आज का पंचाग आपका राशि फल, मणिपुर : 90% जमीन पर कब्जा रखने वाले कुकीयों की मांग है कि 10% जमीन वाले मैतेई लोगों को जनजाति का दर्जा न दिया जाय, आखिर मणिपुर हिंसा पर संसद में चर्चा क्यों नहीं चाहता विपक्ष! वीर सावरकर का ऐसा सच जो सतर वर्षों से छिपाया गया

🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩

📜««« *आज का पंचांग*»»»📜

कलियुगाब्द……………………5125

विक्रम संवत्…………………..2080

शक संवत्……………………..1945

रवि………………………..दक्षिणायन

मास…………………..अधिक श्रावण

पक्ष…………………………….शुक्ल

तिथी…………………………….षष्ठी

दोप 01.39 पर्यंत पश्चात सप्तमी

सूर्योदय………..प्रातः 05.55.09 पर

सूर्यास्त………..संध्या 07.12.41 पर

सूर्य राशि………………………..कर्क

चन्द्र राशि………………………कन्या

गुरु राशि…………………………मेष

नक्षत्र……………………………हस्त

रात्रि 10.03 पर्यंत पश्चात चित्रा

योग……………………………..शिव

दोप 02.40 पर्यंत पश्चात सिद्ध

करण………………………….तैतिल

दोप 01.39 पर्यंत पश्चात गरज

ऋतु………………………(नभ:) वर्षा

दिन………………………….सोमवार

 

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*

24 जुलाई सन 2023 ईस्वी ।

 

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*

दोप 12.06 से 12.59 तक ।

 

👁‍🗨 *राहुकाल :-*

प्रात: 07.36 से 09.15 तक ।

 

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*

*कर्क* 

05:26:34 07:42:43

*सिंह* 

07:42:43 09:54:32

*कन्या* 

09:54:32 12:05:12

*तुला* 

12:05:12 14:19:50

*वृश्चिक* 

14:19:50 16:36:00

*धनु* 

16:36:00 18:41:37

*मकर* 

18:41:37 20:28:44

*कुम्भ* 

20:28:44 22:02:17

*मीन* 

22:02:17 23:33:29

*मेष* 

23:33:29 25:14:13

*वृषभ* 

25:14:13 27:12:52

*मिथुन* 

27:12:52 29:26:34

 

 

🚦 *दिशाशूल :-*

पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें । 

 

☸ शुभ अंक………………..6

🔯 शुभ रंग………………सफ़ेद

 

✡ *चौघडिया :-*

प्रात: 05.57 से 07.36 तक अमृत

प्रात: 09.14 से 10.53 तक शुभ

दोप. 02.11 से 03.49 तक चंचल

अप. 03.49 से 05.28 तक लाभ

सायं 05.28 से 07.07 तक अमृत

सायं 07.07 से 08.28 तक चंचल

रात्रि 11.11 से 12.32 तक लाभ |

 

📿 *आज का मंत्र :-*

॥ ॐ विष्णुरूपाय नमः ॥

 

📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*

*श्रीमद्भगवतगीता (द्वितीयोऽध्यायः – सांख्ययोगो) -*

यामिमां पुष्पितां वाचं प्रवदन्त्यविपश्चितः।

वेदवादरताः पार्थ नान्यदस्तीति वादिनः॥४२॥

अर्थात :

हे अर्जुन! जो ( अयथार्थ वेद के कहने वाले) अविवेकीजन इस प्रकार की( बनावटी ) शोभायुक्त वाणी कहा करते हैं कि स्वर्ग से बढ़कर दूसरी कोई वस्तु ही नहीं है, ॥42॥ 

 

🍃 *आरोग्यं :-*

*लो ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू नुस्खे :-*

 

1. 50 ग्राम देशी चने व 10 ग्राम किशमिश को रात में 100 ग्राम पानी में किसी भी कांच के बर्तन में रख दें। सुबह चनों को किशमिश के साथ अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाएं और पानी को पी लें। यदि देशी चने न मिल पाएं तो सिर्फ किशमिश ही लें। इस विधि से कुछ ही सप्ताह में ब्लेड प्रेशर सामान्य हो सकता है।

 

2. रात को बादाम की 3-4 गिरी पानी में भिगों दें और सुबह उनका छिलका उतारकर कर 15 ग्राम मक्खन और मिश्री के साथ मिलाकर बादाम – गिरी को खाने से लो ब्लड प्रेशर नष्ट होता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*

(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

मेहनत सफल रहेगी। कार्य की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। ऐश्वर्य के साधन मिलेंगे। विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। कार्य निर्णय बहुत शांति से विचार करके करना ही शुभ है।

 

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

दौड़धूप अधिक रहेगी। बुरी खबर मिल सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। समाज में आपके कार्यों की आलोचना होगी। राजकीय सहयोग मिलेगा एवं इस क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे। वाणी पर संयम रखें।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*

(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बना रहेगा। नौकरी में मनचाही पदोन्नति मिलने के योग बनेंगे। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। रुका धन मिलेगा। व्यापार में नए अनुबंध होंगे। अजनबियों पर विश्वास न करें।

 

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम न उठाएं। प्रसन्नता रहेगी। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है। व्ययों में कमी करना चाहिए।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

फालतू खर्च होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। दूसरों पर अतिविश्वास न करें। वस्तुएं संभालकर रखें। आपकी मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति आपके जीवन में आनंद का संचार करेगी। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। व्यापार अच्छा चलेगा।

 

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*

(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। सार्वजनिक कार्यों में समय व्यतीत होगा। संतान की ओर से शुभ समाचार मिलेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। रोजगार के क्षेत्र में उन्नति होगी।

 

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। योजना फलीभूत होगी। नए अनुबंध होंगे, प्रयास करें। प्रसन्नता रहेगी। उत्तम मनोबल आपकी सभी समस्याओं को हल कर देगा। प्रतिष्ठित जनों से मेलजोल बढ़ेगा। व्यापार में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

 

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

राजकीय बाधा दूर होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। जीवनसाथी से मतभेद। व्यवहारकुशलता से समस्या का समाधान हो सकेगा। वाहन सावधानी से चलाएं।

 

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से हानि होगी। आय कम होगी। नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे। व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता का विशेष योग है। व्यापारिक निर्णय जल्दबाजी में न लें।

 

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*

(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

राजकीय बाधा दूर होगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता रहेगी। प्रमाद न करें। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी। अधूरे पड़े काम पूरे होने के योग हैं।

 

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। शत्रु परास्त होंगे। बेरोजगारी दूर होगी। यात्रा, नौकरी व निवेश लाभदायक रहेंगे। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। संतान की शिक्षा संबंधी समस्या रह सकती है।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*

(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

यात्रा मनोरंजक रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। आय में अधिक व्यय से मनोबल कमजोर पड़ सकता है। कार्य, व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

🐚 *।। शुभम भवतु ।।* 🐚

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

मणिपुर में अफीम की खेती भी मुख्य कारण।

 मणिपुर में बसी एक विदेशी मूल की जाति कुकी है, जो मात्र डेढ़ सौ वर्ष पहले पहाड़ों में आ कर बसी थी। ये मूलतः मंगोल नश्ल के लोग हैं। जब अंग्रेजों ने चीन में अफीम की खेती को बढ़ावा दिया तो उसके कुछ दशक बाद अंग्रेजों ने ही इन मंगोलों को वर्मा के पहाड़ी इलाके से ला कर मणिपुर में अफीम की खेती में लगाया। आपको आश्चर्य होगा कि तमाम कानूनों को धत्ता बता कर ये अब भी अफीम की खेती करते हैं और कानून इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता। इनके व्यवहार में अब भी वही मंगोली क्रूरता है, और व्यवस्था के प्रति प्रतिरोध का भाव है। मतलब नहीं मानेंगे, तो नहीं मानेंगे।

    अधिकांश कुकी यहाँ अंग्रेजों द्वारा बसाए गए हैं, पर कुछ उसके पहले ही रहते थे। उन्हें वर्मा से बुला कर मैतेई राजाओं ने बसाया था। क्यों? क्योंकि तब ये सस्ते सैनिक हुआ करते थे। सस्ते मजदूर के चक्कर में अपना नाश कर लेना कोई नई बीमारी नहीं है। आप भी ढूंढते हैं न सस्ते मजदूर? खैर…

    आप मणिपुर के लोकल न्यूज को पढ़ने का प्रयास करेंगे तो पाएंगे कि कुकी अब भी अवैध तरीके से वर्मा से आ कर मणिपुर के सीमावर्ती जिलों में बस रहे हैं। सरकार इस घुसपैठ को रोकने का प्रयास कर रही है, पर पूर्णतः सफल नहीं है।

    आजादी के बाद जब उत्तर पूर्व में मिशनरियों को खुली छूट मिली तो उन्होंने इनका धर्म परिवर्तन कराया और अब लगभग सारे कुकी ईसाई हैं। और यही कारण है कि इनके मुद्दे पर एशिया-यूरोप सब एक सुर में बोलने लगते हैं।

     इन लोगों का एक विशेष गुण है। नहीं मानेंगे, तो नहीं मानेंगे। क्या सरकार, क्या सुप्रीम कोर्ट? अपुनिच सरकार है! “पुष्पा राज, झुकेगा नहीं साला” 

     सरकार कहती है, अफीम की खेती अवैध है। ये कहते हैं, “तो क्या हुआ? हम करेंगे।” कोर्ट ने कहा, “मैतेई भी अनुसूचित जाति के लोग हैं।” ये कहते हैं, “कोर्ट कौन? हम कहते हैं कि वे अनुसूचित नहीं हैं, मतलब नहीं हैं। हमीं कोर्ट हैं। 

    मैती, मैतेई या मैतई… ये मणिपुर के मूल निवासी हैं। सदैव वनवासियों की तरह प्राकृतिक वैष्णव जीवन जीने वाले लोग। पुराने दिनों में सत्ता इनकी थी, इन्हीं में से राजा हुआ करते थे। अब राज्य नहीं है, जमीन भी नहीं है। मणिपुर की जनसंख्या में ये आधे से अधिक हैं, पर भूमि इनके पास दस प्रतिशत के आसपास है। उधर कुकीयों की जनसंख्या 30% है, पर जमीन 90% है।

     90% जमीन पर कब्जा रखने वाले कुकीयों की मांग है कि 10% जमीन वाले मैतेई लोगों को जनजाति का दर्जा न दिया जाय। वे लोग विकसित हैं, सम्पन्न हैं। यदि उनको यदि अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया तो हमारा विकास नहीं होगा। हमलोग शोषित हैं, कुपोषित हैं… कितनी अच्छी बात है न?

     अब मैतेई भाई बहनों की दशा देखिये। जनसंख्या इनकी अधिक है, विधायक इनके अधिक हैं, सरकार इनके समर्थन की है। पर कोर्ट से आदेश मिलने के बाद भी ये अपना हक नहीं ले पा रहे हैं। क्यों? इसका उत्तर समझना बहुत कठिन नहीं है।

😊*मणिपुर हिसा पर क्यों दुखी है सारा देश क्या है असलियत ? जानना जरूरी है!, बाबूजी सुशील कुमार सरावगी*

*नई दिल्ली 22 जुलाई 2023*

 *मणिपुर की हिंसा को लेकर विपक्ष बहुत ज्यादा दुखी है लेकिन आश्चर्य है कि भोपाल में एक हिंदू युवक को गले में पट्टा डालकर उसे कुत्ता बना कर घुमाने वाली घटना पर दुखी नहीं है।*पश्चिम बंगाल राजस्थान आदि हृदय विदारक त्याकांडों पर दुखी क्यों नहीं हैं। 

 *मणिपुर हिंसा पर क्यों दुखी है विपक्षी दल, इसका एक स्पष्ट कारण आप जान लीजिए।*

*मणिपुर के मूल निवासी है मैती आदिवासी*। *स्वतंत्रता के पहले मणिपुर के राजाओं के बीच में आपस में जमकर युद्ध होते थे, अनेक कमजोर मैती राजाओं ने युद्ध में अपनी सेना में पड़ोसी देश म्यांमार से बड़ी संख्या में कुकी और रोहिंग्या हमलावरों को भारत में बुलाया और विदेशी रोहिंग्या तथा कुकी से मिलकर आपस में युद्ध किये। लेकिन धीरे-धीरे कुकी हमलावरों ने मणिपुर में अपना निवास बनाना शुरू कर दिया और* *परिवार बढ़ाना शुरू किया। देखते ही देखते बाहर से आए कुकी समुदाय की जनसंख्या तेजी से बढ़ने लगी। बेहद आक्रामक,लड़ाकू और हमलावर* *कुकियों ने मणिपुर की ऊंची ऊंची* *पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया। और मैती आदिवासियों को वहां से भगा दिया।* 

*मैती आदिवासी पहाड़ियों से भागकर मणिपुर के मैदानी इलाकों में आकर रहने लगे। विदेशी कुकी और रोहिंग्या मुसलमानों ने मणिपुर की ऊंची पहाड़ियों पर अफीम की खेती आरंभ कर दी। मणिपुर की सीमा चीन और* *म्यांमार दोनों देशों से लगी है। चीन ने मणिपुर पर नजरें डालना शुरू किया और भारत विरोधी दलों को सहायता देना शुरू किया,* *पाकिस्तान ने भी म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिमों के माध्यम से मणिपुर में घुसपैठ शुरू कर दी और बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिमों को मणिपुर में धकेल दिया गया।*

*लेकिन मणिपुर में सबसे बड़ा षड्यंत्र रचा क्रिश्चियन मिशनरीज ने।* *मिशनरी ने मणिपुर के पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में 2,000 से अधिक चर्च बनाए और क्रिश्चियन मिशनरीज ने बेहद तेजी से धर्म परिवर्तन शुरू कर दिया जिसमें सबसे ज्यादा यहां के मूल निवासी मैती* *आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कर ईसाई बना दिया गया। मणिपुर में निरंतर हिंसा हो रही थी। वर्ष 1981 में भीषण हिंसा हुई तब श्रीमती इंदिरा गांधी हमारी* *प्रधानमंत्री थीं। उस समय की हिंसा में जब 10,000 से अधिक मैती आदिवासी मारे गए, उसके बाद इंदिरा गांधी जाग गईं और उनके निर्देश पर वहां सेना को भेजा गया तथा* *शांति करवाई गई।*

*शांति समझौते में ऐसा निर्णय हुआ कि मैती मैदान में रहेंगे और कुकी ऊपर पहाड़ियों पर रहेंगे ,इस कारण शांति बनी। लेकिन इसमें मूल निवासी मैती समुदाय का बहुत नुकसान हो गया। धीरे-धीरे कुकी, रोहिंग्या मुस्लिमों और नगा समुदायों ने मणिपुर की ऊंची पहाड़ियों पर अफीम की अंधाधुंध खेती शुरू कर दी। हजारों एकड़ खेत में अफीम की खेती शुरू हो गई,जिससे खरबों रुपए का नशीले पदार्थों का व्यापार होने लगा।* 

*इस कारण नशीले पदार्थ का माफिया और आतंकवादी संगठन का एक देशविरोधी गठजोड़ सक्रिय हो गया तथा वहां पर जमकर हथियारों की आपूर्ति कर दी गई ताकि पुलिस और सेना से मुकाबला का सकें।*

*वर्ष 2008 में एकबार फिर जोरदार गृह युद्ध शुरू हो गया ,तब सोनिया गांधी के निर्देश पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने कुकी तथा धर्मपरिवर्तित ईसाइयों के साथ मिलकर मूल* *मताई(मैती) आदिवासियों के साथ एक समझौता किया और मणिपुर की ऊंची पहाड़ियों पर अफीम की खेती को अधिकृत मान्यता देकर पुलिस कार्रवाई न करने का आश्वासन दिया।*

 *इसके बाद से मणिपुर से पूरे भारत देश में तेजी से नशीले पदार्थों को भेजा जाने लगा। मणिपुर नशीले पदार्थों का गोल्डन ट्रायंगल बन गया चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और म्यांमार का गठजोड़ बनाकर ,वहां तेजी से आर्थिक मदद देकर मणिपुर से उगाई गई अफीम को भारत के अन्य राज्यों में भेजकर पंजाब आदि राज्यों को नशीले बनाना शुरू कर दिया गया।*

*लेकिन केंद्र में वर्ष 2014 में दिल्ली में केंद्र सरकार बदली।अब केंद्र सरकार की नजरें पूरे भारत पर थी, जहां- जहां धर्म परिवर्तन हो रहे थे,जहां पर हिंदू समुदाय खतरे में दिखाई दे रहे थे, जो राज्य भारत से अलग होने की फिराक में हो रहे थे, केंद्र सरकार ने उन राज्यों को पहचान कर उन क्षेत्रों में धीरे-धीरे कार्रवाई शुरू कर दी।* *असम, नागालैंड , मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु,उत्तर प्रदेश,* *झारखंड,बिहार और जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार ने गोपनीय तरीके से काम करना शुरू किया।*

 *जम्मू कश्मीर और असम में सफलता मिल गई। मणिपुर में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पहली बार सफलता मिली और कांग्रेस से बीजेपी में आए वीरेंद्र सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री बना दिया।*

 *मैती समाज के मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह 30 वर्षों से मणिपुर में राजनीति कर रहे हैं और उन्हें मणिपुर की मूल समस्या मालूम थी। वीरेंद्र सिंह खुद ही मैती समाज से आते हैं जोकि आदिवासी संकट को अच्छी तरह से जानते थे।*

*नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने वीरेंद्र सिंह को अफीम की खेती नष्ट करने के निर्देश दिए जिसके बाद मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह ने अफीम की खेती पर जोरदार हमला बोल दिया और हजारों एकड़ खेती में लगे अफीम के पौधों को नष्ट कर दिया गया।इससे कुकी और क्रिश्चियन मिशनरी, रोहिंग्या के साथ में चीन तथा पाकिस्तान में जबरदस्त खलबली मच गई है, उनका नशे का कारोबार और उससे हुई अकूत कमाई से हो रही आतंकवादी फंडिंग को भी बुरी तरह चोट पहुंची है। इसलिए वे लोग किसी भी तरह से मणिपुर में अफीम की खेती दुबारा आरंभ करना चाहते हैं।*

*आजादी के पहले से ही मेती समाज को आदिवासी समाज का दर्जा हासिल था और वह एसटी वर्ग में आते थे।* 

*लेकिन आजादी के बाद चीन की चमची तत्कालीन केंद्र सरकार ने मेती समाज को एसटी वर्ग से निकाल लिया और क्रिश्चियन मिशनरी तथा कुकी समुदाय को एसटी बना दिया। इस बात से मैती बेहद नाराज हो गए और निरंतर आक्रोश प्रदर्शन करने लगे।*

*इसके कारण भी मणिपुर में बार-बार हिंसा हो रही थी। मैती समाज ने वर्ष 2010 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर स्वयं को एसटी वर्ग में शामिल करने की मांग की।*

*वर्ष 2023 में हाईकोर्ट ने मैती समाज के दावे को मंजूर किया और मैती समाज को दुबारा आदिवासी वर्ग में शामिल करने के आदेश जारी किए। चूंकि क्रिश्चियन और कुकी हमलावर अफीम की खेती बंद करने से तथा मिशनरीज के धर्म प्रसार को रोके जाने से पहले से ही नाराज थे, उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का पूरा फायदा उठाया और मणिपुर में हिंसा फैला दी और वहां आग लगा दी।*

*आज मणिपुर जो हिंसा दिखाई दे रही है वह इन्ही का परिणाम है ,इस उग्र हिंसा में मेती समाज ने क्रिश्चियन मिशनरीज के लगभग 300 चर्च भी तोड़कर नष्ट कर दिए, क्रिश्चियन मिशनरी पर हमले हो रहे हैं और बाहर से आकर बसे कुकियों को भगाया जा रहा है ।*

*आज जो कुछ भी मणिपुर में हो रहा है वह भारत के भविष्य के लिए फायदेमंद है। अन्यथा मणिपुर जल्द ही एक नया देश बनने की राह पर था।अगर वर्ष 2014 में सरकार नहीं बनती और केंद्र सरकार की पैनी निगाह नहीं पड़ती तो चीन धीरे-धीरे मणिपुर पर कब्जा कर लेता। लेकिन बेहद ही चालाकी से केंद्र सरकार ने मणिपुर में मूल निवासी मैतियों को उनका अधिकार दिलाना शुरू किया ,* *धर्म परिवर्तन पर इसाई मिशनरियों पर शिकंजा कसा और अफीम की खेती के खतरनाक गठजोड़ पर हमला बोला,बस यही बात विरोधियों को खल गई और पूरा विपक्ष दुखी नजर आ रहा है।*

*सभी को यह मालूम होना जरूरी है कि पिछले 70 सालों से मणिपुर पर कांग्रेस का कब्जा था। अपने हाथ से मणिपुर जाने के बाद तथा क्रिश्चियन मिशनरीज का काम रुकवाने से और अवैध तरीके से अफीम की अकूत कमाई रुकने से नाराज कांग्रेस के नेतृत्व में अब सभी विरोधी दल मणिपुर हिंसा को लेकर मोदी सरकार की बदनामी करने की पुरजोर कोशिश रहे हैं।*

 *यह नहीं जानते कि मणिपुर की बदली परिस्थितियां अखंड और मजबूत भारत के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है ।*

*इसलिए इस पोस्ट को सभी अच्छी तरह से पढ़ें, सच्चाई जानें और दूसरों तक इसे पहुंचाने के लिए आगे जरूर फॉरवर्ड करें ताकि लोगों को यह मालूम पड़े कि मणिपुर की हिंसा की असली वजह क्या है और कौन गद्दार दल, मीडिया, पत्रकार मिलकर देश हित के खिलाफ बना एक गठजोड़ भारत देश के खिलाफ में सक्रिय है

     यह सारी बातें फैक्ट हैं। अब आपको किसका समर्थन करना है और किसका विरोध, यह आपका चयन है। मुझे फैक्ट्स बताने थे, वह मैंने कर दिया।

अखंड भारत: सशक्त भारत की मंगल कामना के साथ भारत माता की जय हो!*

कल तक मणिपुर पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले ढोंगी अब संसद के सदन में मणिपुर पर चर्चा के लिए इसलिए तैयार नहीं हैं वहां पर जो मैतई हिंदू हैं उन पर पिछले सतर वर्षों में कितना जुल्म सितम और अन्याय हुआ है। किस तरह मणिपुर हिंसा का रोहिंग्या बंग्लादेशी कनैकशन अब तक पैंतालीस हिन्दुओं की हत्या कर चुका है। ईसाई धर्मान्तरणकारी किस तरह मणिपुर में बर्बरता कर रहे हैं। मणिपुर की पुलिस कैसे आतंकवादियों के साथ खड़ी हैं। मैतेई हिन्दू बहुसंख्यक होने के उपरांत मणिपुर की केवल दस प्रतिशत भूमि पर गुजर बसर करने को विवश है। आतंकवादियों के पास पाकिस्तान और चीन के हथियार कैसे पंहुच रहे हैं। ये सारा कच्चा चिट्ठे खुल जायेंगे और महा मिलावटी नंगे हो जायेंगे। मणिपुर का चार माह पुराना वीडियो भी इसी लिए अब प्लांटेड किया गया ताकि सदन ना चले और यूसीसी व जनसंख्या नियंत्रण कानून पारित ना हो सके!!

इतिहास में छुपाया गया एक सच ….वीर सावरकर जी ।

45 साल के महात्मा गाँधी 1915 में भारत आते हैं, 2 दशक से भी ज्यादा दक्षिण अफ्रीका में बिता कर। इससे 4 साल पहले 28 वर्ष का एक युवक अंडमान में एक कालकोठरी में बन्द होता है। अंग्रेज उससे दिन भर कोल्हू में बैल की जगह हाँकते हुए तेल पेरवाते हैं, रस्सी बटवाते हैं और छिलके कूटवाते हैं। वो तमाम कैदियों को शिक्षित कर रहा होता है, उनमें राष्ट्रभक्ति की भावनाएँ प्रगाढ़ कर रहा होता है और साथ ही दीवालों कर कील, काँटों और नाखून से साहित्य की रचना कर रहा होता है। उसका नाम था- विनायक दामोदर सावरकर।

उन्हें कई बार आत्महत्या के ख्याल आते। उस खिड़की की ओर एकटक देखते रहते थे, जहाँ से अन्य कैदियों ने पहले आत्महत्या की थी। पीड़ा असह्य हो रही थी। यातनाओं की सीमा पार हो रही थी। अंधेरा उन कोठरियों में ही नहीं, दिलोदिमाग पर भी छाया हुआ था। दिन भर बैल की जगह कोल्हू घुमाते रहो, रात को करवट बदलते रहो। 11 साल ऐसे ही बीते। कैदी उनकी इतनी इज्जत करते थे कि मना करने पर भी उनके बर्तन, कपड़े वगैरह धो देते थे, उनके काम में मदद करते थे। सावरकर से अँग्रेज बाकी कैदियों को दूर रखने की कोशिश करते थे। अंत में बुद्धि को विजय हुई तो उन्होंने अन्य कैदियों को भी आत्महत्या से विमुख किया।
लेकिन नहीं, महा गँवारों का कहना है कि सावरकर ने मर्सी पेटिशन लिखा, सॉरी कहा, माफ़ी माँगी।
अरे मूर्खों, काकोरी कांड में फँसे क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल ने भी माफ़ी माँगी थी, तो? उन्हें भी ‘डरपोक’ करार दोगे? बताओ। उन्होंने भी माफ़ी माँगी थी अंग्रेजों से। क्या अब इस कसौटी पर क्रांतिकारियों को तौला जाएगा? शेर जब बड़ी छलाँग लगाता है तो कुछ कदम पीछे लेता ही है। उस समय उनके मन में क्या था, आगे की क्या रणनीति थी- ये आज कुछ लोग अपने घरों में बैठे-बैठे जान जाते हैं।
कौन ऐसा स्वतंत्रता सेनानी है जिसे 11 साल कालापानी की सज़ा मिली हो। नेहरू? गाँधी? …..कौन?
नानासाहब पेशवा, महारानी लक्ष्मीबाई और वीर कुँवर सिंह जैसे कितने ही वीर इतिहास में दबे हुए थे। 1857 को सिपाही विद्रोह बताया गया था। तब इसके पर्दाफाश के लिए 20-22 साल का एक युवक लंदन की एक लाइब्रेरी का किसी तरह एक्सेस लेकर और दिन-रात लग कर अँग्रेजों के एक के बाद एक दस्तावेज पढ़ कर सच्चाई की तह तक जा रहा था, जो भारतवासियों से छिपाया गया था। उसने साबित कर दिया कि वो सैनिक विद्रोह नहीं, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था। उसके सभी अमर बलिदानियों की गाथा उसने जन-जन तक पहुँचाई। भगत सिंह सरीखे क्रांतिकारियों ने मिल कर उसे पढ़ा, अनुवाद किया।
दुनिया में कौन सी ऐसी किताब है जिसे प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था? अँग्रेज कितने डरे हुए थे उससे कि हर वो इंतजाम किया गया, जिससे वो पुस्तक भारत न पहुँचे। जब किसी तरह पहुँची तो क्रांति की ज्वाला में घी की आहुति पड़ गई। कलम और दिमाग, दोनों से अँग्रेजों से लड़ने वाले सावरकर थे। दलितों के उत्थान के लिए काम करने वाले सावरकर थे। 11 साल कालकोठरी में बंद रहने वाले सावरकर थे। हिंदुत्व को पुनर्जीवित कर के राष्ट्रवाद की अलख जगाने वाले सावरकर थे। साहित्य की विधा में पारंगत योद्धा सावरकर थे।
आज़ादी के बाद क्या मिला उन्हें? अपमान नेहरू व मौलाना अबुल कलाम जैसों ने तो मलाई चाटी सत्ता की, सावरकर को गाँधी हत्या केस में फँसा दिया। गिरफ़्तार किया। पेंशन तक नहीं दिया। प्रताड़ित किया। 60 के दशक में उन्हें फिर गिरफ्तार किया, प्रतिबंध लगा दिया। उन्हें सार्वजनिक सभाओं में जाने से मना कर दिया गया। ये सब उसी भारत में हुआ, जिसकी स्वतंत्रता के लिए उन्होंने अपना जीवन खपा दिया। आज़ादी के मतवाले से उसकी आज़ादी उसी देश में छीन ली गई, जिसे उसने आज़ाद करवाने में योगदान दिया था। शास्त्री जी PM बने तो उन्होंने पेंशन का जुगाड़ किया।
वो कालापानी में कैदियों को समझाते थे कि धीरज रखो, एक दिन आएगा जब ये जगह तीर्थस्थल बन जाएगी। आज भले ही हमारा पूरे विश्व में मजाक बन रहा हो, एक समय ऐसा होगा जब लोग कहेंगे कि देखो, इन्हीं कालकोठरियों में हिंदुस्तानी कैदी बन्द थे। सावरकर कहते थे कि तब उन्हीं कैदियों की यहाँ प्रतिमाएँ होंगी। आज आप अंडमान जाते हैं तो सीधा ‘वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ पर उतरते हैं। सेल्युलर जेल में उनकी प्रतिमा लगी है। उस कमरे में प्रधानमंत्री भी जाकर ध्यान धरते हैं, जिसमें वीर सावरकर को रखा गया था।

नमन वीर सावरकर जी🙏