आज का पंचाग आपका राशि फल, आदिपुरुष के नाम पर भारतीय संस्कृति का इस्लामीकरण!!, गीताप्रेस गोरखपुर की कल्याण पत्रिका को शांति पुरस्कार

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻सोमवार, १९ जून २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:३७
सूर्यास्त: 🌅 ०७:१९
चन्द्रोदय: 🌝 ०५:४९
चन्द्रास्त: 🌜२०:४२
अयन 🌖 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌡️ग्रीष्म
शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)
मास 👉 आषाढ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 प्रतिपदा (११:२५ से द्वितीया)
नक्षत्र 👉 आर्द्रा (२०:११ से पुनर्वसु)
योग 👉 वृद्धि (२५:१९ से ध्रुव)
प्रथम करण 👉 बव (११:२५ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (२४:१३ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 मिथुन
मंगल 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 वृष (उदय, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५० से १२:४६
अमृत काल 👉 ०९:१९ से ११:०३
विजय मुहूर्त 👉 १४:३९ से १५:३५
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:१९ से १९:३९
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२१ से २०:२०
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५८ से २४:३८
राहुकाल 👉 ०७:०१ से ०८:४७
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:३३ से १२:१८
होमाहुति 👉 सूर्य
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी (११:२५ तक)
चन्द्र वास 👉 पश्चिम
शिववास 👉 श्मशान में (११:२५ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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आषाढ शुक्ल पक्ष आरम्भ, चन्द्र दर्शन, गुप्त नवरात्री विधान आरम्भ, मनोरथ द्वितीया (बंगाल), उपनयन (यज्ञोपवीत) संस्कार+विद्या एवं अक्षरारम्भ+वाहन क्रय-विक्रय+देव प्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०९:०१ से प्रातः १०:४५ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २०:११ तक जन्मे शिशुओ का नाम आर्द्रा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ङ, छ) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम पूनर्वसु नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (के, को) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २९:०५ से ०७:२०
कर्क – ०७:२० से ०९:४२
सिंह – ०९:४२ से १२:००
कन्या – १२:०० से १४:१८
तुला – १४:१८ से १६:३९
वृश्चिक – १६:३९ से १८:५८
धनु – १८:५८ से २१:०२
मकर – २१:०२ से २२:४३
कुम्भ – २२:४३ से २४:०९
मीन – २४:०९ से २५:३२
मेष – २५:३२ से २७:०६
वृषभ – २७:०६ से २९:०१
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:१६ से ०७:२०
रज पञ्चक – ०७:२० से ०९:४२
शुभ मुहूर्त – ०९:४२ से ११:२५
चोर पञ्चक – ११:२५ से १२:००
शुभ मुहूर्त – १२:०० से १४:१८
रोग पञ्चक – १४:१८ से १६:३९
शुभ मुहूर्त – १६:३९ से १८:५८
मृत्यु पञ्चक – १८:५८ से २०:११
अग्नि पञ्चक – २०:११ से २१:०२
शुभ मुहूर्त – २१:०२ से २२:४३
रज पञ्चक – २२:४३ से २४:०९
शुभ मुहूर्त – २४:०९ से २५:३२
शुभ मुहूर्त – २५:३२ से २७:०६
रज पञ्चक – २७:०६ से २९:०१
शुभ मुहूर्त – २९:०१ से २९:१६
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन पूर्वार्ध आपके लिए धन वृद्धि कारक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज अधिकारियो का प्रोत्साहन मिलने से उन्नति के मार्ग खुलेंगे। व्यवसाय में लाभ पाने के लिए थोड़ा परिश्रम करना पड़ सकता है लेकिन इसका फल आश्चर्य में डालने वाला रहेगा। अनैतिक कार्यो में पड़ने से मान हानि के योग बनेंगे इससे दूर रहें। परिजनों से मधुर भावनात्मक सम्बन्ध रहेंगे घरेलू समस्याओ को महिलाये अपने बल पर सुलझा लेंगी। संध्या के समय शुभ समाचार मिलेंगे। उत्तम भोजन वाहन मनोरंजन पर्यटन से आनंद मिलेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज आप मध्यान तक जितना परिश्रम करेंगे इसके बाद के समय उससे पूर्ण संतुष्ट रहेंगे धन लाभ भी होने के साथ भविष्य में आय के मार्ग भी बनेंगे। आज का दिन प्रेम-प्रसंगों में भी यादगार अनुभूति कराएगा। पर्यटक स्थल पर घूमने-फिरने की योजना बनाएंगे। आज फिजूल खर्च भी अधिक रहने वाला है जिस पर नियंत्रण की आवश्यकता है। कार्य व्यवसाय का दायित्व आज नौकरों अथवा सहकर्मियों के ऊपर छोड़ना पड़ेगा। परिजनों के साथ किसी सामाजिक कार्यक्रम में उपस्थित हो सकते है। महिलाये एवं बच्चे मनोकामना पूर्ति से उत्साहित होंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी शुभ फलों की प्राप्ति कराएगा लेकिन आज चोटादि का भी भय है जोखिम ना लें वाहन से सतर्क रहें। सेहत में थोड़ा उतार चढ़ाव बना रहेगा। पुराने लटके कार्यो में गति आएगी। नई योजनाएं अधिक फलीभूत होंगी। सामाजिक कारणों से भी आज अधिक व्यस्त रह सकते है। सरकारी कार्य आज मध्यान से पहले पूर्ण होंगे। संध्या के समय धन की आमद होने से आर्थिक स्थिति सुधरेगी। विरोधी आज शांत रहेंगे। महिलाये आज घरेलू कार्य मे ज्यादा व्यस्त रहेंगी। रिश्तेदारों के आने से चहल पहल बढ़ेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा मध्यान बाद तक प्रत्येक कार्यो में उदासीनता दिखाएंगे परन्तु धार्मिक कार्यो के प्रति आकर्षित रहेंगे। मध्यान पश्चात गाड़ी पटरी पर आने लगेगी। नौकरी व्यवसाय में आपके कार्य की प्रशंसा होगी। धन लाभ के कोई भी अवसर चूकेंगे नही। दाम्पत्य जीवन में सरसता बनी रहेगी। पत्नी संतान के साथ आज अच्छी पटेगी। स्वास्थ्य आज सर्दी जुखाम के कारण नरम रह सकता है फिर भी आपकी दिनचर्या पर इसका विशेष असर नहीं पड़ेगा। संध्या के बाद यात्रा की योजना बनेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी आपके लिए लाभदायी रहेगा बीते कल के अधूरे कार्य आज पूर्ण होने से धन की आमद होगी। नौकरी पेशा लोग भी अच्छे कार्य के लिए प्रोत्साहित होंगे। दूर के व्यवसायों अथवा शेयर आधी के कार्यो में उछाल आने से अन्य आय के साधन बनेंगे। सरकारी कार्यो में आज ढील ना दे अन्यथा लंबे समय के लिये लटक सकते है। धार्मिक कार्यो में रुचि होने पर भी उपयुक्त समय नही निकाल पाएंगे। संध्या के बाद समय प्रतिकूल हो जाएगा आसपास का वातावरण क्रोध दिलाने वाला बनेगा ना चाहते हुए भी किसी से झगड़ा होने की संभावना है। महिलाओ की सेहत खराब होने की संभावना है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए आनंद दायक रहेगा। आप आज प्रत्येक कार्य को देखभाल कर ही करेंगे जिससे सफलता का प्रतिशत अधिक रहेगा। नौकरी व्यवसाय में आज मध्यान तक किया परिश्रम का फल संध्या के समय सम्मान एव धन लाभ के रूप में मिल जाएगा। कार्य क्षेत्र पर आज प्रतिस्पर्धा भी अधिक रहेगी लेकिन आपके काम निकालने की कला लाभ दिलाएगी। आप किसी की भी मनोकामना पूर्ति करने में हिचकिचाएंगे नही। परिजनों से स्नेह की वर्षा होगी। संतानो का व्यवहार भी अनुकूल रहेगा। महिलाये घर की साज सज्जा पर खर्च करेंगी। सेहत सामान्य रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आप दिन के आरंभिक भाग में अनुकूल परिस्थितियों का जमकर लाभ उठायेंगे। आज आपके स्वाभाव में नरमी रहने से परिजनों के साथ चल रहे मतभेद सामान्य होंगे। कला एवं संगीत में आज विशेष रूचि रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति का सहयोग मिलने से रुके कार्य पूर्ण होंगे। संतानों के ऊपर खर्च बढेगा महिलाये अस्त-व्यस्त गृहस्थी को संभालने में अधिक व्यस्त रहेंगी। नजदीकी रिश्तेदारो से शुभ समाचार मिलेगा। धन लाभ कम परिश्रम से हो जाएगा। मध्यान पश्चात स्थिति प्रतिकूल होने लगेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन के मध्यान तक का समय सामान्य बना रहेगा लेकिन इसके बाद कही से अशुभ समाचार मिलने से परेशान रहेंगे। इसके बाद का समय श्रम साध्य रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज महत्त्वपूर्ण कार्य मध्यान के बाद करना लाभदायक रहेगा। घरेलु उत्पादों के क्रय-विक्रय सम्बंधित व्यापार से अच्छा मुनाफा कमाएंगे। परिजन का ख़राब स्वास्थ्य भी चिंता का विषय बनेगा। धीरे-धीरे स्थिति नियंत्रण में आ जायेगी। पूजा पाठ में भाग लेंगे धार्मिक यात्रा के प्रसंग भी बन सकते है। महिलाये पारिवारिक स्थिति के कारण बेचैन रहेंगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिए मिला जुला रहेगा। दोपहर तक लगभग सभी कार्यो में विलंब होगा जो कार्य करेंगे उनके पूर्ण होने में भी संशय बना रहेगा लेकिन मध्यान बाद स्थिति में थोड़ा सुधार आने लगेगा। सामाजिक अथवा मांगलिक कार्यक्रमो के कारण व्यस्तता अधिक रहेगी। कार्य क्षेत्र से भी धन का आगमन होगा। फिजूल खर्च भी लगे रहेंगे जिन पर अंकुश रखे। विपरीत लिंगीय से आज आकस्मिक लाभ हो सकता है नजदीकियां भी बढ़ेंगी। उपहार सम्मान मिलेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज दिन के मध्यान तक आप सेहत को लेकर परेशान रहेंगे। शारीरिक स्फूर्ति गायब रहेगी। अधिकांश कार्यो में देरी होगी। दोपहर बाद आकस्मिक लाभ के समाचार मिलने से उत्साह वृद्धि होगी। विरोधी आपकी प्रगति से ईर्ष्या करेंगे शेयर सट्टे में आज किया निवेश निकट भविष्य में लाभ कराएगा। अन्य व्यवसाय में भी आज मेहनत का फल थोड़े देर से परन्तु भरपूर मिलेगा। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपका योगदान प्रतिष्ठा बढ़ाएगा। महिलाये अपने कार्यो के प्रति निष्ठावान रहेंगी।परिवार के बुजुर्गो का सहयोग घरेलू कार्य के साथ व्यवसायिक कार्यो को सहज बनाएगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज दिन की शुरुआत आलस्य प्रमाद से होगी ध्यान रहें कार्यो को लेकर टालमटोल की प्रवृति हानि करा सकती है। दोपहर के समय से स्थिति बेहतर होने लगेगी। उत्तरार्ध का समय आकस्मिक फायदे कराने वाला रहेगा। आज आप किसी से अधिक व्यवहार करना पसंद नहीं करेंगे इससे कई समस्याओं से भी बचे रहेंगे। सामाजिक क्षेत्र पर भी आज आपके योगदान की प्रशंसा होगी। वरिष्ठ जनो के साथ नविन संपर्क बनेंगे। स्त्री-पुत्र से लाभदायक समाचार मिल सकते है। विपरीत लिंगीय आकर्षण आज कम रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज दोपहर तक अपने सभी कार्य पूर्ण करने का प्रयास करें इसके बाद परिस्थिति कलहकारी बनेगी जिसका भला करने का सोचेंगे उसी का व्यवहार आपको आहत करेगा। महिलाये भी आज मानसिक रूप से अशांत रहेंगी। सेहत भी असामान्य रहने से कार्य क्षेत्र पर बेहतर अनुभव नहीं करेंगे। फिर भी चाटुकारिता का सहारा लेकर खर्च योग्य आय बना ही लेंगे। धार्मिक स्थानों पर दान पुण्य के अवसर मिलेंगे। स्त्री मित्रो से संबंदो में कड़वाहट आ सकती है। दिनचर्या असंयमित रहेगी। संतानो के ऊपर नजर रखें।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏सरकार ने गांधी शांति पुरस्कार 2021 की घोषणा कर दी है. धार्मिक पुस्तकों को प्रकाशित करने वाली दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित गीता प्रेस गोरखपुर को यह पुरस्कार दिया जाएगा. धर्म, संस्कृति और परंपरा को समेटे गीता प्रेस को दिए जाने वाले इस सम्मान के लिए सीएम योगी ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया है

गीता प्रेसघर-घर र-घर कल्याण पत्रिका 100 वर्ष अविरल प्रवाह शांति पुरस्कार, जय सनातन का उद्घोष। जय गोरखपुर भूमि 🙏🙏

 आदिपुरुष के नाम पर भारतीय संस्कृति का इस्लामीकरण
आखिर दोष किसका है??
प्रसून जोशी से लेकर मनोज मुंतशिर तक और कुमार विश्वास से लेकर म्यूजिक कंपनी के तुकबाज लफ्फाजों तक को यदि हम शंकराचार्य मान बैठते हैं तो दोष किसका है !?
#मुरारी बापू से लेकर जग्गी वासुदेव तक को यदि हम श्रीकृष्ण द्वैपायन व्यास मान बैठते हैं तो दोष किसका है?
#जागरण में पीताम्बर ओढ़े नाचने-गाने वालों को यदि हम श्री चैतन्य महाप्रभु का साक्षात रूप समझ लेते हैं तो दोष किसका है?
#राधे माँ से लेकर निर्मल बाबा तक के दरबार में यदि हम अपनी अपनी बुद्धि घर में ही छोड़कर जाते हैं तो दोष किसका है?
भगवान के #दशावतारों से इतर या बाहर मजार से लेकर कृत्रिम एवं प्रत्यारोपित देवी-देवताओं तक में यदि हम अंधस्थ हो जाते हैं तो दोष किसका है?
अपने शास्त्र एवं शास्त्रज्ञों को छोड़कर यदि हम #एकता_कपूर और #आमिर_खान आदि को अपना याज्ञवल्क्य मान लेते हैं तो दोष किसका है?
हिन्दू, हिन्दुत्व और हिन्दू मान-विन्दुओं का प्रात: उठते ही अपमान करनेवाले के हाथों में आरती की थाल देखते ही इन #अवसरवादी_मौसमी_कीड़ों को यदि हम राजा दिलीप मान बैठते हैं तो दोष किसका है?
मंदिर का विध्वंस कर उसकी मूर्ति को गंगा में फेंक देनेवाले को यदि हम तर्पण करनेवाला गोकर्ण समझ बैठते हैं तो दोष किसका है?
वन,उपवन और नगर में आग लगा देनेवाले आततायी राक्षस यदि हमें भगवान विश्वकर्मा दिखाई देता है तो दोष किसका है?
#प्रभु श्रीराम का मंदिर तोड़ा जाना, लगभग हजार वर्षों तक अपने धर्मस्थलों का एक के बाद एक विध्वंस किया जाना, अपने नारीवर्ग का घनघोर अपमान-उत्पीड़न, धर्मगुरुओं का जिन्दा जलाया जाना, उन्हें आरा से चीरा जाना, दीवारों में चुना जाना, भारत का विभाजन कर देना और सत्य कहने पर भी गला रेता जाना इत्यादि यदि हमारे लिए महत्वहीन हों लेकिन मुफ्त की थोड़ी-सी बिजली, पानी और सुविधा ही जीवन का सर्वस्व प्रतीत होते हों तो फिर दोष किसका है और दोषी कौन है??
#नोटों की गड्डी देख और सिक्कों की खनक सुन पैरों में झटपट घुंघरू बाँध लेने को तत्पर चरण और चरित्र ही यदि हमें अपने आइकॉन लगते हों और हम उनके अनुचर, खच्चर, जलचर आदि सब बनने के लिए लाइन लगा कर खड़े हो जाते हों तो फिर दोष किसका है?
#सर्कस में जाकर मंदिर की अनुभूति का और स्विमिंग पुल में नहाकर गंगा-स्नान के सुफल का यदि हम भाव या इच्छा रखते हैं तो फिर दोष किसका है?
स्मरण रहे कि #भगवान_कृष्ण_गीता_में स्पष्ट कहते हैं कि जो जिसकी पूजा करता है वह वैसा ही हो जाता है, भूत को पूजने वाला भूत और देवता को पूजने वाला देवत्व को ही प्राप्त होता है !
इसलिए दोष भूत का है या उसकी पूजा करने वाले मूढ़मति मानव का??
#भगवान_राम #आदिपुरुष_नहीं_अनादिपुरुष_हैं, हमारे राम
वो मर्यादा पुरुषोत्तम थे…आदिपुरुष तो #महाराज_मनु हैं !!
आदि और अनादि का अंतर तक न समझने वाले या जानबूझकर ऐसा करनेवाले कवि, लेखक, कलाकार आदि ही यदि हमें विद्वान लगने लगें तब तो हम शिकार बनेंगे ही और तब ऐसे में दोष किसका है??
भगवान ने अपनी लीला से हमें यही तो दिखाया है कि यदि ब्रह्मर्षि विश्वामित्र के पीछे उनकी सेवा में जाएंगे तो धर्म की रक्षा भी होगी, स्थापना भी होगी और भगवान शंकर की लीला से सीता-विवाह का सुमंगल भी होगा परन्तु यदि #ब्रह्म के बदले #भ्रम के हिरण के पीछे जाएंगे तो सीता का हरण ही होगा !
यह भी स्मरण रहे कि भगवान का रामावतार धर्म, शील और मर्यादा की स्थापना के लिए हुआ था ! प्रभु लोकमंगल के लिए पधारे थे, लोकरंजन या मनोरंजन के लिए नहीं !
उनकी लीला के उस भाव तक श्रद्धा और भक्ति के बिना पहुँचा ही नहीं जा सकता !!
इसलिए हम अपने #व्यास_और_वसिष्ठ को पहचानें, न कि कालनेमियों को ही व्यास समझने की भूल कर उनके जाल में फँस जाएँ !
#फिर भी अपने विपुल वांग्मय के होते हुए भी यदि हम बार-बार गड्ढे में गिर जाते हैं तो दोष किसका है — गड्ढे का या हमारी आँखों और बुद्धि का?? (साभार दिव्य भारत) हमारे सनातन धर्म संस्कृति में तो मंदिर में चढ़ने वाले फूल भी करोड़ पति बनाने की सामर्थ्य रखते हैं बस हमें जयचंदों से हिन्दुस्थान और भारतीय संस्कृति बचाने का निरंतर संघर्ष करना आना चाहिए।