरु ग्रह मुखहुति

 

*💮 शिव वास एवं फल -:*

 

  23 + 23 + 5 = 51 ÷ 7 = 2 शेष

 

 गौरि सन्निधौ = शुभ कारक

 

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

 

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

 

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

 

*कालाष्टमी*

 

*धनु संक्रान्ति 9:57 से*

 

*धनु मलमास प्रारम्भ*

 

*मां शारदा जयंती*

 

*विजय दिवस*

 

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

 

हस्ती हस्तसहस्त्रेण शतहस्तेन वाजिनः ।

श्रृड्गिणी दशहस्तेन देशत्यागेन दुर्जनः ।।

।। चा o नी o।।

 

 हाथी से हजार गज की दुरी रखे.

घोड़े से सौ की.

सिंग वाले जानवर से दस की.

लेकिन दुष्ट जहा हो उस जगह से ही निकल जाए।

 

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

 

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

 

न वेदयज्ञाध्ययनैर्न दानैर्न च क्रियाभिर्न तपोभिरुग्रैः।,

एवं रूपः शक्य अहं नृलोके द्रष्टुं त्वदन्येन कुरुप्रवीर ॥,

 

 हे अर्जुन! मनुष्य लोक में इस प्रकार विश्व रूप वाला मैं न वेद और यज्ञों के अध्ययन से, न दान से, न क्रियाओं से और न उग्र तपों से ही तेरे अतिरिक्त दूसरे द्वारा देखा जा सकता हूँ।,48॥,

 

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

 

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

 

🐏मेष

किसी लंबे मनोरंजक प्रवास का कार्यक्रम बन सकता है। आंखों का विशेष ध्यान रखें। चोट व रोग से बचें। सुख के साधन जुटेंगे। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। सरकारी कामकाज में अनुकूलता रहेगी। स्थिति नियंत्रण में रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। जोखिम न उठाएं।

 

🐂वृष

कोई पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। शारीरिक हानि की आशंका बनती है। किसी व्यक्ति के व्यवहार से दिल को ठेस पहुंच सकती है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। आय में निश्चितता रहेगी, धैर्य रखें।

 

👫मिथुन

गृहस्थ जीवन में आनंद का वातावरण रहेगा। जीवनसाथी को भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। किसी अनहोनी की आशंका रह सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लापरवाही न करें। कोर्ट व कचहरी तथा सरकारी कामों में अनुकूलता रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रमाद न करें।

 

🦀कर्क

आर्थिक वृद्धि के लिए नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यकारी नए अनुबंध हो सकते हैं। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। शारीरिक शिथिलता रहेगी।

 

🐅सिंह

पहले किसी व्यक्ति को दिए गए कर्ज की वसूली हो सकती है। व्यावसायिक प्रवास सफल रहेगा। धन प्राप्ति सु्गम होगी। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। कोई नई समस्या आ सकती है। शारीरिक कष्ट भी आशंका है, लापरवाही न करें। नौकरी में चैन रहेगा। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।

 

🙍‍♀️कन्या

जीवनसाथी के स्वास्थ्य संबंधी चिंता बनी रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। व्यावसायिक प्रवास हो सकता है। काम में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति हो सकती है। पार्टनरों से सहयोग मिलेगा। लाभ होगा।

 

⚖️तुला

रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। कार्य के प्रति उत्साह रहेगा। जल्दबाजी न करें। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना सफल रहेगी। बड़ा लाभ हो सकता है। प्रमाद न करें। कुबुद्धि हावी रह सकती है इसलिए कोई भी निर्णय सोम-समझकर करें।

 

🦂वृश्चिक

कोई बड़ा खर्च अचानक सामने आ सकता है। व्यवस्था में मुश्किल होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। गुस्से पर काबू रखें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। धनहानि की आशंका बन सकती है। व्यापार ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।

 

🏹धनु

पहले किए गए प्रयास का लाभ अब मिलेगा। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देंगे। निवेश शुभ फल देगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। खोई हुई वस्तु मिल सकती है। प्रमाद न करें।

 

🐊मकर

कामकाज में अधिक ध्यान देगा पड़ेगा। दूर से दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। समय पर काम नहीं होने से तनाव रहेगा। गुस्से पर काबू रखें। व्यापार-व्यवसाय में उतार-चढ़ाव रहेगा। नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं।

 

🍯कुंभ

आय में सुगमता रहेगी। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता बढ़ेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आनंद और उल्लास के साथ जीवन व्यतीत होगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। चोट व रोग से हानि संभव है।

 

🐟मीन

किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। बेवजह विवाद हो सकता है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे।

 

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺

*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*

(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

ज पश्चिम की ओर भागती जिंदगी के बीच ऐसा समाचार कुछ लोगों को बड़ी अजीब लग सकता है, लेकिन ये उस राजस्थान की धरती से है जिसने महाराणा प्रताप और दुर्गादास राठौड़ जैसे शूरवीरों के साथ ही मीराबाई जैसी संत और निश्चल प्रेम की प्रतिमूर्ति को भी जन्म दिया है, इसी धरती पर मीरा के सैंकड़ों वर्षों बाद भी यदि कोई पूजा भगवान विष्णु को समर्पित होकर प्रेम स्वरूप ठाकुरजी संग ब्याह रचा ले तो कोई अचरज नहीं होना चाहिए।

क्या हममें कबूतर की बजाय चीता बनने की क्षमता है❓️और यदि हां❗️ तो क्या हम इसके लिए तैयार हैं❓️ इसका उत्तर अधिकतर लोग कहेंगे शायद❗️

अभी हाल ही में इस पर एक प्रसंग पढ़ने को मिला दिल ने कहा कि आप सब के साथ भी शेयर करूं

कबूतर एक बड़ी विशिष्ट प्रजाति होती है। दाना चुगने में इतनी मशगूल रहती है कि पीछे से आकर कब कोई बिल्ली झुंड में से एक – दो कबूतर को उठा ले जाये, उन्हें पता ही नहीं चलता। धीरे धीरे झुंड में कबूतर कम होते जाते हैं, पर बाकी कबूतरों को फिर भी कोई खास फर्क नहीं पड़ता। बिना मेहनत किये यदि दाना पानी मिल रहा हो तो फ़र्क बिल्कुल भी नहीं पड़ता। फिर एक दिन जब बिल्ली बिल्कुल सामने आ जाती है तो कबूतर ऑंखे बंद कर लेते हैं। उन्हें लगता है ऑंखे बंद कर लेने से बिल्ली गायब हो जाएगी उन्हें खाएगी नहीं।

दरअसल कबूतरों की बड़ी समस्या “कबूतर प्रवृति” है न कि बिल्ली, जो बिल्ली के सामने आने पर भी अपनी आंखे बंद किये रखते है।

ये कबूतर न तो अपने 1000 साल के इतिहास से कुछ सीखते हैं, न सीरिया, इराक, अफगानिस्तान की तबाही से। न इन्हें कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा दिखाई देती है, न केरल और बंगाल के पीड़ित हिंदुओं का कष्ट दिखाई देता है। न पाकिस्तान के हिंदुओं की पीड़ा पर इनके आंसू निकलते हैं, न बांग्लादेश के घुसपैठियों और रोहिंग्यों की भारत में बढ़ती संख्या पर इनका खून खौलता है। न भव्य राम मंदिर के निर्माण की कल्पना इन्हें गौरवान्वित करती है, न धारा 370 के हटने की खुशी ये महसूस करते हैं। न खुली छूट मिलने पर पराक्रमी सैनिकों द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक इन्हें रोमांचित करती है न बदलते, जागते भारत की तस्वीर इन्हें प्रफ्फुलित करती है।

इन कबूतरों को तो बस फ्री दाना, फ्री बिजली, फ्री पानी चाहिए, उसके लिए फिर चाहे अपना सर्वस्व दांव पर क्यों न लगाना पड़े।

इन कबूतरों को जगाना सबसे बड़ी चुनौती है। जब तक ये कबूतर नहीं जागेंगे तब तक फ्री बिजली, फ्री पानी, फ्री दाने के लालच में जंगली बिल्लियों का शिकार बनते रहेंगे।

कबूतरों को दाना डालकर धोखे से जाल में फसाने वाले शिकारी जयचंदों की कमी न पहले थी न अब है।कबूतरों को ज़िंदा रहना है तो उन्हें ये प्रवृति छोड़नी ही होगी, क्योंकि बिल्लियां अब झपट्टा मारने को तैयार हैं।

बचपन में कबूतरों की एक दूसरी कहानी भी हम सभी ने पढ़ी थी जिसमें सभी कबूतर एक साथ जाल को लेकर उड़ जाते हैं और शिकारी ‘जयचंद’ देखता रह जाता है। पर आज सब कुछ इसके विपरीत है।

क्या हम सभी कबूतर मिलकर अपने ऊपर फैलाए गए इस जाल को लेकर उड़ने के लिए तैयार हैं❓️ यदि हां❗️ तो हमें हर उस कदम का विरोध करना होगा जो हमारे धर्म के विपरीत हो. इसी में पूरे देशवासियों की भलाई है चाहे वह किसी भी धर्म के हो।

*मुफ्तखोरी की कहानी*

अनाज से भरे जार के शीर्ष पर एक “चूहा” रखा गया था। अपने आस-पास इतना सारा खाना पाकर वह बहुत खुश था। अब उसे भोजन की तलाश में इधर-उधर भागने की जरूरत नहीं है और वह खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर सकता है। 

जैसे ही उसने अनाज का आनंद लिया, कुछ ही दिनों में वह जार के तल पर पहुंच गया। अब वह फंस गया है और वह इससे बाहर नहीं आ सकता है। उसे जीवित रहने के लिए उसी घड़े में अनाज डालने के लिए किसी पर निर्भर रहना पड़ता है। उसे अपनी पसंद का अनाज भी न मिले और वह चुन भी नहीं सकता।

इससे सीखने के लिए यहां चार सबक हैं:

1) अल्पकालीन सुख दीर्घकालीन जाल में फंसा सकता है।

2) अगर चीजें आसान हो रही हैं और आप सहज हो रहे हैं, तो आप सर्वाइवल मोड में फंस रहे हैं।

3) जब आप अपने कौशल का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो आप अपने कौशल से अधिक खो देंगे। आप अपनी पसंद खो देते हैं।

4) सही कार्य सही समय पर करना होगा, वरना आपके पास जो कुछ भी है उसे आप खो देंगे।

*💥💥क्या आपने कभी सोचा है विचार किया है नीचे लिखे तथ्यों पर विचार अवश्य कीजिएगा यह तथ्य शत प्रतिशत सत्य है।👇🏻*

*सीमा उलंघन …*
*कभी आप लोगों ने सोचा है कि-*
*यह चीन भारत में जो सीमा उल्लंघन करता है-वह संसद के सत्र काल में ही क्यों करता है …??*
*ऐसा इसलिये-*
*ताकि भारत में उसके साथियों को संसद में यह मामला उठाने का मौका मिल जाये-*
*एवं मोदी जी को और उनकी सरकार की छवि को किसी भी तरीके से धूमिल किया जा सके-*
*पिछले नौ सालो में यह कोई पहली बार नहीं है कि जब संसद का सत्र चल रहा हो और चीन हरकत ना करे-*
*जब कि अब भी महत्वपूर्ण बिल पारित होने हैं,*
*तब ही अचानक चीन हरकत कर देता है-*
*और पूरा विपक्ष संसद सत्र स्थगित करने की मांग कर देता है।*
*पूरा देश देख रहा है-*
*कैसे चीन और भारत मे पल रहे उसके पिस्सू देश को पीछे धकेलने का काम कर रहे हैं-*
*वह जिनकी सत्ता के रहते देश के महत्वपूर्ण हिस्से 8 दफा में चीन को सौंप दिये गये-*

*यह है एमओयू का फलसफा…*
😡😡😡😡😡😡

*Think what does it tells……*

*सीमा पर चीन से झड़प हो जाए तो विपक्ष “आग बबूला” हो जाता है, चीन पर नहीं, भारत पर।*