आज का पंचाग आपका राशि फल, वाणी का प्रथम सदुपयोग राम नामोच्चारण है भोजन का स्वाद दूसरा, रोग भोग और योग संबंधित 100 जानकारियां, अतीक से सुरक्षा ऐजेंसियों को जो जानकारी लेनी थी वो मिल चुकी हैं अब विपक्ष द्वारा पुलिस पर दबाव बनाने से केवल अपराधियों को लाभ होगा विपक्ष को नहीं

 🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻शुक्रवार, २८ अप्रैल २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:५६

सूर्यास्त: 🌅 ०६:५४

चन्द्रोदय: 🌝 १२:०२

चन्द्रास्त: 🌜२६:११

अयन 🌖 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🌡️ग्रीष्म 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 वैशाख 

पक्ष 👉 शुक्ल 

तिथि 👉 अष्टमी (१६:०१ से नवमी)

नक्षत्र 👉 पुष्य (०९:५३ से आश्लेशा)

योग 👉 शूल (०९:३९ से गण्ड)

प्रथम करण 👉 बव (१६:०१ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव (२९:१२ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 मेष 

चंद्र 🌟 कर्क 

मंगल 🌟 मिथुन (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 कुम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 मेष (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 वृष (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४८ से १२:४१

विजय मुहूर्त 👉 १४:२७ से १५:२०

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:५१ से १९:१२

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:५२ से १९:५६

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५३ से २४:३६

राहुकाल 👉 १०:३५ से १२:१५

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १५:३३ से १७:१३

होमाहुति 👉 शुक्र

दिशाशूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 पृथ्वी

चन्द्र वास 👉 उत्तर

शिववास 👉 श्मशान में (१६:०१ से गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – चर २ – लाभ

३ – अमृत ४ – काल

५ – शुभ ६ – रोग

७ – उद्वेग ८ – चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – रोग २ – काल

३ – लाभ ४ – उद्वेग

५ – शुभ ६ – अमृत

७ – चर ८ – रोग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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उत्तर-पश्चिम (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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देवी बगलामुखी जयन्ती, गृह प्रवेश मुहूर्त प्रातः ०५:५५ से ०९:५१ तक, भूमि-भवन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः ०९:५३ से सायं ०६:५७ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ०९:५३ तक जन्मे शिशुओ का नाम पुष्य नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (डा) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम आश्लेषा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (डी, डू, डे, डो) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मेष – २९:०१ से ०६:३५

वृषभ – ०६:३५ से ०८:२९

मिथुन – ०८:२९ से १०:४४

कर्क – १०:४४ से १३:०६

सिंह – १३:०६ से १५:२५

कन्या – १५:२५ से १७:४३

तुला – १७:४३ से २०:०४

वृश्चिक – २०:०४ से २२:२३

धनु – २२:२३ से २४:२७

मकर – २४:२७ से २६:०८

कुम्भ – २६:०८ से २७:३४

मीन – २७:३४ से २८:५७

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:३७ से ०६:३५

चोर पञ्चक – ०६:३५ से ०८:२९

शुभ मुहूर्त – ०८:२९ से ०९:५३

रोग पञ्चक – ०९:५३ से १०:४४

शुभ मुहूर्त – १०:४४ से १३:०६

मृत्यु पञ्चक – १३:०६ से १५:२५

अग्नि पञ्चक – १५:२५ से १६:०१

शुभ मुहूर्त – १६:०१ से १७:४३

रज पञ्चक – १७:४३ से २०:०४

शुभ मुहूर्त – २०:०४ से २२:२३

चोर पञ्चक – २२:२३ से २४:२७

शुभ मुहूर्त – २४:२७ से २६:०८

रोग पञ्चक – २६:०८ से २७:३४

शुभ मुहूर्त – २७:३४ से २८:५७

शुभ मुहूर्त – २८:५७ से २९:३६

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आज का राशिफल

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आपका स्वभाव बात-बात पर गरम होगा। किसी से किया वादा पूर्ण ना करने पर अपमानित होना पड़ेगा। जल्दबाजी में कार्य करेंगे त्रुटि होने पर बाद में अफसोस होगा। आज धन संबंधित व्यवहार अधिक आवश्यकता पडने पर ही लिख कर ही करें भूल होने की संभावना हैं। धन लाभ को लेकर मध्यान तक चिंतित रहेंगे मध्यान बाद आवश्यकता अनुसार होने से राहत मिलेगी। घर का वातावरण भी आपके रूखे व्यवहार से अशान्त रहेगा। बड़े-बुजुर्गों की बात ना मानने पर कुछ ना कुछ हानि होगी। आज शांति बनाए रखने के लिये मौन रहना ही बेहतर रहेगा। सर-बदन दर्द रक्त चाप संबंधित परेशानी होगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप अपनी बात मनवाने के लिये सामने वाले पर नाजायज दबाव बनाएंगे जिससे आपसी संबंध खराब होने का भय रहेगा फिर भी देर अबेर अपना काम बना ही लेंगे। नौकरी पेशा जातक अधिकारियों के ऊपर आवश्यकता से अधिक विश्वासः करेंगे जिसका परिणाम आज निराश ही करेगा। व्यवसायी वर्ग धन को लेकर थोड़े चिंतित रहेंगे उधारी के कारण कार्य क्षेत्र पर गरमा गरमी हो सकती है। आध्यात्मिक कार्यो में भी समय निकाल सम्मिलित होंगे लेकिन आज मन अन्यत्र ही भटकेगा। बाहर घूमने की योजना अंत समय मे निरस्त करनी पड़ेगी। सुख सुविधा मिलने पर भी मानसिक रूप से अशान्त रहेंगे।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आपके लिये आज का दिन आशा से कम लाभदायक लेकिन फिर भी संतोषजनक रहेगा। संतोषी प्रवृति रहने के कारण व्यर्थ की उलझनों से बचे रहेंगे। आज आपको आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा कार्य क्षेत्र अथवा घर मे कोई ना कोई आपके व्यवहार से असंतोष जतायेगा लेकिन आप जानकर भी अनजान बनेंगे। धार्मिक पूजा पाठ में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे परन्तु ध्यान एकाग्र नही रहने के कारण आध्यात्म लाभ नही मिल पायेगा। नौकरी वाले लोग आज कार्य भार कम रहने से शांति अनुभव करेंगे फिर भी अधिकारी वर्ग से आज कम ही बनेगी। बुजुर्गो का आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिलेगा।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन भी आपके अनुकूल बना रहेगा लेकिन आज स्वभाव में थोड़ी तल्खी रहने से आपसी व्यवहारिकता में कमी आएगी। लोग आपसे अपेक्षाये लेकर आएंगे परन्तु निराश होना पड़ेगा। दैनिक कार्य के अतिरिक्त कार्य आने से कुछ समय के लिए असहजता बनेगी। व्यक्तिगत व्यस्तता के कारण सामाजिक कार्यो में बेमन से भाग लेना पड़ेगा फिर भी सम्मान पाने के अधिकारी बनेंगे। काम-धंधे में सुधार आयेगा लेकिन रुके कार्य आज भी पूर्ण होने में संदेह रहेगा। नौकरी पेशाओ एवं महिलाओ का आस-पड़ोसियों से झगड़ा होने की संभावना है। परिवार में किसी से बीमार होने पर चिंता होगी धन खर्च के साथ अतिरिक्त भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। अपनी सेहत का भी ख्याल रखें।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन भी संघर्ष से भरा रहेगा। दिन के आरंभ में ही कोई दुखद घटना से मन बेचैन रहेगा। दिनचार्य आज अस्त-व्यस्त ही रहेगी। जिस कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे अनिर्णय की स्थिति रहने के कारण विलम्ब होगा हानि के डर से आज कोई जोखिम लेने से बचेंगे केवल यही निर्णय आज सही रहेगा अन्य में कुछ ना कुछ उलझन ही बनेगी। अकस्मात धन क्षय के योग बन रहे है नए कार्यो में धन ना लगाए पहले अधूरे कार्य पूर्ण करें अन्यथा निरस्त किये जा सकते है। पारिवारिक वातावरण में विवेक की कमी रहेगी छोटी-छोटी बात पर आपस में उलझेंगे। शारीरिक दृष्टिकोण से भी आज दिन प्रतिकूल रहेगा।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज आप अपने अभिमानी स्वभाव के कारण घर मे बैठे बिठाये झगड़ा मोल लेंगे इसके विपरीत कार्य अथवा सामाजिक क्षेत्र पर ऐश्वर्य वृद्धि होगी। घर से ज्यादा बाहर का वातावरण भायेगा। कार्य व्यवसाय में सोची योजनाए धीमी गति से चलेंगी आज जहां से लाभ की उम्मीद रहेगी वहां की जगह अन्य साधनों से अक्समात होगा। विरोधी आपके खिलाफ षड्यंत्र रचेंगे लेकिन कामयाब नही हो पाएंगे फिर भी मीठा बोलने वालों से सतर्क रहें। अधिकारी वर्ग से नोकझोंक होगी जिससे कागजी कार्य अधूरे रह सकते है। स्वास्थ्य मध्यान बाद नरम रहेगा भागदौड़ के कारण थकान बनेगी।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन भी भाग-दौड़ में बीतेगा। दिन के आरम्भ से ही किसी कार्य को करने के लिए व्यस्त हो जाएंगे। कार्य व्यवसाय में आज अधूरे कार्य पूर्ण करने की जल्दबाजी रहेगी फिर भी समय से पूर्ण नही हो पाएंगे। व्यवसायी वर्ग धन सम्बन्धीत व्यवहार के कारण चिंतित रहेंगे समय पर कार्य पूर्ण ना होने कारण खरी-खोटी सुन्नी पड़ेगी। मध्यान बाद का समय राहत वाला रहेगा। धन संबंधित समस्या किसी की सहायता से सुलझेंगी लेकिज आज आर्थिक कारणों से किसी से पुराना संबंध टूटने की संभावना है। परिवार के बीच आप ज्यादा शांत एवं सुरक्षित अनुभव करेंगे। पेट खराब होने पर अन्य व्याधियां बनेगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज आप धार्मिक कार्यो के लिये अपने नियत कार्यक्रम को रद्द करेंगे जिससे बाद में अधिकांश कार्य अस्त-व्यस्त होंगे। धार्मिक भावनाएं आज बलवती रहेंगी लेकिन परोपकार के कार्य स्वार्थ पूर्ति के लिये ही करेंगे। दिन के आरम्भ में स्वास्थ्य संबंधित शिकायत रहेगी मध्यान तक धीरे धीरे सुधार आने लगेगा दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा। व्यवसाय में आज आश्वासनों से ही काम चलाना पड़ेगा। नए अनुबंध हाथ लगेंगे लेकिन आज इनपर कार्य आरम्भ नही कर पाएंगे। गृहस्थ में आज शांति स्थापित होगी फिर भी बुजुर्गो को संतुष्ट रखना नामुमकिन होगा। आय की अपेक्षा खर्च अधिक रहेगा।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन भी प्रतिकूल रहेगा। शारीरिक रूप से असमर्थ रहने के कारण आवश्यक कार्यो में विलंब होगा स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। मन मे नकारत्मक भाव आएंगे किसी की हित मे कही बाते भी उल्टी लगेंगी। कार्य व्यवसाय में आज किसी के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी वो भी समय पर नही मिलेगा। धन की आमद अनिश्चित रहेगी खर्च निकालने के लिये भी जोड़-तोड़ करना पड़ेगा। उधार के व्यवहार से बचे अन्यथा बाद में परेशानी होगी। पारिवारिक वातावरण में विरोधाभास लगा रहेगा घर के सदस्य एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करेंगे। घर के बुजुर्ग वर्ग दुखी होंगे।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन विजय दिलाने वाला रहेगा। स्वभाव में थोड़ी तेजी रहने के कारण किसी के मार्गदर्शन को भी अहम से जोड़ेंगे आज आप किसी अन्य के आधीन होकर काम करना पसंद नही करेंगे। मनमौजी व्यवहार अन्य लोगो के लिए परेशानी खड़ी करेगा लेकिन आपके लिये शांति दायक रहेगा। जिस कार्य को करेंगे उसमे ही विलम्ब होगा फिर भी अपनी सूझ बूझ से लाभ बना ही लेंगे। व्यवसायी वर्ग जोखिम वाले कार्य शेयर सट्टे आदि से लाभ कमाएंगे। नौकरी वाले लोग भी कार्य कुशलता के बल पर सम्मान के अधिकारी बनेंगे। परिवार का वातावरण आपसी समझ की कमी के कारण कुछ समय के लिये गरम होगा। पित्त, कफ से परेशानी होगी।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आप लापरवाहि ज्यादा करेंगे। छोटी-छोटी गलती भी आगे चलकर गंभीर रूप ले सकती है इसका विशेष ध्यान रखना होगा। किसी भी कार्य को दिमाग की जगह दिल से करने के कारण सफलता में संशय रहेगा। धन संबंधित उलझने दिन के आरंभ से ही खड़ी होंगी जो कि संध्या तक यथावत बनी रहेगी संध्या के आस-पास कही से थोड़ा बहुत धन मिलने से दैनिक खर्च निकल जाएंगे। आर्थिक मामलों को लेकर आज ज्यादा तामझाम में ना पढ़ें अन्यथा छोटे लाभ से भी वंचित रहना पडेगा। मित्र रिश्तेदारों के आगे भी धन संबंधित कार्यो को लेकर शर्मिंदा होना पड़ सकता है। उधार किसी से भी ना करे चुकाने में परेशानी आएगी। सेहत में छोटी मोटी व्याधी लगी रहेगी।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आपके स्वभाव में आलस्य अधिक रहेगा। लापरवाहि में लाभ के अवसर हाथ से निकल सकते है सतर्क रहें। कार्य व्यवसाय में आज बीते कल की अपेक्षा तेजी रहेगी धन कमाने के मौके मिलते रहेंगे आवश्यकता अनुसार लाभ आसानी से हो जाएगा लेकिन लालच में ज्यादा कमाने की वृत्ति कुछ ना कुछ कमी ही करेगी। संतोषी वृति अपनाकर ही आज प्रत्येक कार्य निर्विघ्न सम्पन्न किया जा सकता है इसका विशेष ध्यान रखें। हर में मांगलिक कार्यक्रम होने से वातावरण शांत रहेगा। विपरीत लिंगीय आकर्षण भी कुछ अधिक रहेगा इसके कारण परिवार में गलतफहमी पनपने से खींच तान हो सकती है। सेहत बनी रहेगी।

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*……. मेरे राम…….*

*”रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीता राम”*

*श्रवणं कीर्तनं विष्णोः स्मरणं पादसेवनम्*।
*अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्* ॥

शरीर में जिह्वा केवल रस लेने के लिए ही नहीं है उसका परम कल्याणकारी उपयोग तो भगवद नाम संकीर्तन ही है जिससे जीव का कल्याण हो सकता है।

*जिह्वां लब्ध्वापि लोकेस्मिन कृष्ण नाम जपेतर्हि*,
*लब्ध्वापि मुक्ति सोपानम हेलयैव च्यवंति ते*।।
(जिनके पास जीभ है वे श्रीकृष्ण नाम जप नहीं करते हैं, उनके पास मुक्ति प्राप्त करने के लिए एक सीढ़ी होती है लेकिन वे इसके प्रयोग करने में विफल होते हैं और हमेशा नीचे गिर जाते हैं)।

विष्णुधर्मोत्तर में लिखा है कि श्रीहरि के नाम संकीर्तन में देश- काल का नियम लागू नहीं होता है। किसी भी प्रकार की अशुद्ध अवस्था में भी नाम-जप को करने का निषेध नहीं है।

श्रीमद्भागवत महापुराणका तो यहां तक कहना है कि जप-तप एवं पूजा-पाठ की त्रुटियां अथवा कमियां श्रीहरिके नाम- संकीर्तन से ठीक और परिपूर्ण हो जाती हैं। अतः कोई भी पूजा पाठ यज्ञ अनुष्ठान के पश्चात हरि नाम का संकीर्त्तन ऊंची आवाज में करना चाहिए |

*जपतो हरिनामानिस्थाने शतगुणाधिकः* ।
*आत्मानञ्चपुनात्युच्चैर्जपन्श्रोतॄन्पुनातपच*॥

हरि नाम को जपने वाले की अपेक्षा उच्च स्वर से हरि- नाम का कीर्तन करने वाला अधिक श्रेष्ठ है, क्योंकि जपकर्ता केवल स्वयं को ही पवित्र करता है, जबकि नाम – कीर्तनकारी स्वयं के साथ-साथ सुनने वालों का भी उद्धार करता है।

भगवान शंकर ने शिव पुराण में देवर्षि नारद को बताया कि
*सीताया सहितं रामो नामं जाप्यम् प्रयत्नतः*।
*इदमेव परमम् प्रेम कारणं संशय विना*।।
राम जी के नाम का संकीर्तन सीता जी के नाम के साथ करना चाहिए पहले सीता जी का नाम लेना है फिर रामजी का नाम लेना है।

*सीताराम सीताराम सीताराम जय सीताराम*

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      🪷

*100 जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए*

1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।

2. *लकवा* – सोडियम की कमी के कारण होता है ।

3. *हाई वी पी में* – स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।

4. *लो बी पी* – सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।

5. *कूबड़ निकलना*- फास्फोरस की कमी ।

6. *कफ* – फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं 

7. *दमा, अस्थमा* – सल्फर की कमी ।

8. *सिजेरियन आपरेशन* – आयरन , कैल्शियम की कमी ।

9. *सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें* ।

10. *अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें* ।

11. *जम्भाई*- शरीर में आक्सीजन की कमी ।

12. *जुकाम* – जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।

13. *ताम्बे का पानी* – प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।

14. *किडनी* – भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।

15. *गिलास* एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें, लोटे का कम सर्फेसटेन्स होता है ।

16. *अस्थमा , मधुमेह , कैंसर* से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।

17. *वास्तु* के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।

18. *परम्परायें* वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।

19. *पथरी* – अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है । 

20. *RO* का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए *सहिजन* की फली सबसे बेहतर है ।

21. *सोकर उठते समय* हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का *स्वर* चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।

22. *पेट के बल सोने से* हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है । 

23. *भोजन* के लिए पूर्व दिशा , *पढाई* के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।

24. *HDL* बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।

25. *गैस की समस्या* होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।

26. *चीनी* के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से *पित्त* बढ़ता है । 

27. *शुक्रोज* हजम नहीं होता है *फ्रेक्टोज* हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।

28. *वात* के असर में नींद कम आती है ।

29. *कफ* के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।

30. *कफ* के असर में पढाई कम होती है ।

31. *पित्त* के असर में पढाई अधिक होती है ।

33. *आँखों के रोग* – कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।

34. *शाम को वात*-नाशक चीजें खानी चाहिए ।

35. *प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए* ।

36. *सोते समय* रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।

37. *व्यायाम* – *वात रोगियों* के लिए मालिश के बाद व्यायाम , *पित्त वालों* को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । *कफ के लोगों* को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।

38. *भारत की जलवायु* वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।

39. *जो माताएं* घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।

40. *निद्रा* से *पित्त* शांत होता है , मालिश से *वायु* शांति होती है , उल्टी से *कफ* शांत होता है तथा *उपवास* ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।

41. *भारी वस्तुयें* शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।

42. *दुनियां के महान* वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों , 

43. *माँस खाने वालों* के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।

44. *तेल हमेशा* गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।

45. *छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।* 

46. *कोलेस्ट्रोल की बढ़ी* हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।

47. *मिर्गी दौरे* में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए । 

48. *सिरदर्द* में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।

49. *भोजन के पहले* मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है । 

50. *भोजन* के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें । 

51. *अवसाद* में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है 

52. *पीले केले* में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।

53. *छोटे केले* में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।

54. *रसौली* की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।

55. हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।

56. *एंटी टिटनेस* के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।

57. *ऐसी चोट* जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें । 

58. *मोटे लोगों में कैल्शियम* की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।

59. *अस्थमा में नारियल दें ।* नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।

60. *चूना* बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है । 

61. *दूध* का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।

62. *गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।* 

63. *जिस भोजन* में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए 

64. *गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।*

65. *गाय के दूध* में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।

66. *मासिक के दौरान* वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।

67. *रात* में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।

68. *भोजन के* बाद बज्रासन में बैठने से *वात* नियंत्रित होता है ।

69. *भोजन* के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।

70. *अजवाईन* अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है 

71. *अगर पेट* में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें 

72. *कब्ज* होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए । 

73. *रास्ता चलने*, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए । 

74. *जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।* 

75. *बिना कैल्शियम* की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।

76. *स्वस्थ्य व्यक्ति* सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।

77. *भोजन* करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।

78. *सुबह के नाश्ते* में फल , *दोपहर को दही* व *रात्रि को दूध* का सेवन करना चाहिए । 

79. *रात्रि* को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे – दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि । 

80. *शौच और भोजन* के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें । 

81. *मासिक चक्र* के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए । 

82. *जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।*

83. *जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।*

84. *एलोपैथी* ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है । 

85. *खाने* की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है । 

86 . *रंगों द्वारा* चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ….. अंत में लाल रंग । 

87 . *छोटे* बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए 

88. *जो सूर्य निकलने* के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है । 

89. *बिना शरीर की गंदगी* निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं । 

90. *चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।* 

91. *गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।*

92. *प्रसव* के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती है ।

93. *रात को सोते समय* सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा 

94. *दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए*।

95. *जो अपने दुखों* को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है । 

96. *सोने से* आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है । 

97. *स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है*। 

98 . *तेज धूप* में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है 

99. *त्रिफला अमृत है* जिससे *वात, पित्त , कफ* तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना ।  

100. इस विश्व की सबसे मँहगी *दवा। लार* है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है ,इसे ना थूके ।

_*जनजागृति हेतु लेख को पढ़ने के बाद साझाअवश्य करे*

 ||हर हर महादेव||

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साभार….

कोई छह साल पहले मुरैना के एक गांव में एक अनुसूचित जाति के परिवार ने इस्लाम अपना लिया था। गुर्जरों के गांव में दो जमाती भोपाल से हर महीने आते हैं, इस धर्मांतरित परिवार से मिलने। 

जाहिर है, जमात का उद्देश्य ना सिर्फ इस एक परिवार को सौ परिवार बनाना है, बल्कि हिन्दू बहुल इस गांव में इस एक परिवार को लगातार सुरक्षा का भी आश्वासन देते रहना है। हालांकि हिन्दू परिवारों से इस धर्मांतरित परिवार को कोई दिक्कत नहीं है, बावजूद “आभासी भय” खड़ा करना और “फॉलोअप” रखना रणनीति का अहम हिस्सा है।

जब इसके दूसरे पहलू पर विचार किया तो पाया, “संस्थागत” लड़ाई में हम कहीं नहीं हैं। हमने अपने खेत खलिहान, गांव, बाजार सब खाली छोड़ दिए हैं। सब कुछ दिल्ली के हवाले कर दिया है। 

याद रखें, हर सुराख आपके घर में हो रहा है। हर ईंट आपके घर की गिराई जा रही है। हर बुनियाद आपकी दरक रही हैं। शांतिकाल तो कुछ होता ही नहीं।

अवधेश प्रताप सिंह कानपुर उत्तर प्रदेश,

*🚩 मेरा शक्तिमान हिंदुराष्ट्र भारत बोलता है तो सुनिए?* प्यारे देश के वासियों ये तो होना ही था अब जबरदस्ती ब्योमकेश बख्शी बनकर पुलिस पर दबाव बनाना बंद कीजिये।अतीक अहमद को जिसके भी नाम लेने थे वह ले चुका जो बंदा ये तक बता चुका हो कि उसने पाकिस्तान में कहाँ से हथियार उठाये थे उसने बड़े का नाम नही लिये होंगे ऐसा तो हो ही नही सकता।मित्रों दूसरी बात यह कि उत्तरप्रदेश पुलिस पर भरोसा करने के दो कारण है हमारे पास पहला तो यह कि उसके अलावा कोई विकल्प नही है और दूसरा यह कि ये अब तक के अनुभव की गई में वर्षो के बाद की सबसे अच्छी पुलिस साबित हुई है ए!भाईयों आज भी याद है हमको की आगरा और मथुरा के भ्रमण के समय पुलिस को देखकर ही लोग लड़ना रोक देते थे,25 करोड़ की आबादी को संभालने वाली देश उत्तर प्रदेश पुलिस की महकमा इस योग्य है कि जिसकी जितनी प्रशंसा की जाय कम है अब तो मंदिर के बाहर कोई शुभ कदम चप्पल भी चुराने से डरता है।साथियों पिछले 6 वर्षो में उत्तरप्रदेश का प्रशासन 180° से घूम गया है। अब पुलिस पर राजनीति का उतना दबाव नही है!जितना अन्य राज्यों में है। मित्रों पिछले 6 वर्षों में एन काउंटर्स की बात करें तो उत्तरप्रदेश शीर्ष पर रहा है।प्यारे देशवासियों आप सब भले ही जश्न मनाइए,सुख दुख मनाइए,मिठाईयां बांटिए लेकिन उत्तरप्रदेश से बहुत कुछ भारतीय सीखिए। दोस्तों दस साल पहले वहाँ उत्तर प्रदेश देश में जन और प्रशासन सुरक्षित नही था लेकिन आज गुंडे सुरक्षित नही है।इतना बहुत बड़ा परिवर्तन वहाँ के लोगों के कारण ही हो सका जिन्होंने जात पात छोड़ कर हिंदुत्व और विकास के लिये योगी मोदी के कमल छाप को वोट किया और सुदृढ सरकार चुनी गई है।साथियों कुछ लोगों को ए आपत्ति है कि श्रीराम का नाम लेकर हत्याएं होने लगी है,लेकिन समझिए कि ये कोई आतंकवाद नही है!भगवान श्रीराम के नाम पर दुष्टों का खात्मा और प्रदेश भर में शांति की गूंज!मित्रों 20 रेपिड फायर हुए हैं और एक भी बार उनका निशाना आसपास खड़े लोगो की तरफ नही गया,उनका लक्ष्य बिल्कुल साफ था।लादेन की मौत के समय 50 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक मौजूद थे यकीनन उनमें से कम से कम 5 सैनिकों के मुंह से जीजस क्राइस्ट तो निकला होगा या फिर क्रुसेड का कोई जय घोष किया होगा!लेकिन इसका अर्थ यह नही लगाया जा सकता की इससे धर्म विशेष की महिमा कम हो गयी हो बल्कि उसकी ख्याति और बड़ गई है! भाईयों हम बचपन से रामायण में देखते आ रहे है की अतिकाय, देवांतक और मेघनाद के वध पर भी जय श्री राम जी जय ध्वनि का उदघोष के साथ जय श्रीराम ही कहा गया था। प्यारे मित्रों इसका अर्थ यह भी नही है कि वध ही गलत हो गया या जयघोष में कुछ गलत है। जो हुआ सो शुभ हुआ, इतिहास साक्षी है कि हर आतंक का अंत इसी प्रकार होता है।सूत्रधार ✍️ *श्रीमान पारख सक्सेना* जी के कलम से!🚩 *प्यारे देश वासियों:* 24 घंटे में देश की 135 करोड जनता तक संकल्प पत्र पहुंचाया जाना हमारा लक्ष्य है। यह महा अभियान दिखने में छोटा सा हैं किन्तु अरबों रुपये के फालतू के *भोजन की बर्बादी को* रोकेगा कौन?हम सब मिलकर!🙏तो चलो इस संकल्प पत्र को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने में हम सब आप इसमें सह भागी बनकर इस महा अभियान का हिस्सा बनें।और मैं भी ये संकल्प लेता हूँ।🕉️ *प्यारे मित्रों :* कांग्रेस सरकार और बीजेपी सरकार में कितना अंतर होता है इसे देखिए असम और अरुणाचल प्रदेश सरकार ने सदियों पुराने सीमा विवादों को निपटाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।दोनों राज्यों के स्थानीय मीडिया को भी श्रेय है इसका क्योंकि वे कभी भी राज्य सरकारों पर कोई अनावश्यक दबाव नहीं बनाते हैं। जबकि अन्य राज्यों में,स्थानीय मीडिया दबाव बनाता है जिससे सरकार के लिए बातचीत करना भी असंभव हो जाता है !और यह सब संभव इसलिए हुआ है क्योंकि *ए मोदी जी हैं तो मुमकिन है! सूत्रधार *श्रीमांगी लाल जी *🙏 जय श्रीराम बोलिए,सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार ✍️ कुबेरराम सपहा, प्रधान संपादक समाचार जागो छत्तीसगढ़ भारत महान!🚩*

28.4.2023

       *”मनुष्य अल्पज्ञ और अल्पशक्तिमान है। वह केवल अपनी शक्ति से तो कुछ भी नहीं कर सकता। यहां तक कि वह होश में भी नहीं आ सकता।”* जब ईश्वर ने सृष्टि नहीं बनाई थी, और प्रलय अवस्था थी, उस समय सभी आत्माएं बेहोश पड़ी थीं। किसी को कुछ पता ही नहीं था, कि *”मैं हूं भी या नहीं!”* जब ईश्वर ने सृष्टि बनाई, तब शरीर मन बुद्धि इंद्रियां खाना-पीना पंचमहाभूत इत्यादि सारी सुविधाएं आत्माओं को दीं, तब जाकर आत्माएं होश में आई। और तब ईश्वर प्रदत्त इन शरीर आदि साधनों से सबने अपना अपना कर्म करना और फल भोगना आरंभ किया। इससे पता चलता है कि *”आत्मा की अपनी शक्ति तो न के बराबर है, और सारे साधन ईश्वर की कृपा से ही उसे मिले हैं। उन्हीं साधनों की सहायता से ही वह सब काम करता है।”*

         ईश्वर ने तो कहा था *”अच्छे काम करना, बुरे काम मत करना।” “परंतु आत्मा अपनी अविद्या मूर्खता दुष्टता आदि दोषों के कारण उल्टे काम भी करता है। फिर वह दुखी भी होता है। कभी-कभी अच्छे काम भी करता है, उसका उसे सुख भी मिलता है।”*

        आत्मा के अच्छे कर्मों में तो ईश्वर का सहयोग और समर्थन होता है। परंतु बुरे कर्मों की जिम्मेदारी जीवात्मा पर है, या उस प्रकृति पर है, जिसके प्रभाव से प्रभावित होकर आत्मा उल्टे सीधे काम करता है। *”बुरे कर्मों की जिम्मेदारी ईश्वर पर नहीं है। क्योंकि ईश्वर ने कभी भी उसे नहीं कहा कि “तुम बुरे काम करो.” “बल्कि ईश्वर तो उसे बुरे कर्मों से रोकता है. फिर भी जीवात्मा अविद्या आदि दोषों के कारण बुरे काम से नहीं रुकता और कर ही डालता है।”*

       सारी बात का सार यह हुआ, कि *”यदि ईश्वर उसकी सहायता न करे, तो वह कुछ भी नहीं कर सकता। इसलिए उसे सदा ईश्वर की सहायता लेनी पड़ती है। जबकि ईश्वर को आत्मा की कोई सहायता नहीं चाहिए.” “आत्मा ईश्वर की स्तुति प्रार्थना उपासना न भी करे, तो भी इससे ईश्वर को कोई हानि नहीं है। परन्तु ईश्वर की कृपा यदि छूट गई, तो जीवात्मा का तो सर्वनाश ही समझो।”*     

        *”इसलिए ईश्वर को सदा अपना गुरु आचार्य राजा न्यायाधीश मानकर सारे संसार का स्वामी सर्वशक्तिमान सर्वरक्षक मानकर सदा उसके आदेश संदेश निर्देश का पालन करना चाहिए। इसी से सब का कल्याण होगा।”*

—- *”स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक – दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़, गुजरात.”*