आज का पंचाग आपका राशि फल, अकाल मृत्यु टालने के लिए शास्त्रीय उपचार, गाय के गोबर में प्राणवायु बढाने की अद्भुत क्षमता, माता कामाक्षी को समर्पित कांची शक्तिपीठ

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻बुधवार, १० नवम्बर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:३९
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२७
चन्द्रोदय: 🌝 १२:२१
चन्द्रास्त: 🌜२२:४८
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌳 हेमन्त
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (राक्षस)
मास 👉 कार्तिक
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 षष्ठी (०८:२५ तक)
नक्षत्र 👉 उत्तराषाढ (१५:४२ तक)
योग 👉 शूल (०९:११ तक)
प्रथम करण 👉 तैतिल (०८:२५ तक)
द्वितीय करण 👉 गर (१९:३२ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 मकर
मंगल 🌟 तुला (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 तुला (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌❌
अमृत काल 👉 ०९:३८ से ११:०९, २८:५४ से ३०:२७
रवियोग 👉 ०६:३८ से १५:४२
विजय मुहूर्त 👉 १३:४८ से १४:३१
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१३ से १७:३७
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३४ से २४:२७
राहुकाल 👉 १२:०१ से १३:२१
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:५९ से ०९:१९
होमाहुति 👉 बुध (१५:४२ तक)
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 नन्दी पर (०८:२५ से भोजन मे)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
दक्षिण-पूर्व (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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सहस्त्रार्जुन जयन्ती, सूर्यषष्ठी (डाला छठ), वाहन क्रय-विक्रय+व्यवसाय आरम्भ+गृहप्रवेश मुहूर्त प्रातः १०;४९ से दोपहर १२:११ तक, नीवखुदाई एवं गृहारम्भ मुहूर्त प्रातः ०६:४० से ०९:२७ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १५:४२ तक जन्मे शिशुओ का नाम
उत्तराषाढ़ नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ज, जी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम श्रवण नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश (खी, खू, खे) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – २८:५० से ०७:११
वृश्चिक – ०७:११ से ०९:३०
धनु – ०९:३० से ११:३४
मकर – ११:३४ से १३:१५
कुम्भ – १३:१५ से १४:४१
मीन – १४:४१ से १६:०४
मेष – १६:०४ से १७:३८
वृषभ – १७:३८ से १९:३३
मिथुन – १९:३३ से २१:४८
कर्क – २१:४८ से २४:०९
सिंह – २४:०९ से २६:२८
कन्या – २६:२८ से २८:४६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०६:३८ से ०७:११
शुभ मुहूर्त – ०७:११ से ०८:२५
रज पञ्चक – ०८:२५ से ०९:३०
शुभ मुहूर्त – ०९:३० से ११:३४
चोर पञ्चक – ११:३४ से १३:१५
शुभ मुहूर्त – १३:१५ से १४:४१
रोग पञ्चक – १४:४१ से १५:४२
शुभ मुहूर्त – १५:४२ से १६:०४
शुभ मुहूर्त – १६:०४ से १७:३८
रोग पञ्चक – १७:३८ से १९:३३
शुभ मुहूर्त – १९:३३ से २१:४८
मृत्यु पञ्चक – २१:४८ से २४:०९
अग्नि पञ्चक – २४:०९ से २६:२८
शुभ मुहूर्त – २६:२८ से २८:४६
रज पञ्चक – २८:४६ से ३०:३९
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपको पैतृक सुख के साथ मनोरंजन के अवसर भी सुलभ कराएगा। दिन के प्रारंभ में आलस्य रहेगा छोटे मोटे दैनिक कार्य भी विलंब से होंगे। लेकिन दोपहर से कार्यो के प्रति गंभीरता आएगी। व्यवसायी वर्ग आज काम की जगह मनोरंजन के मूड में रहेंगे फिर भी थोड़े समय मे ही दिन भर की पूर्ति कर लेंगे। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति के लिये समय और धन खर्च होगा। घर मे पैतृक मामलो को लेकर महत्त्वपूर्ण चर्चा होगी। आपकी बातों का विरोध करने वाले भी आज आपका समर्थन करेंगे। संध्या का समय मनोकामना पूर्ति वाला रहेगा। सेहत आज उत्तम रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज भी शुभ प्रसंग बनने से मन शांत रहेगा धर्म के प्रति आस्था तो रहेगी लेकिन एकाग्रता की कमी के कारण दैनिक पूजा पाठ भी व्यवहारिकता मात्र रहेंगे। आज केवल लाभ वाले कार्यो में ही रुची दिखायेंगे इसके विपरीत सामाजिक अथवा परोपकार के कार्यो से बचेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज लाभ के अवसर कम ही मिलेंगे फिर भी दैनिक खर्च लायक धन की आमद हो जाएगी। परिजन आपके व्यवहार की देखादेखी करेंगे। बुजुर्गो का व्यवहार आपके प्रति अनअपेक्षित रहेगा लेकिन स्त्री संतान से सामान्य संबंध रहेंगे। स्वास्थ्य को लेकर आशांकित रहेंगे गर्म सर्द के कारण परेशानी हो सकती है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज भी दिन प्रतिकूल बना हुआ है सोच समझ कर ही अथवा किसी के परामर्श के बाद ही कोई काम करें महिलाए आज अपनी अनदेखी होने पर गुस्से से भरी रहेंगी सेहत भी विपरीत रहने के कारण चड़चिड़ा स्वभाव बनेगा गुस्से में बेतुकी बाते बोलना कलह को बढ़ाएगा। काम काज में उतारचढ़ाव लगा रहेगा एक पल में लाभ की संभावना बनेगी अगले पल लाभ हानि में बदलने से हताशा होगी। धन लाभ के लिये किसी की खुशामद करनी पड़ेगी इसके बाद भी अल्प मात्रा में ही होगा। आपकी मानसिकता भाँप घर के बुजुर्ग सहनुभूती रखेंगे विशेष मार्गदर्शन भी मिलेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन विजय दिलाने वाला रहेगा आज आप जिस भी चीज की कामना करेंगे उसे लड़कर अथवा जिद से पूरा कर लेंगे भले ही इससे किसी का मन खराब ही क्यों ना हो। कार्य क्षेत्र पर विचार तो बहुत बनेंगे लेकिन क्रियान्वित एक आध ही होंगे विस्तार की योजना आज सहकर्मियों को कमी के कारण निरस्त करनी पड़ेगी। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर साज सजावट के ऊपर खर्च करेंगे तोड़ फोड़ द्वारा नया रूप देने के विचार भी बनेंगे। नौकरी वाले लोग आज बैठकर लोगो के क्रिया कलापो का आनंद लेंगे मध्यान बाद मौज शौक पूरे करने पर खर्च होगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपमे लापरवाही अधिक रहेगी। सेहत अथवा अन्य आवश्यक कार्यो की अनदेखी बाद में पछताने का कारण बनेगी संयम की कमी के चलते विपरीत फल मिलेंगे। घर के सदस्य भी आपके व्यवहार शून्यता से परेशान रहेंगे। कार्य व्यवसाय में ज्यादा झंझट नही करेंगे लाभ हानि की परवाह भी नही रहेगी मध्यान के बाद ध्यान व्यर्थ के कार्यो में भटकेगा। खर्च पर नियंत्रण करने का प्रयास असफल रहेगा घर मे अकस्मात खर्च अथवा जिद पूरी करने पर बजट से बाहर जाएंगे। संध्या का समय मानसिक शान्ति प्रदान करेगा सब चीजों को भूल अपने मे मस्त रहेंगे। खून एवं हाथ पैरों में भड़कन की समस्या बनेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आप घर एवं बाहर सभी लोगो के दिल को अपनी कुशलता से जीतेंगे। व्यक्तिगत स्वार्थ की भावना आज कम रहेगी परमार्थ के लिये समय और धन खर्च करेंगे बदले में सम्मान की प्राप्ति होगी। लेकिन बुजुर्ग वर्ग को आपका व्यवहार नाटकीय लगेगा आपसी तालमेल की कमी भी रहेगी। कार्य व्यवसाय में लाभ होते होते आगे के लिये निरस्त होने पर निराशा होगी फिर भी जुगाड़ कर खर्च लायक आमद हो ही जाएगी। आज प्रलोभन के चक्कर मे सरकारी उलझन हो सकती है ध्यान दें। मित्र रिश्तेदारों से संबंधों ने घनिष्ठा बढ़ेगी। आरोग्य नरम गरम रहेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज मानसिक उलझने दिन भर परेशान रखेंगी। कोई नापसंद कार्य मजबूरी में करना पड़ेगा आस पास का वातावरण अशान्त रहेगा आपके स्वभाव में भी रूखापन रहने के कारण स्नेहीजन दूरी बनाकर रहेंगे। पूर्व में कई गई किसी गलती के खुलासे के कारण घर में कलह की स्थिति बनेगी जिसमे देर रात तक सुधार की संभावना नही है। व्यवसायी वर्ग कार्य व्यस्तता के बाद भी व्यवहारिकता में कमी के कारण आशानुकूल लाभ से वंचित रहेंगे बढ़े हुए उधारी के व्यवहार खर्च करने से रोकेंगे। सेहत भी पल पल में बनती बिगड़ती रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी आपके लिये लाभदायक रहेगा लेकिन आकस्मिक खर्च अनियंत्रित रहने पर थोड़ी परेशानी भी होगी। दिन के आरंभ में परिजनो से व्यर्थ की बातों पर नोकझोंक होगी अन्य लोगो की तुलना घर के सदस्यों से करने पर वातावरण अशान्त बनेगा। काम-धंधा भाग्य का साथ मिलने से बेहतर चलेगा लेकिन धन की कामना आज असंतुष्ट ही रखेगी। नौकरी करने वाले लोग लापरवाही करेंगे जल्दबाजी में रहने पर फटकार सुननी पड़ेगी। विपरीत लिंगीय के चक्कर मे मान अपमान का विवेक भूलेंगे आवश्यक कार्य दिन रहते पूर्ण कर लें कल आज जैसी सुविधा नही मिल पाएगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आप अपनी अथवा किसी नजदीकी की कार्यशैली से व्यथित रहेंगे। चाहकर भी परिस्थितियां अनुकूल नही बनने के कारण मन में उदासी रहेगी। मध्यान के बाद किसी पुराने मित्र परिचित से भेंट होगी कुछ समय के लिये अतीत की यादो में खोये रहेंगे। आज आप मेहनत की जगह खयाली पुलाव पकाएंगे नौकरो अथवा स्त्री वर्ग पर बेवजह शक करना भारी पड़ सकता है। कार्य क्षेत्र पर आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ेगा बिक्री तो होगी लेकिन धन की आमद तरसायेगी। संध्या का समय दिन भर की थकान के कारण सुस्त रहेगा फिर भी मनोरंजन के अवसर जाने नही देंगे। स्वास्थ्य मानसिक तनाव को छोड़ ठीक ही रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज मानसिक चंचलता के कारण अच्छे बुरे का विवेक कम रहेगा। बिना सोचे बोलना आज भारी पड़ सकता है आपके लिये जो बातें मनोरंजन मात्र रहेंगी उनसे परिजन अथवा अन्य निकटस्थ का मन दुखी होगा। आवश्यकता पड़ने पर ही बोले अन्यथा बैठे बिठाये अच्छा भला वातावरण खराब होगा। कार्य व्यवसाय से लाभ में अवश्य होगा मेहनत भी कम ही करनी पड़ेगी। नौकरी वाले लोग आराम के मूड में रहेंगे लेकिन घरेलू कार्य बोझ के कारण कर नही पाएंगे। परिजन किसी ना किसी बात को लेकर कलह का माहौल बनाएंगे। स्वास्थ्य में गिरावट आने लगेगी सतर्क रहें।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज सेहत में सुधार रहेगा लेकिन दिनचार्य आज अस्त व्यस्त ही रहेगी सोचे कार्य पूर्ण करने में सहयोग की कमी खलेगी। कार्य व्यवसाय में भी आज अधूरे काम पूरे करने पर ध्यान रहेगा मेहनत के बाद भी आज पूरी तरह से सफलता नही मिल पाएगी । मन मे नकारत्मक ख्याल आएंगे धन के कारण अतिरिक्त उलझन रहेगी धन लाभ खर्च के अनुपात में कम ही होगा। स्वयं का स्वास्थ्य ठीक ना होने पर भी किसी अन्य की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। पारिवारिक जीवन मध्यम सुखदायी रहेगा परिजन सहयोग करेंगे लेकिन व्यवहार पूर्ति के लिये।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आप धन लाभ की कामना से अधिकांश कार्य करेंगे लाभ होगा भी लेकिन खर्च लगे रहने से हाथ मे रुकेगा नही। कार्य व्यवसाय में तेजी मंदी लगी रहने के कारण बनी बनाई योजना लटकी रह जायेगी। आज आप असमर्थ होते हुए भी अन्य लोगो की सहायता के लिये तत्पर रहेंगे लेकिन परिजनों को आपका परोपकार कम ही जमेगा। आवश्यकता की वस्तुओं की जगह आज व्यर्थ के कार्यो पर खर्च होगा। घर मे किसी न किसी से इच्छा पूर्ति ना होने पर नाराजगी रहेगी। संध्या का समय अपेक्षा से अधिक आनंद दायक रहेगा। मित्र परिजनों के साथ मनोरंजन के अवसर मिलेंगे लेकिन एक दूसरे के प्रति आदर का अभाव रहेगा।
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यदि टालनी हो अकाल मृत्यु
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-करें ये उपाय, मिलेगा लाभ 
कहा जाता है कि जो भी मनुष्य इस धरती पर जन्म लेता है उसकी मृत्यु अवश्य होती है और इसीलिए धरती को मृत्यु लोक भी कहते है। मतलब जैसे जन्म का विधान है ठीक उसी तरह मौत का भी विधान बना हुआ है और इसीलिए मौत हमारे जीवन की वो कड़वी सच्चाई है जिसे हम चाहकर भी नहीं टाल सकते। हमारे पवित्र धर्म ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार हमारी आत्मा अमर है जिसकी कभी मृत्यु नहीं हो सकती जबकि हमारा शरीर मिटटी के बने वस्त्र के समान है और नश्वर है। जब इस नश्वर शरीर का समय पूरा हो जाता है तो आत्मा इस शरीर को त्यागकर दूसरे शरीर को यानी दूसरे वस्त्र को धारण कर लेती है.

मृत्यु के भय से बचने के टोटके
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मौत को टालना तो असंभव है और हर इंसान की मृत्यु का समय भी पहले से ही निर्धारित है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जिनकी असमय ही मृत्यु हो जाती है, जिसे अकाल मौत भी कहते है। ऐसी अकाल मौत के खतरे को टालने के लिए शिव पुराण में दिए गए ये पांच उपाय करें, निश्चय ही अकाल मृत्यु का खतरा टल जाएगा।

पहला उपाय
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महादेव महाकाल शिव, जो काल के भी काल हैं उनके भक्तों का काल भला क्या बिगाड़ सकता है. तो आप एक लोटे में पानी, थोड़े से तिल और शहद मिलाएं और उससे भगवान शिव और उनके शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के बाद आप महामृत्युंजय मंत्र और ओम नम: शिवाय मंत्र का कम से कम 11-11 बार जाप अवश्य करें। अगर आप हर शनिवार इस उपाय को करते हो तो आपकी कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती, ना ही आपको कभी मृत्यु का भय सताता है, आपको लम्बी उम्र मिलती है और रोग भी दूर रहने लगते हैं।

दूसरा उपाय- शनि की करें आराधना
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अगर आपको डर है कि आपकी या प्रियजन की अकाल मृत्यु होने वाली है या एक्सीडेंट होने वाला है तो इस स्थिति में आपको शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा करनी चाहियें। अगर आप हर शनिवार नियमित रूप से उनके मंदिर में जाकर उनकी पूजा अर्चना करते हो तो शनिदेव आपसे शत प्रतिशत प्रसन्न होते है जिससे आपके ऊपर से अकाल मृत्यु का साया दूर होता हैं।

तीसरा उपाय- शनि की वस्तुओं का दान
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शनिदेव न्याय के देवता है, इसलिए अगर आप किसी के साथ अच्छी करते हो तो वो आपके साथ कभी बुरा नहीं होने देने, वहीं अगर आपने किसी को बेवजह सताया तो आपको उनके दंड का सामना भी करना पड़ता है. ऐसा ना हो इसलिए आप शनिवार के दिन उनकी पूजा के बाद उन वस्तुओं का दान करें जो शनि देव से संबंधित है, गरीबों को खाना खिलाएं और काले कुत्ते व कौओ को रोटी भी अवश्य दें. इन सब से शनिदेव प्रसन्न होते है और आपकी अकाल मृत्यु का भय व आशंका भी दूर होती हैं।

चौथा उपाय-मंगलवार व शनिवार का उपाय
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मंगलवार या शनिवार के दिन आप काले तिल और जौ का आटा लें और उन्हें तेल में गूंथें। अब इस आटे की आपको एक मोटी रोटी बनानी है और फिर उस रोटी और थोड़े से गुडं को फिर से 2 मिनट के लिए तेल में छोड़ दें। उसके बाद आप इस रोटी को उस व्यक्ति के ऊपर से 7 बार वारें जिसे अपनी मृत्यु की आशंका है या भय है। अब इस रोटी को किसी भैंस को खिला आयें। ये उपाय आप 7 शनिवार या मंगलवार नियमित रूप से करें।

पांचवा उपाय-गुड़ के गुलगुले
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आप मंगलवार, शनिवार या रविवार के दिन गुड़ व आटे के गुलगुले बनाएं और फिर अपने सिर से 7 बार वारकर उतारें। अब इन गुलगुलों को किसी चील या कौए को खिलाएं। जल्द ही आपको अपनी मृत्यु के भय से छुटकारा मिलेगा।

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076

*धोवन पानी पीने का वैज्ञानिक तथ्य और आज की आवश्यकता*

वायुमण्डल में प्राणवायु ऑक्सीजन की अधिकतम मात्रा *21%* है, लेकिन यह मात्रा भारत के किसी गाँव में *18 या 19%* से ज्यादा नही है और शहरों में तो *11 या 12°/*. तक ही है।
भारतीय गाय के ताज़ा गोबर में *प्राणवायु ऑक्सीजन की मात्रा 23%* है। जब इस गोबर को सुखा कर कण्डा बनाया जाता है तो इसमें *ऑक्सीजन की मात्रा बढ़कर 27% हो जाती है।* जब इस कण्डे को जलाकर कोयला बनाते हैं तो इसमें *ऑक्सीजन की मात्रा बढ़कर 30% हो जाती है।* इसी कोयले को फिर से जलाकर भस्म बना देने पर *प्राणवायु 46.6% हो जाती है*। जब भस्म को दोबारा जलाकर विशुद्ध भस्म बनाते हैं तो *इसमें 60% तक प्राणवायु आ जाता है।* जब कि मॉडर्न विज्ञान कहता है कि किसी भी वस्तु को प्रोसेस करने से उसमें हानि होती है।
*10 लीटर जल में अगर 25 ग्राम भस्म मिला दे तो जल शुद्ध होने के साथ उसमें सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है।*

*🏘️अपने घरमें गोबर कंडेका धुंआ कीजिये और राख को पीनेके पानीमें*

*अग्निहोत्र भस्म*
अग्निहोत्र गौ भस्म_को ध्यान से पढ़ेगें तो पायेंगे कि यह गौ-भस्म ( राख ) आपके लिए कितनी उपयोगी है।*
*साधू -संत लोग संभवतः इन्ही गुणों के कारण इसे प्रसाद रूप में भी देते थे।*
*जब गोबर से बनायीं गयी भस्म इतनी उपयोगी है तो गाय कितनी उपयोगी होगी यह आप सोच सकते है।*

*आपको एक लीटर पानी में 10-15 ग्राम यानि 3-4 चम्मच भस्म मिलाना है , उसके बाद भस्म जब पानी के तले में बैठ जाये फिर इसे पी लेना है।*
*इससे सारे पानी की अशुद्धि दूर हो जाएगी और आपको मिलेगा इतने पोषक तत्व।*
*यह लैबोटरी द्वारा प्रमाणित है।*
#तत्व_रूप / #ELEMENT_FORM
१. ऑक्सीजन O = 46.6 %
२. सिलिकॉन SI = 30.12 %
३. कैल्शियम Ca = 7.71 %
४. मैग्नीशियम Mg = 2.63 %
५. पोटैशियम K = 2.61 %
६. क्लोरीन CL = 2.43 %
७. एल्युमीनियम Al = 2.11 %
८. फ़ास्फ़रोस P = 1.71 %
९. लोहा Fe = 1.46 %
१०. सल्फर S =1.46 %
११. सोडियम Na = 1 %
१२. टाइटेनियम Ti = 0.19 %
१३. मैग्नीज Mn =0.13 %
१४. बेरियम Ba = 0.06 %
१५. जस्ता Zn = 0.03 %
१६. स्ट्रोंटियम Sr = 0.02 %
१७. लेड Pb = 0.02 %
१८. तांबा Cu = 80 PPM
१९. वेनेडियम V=72 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१. ज़िरकोनियम Zr 38 PPM
*आक्साइड_रूप* :-
१. सिलिकाँन डाइऑक्साइड –
SIO2 = 64.44%
२. कैल्शियम ऑक्साइड
CaO =10.79 %
३. मैग्नीशियम ऑक्साइड
MgO = 4-37 %
४. एल्युमीनियम ऑक्साइड
AI2O3 = 3.99%
५. फास्फोरस पेंटाक्साइड
P2O5 = 3.93%
६. पोटेशियम ऑक्साइड
K2O = 3.14 %
७. सल्फर ऑक्साइड
SO3 = 2.79%
८. क्लोरीन CL=2.43 %
९. आयरन ऑक्साइड
Fe2O3=2.09%
१०. सोडियम ऑक्साइड
Na2O = 1.35 %
११. टाइटेनियम ऑक्साइड
TiO2 = 0.32%
१२. मैंगनीज ऑक्साइड
MnO = 0.17 %
१३. बेरियम ऑक्साइड
BaO = 0.07 %
१४. जिंक ऑक्साइड
ZnO = 0.03%
१५. स्ट्रोंटियम ऑक्साइड
SrO = 0.03%
१६. लेड ऑक्साइड
PbO = 0.02%
१७. वेनेडियम ऑक्साइड
V2O5 = 0.01 %
१८. कॉपर ऑक्साइड
CuO = 0.01%
१९. जिरकोनियम ऑक्साइड
ZrO2 =52 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१. रुबिडियम ऑक्साइड
Rb2O = 32 PPM

*शरीर में आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने के लिए यह गोबर की भस्म बहुत उपयोगी🙏

🛕 *३५ ) कांची शक्तिपीठ*

*माता कामाक्षी को समर्पित इस शक्तिपीठ के स्थान के बारे में विद्वानों के बीच मतभेद हैं कुछ इसे पश्चिम बंगाल के बीरभुम जिला के बोलारपुर स्टेशन के उत्तर पूर्व स्थित कोपई नदी तट पर कांची नामक स्थान पर बताते हैं। तो वहीं कुछ का मानना है कि यह शक्तिपीठ तमिलनाडु के कांचीपुरम में अवस्थित है। हमें जो साक्ष्य मिले हैं उसके अनुसार इस शक्तिपीठ के कांचीपुरम में अवस्थित होने की सम्भावना अधिक है। पौराणिक आख्यान के अनुसार जब श्री हरि ने माता सती के शरीर का विच्छेदन किया था तब माता के अस्थि/कंकाल का निपात इस क्षेत्र में हुआ था। कालांतर में यह जगह एक शक्तिपीठ के रूप में स्थापित किया गया। जहां पर मां कामाक्षी देवी का भव्य विशाल मंदिर है,जिसमें त्रिपुर सुंदरी की प्रतिमूर्ति कामाक्षी देवी की प्रतिमा है। यहां की शक्ति देवी “देवगर्भा” एवं भैरव “रुरु” कहलाते हैं।*

*यह मंदिर देवी शक्ति के तीन सबसे पवित्र स्थानों में एक है। जिसका उल्लेख त्रय देवी मन्दिर क्षेत्र के रूप में भी किया जाता है, जिसमें कांचीपुरम की माँ कामाक्षी, मदुरै की माँ मीनाक्षी एवं काशी की माँ विशालाक्षी का वर्णन आता है। माता कामाक्षी को ‘कामकोटि’ भी कहा जाता है तथा मान्यता है कि यह मंदिर शंकराचार्य जी के देखरेख में पल्लव राजाओं द्वारा निर्मित गया है। जिसका उद्धार 14 एवं 17 वीं में किया गया। देवी कामाक्षी के नेत्र इतने कमनीय या सुंदर हैं कि उन्हें कामाक्षी संज्ञा दी गई। वस्तुतः कामाक्षी में मात्र कमनीय या काम्यता ही नहीं, वरन कुछ बीजाक्षरों का यांत्रिक महत्त्व भी है, जिसमें तीन देवों की शक्तियां समाहित है। ‘क’ कार ब्रह्मा का, ‘अ’ कार विष्णु का, ‘म’ कार महेश्वर का वाचक है। यहाँ मान्यता है कि कामाक्षी के तीन नेत्र त्रिदेवों के प्रतिरूप हैं। इष्टदेवी देवी कामाक्षी खड़ी मुद्रा में होने की बजाय बैठी हुई मुद्रा में हैं। देवी पद्मासन (योग मुद्रा) में बैठी हैं और दक्षिण-पूर्व की ओर देख रही हैं। इस परिसर में ही अन्नपूर्णा और शारदा देवी के मंदिर भी हैं।*

*इस शक्तिपीठ में सभी सनातनी त्योहार बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं, लेकिन यहां का सबसे बड़ा आकर्षण नवरात्र एवं ब्रह्मोत्सव है। उसमें भी नवरात्र के समय इस मंदिर की रौनक अद्भुत होती है। 9 रात एवं 10 दिन तक चलने वाले इस महोत्सव का अंत विजयादशमी के साथ समाप्त होता है। इस दिन से लोग यहां के स्थानीय लोग माता कामाक्षी का दर्शन-पूजन कर अपने नए प्रतिष्ठान और काम शुरू करते हैं। कांचीपुरम तमिल नाडु का मन्दिर नगरी है। जहाँ शैव एवं वैष्णव परम्परा के 50 से अधिक मन्दिर हैं, जिनके दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों की भीड़ हमेशा रहती है। कांचीपुरम का रेलवे स्टेशन चैन्नई, चेन्गलपट्टू, तिरूपति और बैंगलोर सहित देश के अन्य बड़े शहरों से परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। वहीं सड़क मार्ग से कांचीपुरम लगभग सभी शहरों से जुड़ा है। विभिन्न शहरों से कांचीपुरम के लिए नियमित अंतराल में सरकारी एवं निज़ी बसें चलती हैं। इसके अलावा श्रद्धलु टैक्सी एवं निज़ी वाहनों से भी कांचीपुरम पहुंचकर माता कामाक्षी का दर्शन-पूजन कर अभय वरदान प्राप्त करते हैं।*

_*कांची तु कामाक्षी,*_
_*काशी तू विशालाक्षी,*_
_*मदुरै तू मीनाक्षी,*_
_*शक्ति रूपेण देवी भगवती,*_
_*नमो नमः नमो नमः।।*_

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