आज का पंचाग आपका राशि फल, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सच्चे नायक सुभाष चंद्र बोस की जयन्ती आज, एकाकी परिवार भी अवसाद और विनाश का कारण, मानसिक रोग और ज्योतिषीय उपचार

      सुभाष चन्द्र बोस (23 जनवरी 1897 – 18 अगस्त 1945) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया था।[1] उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा” का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया।[2]भारतवासी उन्हें नेता जी के नाम से सम्बोधित करते हैं।

  ​ 🌷 𝕝 🕉 𝕝 🌷

             *𝕝𝕝 जय श्री राधे 𝕝𝕝*

             *महर्षि पाराशर पंचांग*

          *🙏☾अथ पंचांगम्☽🙏*

            *दिनाँक : ~* *23/01/2023, सोमवार*

द्वितीया, शुक्ल पक्ष, माघमास 

तिथि—–द्वितीया 18:42:55 तक

पक्ष————————-शुक्ल

नक्षत्र———–धनिष्ठा 24:25:32

योग———-व्यतिपत 25:26:28

करण———–बालव 08:32:48

करण———-कौलव 18:42:55

करण————तैतुल 28:58:44

वार———————–सोमवार

माह—————————माघ

चन्द्र राशि——–मकर 13:50:16

चन्द्र राशि——————–कुम्भ

सूर्य राशि———————मकर

रितु————————-शिशिर

आयन——————-उत्तरायण

संवत्सर——————-शुभकृत

संवत्सर (उत्तर)——————-नल

विक्रम संवत—————-2079

गुजराती संवत————–2079

शक संवत——————1944

 

वृन्दावन 

सूर्योदय—————-07:10:53

सूर्यास्त—————-17:51:17

दिन काल————–10:40:24

रात्री काल————-13:19:17

चंद्रोदय—————-08:31:44

चंद्रास्त—————–19:39:30

 

लग्न——मकर 8°35′ , 278°35′

 

सूर्य नक्षत्र—————उत्तराषाढा

चन्द्र नक्षत्र——————धनिष्ठा

नक्षत्र पाया——————–ताम्र

 

*🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩*

 

राहू काल 08:31 – 09:51 अशुभ

यम घंटा 11:11 – 12:31 अशुभ

गुली काल 13:51 – 15: 11अशुभ 

अभिजित 12:10 – 12:52 शुभ

दूर मुहूर्त 12:52 – 13:35 अशुभ

दूर मुहूर्त 15:01 – 15:43 अशुभ

वर्ज्यम 30:50* – 32:15* अशुभ

 

🚩पंचक 13:50 – अहोरात्र अशुभ

 

💮दिशा शूल *ज्ञान————पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

 

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

 

गा—- धनिष्ठा 08:34:36

 

गी—- धनिष्ठा 13:50:16

 

गु—- धनिष्ठा 19:07:10

 

गे—- धनिष्ठा 24:25:32

 

गो—- शतभिषा 29:45:30

 

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

 

        ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

==========================

सूर्य=मकर 08 : 29 उ oषाo , 4 जी 

चन्द्र =मकर 25°:23, धनिष्ठा , 1 गा 

बुध =धनु 15°: 34′ पूo षा o ‘ 1 भू 

शुक्र=मकर 29°05, धनिष्ठा ‘ 3 गु 

मंगल=वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा 

गुरु=मीन 10°30 ‘ उ o भा o, 3 झ 

शनि=मकर 00°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु       

राहू=(व) मेष 14°50 भरणी , 1 ली 

केतु=(व) तुला 14°50 स्वाति , 3 रो 

 

💮चोघडिया, दिन

अमृत 07:11 – 08:31 शुभ

काल 08:31 – 09:51 अशुभ

शुभ 09:51 – 11:11 शुभ

रोग 11:11 – 12:31 अशुभ

उद्वेग 12:31 – 13:51 अशुभ

चर 13:51 – 15:11 शुभ

लाभ 15:11 – 16:31 शुभ

अमृत 16:31 – 17:51 शुभ

 

🚩चोघडिया, रात

चर 17:51 – 19:31 शुभ

रोग 19:31 – 21:11 अशुभ

काल 21:11 – 22:51 अशुभ

लाभ 22:51 – 24:31* शुभ

उद्वेग 24:31* – 26:11* अशुभ

शुभ 26:11* – 27:51* शुभ

अमृत 27:51* – 29:31* शुभ

चर 29:31* – 31:11* शुभ

 

💮होरा, दिन

चन्द्र 07:11 – 08:04

शनि 08:04 – 08:58

बृहस्पति 08:58 – 09:51

मंगल 09:51 – 10:44

सूर्य 10:44 – 11:38

शुक्र 11:38 – 12:31

बुध 12:31 – 13:24

चन्द्र 13:24 – 14:18

शनि 14:18 – 15:11

बृहस्पति 15:11 – 16:05

मंगल 16:05 – 16:58

सूर्य 16:58 – 17:51

 

🚩होरा, रात

शुक्र 17:51 – 18:58

बुध 18:58 – 20:05

चन्द्र 20:05 – 21:11

शनि 21:11 – 22:18

बृहस्पति 22:18 – 23:24

मंगल 23:24 – 24:31

सूर्य 24:31* – 25:38

शुक्र 25:38* – 26:44

बुध 26:44* – 27:51

चन्द्र 27:51* – 28:57

शनि 28:57* – 30:04

बृहस्पति 30:04* – 31:11

 

*🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩* 

 

मकर > 05:38 से 07:26 तक

कुम्भ > 07:26 से 09:06 तक

मीन > 09: 06 से 10:26 तक

मेष > 10:26 से 12:08 तक

वृषभ > 12:08 से 16:26 तक 

कर्क > 16:26 से 18:38 तक

सिंह > 18:38 से 20:52 तक

कन्या > 20:52 से 11:02 तक

तुला > 11:02 से 02:10 तक

वृश्चिक > 02:10 से 03:20 तक

धनु > 03:20 से 05:30 तक

 

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

 

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

 

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें।

 

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 

   2 + 2 + 1 = 5 ÷ 4 = 1 शेष

 पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

 

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

 

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

 

 सूर्य ग्रह मुखहुति

 

*💮 शिव वास एवं फल -:*

 

   2 + 2+ 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष

 

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

 

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

 

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

 

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

 

*पंचक प्रारंभ 13:50 से

 

* नेताजी सुभाषचन्द्र जयंती 

 

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

 

जानीयात् प्रेषणे भृत्यान् बान्धवान् व्यसनागमे ।

मित्रं चापत्तिकाले तु भार्यां च विभवक्षये ।।

।। चा o नी o।।

 

नौकर की परीक्षा तब करें जब वह कर्त्तव्य का पालन न कर रहा हो, 

रिश्तेदार की परीक्षा तब करें जब आप मुसीबत मे घिरें हों,

मित्र की परीक्षा विपरीत परिस्थितियों मे करें,

और जब आपका वक्त अच्छा न चल रहा हो तब पत्नी की परीक्षा करे।

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

 

गीता -: विभूति योग अo-10

 

मृत्युः सर्वहरश्चाहमुद्भवश्च भविष्यताम्‌ ।,

कीर्तिः श्रीर्वाक्च नारीणां स्मृतिर्मेधा धृतिः क्षमा ॥,

 

 मैं सबका नाश करने वाला मृत्यु और उत्पन्न होने वालों का उत्पत्ति हेतु हूँ तथा स्त्रियों में कीर्ति (कीर्ति आदि ये सात देवताओं की स्त्रियाँ और स्त्रीवाचक नाम वाले गुण भी प्रसिद्ध हैं, इसलिए दोनों प्रकार से ही भगवान की विभूतियाँ हैं), श्री, वाक्‌, स्मृति, मेधा, धृति और क्षमा हूँ॥,34॥,

 

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

 

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

 

🐏मेष

नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन के योग हैं। उत्साह व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। समय पर निर्णय लेने से काम बनेंगे। आलस्य त्यागकर काम पर ध्यान दें।

 

🐂वृष

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। किसी भी अपरिचित पर अंधविश्वास न करें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। दूसरे आपसे अधिक अपेक्षा करेंगे। काम में विलंब होगा। आय बनी रहेगी। बाहरी सहयोग मिलेगा। कुसंगति से बचें। फालतू खर्च होगा। अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है।

 

👫मिथुन

स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। लेन-देन में जल्दबाजी से हानि संभव है। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। विवाद न करें। शोक समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। भागदौड़ अधिक होगी।

 

🦀कर्क

प्रभावशाली व्यक्तियों से परिचय होगा। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। उत्तेजना से समस्या बढ़ सकती है। राजकीय कोप का भाजन बन सकते हैं। जल्दबाजी न करें। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी।

 

🐅सिंह

मेहनत सफल रहेगी। सामाजिक प्रति‍ष्ठा में वृद्धि होगी। समाज के वरिष्ठजनों से मेलजोल बढ़ेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। घर-परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। मनोरंजन के साधन प्राप्त होंगे।

 

🙍‍♀️कन्या

मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पठन-पाठन व लेखन आदि के काम सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। किसी विशेष व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। आशंका-कुशंका हो सकती है। काम पर ध्यान दें। प्रसन्नता रहेगी।

 

⚖️तुला

जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। मनोरंजन का अवसर प्राप्त होगा। शत्रु शांत रहेंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होगी। व्ययवृद्धि होगी। नए काम मिल सकते हैं। परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। विवाद न करें। जोखिम न उठाएं।

 

🦂वृश्चिक

प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। तीर्थयात्रा का आनंद मिलेगा। दुष्टजनों से दूर रहें, हानि पहुंचा सकते हैं। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। परिवार के साथ जीवन सुखमय रहेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।

 

🏹धनु

यात्रा मनोरंजक रहेगी। मेहनत का फल मिलेगा। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। स्वयं की देनदारी समय पर चुका पाएंगे। भाइयों से सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता तथा संतुष्टि होगी। शत्रु शांत रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च होगा। जल्दबाजी न करें।

 

🐊मकर

बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। बाहरी व्यक्ति की बातों में न आएं। बड़ा काम करने का मन बनेगा। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। जीवन सुखमय गुजरेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भूमि, भवन, दुकान, फैक्टरी व शोरूम आदि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। संपत्ति से लाभ होगा।

 

🍯कुंभ

मान-सम्मान मिलेगा। मनोरंजन के अवसर मिलेंगे। नए काम मिल सकते हैं। अवसर का लाभ लें। पार्टनरों से मतभेद दूर होकर सहयोग मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवेक से कार्य करें। लाभ में वृद्धि होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। समाज के वरिष्ठजनों से मेलजोल बढ़ेगा।

 

🐟मीन

जरा सी लापरवाही हानि दे सकती है, विशेषकर गृहिणियां सावधानी रखें। किसी के उकसावे को नजरअंदाज करें। बात बढ़ सकती है। काम में मन नहीं लगेगा। नौकरी में मातहतों से कहासुनी हो सकती है। आय बनी रहेगी। जोखिम उठाने व जल्दबाजी करने से बचें।

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*

(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

मानसिक रोग और ज्योतिष के उपाय 

पं वेद प्रकाश तिवारी ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ

मानसिक बीमारी होने के बहुत से कारण होते हैं, इन कारणों का ज्योतिषीय आधार क्या है, इसकी जानकारी के लिये कुंडली के उन योगों का अध्ययन करेंगे जिनके आधार पर मानसिक बिमारियों का पता चलता है.

मानसिक बीमारी में चंद्रमा, बुध, चतुर्थ भाव व पंचम भाव का आंकलन किया जाता है. चंद्रमा मन है, बुध से बुद्धि देखी जाती है और चतुर्थ भाव भी मन है तथा पंचम भाव से बुद्धि देखी जाती है. जब व्यक्ति भावुकता में बहकर मानसिक संतुलन खोता है तब उसमें पंचम भाव व चंद्रमा की भूमिका अहम मानी जाती है. सेजोफ्रेनिया बीमारी में चतुर्थ भाव की भूमिका मुख्य मानी जाती है. शनि व चंद्रमा की युति भी मानसिक शांति के लिए शुभ नहीं मानी जाती है. मानसिक परेशानी में चंद्रमा पीड़ित होना चाहिए.

1- जन्म कुंडली में चंद्रमा अगर राहु के साथ है तब व्यक्ति को मानसिक बीमारी होने की संभावना बनती है क्योकि राहु मन को भ्रमित रखता है और चंद्रमा मन है. मन के घोड़े बहुत ज्यादा दौड़ते हैं. व्यक्ति बहुत ज्यादा हवाई किले बनाता है.

2- यदि जन्म कुंडली में बुध, केतु और चतुर्थ भाव का संबंध बन रहा है और यह तीनों अत्यधिक पीड़ित हैं तब व्यक्ति में अत्यधिक जिदपन हो सकती है और वह सेजोफ्रेनिया का शिकार हो सकता है. इसके लिए बहुत से लोगों ने बुध व चतुर्थ भाव पर अधिक जोर दिया है.

3- जन्म कुंडली में गुरु लग्न में स्थित हो और मंगल सप्तम भाव में स्थित हो या मंगल लग्न में और सप्तम में गुरु स्थित हो तब मानसिक आघात लगने की संभावना बनती है.

4- जन्म कुंडली में शनि लग्न में और मंगल पंचम भाव या सप्तम भाव या नवम भाव में स्थित हो तब मानसिक रोग होने की संभावना बनती है.

5- कृष्ण पक्ष का बलहीन चंद्रमा हो और वह शनि के साथ 12वें भाव में स्थित हो तब मानसिक रोग की संभावना बनती है. शनि व चंद्र की युति में व्यक्ति मानसिक तनाव ज्यादा रखता है.

6- जन्म कुंडली में शनि लग्न में स्थित हो, सूर्य 12वें भाव में हो, मंगल व चंद्रमा त्रिकोण भाव में स्थित हो तब मानसिक रोग होने की संभावना बनती है.

7- जन्म कुंडली में मांदी सप्तम भाव में स्थित हो और अशुभ ग्रह से पीड़ित हो रही हो.

8- राहु व चंद्रमा लग्न में स्थित हो और अशुभ ग्रह त्रिकोण में स्थित हों तब भी मानसिक रोग की संभावना बनती है.

9- मंगल चतुर्थ भाव में शनि से दृष्ट हो या शनि चतुर्थ भाव में राहु/केतु अक्ष पर स्थित हो तब भी मानसिक रोग होने की संभावना बनती है.

10- जन्म कुंडली में शनि व मंगल की युति छठे भाव या आठवें भाव में हो रही हो.

11- जन्म कुंडली में बुध पाप ग्रह के साथ तीसरे भाव में हो या छठे भाव में हो या आठवें भाव में हो या बारहवें भाव में स्थित हो तब भी मानसिक रोग होने की संभावना बनती है.

12- यदि चंद्रमा की युति केतु व शनि के साथ हो रही हो तब यह अत्यधिक अशुभ माना गया है और अगर यह अंशात्मक रुप से नजदीक हैं तब मानसिक रोग होने की संभावना अधिक बनती है.

13- जन्म कुंडली में शनि और मंगल दोनो ही चंद्रमा या बुध से केन्द्र में स्थित हों तब मानसिक रोग होने की संभावना बनती है.

मिरगी होने के जन्म कुंडली में लक्षण

इसके लिए चंद्र तथा बुध की स्थिति मुख्य रुप से देखी जाती है. साथ ही अन्य ग्रहों की स्थिति भी देखी जाती है.

1- शनि व मंगल जन्म कुंडली में छठे या आठवें भाव में स्थित हो तब व्यक्ति को मिरगी संबंधित बीमारी का सामना करना पड़ सकता है.

 

2- कुंडली में शनि व चंद्रमा की युति हो और यह दोनो मंगल से दृष्ट हो.

3- जन्म कुंडली में राहु व चंद्रमा आठवें भाव में स्थित हों.

मानसिक रुप से कमजोर बच्चे अथवा मंदबुद्धि बच्चे

जन्म के समय लग्न अशुभ प्रभाव में हो विशेष रुप से शनि का संबंध बन रहा हो. यह संबंध युति, दृष्टि व स्थिति किसी भी रुप से बन सकता है.

1- शनि पंचम से लग्नेश को देख रहा हो तब व्यक्ति जन्म से ही मानसिक रुप से कमजोर हो सकता है.

2- जन्म के समय बच्चे की कुण्डली में शनि व राहु पंचम भाव में स्थित हो, बुध बारहवें भाव में स्थित हो और पंचमेश पीड़ित अवस्था में हो तब बच्चा जन्म से ही मानसिक रुप से कमजोर हो सकता है.

3- पंचम भाव, पंचमेश, चंद्रमा व बुध सभी पाप ग्रहों के प्रभाव में हो तब भी बच्चा जन्म से ही मानसिक रुप से कमजोर हो सकता है.

4- जन्म के समय चंद्रमा लग्न में स्थित हो और शनि व मंगल से दृष्ट हो तब भी व्यक्ति मानसिक रुप से कमजोर हो सकता है.

5- पंचम भाव का राहु भी व्यक्ति की बुद्धि को भ्रष्ट करने का काम करता है, बुद्धि अच्छी नहीं रहती है.

उपरोक्त रोग पूर्व जन्म में किये गए पापों से उत्पन्न होते हैं इन्हें दूर करने के लिए दवाइयां, दान, मंत्र, जप, पूजा, अनुष्ठान करने चाहिए. तथा गलत काम करने से भी बचना चाहिए. तभी पापों के दुष्प्रभाव से मुक्त मिलेगी।

#छोटा_परिवार_दुःखी_परिवार।

जिन्होंने एक ही बच्चा पैदा किया उनसे ज्यादा दुःखी आज कौन ?

(कहानी पानी किंग बिसलेरी मेन की)

पानी की बोतल का ध्यान आते ही सबसे पहले जो नाम याद आता है, वह है – बिसलेरी।

बिसलेरी पानी की बोतल के व्यापार की सफलता को देखकर जगह जगह बोतलबंद पानी का व्यापार गली गली में फैल गया। मगर बिसलेरी की गुणवत्ता और नैतिक व्यापार की खूबी किसी में नहीं दिखी। कितनी बोतलें तो किसी और नाम की होती हैं, मगर बिसलेरी मांगने पर वही दे दी जाती हैं। सबने बिसलेरी की प्रतिद्वंदिता कर ली, मगर बिसलेरी को कोई प्रतिस्थापित आज तक नहीं कर पाया है। मगर दुखद समाचार आया है कि……

देश की सबसे बड़ी पैकेज्ड वॉटर कंपनी बिसलेरी (Bisleri) अपना कारोबार बेचने जा रही है। बिसलेरी अपना कारोबार टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के हाथों बेचने की तैयारी कर रही है। 7000 करोड़ रुपए में ये डील होगी। बिसलेरी इंटरनेशनल के मालिक रमेश चौहान ने इकोनॉमिक्स टाइम्स के साथ अपने इंटरव्यू दौरान के कहा कि उत्तराधिकारी के अभाव में वे अपनी कंपनी को बेचने जा रहे हैं।

कृपया ध्यान दें!
उत्तराधिकारी के अभाव में….. इतनी बडी कंपनी में उत्तराधिकारी नहीं ?

हाँ, क्योंकि रमेश चौहान जी का कोई पुत्र नहीं है।
इतना बड़ा व्यापार खड़ा तो किया, मगर परिवार नियोजन के नारे से भ्रमित हर हिंदू की तरह केवल हिन्दुओं पर थोपे गए कानूनी बंधन के कारण एक ही विवाह किया और थोपा गया जनसंख्या का ठेका लेकर फिर संतान भी केवल एक ही पैदा कर पाए।

लड़का पैदा करना इन्होंने जरूरी नहीं समझा था, लड़का लड़की एक समान नामक अतिभ्रामक नारे की चपेट में इतना बड़ा बिजनेसमैन भी आ गया ..

आपके पूर्वज कोई मूर्ख थे जो लड़का लड़का करते थे ?

वे लड़कों की चाहत में एक दो तीन विवाह भी करते थे, तभी एकाध को देश की सेवा (सेना) में भेजते थे और एकाध को अपनी सेवा (व्यापार आदि) में रखते थे।

और आज भी लोग मूर्ख नहीं हैं जो लड़के की चाह रखते हैं, जितने लड़के घर में होंगे घर उतना मजबूत होगा, व्यापार उतना बड़ा होगा, फैलेगा।

ये सबक है हिन्दू परिवारों के लिए जो एकल परिवारों मे रहते हैं या जिन्होंने फैशनवश केवल एक ही औलाद रखी है।

और वह लोग भी अतिभ्रमित हैं जो लड़की को ही लड़का मान बैठते हैं एवं प्रकृति को मूर्ख समझकर सारी जिन्दगी खुद को मूर्ख बनाते हैं।

ध्यान रहे, सारा कमाया धमाया, खड़ा किया बिजनेस, जोड़ी जमीन, खानदानी पुश्तैनी घर सब समाप्त हो जाएगा। यदि लड़का नहीं किया तो ..

खबर है कि उनकी एकमात्र सन्तान लड़की है, वो भी आवश्यकता से अधिक पढ़ लिख गई, वो पापा की परी है अतः अब माई च्वाइस बोलकर अपनी शर्तों पर जीना चाहती है, उसे अपने पिता के व्यवसाय से कोई मतलब नहीं।

होता भी क्यों उसे तो पराए घर जाना होता है, वो भला कितने घरों को संभालेगी ?
बाप ही मूर्ख था जो अपवादों के उदाहरणों को ही सामाजिक नियम समझ बैठा था।

आप व्यापार से, अपने परिश्रम से भले ही साम्राज्य खड़ा कर लीजिए, मगर कल उसे देखने वाला कौन होगा, इसका भी ध्यान रखना होगा।
आपकी काम करने की शेष उम्र 40- 45 वर्ष बीतने में देर नहीं लगती और तब अगर परिवार में बच्चे संभालने वाले नहीं हैं तो अनुभव होने लगता है कि सब व्यर्थ में किया।

आज भारतवर्ष में सबसे बड़ी समस्या जनसंख्या विस्फोट की कही जाती है, जबकि यही विस्फोट दुनिया में भारतवर्ष की सबसे बड़ी ताकत भी बनकर उभरा है।
चीन दुनिया में सबसे आगे इसलिए बढ़ रहा क्योंकि उसके पास सबसे ब़डा ह्यूमन रिसोर्स है।
हर कंपनी अपने एम्प्लॉईज की जनसंख्या बढ़ने को अपनी ग्रोथ का सबसे मुख्य पैरामीटर मानती है। फिर हम तो इतना बड़ा देश हैं, हमें कौन सा सुनियोजित दिमागी भ्रम दिया गया कि जनसंख्या कम रखनी है ?

दुनिया के जाने कितने समृद्ध देश जनसंख्या की कमी के कारण आप्रवासियों को शरण देकर अपने अस्तित्व को बचाने में लगे हैं तो भारतवर्ष की युवा पीढ़ी विश्व में अपनी योग्यता का डंका बजा रही है।

विश्व का सबसे बडा बाजार इसी दम पर आज भारत बना हुआ है, जिससे सभी अपना व्यापार बढ़ाने को लालायित हैं।
लोगों की कमी के कारण यूरोप आज लगभग बिकने की कगार पर आ चुका है, कुछ देश तो ऐसे भी हैं जो बच्चे पैदा करने पर परिवार को उपहार स्वरूप धन देते हैं कि यह बच्चा देश के विकास में, अपनी देश की जमीन, संस्कृति का रखवाला होगा, और कहते हैं कि बच्चे कुछ और भी कर पाओ तो देखना, और बढ़िया ईनाम मिलेगा …

ध्यान रहे! उधर तो खाने को तक महीनों फ्रिज में स्टोर कर के रखना पड़ता है तब जीवन चल पा रहा है।

भारत में तो हर महीने सब्जी लगाओ और एक महीने बाद ताजी सब्जी खेत से तोड़ो, दूध, दही, घी फल, फ्रूट, अनाज, सूर्य का प्रकाश सब कुछ, फिर भारतीयों की मानसिकता को किसने ग्रहण लगाया ? जरा सोचिए …

इसलिए एक बच्चे की मानसिकता को छोड़ अपना परिवार विकसित कीजिए। वैसे भी जिसकी संख्या अधिक है, उसी के हाथ सबकुछ है।

यूरोप की स्थिति पर गहन दृष्टि डालिए, सामाजिक संकट और एकाकीपन से उपजी हताशा को भरा पूरा परिवार ही दूर कर सकता है।

बड़ा परिवार मजबूत परिवार
मजबूत परिवार सुखी परिवार

छोटा परिवार, कमजोर परिवार
“कमजोर परिवार, परेशान परिवार”, “कमजोर परिवार दुखी परिवार”।

अतः छोटा परिवार, कमजोर, लाचार और दुखी परिवार।

जागो हिन्दुओं जागो!

यह विशेष रूप से क्षत्रिय एवं वैश्य परिवारों के लिए हाई अलर्ट मैसेज है।

अतः लोग क्या कहेंगे नामक विचार को किनारे कर, योग्य व्यक्तियों को मैसेज संप्रेषित अवश्य करें।

यह मैसेज कई एकड़ जमीनें बचाने की और कई करोड़ों के बिजनेस बचाने की क्षमता रखता है
एक बार अवश्य सोचें और आगे भेजे🙏🌹

सुभाष चंद्र बोस का जन्म २३ जनवरी १८९७

कटक, बंगाल प्रेसीडेंसी का ओड़िसा डिवीजन, ब्रिटिश भारत

मृत्यु 18 अगस्त 1945 (उम्र 48)

आर्मी हॉस्पिटल नानमोन ब्रांच, ताइहोकू, जापानी ताइवान (वर्तमान में ताइपे सिटी हॉस्पिटल हेपिंग फुयू ब्रांच, ताइपे, ताइवान)

राष्ट्रीयता भारतीय

शिक्षा बी०ए० (आनर्स)

शिक्षा प्राप्त की कलकत्ता विश्वविद्यालय

पदवी अध्यक्ष (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)(1938)

सुप्रीम कमाण्डर आज़ाद हिन्द फ़ौज

प्रसिद्धि कारण भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी सेनानी तथा सबसे बड़े नेता

राजनैतिक पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1921–1940,

फॉरवर्ड ब्लॉक 1939–1940

जीवनसाथी एमिली शेंकल

(1937 में विवाह किन्तु जनता को 1993 में पता चला)

बच्चे 

अनिता बोस फाफ

 

29 नवंबर , 1942

संबंधी शरतचन्द्र बोस भाई

शिशिर कुमार बोस भतीजा

हस्ताक्षर

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उन्होंने अपने स्वर्णिम हृदय से शिव जी की पूजा की ।

 

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से सहायता लेने का प्रयास किया था, तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें खत्म करने का आदेश दिया था।[3]

 

नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने ‘सुप्रीम कमाण्डर’ के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए “दिल्ली चलो!” का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया।

 

21 अक्टूबर 1943 को बोस ने आज़ाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार बनाई जिसे जर्मनी, जापान, फ़िलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड सहित 11 देशो की सरकारों ने मान्यता दी थी। जापान ने अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह इस अस्थायी सरकार को दे दिए। सुभाष उन द्वीपों में गए और उनका नया नामकरण किया।

 

1944 को आज़ाद हिंद फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। कोहिमा का युद्ध 4 अप्रैल 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यही एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ।

 

6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिए उनका आशीर्वाद और शुभ कामनाएँ मांगी।[4]

 

नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है।[5] जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से संबंधित दस्तावेज अब तक सार्वजनिक नहीं किए क्योंकि नेता जी की मृत्यु नहीं हुई थी। [6]

 

16 जनवरी 2014 (गुरुवार) को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नेता जी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए विशेष पीठ के गठन का आदेश दिया।[7]

 

आज़ाद हिन्द सरकार के 75 वर्ष पूर्ण होने पर इतिहास में पहली बार वर्ष 2018 में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने लाल क़िला पर तिरंगा फहराया। 23 जनवरी 2021 को नेताजी की 125वीं जयंती है जिसे भारत सरकार के निर्णय के तहत पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया ।8 सितम्बर 2022 को नई दिल्ली में राजपथ, जिसका नामकरण कर्तव्यपथ किया गया है , पर नेताजी की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया गया ।